मास्टर जी की आवाज अब कम ऊंची थी वे रेलगाड़ी के बारे में बता रहे थे मास्टर जी की आवाज़ धीमी क्यों हो गई होगी लिखिए? - maastar jee kee aavaaj ab kam oonchee thee ve relagaadee ke baare mein bata rahe the maastar jee kee aavaaz dheemee kyon ho gaee hogee likhie?

जब मास्टर जी रेलगाड़ी का पाठ पढ़ाने की मुद्रा में थे। वो ज़ोर-ज़ोर से बोल रहे थे, ताकि कक्षा का प्रत्येक विद्यार्थी पाठ को भली-भाँति सुन पाए, परन्तु जब वह बच्चों को समझाने की मुद्रा मे थे, प्रत्येक विद्यार्थी को इस विषय में सही व पूरी जानकारी प्राप्त हो, वह धीमी आवाज़ में समझाने लगें।

Solution : जब मास्टरजी ने बच्चों को .रेलगाड़ी. का पाठ पढ़ाना शुरू किया था, उस समय उनकी आवाज ऊँची थी, क्योंकि वे सभी बच्चों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर पाठ की। ओर उन्हें ध्यानमग्न करना चाहते थे। जिससे कक्षा में शोर न हो और सभी एकाग्रचित्त होकर पढ़ सकें। जब बच्चों का ध्यान पाठ की ओर लग गया और वे उनकी बात सुनने लगे। तब उनकी आवाज स्वतः ही धीमी हो गयी होगी।

मास्टर जी की आवाज़ अब कम ऊँची थी वे रेलगाड़ी के बारे में बता रहे थे मास्टर जी की आवाज धीमी क्यों हो गई होगी लिखिए?

' मास्टर जी की आवाज़ धीमी क्यों हो गई होगी? लिखिए। उत्तर : शुरुआत में मास्टर जी पाठ पढ़ाने की मुद्रा में थे इसलिए वो ऊँची आवाज़ में बात कर रहे थे परन्तु जब उन्हें लगा कि सब बच्चे उनके पाठ में ध्यानमग्न हो गए तब उन्होंने पाठ समझाने की मुद्रा अपनाई और अपनी आवाज़ को धीमा कर दिया।

मास्टर जी को गुस्सा क्यों आया?

'मास्टर जी की आवाज़ अब कम ऊँची थी। वे रेलगाड़ी के बारे में बता रहे थे ।

कंचे जब जार से निकल कर अप्पू के मन में समा जाते हैं तब क्या होता है?

कंचे जब जार से निकलकर अप्पू के मन की कल्पना में समा जाते हैं, तब क्या होता है? उत्तर:- कंचे जब जार से निकलकर अप्पू के मन की कल्पना में समा जाते हैं तो वह उनकी ओर पूरी तरह से सम्मोहित हो जाता है। उसे लगता है की जैसे कंचों का जार बड़ा होकर आसमान-सा बड़ा हो गया और वह उसके भीतर चला गया। वहाँ और कोई नहीं था।