प्रकाश का अपवर्तन किसे कहते हैं इसके नियम क्या है? - prakaash ka apavartan kise kahate hain isake niyam kya hai?

प्रकाश का अपवर्तन क्यों होता है?  प्रकाश अपवर्तन के नियम प्रकाश का अपवर्तन के उदाहरण ,अपवर्तनांक ( Refractive Index ) अपवर्तनांक को प्रभावित करने वाले कारक ( Factors Affecting Refractive Index ) इन टॉपिक की सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी है

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1 प्रकाश अपवर्तन क्या है ? अपवर्तन के नियम लिखिए

2 प्रकाश अपवर्तन के नियम

3 प्रकाश का अपवर्तन के उदाहरण

4 अपवर्तनांक ( Refractive Index )

4.1 ( i ) निरपेक्ष अपवर्तनांक ( Absolute Refrative Index )

4.2 ( ii ) सापेक्ष अपवर्तनांक ( Refractive Index )

4.3 अपवर्तनांक को प्रभावित करने वाले कारक ( Factors Affecting Refractive Index )

5 प्रकाश का अपवर्तन ( Refraction of Light in Hindi ) संबंधित प्रश्न Question

प्रकाश अपवर्तन क्या है ? अपवर्तन के नियम लिखिए 

जब प्रकाश एक पारदर्शी माध्यम ( माना वाय ) से दूसरे पारदर्शी माध्यम माना काँच ) में जाता है तो दूसरे माध्यम से गुजरते समय इसकी संचरण दिशा परिवर्तित हो जाती है । यह या तो अभिलम्ब की ओर झुक जाती है या अभिलम्ब से दूर हट जाती है । यह परिघटना ( phenomenon ) प्रकाश का अपवर्तन  कहलाती है । 

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 प्रकाश अपवर्तन से क्या समझते हैं?

जब प्रकाश किरण किसी विरल माध्यम से सघन माध्यम में जाती है तब वह अभिलम्ब की ओर झुक जाती है तथा सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाने पर अभिलम्ब से दूर हट जाती है । यह परिघटना (phenomenon ) प्रकाश का अपवर्तन  कहलाती है ।

प्रकाश का अपवर्तन किसे कहते हैं इसके नियम क्या है? - prakaash ka apavartan kise kahate hain isake niyam kya hai?

प्रकाश का अपवर्तन क्यों होता है?

प्रकाश की गति में परिवर्तन के कारण प्रकाश का अपवर्तन होता है।

प्रकाश अपवर्तन के नियम 

1. आपतित किरण , आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब व अपवर्तित किरण तीनों एक ही तल में होते हैं । 

2. आपतन कोण की ज्या ( sin i ) व अपवर्तन कोण की ज्या ( sin r ) का अनुपात किन्हीं दो माध्यमों के लिए एक नियतांक होता है , जिसे दूसरे माध्यम का पहले माध्यम के सापेक्ष अपवर्तनांक कहते हैं । 

इस नियम को स्नैल का नियम भी कहते हैं । 

 

प्रकाश का अपवर्तन किसे कहते हैं इसके नियम क्या है? - prakaash ka apavartan kise kahate hain isake niyam kya hai?

प्रकाश का अपवर्तन के उदाहरण

जब एक सिक्का पानी से भरे बर्तन में रखा जाता है, तो सिक्का बर्तन के वास्तविक तल से थोड़ा ऊपर दिखाई देता है।

जब एक पेंसिल को पानी से भरे गिलास में रखा जाता है, तो पेंसिल टेढ़ी दिखाई देती है।

तारा टिमटिमाता हुआ दिखाई देना  यदि सूर्य क्षितिज से नीचे है, तब भी दिखाई देता है।  ऐसा प्रकाश के अपवर्तन के कारण होता है।

अपवर्तनांक ( Refractive Index )

अपवर्तनांक माध्यम का वह गुण है जो उस माध्यम में प्रकाश की चाल निर्धारित करता है । 

अपवर्तनांक को सामान्यतया दो प्रकार से प्रदर्शित करते हैं ।

( i ) निरपेक्ष अपवर्तनांक ( Absolute Refrative Index ) 

जब प्रकाश वायु से किसी पारदर्शी माध्यम में गमन करता है तब वायु के सापेक्ष माध्यम का अपवर्तनांक इसका निरपेक्ष अपवर्तनांक कहलाता है । किसी माध्यम का निरपेक्ष अपवर्तनांक निर्वात् में प्रकाश की चाल ( c ) तथा उस माध्यम में प्रकाश की चाल ( v ) के अनुपात के बराबर होता है । 

n = \frac{c}{v}

( ii ) सापेक्ष अपवर्तनांक ( Refractive Index ) 

जब प्रकाश माध्यम ( 1 ) से माध्यम ( 2 ) में गमन करता है , तब माध्यम ( 1 ) के सापेक्ष माध्यम ( 2 ) का अपवर्तनांक इसका सापेक्ष अपवर्तनांक कहलाता है । 

