र के तीन रूप कौन कौन से हैं? - ra ke teen roop kaun kaun se hain?

विषयसूची

  • 1 र के कितने प्रकार होते हैं?
  • 2 र के कौन से रूप में र पूर्ण है?
  • 3 स्वर का उच्चारण कैसे करें?
  • 4 र का चिन्ह क्या है?
  • 5 र का उच्चारण कैसे करे?
  • 6 ढाका उच्चारण स्थान क्या है?

र के कितने प्रकार होते हैं?

‘र’ के विभिन्न रूप

  • 1.1 रेफ (र्) वाले शब्द
  • 1.2 पदेन (र) वाले शब्द
  • 1.3 ‘रु’ और ‘रू’ वाले सामान्य शब्द
  • 1.4 अन्य हिन्दी मात्राएँ

र के कौन से रूप में र पूर्ण है?

इसे सुनेंरोकेंआइए देखते हैं कि “र” के विभिन्न रूप कौन-कौन से हैं। र, रा, रि, री, रु, रू, रे, रै, रो, रौ !

र वर्ण का प्रयोग कैसे किया जाता है समझाइए?

इसे सुनेंरोकेंपाई तथा बिना पाई वाले व्यंजनों के साथ ‘र’ का प्रयोग जब ‘र’ से पहले प्रयुक्त व्यंजन बिना स्वर का होता है यानी अर्ध होता है और इसका उच्चारण प्रयुक्त वर्ण के बाद होता है तो ‘र’ से पहले पूरा वर्ण लिखा जाता है और ‘र’ के लिखने का रूप बदल जाता है। ऐसी स्थिति में पाई तथा बिना पाई वाले व्यंजन के साथ इनका प्रयोग अलग होता है।

रकार की मात्रा क्या होती है?

इसे सुनेंरोकें’र’का यह रूप भी स्वर रहित है। यह ‘र’ का रूप अपने से पूर्व आए व्यंजन वर्ण में लगता है। पाई वाले व्यंजनों के बाद प्रयुक्त ‘र’ का यह रूप तिरछा होकर लगता है, जैसे- क्र, प्र, म्र इत्यादि।

स्वर का उच्चारण कैसे करें?

U का उच्चारण अ, उ, ऊ, यू इत्यादि होता है.

  1. जब किसी शब्द के बीच में u हो और उसके बाद किसी व्यंजन से कोई भी स्वर जुड़ा हो तो u का उच्चारण “यू” होता है.
  2. जब किसी शब्द के बीच में u हो और u के पहले r हो तो u का उच्चारण “ऊ” होता है.
  3. जब किसी शब्द के शुरू में u हो तो इसका उच्चारण “अ” होता है.

र का चिन्ह क्या है?

इसे सुनेंरोकें’र’ में प्राय: सभी मात्राएँ और चिह्न सामान्य रूप से जुड़ते हैं। परंतु ‘र्’ में ‘ऋ’ की मात्रा नहीं लगती तथा ‘उ’ और ‘ऊ’ मिलने पर क्रमश: विशेष रूप ‘रु’ और ‘रू’ बनते हैं (रुपया, रूप, रुष्ट, रूठा)। र देवनागरी वर्णमाला में अंत:स्थ वर्ग का दूसरा व्यंजन है।

र का उच्चारण स्थान क्या है?

इसे सुनेंरोकेंर हिंदी व्रणमाला का सत्ताईसवाँ व्यंजन वर्ण जिसका उच्चारण जीभ के अगले भाग को मूर्धा के साथ कुछ स्पर्श कराने से होता है । यह स्पर्श वर्ण और ऊष्म वर्ण के मध्य का वर्ण है । इसका उच्चारण स्वर और व्यंजन का मध्यवर्ती है; इसलिये इसे अंतस्थ वर्ण कहते हैं ।

र की मात्रा को क्या कहते है?

इसे सुनेंरोकें’र’ में प्राय: सभी मात्राएँ और चिह्न सामान्य रूप से जुड़ते हैं। परंतु ‘र्’ में ‘ऋ’ की मात्रा नहीं लगती तथा ‘उ’ और ‘ऊ’ मिलने पर क्रमश: विशेष रूप ‘रु’ और ‘रू’ बनते हैं (रुपया, रूप, रुष्ट, रूठा)। र देवनागरी वर्णमाला में अंत:स्थ वर्ग का दूसरा व्यंजन है। भाषाविज्ञान की दृष्टि से यह वर्त्स्य, लुंठित, घोष और अल्पप्राण है।

र का उच्चारण कैसे करे?

