परिणय शब्द में कौन सा उपसर्ग है - parinay shabd mein kaun sa upasarg hai

विषयसूची

  • 1 परिणय में उपसर्ग क्या है?
  • 2 मिष्ठान में उपसर्ग और मूल शब्द कौन सा है?
  • 3 ज्ञात्वा में मूल धातु क्या है?
  • 4 कारज कौन सा शब्द है?
  • 5 आ अव और अति उपसर्ग का अर्थ क्या है?

परिणय में उपसर्ग क्या है?

इसे सुनेंरोकेंपरिक्रमा, परिजन, परिणाम, परिधि, परिपूर्ण, परिवर्तन, परिणय, पर्याप्त, परिशीलन, परिदोष, परिदर्शन, परिचय इत्यादि। प्रकाश, प्रख्यात, प्रचार, प्रबल, प्रभु, प्रयोग, प्रगति, प्रसार, प्रस्थान, प्रलय, प्रमाण, प्रसन्न, प्रसिद्धि प्रताप, प्रपंच इत्यादि।

प्रत्यय उपसर्ग क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंउपसर्ग और प्रत्यय क्या होते हैं? शब्दांश या अव्यय जो किसी शब्द के पहले आकर उसका विशेष अर्थ बनाते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं। उपसर्ग = उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है- किसी शब्द के साथ जुड़कर नया शब्द बनाना। जो शब्दांश शब्दों के आदि में जुड़कर उनके अर्थ में कुछ मतलब लाते हैं, वे प्रत्यय कहलाते हैं।

मिष्ठान में उपसर्ग और मूल शब्द कौन सा है?

इसे सुनेंरोकेंमिष्ट>मिष्-क्त।

कौन सा शब्द सु उपसर्ग से नहीं बना है 1 Point सुंदर सुगंध सुमन सुपुत्र?

इसे सुनेंरोकेंसुंदर ,सुनसान सुरभित , सूरत सुपुत्र ,सुयश सुस्त , सुख

ज्ञात्वा में मूल धातु क्या है?

इसे सुनेंरोकेंज्ञा + क्त्वा = ज्ञात्वा = जानकर, परीक्षाफलं ज्ञात्वा स: अति प्रसन्न: अस्ति। पठ् + क्त्वा = पठित्वा = पढ़कर, अहं पुस्तकं पठित्वा ज्ञानं प्राप्स्यामि।

प्रत्यय एवं उपसर्ग क्या है उदाहरण सहित लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंभाषा के वह सार्थक एवं छोटे खंड जो किसी शब्द के आरम्भ में लग जाते हैं एवं उससे मिलकर किसी दुसरे शब्द का निर्माण कर देते हैं। उपसर्ग शब्द का अर्थ होता है – समीप आकर नया शब्द बनाना। अर्थात यह किसी शब्द साथ लगकर नया शब्द बनाता है। उपसर्ग लगने के बाद शब्द का अर्थ बदल जाता है।

कारज कौन सा शब्द है?

इसे सुनेंरोकेंKaraj Meaning in Hindi – कारज का मतलब हिंदी में पुल्लिंग [संज्ञा शब्द – कार्य़] काम। कार्य।

मिष्ठान का शुद्ध शब्द क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमिष्ठान का शुद्ध रूप मिष्टान्न है। वाक्य रचना की अशुद्धियों का मुख्य कारण होता है-अशुद्ध शब्दों का प्रयोग। हिंदी भाषा सरल और मधुर है जिससे इसे सीखने में आसानी होती है।

आ अव और अति उपसर्ग का अर्थ क्या है?

इसे सुनेंरोकेंअप – (विरुद्ध होणें) अपकार, अपजय. अभि – (पुढें) अभ्युत्थान, अभ्युदय. अव – (खालीं) अवगणना, अवतरण; अव – (अभाव, विरूद्धता) अवकृपा, अवगुण.

परिणय शब्द का उपसर्ग क्या है?

इस शब्द के पहले यदि 'सम्, वि, प्र', उपसर्ग जोड़ दये जायेँ, तो– सम्+हार = संहार, वि+हार = विहार, प्र+हार = प्रहार तथा उप+हार = उपहार शब्द बनेँगे। यहाँ उपसर्ग जुड़कर बने सभी शब्दोँ का अर्थ 'हार' शब्द से भिन्न है। उपसर्गोँ का अपना स्वतंत्र अर्थ नहीँ होता, मूल शब्द के साथ जुड़कर ये नया अर्थ देते हैँ।

उपसर्ग कौन सा है?

उपसर्ग ऐसे शब्दांश जो किसी शब्द के पूर्व जुड़ कर उसके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं या उसके अर्थ में विशेषता ला देते हैं। उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है - किसी शब्द के समीप आ कर नया शब्द बनाना। उदाहरण: प्र + हार = प्रहार, 'हार' शब्द का अर्थ है पराजय।

प्र उपसर्ग से बना शब्द कौन सा है?

'प्र' उपसर्ग से बना शब्द 'प्रयत्न' होगा।

उपसर्ग को कैसे पहचाने?

उपसर्ग और प्रत्यय को कैसे पहचानें?.
का उपसर्ग : एक्स का अर्थ होता है निषेध.
कु उपसर्ग : कु का अर्थ होता है हीन – कुपुत्र आदि।.
चिर उपसर्ग : चिर का अर्थ होता है बहुत देर.
अ उपसर्ग : अ का अर्थ होता है निषेध , अभाव.
अन उपसर्ग : अन का अर्थ होता है निषेध.
अंतर उपसर्ग : अंतर का अर्थ होता है भीतर.