नमक की कालाबाजारी कौन कर रहा था 1 Point? - namak kee kaalaabaajaaree kaun kar raha tha 1 point?

विषयसूची

  • 1 ओहदे को पीर का मज़ार क्यों कहा गया है?
  • 2 लड़की मिट्टी की क्या विशेषता है?
  • 3 कचहरी को अगाध वन क्यों कहा गया है?
  • 4 जब सभी दर्शक प्रसन्न थे तो लेखक दुखी क्यों थे और जब सभी दर्शक दुखी थे तो लेखक प्रसन्न क्यों थे?
  • 5 मुंशी वंशीधर कौन थे?
  • 6 नमक विभाग में दारोगा पद के लिए कौन ललचाते थे?
  • 7 बंशीधर ने कितने बेरमो लिया था?
  • 8 मुंशी वंशीधर के पिता ने नौकरी में वादे को क्या नाम दिया?
  • 9 नमक की कालाबाजारी कौन कर रहा था *?
  • 10 पंडित अलोपीदीन के नमक की गाड़ियां कहां क्यों किसने रखी थी?
  • 11 नमक का दारोगा कहानी में पंडित अलोपीदीन के व्यक्तित्व के कौन से दो पहलू पक्ष उभरकर आते हैं?
  • 12 बीमार बच्ची ने क्या इच्छा प्रकट की एक फूल की चाह कवििा के आधार पर ललखखए?

ओहदे को पीर का मज़ार क्यों कहा गया है?

इसे सुनेंरोकेंनौकरी में ओहदे की ओर ध्यान मत देना, यह तो पीर की मज़ार है। निगाह चढ़ावे और चादर पर रखनी चाहिए। उत्तर: इसका अर्थ है कि पद ऊँचा हो यह जरूरी नहीं है, लेकिन जहाँ ऊपरी आय अधिक हो उसे स्वीकार कर लेना।

भरत का आत्म परि ताप उनके उज्ज्वल पक्ष की ओर क्या संके त करता है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: भरत अपने बड़े भाई राम से बहुत स्नेह करते हैं। वे स्वयं को अपने बड़े भाई राम का अनुचर मानते हैं और उन्हें भगवान की तरह पूजा करते हैं। वन में जब वे भाई से मिलने जाते हैं, तो उनके सामने खड़े होकर वे प्रसन्नता से फूले नहीं समाते।

लड़की मिट्टी की क्या विशेषता है?

इसे सुनेंरोकेंयह साधारण मिट्टी नहीं होती है। इसे तेल और मट्ठे से सिझाया जाता है। और देवताओं पर चढ़ाया जाता है।

नमक का दरोगा कहानी में पंडित अलोपीदीन के व्यक्तित्व के कौन से दो पहलू पक्ष उभर कर आते हैं?

इसे सुनेंरोकें’नमक का दारोगा’ कहानी में पंडित अलोपीदीन के व्यक्तित्व के कौन से दो पहलू (पक्ष) उभरकर आते हैं? एक – पैसे कमाने के लिए नियमविरुद्ध कार्य करनेवाला भ्रष्ट व्यक्ति। दो – कहानी के अंत में उसका उज्ज्वल चरित्र सामने आता है। ईमानदारी एवं धर्मनिष्ठा के गुणों की कद्र करनेवाला व्यक्ति।

कचहरी को अगाध वन क्यों कहा गया है?

इसे सुनेंरोकेंकचहरी को अगाध वन कहा गया है, क्योंकि न्याय की व्यवस्था जटिल व बीहड़ होती है। हर व्यक्ति दूसरे को खाने के लिए वोठा है| वहा से बहुत कुछ खरीदा जा सकता है, जिससे जनसाधारण न्याय प्रणाली का शिकार बनकर रह जाता है।

भरत ने राम को क्या दुखद समाचार सुनाया?

