प्रसन्ना गुप्त बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं? - prasanna gupt berojagaaree se aap kya samajhate hain?

प्रच्छन्न बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं?

By Raj Vimal|Updated : August 25th, 2022

भारतीय कृषि प्रच्छन्न बेरोजगारी से बुरी तरह प्रभावित है। प्रच्छन्न बेरोजगारी या disguised unemployment का अर्थ है वह बेरोजगारी जिसमें श्रमिक की पूरी क्षमता का इस्तेमाल ना किया जा रहा हो। इसे एक उदहारण से समझते हैं। मान लीजिये 10 मजदूर मिलकर एक घर का निर्माण करते हैं, लेकिन काम के आभाव के कारण दो और मजदूर उसी घर के निर्माण में लगे हैं। इस स्थिति में अन्य दो मजदूरों को प्रच्छन्न बेराजगार या गुप्त बेरोजगार कहेंगे।

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शहरी क्षेत्र में प्रच्छन्न बेरोजगारी

केवल ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं शहरी क्षेत्रों में भी, कई ऐसे कार्य आप देखते होंगे जहाँ आवश्यकता से अधिक मानव बल काम कर रहा होता है। यहाँ पुश्तैनी दुकान पर काम करते दो भाइयों का उदाहरण सटीक होगा। जिस दुकान पर उनके पिता अकेले काम कर रहे थे, उसी दुकान पर दो भाई काम कर रहे हैं। यहाँ एक इन्सान का संख्या बल बेकार जा रहा है। ध्यान रखें, प्रच्छन्न बेरोजगारी और मौसमी बेरोजगारी अलग है

Summary

प्रच्छन्न बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं?

प्रच्छन्न बेरोजगारी का अभिप्राय उस स्थिति से है जहाँ लोग अपनी क्षमता से कम काम कर रहे हों। शहरी क्षेत्र में दैनिक कामगार और ग्रामीण क्षेत्र में किसान श्रमिक इसके उचित उदाहरण हैं।

Solution : प्रच्छन्न बेरोजगारी या गुप्त बेरोजगारी -भारत में किसान उत्पादन के लिए पुराने ढंग ही प्रयोग करते हैं क्योंकि वे गरीब हैं। वे भूमि के ववमि भी नहीं हैं। अगर खेत्री के आधुनिक तरीकों को अपनाया जाए तो ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है जबकि भूमि के किसी टुकड़े पर परिवार के तीन सदस्यों के स्थान पर दो सदस्य ही काम चला सकते हैं, परन्तु काम के अभाव के कारण तीनों सदस्यों को उसी खेत पर काम करना पड़ता है। इस प्रकार उत्पन्न हुई बेरोजगारी को प्रच्छन्न या गुप्त बेरोजगारी कहा जाता है। <br> प्रच्छन्न बेरोजगारी आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में पाई जाती है। क्योंकि बहुत से परिवारों के पास छोटे खेत होते हैं, परन्तु उन पर परिवार के सारे सदस्य काम करते हैं। जहाँ दो व्यक्ति खेती व्यक्ति खेती के काम को पूरा कर सकते हैं वहाँ पाँच सदस्य लगे हुए हैं परन्तु सकते लिए वहाँ पूरा काम नहीं हो तो। ऐसे परिवार में दो या तीन सदस्य यदि कोई और काम कर लें, जैसे किसी कारखाने में काम कर लें तो खेती के कार्य को फर्क नहीं पड़ेगा। <br> इसी प्रकार, शहरी क्षेत्रों में भी प्रच्छन्न बेरोजगारी पाई जाती है। वहाँ भी मजदूरों, पेंटरों, प्लम्बरों आदि रोजगारों को महीने में केवल से दिन तक ही काम मिलता है, बाकी दिन वे बेकार रहते हैं। इस बेरोजगारी को भी हम प्रच्छन्न बेरोजगारी कहते हैं।

