संविधान सभा का गठन कैसे किया गया था? - sanvidhaan sabha ka gathan kaise kiya gaya tha?

संविधान सभा का गठन

लोकतान्त्रिक देशों में शासन के मैलिक कानूनों का निर्माण वहाँ के नागरिकों की एक विशिष्ट प्रतिनिधि -सभा द्वारा किया जाता है, जिसे संविधान सभा कहा जाता है, भारतीय संविधान सभा का निर्माण एक संविधान सभा द्वारा किया गया हैं।

संविधान सभा की माँग

स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले प्रत्येक देश में किसी न किसी रूप में संविधान सभा की माँग अवश्य हुई है । भारत में भी 1885 में कॉन्ग्रेस की स्थापना के बाद से ही एक संविधान सभा की माँग लगातार होती रही।

संविधान सभा का पहला अप्रत्यक्ष संकेत 1895 में तिलक के स्वराज विधेयक से मिलता है।
1919 के भारत शासन अधिनियम का विरोध भारतीयों ने इस लिए किया था, क्योंकि इस विरोध में भी संविधान सभा की माँग निहित थी।
भारतीयों द्वारा भारत का संविधान बनाए जाने की बात स्पष्ट शब्दों में पहली बार महात्मा गांधी ने 5 जनवरी 1922 को कही थी, बिना संविधान सभा शब्द का उल्लेख किए उन्होंने कहा – स्वराज्य भारतीयों लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति होगी , यह ब्रिटिश संसद् का उपहार नही होगा।
1924केन्द्रीय विधान सभा में स्वराज्य दल के नेता पं. मोती लाल नहेरू एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जो आगे चलकर ,राष्ट्रीय माँग के नाम से प्रसिद्ध हुआ , इस प्रस्ताव में भी संविधान सभा की मांग थी।
जनवरी 1925 को दिल्ली में हुए सर्वदलीय सम्मेलन के समक्ष , कॉमन वेल्थ ऑफ इंडिया विल पेश किया गया था, जिसकी अध्यक्षता महात्मा गांधी ने की थी|और इस विल में एक संवैधानिक प्रणाली की रूपरेखा तैयार करने का प्रयास किया गया था।
नहेरू रिपोर्ट 10मई1928 को प्रस्तुत की गयी, यह भारतीयों द्वारा संविधान सभा का प्रथम प्रयास था।
कांग्रेस कार्य समिति द्वारा 1934 में पहली वार संविधान सभा की औपचारिक माँग की गयी।
कांग्रेस के 1936 के वार्षिक अधिवेशन में संविधान सभा के अर्थ तथा महत्व की व्याख्या की गयी ।
1938 में पं. मोती लाल नहेरू ने कहा, स्वतंत्र भारत का संविधान बिना हस्तक्षेप के एक ऐसी संविधान सभा द्वारा बनाया जाना चाहिए जो वयस्क मतदान के आधार पर निर्वाचित हो।
19 नवम्बर 1939 कों गांधी जी ने हरिजन (समाचार पत्र) में , द ओनली वे ( एक ही रास्ता ) शीर्षक नाम से संविधान सभा की मांग का विस्तार पूर्वक विचार किया।
अगस्त प्रस्ताव 1940 में ब्रिटिश सरकार ने पहली वार अधिकारिक रूप से संविधान सभा की मांग को स्वीकार किया था।

ध्यान दे यह स्वीकृति अप्रत्यक्ष और महत्वपूर्ण शर्तों के साथ थी।

1942 में क्रिप्स मिशन में संविधान सभा की मांग को स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया था।

कैबिनेट मिशन के द्वारा 1946 में संविधान सभा का बुनियादी ढाँचा तय किया गया। जो निम्न प्रकार से था।

संविधान सभा में कुल सदस्य संख्या 389 हॉगी, जिनमें ब्रिटिश प्रान्तों के 292 सदस्य, देशी रियासतों के 93 सदस्य 4 कमिश्नरी क्षेत्र की प्रतिनिधि।
प्रत्येक प्रान्त से 10 लाख पे एक प्रतिनिधि का विचार था।
संविधान सभा के सदस्यों को सम्प्रदाय के अधार पर तीन वर्गों में बाँटा गया

(1) मुस्लिम (2)सिख (3)सामान्य

संविधान सभा गठन

पहला अधिवेशन 9 दिसम्बर 1946 को हुआ था। मुस्लिम लीग ने इसका बहिष्कार किया।
3जून 1947 के विभाजन योजना के द्वारा पाकिस्तान के लिए पृथक संविधान सभा का गठन किया गया।

पश्चिम बंगाल व पूर्वी पंजाब के प्रान्तों मे नए निर्वाचन किए गए।

पुनर्गठित संविधान सभा में 324 सदस्यों की संख्या निश्चित की गयी । जब 31 अकटूबर 1947 को संविधान सभा बुलायी गयी तब उसमें 299 सदस्य थे, जिसमे 70 देशी रियासतों के प्रतिनिधि थे।

हैदराबाद रियासत के सदस्य संविधान सभा में शामिल नही हुऐ ,

9 दिसम्बर 1946 मे संविधान सभा की पहली बैठक दिल्ली संसद् भवन की केन्द्रीय कक्ष में हुई थी इसमें अस्थायी अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा चुने गए।

