मूंग का समर्थन मूल्य क्या है मध्य प्रदेश में? - moong ka samarthan mooly kya hai madhy pradesh mein?

मध्य प्रदेश में सरकारी खरीद शुरू न होने के कारण किसान मूंग की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमत पर बेचने को मजबूर हैं

मध्यप्रदेश में किसानों के लिए वरदान कही जाने वाली मूंग की उपज का खलिहानों और आंगन में लगा ढेर चिंता का सबब बनता जा रहा है। वजह यह है कि सरकार ने अब तक समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू नहीं की है। प्रति हेक्टेयर उत्पादन के आंकड़े बताते हुए सरकार और कृषि विभाग के अफसरान गदगद है, पर खरीद शुरू करवाने के लिए केंद्र की तरफ देख रहे हैं।

इधर किसानों को खरीफ सीजन की अगली फसल की तैयारी के लिए रुपयों का इंतजाम करना है, इसके लिए वे समर्थन मूल्य से दो से तीन हजार कम कीमत पर व्यापारियों को उपज बेचने को मजबूर है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने ग्रीष्मकालीन मूंग का समर्थन मूल्य 7,275 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है, लेकिन फिलहाल मप्र की मंडियों में 4,500 से 6,000 रुपए प्रति क्विंटल की ही बोली व्यापारी लगा रहे हैं, करीब 2500 रुपए कम मूल्य पर मूंग बेचनी पड़ रही है।

मप्र के नर्मदापुरम जिले के जुझारपुर गांव के किसान राजू चौधरी कहते हैं कि “मूंग की फसल कड़ी मेहनत मांगती है। कम समय में खेत तैयार करो ऊपर से निगरानी भी ज्यादा। मूंग के उत्पादन में किसान इल्ली और अन्य कीटों से फसल को बचाने के लिए कम से कम चार बार कीटनाशक का उपयोग करते हैं। वहीं जरा सी भी देर होने पर बारिश होने का खतरा मंडराता है, ऐसे में फसल सुखाने के लिए भी दवा का उपयोग करना पड़ता है। इसके बावजूद सही दाम नहीं मिले तो इतनी मेहनत का क्या फायदा?” राजू की तरह सैकड़ों किसान इस इंतजार में कटी हुई मूंग की देखभाल में जुटे हैं जिससे सही दाम मिल सके।

कृषि विभाग के मुताबिक मप्र में इस वर्ष 12 लाख हेक्टे्यर में ग्रीष्म कालीन मूंग की बुवाई की गई थी। इसके चलते लगभग 15 लाख टन उत्पादन का अनुमान जताया जा रहा है,  जबकि केंद्र सरकार ने इस साल राज्य से 2 लाख 25 हजार टन मूंग खरीदने का लक्ष्य तय किया है। ऐसे में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से पूरी मूंग का उपार्जन समर्थन मूल्य पर करने की मंजूरी मांगी है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को चिट्ठी लिखकर लक्ष्य वृद्धि की मांग की है। पिछले साल भी केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के निवेदन पर खरीदी बढ़ाकर 2 लाख 40 हजार टन किया था, जबकि सरकार ने लगभग 4 लाख टन का उपार्जन किया था।

काबिले गौर है कि यदि केंद्र से मंजूरी मिलती है तो समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीदी का वित्तीय बोझ प्रदेश सरकार पर नहीं आएगा। राज्य के कृषि मंत्री कमल पटेल ने स्वीकार किया कि केंद्र सरकार ने उपार्जन के लिए जो लक्ष्ल तय किया है वो काफी कम है। उन्होंने केंद्र से उपार्जन का लक्ष्य बढ़ाने की मंजूरी मांगी गई है, मंजूरी मिलते ही उपार्जन शुरू किए जाने की उम्मीद है।

हरदा जिले के किसान राम इनानिया कहते हैं कि ग्रीष्मकालीन मूंग के लिए 8 जून से पंजीयन किए जाने थे, लेकिन अभी तक पंजीयन भी शुरू नहीं हो सके, यानी बिक्री के लिए लंबा इंतजार बाकी है। वह कहते हैं कि हरदा मंडी में व्यापारी जो रेट दे रहे हैं, उससे लागत भी नहीं निकल पा रही है। यदि समर्थन मूल्य पर खरीदी हो तो उन्हें लागत निकालने पर प्रति क्विंटल दो से तीन हजार रुपए तक का लाभ हो सकता है।

किसानों की मजबूरी का अंदाज इससे लगाया जा सकता है कि एक दिन में छोटी कृषि मंडियों में भी दो से ढाई हजार क्विंटल मूंग व्यापारियों को बेची जा रही है। नर्मदापुरम जिले की ही बानापुरा कृषि उपज मंडी में 20 जून को 2515 क्विंवल मूंग की आवक हुई। यहां मूंग का न्यूनतम रेट 3050 और अधिकतम 5970 प्रति क्विंटल रहा। तोरनिया गांव के किसान बलराम अहीरे कहते हैं कि सरकार ने जल्दी समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू नहीं की तो मजबूरी में किसान और इंतजार नहीं कर सकेंगे और ऐसे ही दाम पर उपज बेचनी होगी।

समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी शुरू नहीं होने से क्रांतिकारी किसान मजदूर संगठन ने आंदोलन की चेतावनी दी है। 

मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने मूंग किसानों के लिए बड़ा ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मूंग के दाम बाजार में समर्थन मूल्य से काफी कम है। ऐसे में हम किसानों को न्याय देंगे। राज्य मे किसानों की मूंग न्यूनतम समर्थन मूल्य 7275 रुपये पर खरीदी जाएगी। इसके लिए 18 जुलाई से रजिस्ट्रेशन शुरू कर रहे हैं। सीएम शिवराज के इस ऐलान से किसानों को बड़ी राहत की उम्मीद है। देखिए मुख्यमंत्री ने क्या कहा?

