मुलती डिवाइस डेटा का मतलब क्या होता है - mulatee divais deta ka matalab kya hota hai

विषय-सूचि

  • ट्रांसपोर्ट लेयर क्या है? (what is transport layer in hindi)
  • ट्रांसपोर्ट लेयर के कार्य (Functions of transport layer in hindi)
    • सर्विस पॉइंट एड्रेसिंग (service point addressing in hindi)
  • सेगमेंटेशन और रिअसेम्बलिंग (segmentation and reassembly in hindi)
    • कनेक्शन कण्ट्रोल (connection control in hindi)
    • फ्लो कण्ट्रोल (flow control in transport layer in hindi)
    • एरर कण्ट्रोल (error control in transport layer in hindi)
  • ट्रांसपोर्ट लेयर के प्रोटोकॉल्स (transport layer protocols in hindi)
  • टीसीपी क्या है? (tcp protocol in hindi)
  • यूडीपी क्या है? (udp protocol in hindi)

ट्रांसपोर्ट लेयर क्या है? (what is transport layer in hindi)

ट्रांसपोर्ट लेयर ओपन सिस्टम इंटरकनेक्शन यानी OSI मॉडल का चौथा लेयर है। डाटा को ट्रांसपोर्ट करने के सभी modules और प्रक्रियाओं को इसी लेयर के अंतर्गत डाला गया है।

ये दूर के होस्ट के ट्रांसपोर्ट लेयर के साथ भी कनेक्शन स्थापित कारता है।

ट्रांसपोर्ट लेयर दो सुदूर होस्ट के प्रक्रियाओं के बीच में end-to-end या peer-to-peer कनेक्शन स्थापित करता है।

मुलती डिवाइस डेटा का मतलब क्या होता है - mulatee divais deta ka matalab kya hota hai

ये उपर वाले लेयर से डाटा लेता है (जैसे कि एप्लीकेशन लेयर से) और उन डाटा को छोटे-छोटे आकार के सेगमेंट में तोड़ देता है, सभी bytes की गणना करता है और अपने नीचले लेयर (नेटवर्क लेयर) को डिलीवरी के लिए दे देता है।

तो इस तरह से आप कह सकते हैं कि इसका प्रमुख फंक्शन के अंतर्गत ये तीन कार्य आते हैं:

  • उपरी लेयर से डाटा स्वीकार करना,
  • उन डाटा को छोटे-छोटे भाग में तोड़ना,
  • इन डाटा यूनिट को फिर नेटवर्क लेयर को देना, और
  • ये सुनुश्चित करना कि सभी टुकड़े दूसरे छोर पर ठीक से पहुँच जाए।

इस से भी जरूरी ये होता है कि इन कार्यों को इस तरीके से करना कि ये सफलतापूर्वक हो भी जाएँ और उपरी लेयर को हार्डवेयर त्क्तिक में बदलाव कि खबर भी ना लगे।

ट्रांसपोर्ट लेयर ये भी निर्णय लेता है कि सेशन लेयर और अंत में उपयोगकर्ताओं को किस तरह की सर्विस देनी है।

ट्रांसपोर्ट लेयर के कार्य (Functions of transport layer in hindi)

सर्विस पॉइंट एड्रेसिंग (service point addressing in hindi)

ट्रांसपोर्ट लेयर का हेडर एक सर्विस पॉइंट एड्रेस रखता है जो कि पोर्ट एड्रेस होता है।

ये लेयर कंप्यूटर के एकदम सही प्रक्रिया का सन्देश पाटा है जो कि प्रत्येक पैकेट को सही कंप्यूटर में पहुंचाने में मददगार होता है। नेटवर्क लेयर में ऐसा नहीं होता। 

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सेगमेंटेशन और रिअसेम्बलिंग (segmentation and reassembly in hindi)

किसी भी सन्देश को सेग्मेंट्स में विभाजित कर दिया जाता है, सभी सेगमेंट के पास एक सीक्वेंस नम्बर होता है जो किसी भी मैसेज को वापस एक साथ अपने क्रम में करने यानी रिअसेम्बल करने में सहायता करता है।

मैसेज के पहुँचते ही उसे reassemble किया जाता है और ट्रांसमिशन में खोये हुए पचक्र्ट्स को भी रिप्लेस कर दिया जाता है।

कनेक्शन कण्ट्रोल (connection control in hindi)

ये दो तरह के होते हैं:

  1. कनेक्शनलेस ट्रांसपोर्ट लेयर– इसमें अभी सेगमेंट को एक लग स्वतंत्र पैकेट का दर्जा दिया जाता है और डेस्टिनेशन मशीन के ट्रांसपोर्ट लेयर को डिलीवर किया जाता है।
  2. कनेक्शन ओरिएंटेड ट्रांसपोर्ट लेयर– इसमें पैकेट को पहुचाने से पहले ही डेस्टिनेशन मशीन से सम्बन्ध या कनेक्शन स्थापित कर लिया जाता है।

फ्लो कण्ट्रोल (flow control in transport layer in hindi)

फ्लो कण्ट्रोल डाटा लिंक लेयर में डाटा को प्राप्त करने वाले डिवाइस को डाटा के अंदर congestion (जमाव) को पकड़ने में मदद करता है।

फिर वो सतह में उपर या नीचे सभी पड़ोसियों को इस बात से पहले ही आगाह कर देता है।

इसके बाद ये devices इस congestion कि सूचना को उपरी परत के प्रोटोकॉल को पहुंचा देते हैं ताकि डाटा का ट्रांसमिशन फिर से बहाल किया जा सके।

एरर कण्ट्रोल (error control in transport layer in hindi)