र के उच्चारण में जिह्वा का अग्र भाग नीचे की ओर मुड़ता है जबकि ड़ के उच्चारण में जिह्वा का आधा हिस्सा उल्टा मुड़ जाता है। धन्यवाद।…

  1. इन शब्दों की व्युत्पत्ति देखें— प्र+णम् +भावे घञ् =प्रणाम।
  2. नमस् +कृ +घञ् =नमस्कार ।
  3. नमः शब्दस्य कारः करणं यत्र, कायिकः वाचिकः मानसिकः अर

ढाका उच्चारण स्थान क्या है?

इसे सुनेंरोकेंइन ध्वनियों के उच्चारण में श्वास वायु का आवागमन स्वर तंत्रियों से होता है लेकिन इनमें कंपन नहीं होता है, इसलिए यह सघोष कहलाता है। उदाहरण -ग,घ, ङ,ञ्, झ, म, ड, ढ, ण, द, ध, न, ब, भ, म, य, र, व, ड, ढ। यह सभी ध्वनियाँ सघोष के अंतर्गत आती है।

र कौन सा व्यंजन है?

इसे सुनेंरोकेंर देवनागरी वर्णमाला में अंत:स्थ वर्ग का दूसरा व्यंजन है। यह वर्त्स्य, लुंठित, घोष और अल्पप्राण है। यह वर्त्स्य, लुंठित, घोष और अल्पप्राण है।

के विभिन्न रूप

एक व्यंजन वर्ण है। उच्चारण की दृष्टि से यह लुंठित व्यंजन ध्वनि है।

हिंदी भाषा में के विभिन्न रूपों का प्रयोग होता है। कहीं पर का प्रयोग स्वर रहित होता है तो कहीं पर स्वर सहित।

जिसमें की ध्वनि हो वह  स्वर सहित (क,,,, प) जिसमें की ध्वनि न हो वह  स्वर रहित (क्, च्, ट्, त्, प्)

के विभिन्न रूप - , रा, रु, रू, र्र, क्र, ट्र, ह्र

का सामान्य रूप

रमन, दरवाजा, दीवार

के सामान्य रूप का प्रयोग में शब्द के आरंभ में, मध्य में और अंत में आ सकता है।

में सभी मात्राएँ लग सकती है सिवाय और हलंत (्) के, जैसे -

, रा, रि, री, रु, रू, रे, रै, रो, रौ 

र+उ=रु (रुद्र, रुचि, पुरुष, गुरु, रुपया)

र+ऊ=रू (रूप, रूठना, अमरूद, डमरू, रूखा)

रेफ

यह रेफवाला कहलाता है। यह स्वर रहित है।

          शब्दों में इसका प्रयोग होते समय इसके उच्चारण के बाद आने वाले वर्ण की अंतिम मात्रा के ऊपर लग जाता है, जैसे-

परव = पर्व

जुरमाना = जुर्माना  

वरणन = वर्णन

          कुछ ऐसे शब्द जिसमें के बाद का वर्ण भी स्वर रहित हो तो रेफ का प्रयोग उसके अगले वर्ण के सिर पर लगता है, जैसे-

व् + अ + र् + ण् + य् + अ = वर्ण्य

अ + र् + घ् + य् + अ = अर्घ्य

विशेष द्रष्टव्य

vकुछ शब्द ऐसे भी हैं जिसमें दो रेफों का प्रयोग लगातार होता है, जैसे- धर्मार्थ, पूर्वार्ध, वर्षर्तु।

vरेफ का प्रयोग कभी भी किसी भी शब्द के पहले अक्षर में नहीं लग सकता।   

vस्वर वर्ण के सिर पर लगा चिह्न और रेफ का चिह्न एक समान होता है, प्रयोग के समय ध्यान दें।

v के ऊपर भी रेफ का प्रयोग हो सकता है, जैसे- खर्र-खर्र, अंतर्राष्ट्रीय इत्यादि।  

नीचे पदेन

^ यह का नीचे पदेन वाला रूप है।का यह रूप भी स्वर रहित है। यह का रूप अपने से पूर्व आए व्यंजन वर्ण में लगता है। पाई वाले व्यंजनों के बाद प्रयुक्त का यह रूप तिरछा होकर लगता है, जैसे- क्र, प्र, म्र इत्यादि।

