Show CTET & TETs TEACHING METHODS / CTET & TETs शिक्षण की विधियाँ जिस ढंग से शिक्षक शिक्षार्थी को ज्ञान प्रदान करता है उसे शिक्षण विधि कहते हैं। “शिक्षण विधि” पद का प्रयोग बड़े व्यापक अर्थ में होता है। एक ओर तो इसके अंतर्गत अनेक प्रणालियाँ एवं योजनाएँ सम्मिलित की जाती हैं, दूसरी ओर शिक्षण की बहुत सी प्रक्रियाएँ भी सम्मिलित कर ली जाती हैं। कभी-कभी लोग युक्तियों को भी विधि मान लेते हैं; परंतु ऐसा करना भूल है। युक्तियाँ किसी विधि का अंग हो सकती हैं, संपूर्ण विधि नहीं। एक ही युक्ति अनेक विधियों में प्रयुक्त हो सकती है। प्रयोग प्रदर्शन विधि —
शिक्षण विधियों की कुछ महत्वपूर्ण बातें
सामान्य विज्ञान शिक्षण के विशिष्ट उद्देश्य अपेक्षित व्यवहारगत परिवर्तन के रूप में —
विज्ञान शिक्षण के प्रमुख उपकरण —
Post navigationनिरीक्षण करो और सीखो में कौन सी विधि है?इस प्रकार, उपर्युक्त बिंदुओं से, यह स्पष्ट है कि आगमनात्मक विधि "निरीक्षण करो और सीखो" के सिद्धांत पर आधारित है। अभिक्रमित अनुदेशन विधि - यह विधि ई. एल. थार्नडाइक द्वारा दी गई है जिसमें अधिगम के क्रम में प्रस्तुत घटनाओं की एक श्रृंखला होती है।
वृत्त का क्षेत्रफल पढ़ाने की सबसे उपयुक्त विधि कौन सी है?इस प्रकार, यह निष्कर्ष निकाला गया है कि एक वृत्त के क्षेत्रफल को पढ़ाने के लिए सबसे उपयुक्त विधि प्रयोगशाला विधि है। आगमनात्मक विधि: किसी सूत्र या नियम की स्थापना और उस नियम को उदाहरण द्वारा समस्याओं के समाधान के लिए लागू करना आगमनात्मक विधि कहलाती है।
प्रयोग विधि क्या है?प्रयोग विधि:-
बालक द्वारा प्रयोग स्वयं करके नवीन अवधारणों को सीखना प्रयोग विधि कहलाती है। प्रयोग विधि के अन्तर्गत प्रयोग कक्षा में प्रयोगशाला में अथवा कक्षा के बाहर परिवेश में किया जा सकता है। प्रयोग करने के लिये आवश्यक सामग्री परिवेश से एकत्रित करके भी बालक प्रयोग कर सकता है।
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