खुशी का पारावार न होना मुहावरे का अर्थ - khushee ka paaraavaar na hona muhaavare ka arth

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One Line Answer

निम्नलिखित मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए −

खूशी का ठिकाना न रहना

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Solution

खुशी का ठिकाना न रहना - आई. ए. एस. की परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर मोहन का खुशी का ठिकाना न रहा।

Concept: गद्य (Prose) (Class 10 B)

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Chapter 2.3: तताँरा-वामीरो कथा - भाषा अध्ययन [Page 84]

Q 2 (ग)Q 2 (ख)Q 2 (घ)

APPEARS IN

NCERT Class 10 Hindi - Sparsh Part 2

Chapter 2.3 तताँरा-वामीरो कथा
भाषा अध्ययन | Q 2 (ग) | Page 84

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'अ' से शुरू होने वाले मुहावरे 

अक्ल पर पत्थर पड़ना - सोचसमझकर किसी कार्य को न करना 
वाक्य - सोहम की अक्ल पर पत्थर पड़ गए थे जो उसने इतनी सस्ती किताब अधिक कीमत देकर खरीदी |

अक्ल मारी जाना - बुद्धि नष्ट होना 
वाक्य - परीक्षा नज़दीक है फिर भी राहुल टी.वी. देखता रहता है लगता है, उसकी अक्ल मारी गई है |

अक्ल का दुश्मन - मुर्ख 
वाक्य - दीपक को कुछ समझ नहीं आता है, वह तो अक्ल का दुश्मन है |

अगर - मगर करना - बहाने बनाना 
वाक्य -  अगर - मगर करने की क्या ज़रूरत है ? अगर रुपये नहीं देना चाहते, तो साफ़ कह दो |

अच्छे दिन आना - भाग्य चमकना
वाक्य - सुरेश की नौकरी लगने से उसके अच्छे दिन आ गये हैं |

अपना उल्लू सीधा करना - स्वार्थ सिद्ध करना |
वाक्य - आजकल हर कोई अपना उल्लू सीधा करना चाहता है |

आकाश से तारे तोड़ना - असंभव कार्य करना |
वाक्य - कर्मवीर व्यक्ति अपने परिश्रम से आकाश के तारे भी तोड़ लाते हैं |

आकाश - पाताल एक करना - अधिक परिश्रम करना
वाक्य - मोहित ने परीक्षा में प्रथम आने के लिए आकाश पाताल एक कर दिया था |

आकाश को छूना - बहुत ऊँचे उठना
वाक्य -  आजकल शहरों में बन रही इमारतें आकाश को छू रही हैं |

आटे में नमक - बहुत कम 
वाक्य -  रमेश सौदे में उतना ही लाभ कमाता है, जितना आटे में नमक |

आटे - दाल का भाव मालूम होना - वास्तविक कष्ट का पता लगना 
वाक्य -  राम अब तो ऐश कर रहा है | जब उसकी सारी संपत्ति समाप्त हो जाएगी तब उसे आटे - दाल का भाव मालूम होगा |

आपे से बाहर होना - बहुत क्रोधित होना 
वाक्य -  रोज़ - रोज़ पड़ोसियों की शिकायतें सुनकर मोहन की माँ आपे से बाहर हो गई |

आसमान सर पर उठाना - बहुत शोर करना |
वाक्य - कक्षा में अध्यापक के न होने पर बच्चे आसमान सिर पर उठा लेते हैं |

आसमान पर थूकना - श्रेष्ठ व्यक्तियों का अपमान करना |
वाक्य - अंकित ने अध्यापक की निंदा करके आसमान पर थोका है |

आसमान से बातें करना - ऊँचाई पर पहुँचना |
वाक्य - बड़े शहरों में इमारतें आसमान से बातें करती नज़र आती हैं |

आस्तीन का साँप - कपटी मित्र 
वाक्य - कर्मचंद ने यतींद्र को अपने यहाँ नौकरी दी और उसने कर्मचंद की फैक्ट्री पर ही कब्ज़ा कर लिया | यतींद्र तो आस्तीन का साँप निकला |

आड़े हाथों लेना - खरी - खोटी सुनाना 
वाक्य -  ऊधो का निर्गुण संदेश सुनते ही गोपियों ने उसे आड़े हाथों लिया |

