पंचमुखी रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करें? - panchamukhee rudraaksh ko siddh kaise karen?

ऐसे करें पांच मुखी रुद्राक्ष को धारण जीवन से दूर हो जाएंगी सभी परेशानियां

7032 Views 0

पंचमुखी रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करें? - panchamukhee rudraaksh ko siddh kaise karen?

पंचमुखी रुद्राक्ष ( Panchmukhi Rudraksha )

पंचमुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के महादेव स्वरुप का प्रतीक है। यह व्यक्ति के सभी पापों और बुरे कर्मों को खत्म कर व्यक्ति को अध्यात्म की ओर जाने के लिए प्रेरित करता है। पंचमुखी रुद्राक्ष में कालाग्नि नामक रूद्र का वास है, जो व्यक्ति के दैहिक रोग को समाप्त कर देता है।

आज के इस लेख में हम आपको पंचमुखी रुद्राक्ष के बारे में संक्षेप में पूरी जानकारी देंगे और साथ ही उससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब भी देंगे।

पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने के लाभ
पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने से पहले क्या करना चाहिए
पंचमुखी रुद्राक्ष धारण कैसे करें
पंचमुखी रुद्राक्ष कौन कौन धारण कर सकता है
पंचमुखी रुद्राक्ष की क्या कीमत है
पंचमुखी रुद्राक्ष किसका प्रतीक है
पंचमुखी रुद्राक्ष का मंत्र क्या है
रुद्राक्ष कौन सा अच्छा होता है
असली रुद्राक्ष कौन सा होता है
रुद्राक्ष का पानी पीने से क्या होता है
कितने रुद्राक्ष की माला पहननी चाहिए
रुद्राक्ष कौन से धागे में पहनना चाहिए

पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या लाभ? ( Panchmukhi Rudraksha Pahanne se kya labh? )

पंचमुखी रुद्राक्ष के कई सारे चमत्कारिक लाभ हैं जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है यह मनुष्य के दैहिक रोगों की समाप्ति करता है। इसमें खासकर मधुमेह, स्तनशिथिलता, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, एसिडिटी जैसे रोग शामिल हैं। साथ ही अनिद्रा की स्थिति, श्वसन संबंधी रोगों से भी छुटकारा मिलता है। यह गुरु के उल्टे प्रभाव को कम करने में सहायक है। बताते चलें कि पंचमुखी रुद्राक्ष तनावमुक्त और सुखी जीवन प्रदान करते हुए आलस्य को दूर भगाता है।

पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने से पहले क्या करना चाहिए? ( Panchmukhi Rudraksha Pehanne se pehle kya karna chahiye? )

रुद्राक्ष को पहनने से पहले व्यक्ति के शरीर और मन का शुद्धिकरण किया जाना बहुत जरुरी है।  इसे पहनने से पहले मांस-मदिरा का सेवन रोक देना चाहिए और मन-मस्तिष्क भगवान के ध्यान में अधिक लगाना चाहिए। साथ ही भगवान शिव की नियमित तौर पर पूजा किया जाना भी बेहद आवश्यक है तभी ईश्वर की कृपा अति शीघ्र प्राप्त होगी।

कुछ ध्यान रखने वाली  बातों में ये बातें भी शामिल है जैसे- किसी दूसरे व्यक्ति को अपना रुद्राक्ष पहनने के लिए न दें। इसे हमेशा विषम संख्या में पहनना चाहिए।

पंचमुखी रुद्राक्ष धारण कैसे करें? ( Panchmukhi Rudraksha dhaaran kaise kare? )

1. पंचमुखी रुद्राक्ष की माला को पहनने के लिए सबसे शुभ दिन सोमवार है।  
2. इस दिन शिव की प्रतिमा के समक्ष दीपक जलाएं और बेलपत्री अर्पित करें।   
3. इसके बाद दिए गए 5 मुखी धारण मंत्र का जाप करें।
             ॐ ह्रीं क्लीं नम:
4. यह सभी क्रिया संपन्न करने के बाद ही रुद्राक्ष धारण करें।  

पंचमुखी रुद्राक्ष कौन कौन धारण कर सकता है? ( Panchmukhi Rudraksha kaun-kaun dhaaran kar sakta hai? )

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक गंभीर रोगों से जूझ रहे लोगों को पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। कला और साहित्य के क्षेत्रों से जुड़े लोगों जैसे- शिक्षक, विशेषज्ञों, पत्रकारों को यह रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

पंचमुखी रुद्राक्ष किसका प्रतीक है? ( Panchmukhi Rudraksha kiska prateek hai? )

