मूल शब्द का उदाहरण क्या है? - mool shabd ka udaaharan kya hai?

शब्दांश या अव्यय जो किसी शब्द के पहले आकर उसका विशेष अर्थ बनाते हैं, उन्हें उपसर्ग कहा जाता है। उपसर्ग = उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है- किसी शब्द के साथ जुड़कर नया शब्द बनाना। शब्दांश जो शब्दों के अंत में जुड़कर उनके अर्थ में कुछ मतलब लाते हैं, वे प्रत्यय कहलाते हैं। चलिए उपसर्ग और प्रत्यय (Upsarg Pratyay) विस्तार से जानते हैं।

मूल शब्द का उदाहरण क्या है? - mool shabd ka udaaharan kya hai?

मूल शब्द का उदाहरण क्या है? - mool shabd ka udaaharan kya hai?

This Blog Includes:
  1. उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर
  2. संस्कृत के उपसर्ग (तत्सम)
  3. हिन्दी के उपसर्ग (तद्भव)
  4. उर्दू के उपसर्ग
  5. अंग्रेजी के उपसर्ग
  6. प्रत्यय
  7. कृत् प्रत्यय
  8. तद्धित प्रत्यय
  9. 50 उपसर्ग के उदाहरण
  10. 50 प्रत्यय के उदारहण
  11. उपसर्ग और प्रत्यय Worksheet
  12. FAQs

उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर

उपसर्गप्रत्यय(a) उपसर्ग शब्द के शुरू में जुड़ता है।(a) प्रत्यय शब्द के अंत में जुड़ता है।(b) उपसर्ग जुड़ने पर मूल शब्द का अर्थ बदल सकता है।
उदाहरण- प्र+चार= प्रचार इसमें प्र उपसर्ग है, जो चार शब्द के पहले जुड़ा है।(b) प्रत्यय जुड़ने पर अर्थ मूल शब्द के इर्द-गिर्द ही रहता है।
उदाहरण- इतिहास+इक= ऐतिहासिक इसमें ‘इक’ प्रत्यय है, जो शब्द के अंत में जुड़ा है।

उदाहरण
प्र+हार = प्रहार
उप+कार = उपकार
आ+हार = आहार

हिन्दी में मुख्यतः चार प्रकार के उपसर्ग होते है-

  • संस्कृत के उपसर्ग (तत्सम)
  • हिंदी के उपसर्ग (तद्भव)
  • उर्दू के उपसर्ग
  • अंग्रेजी के उपसर्ग (विदेशी)

संस्कृत के उपसर्ग (तत्सम)

संस्कृत के 22 मूल उपसर्ग हैं-

उपसर्गअर्थ      उपसर्ग से बने शब्दअति अधिक    अतिशय, अतिक्रमण, अतिवृष्टि, अतिशीघ्र, अत्यन्त, अत्याचारअधि   प्रधान/श्रेष्ठअधिनियम, अधिनायक, अधिकृत, अधिकरण, अध्यक्ष, अध्ययनअनु  पीछे  अनुचर, अनुज, अनुकरण, अनुकूल, अनुनाद, अनुभवअपबुरा अपयश, अपशब्द, अपकार, अपकीर्ति, अपव्यय, अपशकुनअभि पास      अभिवादन, अभिमान,अभिनव, अभिनय, अभिभाषण, अभियोगअव    हीनता  अवगुण, अवनति, अवगति, अवशेष, अवज्ञा, अवरोहणआ  तक/सेआघात, आरक्षण, आमरण, आगमन, आजीवन, आजन्मउत् श्रेष्ठ उत्पत्ति, उत्कंठा, उत्पीड़न, उत्कृष्ट, उन्नत, उल्लेखउपसहायक     उपभोग, उपवन, उपमन्त्री, उपयोग, उपनाम, उपहारदुर्  कठिन/गलत   दुर्दशा, दुराग्रह, दुर्गुण, दुराचार, दुरवस्था, दुरुपयोगदुस्   बुरा/कठिन दुश्चिन्त, दुश्शासन, दुष्कर, दुष्कर्म, दुस्साहस, दुस्साध्यनि  बिना निडर, निगम, निवास, निषेध, निबन्ध, निषिद्धनिस् बिना/बाहर   निश्चय, निश्छल, निष्काम, निष्कर्म, निष्पाप, निष्फलनिर्  बिना निराकार, निरादर, नीरोग, नीरस, निरीह, निरक्षरप्र     आगे   प्रदान, प्रबल, प्रयोग, प्रसार, प्रहार, प्रयत्नपरा विपरीतपराजय, पराभव, पराक्रम, परामर्श, परावर्तन, पराविद्यापरिचारों ओरपरिक्रमा, परिवार, परिपूर्ण, परिश्रम, परीक्षा, पर्याप्तप्रतिप्रत्येक प्रतिदिन, प्रत्येक, प्रतिकूल, प्रतिहिंसा, प्रतिरूप, प्रतिध्वनिविविशेषविजय, विहार, विख्यात, व्याधि, व्यसन, व्यवहारसु अच्छा  सुगन्ध, , सुयश, सुमन,सुलभ, सुबोध, सुशीलसम्अच्छी तरहसन्तोष, संगठन,संलग्न, संकल्प, संशय, संरक्षाअन्  नहीं/बुराअनन्त, अनुपयोगी, अनुपयुक्त, अनागत, अनिष्ट, अनुपम

