मध्य प्रदेश राज्य के प्रतीक चिन्ह
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आज हम आप लोगों को मध्य प्रदेश राज्य के राजकीय चिन्ह या यूं कहें कि राजकीय प्रतीकों के बारे में बताएंगे। अगर आप मध्य प्रदेश के किसी भी कॉन्पिटिटिव या यूं कहें कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हो तो आप लोगों को यह जानकारी पता होना बेहद जरूरी है। और यह आपकी आने वाले एग्जाम की दृष्टि से आप लोगों को काफी हेल्पफुल साबित हो सकते हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने मध्य प्रदेश की स्थापना दिवस की 25 वीं वर्षगांठ पर 1 नवंबर 1981 राज्य पक्षी पशु और वृक्ष आदि की घोषणा की है। कि यह मध्य प्रदेश के राजकीय चिन्ह कहलाएंगे। Madhya Pradesh Rajkiya Chinh और फिर बाद में राज्य खेल राज्य मछली आदि आदि नामों को घोषित किया और इन्हें राजकीय चिन्हों या यूं कहें कि प्रतीकों का दर्जा दिया गया है। तो मध्य प्रदेश राज्य के प्रतीक चिन्ह इस प्रकार निम्नलिखित है:- मध्य प्रदेश का राज चिन्हराज्य की स्थापना के बाद मध्य प्रदेश के राजकीय चिन्ह को अपनाया है और उसमें भारत के राजकीय चिन्ह और स्थानीय विशेषताओं दोनों को ध्यान में रखकर राज्य के राज चिन्ह को इस प्रकार डिजाइन किया गया है। मध्य प्रदेश का राज चिन्हमध्य प्रदेश के राजकीय चिन्ह में सबसे बाहरी भाग पर 24 स्तूप आकृति है, इसके बाद एक व्रत है जोकि तरक्की और विकास की असीम संभावनाओं का प्रतीक के रूप में व्यक्त किया है।इसके बाद इस व्रत के अंदर मध्यप्रदेश शासन और सत्यमेव जयते उत्कीर्ण है।और इसके साथ में मध्यप्रदेश की प्रमुख फसलें जैसे कि गेहूं और धान की बालियों को भी दर्शाया गया है। और केंद्रीय औरतों में अशोक स्तंभ की सिंह आकृति को सुनहरे रंग में और बरगद के पेड़ को गेरुआ रंग में दर्शाया गया है। Madhya Pradesh Ke Rajkiya Pratik Chinh प्रदेश राज्य का राजकीय पशुमध्य प्रदेश का राजकीय पशु बारहसिंगा है। यह हिरण की एक प्रजाति है, जोकि बहुत दुर्लभ प्रजातियों में से एक है यह सिर्फ मध्य प्रदेश के नेशनल पार्क कान्हा किसली में पाया जाता है। मध्य प्रदेश का राजकीय पशु बारहसिंगाबारहसिंघा को दलदल का मृग के नाम से भी जाना जाता है।बारहसिंगा का सबसे विलक्षण अंग है क्योंकि इसके सिंगों की संख्या 10 से लेकर 14 या इससे अधिक शाखाओं शाखाओं में बटी होती है। इसी के कारण ही इससे बारहसिंगा कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम रूसवरस डूआउसेली ( Rucervus Duvaucelii ) है। प्रजाति – ब्रेडरी प्रजाति यह सरविडी फैमिली का जीव है। मध्यप्रदेश का राजकीय पक्षीदूधराज या दूधराज पक्षी को मध्य प्रदेश का राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया है इस पक्षी को शाह बुलबुल, पैराडाइज फ्लाईकैचर, अलावा भी उसको टिटैनी महारैनी आदि नामों से भी जाना जाता है। मध्यप्रदेश का राजकीय पक्षी दूधराजयह एक सुंदर पक्षी है जिसकी पहचान सफेद और काली कल आएंगे और लहराती सफेद पूल से हैं इसकी पूछ काफी ज्यादा लंबी होती है और यह अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग कलर में पाए जाते हैं यह सबसे अधिक मालवा क्षेत्र