ओखली में सिर देना - जानबूझ कर मुसीबत मोल लेना 
वाक्य - बिना जाने - पहचाने एक व्यक्ति को पैसे देकर मैंने ओखली में सिर दे दिया |

आँख संबंधी मुहावरे 

आँख उठाकर न देखना - ध्यान न देना 
वाक्य - मैं तुम्हें बुला रहा था, लेकिन तुमने तो आँख उठाकर भी नहीं देखा |

आँखों का तारा - बहुत प्यारा
वाक्य - माँ के लिए उसके बच्चे आँखों के तारे होते हैं|

आँखों का काँटा - अप्रिय व्यक्ति 
वाक्य - हमे कभी भी किसी की आँखों का काँटा नहीं बनना चाहिए |

आँख दिखाना - क्रोध करना 
वाक्य - अंकित के फ़ैल हो जाने पर उसके पिताजी उसे आँख दिखा रहे थे |

आँखें खुलना - होश में आना 
वाक्य - जुए में सब कुछ हारने के पश्चात ही नितेश की आँखे खुलीं  |

आँखें चुराना - कतराना 
वाक्य - विपत्ति में मित्र से आँखें चुराने वाले सच्चे मित्र नहीं हो सकते |

आँखें बिछाना - स्वागत करना 
वाक्य - मेहमान के आने पर आँखें बिछाना भारतीय परंपरा है |

आँखों पर परदा पड़ना - भला - बुरा न समझना 
वाक्य -  माता - पिता के समझाने पर भी सतीश ने शरारती लड़कों का साथ नहीं छोड़ा क्योंकि उसकी आँखों पर तो परदा पड़ा हुआ है |

आँखें फेर लेना - बदल जाना 
वाक्य - सुरेश और रमेश बहुत अच्छे मित्र थे, पर आजकल एकदूसरे को देखकर आँखें फेर लेते हैं |

आँखों से गिरना - सम्मान खो देना 
वाक्य - सुरेश चोरी करके सबकी आंखों से गिर गया है |

आँखों में धूल झोंकना - धोका देना 
वाक्य -  डाकू खड्गसिंह बाबा भारती की आंखों में धूल झोंककर उनके घोड़े सुलतान को ले उड़ा |

आँखों में नींद उतरना - नींद आना
वाक्य - बिस्तर पर जाते ही आँखों में नींद उतरने लगती है |

आँचल पसारना - भीख माँगना 
वाक्य - गरीब सभी के सामने अपना आँचल पसारता है |

अंक में भरना - गले लगाना या गोद में बैठा लेना  
वाक्य- जब सोहम की मम्मी ऑफिस से आती है, सोहम को अंक में भर लेती है |

अंग - अंग टूटना - बहुत थक जाना 
वाक्य- रीना की शादी में उसके पिताजी का अंग - अंग टूट रहा था |

अंग - अंग मुसकराना - बहुत खुश होना 
वाक्य- अखिलेश के दौड़ में प्रथम आने पर उसका अंग- अंग मुसकराने लगा |

अंगारे उगलना - बहुत क्रोधित होना 
वाक्य-  मुहूर्त से पहले ही नए घर के शीशे टूटने से पिता जी अंगारे उगलने लगे |

अंधों में काना राजा - मूर्खों में थोड़ा चतुर 
वाक्य - पूरे गाँव में नीलेश ही थोड़ा पढ़ा-लिखा होने के कारण वह अंधों में काना राजा है |

अंधे की लकड़ी - एकमात्र सहारा 
वाक्य - श्रवण कुमार अपने माता - पिता की अंधे की लकड़ी था |

अँगूठा चूसना - चाटुकारी करना 
वाक्य -  मैं तो अपने काम के पैसे ही लेता हूँ, कभी किसी का अँगूठा नहीं चूसता |

अँधेरे घर का उजाला - एकमात्र होनहार संतान 
वाक्य - रामू के घर में सिर्फ उसका बेटा रमेश ही कमाता है वह अँधेरे घर का उजाला है |

'ई' से शुरू होने वाले मुहावरे 

ईद का चाँद होना - बहुत दिनों बाद दिखाई देना 
वाक्य - रीना तो आजकल ईद का चाँद हो गई है |

इधर - उधर की हाँकना - व्यर्थ की बातें करना 
वाक्य - रमेश कुछ नहीं करता, सिर्फ इधर - उधर की हाँकता रहता है |

