पीगू के कल्याणवादी अर्थशास्त्र का आधार क्या है? - peegoo ke kalyaanavaadee arthashaastr ka aadhaar kya hai?

🔰Post Graduate Level

1.Welfare economics – Pareto optimality and new welfare economics
🔰कल्याणवादी अर्थशास्त्र
परेटो अनुकूलतम
नवीन कल्याणवादी अर्थशास्त्र

कल्याणवादी अर्थशास्त्र अर्थशास्त्र की वह साखा है जो सामाजिक कल्याण को अधिकतम करने की दृष्टि से आर्थिक नीतियों का विश्लेषण करती है

स्तोविस्की के अनुसार "कल्याण अर्थशास्त्र आर्थिक सिद्धात के सामान्य सरीर का वह भाग है जो प्रमुख रूप से नीति से सम्बन्ध रखता है"

➖वास्तविक अर्थशास्त्र में आर्थिक सिद्धान्तों व नियमो का अध्ययन किया जाता है जबकि कल्याणवादी अर्थशास्त्र में आर्थिक नीतियों की जांच की जाती है

➖कल्याणवादी अर्थशास्त्र के विकास में विशेष रूप से मार्शल,पिगू,केलडोर,हिक्स परेटो,सिटोविस्की, सेम्युसन, लिटिल,रेडर आदि का महत्वपूर्ण योगदान है

➖आर्थिक कल्याण सामान्य कल्याण का वह भाग है जिसे प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से मुद्रा के मापदंड से सम्बंधित किया जाता है

 ♻मार्शल

 मार्शल ने समाज मे आर्थिक कल्याण का अध्ययन उपभोक्ता की बचत रीति द्वारा किया

मार्शल के अनुसार किसी समाज में आर्थिक कल्याण की मात्रा समय की दी गई अवधि में उसके द्वारा प्राप्त सुद्ध भौतिक आगम की मात्रा पर निर्भर करती है

➖समाज के आर्थिक आधिक्य का अध्ययन किया -मार्शल ने

➖मार्शल के अनुसार उत्पादन वर्द्धि नियम की क्रियासिलता की दशा में उत्पादित वस्तु पर लगाया गया कर उपभोक्ता के लिए अधिक हानिकारक होता है

♻पिगू

पिगू का कल्याणवादी अर्थशास्त्र मार्शल के गननावाचक उपयोगिता विश्लेषण पर आधरित है

"Economics of Welfare"(1920) पुस्तक के लेखक ए. सी.पिगू थे

पिगू ने कल्याणवादी अर्थशास्त्र को प्राचीन कल्याणवादी अर्थशास्त्र कहा

पिगू का कल्याणकारी विश्लेषण आय पर सीमान्त उपयोगिता हास्य नियम पर आधारित है

🔰परेटो अनुकूलतम  (Pareto Optimality)

परेटो इटली के अर्थशास्त्री थे जिन्होंने कल्याण अर्थशास्त्र क्षेत्र में सबसे बड़ा योगदान यह है कि उन्होंने आर्थिक कल्याण के परिवर्तनों को मापने का एक निश्चित मापदण्ड प्रस्तुत किया

➖परेटो ने अनुकूलतम स्थिति  को एज्वर्थ बॉक्स  से समझाया अनुकूलतम स्थिति उसे कहते है जहाँ पर एक व्यक्ति को श्रेष्ठतम स्थिति में पहचाने के लिए दूसरे को बुरी स्थिति में पहुचाना पड़ता है यह परेटो की अनुकलतम स्थिति है

⭕परेटो का मापदंड

एक व्यक्ति को बिना हानि पहुचाये बिना दूसरे व्यक्ति को अच्छी स्थिति में पहुचना परेटो का मापदण्ड है

चित्र 1

पीगू के कल्याणवादी अर्थशास्त्र का आधार क्या है? - peegoo ke kalyaanavaadee arthashaastr ka aadhaar kya hai?

(MRSxy)A =(MRS xy)B

OA से OB रेखा उपयोगी प्रसविदा वक्र रेखा है

L बिंदु अनुकलतम मापदण्ड है
M,N,K अनुकलतम वक्र है

L बिंदु पर दोनों बराबर नही होते है

चित्र परेटो का अनुकलतम सिद्धात में एक को लाभ व एक को हानि होती है GH बिंदु

पीगू के कल्याणवादी अर्थशास्त्र का आधार क्या है? - peegoo ke kalyaanavaadee arthashaastr ka aadhaar kya hai?

