निरामय योजना के तहत लाभार्थियों का नामांकन और नवीनीकरण साल भर खुला है। कृप्या निकटतम पंजीकृत संगठन से संपर्क करें।उद्देश्यनिरामय योजना का उद्देश्य ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी, मंद बुद्धि और एकाधिक विकलांगता वाले व्यक्तियों को किफायती दामों पर स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराना है। Show
योजना का विवरणइस योजना में व्यापक बीमा-सुरक्षा प्रदान करने की परिकल्पना की गई है, जिसमें
निधीयन पद्धतिसभी नामांकित लाभग्राहियों को रु. 1.0 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा लाभ मिलेगा। उपर्युक्त प्रत्येक शीर्ष के अंतर्गत आवंटित निधि निम्नवत हैः निरामय स्वास्थ्य बीमा योजना- संशोधित लाभ तालिकाकेवल प्रतिपूर्ति आधार पर (अप्रैल 2015 से) (रुपये)खंडउप-खंडविवरणउप-सीमाखंड की समग्र सीमाIअस्पताल में भरती होने संबंधी समग्र सीमा70,000/-कवर्तमान और जन्मजात विकलांगता के लिए सुधारात्मक शल्य-क्रिया40,000/-खशल्य-क्रिया से इतर/अस्पताल में भर्ती होना15,000/-गविकलांगता को और बढ़ने से रोकने के लिए शल्य-क्रिया15,000/-IIबाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) के लिए समग्र सीमा14,500/-कओपीडी इलाज, जिसमें दवाएँ, रोगों की जाँच, निदान संबंधी परीक्षण आदि शामिल हैं8,000/-खस्वस्थ दिव्यांगों के लिए नियमित चिकित्सा जाँच4,000/-गरोक-थाम परक दन्त चिकित्सा2,500/-IIIविकलांगता और विकलांगता संबंधी जटिलताओं के कुप्रभाव को कम करने के लिए अनवरत चिकित्सा10,000/-IVवैकल्पिक चिकित्सा4,500/-Vपरिवहन व्यय1,000/-प्रति व्यक्ति कवरेज की समग्र सीमा रु. 1,00,000/-राष्ट्रीय न्यास और बीमा प्रदाता के मध्य करार के आधार पर उपर्युक्त उप-आवंटन में वार्षिक परिवर्तन हो सकते हैं, जिन्हें वेबसाइट पर अधिसूचित किया जाएगा। पात्रता मानदंडवे सभी दिव्यांग जिनमें राष्ट्रीय न्यास 1999 के अनुसार कम से कम एक विकलांगता है, और जिनके पास विकलांगता का वैध प्रमाणपत्र है, वे इस योजना के अंतर्गत आवेदन के पात्र हैं। प्रक्रियाएँइस खंड में उन प्रक्रियाओं का वर्णन है, जिनका निरामय योजना के संबंध में पालन किया जाना चाहिएः
कृपया ध्यान दें कि हर वर्ष राष्ट्रीय न्यास द्वारा प्रक्रिया विनिर्दिष्ट की जाएगी। राष्ट्रीय न्यास को बिना अधिसूचना दिए विनिर्देशों में परिवर्तन का अधिकार है। निरामय योजना के समस्त प्रक्रिया-प्रवाह को निम्नलिखित चित्र में दर्शाया गया हैः पंजीकरण - पंजीकृत संस्था में दिव्यांग द्वारा आवेदन का प्रस्तुतीकरण पंजीकृत संस्था द्वारा राष्ट्रीय न्यास में आवेदन का प्रस्तुतीकरण 10 दिन के भीतर 15 दिन के भीतर अपूर्ण पूर्ण नहीं मिले दस्तावेज़ों के बारे में राष्ट्रीय न्यास द्वारा पंजीकृत संस्था को अधिसूचना लाभग्राही का स्वास्थ्य पहचान पत्र राष्ट्रीय न्यास द्वारा अपलोड नहीं मिले दस्तावेज पंजीकृत संस्था द्वारा प्रस्तुत अनुमोदन नहीं अनुमोदित राष्ट्रीय न्यास द्वारा पंजीकृत संस्था को अधिसूचना लाभग्राही द्वारा स्वास्थ्य पहचान पत्र डाउनलोड दावा – लाभग्राही द्वारा दावा फॉर्म तथा संबंधित दस्तावेज बीमा-प्रदाता को प्रस्तुत बीमा-प्रदाता द्वारा आवेदन का सत्यापन अनुमोदित नहीं अनुमोदित बीमा-प्रदाता द्वारा लाभग्राही को दस्तावेज़ों के बारे में अधिसूचना (यदि लागू हो) बीमा-प्रदाता