ईंट से ईंट बजाना - नाश कर देना 
वाक्य -  भारतीय सेना ने कारगिल में पाकिस्तानी सेना की ईंट से ईंट बजा दी |

ईंट का जवाब पत्थर से देना - कठोर जवाब देना 
वाक्य - वार्षिक परीक्षा में रोहित ने मोहित को ईंट का जवाब पत्थर से दिया |

'उ' से शुरू होने वाले मुहावरे 

उंगली उठाना - बदनाम करना 
वाक्य - किसी पर भी उंगली उठाने से पहले स्वयं का आकलन करना चाहिए |

ऊँट के मुँह में ज़ीरा - आवश्यकता से कम 
वाक्य - किसी व्यक्ति को उसकी आवश्यकता से बहुत कम वस्तु देना ऊँट दे मुँह में ज़ीरे के समान है |

उल्लू बनाना - मुर्ख बनाना 
वाक्य - स्वार्थी व्यक्ति सदैव दूसरों को उल्लू बनाकर अपना स्वार्थ सिद्ध करते हैं |

उल्टी गंगा बहाना - विपरीत कार्य करना 
वाक्य - अंकित कभी भी सही कार्य नहीं करता, सदैव उल्टी गंगा बहाता है |

उन्नीस - बीस का अंतर - बहुत कम अंतर 
वाक्य - राम - श्याम दोनों भाइयों में सिर्फ उन्नीस - बीस का अंतर है |

'ए' से शुरू होने वाले मुहावरे 

एक और एक ग्यारह - संगठन में शक्ति होना
वाक्य - वे चारों दोस्त एक हैं | सभी उनसे डरते हैं | क्योंकि एक और एक ग्यारह होते हैं |

एक पंथ दो काज - एक प्रयत्न से दो कार्य करना 
वाक्य - मुंबई जाकर सुरेश से भी मिल लूँगा और साथ ही डॉक्टर को भी दिखा दूँगा | इसे कहते हैं, एक पंथ दो काज |

एक थाली के चट्टे - बट्टे - एक समान होना 
वाक्य - इस क्लास के सारे बच्चे बहुत शैतान हैं | सभी एक थाली के चट्टे - बट्टे हैं |

एक आँख न भाना  - बिल्कुल पसंद न करना 
वाक्य - मुझे हिंसा करने वाले लोग एक आँख नहीं भाते हैं |

एक हाथ से ताली न बजना - दोनों पक्षों का दोष होना 
वाक्य - झगड़ा हमेशा दोनों पक्षों की गलती के कारण होता है, एक हाथ से ताली कभी नहीं बजती |

एड़ी चोटी का ज़ोर लगाना - बहुत परिश्रम करना 
वाक्य - रश्मि ने  C.A. की परीक्षा पास करने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगा दिया |

'क' से शुरू होने वाले मुहावरे 

कब्ज़ा कर लेना - अधिकार में लेना |
वाक्य - दुष्ट सेनापति ने राजसिंहासन पर कब्ज़ा कर लिया |

कलेजा ठंडा होना - शांति, संतोष कर लेना 
वाक्य - सरकार के अल्पमत होने से विपक्षियों का कलेजा ठंडा हो गया |

कलेजे पर साँप लोटना - ईर्ष्या से जल उठना 
वाक्य - रोहन को पुरस्कार मिलने पर राजेश के कलेजे पर साँप लोट गया |

काला अक्षर भैंस बराबर - बिलकुल अनपढ़
वाक्य - उस मज़दूर के लिए काला अक्षर भैंस बराबर है |

कमर  संबंधी मुहावरे 

कमर कसना - तैयार रहना 
वाक्य - बोर्ड की परीक्षा के लिए बच्चो को अपनी कमर कस लेनी चाहिए |

कमर टूटना - हिम्मत टूटना 
वाक्य - व्यापार में घाटा हो जाने से सुरेश की कमर ही टूट गई है |

कमर सीधी करना - थकान मिटाना 
वाक्य - उस किसान को देखो, सुबह से श्याम तक काम करता है एक मिनट के लिए भी उसे कमर सीधी करने की फुरसत नहीं मिल पाती है |

कान संबंधी मुहावरे 

कान का कच्चा - किसी के भी कहने में आ जाना |
वाक्य - अच्छा ही हुआ कि रमेश का तबादला हो गया | वह कान का बड़ा कच्चा था |

कान कतरना - बहुत चालाक होना |
वाक्य - आजकल के बच्चे बड़े - बड़ों के कान कतरते हैं |

कान बहरे होना - ध्यान न देना या अनसुनी करना 
वाक्य - समीर के लिए सभी मित्रों ने न जाने अपने कान क्यों बहरे कर लिए हैं ?

