अति लघु उत्तरीय प्रश्न Show प्रश्न. 2. मीठी वाणी का दूसरों पर क्या प्रभाव पड़ता है ? प्रश्न. 3. मृग कस्तूरी को वन में क्यों ढूँढता फिरता है? उत्तरः कस्तूरी मृग की नाभि में होती है किन्तु इस बात से अनजान वह उसकी सुगन्ध से उन्मत्त होकर उसे वन में खोजता है। प्रश्न.
4. मृग किसका प्रतीक है? प्रश्न. 5. सच्चा भक्त किसे कहा गया है ? प्रश्न. 6. कबीर के अनुसार ईश्वर का निवास कहाँ है ? प्रश्न. 7. ईश्वर कण-कण में व्याप्त है पर हम उसे क्यों नहीं देख पाते ? प्रश्न. 8. ईश्वर से साक्षात्कार की अनुभूति कब होती है ? प्रश्न. 9. कवि ने किस अंधकार के मिटने की बात कही है ? प्रश्न. 10. किस स्थिति में मनुष्य पर मंत्र के उपचार का लाभ नहीं होता ? प्रश्न. 11. राम वियोगी की दशा कैसी होती है ? प्रश्न. 12. कबीर कैसे व्यक्ति को समीप रखने के लिए कह रहे हैं ? प्रश्न. 13. कबीर ने निंदक को कहाँ रखने का परामर्श दिया है? प्रश्न. 14. निंदक की तुलना किससे की गई है? प्रश्न. 15. अपने स्वभाव को निर्मल रखने के लिए कबीर ने क्या उपाय सुझाया है ? प्रश्न. 16. कबीर के अनुसार, सच्चा ज्ञान क्या है ? प्रश्न. 17. कवि किस ज्ञान को वास्तविक ज्ञान मानते हैं? प्रश्न.
18. ‘घर जाल्या आपणाँ, से क्या तात्पर्य है? प्रश्न. 19. कबीर के दोहों की भाषा कैसी है? लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न. 2. ईश्वर कण-कण में व्याप्त है, पर हम उसे क्यों नहीं देख पाते ? कबीर की साखी के सन्दर्भ में स्पष्ट
कीजिए। प्रश्न. 3. ‘कस्तूरी कुंडलि बसै, मृग ढूँढ़े वन माँहि।’ इस पंक्ति द्वारा कबीर क्या संदेश देना चाहते हैं ? प्रश्न. 4. संसार में सुखी व्यक्ति कौन है और दुःखी कौन ? यहाँ ‘सोना’ और ‘जागना’ किसके प्रतीक हैं ? इसका प्रयोग यहाँ क्यों किया गया है ? स्पष्ट कीजिए। प्रश्न. 5. कबीर के अनुसार, इस संसार में कौन दुःखी है, कौन सुखी ? प्रश्न. 6. कबीर के
अनुसार ‘निन्दक’ किस प्रकार हमारे स्वभाव को निखारने में सहायक होता है ? वे निन्दक के साथ कैसा व्यवहार करने का सुझाव देते हैं ? प्रश्न. 7. कबीर के
विचार से निन्दक को निकट रखने के क्या-क्या लाभ हैं ? प्रश्न. 8. कबीर के अनुसार निन्दक कौन होता है ? उन्होंने उसे अपना सबसे बड़ा शुभचिंतक क्यों माना है ?
प्रश्न. 9. ‘एकै आषिर पीव का’ पढ़ै सु पंडित होइ’-इस पंक्ति के द्वारा कवि क्या कहना चाहता है ? प्रश्न. 10. कबीर के अनुसार संसार में क्या व्यर्थ है ? प्रश्न. 11. कबीर की उद्धत
साखियों की भाषा की विशेषता स्पष्ट कीजिए। प्रस्तुत साखी में कबीर का क्या उद्देश्य है?उत्तर:- कबीर के दोहों को साखी इसलिए कहा जाता है क्योंकि इनमें श्रोता को गवाह बनाकर साक्षात् ज्ञान दिया गया है। कबीर समाज में फैली कुरीतियों, जातीय भावनाओं, और बाह्य आडंबरों को इस ज्ञान द्वारा समाप्त करना चाहते थे।
साखी में कबीर क्या संदेश देना चाहते हैं?कबीर की साखियाँ यह संदेश देती हैं कि हमें साधु-संतों की जाति न पूछकर उनसे ज्ञान प्राप्त करने की चेष्टा करनी चाहिए। किसी को अपशब्द नहीं कहने चाहिए। मन को एकाग्र करके ईश्वर की भक्ति करनी चाहिए पाखंड़ों का रास्ता नहीं अपनाना चाहिए।
कबीर के प्रमुख उद्देश्यों का वर्णन कीजिए?कबीर की प्रसिद्धि एक समाज सुधारक सन्त कवि के रूप में रही है। उन्होंने अपने समय में व्याप्त सामाजिक रूढ़ियों, अन्धविश्वासों का खण्डन किया तथा हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रशंसनीय प्रयास किया। वस्तुतः व भक्त और कवि बाद में है, समाज सुधारक पहले हैं। उनकी कविता का उद्देश्य जनता को उपदेश देना और उसे सही रास्ता दिखाना था।
कबीर दास द्वारा रचित साखी का क्या अर्थ है?'साखी' शब्द 'साक्षी' का तद्भव रूप है, जिस का शाब्दिक अर्थ है-आँखों से देखा गवाह या गवाही। कबीर अशिक्षित थे, जिसे उन्होंने 'मसि कागद छुऔ नहिं, कलम गहि नहिं हाथ' कह कर स्वयं स्वीकार किया है। उन्होंने अपने परिवेश में जो कुछ घटित हुआ उसे स्वयं अपनी आँखों से देखा और उसे अपने ढंग से व्यक्त किया।
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