नाक में एलर्जी कैसे ठीक करें? - naak mein elarjee kaise theek karen?

आजकल कई तरह की एलर्जी देखने में आती हैं. इनमें से जो एलर्जी सबसे ज्यादा परेशानी पैदा करती हैं, वे आंख और नाक की एलर्जी हैं. जब किसी इंसान का ‘इम्यून सिस्टम’ यानी प्रतिरोधक तंत्र वातावरण में मौजूद लगभग नुकसानरहित पदार्थों के संपर्क में आता है तो एलर्जी संबंधी समस्या होती है. शहरी वातावरण में तो इस तरह की समस्याएं और भी ज्यादा हैं. नाक की एलर्जी से पीड़ित लोगों की नाक के पूरे रास्ते में अलर्जिक सूजन पाई जाती है. ऐसा धूल और पराग कणों जैसे एलर्जी पैदा करने वाली चीजों के संपर्क में आने की वजह से होता है. नाक की एलर्जी मुख्य तौर पर दो तरह की होती है. पहली मौसमी, जो साल में किसी खास वक्त के दौरान ही होती है और दूसरी बारहमासी, जो पूरे साल चलती है. दोनों तरह की एलर्जी के लक्षण एक जैसे होते हैं. आइए इस लेख के माध्यम से हम नाक की एलर्जी के कुछ घरेलू उपचारों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें.

नाक की एलर्जी के प्रकार-
* मौसमी एलर्जी को आमतौर पर घास-फूस का बुखार भी कहा जाता है. साल में किसी खास समय के दौरान ही यह होता है. घास और शैवाल के पराग कण जो मौसमी होते हैं, इस तरह की एलर्जी की आम वजहें हैं.
* नाक की बारहमासी एलर्जी के लक्षण मौसम के साथ नहीं बदलते. इसकी वजह यह होती है कि जिन चीजों के प्रति आप अलर्जिक होते हैं, वे पूरे साल रहती हैं.

मौसमी एलर्जी से बचाव-
जिन चीजों से आपकी एलर्जी बढ़ जाती है, उन सभी को आप खत्म तो नहीं कर सकते, लेकिन कुछ कदम उठाकर आप इसके लक्षणों को नियंत्रित कर सकते हैं. साथ ही, एलर्जी पैदा करने वाले उन तत्वों से बचाव भी संभव है.
* बरसात के मौसम, बादलों वाले मौसम और हवा रहित दिनों में पराग कणों का स्तर कम होता है. गर्म, शुष्क और हवा वाला मौसम वायुजनित पराग कणों और एलर्जी के लक्षणों को बढ़ा सकता है. इसलिए ऐसे दिनों में बाहर कम आएं-जाएं और खिड़कियों को बंद करके रखें.
* अपने बगीचे या आंगन को सही तरीके से रखें. लॉन की घास को दो इंच से ज्यादा न बढ़ने दें. चमकदार और रंगीन फूल सबसे अच्छे होते हैं, क्योंकि वे ऐसे पराग कण पैदा करते हैं, जिनसे एलर्जी नहीं होती.

बारहमासी एलर्जी से बचाव-
पूरे साल के दौरान अगर आप एलर्जी से पीड़ित रहते हैं, तो इसका दोष आपके घर या ऑफिस को दिया जा सकता है. एलर्जी के लक्षणों को कम करने के लिए सबसे बढ़िया तरीका है कि आप अपने घर और ऑफिस को साफ-सुथरा रखें. इसके लिए हफ्ते में एक बार घर और ऑफिस की धूल झाड़ना अच्छा कदम है, लेकिन एलर्जी से पीड़ित लोगों के लिए यह काफी नहीं है. हो सकता है कि साफ सुथरी जगह होने के बावजूद वहां से एलर्जी पैदा करने वाले तत्व साफ न हुए हों. नाक की एलर्जी से पीड़ित लोगों के लिए घर को एक बेहतर जगह बनाने के लिए कुछ अतिरिक्त कदम उठाए जाने की जरूरत है.
* हर हफ्ते अपने बिस्तर को धोएं. इससे चादरों और तकियों के कवर पर आने वाले एलर्जी पैदा करने वाले तत्वों से छुटकारा मिलेगा. अच्छा तो यह होगा कि इन्हें गर्म पानी में धोया जाए और फिर इन्हें गर्म ड्रायर में सुखाया जाए.
* जब आप बाहर जाते हैं तो पराग कण आपके जूतों से चिपक जाते हैं. इसलिए बाहर से आने से पहले पैरों को पोंछ लें या जूतों को बाहर ही उतार दें.
* कालीन और गद्देदार फर्नीचर की साफ-सफाई पर खास ध्यान दें.
* ऐसे गद्दों और तकियों के कवर का इस्तेमाल करें जिन पर एलर्जी पैदा करने वाले तत्वों का असर न होता हो.
* अपने दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें, खासकर उन दिनों में जब पराग कण ज्यादा होते हैं.