  कान पर जूँ न रेंगना - कोई ध्यान न देना |
वाक्य - जब शिक्षक पढ़ा रहे थे तब मेरे दोस्त के कान पर जूँ तक भी नहीं रेंग रही थी |

कानों कान खबर न होना - बिलकुल भी मालूम न होना 
वाक्य -  अपनी योजना पर काम करो पर ख्याल रहे कि किसी को कानों कान खबर न हो |

'ख' से शुरू होने वाले मुहावरे 

खाक में मिलना - नष्ट करना 
वाक्य - जो दूसरों का बुरा सोचते हैं, वह स्वयं खाक में मिल जाते हैं |

खाक छानना - खूब ढूँढ़ना 
वाक्य - राजेंद्र अच्छी नौकरी पाने के लिए खाक छान रहा है, किन्तु उसे नौकरी मिल ही नहीं रही है |

खटाई में पड़ना - काम में रुकावट आना 
वाक्य - बाढ़ आ जाने के कारण पुल बनाने का काम खटाई में पड़ गया |

खरी - खोटी सुनना - बुरा - भला कहना 
वाक्य - भगवान राम का पक्ष लेने ने कारण रावण ने विभीषण को खरी - खोटी सुनाई |

खिल्ली उड़ाना - व्यंग्य करना 
वाक्य - सुमित जब देखो तब रमेश की खिल्ली उड़ाता रहता है |

खून खौलना - क्रोध आना 
वाक्य - अमर्यादित कार्यों को देखकर मेरा खून खौलने लगता है |

खुशी के मारे पागल होना - अत्याधिक प्रसन्न होना 
वाक्य -  जैसे ही रमेश को पता लगा की वह पुरे राज्य में प्रथम आया है, वह तो खुशी के मारे पागल ही हो गया |

खुशी का ठिकाना न रहना - अत्याधिक प्रसन्न होना |
वाक्य - सीमा को टी.वी में देखते ही पुरे गाँव वालो के खुशी का ठिकाना न रहा |

ख़्याली पुलाव पकाना - कल्पना करते रहना 
वाक्य - अमिता को काम - धाम तो आता नहीं है, बस ख़्याली पुलाव पकाया करती है |

खून का घूँट पीना - क्रोध को भीतर ही दबाना 
वाक्य - मेरी गलती न होने पर भी मुझे पर इल्ज़ाम लगाया गया, तब भी मैं खून का घूँट पीकर रह गयी |

'ग' से शुरू होने वाले मुहावरे 

गुड़ - गोबर करना - बने बनाए काम को बिगाड़ देना 
वाक्य - अचानक आई वर्षा के कारण शादी का पूरा कार्यक्रम गुड़ - गोबर होकर रह गया |

गोबर गणेश - बिलकुल मुर्ख |
वाक्य - बार- बार समझाने पर भी राहुल प्रश्न का हल नहीं कर पाता है, वह बिलकुल गोबर गणेश है |

गरदन संबंधी मुहावरे 

गरदन झुकना - लज्जित होना 
वाक्य - चरित्रहीन व्यक्ति एक दिन सारे परिवार की ही गरदन झुका देता है |

गरदन पर सवार होना - पीछे पड़ जाना 
वाक्य - अक्षय की मदद क्या कर दी, जब देखो मेरी गरदन पर ही सवार हुआ रहता है |

गले संबंधी मुहावरे 

गले का हार - अतयंत प्रिय
वाक्य - बच्चे माता - पिता के गले का हार होते हैं |

गले पड़ना - पीछे पड़ जाना 
वाक्य - तुम्हें एक बार उधार क्या दे दिया, जब देखो मेरे गले ही पड़े रहते हो |

  'घ' से शुरू होने वाले मुहावरे 

घर में गंगा बहना - सुविधा होना 
वाक्य - रानी के माता पिता बहुत शिक्षित हैं, उसे कभी भी किसी और शिक्षक की आवश्यकता नहीं पड़ती है | उसके तो घर में गंगा बहती है |

