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एमआरआई के लिए प्रतीकात्मक तस्वीर.क्या सचमुच एमआरआई (MRI Scan) सेहत के लिए खतरनाक है? क्या इस टेस्ट (Diagnosis) से सेहत पर बुरा असर पड़ता है? इस टेस्ट के दौरान चक्कर (Dizziness) क्यों आते हैं? एमआरआई के बारे में ज़रूरी बातें जानें.
क्या एमआरआई टेस्ट (MRI Test) में जान का खतरा हो सकता है? ये सवाल इसलिए प्रासंगिक हो गया है क्योंकि हरियाणा (Haryana) के पंचकूला (Panchkula) से खबर है कि एक बुज़ुर्ग एमआरआई टेस्ट के दौरान सांस अटकने की तकलीफ के चलते अपने बेल्ट तोड़कर मशीन (Body Scan Machine) से बाहर निकला और उसका दावा है कि वह कुछ सेकंड और मशीन में रहता तो उसका दम घुट सकता था. इस खबर से पहले भी इस तरह की एकाध खबर आ चुकी है कि एमआरआई टेस्ट के दौरान मरीज़ की जान पर बन आई हो. ये भी पढ़ें : Howdy Modi: पाक मीडिया के गले नहीं उतरी भारत की इमेज पहले तो ये जानें कि ये एक टेस्ट है जो शरीर के भीतर की संरचना की तस्वीरों (Images) के ज़रिए रोग को पहचानने में मदद करता है. इसे आप एक्स-रे (X-Ray) के अगले वर्जन के तौर पर समझ सकते हैं लेकिन चूंकि यह तकनीकी तौर पर ज़्यादा उपयोगी और बहुत कम नुकसानदायक है. ये सीटी स्कैन (CT Scan) से भी बेहतर तकनीक है और इसे बॉडी स्कैन (Body Scan) के नाम से भी जाना जाता है. एमआरआई जांच किसी एक अंग से लेकर पूरे शरीर तक की हो सकती है. इस टेस्ट को लेकर मेडिकल साइंस (Medical Science) क्या कहता है, इसके साथ ही ये भी जानें कि इसके खतरे क्या हो सकते हैं और सावधानियां क्या हैं. क्या इस टेस्ट के दुष्परिणाम हैं? क्या एमआरआई के कुछ जोखिम हैं? ज़रूरी जानकारियों, सूचनाओं और दिलचस्प सवालों के जवाब देती और खबरों के लिए क्लिक करें नॉलेज@न्यूज़18 हिंदी मेडिकल साइंस का अब तक का दावा है कि सामान्य स्थिति में MRI टेस्ट के कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते.ऐसे में स्कैनर के भीतर जाने से पहले अगर आप किसी किस्म की धातु पहनकर या कपड़ों में रखकर मशीन में प्रवेश करते हैं, तो उसके खतरे हो सकते हैं. मैगनेटिक फील्ड पैदा करने वाली इस मशीन में अगर कोई धातु संपर्क में आकर गर्म होती है, करंट पैदा करती है या खिंचाव पैदा करती है, तो ऐसी किसी स्थिति में मरीज़ को जानलेवा खतरे हो सकते हैं. इसलिए हिदायत दी जाती है कि आप मशीन में जाने से पहले कोई भी धातु या चुंबकीय क्षेत्र से प्रभावित होने वाली चीज़ न पहनें. साइड इफेक्ट्स और समय चक्कर क्यों आते हैं? ये सावधानियां ज़रूर
बरतें ये भी पढ़ें इन राज्यों के सीएम पाते हैं देश के प्रधानमंत्री से भी ज़्यादा सैलरी ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Health, Health Explainer, Medical, Medical testing, Science FIRST PUBLISHED : September 23, 2019, 16:44 IST MRI में क्या पता चलता है?एमआरआई टेक्नोलॉजी में ताकतवर चुंबकीय और रेडियो तरंगों का इस्तेमाल किया जाता है ताकि शरीर में प्राकृतिक रूप से मौजूद चुंबकीय तत्वों के सामंजस्य से अंदरूनी अंगों की तस्वीर ली जा सके। इस तकनीक से ली गई तस्वीरें अब तक इस्तेमाल की जा रही अन्य पद्धतियों से कहीं बेहतर नतीजे देती है।
MRI में कितना खर्च आता है?ये रेडिएशन के बजाए मैग्नेटिक फील्ड पर काम करता है. इसलिए एक्स रे और सीटी स्कैन से अलग है.
एम आर आई जांच कितने की होती है?चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग यानि मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग (magnetic resonance imaging) एक चिकित्सा इमेजिंग तकनीक है जो कि आपके शरीर में अंगों और ऊतकों की विस्तृत छवियां बनाने के लिए चुंबकीय क्षेत्र और कंप्यूटर से उत्पन्न रेडियो तरंगों का उपयोग करती है। यह एक्स-रे (विकिरण) का उपयोग नहीं करता है।
MRI कितने प्रकार की होती है?मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) एक प्रकार का स्कैन है जो शरीर के अंदर की विस्तृत छवियों का उत्पादन करने के लिए मजबूत चुम्बकीय क्षेत्र और रेडियो तरंगों का उपयोग करता है। एमआरआई स्कैनर एक बड़ी ट्यूब होती है जिसमें शक्तिशाली चुम्बक लगे होते हैं। आप स्कैन के दौरान इस ट्यूब के अंदर लेटते हैं।
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