मानव जीवन में सफलता की सीढ़ी क्या है? - maanav jeevan mein saphalata kee seedhee kya hai?

सफलता पाने के रोचक तथ्य

सफल लोग ऐसा क्या करते हैं? जिससे वह लगातार सफल होते चले जाते हैं और असफल लोग ऐसी कौन सी गलतियों को दोहराते हैं कि वह बार-बार असफल होते जाते हैं। असफलता का डर ही सफलता पाने में सबसे बड़ी बाधा है और लाइफ में सफल होने के लिए हर एक व्यक्ति को चाहिए वह अपनी गलतियों के दुखद अनुभवों से सीख लेकर आगे की ओर बढ़ जाए। ऐसी ही कुछ दिलचस्प सफलता के सूत्रों की आज बात करेंगे आपसे.......  

मानव जीवन में सफलता की सीढ़ी क्या है? - maanav jeevan mein saphalata kee seedhee kya hai?
सफलता की सीढ़ी कैसे चढ़ी जाए | how to climb the ladder of success

हेलो दोस्तों नमस्कार स्वागत है आपका! आज आप जानेंगे कि सफलता की सीढ़ी कैसे चढ़ी जाए, अगर आप भी सफल होना चाहते हैं तो आप सफल लोगों की लिस्ट में अपना नाम जोड़ सकते हैं और असफलता की सीढ़ी छोड़ सकते हैं। आज आपको हम बताते हैं कि जीवन में सफलता पाने के लिए आपको क्या-क्या करना होगा। 

आत्मविश्वास सफलता की पहली सीढ़ी-

सफलता की सीढ़ी चढ़ने के लिए सबसे पहला कदम होता है खुद में आत्मविश्वास क्योंकि आत्मविश्वास सफलता की कुंजी है। अब आप कहेंगे कि आत्मविश्वास को कैसे जगाया जाए? तो आत्मविश्वास को जगाने और कायम रखने के लिए ज्ञान की जरूरत होती है, क्योंकि जब आपको ज्ञान होगा तभी आप किसी विषय पर अपनी राय या जवाब दे सकते हैं। 

साधारण शब्दों में विस्तृत ज्ञान ही आत्मविश्वास पैदा करता है, और आप अपने ज्ञान के दम पर समाज में अपना अस्तित्व स्थापित करते हैं, जिससे आपके सफल होने के मार्ग खुलते चले जाते हैं और एक दिन आप सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंच जाते हैं। 

इसके साथ ही यह भी जानना बेहद जरूरी है कि आत्मविश्वास का सबसे बड़ा दुश्मन कौन है? तो इसका उत्तर है दुविधा, हमारा खुद का अहंकार और हमारी खुद की अज्ञानताही हमारे आत्मविश्वास का सबसे बड़ा शत्रु है।

लक्ष्य का चुनाव-

सही लक्ष्य का चुनाव कैसे करें? कई बार हम अपने दिन की शुरुआतआस-पास के माहौलसे प्रभावित होकर आप अपने लिए गलत लक्ष्य का चुनाव कर बैठते हैं। आप कुछ ऐसा चुन लेते हैं जो कि ना आपको समझ आता है और ना ही उसमें आपकी रूचि होती हैं। 

ऐसी स्थिति में आप आगे बढ़ने के बजाय पिछड़ते चले जाते हैं इसलिए यह आवश्यक है कि आप अपनी रुचि और समझ से जुड़ा क्षेत्र ही चुनें जिसमें आप बड़ी आसानी से धीरे-धीरे आगे बढ़ सकें और सफलता की सीढ़ी चढ़ सकें। 

लक्ष्य प्राप्ति- 

लक्ष्य प्राप्ति के लिए एकाग्रता जरूरी है। अभिरुचि और समझ के अनुसार आपने लक्ष्य तो निर्धारित कर लिया, लेकिन इसके बाद लक्ष्य को पाने के लिए आपके अंदर एकाग्रता का होना बहुत जरूरी है। आपकी नजर सिर्फ आपके कार्य को पूरा करने की तरफ ही होनी चाहिए। 

बिल्कुल अर्जुन की तरह गुरु द्रोणाचार्य ने जब अर्जुन से पूछा कि तुम्हें पेड़ पर क्या दिखाई दे रहा है? तब अर्जुन ने कहा कि मुझे चिड़िया की आंख ही दिखाई दे रही है. इस तरह की गहरी एकाग्रता ही सफल लोगों का एक खास गुण होता है। 

