ध्वनियों के मेल से बने सार्थक वर्ण-समुदाय को शब्द कहते हैं। दूसरे शब्दों में, एक या अधिक वर्णों से बनी स्वतंत्र सार्थक ध्वनि को शब्द कहा जाता है। प्रयोग विषय अथवा प्रयोग क्षेत्र के आधार पर शब्द को तीन वर्गोें में विभक्त किया जा सकता है: 1. सामान्य शब्द, 2. अर्द्धपारिभाषिक शब्द और 3. पारिभाषिक शब्द। जो शब्द सामान्य बोलचाल में प्रयुक्त होते हैं उन्हें सामान्य शब्द कहा जाता है। जैसे लड़का, नदी, घर, पानी आदि। ऐसे
शब्दों को अपारिभाषिक शब्द भी कहते हैं। अर्द्धपारिभाषिक शब्द के अन्तर्गत वे शब्द आते हैं जो कभी तो पारिभाषिक शब्द के रूप में प्रयुक्त होते हैं और कभी सामान्य रूप में। रस, क्रिया, माया आदि ऐसे ही शब्द हैं जो सन्दर्भानुसार कभी पारिभाषिक और कभी सामान्य अर्थ में प्रयुक्त होते हैं, अतः से अर्द्धपारिभाषिक शब्द हैं। जो शब्द विभिन्न विज्ञानों और शास्त्रों में ही प्रयुक्त होते हैं तथा सम्बद्ध विज्ञान या शास्त्र के प्रसंग में जिसकी परिभाषा दी जा सके उसे पारिभाषिक शब्द कहा जाता है, जैसे ग्रेविटेशन,
प्रतिजैविक, परजीवी आदि । पारिभाषिक शब्द को अँग्रेजी में Technical Term कहा जाता है। सामान्य अर्थ में विभिन्न शास्त्रों और वैज्ञानिक विषयों में एक सुनिश्चित अर्थ अभिव्यक्त करने वाले और उसी में संदर्भ परिभाषित किये जा सकने वाले शब्द ‘पारिभाषिक शब्द’ कहलाते हैं। दूसरे शब्दों में ज्ञान की किसी विशेष शाखा से सम्बन्ध रखनेवाली विशिष्ट शब्दावली ‘पारिभाषिक शब्दावली’ कहलाती हैं। डाॅ. रघुवीर के अनुसार पारिभाषिक शब्द उसे कहते हैं
जिसकी परिभाषा की गई हो, जिसकी सीमाएँ बाँध दी गई हों। स्पष्ट है कि पारिभाषिक शब्द संकल्पनात्मक होते हैं जो किसी ज्ञान-विशेष के क्षेत्र में एक निश्चित अर्थ में प्रयुक्त होते हैं तथा जिनका अर्थ एक परिभाषा द्वारा स्थिर किया गया हो । जैसे: Warranty-आश्वस्ति, hypothecation-दृष्टिबंधक, Guarantee-प्रत्याभूति, Lien-पुनग्र्रहणाधिकार आदि । पारिभाषिक शब्दावली का स्वरूपमनुष्य के पास ज्ञान का असीमित भण्डार है जिसका निरन्तर वृद्धि और विकास होता रहता है। ज्ञान-वृद्धि का क्षेत्र विविधतापूर्ण होता है। ज्ञान के विकास की प्रक्रिया में अभिव्यक्ति और प्रतिपादन के लिए सामान्य और प्रचलित भाषा धीरे-धीरे असमर्थ होने लगती है, तब विषय की माँग के अनुसार नये शब्दों की आवश्यकता अनुभव होने लगती है । ‘पारिभाषिक शब्दों’ का निर्माण इसी उद्देश्य की संपूर्ति के क्रम में होता है। पारिभाषिक शब्द की विशेषताएं
इस प्रकार पारिभाषिक शब्दों की विशेषताएँ होंगीं: 1. सुनिश्चितता, 2. स्पष्टता, 3. विषय सम्बद्धता, 4. संकल्पनात्मकता, 5. एकार्थकता और 6. एकरूपता । पारिभाषिक शब्द के प्रकारप्रयोग की दृष्टि से पारिभाषिक शब्दों को दो वर्गों में बाँटा जा सकता है:
अपूर्ण पारिभाषिक शब्द ऐसे शब्द हैं जो विषय विशेष से सम्बद्ध प्रोक्ति में तो विशेष अर्थ देते हैं, परन्तु उस विशेष विषय क्षेत्र से बाहर जब उनका प्रयोग होता है तो उनका पारिभाषिक अर्थ नहीं रहता, सामान्य अर्थ ही होता है। उदाहरण के तौर पर ‘साधारणीकरण’, ‘असंगति’, ‘गति’ आदि ऐसे ही शब्द हैं। पूर्ण पारिभाषिक शब्द ऐसे शब्द हैं जिनका पारिभाषिक शब्द के रूप में ही प्रयोग होता है, सामान्य रूप में नहीं, जैसे ‘दशमलव’, ‘प्रकरी’, ‘क्रिया विशेषण’, ‘अद्वैत’ आदि।
