पाकिस्तान में सरसों के तेल की कीमत क्या है? - paakistaan mein sarason ke tel kee keemat kya hai?

Fuel Price in Pakistan: पाकिस्तान (Pakistan) में भी अब श्रीलंका (Srilanka) जैसे हालात होने वाले हैं. आप सोच रहे होंगे ये सवाल क्यों? दरअसल पाकिस्तान में भी महंगाई (Inflation) चरम पर है और तेल के दामों (Fuel Prices) में आग लगी हुई है. श्रीलंका में आर्थिक तंगी (Economic Crisis in Srilanka) जब शुरू हुई थी तो तेल के दाम इसी भाव पहुंच गए थे. पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल (Pakistan Finiance Minister) ने गुरुवार को पेट्रोल की कीमतों में 30 रुपए की बढ़ोतरी की घोषणा की. इसके बाद यहां पेट्रोल 209 रुपये 86 पैसे और डीजल 204 रुपये 15 पैसे हो गया है.

पाकिस्तान में एक हफ्ते में दूसरी बार दाम बढ़ाए गए हैं. इसके बाद पेट्रोल का दाम पाकिस्तान में 209.86 रुपए हो गया है. वहीं डीजल की कीमतें 204.15 रुपए लीटर हो गईं. इससे पहले भी गुरुवार को पेट्रोल की कीमतों में 30 रुपए की बढ़ोतरी की गई थी.

पीएम शहबाज शरीफ ने तेल के दामों में बढ़ोत्तरी को दी मंजूरी

पत्रकारों से बात करते हुए वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने बताया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तेल के दामों में बढ़ोतरी के लिए मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि पीएम शरीफ ने 3 जून से पेट्रोल डीजल के दामों में 30 रुपये और मिट्टी के तेल के दाम में 26 रुपये 38 पैसे बढ़ाने के लिए कहा है. उन्होंने ये भी बताया कि केरोसिन तेल ही एकमात्र ऐसी चीज है जिससे सरकार को नुकसान नहीं हो रहा है नहीं तो पेट्रोल और डीजल में तो सरकार को नुकसान ही उठाना पड़ रहा है.

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रूस नहीं दे रहा पाकिस्तान को तेल

उधर भारत कम दामों पर रूस से तेल खरीद (Import Oil From Russia) रहा है तो वहीं पाकिस्तान (Pakistan) को तेल देने से रूस (Russia) ने मना कर दिया है. इस बात पर वित्त मंत्री (Finiance Minister) बोले कि पिछली सरकार ने रूस के साथ अच्छे रिश्ते नहीं रखे जिसके कारण देश को इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इमरान खान (Imran Khan) ने रूस का दौरा (Russia Visit) किया लेकिन कहीं भी ये खबर नहीं छपी कि रूस और पाकिस्तान (Russia Pakistan) के बीच तेल खरीद को लेकर कोई समझौता (Oil Agreement) हुआ.

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कोरोनावायरस महामारी के बीच पाकिस्तान में पेट्रोल की महंगाई में वहां के आम लोगों को जोरजार झटका दिया है.

Petrol price Hike News: कोरोनावायरस महामारी के बीच पाकिस्तान में पेट्रोल की महंगाई में वहां के आम लोगों को जोरजार झटका दिया है. पाकिस्तानी समाचार पत्र अखबार डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार, पेट्रोल की मौजूदा कीमत में एक ही बार में 25.58 रुपये बढ़कर 100.10 रुपये (पाकिस्तानी रुपया)  प्रति लीटर हो गए हैं. इससे पहले पेट्रोल के दाम 74.52 रुपये प्रति लीटर थे. पाकिस्तानी सरकार ने इस वृद्धि की वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती कीमतें बताई है.

पाकिस्तान में पेट्रोल से ज्यादा महंगा डीजल हो गया है. वहां हाई स्पीड डीजल (HSD) की कीमत 21.31 रुपये बढ़कर 101.46 रुपये प्रति लीटर हो गई है. वहीं, केरोसिन तेल की कीमत भी 23.50 रुपये बढ़कर 59.06 रुपये प्रति लीटर हो गई है. संशोधित कीमतें 26 जून से प्रभावी हो गई हैं. बता दें, पाकिस्तान में पेट्रोल-डीजल की संशोधित कीमतों का आमतौर पर महीने के अंतिम दिन एलान किया जाता है और यह 12 बजे के बाद लागू होती हैं. हालांकि महीने के बीच में यह तेल की कीमतों में बदलाव का एलान किया गया.