पूरी शक्ति लक्ष्य प्राप्ति में लगाना- 

आचार्य चाणक्य की नीति को अपना कर आप अपने लिए सफलता की राह खोल सकते हैं। उनकी नीति के अनुसार हमें जो भी कार्य करना है, वह पूरी ताकत से करना चाहिए। ठीक उसी प्रकार जैसे- कोई शेर अपना शिकार करता है चाहे शिकार जितना छोटा या बड़ा हो। 

हमें पूरी शक्ति लगाकर ही कार्य करना चाहिए तभी हमारी कामयाबी निश्चित होती हैं। कार्य में जरा-सा भी ढीलापन हुआ तो कामयाबी आपसे दूर हो जाएगी। आचार्य चाणक्य की नीति का अनुसरण करके आप अपनी पूरी शक्ति लक्ष्य प्राप्ति में लगाएंगे तो सफल होना स्वाभाविक ही है। 

अपने निर्णय स्वयं ले- 

सफल लोग अपने द्वारा उठाए गए हर कदम की जिम्मेदारी वे खुद ही लेते हैं। ऐसी प्रतिक्रिया से आपमें सतर्कता और सोच-विचार कर कार्य को अंजाम तक पहुंचाने के गुण विकसित हो जाते हैं जो सफलता की सीढ़ियां चढ़ने में मददगार साबित होते हैं। 

वहीं दूसरी और लोग अपने निर्णय जल्दबाजी में लिया करते हैं और अपेक्षा के विपरीत परिणाम आने पर उसका दोष दूसरों पर मढ देते हैं। उनका यही रवैया उन्हें सफल होने से रोकता है। 

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गलतियों को दोहराने से बचना-

अपनी गलतियों को दोहराने से बचना क्योंकी गलतियां हर इंसान से होती है, लेकिन विवेकशील इंसान अपनी गलतियों को न दोहरा कर बल्कि सफल होने के लिए अपनी गलतियों से बहुत कुछ सीख जाते हैं, और यह बहुत आवश्यक भी होता है। 

क्योंकि बार-बार गलती करते जाना असफलता की ओर ले जाता है और खुद के दुखद अनुभवों और गलतियों से सीख लेकर आगे की ओर बढ़ जाना ही सफल होने में मदद करता है। 

सफल लोगों की निशानी-

समय बेहद कीमती है और यह सफल लोगों की निशानी होती है। समय के हर क्षण का सही उपयोग करना समय की रफ्तार के साथ जो कदम मिलाकर चलता है, वह सफल जरूर होता है जबकि असफल लोग समय का महत्व नहीं समझते और आज के काम को कल, परसों पर टालते हैं उनकी यह प्रवृत्ति उन्हें असफलता की ओर ले जाती है।

सफल लोगों की संगत- 

सफल लोगों के अनुभव आपको सफलता की सीढ़ियां चढ़ने में काफी मददगार साबित हो सकते हैं। उनके जीवन की घटनाएं आपके जीवन में भी सही राह दिखाने में सहायक हो सकती है। इसलिए ऐसे लोगों की संगत अपनानी चाहिए, जो कि सफल हो।

और जिनका जीवन आपको प्रेरणा से भर देता अगर आपके पास ऐसे लोग मौजूद नहीं है तो आप सफल लोगों की जीवनी पढ़कर भी अपने लिए प्रेरणा अर्जित कर सकते हैं। सफल और असफल लोगों के बीच अंतर साधारण नहीं होता। बस कुछ छोटी-मोटी बातों का महत्वसमझ कर सफल बना जा सकता है 

और छोटी-छोटी नकारात्मक बातों को अनदेखा कर आगे सफलता की ओर भी बढ़ा जा सकता है। अभी आपको तय करना है कि आप किस राह पर कदम बढ़ाना चाहते हैं और किन लोगों में अपना नाम देखना चाहते हैं, सफल या असफल चुनाव आपका है।

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असफलता को सफलता में कैसे बदलें-

असफलता को सफलता में बदलने के लिए हमें एक नए दृष्टिकोण के साथ पूर्व में की गई गलतियों से सीखने की आदत विकसित करनी होगी। इसके लिए हमें हमारे विचारों का गहनता से मंथन करना होगा, साथ ही यह भी पता करने की कोशिश करनी होगी कि हमारी असफलता का आखिर क्या कारण था