1.C बिंदु पर दोनों को समान उपयोगिता मिलती है

2.C से K बिंदु पर जाने पर B को समान उपयोगिता व A की उपयोगिता बढ़ेगी

3.C से L पर जाने पर A की उपयोगिता समान व B की उपयोगिता बढ़ेगी

4.R पर दोनों अछि स्थिति में रहेगी

चित्र 2

🔰परेटो सिद्धात की मुख्य बातें

➖सामाजिक अनुकलतम का सिद्धात परेटो ने 1906 में प्रस्तुत किया है

➖परेटो के अनुकलतम सिद्धात को एज्वर्थ -बावले मॉडल द्वारा प्रदर्शित किया गया है

➖परेटो का कल्याणवादी विचार क्रमबद्ध विश्लेषण पर आधारित है

➖परेटो ने सामाजिक कल्याण को अधिकतम करने हेतु वस्तुगत प्रतिक्षण का पता लगया

➖परेटो उपयोगिता के सख्यात्मक माप को स्वीकार नही करते

➖परेटो का कल्याणवादी विश्लेषण उपयोगिता के कर्मवाचक विचार पर आधारित है

➖परेटो ने सामाजिक कल्याण को अधिकतम करने का एक जाच सिद्धात प्रस्तुत किया जिसको

परेटियन अनुकूलतम
परेटो का सर्वसम्मत नियम
परेटो का सामाजिक अनुकलतम
सामान्य अनुकलतम नामो से जाना जाता है

➖परेटो का सर्वसम्मत नियम सकरात्मक मौलिक उदेश्य सबका भला करो है

🔰परेटो को संतुलन की दशाएं

चित्र

पीगू के कल्याणवादी अर्थशास्त्र का आधार क्या है? - peegoo ke kalyaanavaadee arthashaastr ka aadhaar kya hai?

➖परेटो केवल उत्पादन एवम विनिमय की कुशलता को शामिल करता है

🔰परेटो की मान्यता

1.प्रत्येक व्यक्ति के उपयोगिता फलन में उपयोगिता के क्रमिक माप को शामिल किया है

2.अपनी संतुष्टि को अधिकतम करना प्रत्येक व्यक्ति का उद्देश्य है

3.हर व्यक्ति के पास उत्पादन साधन मात्रा है

4.उपयोगिता की अन्तर्व्यक्तिक तुलना सम्भव नही है

5.व्यक्तियों की उपयोगिता फलन स्वतंत्र नही है

6.वस्तु एवम उत्पादन के साधन में पूर्ण विभाजित है

7.उत्पादन साधन पूर्ण गतिशिल है

♻परेटो मापदण्ड शर्ते

उपभोग का वस्तुओं का अनुकलतम वितरण होना चाइए अर्थात दोनों वस्तुओं x व y में प्रतिस्थापन दर में MRS समान होनी चाइए [MRS A =MRS B बराबर हो]

 2.सीमान्त सर्त को प्रथम क्रम की शर्त कहते है MRS xy A =MRS xy B

द्वितीय सर्त सीमांत रूपांतरण सम्भवना वक्र का ढाल नतोदर होना चाइए

3.उत्पादन की इष्टतम सरचना

बजट लाइन व IC वक्र का ढाल समान है तो इष्टतम बिंदु कहते है

➖उपभोग में MRSxy A=MRS xy B
➖उत्पादन में MRTS LK A =MRTS Lk B

🔰नवीन कल्याणवादी अर्थशास्त्र

नवीन कल्याणवादी अर्थशास्त्र में हिक्स,कोलडोर,तथा सिकटोविस्की ने क्षतिपूर्ति सिद्धात का प्रतिपादन किया और आर्थिक व सामाजिक कल्याण का वस्तुपरक मापदण्ड प्रस्तुत किया

➖कोलडोर व हिक्स मापदण्ड में निहित अंतर्विरोध को सिटोविस्की का विरोधाभास कहा जाता है

हिक्स ने कहा कि सामाजिक कल्याण अनुकलतम के लिए प्रथम सर्त आवश्यक तो है किंतु पर्याप्त नही है इस आधार पर द्वितीय श्रेणी की दसाये प्रशतुत की

➖सिटोविस्की ने  दोहरा मापदंड विसंगतियों को दूर करने के लिए दोहरा मापदंड प्रस्तुत किया यह संभाव्य कल्याण पर आधरित है

➖सामाजिक कल्याण का फलन बर्गसन ने प्रस्तुत किया

सामाजिक कल्याण फलन  सब तत्वों एवम चरो को बताता है जिन पर समाज के सभी व्यक्तियों का कल्याण निर्भर करता है

 W =फक्शन ऑफ (u1,u2,...un)

Social choice and Individual values जे के एरो ने 1951 में दी

➖परेटो ने अपने क्षतिपूर्ति मानदंड को संभाव्य कल्याण के काल्पनिक विचार पर केंद्रित किया

🔰कोलडोर व हिक्स का क्षतिपूर्ति सिद्धात 1939

क्षतिपूर्ति सिद्धांत के अनुसार जब किसी नीति परिवर्तन से कुछ को लाभ व कुछ को हानि होती है तो यह परिवर्तन सामाजिक कल्याण को बढ़ाएगा

यदि लाभांवित व्यक्ति हानि उठानी वाले व्यक्ति की क्षतिपूर्ति करने में बाद भी अच्छी स्थिति में हो

चित्र

पीगू के कल्याणवादी अर्थशास्त्र का आधार क्या है? - peegoo ke kalyaanavaadee arthashaastr ka aadhaar kya hai?