में पाए जाते हैं। दूधराज का वैज्ञानिक नाम तपसी टरपसी पैराडाइसी है। मध्यप्रदेश की राजकीय मछलीमहाशीर मछली को मध्यप्रदेश के राज्य मछली घोषित किया गया है। महाशीर मछली जो प्रदूषण रोकने और पानी को स्वच्छ रखने में काफी हेल्प करती है। मध्यप्रदेश की राजकीय मछली महाशीरयह मध्यप्रदेश की नर्मदा नदी में प्रमुख रूप से पाई जाती है। उसका वैज्ञानिक नाम टोर-टोर है। घोषित 2011 मध्य प्रदेश का राजकीय पुष्पलिली को मध्य प्रदेश का राजकीय पुष्प फूल घोषित किया गया है।इसको सफेद लिली भी कहा जाता है और यह लिली ऐसी फैमिली का एक मेंबर है जो एक प्रकार का साथी होते हैं जो किसकी आकृति और सुंदरता के कारण प्रसिद्ध है। इसका तना काफी ऊंचा होता है। मध्य प्रदेश का राजकीय पुष्प सफेद लिलीइसका उपयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है। मध्य प्रदेश का राजकीय वृक्षबरगद को मध्य प्रदेश का राज्य वृक्ष या पेड़ घोषित किया गया है। बरगद को वट बड वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है। मध्य प्रदेश का राजकीय वृक्ष बरगदयह मौर्य स्कूल से संबंधित है इसका वैज्ञानिक नाम फाइकस वेनगैलेसिस है।बरगद एक दीर्घ जीवी विशाल वृक्ष है हिंदू परंपरा में इसे पूज्य माना जाता है। इसका उपयोग औषधियों में भी किया जाता है। मध्यप्रदेश का राजकीय फसलसोयाबीन को मध्यप्रदेश का राजकीय फल घोषित किया गया है।क्योंकि मध्य प्रदेश में सोयाबीन का सर्वाधिक उत्पादन भारत का लगभग 80% होता है इसलिए एमपी को सोया स्टेट भी कहा जाता है। पूरे भारत में सोयाबीन का उत्पादन में मध्य प्रदेश का पहला नंबर है। मध्यप्रदेश का राजकीय फसल सोयाबीनसोयाबीन एक तिलहनी फसल है। इसका वैज्ञानिक नाम ग्लाइसिन मैक्स है। मध्यप्रदेश का राजकीय खेलमलखंब को मध्य प्रदेश का राजकीय खेल घोषित किया गया है।मध्य प्रदेश सरकार ने इससे 9 अप्रैल 2013 में राजकीय खेल होने का दर्जा दिया।इस खेल में मध्य प्रदेश सरकार प्रभाश जोशी अवार्ड देती है। मध्यप्रदेश का राजकीय खेल मलखंबImage Credit : hi.wikipedia.org यह खेल एक मैदान में बंबू खंबा गाड कर किया जाता है। यह खेल बहुत ही ज्यादा फुर्तीलापन का होता है क्योंकि इसमें खंबे के ऊपर रहकर विभिन्न तरह के करतब दिखाने पड़ते हैं। इस खेल में खिलाड़ी के पूरे शरीर का व्यायाम हो जाता है। मध्यप्रदेश का राजकीय नाट्यमाच (माचा ) मध्य प्रदेश का राजकीय नाट्य घोषित किया गया है। इसकी प्रस्तुति है खुले मैदान में और ऊंचे स्थान पर दी जाती है जिसके कारण मैदान में बैठे सारे लोग उसे देख सके। इस नाट्य में ढोलक तथा सारंगी का महत्वपूर्ण वाद्य है। आसानी से यह नाट्य मालवा क्षेत्र में किया जाता है। मध्यप्रदेश का राजकीय नाट्य माचImage Credit : Youtube यह नाट्य पौराणिक गाथा और संस्कृति पर आधारित है। इसका उद्गम स्थल उज्जैन माना जाता है। मध्यप्रदेश का राजकीय नृत्यराय राई को मध्य प्रदेश का राजकीय लोक नृत्य घोषित किया गया है। यह नृत्य एमपी के मुंडन का क्षेत्र में सबसे ज्यादा प्रचलित और फेमस है इस नृत्य में मुख्य नर्तकी को बेड़नी कहा जाता है। मध्यप्रदेश का राजकीय नृत्य राय, राईImage Credit : Patrika.com जो किस नृत्य की मेन किरदार