नाभि पर किस करने से क्या होता है? - naabhi par kis karane se kya hota hai?

Navel Sliding Symptoms And Home Remedies: दादा-दादी या नाना-नानी को आपने ये बोलते हुए जरूर सुना होगा कि नाभि खिसक जाती है. कुछ लोग इसे गोला खिसकना भी बोलते हैं. बहुत सारे लोगों को आपने ये कहते हुए सुना होगा कि इस काम को करने से नाभि खिसक गई है. इसमें नाभि यानी नाड़ी अपने स्थान से ऊपर या नीचे की ओर खिसक जाती है. कई बार भारी वजन उठाने, अचानक झुकने, सीढ़ियां चढ़ने, एकदम से मुड़ने या ज्यादा तेल मसाले वाला खाना खाने से नाड़ी खिसक जाती है. इसके बाद आपको पेट से जुड़ी परेशानी हो सकती है. नाभि खिसकने से पेट दर्द, घबराहट, जी मिचलाने, दस्त और उल्टी की समस्या होने लगती है. जानते हैं कैसे पता करें कि आपकी नाभि खिसक गई है और क्या हैं इसके लिए घरेलू उपाय. 

नाभि खिसकने के लक्षण

1- नाभि नीचे की ओर खिसक जाती है तो आपको दस्त और पाचन में गड़बड़ी हो सकती है.
2- अगर नाभि ऊपर की और खिसक जाती है तो उल्टी आना, जी मिचलाना, घबराहट या कब्ज की समस्या होने लगती है.
3- अगर नाभि आगे-पीछे खिसक जाती है तो इससे पेट दर्द होने लगता है.
4- कई बार महिलाओं की नाभि खिसकने पर पीरियड्स में देरी या जल्दी हो सकती है. 
5- नाभि खिसकने पर पेट और मांसपेशियों में मरोड़ महसूस होती रहती है.

इस तरह पता करें कि नाभि खिसकी है या नहीं

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⦁ अगर आपको ये जानना है कि आपकी नाभि खिसक गई है या नहीं तो, इसके लिए नाभि से पैर के अंगूठे की दूरी नाप लें. सबसे पहले पीठ के बल सीधा लेट जाएं. अब किसी धागे या रस्सी से नाभि से लेकर पैर के अंगूठे की दूरी नापें. अगर नाभि से लेकर दोनों पैरों के अंगूठों की दूरी में अंतर है, तो ये नाभि खिसकने के संकेत हैं.
⦁ एक और तरीका है कि आपकी नाभि खिसकी है या नहीं. इसके लिए पीठ के बल लेट जाएं और हाथ के अंगूठे से नाभि को दबाकर देखें. अगर अंगूठे से आपकी नाभि में धड़कन महसूस हो रही है तो समझो नाभि सही जगह पर है नहीं तो खिसक गई है. 

नाभि खिसकने के घरेलू उपाय

1- नाभि खिसकने पर आप मालिश के जरिए उसे सही जगह पर ला सकते हैं. आप ऐसा किसी बड़े बुजुर्ग से ही करवाएं, जिसे इसका अनुभव हो. कई विशेषज्ञ भी मसाज के जरिए एक्युप्रेशर पॉइंट्स को दबा कर इसे ठीक कर देते हैं. 

2- दूसरा उपाय है कि आप सीधे जमीन पर लेट जाएं. अब एक आटे का दीया लें और उसमें तेल डालकर जला लें. अब इस दीए को नाभि के बीच में रख लें और ऊपर से एक कांच का गिलास उल्टा करके पेट पर हल्का सा दबाव डालते हुए टाइट करके रखें, जिससे हवा बाहर न आएं. अब दीये के भीतर बन रही भाप से गिलास चिपक जाएगा. अब इसे हल्के हाथ से उठाएं. ऐसा करने पर त्वचा भी ऊपर उठेगी. इससे नाभि अपनी सही जगह पर आ जाएगी. 

