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Question निम्न में से कौन सा/से मृदा निम्नीकरण के कारण हैं ?No worries! We‘ve got your back. Try BYJU‘S free classes today! No worries! We‘ve got your back. Try BYJU‘S free classes today! रासायनिक उर्वरकों का अधिक से अधिक उपयोग No worries! We‘ve got your back. Try BYJU‘S free classes today! Right on! Give the BNAT exam to get a 100% scholarship for BYJUS courses Solution The correct option is D उपर्युक्त सभीमृदा अपरदन, जल - जमाव, रासायनिक उर्वरकों का अधिक से अधिक उपयोग, निर्वनीकरण, अत्यधिक पशु चारण, एकल फसल उत्पादन, नगरीकरण, मरुस्थल का विकास, औद्योगिक एवं खनन गतिविधियाँ आदि मृदा निम्नीकरण के कारण के प्रमुख कारण हैं।Solution : मृदा-पृथ्वी के धरातल पर दानेदार कणों के आवरण की पतली परत मृदा कहलाती है। मृदा का प्रकार स्थल स्वरूप द्वारा निर्धारित होता है तथा मृदा का निर्माण चट्टानों से प्राप्त खनिजों एवं जैव पदार्थ तथा भूमि पर पाए जाने वाले | खनिजों से होता है। अपक्षय की प्रक्रिया द्वारा मृदा का निर्माण होता है। <br> मृदा निम्नीकरण रोकने तथा संरक्षण के उपाय-मानवीय तथा प्राकृतिक दोनों कारणों से मृदा का निम्नीकरण हो रहा है। मृदा के निम्नीकरण हेतु जिम्मेदार कारकों में वनोन्मूलन, अतिचारण, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग, वर्षादोहन, भूस्खलन, बाढ़ आदि प्रमुख हैं। मृदा संरक्षण की प्रमुख विधियाँ निम्न प्रकार हैं <br> (1) मल्च बनाना-इस विधि के अन्तर्गत पौधों के बीच अनावरित भूमि जैव पदार्थ जैसे प्रवाल से ढक दी जाती है। इस विधि से मृदा की आर्द्रता रुकी रहती है। <br> (2) वेदिका फार्म-इस विधि में चौड़े, समतल सोपान अथवा वेदिका तीव्र ढालों पर बनाए जाते हैं ताकि सपाट सतह फसल उगाने के लिए उपलब्ध हो जाए । इनसे पृष्ठीय प्रवाह और मृदा अपरदन कम होता है। <br> (3) समोच्चरेखीय जुताई-मृदा अपरदन रोकने की इस विधि में एक पहाड़ी ढाल पर समो प्य रेखाओं के समान्तर जुताई ढाल से नीचे बहते जल के लिए एक प्राकृतिक अवरोध का निर्माण करती है। <br> (4) रक्षक मेखलाएँ-मृदा संरक्षण की इस विधि में तटीय प्रदेशों और शुष्क प्रदेशों में पवन गति रोकने के लिए वृक्ष कतारों में लगाए जाते हैं ताकि मृदा आवरण को बचाया जा सके।<br> (5) समोच्चरेखीय रोधिकाएँ-समोच्च रेखाओं पर रोधिकाएँ बनाने के लिए पत्थरों, घास, मृदा का उपयोग किया जाता है। रोधिकाओं के सामने जल एकत्र करने के लिए खाइयाँ बनाई जाती हैं।<br> (6) चट्टान बाँध-यह जल के प्रवाह को कम करने में मदद करते हैं। यह नालियों की रक्षा करते हैं तथा मृदा की क्षति को रोकते हैं। <br> (7)बीच की फसल उगाना-इस विधि के अन्तर्गत वर्षा दोहन से मृदा को सुरक्षित रखने के लिए अलग-अलग समय पर भिन्न-भिन्न फसलें एकांतर कतारों में उगाई जाती हैं। Solution : जल अपरदन के साथ-साथ वनस्पति का निम्नीकरण तथा वायु अपरदन भी भारत में मरुस्थलीकरण के प्रमुख कारण हैं| भूमि निम्नीकरण : वह प्रक्रिया जिसमें भूमि खेती के अयोग्य बनती है। भूमि निम्नीकरण में जिम्मेदार तत्व : 1. खनन : यह भूमि निम्नीकरण का सबसे महत्वपूर्ण कारक है। (i) खनन के उपरांत खदानों वाले स्थानों को गहरी खाइयों और मलबे के साथ खुला छोड़ दिया जाता है। खनन के कारण झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उड़ीसा जैसे राज्यों में वनोन्मूलन भूमि निम्नीकरण का कारण बना है। (ii) खनिज प्रक्रियाएँ जैसे सीमेंट उद्योग में चूना पत्थर को पीसना और मृदा बर्तन उद्योग में चूने (खड़िया मृदा) और सेलखड़ी के प्रायेग से बहुत अधिक मात्रा में वायुमंडल में धूल विसर्जित होती है। 