मेला देखने जाते समय कौन कौन सी सावधानी रखनी चाहिए लिखिए - mela dekhane jaate samay kaun kaun see saavadhaanee rakhanee chaahie likhie

मरीज से मिलने का समय निश्चित होता है। अत: निश्चित समय पता करके ही मिलने जाना चाहिए। अपने सामर्थ्य के अनुसार फल व स्वास्थ्यवर्धक खाद्य सामग्री तथा आवश्यक रुपए पैसे भी साथ में लेकर जाने चाहिए। हमेशा ध्यान रखें कि बच्चों को साथ न ले जाएँ। यदि कोई विकल्प नहीं तो बच्चों को ले जाने पर भी मरीज से उन्हें दूर रखें। इससे संक्रमण होने की आशंका नहीं रहती और बच्चों की शरारत से मरीज को भी नुकसान नहीं होता। मरीज से आवश्यक बातें ही करनी चाहिए। आवाज ऊँची न हो और उसमें विनम्रता होनी चाहिए। डॉक्टर, वार्ड बॉय, नर्स व अस्पताल के कर्मचारियों के कार्य में कोई बाधा न हो, इस बात का खयाल रखें। इस प्रकार सामाजिक शिष्टाचार व अनुशासन का पालन करते हुए हमें मरीज से मिलने जाना चाहिए।

(क) मेले में सदैव अपने बड़ों के साथ जाना चाहिए और ट्रक, कार, मोटरसाइकिल आदि से बचकर सड़क के बाईं ओर चलना चाहिए।
(ख) मेले में घूमते समय अपने बड़ों के साथ रहना चाहिए।
(ग) मेले में सदैव ढकी हुई और अच्छी वस्तुएँ ही खानी चाहिए।
(घ) मेले से सदैव अच्छी और टिकाऊ वस्तुएँ ही खरीदनी चाहिए।
(ङ) मेले में खेल-तमाशे सावधानीपूर्वक देखने चाहिए।

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जब किसी एक स्थान पर बहुत से लोग किसी सामाजिक ,धार्मिक एवं व्यापारिक या अन्य कारणों से एकत्र होते हैं तो उसे मेला कहते हैं। भारतवर्ष में लगभग [1]हर माह मेले लगते रहते ही है। मेले तरह-तरह के होते हैं। एक ही मेले में तरह-तरह के क्रियाकलाप देखने को मिलते हैं और विविध प्रकार की दुकाने एवं मनोरंजन के साधन हो सकते हैं। भारत तो मेलों के लिये प्रसिद्ध है। [2]यहाँ कोस-दो-कोस पर जगह-जगह मेले लगते हैं जो अधिकांशत: धार्मिक होते हैं किन्तु कुछ पशु, व्यापार तथा कृषि मेले के साथ ही शहीदों को नमन के लिए भी मेले यहाँ लगते हैैं।[3] भारत का सबसे बड़ा मेला कुम्भ मेला माना जाता है। भारत के राजस्थान राज्य में भी काफी मेले आयोजित होते है। जहाँ कुम्भ सबसे बड़ा मेला है वही शहीद मेला देश मे स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए महानायको की याद में आयोजित होने वाला सबसे लंबी अवधि का मेला है।

राजस्थान मे गुगौर का मेला बहुत प्रसिद्ध हैं पास के बनेह गांव के लोग मेला देखने जाते हैं

सासाराम शहर : शनिवार से ही मां भगवती का दरबार सज चुका है. आप भी सपरिवार मां शेरावाली के दर्शन को उत्सुक होंगे. लेकिन, पूजा पंडालों और मेले में जुट रही भीड़ को देखकर कई लोग घर से निकलने में हिचक रहे हैं. ऐसे में कुछ बातों पर ध्यान रखने से आप कई परेशानियों से बेफिक्र रह सकते हैं. मां का पट खुलते हीं शहर में भक्तों की चहल-पहल बढ़ गई है. असामाजिक तत्व भीड़ का फायदा उठा घटना को अंजाम देने के फिराक में लगे रहते हैं.