हिन्दी के उपसर्ग (तद्भव)

हिन्दी के उपसर्ग ज्यादातर संस्कृत उपसर्गों के अपभ्रंश (aberration) हैं, ये विशेषकर तद्भव शब्दों के पहले आते हैं-

उपसर्ग  अर्थ  उपसर्ग से बने शब्दअननहीं    अनबन, अनपढ़, अनजान, अनहोनी, अनमोल, अनचाहाअधआधा    अधपका, अधमरा, अधजला, अधखिला, अधनंगा, अधगलाउन एक कमउनचालीस, उन्नीस, उनतीस, उनसठ, उन्नासीऔअब  औगुन, औगढ़, औसर, औघट, औतारकुबुरा   कुपुत्र, कुरूप, कुख्यात, कुचक्र, कुरीतिचौचार  चौराहा, चौमासा, चौपाया, चौरंगा, चौकन्ना, चौमुखापच पाँच  पचरंगा, पचमेल, पचकूटा, पचमढ़ीपरदूसरापरहित, परदेसी, परजीवी, परकोटा, परलोक, परोपकारबिन    बिना बिन खाया, बिनब्याहा बिनबोया, बिनमाँगा, बिनबुलायाभर   पूरा भरपेट, भरपूर, भरकम, भरसक, भरमार, भरपाईस   सहित    सफल, सबल, सगुण, सजीव, सावधान, सकर्मकचिरसदैव   चिरयौवन, चिरपरिचित,चिरकाल, चिरायु, चिरस्थायीन नहीं    नकुल, नास्तिक, नग, नपुंसक, नगण्य, नेतिबहु ज्यादा     बहुमूल्य, बहुवचन, बहुमत, बहुभुज, बहुविवाह, बहुसंख्यकआपस्वयं आपकाज, आपबीती, आपकही, आपसुनीसमसमान समकोण, समकक्ष, समतल, समदर्शी, समकालीन, समग्रदुबुरा/हीन  दुत्कार, दुबला, दुर्जन, दुर्बल, दुकाल

उर्दू के उपसर्ग

उर्दू भाषा के निम्न उपसर्गों का प्रयोग किया जाता है-

उपसर्गअर्थ  उपसर्ग से बने शब्दलाबिना लावारिस, लाचार, लाजवाब, लापरवाह, लापताबद   बुरा   बदसूरत, बदनाम, बददिमाग, बदबू, बदकिस्मतबेबिना   बेकाम, बेअसर, बेरहम, बेईमान, बेरहमकम  थोड़ा   कमबख्त, कमज़ोर, कमदिमाग, कमअक्ल, कमउम्रग़ैरके बिनागैरकानूनी, गैरजरूरी, ग़ैरहाज़िर, गैरसरकारी,नाअभाव नाराज, नालायक, नामुमकिन, नादान, नापसन्दखुशश्रेष्ठता  खुशनुमा, खुशगवार, खुशमिज़ाज, खुशबू, खुशदिलहमबराबर हमउम्र, हमदर्दी, हमराज, हमपेशाऐन ठीक ऐनवक्त, ऐनजगह, ऐनमौकेसरमुख्य  सरताज, सरदार, सरपंच, सरकारबेश अत्यधिक   बेशकीमती, बेशुमार, बेशक्ल, बेशऊरबासहित  बाकायदा, बाइज्जत, बाअदब, बामौक़ाअलनिश्र्चितअलबत्ता, अलविदा, अलसुबह, अलगरज