पंचमुखी रुद्राक्ष भगवान शिव महादेव स्वरूप का प्रतीक है जो नरहत्या जैसे पापों को नष्ट कर देता है।  

पंचमुखी रुद्राक्ष का मंत्र क्या है? ( Panchmukhi Rudraksha ka mantra kya hai? )

पंचमुखी रुद्राक्ष का धारण मंत्र ”ॐ ह्रीं क्लीं नम:” है। इस मंत्र का जाप करते हुए ही पंचमुखी रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए। 

रुद्राक्ष कौन सा अच्छा होता है? ( Rudraksha kaun sa achha hota hai? )

सभी तरह के रुद्राक्ष की कोई न कोई ऐसी विशेषता है जिसे ध्यान में रखकर ही इन्हें धारण किया जाता है। इसलिए व्यक्ति को अपनी समस्या और राशि के हिसाब से रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।  

असली रुद्राक्ष कौन सा होता है? ( Asli Rudraksha kaun sa hota hai? )

असली रुद्राक्ष वही है जो गर्म पानी में उबालते समय रंग न छोड़े और तेल में डुबोकर रखने पर अपना रंग पहले से और अधिक गहरा दिखाए। ये दोनों ही रुद्राक्ष की पहचान करने के तरीके हैं।    

रुद्राक्ष का पानी पीने से क्या होता है? ( Rudraksha ka pani peene se kya hota hai? )

रुद्राक्ष में जीवाणु रोधी और anti-inflammatory गुण पाए जाते हैं इसलिए रुद्राक्ष का पानी पीने से व्यक्ति के इन सभी तरह रोग समाप्त हो  जाते हैं।    

कितने रुद्राक्ष की माला पहननी चाहिए? ( Kitne Rudraksha ki maala pehanni chahiye? )

वैसे तो एक ही रुद्राक्ष की माला पहनी जाती है क्योंकि एक ही रुद्राक्ष इतना अधिक प्रभावशाली है कि अधिक की आवश्यकता ही नहीं। वहीँ जाप के लिए 108+1 रुद्राक्ष वाली माला प्रयोग में लानी चाहिए।  

रुद्राक्ष कौन से धागे में पहनना चाहिए? ( Rudraksha kaun se dhaage me pehanna chahiye? )

रुद्राक्ष को लाल, श्वेत या पीले धागे में ही पहनना चाहिए। वहीँ बताते चलें काले धागे में रुद्राक्ष पहनना वर्जित है।  

5 मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करें?

पांच मुखी रुद्राक्ष को सोने या फिर चाँदी में मढ़वा कर या बिना मढ़वाएं भी धारण किया जा सकता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से पहले इसे गंगा जल या कच्चे दूध से शुद्ध कर लीजिए। उसके बाद धूप, दीप जलाकर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने की सलाह दी जाती है। इसके बाद 'ॐ ह्रीं नम:' मंत्र का 108 बार जाप करें

रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करते हैं?

मेरू मणि पर स्पर्श करते हुए 'ऊं अघोरे भो त्र्यंबकम्' मंत्र का जाप करें। यदि एक ही रुद्राक्ष सिद्ध करना हो तो पहले उसे पंचगव्य से स्नान कराएं। इस के बाद गंगा स्नान कराएं। बाद में उसकी षोडशोपचार पूजा करें, फिर उसे चांदी के डिब्बे में रखें।

रुद्राक्ष को अभिमंत्रित कैसे करें?

पूजनोपरांत ॐ नम: शिवाय' मंत्र का 1100 जप करके 108 बार हवन करना चाहिए। तत्पश्चात रुद्राक्ष को शिवलिंग से स्पर्श कराकर पुन: ॐ नम: शिवाय' मंत्र जपते हुए पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके धारण कर लेना चाहिए। धारण करने के बाद हवन कुंड की भस्म का टीका लगाकर शिव प्रतिमा को प्रणाम करना चाहिए।

पंचमुखी रुद्राक्ष को कौन से धागे में पहनना चाहिए?

भगवान शिव ध्यान मन में करते ही उनके अंगों पर रुद्राक्ष भी दिखता होगा। रुद्राक्ष भगवान शिव का अत्यंत प्रिय आभूषण है जिसका वर्णन शिव पुराण में विस्तार से मिलता है। मुख के आधार पर रुद्राक्ष के अलग-अलग नाम और लाभ शास्त्रों में बताए गए हैं। देखिए पंचमुखी रुद्राक्ष के क्या हैं लाभ।