2. अति पशुचारण : गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और माराष्ट्र में अति पशुचारण भूमि निम्नीकरण का मुख्य कारण है। 3. जलाक्रांतता : पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में अधिक सिंचार्इ भूमि निम्नीकरण के लिए उत्तरदायी है। अति सिंचन से उत्पन्न जलाक्रांतता भी भूमि निम्नीकरण के लिए उत्तरदायी है जिससे मृदा में लवणीयता और क्षारीयता बढ़ जाती है। 4. औद्योगिकरण : पिछले कुछ वर्षो से देश के विभिन्न भागों में औद्योगिक जल निकास से बाहर आने वाला अपशिष्ट पदार्थ भूमि और जल प्रदूषण का मुख्य स्त्रोत है। उत्तर :प्रश्न विच्छेद
हल करने का दृष्टिकोण
मृदा निम्नीकरण एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या है। सामान्यत: कृषि, उद्योग और शहरीकरण के लिये मृदा का अवैज्ञानिक प्रबंधन और अनावश्यक इस्तेमाल के कारण मृदा गुणवत्ता में भौतिक, रासायनिक और जैविक रूप से गिरावट को ही मृदा निम्नीकरण कहा जाता है। मृदा मौलिक प्राकृतिक संसाधन है और समस्त धरातलीय जीवन का आधार है। अत: मृदा निम्नीकरण का निराकरण किया जाना जीवन के स्वस्थ रहने के लिये आवश्यक है। अतिरेक मृदा निम्नीकरण के तात्कालिक और दीर्घकालिक नुकसान हैं। यद्यपि मृदा निम्नीकरण प्राकृतिक रूप से भी होता है, तथापि मानवीय कारक मृदा निम्नीकरण के लिये प्रमुख रूप से उत्तरदायी हैं। इन कारकों को निम्नलिखित रूप से समझा जा सकता है-
सामाजिक प्रभाव
आर्थिक प्रभाव
उक्त समस्याओं का निराकरण वनीकरण में वृद्धि, जैविक कृषि को बढ़ावा, वैज्ञानिक कृषि को प्रोत्साहन, मृदा अम्लीकरण को रोकना आदि उपायों के द्वारा किया जा सकता है। निष्कर्षत: मृदा निम्नीकरण एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या है जिसे समाप्त करना जैविक समुदाय के हितों के संरक्षण हेतु आवश्यक है। समष्टिगत प्रयासों के साथ-साथ व्यष्टिगत प्रयासों के द्वारा इस चुनौती से निपटने के प्रयास करने होंगे। मृदा निम्नीकरण के प्रमुख कारण कौन कौन हैं?मृदा अपरदन, जल - जमाव, रासायनिक उर्वरकों का अधिक से अधिक उपयोग, निर्वनीकरण, अत्यधिक पशु चारण, एकल फसल उत्पादन, नगरीकरण, मरुस्थल का विकास, औद्योगिक एवं खनन गतिविधियाँ आदि मृदा निम्नीकरण के कारण के प्रमुख कारण हैं।
भारत में मृदा निम्नीकरण के मुख्य कारण क्या हैं?खनन : यह भूमि निम्नीकरण का सबसे महत्वपूर्ण कारक है। (i) खनन के उपरांत खदानों वाले स्थानों को गहरी खाइयों और मलबे के साथ खुला छोड़ दिया जाता है। खनन के कारण झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उड़ीसा जैसे राज्यों में वनोन्मूलन भूमि निम्नीकरण का कारण बना है।
मृदा निम्नीकरण से क्या आशय है Class 10?मृदा निम्नीकरण से तात्पर्य भूमि के उस निम्नीकरण से है, जिसमें मृदा यानी मिट्टी की उपजाऊ शक्ति कम हो जाती है और ऐसी मिट्टी वाली भूमि में कृषि कार्य करना बिल्कुल कठिन हो जाता है। मृदा निम्नीकरण के अनेक कारण होते हैं। इन मुख्य कारणों में अत्याधिक खनन, अति पशुचारण, जलाकृंतता, खरपतवार तथा औद्योगिकी गतिविधियां शामिल है।
मृदा निम्नीकरण का क्या अर्थ है?कृषि योग्य भूमि का ह्रास, जो कृषकों की आत्महत्या के लिये उत्तरदायी है।
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