जिन व्यंजनों में एक सीधी लकीर ऊपर से नीचे की ओर आती हैं उसे ही हम खड़ी पाई वाले व्यंजन कहते हैं, जैसे – क,,,,,, य इत्यादि

          पाई रहित व्यंजनों में नीचे पदेन का रूप ^   इस तरह का होता है, जैसे- राष्ट्र , ड्रम, पेट्रोल, ड्राइवर इत्यादि।

जिन व्यंजनों में एक सीधी लकीर ऊपर से नीचे की ओर बहुत थोड़ी मात्रा में आती हैं उसे ही हम पाई रहित  वाले व्यंजन कहते हैं, जैसे – ट,,,, इत्यादि

और में जब नीचे पदेन का प्रयोग होता है तो द् + र = द्रऔर  ह् + र = ह्र हो जाता है, जैसे- दरिद्र, रुद्र, ह्रद, ह्रास इत्यादि।

और में जब नीचे पदेन का प्रयोग होता है तो त् + र = त्र और श् + र = श्र हो जाता है, जैसे – त्रिशूल, नेत्र, श्रमिक, अश्रु इत्यादि।

विशेष द्रष्टव्य

v^ का प्रयोग केवल और व्यंजन वर्णों के साथ ही होता है। ड्र से अधिकतर अंग्रेज़ी शब्दों का ही निर्माण होता है। 

vकुछ शब्द ऐसे हैं जिनमें दो नीचे पदेन का प्रयोग एक ही शब्द में हो सकता है, जैसे- प्रक्रम, प्रकार्य इत्यादि 

vकुछ शब्द ऐसे हैं जिनमें नीचे पदेन और रेफ का प्रयोग शब्द के एक ही वर्ण में हो सकता है, जैसे- आर्द्र, पुनर्प्रस्तुतिकरण इत्यादि ।   

और में निहित अंतर

          और में निहित अंतर को समझना आपके लिए फायदेमंद साबित होगा क्योंकि कभी-कभी कुछ छात्र और से जुड़ी गलतियाँ कर बैठते हैं।

v व्यंजन वर्ण है और स्वर वर्ण 

v का रूप  क्र,र्क, ट्र  और की मात्रा है, जैसे – ग्रह और गृह

v का प्रयोग जिस किसी भी शब्द के साथ होता है, वह तत्सम (संस्कृत के शब्द) शब्द ही होता है।

v का उच्चारण अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके से होता है, कृष्णा शब्द का उच्चारण बिहार, दिल्ली में Krishna और ओडिशा, महाराष्ट्र में Krushna होता है, अर्थात् भाषा चलन के अनुसार कहीं रि और रु हो जाता है।  

र कितने प्रकार से लिखते है?

हिन्दी भाषा में का प्रयोग विभिन्न रूपों में होता है। कहीं का प्रयोग स्वर के साथ होता है तो कहीं बिना स्वर के। आइए देखते हैं कि "" के विभिन्न रूप कौन-कौन से हैं। , रा, रि, री, रु, रू, रे, रै, रो, रौ !

र के तीन रूप कौन से हैं?

'र' के विभिन्न रूप.
1.1 रेफ (र्) वाले शब्द.
1.2 पदेन (र) वाले शब्द.
1.3 'रु' और 'रू' वाले सामान्य शब्द.
1.4 अन्य हिन्दी मात्राएँ.

रेफ वाले शब्द कौन से होते हैं?

प्रश्न- रेफ वाले शब्द कौन से होते हैं? उत्तर- धर्म, नर्म, खर्च, कार्य, अर्पण, निर्भर, निर्झर, निर्भय, मुर्खता, निर्धन इत्यादि रेफवाले शब्द हैं

र के स्वर रहित रूप को क्या कहते हैं?

'' के सामान्य रूप का प्रयोग में '' शब्द के आरंभ में, मध्य में और अंत में आ सकता है। यह रेफवाला '' कहलाता है। यह स्वर रहित '' है। vकुछ शब्द ऐसे भी हैं जिसमें दो रेफों का प्रयोग लगातार होता है, जैसे- धर्मार्थ, पूर्वार्ध, वर्षर्तु।