ऐसे में लोगों को अपने स्तर से भी सतर्कता बरतने की जरूरत है. आपकी जरा सी असावधानी असामाजिक तत्वों के काम को आसान कर सकता है. इसलिए जब मेला घुमने निकलें तो विशेष रूप से सावधानी बरतें.

असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर रखें नजर असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर नजर रखें. अगर कहीं इस तरह की कोई गतिविधि आपको नजर आये, तो उसकी सूचना पुलिस को दें.

सुनसान जगहों से करें परहेज

मेला घूमने निकले हैं तो सुनसान जगहों से परहेज करें. अन्यथा आपको कभी भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

खान-पान में बरतें सावधानी

मेले में घूमने के दौरान खान-पान के में सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि ऐसे मौके पर बहुत से दुकानदार वासी खाद्य पदार्थों को धड़ल्ले से खपा देते हैं.

पंडालों में न दें ज्यादा समय

घूमने के वक्त पंडालों में ज्यादा समय न दें. मां के दर्शन को अन्य श्रद्धालुओं के लिए भी पंडालों में जगह दें.

कानफाड़ू आवाज से बचें

मेले में कानफाड़ू आवाज को सीधे सुनने से बचें, अन्यथा आपके कान के पर्दा जवाब दे सकते हैं.

बच्चों के जेब में डालें मोबाइल नंबर

मेले में निकलने से पहले बच्चों की जेब में मोबाइल नंबर व अपना पता लिखकर डाल दें. ताकि भीड़भाड़ में अगर बच्चा आपके हाथ से छूट भी जाये तो उसे ढूंढने में दिक्कत न हो. मोबाइल नंबर होने से किसी न किसी पूजा समिति या प्रशासन के कंट्रोल रूम से बच्चे के बारे में आप तक सूचना जरूर पहुंच जाएगी.

इसे सुनेंरोकेंघूमने के वक्त पंडालों में ज्यादा समय न दें। मां के दर्शन को अन्य श्रद्धालुओं के लिये भी पंडालों में जगह दें। ज्यादा स्वर्णाभूषण पहन मेला घूमना ठीक नहीं। इससे आपका भी ध्यान बंटा रहेगा और असमाजिक तत्व भी मौके का फायदा उठाने की ताक में रहेंगे।

2021 में ग्वालियर का मेला कब लगेगा?

इसे सुनेंरोकेंGwalior Mela 2021: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा कि ग्वालियर में 105 वर्षो से संचालित हो रहा ऐतिहासिक एवं प्राचीन मेला 15 फरवरी से प्रारंभ होगा.

दिल्ली मेला उड़ान कब से लगेगा?

इसे सुनेंरोकेंमेला 14-18 नवंबर तक चलेगा. B2B में एगजिबिटर्स की टाइमिंग सुबह साढ़े 9 बजे से शाम साढ़े 7 बजे तक की होगी. 19 से 27 नवंबर तक आम लोगों की एंट्री होगी, जिसकी टाइमिंग सुबह 10 से शाम साढ़े 5 बजे तक होगी.

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मेरा नाम सुनते ही आपके मन में कौन कौन सी चीजें आती है?

इसे सुनेंरोकेंएक ही मेले में तरह-तरह के क्रियाकलाप देखने को मिलते हैं और विविध प्रकार की दुकाने एवं मनोरंजन के साधन हो सकते हैं। भारत तो मेलों के लिये प्रसिद्ध है। [2]यहाँ कोस-दो-कोस पर जगह-जगह मेले लगते हैं जो अधिकांशत: धार्मिक होते हैं किन्तु कुछ पशु, व्यापार तथा कृषि मेले के साथ ही शहीदों को नमन के लिए भी मेले यहाँ लगते हैैं।

ग्वालियर का मेला चल रहा है क्या?

इसे सुनेंरोकेंGwalior. ग्वालियर व्यापार मेले (Gwalior trade fair) की शुरुआत माधवराव सिंधिया प्रथम ने सन 1905 में की थी. पहली बार मेला देर से शुरू हुआ. फिर से दो महिने लगाने का फैसला हुआ और पहली बार ही ये अपने तय समय से पहले खत्म हो रहा है.

