साइटिका की समस्या के पैदा होने की यूं तो कई वजह होती हैं। लेकिन डॉक्टर अमोद बताते हैं कि इस दर्द की मुख्य वजह स्लिप डिस्क होती है। आपको बता दें कि हमारी रीढ़ की हड्डी में बहुत सी हड्डियां होती हैं और इसके आगे एक डिस्क होती है, जिसे आप किसी कुशन की तरह समझ सकते हैं। इसकी वजह से हम आसानी से कमर को मोड़ सकते हैं। Show लेकिन जब यह डिस्क अपनी जगह से हिल जाती हैं तो इसके पीछे निकलने वाली नसों पर दबाव पड़ने लगता है। अब यह नस जहां तक जाती हैं वहां तक साइटिका का दर्द हो सकता है। लेकिन ऐसा नहीं है कि साइटिका के दर्द का केवल यही कारण है। इसकी कई वजह हो सकती हैं जो कुछ इस प्रकार हैं। धूम्रपान-खराब लाइफस्टाइल बनते हैं साइटिका का कारण
आमतौर पर लोगों को लगता है कि साइटिका की स्थिति के बारे में जानने के लिए उन्हें एक्सरे कराना होगा। जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। एक्सरे दूसरी कई समस्या में काम आ सकता है। लेकिन साइटिका के बारे में सही जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको MRI ही करवाना होता है। साइटिका दर्द के लक्षण, कारण और उपायSciatica Pain: साइटिका दर्द के लक्षण, कारण और उपाय साइटिका से जुड़े भ्रम और सचसाइटिका के दर्द को लेकर राहत की बात यह है कि यह तीन महीने के अंदर-अंदर ठीक भी हो सकती है। हालांकि कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि साइटिका की स्थिति में केवल सर्जरी ही एक विकल्प होता है। जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है क्योंकि इस स्थिति में महज 1 प्रतिशत लोगों को ही सर्जरी की जरूरत पड़ती है। बाकि अन्य साधारण उपाय से भी ठीक हो जाते हैं। गर्म या ठंडी, दर्द और सूजन को दूर करने लिए कौन सी सिकाई है बेहतर, जानें इनके प्रकार और इलाज का सही तरीका साइटिका का उपचार का तरीकासाइटिका के दर्द से राहत दिलाने और इसे हील करने के लिए डॉक्टर आपको कई तरह की पेन किलर दवाओं का सेवन करने की सलाह दे सकते हैं। इन दवाओं से आपको काफी हद तक आराम मिल सकता है। पेन किलर दवाओं का असर ना होने पर कई मामलों में डॉक्टर साइटिका की समस्या में आपके उसी हिस्से पर इंजेक्शन लगाते हैं जहां दर्द हो। इलाज की इस प्रक्रिया से जल्दी ही दर्द से राहत मिलने लगती है। वहीं अगर इनमें से कोई भी उपाय काम नहीं करता तो डॉक्टर आपको सर्जरी कराने का विकल्प देते हैं। साइटिका एक आम समस्या है। जिससे ज्यादातर लोग परेशान हैं। कटिस्नायुशूल एक नस है जो कूल्हे से पैर के पिछले हिस्से से एड़ी तक जाती है। कभी-कभी यह सूजन के कारण असहनीय दर्द का कारण बनता है। आयुर्वेद में यह वात रोग के अंतर्गत आता है। आमतौर पर यह बीमारी ज्यादा मेहनत करने या ज्यादा वजन होने के कारण होती है। आमतौर पर यह समस्या 50 साल की उम्र के बाद देखने को मिलती है। लेकिन आज के समय में खराब लाइफस्टाइल की वजह से कई लोगों को इसकी समस्या 50 से पहले ही हो जाती है। इस स्थिति में जिस स्थान पर हड्डियां जुड़ी होती हैं वह शरीर की चिकनी सतह होती है। लेकिन कई बार यह घिसने लगती है, जिसका हड्डियों पर बुरा असर पड़ता है, जिससे आपको अधिक दर्द का सामना करना पड़ता है। इसे स्लिप डिस्क के नाम से भी जाना जाता है। स्वामी रामदेव के अनुसार खराब जीवनशैली और कम शारीरिक रूप से सक्रिय रहने, कई घंटों तक गलत मुद्रा में बैठने, भारी सामान उठाने के कारण भी इस समस्या का सामना करना पड़ता है। जानिए किन योगासनों से आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं। मकरासन: पेट के बल लेटकर हाथों की कोहनियों को मिला लें और खड़े हो जाएं, हथेलियों को ठुड्डी के नीचे रखकर छाती को