कुछ घरेलू नुस्खे-
जिन लोगों को सर्दी के रोग हैं और हर सुबह उन्हें अपनी नाक बंद मिलती है, उन्हें नीम, काली मिर्च, शहद और हल्दी का सेवन करना चाहिए. इससे उन्हें काफी फायदा होगा.
* सबसे अच्छा तरीका है बचाव. जिन वजहों से आपको एलर्जी के लक्षण बढ़ते हैं, उनसे आपको दूर रहना चाहिए.
* इसके लिए नीम की पत्तियों को पीसकर पेस्ट बना लें. इस पेस्ट से एक छोटी सी गोली बना लें, इसे शहद में डुबोएं और हर सुबह खाली पेट इसे निगल लें. अगले एक घंटे तक कुछ न खाएं, ताकि नीम का आपके शरीर पर असर हो सके. यह तरीका हर तरह की एलर्जी में फायदा पहुंचाता है, चाहे वह त्वचा की एलर्जी हो, भोजन की एलर्जी हो या किसी और चीज की.
* 10 से 12 काली मिर्च कूट लें. इन्हें दो चम्मच शहद में रात भर भिगोकर रखें. सुबह उठकर इसे खा लें और काली मिर्च को चबा लें. शहद में हल्दी मिला ली जाए तो वह भी अच्छा है. अगर आप सभी डेरी पदार्थों से बचकर रहते हैं तो अपने आप ही बलगम कम होता जाएगा.

जरूरी है सही तरीके से कपालभाति का अभ्यास-
एलर्जी की वजह से हो सकता है कि आपके द्वारा किए गए कार्यों की क्रिया बहुत ज्यादा प्रभावशाली न हो पा रही हो. जैसे - अगर नाक का रास्ता पूरी तरह नहीं खुला है और बलगम की ज्यादा मात्रा है तो क्रिया पूरी तरह से प्रभावशाली नहीं भी हो सकती है. अगर सही तरीके से इसका अभ्यास किया जाए, तो आपको अपने आप ही एलर्जी से छुटकारा मिल सकता है. नाक के रास्तों को साफ रखना और सही तरीके से सांस लेना एक बेहद महत्वपूर्ण प्रक्रिया है. साफ नासिका छिद्र और श्वसन के स्वस्थ तरीके का बड़ा महत्व है. अभ्यास करते रहने से एक ऐसा वक्त भी आएगा, जब कोई अतिरिक्त बलगम नहीं होगा और आपका नासिका छिद्र हमेशा साफ रहेगा.

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घरेलू उपाय: यदि बारह महीने नाक में बनी रहती है एलर्जी तो जरूर आजमाएं ये घरेलू उपाय

लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: तेजस्वी मेहता Updated Mon, 03 May 2021 05:01 PM IST

Medically reviewed by Dr. Rajat Salunke

डॉ रजत सालुंके, आयुर्वेदाचार्य

अष्टविनायक क्लीनिक, भोपाल

डिग्री- बी.ए.एम.एस

अनुभव- 13 वर्ष 

कुछ लोगों को बारह महीने ही नाक की एलर्जी बनी रहती है। ऐसे में जब वे सोकर उठते हैं तो उन्हें छींक आने लगती है व नाक में से पानी बहने लगता है यूं तो ये एलर्जी बहुत सामान्य लगती है लेकिन इन दिनों यह एलर्जी तनाव का विषय भी बन जाती है क्योंकि लोगों को यह डर बैठ जाता है कि कहीं उन्हें कोरोना तो नहीं इसलिए परेशान होने एवं मन में संशय रखना शुरू कर देते हैं जो कि बिल्कुल ठीक नहीं है। अगली स्लाइड्स से जानिए नाक में हो रही एलर्जी को दूर करने के उपाय। 

काली मिर्च 
10-12 कालीमिर्च पीसकर पाउडर बना लें। अब दो चम्मच शहद में इस पाउडर को मिलाकर रख दें। सुबह उठकर इसका सेवन करें। प्रतिदिन इसका सेवन करने से धीरे-धीरे आपकी नाक की एलर्जी ठीक होने लगेगी। साथ ही जब आप इसका सेवन कर रहे हैं तो दूध से बने पदार्थों से परहेज करना बहुत जरूरी है। 