प्रच्छन्न बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं

प्रच्छन्न बेरोज़गारी से अभिप्राय उस स्थिति से है जिसमें लोग प्रत्यक्ष रूप से काम कर रहे होते हैं, लेकिन सभी अपनी क्षमता से कम काम करते हैं। वास्तव में यह एक अल्प बेरोजगार की स्थिति है।
उदाहरण के लिए शहरी क्षेत्रों में सेवा क्षेत्रक में हज़ारों अनियमित श्रमिक हैं जो दैनिक रोजगार की तलाश करते हैं। वे पलंबर, पेंटर, मुरम्मत कार्य जैसे रोज़गार करते हैं जहाँ वे पूरा दिन बिता देते हैं, परंतु बहुत कम कमा पाते हैं।
ग्रामीण क्षेत्र में प्रच्छन्न बेरोज़गारी कृषि क्षेत्र में विद्यमान है। उदाहरण के लिए यदि एक किसान के पास तीन हेक्टेयर भूमि है, उसके परिवार में सात सदस्य हैं जो सभी कृषि करते हैं परंतु यदि इनमें तीन सदस्यों को इस कार्य से निकाल लिया जाए तो भी पैदावार में कोई अंतर नहीं आता। अत: तीन लोग प्रच्छन्न बेरोज़गार हैं। वे यह काम इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनके पास कोई बेहतर अवसर नहीं है।

राजस्थान बेरोजगारी से जुड़े प्रश्न उत्तर

‘जिला गरीबी उन्मूलन परियोजना’ का उद्देश्य क्या है?

(1) ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अतिरिक्त अवसर उपलब्ध कराना
(2) बेरोजगार युवकों का कौशल विकास करना
(3) ग्रामीण निर्धन परिवारों को आय सृजन के लिए ऋण उपलब्ध कराना
(4) ग्रामीण निर्धनों की अर्जन क्षमता का विकास कर उनका सशक्तिकरण करना एवं उन्हें निर्धनता रेखा से ऊपर उठाना

Answer

ग्रामीण निर्धनों की अर्जन क्षमता का विकास कर उनका सशक्तिकरण करना एवं उन्हें निर्धनता रेखा से ऊपर उठाना

राज्य में वर्तमान बेरोजगारी का सबसे प्रमुख कारण क्या है?

(1) युवाओं का प्रतिभा पलायन
(2) उद्यमियों का दूसरे राज्यों एवं देशों में धन निवेश
(3) श्रम शक्ति में हुई वृद्धि के अनुपात में रोजगार का सृजन न होना
(4) व्यावसायिक शिक्षा का अभाव

Answer

श्रम शक्ति में हुई वृद्धि के अनुपात में रोजगार का सृजन न होना

‘मुख्यमंत्री रोजगार योजना’ राज्य में कब शुरू की गई थी?

(1) 5 अप्रैल, 1999
(2) 11 अक्टूबर, 1999
(3) 31 अगस्त, 2000
(4) 2 अक्टूबर, 2000

राजस्थान में निर्धनता की किस विचारधारा को अपनाया गया है?

(1) निरपेक्ष
(2) सापेक्ष
(3) उपर्युक्त दोनों
(4) उपर्युक्त में से कोई नहीं

वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार राज्य की जनसंख्या का कितना प्रतिशत भाग बेरोजगार था?

(1) 10.63
(2) 38.87
(3) 57.89
(4) 61.03

ग्रामीण गरीबी की दृष्टि से राजस्थान का देश में स्थान है

(1) 17वाँ
(2) 15वाँ
(3) 14वाँ
(4) 18वाँ

शहरी गरीबी की दृष्टि से राजस्थान का देश में स्थान है

(1) 18वाँ
(2) 10वाँ
(3) 12वाँ
(4) 15वाँ

अक्षत योजना में बेरोजगारी भत्ता अधिकतम कितनी अवधि के लिए दिया जाता है ?

(1) 1 वर्ष तक
(2) 2 वर्ष तक
(3) 3 वर्ष तक
(4) 4 वर्ष तक

DPIP का पूरा अर्थ क्या है?

(1) डिस्ट्रिक्ट पॉवर्टी इन्ट्रोडक्शन प्रोग्राम
(2) डिस्ट्रिक्ट पॉपुलेशन इनीशियेटिव प्रोग्राम
(3) डिस्ट्रिक्ट इनीशियेटिव प्रोजेक्ट
(4) डिस्ट्रिक्ट पॉवर्टी इनीशियेटिव प्रोग्राम

Answer

डिस्ट्रिक्ट इनीशियेटिव प्रोजेक्ट

जिला गरीबी उन्मूलन परियोजना निम्न में से किसके सहयोग से प्रारम्भ की गयी है?