3- नाभि खिसकने पर आप योग के जरिए भी राहत पा सकते हैं. अगर आपको लग रहा है कि नाभि खिसक गई है तो भुजंगासन, वज्रासन, मकरासन मत्स्यासन, चक्रासन और धनुरासन कर सकते हैं. इससे आराम मिलेगा.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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नाभि पर किस करने से क्या होता है? - naabhi par kis karane se kya hota hai?

आयुर्वेद के अनुसार नाभि पर तिल का तेल (Sesame Oil) लगाने से आप जोड़ों के दर्द में काफी हद तक राहत पा सकते हैं.

खास बातें

  • जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में कारगर है तिल का तेल.
  • इंफेक्शन से बचने के लिए रोज रात को नाभि पर तिल का तेल लगाकर सोएं.
  • तिल का तेल लगाने से सर्दी जुकाम में बहुत हद तक राहत मिलती है.

Applying Sesame Oil to Navel : यह सभी जानते हैं कि बचपन से ही नानी और दादी हमारी नाभि पर तेल लगाती रही हैं. दरअसल, बुजुर्गों को पहले से ही पता है कि नाभि पर तेल लगाने के कितने ज्यादा फायदे हैं. तभी तो बचपन में बच्चे की मालिश करते हुए उसकी नाभि में तेल जरूर लगाया जाता है. वहीं आयुर्वेद में भी कई छोटी-बड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए नाभि पर तेल लगाने की सलाह दी जाती रही है. इसे बैली बटन थेरेपी (belly button therapy in ayurveda) भी कई जगह कहा जाता है. सच तो ये है कि नाभि को शक्ति का केंद्र बिंदु माना गया है. कहते हैं कि इससे हमारे शरीर की कई तंत्रिकाएं आपस में जुड़ी हुई हैं. इसलिए नाभि पर तेल डालने से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की कई तरह की समस्याओं में आराम मिलता है. कुछ लोग नाभि पर सरसों का तेल, कुछ घी तो कुछ लोग नारियल का तेल डालना पसंद करते हैं, जैसे कि उनके घर के बुजुर्गों ने किया होता है. पर आज हम आपको नाभि पर तिल का तेल (Sesame Oil) डालने के ऐसे ऐस फायदे बताएंगे, जिन्हें जानकर आप हैरान हो जाएंगे. 

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नाभि पर तिल का तेल लगाने के फायदे  | Applying Sesame Oil on Belly Button Benefits

यह सत्य है कि आयुर्वेद में तिल के तेल को सबसे सर्वोश्रेष्ठ माना गया है. तिल का तेल (Sesame Oil) कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में बेहद ही कारगर है. आयुर्वेद के मुताबिक तिल के तेल की तासीर बेहद ही गर्म होती है. यह सर्दी-जुकाम को दूर करने, जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में बेहद ही लाभदायक है. अगर आप इसका सही से इस्तेमाल करते हैं, तो आप बहुत ही जल्दी कई दर्द से राहत पा सकते हैं.  

नाभि पर किस करने से क्या होता है? - naabhi par kis karane se kya hota hai?


 जोड़ों के दर्द में मिलेगा आराम  (joint pain oil)


सर्दियों में ज्यादातर लोग जोड़ों में दर्द की समस्या से परेशान रहते हैं. जोड़ों में दर्द होने पर हमारी रोजमर्रा के कार्य प्रभावित होने लगते हैं. जैसे- खड़े होना, बैठना, चलना और झुकना वगैरह करने में सक्षम नहीं रह पाते हैं. ऐसे में अगर आप नाभि पर तिल का तेल लगाने से जोड़ों में दर्द की समस्या को दूर कर सकते हैं. आयुर्वेद में नाभि पर तिल का तेल (Sesame Oil) लगाने से आप जोड़ों के दर्द में काफी हद तक राहत पा सकते हैं.

नाभि पर किस करने से क्या होता है? - naabhi par kis karane se kya hota hai?

