नगरपालिका के अधिकारियों ने अंतत क्या निर्णय लिया और क्यों? - nagarapaalika ke adhikaariyon ne antat kya nirnay liya aur kyon?

हिंदी न्यूज़ झारखंडझारखंड में 31 दिसंबर 2019 तक बने भवन होंगे नियमित, एक महीने तक लोगों से मांगे जाएंगे सुझाव और फीडबैक

हेमंत सोरेन के निर्देश पर नगर विकास एवं आवास विभाग ने राज्य के शहरी क्षेत्र में किए गए अनधिकृत आवासीय निर्माण को नियमित करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इससे लाखों लोगों को फायदा होगा।

नगरपालिका के अधिकारियों ने अंतत क्या निर्णय लिया और क्यों? - nagarapaalika ke adhikaariyon ne antat kya nirnay liya aur kyon?

Sneha Baluniहिन्दुस्तान ब्यूरो,रांचीSun, 20 Nov 2022 07:20 AM

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर नगर विकास एवं आवास विभाग ने राज्य के शहरी क्षेत्र में किए गए अनधिकृत आवासीय निर्माण को नियमित करने की दिशा में कार्रवाई प्रारंभ कर दी है। इसके लिए योजना का प्रारूप तैयार कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने अनधिकृत आवासीय निर्माण को नियमितीकरण करने के लिए योजना -2022 के प्रारूप को अपनी सहमति दे दी है।

नगर विकास सचिव विनय कुमार चौबे के मुताबिक योजना के तहत 31 दिसंबर, 2019 के पहले बने अनधिकृत आवासीय एवं गैर आवासीय भवनों का नियमितीकरण हो सकेगा। इस योजना को और अधिक प्रभावी और सरल बनाने के लिए लोगों से अगले एक महीने तक सुझाव और फीडबैक भी मांगे जाएंगे। नगर विकास एवं आवास विभाग के अनुसार राज्य में ऐसे भवनों की कुल संख्या लगभग 7 लाख है जबकि रांची में इनकी संख्या 1 लाख 88 हजार है।

नियमितीकरण के लिए निर्धारित सीमा ऐसे भवन की ऊंचाई 15 मीटर तक हो सकती है, लेकिन संरचना केवल ग्राउंड + 3 मंजिला (जी+3) का होना चाहिए। ऐसे मकानों का 500 वर्गमीटर तक प्लॉट क्षेत्र (प्लिंथ क्षेत्र 100 तक) होना चाहिये। 500 वर्गमीटर से अधिक का ऐसा प्लाट क्षेत्र जिसका प्लिंथ क्षेत्र 75 या 500 वर्गमीटर, जो भी कम हो, होना चाहिए।

पहले भी बनी थी योजना

शहरी क्षेत्र में किए गए अनधिकृत या विचलित निर्माण को शुल्क के माध्यम से नियमित करने के लिए 2011 में भी अधिनियम बनाया गया था, लेकिन उस समय बहुतायत संख्या में लोग इस अवसर का लाभ नहीं उठा सके थे। पुन राज्य सरकार की ओर से योजना 2019 में लाई गई। लेकिन यह योजना भी विभिन्न कारणों से आम जनता को रियायत पहुंचाने में विशेष कारगर नहीं हो सकी। इन बिन्दुओं के आलोक में यह आवश्यकता महसूस की गई कि एक बार फिर अनधिकृत निर्माण को संरचनात्मक स्थिरता एवं नियोजन मापदंड के दायरे में रखकर नियमित करने की कार्रवाई की जाए। इसी परिप्रेक्ष्य में यह योजना बनी है।

इस परिप्रेक्ष्य में झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 की धारा 590 (1) एवं सह पठित धारा-434 के तहत दी गई शक्ति का उपयोग करते हुए राज्य सरकार अनाधिकृत निर्माण को नियमित करने की योजना बना रही है।

भवनों के लिए नियमितीकरण शुल्क इस प्रकार होगा

आवासीय और गैर आवासीय भवनों को नियमित करने के लिए अलग-अलग शुल्क तय किया गया है। नगर पंचायत स्थित आवासीय भवन के लिए 50 रुपये प्रति वर्गमीटर एवं गैर-आवासीय के लिए 75 रुपये प्रति वर्गमीटर का शुल्क तय किया गया है। म्युनिसिपल काउंसिल (नगर पालिका परिषद) स्थित आवासीय भवन के लिए 75 रुपये प्रति वर्गमीटर एवं गैर-आवासीय भवन के लिए 100 रुपये प्रति वर्गमीटर शुल्क लगेगा। नगर निगम या विकास प्राधिकरण/आईएडीए/एनएसी नगर पालिका क्षेत्र स्थित आवासीय भवन के लिए 100 रुपये प्रति वर्गमीटर एवं गैर-आवासीय के लिए 150 रुपये प्रति वर्गमीटर की राशि देय होगी।

इन्हें मिलेगा लाभ

- ऐसे मकान जिनका निर्माण बायलॉज के अनुकूल नहीं
- ऐसे मकान जो निगम से नक्शा पास कराए बगैर बने
- 15 मीटर तक की ऊंचाई वाले भवन होंगे इसमें शामिल

इन्हें लाभ नहीं

- जो मकान अतिक्रमण करके बनाए गए हों
- जो मकान सरकारी या वन भूमि पर बने हों
- जो मकान सीएनटी-एसटीपी एक्ट का उल्लंघन कर बने हों

नगरपालिका के अधिकारियों ने अंतत क्या निर्णय लिया और क्यों? - nagarapaalika ke adhikaariyon ne antat kya nirnay liya aur kyon?