➖C बिंदु पर दोनों A व B का उपभोग बराबर था
➖B बिंदु की उपयोगिता बढ़ी तो A को A2 हानि हुई
➖B2 से B1 तक कि क्षतिपूर्ति कर दिया तब भी B से B1 तक लाभ प्राप्त हुवा

🔰मान्यताएं

1. एक व्यक्ति की रुचियां स्थिर है उपभोग व उत्पादन में बाह्यय प्रभाव अनुपस्थित रहता है

2.एक व्यक्ति कल्याण के अंतर व्यक्तिक तुलना को स्वीकार  नहीं करता है

3.इस मान्यता के अनुसार प्रत्येक का कल्याण एक दूसरे से स्वतंत्र होता है

4. समाजिक कल्याण उत्पादन वितरण के स्तर पर निर्भर करता है

5.सामाजिक कल्याण में वर्द्धि या कमी को परेटो के मापदण्ड द्वारा ज्ञात नहीं कर सकते

6.कोलडोर ने अपना मापदंड लाभ उठाने वाले के दृष्टिकोण से दिया

7.हिक्स ने अपना मापदंड हानि उठाने वाले दृष्टिकोण से दिया है

➖कोल्डर व हिक्स मापदण्ड वास्तविक  छतिपूर्ति नहीं बल्कि संभावित क्षतिपूर्ति का सुझाव देते हैं

➖ आय के वितरण में परिवर्तन का सामाजिक  कल्याण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है

➖क्षतिपूर्ति सिद्धात /नवीन कल्याण वादी सिद्धांत कोल्डर ,हिक्स व स्तोविस्की ने दिया

🔰 सिटोविस्की का दोहरा मापदण्ड

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पीगू के कल्याणवादी अर्थशास्त्र का आधार क्या है? - peegoo ke kalyaanavaadee arthashaastr ka aadhaar kya hai?

➖सिटोविस्की का विरोधाभास सिद्धात 1941 में दिया गया है

➖सर्वप्रथम विरोधाभास को कोलडोर व हिक्स ने समलित विरोध को सबसे पहले सिटोविस्की ने बताया था  इसलिए इसको सिटोविस्की का विरोधाभास कहा गया

➖सिटोविस्की के विरोधाभास को ही विपरीत परीक्षण कहा गया है

➖सिटोविस्की ने दोहरा मापदण्ड प्रस्तुत किया

पीगू का कल्याण अर्थशास्त्र क्या है?

पीगू के कथनानुसार, "अर्थशास्त्र में आर्थिक कल्याण, सामाजिक कल्याण के उस भाग से है जिसे प्रत्यक्षतः या अप्रत्यक्षतः मुद्रा के मापदण्ड से सम्बन्धित किया जा सकता है । " उन्होने इस बात पर बल दिया कि अर्थशास्त्र में आर्थिक हित का अध्ययन किया जाता है।

कल्याण वादी अर्थशास्त्र के जनक कौन है?

कल्याणकारी अर्थव्यवस्था के जनक कहे जाने वाले अमर्त्य सेन भारत के गिने-चुने 'नोबेल पुरस्कार' विजेताओं में से एक हैं। अर्थशास्त्र विषय में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें वर्ष 1998 में यह सम्मान प्रदान किया गया था।

पीगू का रोजगार सिद्धांत क्या है?

पीगू के अनुसार यदि अर्थव्यवस्था की स्वचालकता को बनाये रखा जाय तो रोजगार सन्तुलन एवं पूर्ण रोजगार की स्थापना स्वयमेव हो जाएगी। उत्पादन का पूर्ण रोजगार स्तर इसी स्तर तक मांग पैदा करेगा। समस्त मांग में वृद्धि ही स्फीति का कारण होती है। लेकिन ब्याज की दर का प्रभाव समस्त मांग को कुल उत्पादन से अधिक बढ़ने से रोकता है।

अर्थशास्त्र की कल्याण संबंधी परिभाषा देने वाले प्रथम अर्थशास्त्री कौन थे?

उन्नीसवीं सताब्दी के अंत में अल्फ्रेड मार्शल (Alfred Marshall) ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक 'Principles of Economics) में अर्थशास्त्र को मानव कल्याण के विज्ञान का नाम देकर इसे और भी लोकप्रिय बना दिया।