होती है। इस नृत्य का आयोजन ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों के जन्म और विवाह के अवसरों पर किया जाता है। मध्य प्रदेश की राजकीय नदीनर्मदा नदी को मध्य प्रदेश की राजकीय नदी माना जाता है क्योंकि नर्मदा नदी मुख्य रूप से मध्यप्रदेश में ही बहती है। नर्मदा नदी मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी नदी है। इसका उद्गम स्थल अनूपपुर जिले में स्थित अमरकंटक क्षेत्र है। इससे मध्य प्रदेश की जीवन रेखा भी कहा जाता है। मध्य प्रदेश की राजकीय नदी नर्मदा नदीनदी की कुल लंबाई 1312 किलोमीटर है जिसमें से मध्यप्रदेश में यह नदी 1077 किलोमीटर बहती हुई निकलती है। मध्यप्रदेश का राजकीय फलआम को मध्य प्रदेश का राजकीय फल भी घोषित किया गया है।जिस का वैज्ञानिक नाम मेगीफेरा इंडिका है। आम का उत्पादन मध्य प्रदेश में सर्वाधिक जबलपुर रीवा कटनी सतना बालाघाट जिले में होती है। एमपी के जबलपुर जिले को आम का जिला भी कहा जाता है। मध्यप्रदेश का राजकीय फल आमImage Credit : thebetterindia.com मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में नूरजहां किस्म की आम पाई जाती है इसका वजन 3 से 4 किलो तक का हो सकता है यह आम कट्ठीवाड़ा नामक क्षेत्र में पाई जाती है इसकी कीमत 700 से लेकर 1200 तक होती है यह बहुत ज्यादा स्वादिष्ट होती है। मध्यप्रदेश का राजकीय गानसुख का दाता सब का साथी, शुभ का यह संदेश है, मां की गोद पिता का आश्रय मेरा मध्यप्रदेश है, यह मध्य प्रदेश का राजकीय गान है। इसके रचयिता महेश श्रीवास्तव है। जो कि एक वरिष्ठ पत्रकार है। और इस गान को लयबद्ध सुनील झा ने किया है। मध्यप्रदेश में यूनेस्को धरोहर में शामिल स्थान : खजुराहो – 1986 सांची – 1989 भीमबेटका – 2003 मांडू – प्रस्तावित
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People Also Ask || Frequently Asked QuestionsMadhya Pradesh Ka Rajkiya Pashu Kya Hai?Mp Ka Rajkiy Pashu Barah-Singa Hai. Madhya Pradesh Ka Rajkiya Pashu Kaun Sa HaiBarahsinga Hai Mp Ka Rajkiya Pashu. Madhya Pradesh Ka Rajkiya Pakshi Konsa HaiMp Ka Rajkiya Pakshi dudhraj Hai. मध्य प्रदेश का राजकीय चिन्ह कौन सा हैमध्य प्रदेश के राजकीय चिन्ह में एक व्रत है और व्रत के अंदर बरगद का पड़े है और अशोक स्तम्भ को दर्शाया गया है। मध्यप्रदेश का राजकीय खेल क्या हैमध्य प्रदेश का राजकीय खेल मलखंभ है। मध्य प्रदेश की राजकीय फसल कौन सी है?मध्यप्रदेश की राजकीय फसल सोयाबीन है। MP का राज्य पशु कौन सा है?मध्य प्रदेश का राजकीय पशु "बारासिंघा" या दलदल हिरण।
मध्यप्रदेश का राजकीय प्रतीक क्या है?o मध्यप्रदेश सरकार का राजकीय मछली (MP Ki Rajkiya Fish) महाशीर है जिसका वैज्ञानिक नाम टोर-टोर है। o महाशीर मछली पानी को स्वच्छ रखने और प्रदूषण को रोकने में मदद करती है। o इस मछली को स्पोर्ट्स फिश के नाम से भी जाना जाता है।
मध्यप्रदेश का राजकीय नाटक कौन सा है?माच (माचा ) मध्य प्रदेश का राजकीय नाट्य घोषित किया गया है।
मध्य प्रदेश का राजकीय फूल कौन सा है?मध्य प्रदेश का राजकीय फूल सफेद लिली है।
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