घाट- घाट का पानी पीना - बहुत अनुभवी होना |
वाक्य - महेश तुम अपने गुरूजी से झूठ नहीं बोल सकते हो, वह घाट - घाट का पानी पिए हुए हैं |

घाव पर नमक छिड़कना - दुःख को और बढ़ा देना 
वाक्य -  रोहिणी में मानवता नाम की चीज़ नहीं है, वह तो बस घाव पर नमक छिड़कना जानती है |

घी के दीये जलना - बहुत खुशी मनाना |
वाक्य - श्री राम के अयोध्या वापस लौटने पर अयोध्यावासियों ने घी के दीये जलाए |

घोड़े बेचकर सोना - निश्चिन्त होकर सोना 
वाक्य - विनय परीक्षा का समय निकट है, फिर भी जब देखो घोड़े बेचकर सोते रहते हो |

'च' से शुरू होने वाले मुहावरे 

चकमा देना - धोका देना
वाक्य - चोर पुलिस को चकमा देकर कोसों दूर चला गया |

चार चाँद लगाना - शोभा बढ़ाना |
वाक्य - वर्ल्ड कप जीतकर क्रिकेटर्स ने भारत की प्रसिद्धि में चार चाँद लगा दिए हैं |

चाँद पर थूकना - निर्दोष पर दोष लगाना |
वाक्य - पतिव्रता स्त्री के चरित्र पर संदेह करना चाँद पर थूकना ही है |

चैन की बंशी बजाना - बेफिक्र हो जाना |
वाक्य - जैसे ही परीक्षा समाप्त हो गई | सभी बच्चे चैन की बंशी बजाने लगे |

चिकना घड़ा - कुछ असर न होना
वाक्य - राजेश को कितना भी डॉटो उसपर कोई असर नहीं होता , वह तो चिकना घड़ा है |

चौकड़ी भरना - छलाँग लगाना 
वाक्य - माँ को देखती ही बछड़ा खूब चौकड़ी भरता है |

'छ' से शुरू होने वाले मुहावरे

छक्के छुड़ाना - बुरी तरह हराना |
वाक्य - हमने उन्हें हराकर उनके छक्के छुड़ा दिए थे|

'ज' से शुरू होने वाले मुहावरे

जान पर खेलना - अपनी जान जोखिम में डालना
वाक्य - देशभक्त नौजवान जान पर खेल कर देश की रक्षा करते हैं |

जी चुराना - काम से बचने के बहाने ढूँढ़ना
वाक्य - बच्चे सदा पढ़ाई से जी चुराते हैं |

'झ' से शुरू होने वाले मुहावरे

झख मारना - लाचार होना 
वाक्य -  रोहन इस समय केवल झख मरता है |

'ट' से शुरू होने वाले मुहावरे

टस - से - मस न होना - कुछ भी असर न होना |
वाक्य - कितना भी चिल्लाया पर सुरेश तो टस - मस न हुआ |

टूट पड़ना - आक्रमण करना
वाक्य - स्कूल से आते ही मैं खाने पर टूट पड़ता हूँ |

'ड' से शुरू होने वाले मुहावरे

डकार न लेना - रुपया मार लेना 
वाक्य - राकेश ने अपने दोस्त से 10,000 रुपये लिए थे, परंतु आज तक डकार नहीं लिया |

डंके की चोट पर - निर्भीक होना 
वाक्य -  मेरी बात सत्य है, मैं डंके की चोट पर कहता हूँ |

'त' से शुरू होने वाले मुहावरे

तलवे चाटना - खुशामद करना 
वाक्य - मीना का अपना कोई व्यक्तित्व नहीं है | वह सदा बॉस के तलवे चाटती रहती है |

तारे गिनना - व्यग्रतापूर्वक प्रतीक्षा करना |
वाक्य - विदेश गए बेटे के लौटने के इंतज़ार में माँ तारे गिन - गिनकर समय निकाल रही है |

तिल का ताड़ करना - छोटी सी बात को बढ़ा - चढ़ाकर कहना 
वाक्य -  राधिका की तो आदत है, तिल का ताड़ बनाने की |

'द' से शुरू होने वाले मुहावरे

दाल में काला होना - संदेह की बात होना 
वाक्य - पड़ोसी के घर में पुलिस को आया देख मैंने सोचा, अवश्य दाल में कुछ काला है |