ऊपर उठाएं। पैरों को घुटनों से पंजों तक सीधा रखें, अब सांस भरते हुए पैरों को पहले एक-एक और बाद में दोनों पैरों को एक साथ मोड़ें, मुड़ते समय पैरों की एड़ियां नितंबों को छूएं, सांस छोड़ते हुए पैरों को सीधा करें। इसे ‘मकारसन’ कहते हैं। इस तरह 10-12 दोहराव करें। वेब स्टोरीज़ Year Ender 2022: बच्चों के 6 ट्रेडिंग नाम डॉग शो: इंसानों और पालतू जानवरों के बीच दिखा स्ट्रांग बॉन्ड सबसे कम संपत्ति ममता बनर्जी के नाम, जानिए 7 सबसे गरीब मुख्यमंत्रियों की प्रॉपर्टी बर्नार्ड अर्नाल्ट बने दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति, एलन मस्क दूसरे पायदान पर View More Stories लाभ: यह स्लिप डिस्क (रीढ़ की हड्डी का हिलना), सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस (गर्दन और उसकी पीठ में दर्द) और साइटिका (कूल्हे का दर्द) के लिए बहुत फायदेमंद व्यायाम है। अस्थमा (अस्थमा और फेफड़ों से संबंधित किसी भी विकार) और घुटने के दर्द के लिए विशेष रूप से प्रभावी और पैरों को सुडौल बनाता है। Also Read यूरिक एसिड की समस्या से हैं परेशान? इस एक चीज को खाने से खत्म हो सकती है बीमारी! त्रिकोणासन : दोनों पैरों के बीच करीब डेढ़ फीट का फासला रखते हुए सीधे खड़े हो जाएं। दोनों हाथ कंधों के समानांतर खुले होने चाहिए। सांस भरते हुए बाएं हाथ को सामने से लें, बाएं पंजे के पास जमीन पर रखें या हाथ को एड़ी के पास रखें और दाएं हाथ को ऊपर की तरफ उठाएं और गर्दन को दायीं ओर घुमाते हुए दाहिने हाथ को देखें। फिर सांस छोड़ते हुए पहले वाली स्थिति में आ जाएं और दूसरी तरफ से भी यही व्यायाम करें। Also Read मधुमेह मरीजों में बढ़ जाता है UTI का खतरा, जानिए किस तरह इंफेक्शन से करें बचाव भुजंगासन : पेट के बल लेटकर हाथों की हथेलियों को जमीन पर रखते हुए हाथों को छाती के दोनों ओर रखते हुए कोहनियों को ऊपर उठाना चाहिए और हाथ छाती के पास होने चाहिए। टांगों को सीधा रखते हुए पंजों को एक साथ रखें और पीछे की ओर खींचे। सांस अंदर लें और धीरे-धीरे छाती और सिर को ऊपर उठाएं। नाभि के निचले हिस्से को जमीन पर रखें, सिर और गर्दन को जितना हो सके पीछे की ओर झुकाएं; इस स्थिति में करीब 30 सेकेंड तक रहें, फिर धीरे-धीरे शुरुआती स्थिति में आ जाएं। इस पूरी प्रक्रिया को ‘भुजंगासन (प्रथम)’ कहा जाता है। इस क्रिया को 3 से 5 बार दोहराएं। साइटिका के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है?साइटिका का सबसे कारगर इलाज है मालिश। नारियल तेल या सरसों के तेल के अलावा प्रसारिणी तेल, निर्गुन्डी औषधि, महानारायण तेल, दशमूल तेल, सहचारी तेल, तिल का तेल का उपयोग कर सकते हैं। साइटिका का दर्द ठंड के दिनों में ज्यादा परेशान करता है। ऐसे में सरसों के तेल को थोड़ा गर्म करके इस्तेमाल करें।
साइटिका को हमेशा के लिए ठीक कैसे करें?कैसे ठीक होता है साइटिका
अगर आपको साइटिका की समस्या है तो डॉक्टर आपको वजन घटाने, धूम्रपान छोड़ने, और एक सही जीवन शैली का पालन करने की सलाह दे सकते हैं। डॉक्टर अमोद कहते हैं कि इस समस्या में सर्जरी का विकल्प सबसे आखिरी होता है। वहीं दवाओं और इंजेक्शन के माध्यम से सर्जरी को टाला जा सकता है।
पतंजलि में साइटिका का क्या इलाज है?साइटिका से निजात पाने के आयुर्वेदिक औषधियां
चंदप्रभा वटी, त्रयोदशांक गुग्गुल और अश्वशीला का सेवन करे। इससे लाभ मिलेगा।
साइटिका का अंग्रेजी दवा क्या है?Zyrex Sciatica (Sytica) पेन निल टैबलेट -120 टैबलेट साइटिका (सिटिका) बॉडी पेन में बहुत मददगार है, सभी उम्र के पुरुषों और महिलाओं के लिए सर्वश्रेष्ठ.
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