इसे सुनेंरोकेंजब भरत और शत्रुघ्न अयोध्या नगरी पहुंचते हैं तो उन्हें श्री राम के वनवास जाने का पता चलता है तो वे अपनी माता कैकेयी को बुरा भला सुनाते हैं। पुत्र की बात सुनकर माता कैकेयी को अपनी गलती का अहसास होता है। वहां राम-सीता और लक्ष्मण से कैकेयी अपनी गलती की माफी मांगती हैं और राजा दशरथ के निधन का समाचार सुनाती है।

जब सभी दर्शक प्रसन्न थे तो लेखक दुखी क्यों थे और जब सभी दर्शक दुखी थे तो लेखक प्रसन्न क्यों थे?

इसे सुनेंरोकेंलेखक ने शिवशंभु की दो गायों की कहानी के माध्यम से बताया है कि भारत में मनुष्य तो मनुष्य, पशुओं में भी अपने साथ रहने वालों के प्रति लगाव होता है। वे स्वयं को दुख पहुँचाने वाले व्यक्ति के बिछुड़ने पर भी दुखी होते हैं। यहाँ भावनाएँ प्रधान होती हैं। लेखक ने बंगाल के विभाजन की ऐतिहासिक घटना की ओर संकेत किया है।

अलोपीदीन क्या थे?

इसे सुनेंरोकेंपंडित अलोपीदीन इलाके के सबसे प्रतिष्ठित जमींदार थे। लाखों रुपयों का व्यापार था। वंशीधर ने जब जाँच किया तब पता चला कि गाड़ियों में नमक के ढेले के बोरे हैं। उन्होंने गाड़ियाँ रोक लीं।

मुंशी वंशीधर कौन थे?

इसे सुनेंरोकेंमुंशी वंशीधर एक ईमानदार और कर्तव्यपरायण व्यक्ति है, जो समाज में ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल कायम करता है। उसने अलोपीदीन दातागंज जैसे सबसे अमीर और विख्यात व्यक्ति को गिरफ्तार करने का साहस दिखाया। आखिरकर पंडित आलोपीदीन भी उसकी दृढ़ता से मुग्ध हो जाते हैं।

अलोपीदीन अंत में कितनी रिश्वत देने को तैयार हो गया?

इसे सुनेंरोकेंसबसे अंत में पंडित अलोपीदीन मुंशी वंशीधर को कितनी रिश्वत की राशि देने को तैयार थे?(1 Point) अ दस हजार

नमक विभाग में दारोगा पद के लिए कौन ललचाते थे?

इसे सुनेंरोकेंनमक का विभाग बनने के बाद लोग नमक का व्यापार चोरी-छिपे करने लगे। इस काले व्यापार से भ्रष्टाचार बढ़ा। अधिकारियों के पौ-बारह थे। लोग दरोगा के पद के लिए लालायित थे।

मुंशी बंसिधर के पिता ने नौकरी में ओहदे को क्या नाम दिया?

इसे सुनेंरोकेंमुंशी वंशीधर के पिता ने नौकरी में पद को पीर का मजार का नाम दिया था। मुंशी बंशीधर के पिता एक अनुभवी पुरुष थे और जब मुंशी वंशीधर रोजगार की खोज में निकले, तो वह अपने बेटे को समझाने लगे कि नौकरी में पद की ओर ध्यान मत देखना।

बंशीधर ने कितने बेरमो लिया था?

इसे सुनेंरोकेंquestion. ➲ वंशीधर ने पंडित अलोपदीन से बैर मोल ले लिया था।

वंशीधर कैसे व्यक्ति थे?

इसे सुनेंरोकेंवंशीधर एक ईमानदार, दृढ़-निश्चयी, कर्मण्ठ तथा कर्तव्यपरायण व्यक्ति है। उन्हें अपने कार्य से प्रेम हैं। वे आदर्शों को मानने वाले व्यक्ति हैं। उनके आदर्श इतने उच्च हैं कि उन्हें पैसों का लालच भी हटा नहीं पाता है।

मुंशी वंशीधर के पिता ने नौकरी में वादे को क्या नाम दिया?

इसे सुनेंरोकेंमुंशी वंशीधर के पिता ने नौकरी में पद को पीर का मजार का नाम दिया था। मुंशी बंशीधर के पिता एक अनुभवी पुरुष थे और जब मुंशी वंशीधर रोजगार की खोज में निकले, तो वह अपने बेटे को समझाने लगे कि नौकरी में पद की ओर ध्यान मत देखना। यह तो पीर का मजार है। निगाह चढ़ावे और चादर पर रखनी चाहिए।

पंडित अलोपीदीन मूर्छित होकर क्यों गिर पडे?