वात दोष में है कारगर 


आयुर्वेद में तिल के तेल को अहम स्थान रहा है हमेशा ही. तिल के तेल का उपयोग खाने, मालिश करने और नाभि पर डालने के लिए सबसे ज्यादा किया जाता रहा है. नाभि पर तिल का तेल लगाने से शरीर में अगर वात दोष बढ़ा हुआ है तो वह शांत (vat dosh ke lakshan) होता है. इससे मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द से संबंधित समस्याएं काफी हद तक की जा सकती हैं. रात को नाभि पर तिल का तेल (Sesame Oil) लगाने से कुछ दिनों में वात दोष से आपको जरूर राहत मिल सकती है. 

 संक्रमण से बचाता है (how to prevent infection) 


बहुत से लोग हैं, जो हमेशा ही नाभि की सफाई करना भूल जाते हैं. ऐसे में नाभि पर मैल, गंदगी और कई तरह के बैक्टीरिया जमा होने लगते हैं.  इससे नाभि पर संक्रमण होने का खतरा भी काफी हद तक बढ़ जाता है. ऐसे में आप इंफेक्शन से बचने के लिए रोज रात को नाभि पर तिल का तेल लगाकर सोएं. इससे नाभि में जमा गंदगी निकल धीरे धीरे निकल जाएगी और संक्रमण से भी काफी हद तक बचाव होगा है.

सर्दी-जुकाम में आराम (how to get rid from cold and cough)


दरअसल, नाभि एक ऐसा केंद्रीय बिंदु है जिससे शरीर की कई तंत्रिकाएं जुड़ी हुई हैं. ऐसे में नाभि पर रोजाना तिल का तेल लगाने से सर्दी-जुकाम या खांसी की समस्या को भी काफी हद तक दूर किया जा सकता है. तिल के तेल की तासीर गर्म होती है, इससे सर्दी जुकाम में बहुत राहत मिलती है. 

ये है नाभि पर तिल का तेल लगाने का सही समय और तरीका (how to apply sesame oil on belly button)


तिल की तासीर में गर्म होती है, इसलिए सर्दियों में इस तेल (Sesame Oil) से नाभि की मालिश करना बेहद ही फायदेमंद है. नाभि पर रात को तेल लगाना अधिक लाभदायक भी  माना गया है.  ऐसा करने से रातभर नाभि पर तेल लगा रहता है, इससे नाभि तेल को अच्छे से सोख लेती है. इसके लिए आप नाभि पर 3-4 बूंदें तिल के तेल की डाल लें. ऐसा रोजाना करने से आपको काफी हद तक लाभ मिलेगा.

नाभि में उंगली करने से क्या होता है?

न्यूयॉर्क। यदि आपने कभी अनजाने में अपनी नाभि पर उंगली फेरी हो तो जरूर महसूस किया होगा कि इसका प्रभाव पेशाब आने की ओर महसूस होता है। शायद यही कारण है कि कुछ लोग तो नाभि पर उंगली फेरने के बाद ही शौचालय की ओर रूख कर लेते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्हे पेशाब आ रहा हैं।

स्त्री की नाभि क्या होती है?

नाभि जिसे अंग्रेजी में बेली बटन कहते हैं पेट पर एक गहरा निशान होती है, जो नवजात शिशु से गर्भनाल को अलग करने के कारण बनती है। सभी अपरा संबंधी स्तनपाइयों में नाभि होती है। मनुष्‍यों में यह काफी स्पष्ट होती है। नाभि, पेट पर एक महत्वपूर्ण निशान होती है, क्योंकि उसकी स्थिति इंसानों में अपेक्षाकृत समान होती है।

नाभि में रुई कहाँ से आती है?

हम जो कपड़े पहनते हैं वह रुई के होते हैं और बार-बार घर्षण लगने के कारण वह रुई हमारी नाभि में जाती है।

महिलाओं की नाभि कितने प्रकार की होती है?

स्‍त्रियों की लंबवत व वक्रीय नाभि के बारे में.
स्त्रियों की गोलाकार नाभि गोलाकार नाभि वाली महिलाएं जमीन से जुड़ी महिलाएं होती हैं। ... .
नाभि अंदर की ओर अधिक धंसी कई स्त्रियों की नाभि अंदर की ओर अधिक धंसी होती है ऐसी ही नाभि को गहरी नाभि कहा जाता है। ... .
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स्त्रियों की समतल नाभि.