अंग्रेजी के उपसर्ग

अंग्रेजी भाषा के निम्न उपसर्गों का प्रयोग किया जाता है-

उपसर्ग       अर्थ                     उपसर्ग से बने शब्दसब            अधीन                  सब-रजिस्ट्रार, सब-जज, सब-कमेटी, सब-इंस्पेक्टरहाफ           आधा                   हाफकमीज, हाफटिकट, हाफपेन्ट, हाफशर्टको             सहित                   को-आपरेटिव, को-आपरेशन, को-एजूकेशनहैड            मुख्य                   हैडमास्टर, हैडऑफिस, हैडक्लर्क , हैडबाॅयवाइस         सहायक                वाइसराय, वाइस-चांसलर, वाइस-प्रेसीडेंट

प्रत्यय

प्रत्यय = प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है,पीछे चलना। जो शब्दांश शब्दों के अंत में विशेषता या परिवर्तन ला देते हैं, वे प्रत्यय कहलाते हैं।

जैसे- दयालु= दया शब्द के अंत में आलु जुड़ने से अर्थ में विशेषता आ गई है। अतः यहाँ ‘आलू’ शब्दांश प्रत्यय है। प्रत्ययों का अपना अर्थ कुछ भी नहीं होता और न ही इनका प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जाता है। प्रत्यय के दो भेद हैं-

कृत् प्रत्यय

वे प्रत्यय जो धातु में जोड़े जाते हैं, कृत प्रत्यय कहलाते हैं। कृत् प्रत्यय से बने शब्द कृदंत (कृत्+अंत) शब्द कहलाते हैं।जैसे- लेख् + अक = लेखक। यहाँ अक कृत् प्रत्यय है, तथा लेखक कृदंत शब्द है-

उदाहरण

क्रम    प्रत्यय       मूल  शब्द\धातु                               उदाहरण1     अक       लेख्, पाठ्, कृ, गै                              लेखक, पाठक, कारक, गायक2     अन       पाल्, सह्, ने, चर्                             पालन, सहन, नयन, चरण3     अना      घट्, तुल्, वंद्, विद्                          घटना, तुलना, वन्दना, वेदना4     अनीय   मान्, रम्, दृश्, पूज्, श्रु          माननीय, रमणीय, दर्शनीय, पूजनीय, श्रवणीय5     आ          सूख, भूल, जाग, पूज, इष्, भिक्ष्    खा, भूला, जागा, पूजा, इच्छा, भिक्षा6     आई       लड़, सिल, पढ़, चढ़                         लड़ाई, सिलाई, पढ़ाई, चढ़ाई7     आन      उड़, मिल, दौड़                                  उड़ान, मिलान, दौड़ान8     इ            हर, गिर, दशरथ, माला                  हरि, गिरि, दाशरथि, माली9     इया       छल, जड़, बढ़, घट                          छलिया, जड़िया, बढ़िया, घटिया10  इत         पठ, व्यथा, फल, पुष्प                    पठित, व्यथित, फलित, पुष्पित

तद्धित प्रत्यय

वे प्रत्यय जो धातु को छोड़कर अन्य शब्दों- संज्ञा, सर्वनाम व विशेषण में जुड़ते हैं, तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं। तद्धित प्रत्यय से बने शब्द तद्धितांत शब्द कहलाते हैं। चलिए देखते हैं उपसर्ग और प्रत्यय के इस ब्लॉग में जैसे- सेठ + आनी = सेठानी। यहाँ आनी तद्धित प्रत्यय हैं तथा सेठानी तद्धितांत शब्द है-