महान दार्शनिक सुकरात के अनुसार “ज्ञान प्राप्ति की ओर पहला कदम परिभाषा है।” दार्शनिक अरस्तू के कथनानुसार सुकरात को सार्वभौमिक परिभाषाओं और ज्ञात ज्ञान के आधार पर तर्कों द्वारा निष्कर्ष निकालने की शैली का श्रेय जाता है। भौतिक राशियों और परिभाषाओं में समानता देखी जा सकती है। हम गणित
में अपरिभाषित पदों के आधार पर ही मानक परिभाषाओं की रचना करते हैं ताकि गणितीय पद्धति का निर्माण हो सके। परिभाषाओं में भौतिक राशियों के समान यथार्थता नहीं होती है परिभाषाओं के यथार्थ न होने का अर्थ है कि विषय-वस्तु, घटना या प्रक्रिया की एक से अधिक परिभाषाओं का हो सकना, परंतु हाँ, परिभाषाओं में भौतिक राशियों के समान मानकता, स्पष्टता और व्यापक अर्थ में विशेषताओं की निश्चितता जरूर होती है, क्योंकि हम पहले से परिभाषित विषय-वस्तु, घटना या प्रक्रिया के लिए एक नया शब्द नहीं गढ़ते हैं और न ही नई
विषय-वस्तु, घटना या प्रक्रिया के लिए पहले से प्रयुक्त परिभाषित शब्दों का प्रयोग करते हैं, इसलिए हम किसी अस्तित्व, घटना या कार्य को परिभाषित करते समय विशेष रूप से यह ध्यान में रखते हैं कि अनजाने में ही सही कोई अन्य अस्तित्व, घटना या कार्य परिभाषित नहीं होना चाहिए, और परिभाषा में न ही उस शब्द का प्रयोग करना चाहिए जिसे परिभाषित किया जा रहा है। वैज्ञानिक शब्दावली
पारिभाषिक शब्दावली से आप क्या समझते हैं विवेचना कीजिए?पारिभाषिक शब्द ऐसे शब्दों को कहते हैं जो सामान्य व्यवहार की भाषा के शब्द न होकर भौतिकी, रसायन, प्राणिविज्ञान, दर्शन, गणित, इंजीनियरी, विधि, वाणिज्य, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, भूगोल आदि ज्ञान-विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट शब्द होते हैं और जिनकी अर्थ सीमा सुनिश्चित और परिभाषित होती है।
पारिभाषिक शब्द से आप क्या समझते हैं पारिभाषिक शब्दावली की आवश्यकता एवं विशेषताओं पर प्रकाश डालिए?पारिभाषिक शब्द उन्हे कहा जाता है जो सामान्य व्यवहार या बोलचाल की भाषा के शब्द न होकर ज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों से जुडे होते हैं । जैसे समाजशास्त्र, भौतिकशास्त्र, रसायनशास्त्र,वनस्पति विज्ञान,जीवविज्ञान,दर्शन,मनोविज्ञान,अर्थशास्त्र,राजनितिशास्त्र,तर्कशास्त्र, गणित आदि।
पारिभाषिक शब्दावली किसे कहते हैं और प्रयोजमूलक हिन्दी में इसका क्या उपयोग है?3) पारिभाषिक शब्द: पारिभाषिक शब्द वे शब्द होते हैं जिनकी निश्चित परिभाषा की जा सके अर्थात् जिसकी सीमाएँ बाँध दी गई हों। यानी वे शब्द जिनका किसी क्षेत्र विशेष में एक निश्चित अर्थ सीमित कर दिया गया हो और उस क्षेत्र विशेष में उन्हें उसी अर्थ में प्रयोग किया जाता है । किसी अन्य अर्थ में नहीं।
कार्यालय हिंदी की पारिभाषिक शब्दावली से क्या आशय है?पारिभाषिक शब्दों रसायन, दर्शन, भौतिक, राजनीति एवं विज्ञान आदि शास्त्रों में इस्तेमाल होकर अपने क्षेत्र में विशिष्ट अर्थ के लिए सुनिश्चित रूप से रूढ़ से हो जाते हैं। इन शब्दों की निश्चित परिभाषा दी जा सकती है इसलिए इन्हें पारिभाषिक शब्द कहते हैं।
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