(1) विश्व श्रमिक संघ
(2) विश्व बैंक
(3) केन्द्र सरकार
(4) एशियाई विकास बैंक

राज्य में बीस सूत्री कार्यक्रम की शुरुआत किसके द्वारा की गई?

(1) राजीव गाँधी
(2) इन्दिरा गाँधी
(3) जवाहर लाल नहेरू
(4) लालबहादुर शास्त्री

निर्धनता रेखा को परिभाषित किया जाता है?

(1) प्रति व्यक्ति घरेलू व्यय के रूप में
(2) प्रति परिवार द्वारा की गई बचत के द्वारा
(3) प्रति परिवार की आय द्वारा
(4) प्रति परिवार बेरोजगार सदस्य द्वारा

Answer

प्रति व्यक्ति घरेलू व्यय के रूप में

ग्रामीण क्षेत्रों में कितने कैलोरी तथा कितना व्यय प्रतिदिन करने वाले व्यक्ति को निर्धन माना गया है?

(1) 2100 कैलोरी एवं 15.85 रु. से कम
(2) 2100 कैलोरी एवं 10.57 रु. से कम
(3) 2400 कैलोरी एवं 11.87 रु. से कम
(4) 2400 कैलोरी एवं 18.25 रु. से कम

Answer

2400 कैलोरी एवं 11.87 रु. से कम

इस पोस्ट में प्रच्छन्न बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं?शहरी एवं ग्रामीण देशों से उदाहरण देकर व्याख्या कीजिए। prachhanna berojgari se kya samajhte hain ग्रामीण बेरोजगारी क्या है बेरोजगारी का कारण बनता है प्रच्छन्न और मौसमी बेरोजगारी में क्या अंतर है प्रच्छन्न बेरोजगारी या गुप्त बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं? प्रच्छन्न बेरोजगारी क्यों है? प्रच्छन्न बेरोजगारी में क्या अंतर है? प्रचन बेरोजगारी से क्या अभिप्राय है? प्रच्छन्न बेरोजगारी को और किस नाम से जाना जाता है प्रच्छन्न बेरोजगारी और मौसमी बेरोजगारी में अंतर से संबंधित काफी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है यह जानकारी फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और इसके बारे में आप कुछ जानना यह पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट करके अवश्य पूछे.

प्रसन्ना या गुप्त बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं?

अगर खेत्री के आधुनिक तरीकों को अपनाया जाए तो ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है जबकि भूमि के किसी टुकड़े पर परिवार के तीन सदस्यों के स्थान पर दो सदस्य ही काम चला सकते हैं, परन्तु काम के अभाव के कारण तीनों सदस्यों को उसी खेत पर काम करना पड़ता है। इस प्रकार उत्पन्न हुई बेरोजगारी को प्रच्छन्न या गुप्त बेरोजगारी कहा जाता है।

प्रच्छन्न बेरोजगारी से क्या तात्पर्य है?

Solution : प्रच्छन्न बेरोजगारी उस बेरोजगारी को कहते हैं जिसमें कुछ लोगों की उत्पादकता शून्य होती है अर्थात् यदि इन लोगों को उस काम से हटा भी लिया जाए तो भी उत्पादन में कोई अंतर नहीं आएगा।

बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं?

बेरोज़गारी (Unemployment) या बेकारी किसी काम करने के लिए योग्य व उपलब्ध व्यक्ति की वह अवस्था होती है जिसमें उसकी न तो किसी कम्पनी या संस्थान के साथ और न ही अपने ही किसी व्यवसाय में नियुक्ति होती है।

प्र 15 छिपी बेरोजगारी से क्या आशय है?

मान लीजिए किसी कार्य के लिए केवल पांच व्यक्तियों की आवश्यकता है लेकिन वहां पर 10 व्यक्ति कार्य कर रहे हैं और उनमें से यदि 5 व्यक्तियों को निकाल भी दिया जाए तो भी उत्पादन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता तो वे जो पांच व्यक्ति अतिरिक्त लगे हुए हैं वे छिपे हुए बेरोजगार कहलाते हैं और इस प्रकार की बेरोजगारी को छिपी हुई बेरोजगारी ...