एक ही बात बार-बार सोचना भी है बीमारी! जानिए ओवरथिंकिंग कैसे दिमाग पर डालती है असर Show
ओवरथिंकिंग दिमाग पर डालती है असर,Image-canvaएक ही बात को बार-बार सोचने की आदत है तो यह ओवरथिंकिंग की बीमारी है जिसका असर मानसिक और शारीरिक हेल्थ पर बहुत अधिक होता है. इस स्थिति से कैसे निकलें जानिए आज के इस लेख में.
Negative Effects Of Overthinking-कई बार दिमाग में बार-बार एक ही बात आती रहती है और उसे ही सोच कर हम खुद को परेशान करते रहते है. इसे ओवरथिंकिंग कहा जाता है. अक्सर इस केस में किसी छोटी सी बात को हम मन ही मन काफी ज्यादा बढ़ा लेते हैं. आस पास में भी अगर कुछ होता है तो उससे भी आपको ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है. बार-बार सोचना और चिंता करना एक बीमारी हो सकती है. इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. ऐसा करने से मानसिक सेहत काफी प्रभावित हो सकती है और साथ में शारीरिक सेहत से जुड़े लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं. अगर यह ख्याल आना अभी अभी शुरू हो रहे हैं तो इनको शुरू से ही ट्रीट करना शुरू रहता है नहीं तो यह दिमाग पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं. इससे पहले यह आपकी जिंदगी में दखलंदाजी करना शुरू करें, जल्द से जल्द इसका समाधान निकालना जरूरी होता है. आइए जानते हैं कैसे यह बीमारी जीवन को प्रभावित करती है. ये भी पढ़ें: वजन घटाने की सोच रहे हैं तो दिन में कितनी ग्रीन टी पीने से होगा फायदा, यहां जानिए ओवरथिंकिंग का प्रभाव ये भी पढ़ें: देर रात को भूख लग जाती है? इन फूड्स को खाने से मिलेगा पोषण -इससे दूसरों के साथ अच्छे रिश्ते भी खराब होने लग जाते हैं. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Health, Lifestyle FIRST PUBLISHED : June 30, 2022, 12:23 IST ठीक दिशा में सोचना अच्छा होता है लेकिन किसी विषय पर बहुत ज्यादा सोचकर नकारात्मक भाव की ओर बढ़ना आपमें तनाव बढ़ाता है। दूसरा आपने खुद भी महसूस किया होगा कि जब किसी समस्या पर ज्यादा सोचते हैं तो अपना ही नुकसान कर रहे होते हैं।हाय मेरे दोस्तों ने मुझे ऐसा कैसे बोल दिया। मुझे उन्हें तुरंत बढ़िया जवाब देना चाहिए था। मुझे उन्हें अक्ल सिखानी चाहिए थी, ताकि वो दोबारा ऐसा न बोलें….जब हम किसी व्यक्ति से या किसी समस्या से परेशान होते हैं तो कुछ ऐसे ही विचार हमारे मन में बार-बार घूमते हैं। ये समस्याएं किसी भी मुद्दे पर हो सकती हैं। मसलन आपके करिअर, परिवार या समाज किसी भी मुद्दे पर आपको परेशानी हो सकती है। अक्सर मनुष्य जब किसी ऊहापोह में होता है या कोई ऐसी बात जो भीतर से कचोट रही है तो वह उसके बारे में बहुत ज्यादा सोचता है और तब तक सोचता है जब उसे उसका हल न मिल जाए या उसके मन की बात जिस तक पहुंचानी है उस तक न पहुंचाई जाए। ठीक दिशा में सोचना अच्छा होता है लेकिन किसी विषय पर बहुत ज्यादा सोचकर नकारात्मक भाव की ओर बढ़ना आपमें तनाव बढ़ाता है। दूसरा आपने खुद भी महसूस किया होगा कि जब किसी समस्या पर ज्यादा सोचते हैं तो अपना ही नुकसान कर रहे होते हैं। उस वक्त जिस समय आप किसी मुद्दे पर सोच रहे होते हैं तब आप किसी और काम में मन नहीं लगा पाते। जिस वजह से आपके बाकी सारे काम बिगड़ने लगते हैं। तो ज्यादा सोचने की वजह से हमारे और आपके काम और ज्यादा न बिगड़ें इससे पहले हमें अपनी इस आदत पर लगाम लगाना होगा। खुद को खुश रखने की कोशिश करें बीती बातों को न सोचें अपना सर्वश्रेष्ठ स्वीकार करें आज में जिएं विस्तृत दृष्टिकोण में सोचें सब कुछ आपके नियंत्रण में नहीं नकारात्मक विचारों को कहें
न खुद को व्यस्त रखें ज्यादा सोचने की बीमारी को क्या कहते हैं?बहुत ज्यादा किसी बारे में सोचने से मन की पॉजिटिव एनर्जी खत्म हो जाती है. उसकी जगह नेगेटिव एनर्जी ले लेती है. यह धीरे-धीरे मानसिक रूप से व्यक्ति को बीमार कर देता है. इस कारण वह डिप्रेशन का शिकार (Depression Problem) हो जाता है.
ज्यादा सोचना बंद कैसे करें?कोई सर्किट जिम ज्वाइन कर लें: जब घंटी बजने की आवाज सुनकर आपको हर मिनट नयी मशीन का प्रयोग करना पड़ेगा तो आपको ज्यादा सोचने का मौका ही नहीं मिलेगा |. हाईकिंग करें: प्रकृति के पास रहना, और प्रकृति की सुन्दरता और शान्ति को निहारना ऐसा काम है जिससे आपको अपना ध्यान वर्तमान में रखने में काफी मदद मिलेगी |. किसी चीज को बार बार सोचने से क्या होता है?-काफी ज्यादा स्ट्रेस देखने को मिलता है. -बार-बार एक जैसे विचार रात में सोने में परेशानी खड़ी कर सकते हैं. -किसी भी एक चीज पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो सकता है. -इससे एंजाइटी, डिप्रेशन और यहां तक की खुद के बारे में ही बुरा सोचने तक की नौबत आ सकती है.
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