नवरात्रि के बाद कलश का क्या करें - navaraatri ke baad kalash ka kya karen

नवरात्रि के बाद कलश का क्या करें - navaraatri ke baad kalash ka kya karen
नवरात्रि के बाद कलश के ऊपर रखे नारियल का क्या करना चाहिए ?

नवरात्रि के बाद कलश के ऊपर रखे नारियल का क्या करना चाहिए ? ( What should be done with the coconut kept on the Kalash after Navratri ? )

नवरात्रि में शक्ति की अराधना की जाती है. इस पर्व पर माँ दूर्गा की विभन्न रूपों में पूजा की जाती है. इस अवसर पर माँ शक्ति को प्रसन्न करने के लिए भक्त माता की विभिन्न विधियों से पूजा करते हैं. लेकिन पूजा करने की एक विधि होती है, अगर हम सही विधि से पूजा नहीं करते हैं, तो उसका हमें पूरा लाभ नहीं मिल पाता है. इसी कारण लोगों में पूजा विधि से लेकर कई तरह के सवाल होते हैं, इसी तरह का एक सवाल आमतौर पर आता है कि नवरात्रि के बाद कलश के ऊपर रखे नारियल का क्या करना चाहिए . अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.

नवरात्रि के बाद कलश का क्या करें - navaraatri ke baad kalash ka kya karen
नवरात्रि

कलश के ऊपर रखे नारियल का क्या-

कलश के ऊपर रखे नारियल की बात करें, तो इस पर माता की विशेष कृप्या होती है. ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के उपरांत अगर इस नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर आप पूजा स्थल पर रख देते हैं, तो यह आपके लिए विशेषतौर पर फलदायी साबित होता है. इसके अलावा ऐसी भी मान्यता है कि नवरात्रि के बाद इस नारियल को पानी में विसर्जित कर दिया जाता है. इसके अलावा आप इसे प्रसाद में मिलाकर भी लोगों में बांट सकते हैं.

नवरात्रि के बाद कलश का क्या करें - navaraatri ke baad kalash ka kya karen
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कलश के ऊपर नारियल रखते समय किस बात का ध्यान –

कलश के ऊपर जब हम नारियल रखते हैं, तो हमें विशेषतौर पर यह ध्यान रखना चाहिए कि नारियल का मुख हमेशा साधक की तरफ ही होना चाहिएं. नारियल का मुख हम उस हिस्से को कहते हैं, जिससे वह नारियल पेड़ से जुड़ा हुआ था. सही तरह से कलश स्थापित करके पूजा करने से आपको पूर्णफल की प्राप्ति होती है. ऐसी शास्त्रों के अनुसार मान्यता है.

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हिंदू धर्म में भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है. कलश के ऊपर हम जो नारियल रखते हैं, उसे भगवान गणेश का ही प्रतीक माना जाता है. कलश के ऊपर हम जो स्वास्तिष्क चिह्न लगाते हैं, वह हमारे जीवन की चारों अवस्थाओं जैसे- बाल्य , युवा , प्रौढ तथा वृद्धा अवस्था के प्रतीक होते हैं.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. News4social इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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पूजा के बाद कलश का क्या करना चाहिए?

मां दुर्गा और कलश की विधिवत पूजा करने के बाद विसर्जन करना बेहद जरूरी है। कलश उठाते समय इस मंत्र को बोलते रहें- ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे॥ सबसे पहले कलश के ऊपर रखें नारियल को धीमे से उठाएं और अपने माथे में लगाएं।

नवरात्रि के बाद कलश विसर्जन कैसे करें?

कलश विसर्जन कैसे करें कलश का विसर्जन, नारियल और दीया को हटाने को उत्तर पूजन विधि कहा जाता है. कलश के जल को पूरे घर में छिड़क दें और बचे हुए जल को तुलसी या शमी की जड़ में डाल दें. अब चावल को अपने बाएं हाथ में रखे और अपने दाहिने हाथ से चावल को उठाएं और दान कर दें. अब मिट्टी के दीये, फूल.

कलश के नारियल को क्या किया जाता है?

अनुष्ठान या पूजा की समाप्ति पर कलश में रखे नारियल को फोड़कर, उसका भगवान को प्रसाद चढ़ाने के बाद खा सकते हैं।

Durga पूजन के बाद नारियल का क्या करें?

पूजा के बाद उस नारियल को तिजोरी में रख दें। रात के समय इस नारियल को निकालकर किसी गणेश मंदिर में अर्पित कर दें। साथ ही श्रीगणेश से निर्धनता दूर करने की प्रार्थना करें। ऐसा कम से कम पांच शुक्रवार करें