मऊ नगर पालिका के विभिन्न वार्डों में फैली गंदगी:शिकायत के बाद भी प्रशासन व नगर पालिका मौन, लोगों में आक्रोश

मऊ के वार्ड नंबर-15 सहादतपुरा में फैली गंदगी।

मऊ इन दिनों नगर पालिका के वार्ड नंबर-15 सहादतपुरा में साफ-सफाई का बुरा हाल है। वार्ड के कई मोहल्लों की नालियां गंदगी से बजबजाने लगी हैं। चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है। गंदगी से उठने वाली बदबू से लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया है।

वार्डवासी सफाई व्यवस्था को लेकर पार्षद से शिकायत भी कर चुके हैं, जिसके बाद भी वार्ड का हाल जस का तस बना हुआ है। एक ओर नगर को साफ और स्वच्छ बनाने के लिए नगर पालिका द्वारा जोर-शोर से स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर शहर में गंदगी से लोग परेशान हो रहे हैं।

मऊ के एक वार्ड में फैली गंदगी।

ग्रामीण बोले-दिखावे के लिए चलता है स्वच्छता अभियान

नगर के विभिन्न वार्डों में कई गलियां ऐसी हैं, जहां गंदगी का अंबार लगा हुआ है। इस पर नगर पालिका के अधिकारियों ने अभी तक ध्यान नहीं दिया है। क्षेत्रवासी कई बार अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि नगरपालिका द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के तहत नगर में स्वच्छता अभियान चलाया गया था और लोगों से अपील की गई थी कि गंदगी न फैलाएं, लेकिन हकीकत में नगर पालिका में केवल दिखावे के लिए स्वच्छता अभियान चलाया जाता है।

अधिकारियों से चिह्नित स्थानों का कराया जाता है निरीक्षण

नगर को साफ और स्वच्छ बनाने के लिए लाखों रुपए खर्च कर स्वच्छता अभियान चलाया जाता है और निरीक्षण के लिए स्वच्छता टीम भी आती है। लेकिन नगर पालिका द्वारा स्वच्छता टीम को उसी जगह ले जाया जाता है, जहां सफाई रहती है। टीम चिन्हित स्थानों का निरीक्षण कर चली जाती है। वार्ड नंबर 26 सहादतपुरा के निवासी दीपक, ललित, रामभगत, सोनू कौशिक, धनेश्वर सिंह और बिरेन्द्र यादव ने बताया की हमारा मोहल्ला ब्रह्मस्थान के नाम से जाना जाता है। यहां गली में न तो नियमित सफाई होती है और न ही कचरा उठाया जाता है।

नगर पालिका द्वारा किसकी मूर्ति को कहां लगवाने का निर्णय लिया गया?

Solution. नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मूर्ति को नगरपालिका द्वारा लगवाने का निर्णय लिया गया। इस मूर्ति को कस्बे के बीचोबीच चौराहे पर लगवाने का फैसला किया गया

नगरपालिका क्या होता है?

नगर पालिका एक प्रशासनिक इकाई होती है, जिसमें स्पष्ट रूप से परिभाषित क्षेत्र होता है और इसकी जनसंख्या भी अंकित होती है। आमतौर पर यह एक शहर, कस्बे या गांव, या उनमें से छोटे समूह रूप में होता है। एक नगरपालिका में प्रायः एक महापौर प्रशासनिक अधिकारी होता है, व इसके ऊपर नगर परिषद या नगरपालिका परिषद का नियंत्रण होता है।

नगरपालिका क्या है वह अपने दायित्व का निर्वहन कैसे कर रही थी?

नगर पालिका अक्सर अपनी तरफ कवि सम्मेलन का भी आयोजन करके अपने सांस्कृतिक उत्तरदायित्व को पूर्ण कर देती थी। इस तरह पर वो अपने उत्तरदायित्व का समय-समय पर निर्वाह करती रहती थी

मूर्तिकार ने नगरपालिका के अधिकारियों को क्या आश्वासन दिया *?

नगरपालिका के अधिकारियों ने इस काम को टालने की तर्ज़ पर एक ड्राइंग मास्टर सरीखे व्यक्ति को ही मूर्ति बनाने का काम सौंप दिया। उस व्यक्ति ने महीने-भर में मूर्ति बनाकर पटक देने का आश्वासन दिया