ग्वालियर का मेला कब खत्म होगा?

इसे सुनेंरोकेंमेला प्राधिकरण की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मीटिंग में यह निर्णय लिया गया। बैठक मेला प्राधिकरण अध्यक्ष व संभाग आयुक्त एसएन रुपला की अध्यक्षता में हुई। बैठक में विचार-विमर्श के बाद मेला की अवधि 25 दिसंबर से 7 फरवरी कर दी गई है।

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दिल्ली मेला उड़ान कब तक रहेगा?

इसे सुनेंरोकेंदिल्ली में 40वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का आगाज रविवार से प्रगति मैदान में हो गया है। व्यापार मेला 14 से 27 नवंबर तक चलेगा। वहीं इसकी शुरुआत में पांच दिन व्यापारियों के लिए होगा वहीं बाकी के नौ दिन बाद आम जनता के लिए यह खुला रहेगा। व्यापार मेला 14 से 27 नवंबर तक चलेगा।

दिल्ली में मेला कहाँ लग रहा है?

इसे सुनेंरोकेंIITF 2021: भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2021, रविवार से आयोजित होने जा रहा है. यह दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित किया जाएगा. पिछले साल कोविड महामारी और लॉकडाउन के चलते यह मेला नहीं लग पाया था, लेकिन इस बार पूरी तैयारी के साथ इसका आयोजन होने जा रहा है.

पुन्नी मेला कब है 2021?

इसे सुनेंरोकेंउल्लेखनीय है कि राजिम माघी पुन्नी मेला का आयोजन इस वर्ष 27 फरवरी से 11 मार्च तक होगा।

एक शब्द में उत्तर लिखिए A मरीज को मिलने आनेवाले कुछ लोग क्या निभाते हैं?

इसे सुनेंरोकेंडॉक्टर और नर्स अपना कर्तव्य निभाते हैं पर मरीज को मिलने आने वाले को तादाद इतनी बढ़ जाती है कि परेशानियांँ बढ़ती है। मरीज का आराम हराम हो जाता है। इसलिए उन्हें मिलने जाते समय कुछ सावधानियांँ बरतनी चाहिए। मिलने के समय पर ही मिलने जाएँ।

मेला जाते समय हमें कौन कौन सी सावधानी रखनी चाहिए?

एक ही मेले में तरह-तरह के क्रियाकलाप देखने को मिलते हैं और विविध प्रकार की दुकाने एवं मनोरंजन के साधन हो सकते हैं। भारत तो मेलों के लिये प्रसिद्ध है। यहाँ कोस-दो-कोस पर जगह-जगह मेले लगते हैं जो अधिकांशत: धार्मिक होते हैं किन्तु कुछ पशु, व्यापार तथा कृषि मेले के साथ ही शहीदों को नमन के लिए भी मेले यहाँ लगते हैैं।

मेले में हम क्या क्या देखते हैं?

जैसे मिठाई की दुकाने, चटपटी चीजो की दुकाने, इसके अलावा खिलौनों, कपड़ो, बरतनों व विभिन्न प्रकार की दुकाने होती हैं। कई जगह पर मेले लगते हैं तो कुछ जगह पर मेले के साथ बड़े-बड़े झूले भी लगते हैंमेले के आकर्षण के कारण व्यस्त लोग भी अपने परिवार के लिए समय निकाल कर मेला देखने आते हैं

मेलों का उद्देश्य क्या है?

कॅरियरअवसर मेले के दो उद्देश्य हैं। पहला विद्यार्थियों को कॅरियर के विभिन्न सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों की जानकारी देकर मार्गदर्शन करना।

मेला पर निबंध कैसे लिखें?

भारतीय समाज में मेलों का बड़ा महत्व हैं. यही वजह है कि यहाँ हर समय कही न कही मेलों का आयोजन अवश्य ही होता हैं. मेले कई प्रकार के होते है जिनमे कुछ धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक महत्व के होते हैं. इन मेला आयोजनों द्वारा अलग अलग स्थानों से लोग आकर मिलते है जिससे आपसी मेल मिलाप तथा भाईचारा भी बढ़ता है.