दाँत संबंधी मुहावरे 

दाँत पीसना - बहुत क्रोधित होना 
वाक्य - नौकर द्वारा नया कपड़ा जल जाने पर मालकिन दाँत पीसने लगी |

दाँत खट्टे करना - बुरी तरह पराजित करना 
वाक्य - क्रिकेट मैच में भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के दाँत खट्टे कर दिए |

दाँतों तले अंगुली दबाना - आश्चर्यचकित होना  
वाक्य - ताजमहल के अद्वितीय सौंदर्य को देखकर विदेशी पर्यटक दाँतों तले अंगुली दबा लेते हैं |

'न' से शुरू होने वाले मुहावरे

नौ दो ग्यारह होना - भाग जाना
वाक्य - बिल्ली को देखते ही चूहा नौ दो ग्यारह हो गया |

नाक संबंधी मुहावरे 

नाक कटना - प्रतिष्ठा कम होना
वाक्य - एक नामी पहलवान ने हारकर अपनी नाक कट वाली |

नाक काटना - प्रतिष्ठा समाप्त होना 
वाक्य - दहेज माँगने पर लड़की के पिता ने लड़के वालों को जेल की ऐसी हवा खिलाई कि बेचारों की नाक ही कट गई |

नाक - भौं चढ़ाना - घृणा दर्शाना 
वाक्य - माँ जब भी सुरेश को खाने में करेला देती है तो वह नाक - भौं चढ़ाने लगता है |

नाक में दम करना - बहुत तंग करना 
वाक्य - बच्चे अपनी शरारतों से माता - पिता की नाक में दम कर देते हैं |

नाकों चने चबाना - बहुत परेशान करना 
वाक्य - ताँत्या टोपे ने अंग्रेजों को नाकों चने चबवा दिए थे |

नाक रखना - मान रखना 
वाक्य - पिता द्वारा ली धनराशि ब्याज सहित चुकाकर पुत्र ने अपने परिवार की नाक रख ली |

'प' से शुरू होने वाले मुहावरे

पत्थर की लकीर -  पक्की बात
वाक्य -  मेरी बात को पत्थर की लकीर समझो, क्योंकि मैं तुम्हें धोखा नहीं दूँगा |

परलोक सिधारना - मृत्यु को प्राप्त होना 
वाक्य - दुर्घटना के बाद वह आदमी परलोक सिधार गया |

पहाड़ टूटना - भारी मुसीबत आना 
वाक्य -  गीता के पिता की मृत्यु होने से उसके ऊपर तो दुखों का पहाड़ ही टूट पड़ा है |

पीठ दिखाना - पीछे हटना 
वाक्य - भारतीय सैनिक मर जाएँगे, परंतु शत्रु को पीठ नहीं दिखाएँगे |

'फ' से शुरू होने वाले मुहावरे

फूला न समाना - बहुत प्रसन्न होना
वाक्य - प्रथम आने का समाचार सुनकर मैं फूला नहीं समाया |

'ब' से शुरू होने वाले मुहावरे

बाल बाँका न होना - कुछ भी न बिगड़ना |
वाक्य - सोहम बहुत ऊपर से नीचे आ गिरा , पर उसका बाल भी बाँका नहीं हुआ |

बाएँ हाथ का खेल - आसान काम 
वाक्य - इस प्रश्न - पत्र को हल करना तो मेरे बाएँ हाथ का खेल है |

'भ' से शुरू होने वाले मुहावरे

भीगी बिल्ली बनना - डरकर दब जाना
वाक्य - अध्यापक को देखते ही बच्चे भीगी बिल्ली बन जाते हैं |

मुँह संबंधी मुहावरे 

मुँह में पानी आना - ललचाना 
वाक्य - गरम जलेबी देखते ही मोहन के मुँह में पानी आ गया |

मुँह में खून लगना - बुरी आदत पड़ जाना 
वाक्य - महेश लाख कोशिश के बावजूद शराब पीना नहीं छोड़ सकता, क्योंकि उसके मुँह में खून लग चूका है |

मुँह की खाना - हार जाना 
वाक्य - कारगिल युद्ध में मुँह की खाने के बाद भी पाकिस्तान नहीं सुधरा |

मुँह पर कालिख पोतना - कलंकित करना 
वाक्य - आखिर वही हुआ जिसका डर था | सुरेश ने माता - पिता के मुँह पर कालिख पोत दी |