असल में देखा जाए तो हम अपनी असफलता के लिए खुद ही जिम्मेदार होते हैं, लेकिन अगर हमें अपनी असफलता को सफलता में बदलना है तो इसकी ज़िम्मेदारी भी हमें ही उठानी होगी। 

आज जो सफल हैं, अपने शुरुआती दिनों में वे जरूर असफल रहे होंगे। उन्होने अपने असफलता के कारणों को खोज निकाला होगा और उन कारणों के निपटान के लिए कठिन संघर्ष के साथ नए-नए कौशल भी विकसित किए होंगे। वहीं आज के समय में अधिकांश लोग अपनी असफलता का दोष दूसरों पर मढ़ देते हैं जो कि घोर निंदनीय काम है। 

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अंत में-

थॉमस एडिसन को बल्ब का आविष्कार करने 100 से ज्यादा प्रयोग करने पड़े थे, तब जाकर उन्होने एक बल्ब बनाने में सफलता हांसिल की थी। अगर वे एक प्रयोग के बाद ही रुक जाते तो क्या आज हम जिस दुनिया में रहते हैं उसकी कल्पना की जा सकती थी। नहीं! 

थॉमस एडिसन ने अपना लक्ष्य निर्धारित किया था, और बार-बार असफल होने के बाद भी अपनी एकाग्रता नहीं खोई। जिस कारण वे अपने प्रयोग में सफल हो पाये और आज की दुनिया को रौशन कर दिया। तो असफल होना कोई बड़ी बात नहीं है, बल्कि असफलता मिलने पर भी अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्रता बनाए रखना ही सफलता की पहली सीढ़ी है। 

आशा है कि आपको इस "सफलता की सीढ़ी कैसे चढ़ी जाए" लेख ने सफलता पाने के लिए प्रेरित जरूर किया होगा। अगर आप चाहते हैं कि ऐसे ही लेख आपको आगे भी मिलते रहें तो हमारी वेबसाइट को subscribe करें, और यदि कुछ पूछना यह कहना चाहते हैं तो कृपया कमेंट में लिखें। साथ ही जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों और जरूरतमन्द लोगों के साथ share करना न भूलें। अभी तक इतना ही

धन्यवाद!

जय हिंद! जय भारत!


सफलता की सीढ़ी क्या है?

सफलता की सीढ़ी चढ़ने के लिए सबसे पहला कदम होता है खुद में आत्मविश्वास क्योंकि आत्मविश्वास सफलता की कुंजी है। अब आप कहेंगे कि आत्मविश्वास को कैसे जगाया जाए? तो आत्मविश्वास को जगाने और कायम रखने के लिए ज्ञान की जरूरत होती है, क्योंकि जब आपको ज्ञान होगा तभी आप किसी विषय पर अपनी राय या जवाब दे सकते हैं।

मनुष्य को सफलता कैसे मिलती है?

अपने जीवन में हमेशा उसी चीज को हासिल करने का लक्ष्य रखें, जिसे करने में आपकी रुचि भी हो। कई बार लोग सिर्फ लाभ कमाने के लिए ऐसा व्यवसाय चुन लेते हैं जिसमें उनकी जरा सी भी रुचि नहीं होती है। कारणवश, उन्हें बाद में नुकसान उठाना पड़ जाता है। इसलिए सफलता का सबसे पहला नियम यही है कि अपने पसंद के काम का चुनाव करें।

जीवन की सफलता की पहली सीढ़ी क्या है?

सफलता एक ऐसी सीढ़ी हैं जिसपे चढ़ना तो सभी चाहते हैं , मगर सब उसपर चढ़ने का तरीका नहीं जानते। अपने करियर को एक सही दिशा देना ही सफलता की पहली सीढ़ी है।

मनुष्य की सफलता का मुख्य आधार क्या है?

नि:संदेह प्रबल इच्छाशक्ति ही मनुष्य की सफलता का मुख्य आधार है। यह प्रत्येक व्यक्ति में विद्यमान है, बस उसे जागृत करने और विकसित करने की आवश्यकता है। आत्मसुधार या व्यक्तित्व का निर्माण इच्छाशक्ति पर ही निर्भर करता है। असफल होने के बाद भी प्रयास करते रहने की लगन ही इच्छाशक्ति का निर्धारण करती है।