पाकिस्तान में बेकाबू महंगाई के बीच पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें आम आदमी मुश्किलें और बढ़ाएंगी. वर्ष 2020 में पाकिस्तानी रुपये में दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले अधिक गिरावट देखने को मिली है. पाकिस्तानी स्टेट बैंक (SBP) के अनुसार, पाकिस्तान में वित्त वर्ष 2020 में दुनिया में सबसे ज्यादा महंगाई दर्ज की गई, इसके चलते ब्याज दरें बढ़ानी पड़ी.

पाकिस्तान में सरसों के तेल की कीमत क्या है? - paakistaan mein sarason ke tel kee keemat kya hai?

Mustard Oil Price: सरसों के तेल का क्यों बढ़ रहा है इतना दाम? विशेषज्ञ ने बताई इसकी तीन मुख्य वजह. रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद आसमान छू रही है खाद्य तेलों की महंगाई.

पाकिस्तान में सरसों के तेल की कीमत क्या है? - paakistaan mein sarason ke tel kee keemat kya hai?

इस साल रिकॉर्ड 9.99 मिलियन टन सरसों के उत्पादन का अनुमान है.

हरियाणा से लेकर राजस्थान तक की मंडियों में सरसों के दाम में तेजी बरकरार है. इसका सीधा असर इसके तेल के दाम पर दिखाई दे रहा है. पूर्वांचल के ग्रामीण क्षेत्रों में एक महीने में ही सरसों के शुद्ध तेल के रेट (Mustard Oil Price) में 60 रुपये प्रति लीटर की रिकॉर्ड वृद्धि हो गई है. ठीक एक महीने पहले 7 मई को यहां के कोल्हू पर 180 रुपये लीटर सरसों का तेल मिल रहा था. जिसका रेट अब बढ़कर 240 रुपये तक पहुंच गया है. पिछले साल यानी 2020 में यहां इसका रेट 140 रुपये लीटर था. सवाल ये है कि खाद्य तेलों की महंगाई में लगी यह आग कितनी ऊंचाई पर जाकर खत्म होगी. कोल्हू संचालकों का कहना है कि सरसों महंगी मिलेगी तो वो शुद्ध तेल सस्ता कैसे बेच पाएंगे.

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक 2020-21 में रिकॉर्ड 9.99 मिलियन टन सरसों के उत्पादन (Mustard Production) का अनुमान है. यह अब तक का सर्वाधिक है. पिछले साल यानी 2019-20 में 9.12 मिलियन टन उत्पादन था. सरकार के मुताबिक 2015-16 से 2019-20 तक का सरसों का औसत सालाना उत्पादन 8.30 मिलियन टन ही रहा है. फिर रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद आखिर तेल का दाम क्यों इतनी बढ़ रहा है.

सरसों तेल के दाम में वृद्धि की वजह क्या है?

अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर सरसों के तेल के दाम में वृद्धि की तीन मुख्य वजह बताते हैं. उनका कहना है कि भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने सरसों तेल में किसी भी अन्य तेल को मिलाने (Blending) पर रोक लगा दी है. सरसों के तेल में तय मात्रा में अन्य खाद्य तेलों के सम्मिश्रण को ब्लेंडिंग कहते हैं. इससे सरसों तेल की ऑफीशियल मिलावट बंद हो गई है. इससे सरसों के शुद्ध तेल की खपत में तेजी से इजाफा हुआ है.

दूसरी वजह यह है कि कोरोना काल के बाद के सेहत के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है. लोग मान रहे हैं कि जो देसी तेल है वही अच्छा है. इसलिए भी रिफाइंड की जगह काफी लोग सरसों के तेल पर शिफ्ट हो गए हैं. तीसरी वजह यह है कि अब खाद्य तेलों का रेट इंटरनेशनल मार्केट में तय हो रहा है. इसलिए इसका दाम बेकाबू है.