मूंग का समर्थन मूल्य क्या है मध्य प्रदेश में? - moong ka samarthan mooly kya hai madhy pradesh mein?

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के किसानों के लिए अच्छी खबर है। 18 जुलाई से ग्रीष्मकालीन मूंग की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिये पंजीयन प्रारंभ हो जायेगा। किसानों के पंजीयन के लिये राज्य सूचना केन्द्र को सभी आवश्यक तैयारियाँ करने के निर्देश दिए गए हैं। पंजीयन कार्य 18 जुलाई से 28 जुलाई 2022 तक किया जायेगा।मूंग की न्यूनतम समर्थन मूल्य 7 हजार 275 रूपए प्रति क्विंटल की दर पर खरीदी जाएगी।

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मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किसान हित में लिये गये निर्णय अनुसार 18 जुलाई से ग्रीष्मकालीन मूंग की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिये किसानों का पंजीयन प्रारंभ हो जायेगा। किसानों के पंजीयन के लिये राज्य सूचना केन्द्र को सभी आवश्यक तैयारियाँ करने के निर्देश दिए गए हैं। पंजीयन कार्य 18 जुलाई से 28 जुलाई 2022 तक किया जायेगा।किसान हित में लिये गये निर्णयों का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित हो। किसानों का अधिक से अधिक पंजीयन कर लाभ दिलाया जाना सुनिश्चित करें।

मंत्री  पटेल ने बताया है कि ग्रीष्मकालीन मूंग की खरीदी 30 जिलों नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, रायसेन, हरदा, सीहोर, जबलपुर, देवास, सागर, गुना, खण्डवा, खरगोन, कटनी, दमोह, विदिशा, बड़वानी, मुरैना, बैतूल, श्योपुरकला, भिण्ड, भोपाल, सिवनी, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, छतरपुर, उमरिया, धार, राजगढ़, मण्डला, शिवपुरी और अशोकनगर में होगी। उन्होंने बताया कि उड़द की खरीदी जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, दमोह, छिंदवाड़ा, पन्ना, मण्डला, उमरिया और सिवनी सहित 9 जिलों में की जायेगी।वही उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य पर खरीदने के निर्णय से किसानों को लाभ भी मिलेगा और राहत भी मिलेगी।

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बता दे कि मध्य प्रदेश के होशंगाबाद, रायसेन, सीहोर, हरदा, भोपाल, विदिशा, राजगढ़ सहित प्रदेश के अन्य कई जिलों में मूंग की अच्छी पैदावार होती है। इस बार भी प्रदेश में मूंग की अच्छी फसल हुई है, ग्रीष्मकाल में करीब 17 लाख टन मूंग का उत्पादन हुआ। केंद्र सरकार ने इस बाद किसानों से 2.27 लाख टन मूंग खरीदने की अनुमति दी है। प्रदेश के 30 जिलों में इस बार 12 लाख हेक्टेयर से ज्यादा इलाके में ग्रीष्मकाल के दौरान मूंग की खेती की गई थी, ऐसे में अब एमएसपी पर खरीदी की शुरुआत होने किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।

मध्यप्रदेश में 2022 में मूंग का समर्थन मूल्य क्या है?

बैठक में बताया गया कि मार्केटिंग सीजन 2022-23 के लिए मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7275 रुपये प्रति क्विंटल और उड़द का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6300 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. हालांकि, मध्य प्रदेश के किसान नेता इरफान जाफरी का कहना है कि अधिकांश किसान औने-पौने दाम पर मूंग बेच चुके हैं.

मध्यप्रदेश में मूंग का भाव क्या चल रहा है?

मध्यप्रदेश में मूंग का रेट 08 नवम्बर 2022 –.

2022

दलहन श्रेणी में अरहर (अरहर) का एमएसपी पिछले साल के 6,300 रुपये से बढ़ाकर 6,600 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि मूंग का एमएसपी 7,275 रुपये से बढ़ाकर 7,755 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

2022 का समर्थन मूल्य क्या है?

फसल वर्ष 2022-23 के लिए गेहूं का एमएसपी (Wheat MSP) 110 रुपये बढ़ाकर 2,125 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो फसल वर्ष 2021-22 में 2,015 रुपये प्रति क्विंटल था। बयान में कहा गया है कि गेहूं की उत्पादन लागत 1,065 रुपये प्रति क्विंटल रहने का अनुमान है।