Show कुछ देशों के प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री एक राजनैतिक पद होता है, जिसके पदाधिकारी पर सरकार की कार्यकारिणी का संचालन करने का भार होता है। सामान्यतः, प्रधानमंत्री अपने देश की संसद का सदस्य भी होता है। भारत में प्रधानमन्त्री या अन्य कोई मन्त्री छः माह तक बिना संसद सदस्य रहते हुए भी पद पर बने रह सकते हैं लेकिन उन्हे छः महीने के अन्दर संसद के किसी भी सदन का सदस्य बनना पडेगा। अगर प्रधानमन्त्री या मन्त्री इस अवधि में संसद के सदस्य बनने में विफल रहते हैं तो उन्हे त्यागपत्र देना पडेगा। लेकिन इसका यह अर्थ कदापि नहीं कि हर बार छ: माह के लिए आप सदन के सदस्य न रहते हुए भी मन्त्री पद पर आसीन रहे। इस सम्बन्ध में उच्चतम न्यालय का निर्णय अत्यन्त महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री की शक्तियां एवं कार्यवर्तमान भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व्यक्तिगत तौर पर भारत के 15वें प्रधानमन्त्री हैं। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 75 केवल इतना कहता है कि भारत का एक प्रधानमंत्री होगा जिसकी नियुक्ति राष्ट्रपति करेगा। प्रधानमंत्री, मंत्री परिषद का नेता होता है। राष्ट्रपति केवल नाममात्र का शासक होता है राष्ट्रपति से ज्यादा अधिकार प्रधानमंत्री के पास होते है जबकि प्रमुख कार्यकारी शक्तियां प्रधानमंत्री में निहित होती हैं।[1]
संदर्भ
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
भारत के संविधान में प्रधानमंत्री के निर्वाचन एवं चुनाव के लिए कोई विशेष प्रक्रिया नही है | भारतीय संविधान अनुच्छेद का 75 केवल इतना कहता है कि भारत का एक प्रधानमंत्री होगा जिसकी नियुक्ति राष्ट्रपति करेगाl प्रधानमंत्री, मंत्रीपरिषद का नेता होता हैl राष्ट्रपति केवल नाममात्र का शासक होता है जबकि प्रमुख कार्यकारी शक्तियां प्रधानमंत्री में निहित होती हैं| अर्थात राष्ट्रपति राष्ट्र का प्रमुख होता है जबकि प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है l प्रधानमंत्री के कार्य एवं शक्तियां इस प्रकार हैं: मंत्रिपरिषद के सम्बन्ध में प्रमुख कार्य इस प्रकार हैं: 1. मंत्री नियुक्त करने हेतु अपने दल के सदस्यों के नाम राष्ट्रपति को सुझाता हैl राष्ट्रपति केवल उन्ही लोगों को मंत्री बना सकता है जिनके नामों की सिफारिस प्रधानमंत्री करता है l नोट: यदि प्रधानमंत्री अपने पद से त्यागपत्र दे देता है या उसकी मृत्यु हो जाती है तो अन्य मंत्री कोई कार्य नही कर सकते हैं अर्थात प्रधानमंत्री की मृत्यु के साथ ही मंत्रिपरिषद स्वयं विघटित हो जाती है l नियुक्तियों के सम्बन्ध में अधिकार: प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति को निम्न अधिकारियों की नियुक्ति के सम्बन्ध में राय देने
अधिकार है : II. भारत का महान्यायवादी III. भारत का महाधिवक्ता IV. संघ लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष एवं उसके सदस्यों का चुनाव V. चुनाव आयुक्तों का चुनाव VI. वित्त आयोग का अध्यक्ष एवं सदस्यों का चुनाव संसद के सन्दर्भ में अधिकार: प्रधानमंत्री निचले सदन का नेता होता है और वह निम्न शक्तियों का
प्रयोग करता है l प्रधानमंत्री की अन्य शक्तियां : 1. वह राष्ट्र की विदेश नीति को मूर्त रूप दने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है l 2. वह केंद्र
सरकार का मुख्य प्रवक्ता होता है l राष्ट्रपति के साथ संबंध:राष्ट्रपति और प्रधानमन्त्री में
बीच सम्बन्ध निम्न दो अनुच्छेदों में दिया गए हैं प्रधानमंत्री के कर्तव्य:1. मंत्रीपरिषद् के सभी कार्यों की रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपना l प्रधानमंत्री का प्रमुख कार्य क्या है?वह मंत्री परिषद् की बैठक की अध्यक्षता भी करता है और अपनी मर्जी के हिसाब से निर्णय बदल भी सकता है। किसी मंत्री को त्यागपत्र देने या उसे बर्खास्त करने की सलाह राष्ट्रपति को दे सकता है। वह सभी मंत्रियों की गतिविधियों को नियंत्रित और निर्देशित भी करता है।
प्रधानमंत्री के पास कौन कौन सी शक्तियां होती है?प्रधानमंत्री मंत्रियों के विभागों का आवंटन करता है तथा प्रधानमंत्री मंत्रियों के विभागों में परिवर्तन भी कर सकता है। प्रधानमंत्री किसी भी समय लोकसभा के विघटन के अनुशंसा राष्ट्रपति से कर सकता है। प्रधानमंत्री मंत्री परिषद की बैठकों की अध्यक्षता करता है तथा उसके निर्णय को प्रभावित करता है।
प्रधानमंत्री के बारे में क्या सही है?श्री नरेंद्र मोदी ने 30 मई 2019 को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली, जो उनके दूसरे कार्यकाल की शुरुआत थी। आजादी के बाद पैदा होने वाले पहले प्रधानमंत्री, श्री मोदी ने पहले 2014 से 2019 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला है।
भारत के प्रधानमंत्री का कार्यकाल कितना होता है?भारत में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, और उनके कार्यकाल के बीच में भी उन्हें हटाया जा सकता है । सदन में विपक्ष द्वारा प्रस्ताव लाकर ,प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वाश प्रस्ताव, और संविधान का उलंघन करने पर राष्ट्रपति के विरूद्ध महाभियोग प्रस्ताव।
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