उदाहरण

क्रम प्रत्यय         शब्द                                                                        उदाहरण1     आई            पछताना, जगना                  पछताई, जगाई2     आइन        पण्डित, ठाकुर                                                   पण्डिताइन, ठकुराइन3     आई         पण्डित, ठाकुर, लड़, चतुर, चौड़ा       पण्डिताई, ठकुराई, लड़ाई, चतुराई, चौड़ाई4     आनी          सेठ, नौकर, मथ                                               सेठानी, नौकरानी, मथानी5     आयत        बहुत, पंच, अपना                                             बहुतायत, पंचायत, अपनायत6     आर/आरा   लोहा, सोना, दूध, गाँव                                     लोहार, सुनार, दूधार, गँवार7     आहट      चिकना, घबरा, चिल्ल, कड़वा       चिकनाहट, घबराहट, चिल्लाहट, कड़वाहट8     इल          फेन, कूट, तन्द्र, जटा, पंक, स्वप्न, धूम       फेनिल, कुटिल, तन्द्रिल, जटिल, पंकिल, स्वप्निल, धूमिल9     इष्ठ         कन्, वर्, गुरु, बल                                            कनिष्ठ, वरिष्ठ, गरिष्ठ, बलिष्ठ10   ई        सुन्दर, बोल, पक्ष, खेत, ढोलक, तेल, देहात           सुन्दरी, बोली, पक्षी, खेती, ढोलकी, तेली, देहाती

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50 उपसर्ग के उदाहरण

  1. अति + पावन = अतिपावन
  2. अति + अधिक = अत्यधिक
  3. अति + रिक्त = अतिरिक्त
  4. अति + क्रमण = अतिक्रमण
  5. अति + उक्ति = अत्युक्ति
  6. अति + आचार = अत्याचार
  7. अति + उत्तम = अत्युत्तम
  8. अति + शय = अतिशय
  9. अधि + कृत = अधिकृत
  10. अधि + करण = अधिकरण
  11. अधि + वक्ता = अधिवक्ता
  12. अधि + कार = अधिकार
  13. अधि + आदेश = अध्यादेश
  14. अधि + अयन = अध्ययन
  15. अधि + पति = अधिपति
  16. अधि + अक्ष = अध्यक्ष
  17. अन् + अंत = अनंत
  18. अन् + इच्छा = अनिच्छा
  19. अन् + आचार = अनाचार
  20. अन् + उदार = अनुदार
  21. अन् + एक = अनेक
  22. अन् + आदर = अनादर
  23. अनु + करण = अनुकरण
  24. अनु + दान = अनुदान
  25. अनु + गमन = अनुगमन
  26. अनु + भव = अनुभव
  27. अनु + भूति= अनुभूति
  28. अनु + रूप = अनुरूप
  29. अनु + सरण = अनुसरण
  30. अनु + कंपा = अनुकंपा
  31. अनु + शासन = अनुसाशन
  32. अनु + वाद = अनुवाद
  33. अप + यश = अपयश
  34. अप + मान = अपमान
  35. अप + कर्ता = अपकर्ता
  36. अप + शब्द = अपशब्द
  37. अप + कार = अपकार
  38. अप + हरण = अपहरण
  39. अप + वाद = अपवाद
  40. अप + शकुन = अपशकुन
  41. अभि + कथन = अभिकथन
  42. अभि + आस = अभ्यास
  43. अभी + रक्षा = अभिरक्षा
  44. अभी + नेता = अभिनेता
  45. अभी + शाप = अभिशाप 
  46. अभी + योग = अभियोग
  47. अभी + मुख = अभिमुख
  48. अभी + नव = अभिनव
  49. अव + तार = अवतार
  50. अव + चेतन = अवचेतन

