प्रकाश के अपवर्तन का क्या तात्पर्य है - prakaash ke apavartan ka kya taatpary hai

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  7. प्रकाश के अपवर्तन से क्या तात्पर्य है-

1-परिभाषा :

जब प्रकाश की किरण किसी पारदर्शी माध्यम में गति करती है तो प्रकाश का गमन एक सीधी रेखा के रूप में होता है।
लेकिन जब प्रकाश एक पारदर्शी माध्यम से दूसरे पारदर्शी माध्यम में गमन करता है तो दोनों माध्यमों को पृथक करने वाले अन्तरापृष्ठ पर किरण (प्रकाश) का पथ परिवर्तित हो जाता है।

प्रकाश के अपवर्तन का क्या तात्पर्य है - prakaash ke apavartan ka kya taatpary hai
प्रकाश के अपवर्तन से क्या तात्पर्य है-


प्रकाश की किरण या तो अभिलम्ब की तरफ झुक जाती है या अभिलम्ब से दूर हट जाती है , प्रकाश की इस घटना को “प्रकाश का अपवर्तन” कहते है।
सीधे शब्दों में कह सकते है की –
जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में गति करता है तो प्रकाश का पथ विचलित हो जाता है इस घटना को प्रकाश का अपवर्तन कहते है।

Table of Contents

  • 1-परिभाषा :

  • 2-अपवर्तन के निम्न दो नियम है –
  • 3-अपवर्तनांक (Refractive Index)
  • 4-अपवर्तनांक तथा प्रकाश की गति

2-अपवर्तन के निम्न दो नियम है –


1. आपतित किरण , अपवर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब सभी एक ही तल में होते है।
2. किन्ही दो माध्यमों के लिए आपतन कोण की ज्या (sin i) तथा अपवर्तन कोण की ज्या (sin r) का अनुपात नियत रहता है।  इस नियत अनुपात को स्नेल का नियम कहते है।
माना कोई प्रकाश की किरण i कोण पर आपतित हो रही है तथा अपवर्तन के बाद इसका अपवर्तन कोण r हो जाता है तो स्नेल के नियमानुसार

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प्रकाश के अपवर्तन का क्या तात्पर्य है - prakaash ke apavartan ka kya taatpary hai
प्रकाश के अपवर्तन से क्या तात्पर्य है-

3-अपवर्तनांक (Refractive Index)

प्रकाश के किरणों का किन्हीं दो माध्यमों के युग्म (pair of two medium) के लिए होने वाले दिशा परिवर्तन के विस्तार को अपवर्तनांक (refractive index) के रूप में व्यक्त किया जाता है।

दूसरे शब्दों में प्रकाश के किरणों का किसी दो माध्यम के युग्म के लिए आपतन कोण की ज्या तथा अवर्तन कोण की ज्या का अनुपात अपवर्तनांक कहलाता है।

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4-अपवर्तनांक तथा प्रकाश की गति

अपवर्तनांक का मान किसी दो माध्यम के युग्म में प्रकाश की सापेक्ष गति को दिखलाता है। प्रकाश की गति अलग अलग माध्यम में अलग अलग होती है। निर्वात (vacuum) में प्रकाश की गति 3×108 m/s3×108 m/s है, जो कि अधिकतम है तथा हवा में प्रकाश की गति निर्वात में प्रकाश की गति से थोड़ा कम है।

प्रकाश की गति अपेक्षाकृत सघन माध्यम (denser medium) में विरल माध्यम (rare medium) के कम होती है।

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Solution : प्रकाश के अपवर्तन से तात्पर्य-प्रकाश की वह घटना जिसमें प्रकाश की किरणें एक समांगी माध्यम से दूसरे समांगी माध्यम में प्रवेश करने पर मार्ग से विचलित होकर (पथ में परिवर्तन कर) गमन करने लगती है, प्रकाश का अपवर्तन कहलाता है। <br> प्रकाश के अपवर्तन में प्रकाश की किरणें एक समांगी माध्यम से दूसरे समांगी माध्यम में प्रवेश करती हैं तथा पथ से विचलित (परिवर्तित) होकर चलने लगती हैं। जबकि प्रकाश परावर्तन में प्रकाश की किरण एक माध्यम से निकलकर दूसरे माध्यम के चिकने या पालिशदार तल पर टकराती है तो उसका अधिकतर भाग प्रथम माध्यम में ही वापस लौट आती है। इस प्रकार प्रकाश का अपवर्तन, प्रकाश के परावर्तन से भिन्न होता है।

प्रकाश के अपवर्तन से क्या तात्पर्य है?

Solution : प्रकाश के अपवर्तन से तात्पर्य-प्रकाश की वह घटना जिसमें प्रकाश की किरणें एक समांगी माध्यम से दूसरे समांगी माध्यम में प्रवेश करने पर मार्ग से विचलित होकर (पथ में परिवर्तन कर) गमन करने लगती है, प्रकाश का अपवर्तन कहलाता है।

अपवर्तन का क्या तात्पर्य है?

एक माध्यम से दूसरे माध्यम में पहुँचने वाली तरंग की गति की दिशा में परिवर्तन हो जाता है, जिसे अपवर्तन (Refraction) कहते हैं। प्रकाश जब एक माध्यम से दूसरे माध्यम में तिरछा होकर जाता है तो तो दूसरे माध्यम से इसके संचरण की दिशा परिवर्तित हो जाती है। यह अपवर्तन कहलाता है।

प्रकाश का अपवर्तन किसे कहते हैं इसके नियम क्या है?

Solution : जब प्रकाश की किरण किसी एक समांगी पारदर्शी माध्यम से दूसरे पारदर्शी माध्यम में जाती है, तो इन दो माध्यमों को अलग करनेवाली सतह पर किरण अपने पूर्व पथ से मुड जाती है। इस घटना को प्रकाश का अपवर्तन (refraction of light) कहते हैं

प्रकाश का अपवर्तन क्या है कक्षा 10?

प्रकाश का अपवर्तन : जब प्रकाश की किरण एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती हैं तो यह अपने मार्ग से विचलीत हो जाती हैं। प्रकाश के किरण को अपने मार्ग से विचलीत हो जाना प्रकाश का अपवर्तन कहलाता हैं ।