सरसों की फसल पर फोकस करने की जरूरत

सरसों अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. पीके राय का कहना है कि 20-25 साल पहले पूर्वांचल में भी सरसों की खेती (Mustard farming) होती थी. लेकिन यहां के ज्यादातर किसान धीरे-धीरे पूरी तरह से गेहूं की फसल पर शिफ्ट हो गए. इससे इस क्षेत्र में सरसों का उत्पादन अब कम हो गया है. किसानों को फिर से तिलहनी फसलों की ओर फोकस करने की जरूरत है. अब सरसों का अच्छा दाम मिल रहा है तो उम्मीद है कि अगले साल तक लोग गेहूं की बजाय सरसों की बुवाई पर ज्यादा ध्यान देंगे.

इसीलिए तिलहन पर फोकस कर रही सरकार

खाद्य तेलों के आयात पर देश की निर्भरता कम करने के लिए मोदी सरकार ने राष्ट्रीय तिलहन मिशन (National Oil Seed Mission) शुरू किया है. इस पर पांच साल में करीब 19,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके जरिए तिलहनी फसलों की खेती को प्रमोट किया जाएगा. ताकि जो पैसा हम दूसरे देशों को दे रहे हैं, वह अपने यहां के किसानों को मिले. सरकार 14 मिलियन टन सरसों उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने के लिए काम कर रही है. भारत सालाना करीब 70,000 करोड़ रुपए का खाद्य तेल आयात करता है.

दाम का ये है गणित

-एक क्विंटल सरसों में औसतन 36 लीटर तेल निकलता है. -सरसों का औसत दाम 7500 रुपये क्लिंटल चल रहा है. -इस तरह शुद्ध तेल का दाम 208 रुपये प्रति लीटर होगा. -इस पेराई करने वाला अपना मुनाफा जोड़ेगा. -एक क्विंटल सरसों में करीब 60 किलो खली निकलेगी. -करीब 1320 रुपये की खली होगी. -इससे कोल्हू, ट्रांसपोर्टेशन और मार्केटिंग का खर्च निकल जाएगा.

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पाकिस्तान में सरसों का तेल क्या भाव?

श्रीलंका में आर्थिक तंगी (Economic Crisis in Srilanka) जब शुरू हुई थी तो तेल के दाम इसी भाव पहुंच गए थे. पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल (Pakistan Finiance Minister) ने गुरुवार को पेट्रोल की कीमतों में 30 रुपए की बढ़ोतरी की घोषणा की. इसके बाद यहां पेट्रोल 209 रुपये 86 पैसे और डीजल 204 रुपये 15 पैसे हो गया है.

पाकिस्तान में तेल कितने रुपए किलो है?

पड़ोसी देश की सरकार ने एक बार फिर से पेट्रोल के दाम में बढ़ोतरी कर दी है. पिछले 20 दिनों में तीसरी बार तेल की कीमतों में इजाफा किया गया है. तेल की कीमतों में 24 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी के बाद पाकिस्तान में पेट्रोल अब तक की रिकॉर्ड कीमत (लगभग 234 रुपये) में बिक रहा है.

पाकिस्तान में सबसे सस्ता क्या है?

भारत में पेट्रोल की औसत कीमत 100 रुपये प्रति लीटर है। इस हिसाब से देखें ताे दिल्ली में 96.72 रुपये प्रति लीटर बिक रहे पेट्रोल से तो पाकिस्तान में पेट्रोल सस्ता ही है। पाकिस्तान की वेबसाइट डॉन के मुताबिक पेट्रोल की कीमतों में 2.07 रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई। वहीं हाई स्पीड डीजल भी 2.99 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है।

पाकिस्तान में गेहूं की कीमत क्या है?

कराची में 125 रुपए प्रति किलो बिक रहा आटा रिपोर्ट में लोगों और किराना विक्रेताओं का हवाला देते हुए कहा गया है कि कुछ ही दिनों में गेहूं के आटे की कीमत 20 से 25 पाकिस्तानी रुपए (पीकेआर) प्रति किलोग्राम से बढ़कर कराची में 120 से 125 पीकेआर प्रति किलोग्राम हो गई है.