इसे से प्रदर्शित करते हैं तथा इसका मान प्रथम माध्यम में प्रकाश की चाल ( v1 ) तथा दूसरे माध्यम में प्रकाश की चाल ( v2 ) के अनुपात के बराबर होता है । 

एक माध्यम से दूसरे माध्यम में पहुँचने वाली तरंग की गति की दिशा में परिवर्तन हो जाता है, जिसे अपवर्तन (Refraction) कहते हैं। प्रकाश जब एक माध्यम से दूसरे माध्यम में तिरछा होकर जाता है तो तो दूसरे माध्यम से इसके संचरण की दिशा परिवर्तित हो जाती है। यह अपवर्तन कहलाता है।

जब प्रकाश की किरण किसी पारदर्शी माध्यम में गति करती है तो प्रकाश का गमन एक सीधी रेखा के रूप में होता है।
लेकिन जब प्रकाश एक पारदर्शी माध्यम से दूसरे पारदर्शी माध्यम में गमन करता है तो दोनों माध्यमों को पृथक करने वाले अन्तरापृष्ठ पर किरण (प्रकाश) का पथ परिवर्तित हो जाता है।
  • प्रकाश की किरण या तो अभिलम्ब की तरफ झुक जाती है या अभिलम्ब से दूर हट जाती है , प्रकाश की इस घटना को “प्रकाश का अपवर्तन” कहते है।
    or
  • जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में गति करता है तो प्रकाश का पथ विचलित हो जाता है इस घटना को प्रकाश का अपवर्तन कहते है।
  • प्रकाश का अपवर्तन किसे कहते हैं इसके नियम क्या है? - prakaash ka apavartan kise kahate hain isake niyam kya hai?

    प्रकाश के अपवर्तन के नियम :- 

    • (i) आपतित किरण,अपवर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तीनों एक ही तल में होते हैं।
    • (ii) जब एक ही रंग के प्रकाश की किरण किन्हीं दो माध्यमों के सीमा तल पर तिरछी आपतित होती है तो आपतन कोण (i) की ज्या (sine) तथा अपवर्तन कोण (r) की ज्या (sine) का अनुपात एक नियतांक होता है । इस नियम को स्नैल का नियम भी कहते हैं !

    n = Sin(i)/Sin(r)

    यहाँ n एक नियत मान है इसे माध्यमों का आपेक्षिक अपवर्तनांक कहते है।
    जब प्रकाश किरण किसी विरल माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश करती है तो किरण अभिलम्ब की ओर झुक जाती है।
    जब प्रकाश की किरण सघन से विरल में प्रवेश करती है तो किरण अभिलम्ब से दूर हट जाती है। जैसे चित्र में दिखाया गया है

    1 प्रकाश का अपवर्तन क्या है इसके नियमों को बताएँ?

    (i) आपतित किरण, अपवर्तित किरण तथा अभिलाब, दोनों पारदर्शक माध्यमों के पृथक्क़रण तल में आपतन बिंदु पर सभी एक ही तल में होते हैं। (ii) प्रकाश के किसी दिए गए रंग के लिए तथा माध्यमों के युग्म के लिए आपतन कोण की जय तथा अपवर्तन कोण की ज्या का अनुपात एक स्थिरांक होता है। इस नियम को स्नेल अपवर्तन का नियम कहते हैं।

    अपवर्तन क्या है और इसके नियम लिखिए?

    Solution : अपवर्तन के दो नियम होते हैं- <br> (1) आपतित किरण, अपवर्तित किरण तथा दोनों माध्यमों को अलग करने वाले तल पर आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब, तीनों एक ही तल में होते हैं। <br> (2) स्नेल का नियम-किन्हीं दो माध्यमों के लिए एवं एकवर्णी प्रकाश के लिए आपतन कोण की ज्या तथा अपवर्तन कोण की ज्या का अनुपात एक नियतांक होता है ।

    प्रकाश का अपवर्तन के कितने नियम है?

    प्रकाश के अपवर्तन के दो नियम होते हैं जो इस प्रकार है- आपतित किरण, अपवर्तित किरण तथा आपतन-बिंदु पर खींचा गया अभिलंब तीनों एक ही तल में होते है। किन्हीं दो माध्यमों और प्रकाश के किसी निश्चित वर्ण (रंग) के लिए आपतन कोण की ज्या (sine) तथा अपवर्तन कोण की ज्या का अनुपात एक नियतांक होता है जो अपवर्तनांक कहलाता है।

    प्रकाश का अपवर्तन क्या है कक्षा 10?

    प्रकाश का अपवर्तन : जब प्रकाश की किरण एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती हैं तो यह अपने मार्ग से विचलीत हो जाती हैं। प्रकाश के किरण को अपने मार्ग से विचलीत हो जाना प्रकाश का अपवर्तन कहलाता हैं ।