'र' से शुरू होने वाले मुहावरे

रग - रग में हिम्मत भरना - अत्याधिक साहसी होना 
वाक्य - सैनिकों के रग - रग में हिम्मत होती हैं |

रंग में भंग पड़ना - खुशी में बाधा पड़ना 
वाक्य - गणेशोत्सव में वर्षा होने से रंग में भंग पड़ गया |

राई का पहाड़ बनाना - छोटी सी बात को बढ़ा - चढ़ाकर कहना 
वाक्य - बात बहुत छोटी - सी थी, परंतु तुमने राई का पहाड़ बनाकर अच्छा नहीं किया |

रात-दिन एक करना - कठिन परिश्रम करना
वाक्य - मेरे माता और पिता मेरी अच्छाई के लिए रात-दिन एक कर देते हैं |

'ल' से शुरू होने वाले मुहावरे

लोहे के चने चबाना - कठिन काम करना
वाक्य - सी.ए की परीक्षा देना लोहे के चने चबाने जैसा है |

लाल पीला होना - बहुत गुस्सा होना
वाक्य - संजय के फेल हो जाने पर उसके पिताजी लाल - पीले हो गए |

'स' से शुरू होने वाले मुहावरे

सुख-दुःख का साथी - घनिष्ठ मित्र
वाक्य - राम मेरा सुख-दुःख का साथी है |

सिर पर पाँव रख कर भागना - तीव्र गति से भागना 
वाक्य - बिल्ली को देखते ही चूहा सिर पर पाँव रख कर भाग जाता है |

'ह' से शुरू होने वाले मुहावरे

हिम्मत न हारना - साहस न छोड़ना
वाक्य - मुसीबत के समय हिम्मत नहीं हारनी चाहिए |

हिम्मत जवाब देना - हार मान लेना 
वाक्य - शेर को देखते ही मुकेश की हिम्मत जवाब दे गई |

हौसला पस्त होना - हिम्मत हारना 
वाक्य - सुरेश की परेशानियों ने उसका हौसला पस्त कर दिया है |

हाथ बँटाना - काम में मदद करना |
वाक्य - पायल हमेशा घर के काम में हाथ बाँटती है |

हाथ पर हाथ रखकर बैठ जाना - खाली बैठना 
वाक्य - हाथ पर हाथ रखकर बैठ जाने से समस्या का हल नहीं होता है |

हाथ पैर फूलना - घबरा जाना 
वाक्य - गीता के ज़रा सी बात पर हाथ - पैर फुल जाते है |

हाथ पाँव ढीले पड़ना - शरीर शिथिल होना |
वाक्य - पहाड़ पर चढ़ते - चढ़ते उसके हाथ पाँव ढीले पड़ने लगे |

मुहावरे के बारे में अपने ज्ञान का परीक्षण करें और उसके लिए नीचे दिए गए Exercise sets पर क्लिक करें | (Test your knowledge about Hindi Muhavare for this Please click on Exercise Sets given below )

खुशी का ठिकाना न रहना मुहावरे का अर्थ क्या है?

Answer: 'खुशी का ठिकाना न रहना',मुहावरे का अर्थ है बेहद खुशी होना। जब हमें कोई बहुत अच्छा समाचार सुनने को मिलता है या हमारे काम में सफलता मिलती है या हमारे जीवन में कोई अच्छा प्रसंग घटित होता है,तब हमारी खुशी का ठिकाना नही रहता।

हिंदी मुहावरे और उनके अर्थ और वाक्यों?

हमारे दैनिक जीवन में प्रयुक्त होने वाले हिंदी में मुहावरे और उनके अर्थ व वाक्य प्रयोग( hindi muhavare with sentences) –.
अपना सा मुंह लेकर रह जाना –काम न बनना। ... .
आटा गीला होना–कठिनाई/मुश्किल में पड़ना ... .
आकाश में उड़ना–कल्पना/ख्वाब में घूमना ... .
अंधा होना –कुछ न सूझना। ... .
अपना उल्लू सीधा करना – स्वार्थ सिद्ध करना।.

मिट्टी में मिलना मुहावरे का क्या अर्थ है?

नष्ट होना।

उंगली उठाना मुहावरे का अर्थ क्या है?

'ऊँगली उठाना' का अर्थ है 'किसी की गलती को संकेत करना' या 'किसी की निंदा करना'। अतः सही विकल्प 'निंदा करना' है।