इसे सुनेंरोकेंquestion. पंडित अलोपीदीन मुर्छित होकर क्यों गिर पड़े? पंडित अलोपदीन मूर्छित होकर इसलिए गिर पड़े क्योंकि मुंशी दरोगा मुंशी वंशीधर ने उन्हें हथकड़ी लगाने का आदेश दिया था।

नमक की कालाबाजारी कौन कर रहा था *?

इसे सुनेंरोकेंपंडित अलोपीदीन कानपुर शहर के रहने वाले थे। नमक की कालाबाजारी कौन कर रहा था? नमक की कालाबाजारी दातादीन कर रहा था।

नमक की गाड़ियां कहाँ जा रही थी?

इसे सुनेंरोकेंनमक के दफ़्तर से एक मील पूर्व की ओर जमुना बहती थी, उस पर नावों का एक पुल बना हुआ था. दारोगाजी किवाड़ बंद किए मीठी नींद सो रहे थे. अचानक आंख खुली तो नदी के प्रवाह की जगह गाड़ियों की गड़गड़ाहट तथा मल्लाहों का कोलाहल सुनाई दिया.

पंडित अलोपीदीन के नमक की गाड़ियां कहां क्यों किसने रखी थी?

इसे सुनेंरोकेंपंडित अलोपीदीन इलाके के सबसे प्रतिष्ठित जमींदार थे। लाखों रुपयों का व्यापार था। वंशीधर ने जब जाँच किया तब पता चला कि गाड़ियों में नमक के बोरे हैं। उन्होंने गाड़ियाँ रोक लीं।

बीमार बच्ची ने क्या इच्छा प्रकट की?

इसे सुनेंरोकें2.1 बीमार बच्ची ने क्या इच्छा प्रकट की? उत्तर:- बीमार बच्ची जो कि तेज ज्वर से ग्रसित थी। उसने अपने पिता के सामने देवी के चरणों का फूल-रूपी प्रसाद पाने की इच्छा प्रकट की। इस इच्छा का कारण संभवत यह था कि उसे लगा कि देवी का प्रसाद पाकर वह ठीक हो जाएगी।

नमक का दारोगा कहानी में पंडित अलोपीदीन के व्यक्तित्व के कौन से दो पहलू पक्ष उभरकर आते हैं?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर : ‘नमक का दारोगा’ कहानी में पंडित आलोपीदीन के व्यक्तित्व के पक्ष के दो पहलू उभरकर आते हैं। पंडित आलोपीदीन एक व्यापारी हैं। अपने व्यापार को चलाने के लिए वे हर अच्छे-बुरे तरीका का प्रयोग करते हैं। वंशीधर को अपने मार्ग से हटाने के लिए वे सारे हथकंडे प्रयोग में लाते हैं।

बच्ची की क्या इच्छा है class 6?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: छोटी बच्ची की यह इच्छा है कि वह सबसे छोटी हो जाए और सदा माँ की गोद में सोए।

बीमार बच्ची ने क्या इच्छा प्रकट की एक फूल की चाह कवििा के आधार पर ललखखए?

इसे सुनेंरोकेंयह कविता छुआछूत की समस्या पर केन्द्रित है। एक मरणासन्न अछूत कन्या के मन में यह चाह उठती है कि कोई उसे देवी माता के चरणों में अर्पित किया हुआ एक फूल लाकर दे दे।

मुंशी वंशीधर में कौन से गुण थे?

इसे सुनेंरोकेंस्वाभिमानी एवम् सत्यनिष्ठ -उनमें स्वाभिमान की भावना कूट-कूट कर भरी हुई हैं। यही कारण है कि जब अलोपीदीन स्वयं चलकर उनके पास पहुंचते हैं तो वह स्वाभिमान पूर्ण व्यवहार करते हैं । उनके मन में नौकरी से मुअत्तल हो जाने का भय नहीं रहता है । उन्हें अपनी सत्यनिष्ठा का स्वाभिमान है ।