50 प्रत्यय के उदारहण

  1. अक = पाठक, गायक, लेखक, नायक, धावक
  2. उक = भिक्षुक, भावुक
  3. एता = नेता, अभिनेता, विक्रेता
  4. अक्कड़ = पियक्कड़, भुलक्कड़, घुमक्कड़
  5. ऊ = कमाऊ, खाऊ, उड़ाऊ
  6. हार = होनहार, खेवनहार, सेवनहार
  7. ऐया वैया = गवैया, खिवैया
  8. ना = खाना, गाना
  9. नी = चटनी, बेलनी, सूँघनी, फूँकनी (सभी वस्तुएँ)
  10. वनी = उठावनी, पैरावनी, दिखावनी
  11. आई = पढ़ाई, लिखाई, बुनाई, सिलाई
  12. आन = पहचान, मिलान, उठान
  13. आवट = मिलावट, सजावट
  14. ई = बोली, हँसी
  15. ना = चलना, लिखना पढ़ना
  16. अन = चिंतन, मनन, भवन, मरण, करण
  17. नी = चलनी, फूँकनी
  18. ई = फाँसी, धुलाई, सफ़ाई
  19. ना = बेलना, ढँकना, पिटना (सभी वस्तुएँ)
  20. अनीय = कथनीय, करणीय, पठनीय
  21. य = गेय, प्रेय, देर
  22. व्य = गंतव्य, कर्तव्य, श्रव्य
  23. इया = डिबिया, खटिया, बिटिया
  24. आर = लुहार, सुनार
  25. पन = बचपन, लड़कपन
  26. ड़ा = मुखड़ा, दुखड़ा
  27. गर = जादूगर, बाज़ीगर
  28. दार = दुकानदार,जमींदार, किरायेदार
  29. ई = चोरी, खेती, पहाड़ी, रस्सी
  30. पा = बुढ़ापा, मोटापा
  31. ता/ त्व = मानवता, मनुष्यत्व
  32. वान = धनवान, गाड़ीवान
  33. कार = कलाकार, पत्रकार, साहित्यकार
  34. हारा = लकड़हारा, पालनहारा
  35. ई = गरीबी, रईसी, अमीरी, बीमारी
  36. आई = अच्छाई, भुराई, मिठाई
  37. ता = सुंदरता, योग्यता, महत्ता, लघुता
  38. आस = मिठास, खटास
  39. आहट = कड़वाहट, चिकनाहट
  40. आ = भूखा, प्यासा, ठंडा
  41. ईला = ज़हरीला, शर्मीला, बर्फ़ीला
  42. आना = सालाना, रोज़ाना, मर्दाना
  43. इक = धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक
  44. ई = बंगाली, जापानी, गुलाबी, ऊनी
  45. इन = रंगीन, नमकीन, शौकीन
  46. एरा = चचेरा, ममेरा, फुफेरा
  47. एलू = घरेलू
  48. इक = धार्मिक, ऐतिहासिक
  49. आना = सालाना, रोजाना, मर्दाना
  50. ला = अगला, पिछला,मंझला, निचला

उपसर्ग और प्रत्यय Worksheet

मूल शब्द का उदाहरण क्या है? - mool shabd ka udaaharan kya hai?

मूल शब्द का उदाहरण क्या है? - mool shabd ka udaaharan kya hai?

FAQs

उपसर्ग और प्रत्यय क्या होते हैं?

शब्दांश या अव्यय जो किसी शब्द के पहले आकर उसका विशेष अर्थ बनाते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं। उपसर्ग = उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है- किसी शब्द के साथ जुड़कर नया शब्द बनाना। जो शब्दांश शब्दों के आदि में जुड़कर उनके अर्थ में कुछ मतलब लाते हैं, वे प्रत्यय कहलाते हैं।

उपसर्ग और प्रत्यय को कैसे पहचानें?

उपसर्ग के सामान प्रयुक्त होने वाले संस्कृत के शब्द
1. का उपसर्ग : एक्स का अर्थ होता है निषेध
2. कु उपसर्ग : कु का अर्थ होता है हीन – कुपुत्र आदि।
3. चिर उपसर्ग : चिर का अर्थ होता है बहुत देर
4. अ उपसर्ग : अ का अर्थ होता है निषेध , अभाव
5. अन उपसर्ग : अन का अर्थ होता है निषेध
6. अंतर उपसर्ग : अंतर का अर्थ होता है भीतर

उपसर्ग के कितने प्रकार होते हैं?

संस्कृत के उपसर्ग – तत्सम शब्दों में प्रयोग किये जाने वाले उपसर्ग संस्कृत के उपसर्ग होते हैं। हिंदी के उपसर्ग – तद्भव शब्दों में प्रयोग किये जाने वाले उपसर्ग को हिंदी के उपसर्ग कहते हैं। आगत उपसर्ग – हिंदी में प्रयोग किये जाने वाले विदेशी भाषाओं (अरबी, फारसी, उर्दू, अंगेजी) के उपसर्ग आगत उपसर्ग कहलाते हैं।

प्रत्यय कैसे लगाते हैं?