ट्रांसपोर्ट लेयर में end to end एरर कण्ट्रोल को परफॉर्म किया जाता है ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि जो ट्रांसपोर्ट लेयर इस मैसेज को प्राप्त करेगा उसे पूरा का पूरा मैसेज मिल सके।

एर्रोए करेक्शन को फिर से ट्रांसमिशन कर के ठीक किया जाता है।

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ट्रांसपोर्ट लेयर के प्रोटोकॉल्स (transport layer protocols in hindi)

ट्रांसपोर्ट लेवल पर दो प्रोटोकॉल्स होते हैं:

  1. ट्रांसमिशन कण्ट्रोल प्रोटोकॉल (TCP)
  2. यूजर डाटाग्राम प्रोटोकॉल (UDP)

टीसीपी क्या है? (tcp protocol in hindi)

ये एक reliable प्रोटोकॉल है जिसका मतलब ये हुआ कि प्राप्त करने वाला डेस्टिनेशन हमेशा देता पैकेट के बारे में पॉजिटिव या नेगेटिव सन्देश भेजता है जिस से संदर को इस बात का पता चल जाता है कि डाटा पैकेट ठीक से पहुँच गया है या नही।

अगर पॉजिटिव सन्देश आता है तो संदर आश्वस्त हो जाता है और अगर रिसीवर द्वारा नेगेटिव सन्देश आया तो डाटा पैकेट्स को फिर से भेजा जाता है।

टीसीपी के कुछ फीचर निम्न हैं:

  • ये इस बात को सुनिश्चित करता है कि रिसीवर उसी क्रम में डाटा को प्राप्त करे जिस क्रम में उसे भजा गया था।
  • ये एक कनेक्शन ओरिएंटेड प्रोटोकॉल है। जिसका मतलब ये हुआ कि डाटा के ट्रांसमिशन से पहले सोर्स और डेस्टिनेशन में कनेक्शन स्थापित होना जरूरी है नही तो ये काम नही करेगा।
  • ये एरर को चेक करने और डाटा को रिकवर करने के मैकेनिज्म भी देता है।
  • ये end to end संचार व्यवस्था स्थापित करता है और सर्विस कि गुणवत्ता के साथ-साथ फ्लो कण्ट्रोल कि सुविधा भी देता है।
  • ये क्लाइंट-सर्वर वाले पॉइंट टू पॉइंट मोड में ऑपरेट करता है।
  • सबसे महत्वपूर्ण बात कि ये फुल डुप्लेक्स सर्वर कि व्यवस्था करता है जिसका मतलब ये हुआ कि ये संदर और रिसीवर दोनों के ही रोल में फिट बैठता है।

यूडीपी क्या है? (udp protocol in hindi)

ये एक सिंपल ट्रांसपोर्ट लेयर संचार प्रोटोकॉल है जो जिसमे बहुत कम मात्र में कम्युनिकेशन मैकेनिज्म कि जरूरत होती है।

ये डिलीवरी के लिए IP सर्विस का इस्तेमाल करता है। इसमें संदर रिसीवर से किसी भी प्रकार के सन्देश कि अपेक्षा नही रखता जिसके कारण इसका प्रोसेसिंग काफी आसान हो जाता है। इसके कुछ और फीचर निम्न हैं:

  • जब सेंडर को रिसीवर से किसी भी प्रकार के acknowledgement की जरूरत नही हो तब यूडीपी का इस्तेमाल किया जाता है।
  • एक ही डायरेक्शन में फ्लो हो रहे डाटा के लिए यूडीपी सबसे अच्छा प्रोटोकॉल है।
  • ये सादा है और क्वेरी पर आधारित संचार को प्राथमिकता देता है। ये स्टेटलेस है।
  • ये डाटा को डिलीवर करने कि गारंटी नही देता यानि ये यह नही बताता कि डाटा रिसीवर तक पहुँच चुका है या नहीं।
  • ये VoIP या मुलती मीडिया स्ट्रीमिंग के लिए एक सूटेबल प्रोटोकॉल है।

(सम्बंधित लेख – यूडीपी और टीसीपी प्रोटोकॉल में अंतर)

इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

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मुलती डिवाइस बेटा क्या होता है?

Multi Device बेटा का मतलब क्या होता है? मल्टी–डिवाइस बीटा एक Opt-in Program है जो आपको Web, Dasktop और Portal के लिए WhatsApp के नए वर्जन को आजमाने के लिए अर्ली एक्सेस उपलब्ध कराता है। यह सर्विस व्हाट्सएप्प बीटा यूजर्स को अपने Account में 4 Device तक लिंक करने की अनुमति देता है।

मुलती डिवाइस बीटा को कैसे हटाये?

Android पर - अन्य ऑप्शन पर जाकर तीन डॉट पर टैप करें. -लिंक किए गए डिवाइस पर टैप करें. -मल्टी-डिवाइस बीटा पर टैप करें. -बीटा प्रोग्राम छोड़ें पर टैप करें.

व्हाट्सएप में लिंक्ड डिवाइस क्या है?

हाल ही में वॉट्सऐप ने लिंक्ड डिवाइस फीचर पेश किया था, जिससे यूज़र्स एक साथ 4 डिवाइस लिंक कर सकते हैं, औ एक साथ WhatsApp इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए आपको अपना फोन कनेक्टेड रखने की ज़रूरत नहीं होती है. लेकिन जैसे-जैसे चीज़ें आसान होती है, वैसे ही उसके साथ नए चैलेंज भी आते हैं.

क्या हम 2 डिवाइस पर व्हाट्सएप का उपयोग कर सकते हैं?

वेब, डेस्कटॉप और अन्य उपकरणों को अपने फ़ोन से लिंक करके WhatsApp का उपयोग करें. आप एक बार में अधिकतम चार लिंक किए गए डिवाइस और एक फ़ोन का उपयोग कर सकते हैं