नीम
नीम की पत्तियों को अच्छा बारीक पीस लें। अब बारीक पीसी पत्तियों की गोली बना लें। इस गोली को शहद में डूबोकर सुबह उठते ही खाएं, इसे खाने के बाद एक- डेढ़ घंटे तक कुछ खाने या पानी पीने के विषय में न सोचें। इसके लिए नीम की हरी और ताजी पत्तियां लें। नीम में कई सारे ओषधीय गुण पाए जाते हैं जो कि आपको एलर्जी से राहत दिलाने में बहुत हद तक सहायक होते हैं। 

पपीता
वैसे तो अधिकतर सुबह सवेरे पेट के लिए पपीता खाते हैं लेकिन यदि आपको हमेशा नाक में एलर्जी बनी ही रहती है तो पपीता आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है। पपीते में ब्रोमलेन नामक एंजाइम पाया जाता है जो कि नाक में हो रही सूजन और अन्य लक्षणों को कम करने का काम करता है इसलिए इसका सेवन जरूर करें। इसी के साथ यह रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी आपकी सहायता करेगा इसलिए घर में सभी लोग पपीते का सेवन करें। 

सेब
प्रोबायोटिक्स के इस्तेमाल से नाक में हो रही एलर्जी धीरे-धीरे कम होने लगती है। जिन लोगों को बारह महीने नाक में एलर्जी रहती है उन्हें प्रतिदिन सेब खाना चाहिए। सेब खाने से शरीर में सूक्ष्म जीवों का स्तर उत्तम रहता है और यह जीव शरीर के लिए अच्छे होते हैं, ये एलर्जी जैसी समस्याओं से लड़ने में हमारी सहायता करते हैं इसलिए इनका शरीर में अच्छी मात्रा में होना जरूरी है इसलिए सेब का सेवन जरूर करें। 
नोट- यह लेख अष्टविनायक क्लीनिक के डॉक्टर रजत सालुंके से बातचीत के आधार पर तैयार किया गया है। डॉक्टर रजत सालुंके पिछले 13 सालों से प्रैक्टिस कर रहे हैं। उन्होंने अपनी डिग्री करमवीर वैंकटराव तानाजी रणधीर आयुर्वेद कॉलेज, महाराष्ट्र से ली है।
अस्वीकरण- अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित अस्वीकरण- बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

नाक की एलर्जी को जड़ से खत्म कैसे करें?

इसका घरेलू उपचार भी किया जा सकता है..
काली मिर्च काली मिर्च के इस्तेमाल से भी नाक की समस्या दूर हो सकती है. ... .
सेब सेब एक प्रोबायोटिक्स आहार है, जो एलर्जी को धीरे-धीरे कम करने में मदद करता है. ... .
पपीता ... .
शहद ... .
नीम ... .
सेब का सिरका ... .
(Disclaimer: इन घरेलू नुस्खों से अगर आपको आराम नहीं मिल रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें..

नाक की एलर्जी के लिए कौन सी दवा लेनी चाहिए?

न्यूलिफाई टैबलेट दो दवाओं का मिश्रण हैः लेवोसेट्रीजीन और मोंटेलुकास्ट, जो एलर्जी के कारण नाक बहना और छींकना से राहत देता है. लेवोसेट्रीजीन एक एंटीएलर्जिक है जो नाक बहने, आंखों से पानी और छींक आने का कारण बनने वाले केमिकल मैसेंजर (हिस्टामिन) को रोकता है.

नाक की एलर्जी क्यों होती है?

नाक की एलर्जी : नाक की एलर्जी को एलर्जिक राइनाइटिस भी कहा जाता है। यह आमतौर पर मौसम बदलते समय पराग कणों के कारण होती है। इसके चलते श्वसन नली में सूजन आ जाती है। छींकें, नाक में खुजली, नाक बहना जैसे लक्षण पैदा होते हैं।

कौन सी एलर्जी से नाक बंद हो जाती है?

एलर्जिक राइनाइटिस या नाक की एलर्जी मौसम बदलने के दौरान होती है। इस एलर्जी से नाक के वायुमार्ग में सूजन आ जाती है और छींके, नाक में खुजली व पानी तथा नाक का बंद हो जाना जैसे लक्षण प्रकट होते हैं। एलर्जी की वजह से साइनस में सूजन आ जाती है जिसे हम साइनुसाइटिस कहते हैं।