11 दिसम्बर 1946 डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष चुना गया।

13दिसम्बर 1946 संविधान सभा में नहेरू ने उदेश्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

22 जनवरी 1947 को संविधान सभा द्वारा उदेश्य प्रस्ताव स्वीकृत हुआ।

29 अगस्त 1947 को भीम राव अम्बेडकर की अध्यक्षता मे प्रारूप समिति का गठन हुआ।

श्री बी.एन. राव ( बेनेगल नरसिंह राव जो एक न्यायधीश थे ) संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार थे।

कैबिनेट मिशन योजन के अन्तर्गत संविधान सभा के चुनाव के परिणाम-

काँग्रेस- 208

मुस्लिम लीग- 73

यूनियनिस्ट-1

यूनियनिस्ट मुस्लिम-1

यूनियनिस्ट अनुसूचित जातियाँ-1

कृषक प्रजा पार्टी-1

अनसूचित जाति संघ-1

सिख-1

कम्युनिस्ट पार्टी-1

स्वतन्त्र- 8

कुल योग-296

संविधान सभा का प्रथम वाचन 4 नवम्बर 1947 को द्वितीय वाचन 15-16नवम्बर 1948 तीसरा वाचन 17-26 नवम्बर 1949 को सम्पन्न हुआ।
2 वर्ष 11 माह 18 दिन संविधान निर्माण में लगे। 65 लाख ₹ व्यय हुआ।

26 नवम्बर 1949 को संविधान अंगीकृत किया गया । इस दिन संविधान पर 284 सदस्यों के हस्ताक्षर हुए थे।

राष्ट्रीय ध्वज 22जुलाई 1947 को स्वीकार किया गया।

राष्ट्रीय गान 24 जनवरी को स्वीकार किया गया ।

केंद्रीय मंत्री मंडल-

जवाहरलाल नहेरू- कार्यकारी परिषद् के उपाध्यक्ष

वल्लभ भाई पटेल- गृह सूचना प्रसारण

बलदेव सिहं – रक्षामन्त्री

सी राजगोपालचारी – शिक्षा मन्त्री

राजेन्द्र प्रसाद ,- कृषि एवं खाद्य

आसफअली – रेलमन्त्री

जगजीवनराम – श्रम मन्त्री

जॉन मथाई- उद्योग एवं आपूर्ति मन्त्री

जोगेन्द्र नाथ मण्डल – विधि मन्त्री

आई-आई चुन्दरीगर- वाणिज्य मन्त्री

अली खान – स्वस्थ्य मन्त्री

मावलंकर- अंतरिम सभाध्यक्ष

संविधान सभा की विभिन्न समितियाँ
नियम समिति -डा. राजेन्द्र प्रसाद

संचालन समिति- डा. राजेन्द्र प्रसाद

रियासत समिति- डा. राजेन्द्र प्रसाद

प्रारूप समिति -डा़.भीमराव अम्बेडकर

संघ समिति- जबाहर लाल नहेरू

संघ संविधान समिति- जबाहर लाल नहेरू

प्रान्तीय संविधान समिति – सरदार वल्लभ भाई पटेल

सलाह कार समिति- सरदार वल्लभ भाई पटेल

मूल अधिकार उप समिति- जे.बी कृपलानी

अल्पसंख्यक उप समिति और झण्डा समिति – जे.बी कृपलानी

संविधान सभा का गठन कैसे हुआ समझाइए?

संविधान सभा का गठन छह दिसंबर 1946 को हुआ था। इसके तहत संविधान निर्माण की समिति बनी, जिसे ड्राफ्ट कमेटी भी कहा जाता है। उसके जिम्मे संविधान के तब तक तैयार संविधान के प्रारूप पर बहस करके उसे 389 सदस्यीय संविधान सभा में प्रस्तुत करना था, जो उसे अंतिम रूप देगी।

संविधान सभा का गठन कैसे हुआ और इसका उद्देश्य क्या था?

भारतीय संविधान सभा का संरचना कैबिनेट मिशन द्वारा प्रदत्त ढांचे के आधार पर 9 दिसंबर, 1946 को एक संविधान सभा का गठन किया गया। संविधान निर्माण संस्था का चुनाव 389 सदस्यों वाली प्रांतीय विधान सभा द्वारा किया गया था जिसमें रियासतों से 93 और ब्रिटिश भारत से 296 सदस्य शामिल थे।

संविधान सभा का गठन क्यों हुआ?

भारतीय संविधान सभा का निर्माण 'भारत के संविधान' की रचना के लिए किया गया था। संविधान सभा की कार्यवाही 13 दिसम्बर 1946 को जवाहर लाल नेहरू द्वारा पेश किये गए एक उद्देश्य प्रस्ताव के साथ प्रारम्भ हुई थी। जुलाई 1945 में द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद ब्रिटेन में एक नयी सरकार का गठन हुआ

संविधान सभा का गठन किसकी?

संविधान सभा का गठन कैबिनेट मिशन की सिफारिश पर किया गया था जिसने 1946 मे भारत का दौरा किया। संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसम्बर 1946 को नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन हाल (जिसे अब संसद भवन के केंद्रीय कक्ष के नाम से जाना जाता है ) में हुई थी । श्री सच्चिदानंद सिन्हा संविधान सभा के अस्थायी अध्यक्ष निर्वाचित किए गए थे ।