अक = लेखक , नायक , गायक , पाठक अक्कड = भुलक्कड , घुमक्कड़ , पियक्कड़ आक = तैराक , लडाक आलू = झगड़ालू आकू = लड़ाकू , कृपालु , दयालु आड़ी = खिलाडी , अगाड़ी , अनाड़ी इअल = अडियल , मरियल , सडियल एरा = लुटेरा , बसेरा ऐया = गवैया आदि

उपसर्ग कैसे लिखते हैं?

संस्कृत के उपसर्ग तथा उनसे बने शब्द
1. अति और इसमें हम शय जोड़ देते हैं तो शय पहले से ही एक मूल शब्द है. और इसमें अति जोड़ने से एक नया 2. शब्द या नया अर्थ उत्पन्न होता है
3. अधि + कार = अधिकार
4. अनु + शाशन = अनुशाशन
5. अप + कार = अपकार
6. संस्कृत उपसर्ग का छटा उपसर्ग अव होता है
7. आ + जीवन = आजीवन
8. उत + कर्ष = उत्कर्ष
9. उप + कार = उपका

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6 comments
  1. AKSHA SONI कहते हैं:

    अक्टूबर 9, 2021 को 3:35 अपराह्न पर

    NICE CONCEPT AND WHO GAVE THIS I REALLY TELL THAT HE OR SHE IS VERY VERY INTELLIGENT

    प्रतिक्रिया

    1. Team Leverage Edu कहते हैं:

      अक्टूबर 16, 2021 को 2:46 अपराह्न पर

      आपका बहुत-बहुत आभार। ऐसे ही आप हमारी https://leverageedu.com/ वेबसाइट पर बने रहिये।

      प्रतिक्रिया

  2. अरविन्द कुमार फुसकेले, सेवानिवृत्त तहसीलदार भोपाल कहते हैं:

    दिसम्बर 6, 2021 को 8:43 पूर्वाह्न पर

    हिन्दी भाषा के बोल-चाल, पठन-पाठन में सामान्यत: उपसर्ग और प्रत्यय शब्दों का प्रयोग अधिकतर होता है।आपका यह व्याकरण ज्ञान जाज्ञासाओं को भली-भांति निराकरण करता है।
    धन्यवाद

    प्रतिक्रिया

    1. Team Leverage Edu कहते हैं:

      दिसम्बर 27, 2021 को 10:21 अपराह्न पर

      आपका धन्यवाद

      प्रतिक्रिया

  3. Sandeep mishra कहते हैं:

    फ़रवरी 4, 2022 को 8:03 पूर्वाह्न पर

    Bahut achche tarike se samjhaya gya thanx

    प्रतिक्रिया

    1. रश्मि पटेल कहते हैं:

      फ़रवरी 4, 2022 को 1:43 अपराह्न पर

      इस ब्लॉग को सराहने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार। इसी तरह के और ब्लॉग पढ़ें: https://leverageedu.com/blog/hi/?s=hindi+grammar

      मूल शब्द क्या होते हैं उदाहरण दीजिए?

      मूल शब्द किसे कहते हैं इन शब्दों का निर्माण दूसरे शब्दों से नहीं होता। जैसे- नाक, कान, मुँह, पेट आदि। इन शब्दों के शब्दांश सार्थक नहीं होते। अत: ये शब्द मूल हैं

      मूल शब्द और प्रत्यय क्या होते हैं?

      (a) प्रत्यय शब्द के अंत में जुड़ता है। (b) उपसर्ग जुड़ने पर मूल शब्द का अर्थ बदल सकता है। उदाहरण- प्र+चार= प्रचार इसमें प्र उपसर्ग है, जो चार शब्द के पहले जुड़ा है। (b) प्रत्यय जुड़ने पर अर्थ मूल शब्द के इर्द-गिर्द ही रहता है।

      मूल शब्द से क्या अभिप्राय है?

      اصل ، ضروری بات ، اصل حقیقت ، حیثیت ۔

      प्रत्यय के उदाहरण क्या है?

      (i) लेख, पाठ, कृ, गै , धाव , सहाय , पाल + अक = लेखक , पाठक , कारक , गायक , धावक , सहायक , पालक आदि । (ii) पाल् , सह , ने , चर , मोह , झाड़ , पठ , भक्ष + अन = पालन , सहन , नयन , चरण , मोहन , झाडन , पठन , भक्षण आदि ।