द्वारा दावा जारी छूटे हुए दस्तावेज लाभग्राही द्वारा प्रस्तुत बीमा-प्रदाता द्वारा धन जारी पंजीकृत संस्था द्वारा दिव्यांग व्यक्ति के नामांकन (प्रथम अनुमोदन) की प्रक्रिया दिव्यांग व्यक्ति नामांकन प्रक्रिया में उन चरणों का वर्णन है, जिनका पालन निरामय में पहली बार नामांकन कराते समय करना होता है। साथ ही, इसमें नामांकन के प्रत्येक चरण के लिए अपेक्षित सूचना व दस्तावेज़ों और आवश्यकतानुसार विभिन्न गतिविधियों की समय-सीमा भी उल्लिखित है। योजना के अंतर्गत नामांकन के लिए पात्र व्यक्ति वर्ष के दौरान कभी भी, राष्ट्रीय न्यास में पंजीकृत अपनी नज़दीकी संस्था के माध्यम से अथवा किसी भी ऐसी एजेंसी में निर्धारित प्ररूप में आवेदन कर सकता है, जिसे राष्ट्रीय न्यास ने यह दायित्व सौंपा हो। दिव्यांग व्यक्ति लागू आवेदन शुल्क के भुगतान के लिए उत्तरदायी होगा और पंजीकृत संस्था हर फॉर्म पर कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय न्यास से रु. 40 पाने की पात्र होगी। चरण 1. दिव्यांग व्यक्ति के माता-पिता/अभिभावक निरामय के अंतर्गत नामांकन के लिए अपेक्षित दस्तावेज़ लेकर नज़दीकी पंजीकृत संस्था में जाएंगे (जैसाकि चरण 2 में वर्णित है)। चरण 2. पंजीकृत संस्था दिव्यांग व्यक्ति के नामांकन के लिए नीचे दी गई प्रक्रिया का पालन करेगीः
निम्नलिखित तालिका में आवेदन शुल्क तथा प्रत्येक श्रेणी के दिव्यांगों हेतु अपेक्षित दस्तावेजों का वर्णन हैः दिव्यांग की श्रेणीनामांकन शुल्क (रुपये)अपेक्षित दस्तावेज़बीपीएल 250-जिला अस्पताल अथवा समुचित सरकारी प्राधिकारी द्वारा जारी विकलांगता प्रमाणपत्र (स्व अभिप्रमाणित) -बीपीएल कार्ड -पते का प्रमाण -भुगतान का सबूत (यदि चालान द्वारा हो तो) नॉन-बीपीएल 500-जिला अस्पताल अथवा समुचित सरकारी प्राधिकारी द्वारा जारी विकलांगता प्रमाणपत्र (स्व अभिप्रमाणित) -पते का प्रमाण -भुगतान का सबूत (यदि चालान द्वारा हो तो) दिव्यांगजन जिनका कोई क़ानूनी अभिभावक है (माता पिता को छोड़कर) मुफ्तजिला अस्पताल अथवा समुचित सरकारी प्राधिकारी द्वारा जारी विकलांगता प्रमाणपत्र(स्व अभिप्रमाणित) -पते का प्रमाण -राष्ट्रीय न्यास 1999 के अन्तर्गत क़ानूनी अभिभावकता प्रमाण-पत्र चरण 3. राष्ट्रीय न्यास को आवेदन फॉर्म तथा दस्तावेज मिलने पर उनकी जाँच की जाती है कि वे पूरे हैं या नहीं। किन्तु यदि कोई सूचना न मिली हो या त्रुटिपूर्ण सूचना प्रस्तुत हुई हो और उसे पुनः प्रस्तुत किया जाना हो तो उसके पुनः प्रस्तुतीकरण के लिए पंजीकृत संस्था को 15 दिन का समय दिया जाता है। चरण 4. सफलतापूर्वक नामांकन और अनुमोदन के उपरान्त, प्रत्येक लाभग्राही को स्वास्थ्य पहचान संख्या/कार्ड जारी किया जाएगा। राष्ट्रीय न्यास अंतिम दस्तावेज़ों के प्राप्ति-बिन्दु के 30 दिन के भीतर पंजीकृत संस्था को सूचना प्रेषित करेगा। चरण 5. नामांकन पूरा हो जाता है। स्वास्थ्य पहचान कार्ड ऑनलाइन अपलोड कर दिया जाता है और उसे लाभग्राही ऑनलाइन अथवा पंजीकृत संस्था के माध्यम से डाउनलोड कर सकता है। योजना का नवीनीकरणनिरामय योजना उस वित्तीय वर्ष की 31 मार्च तक वैध होती है, जिसमें नामांकन किया गया हो। लाभग्राहियों से अपेक्षित है कि वे योजना के समापन से तीन महीने पहले उसका नवीनीकरण करा लें, ताकि योजना का लाभ उन्हें मिलता रहे। चरण 1. निरामय नवीनीकरण के लिए दिव्यांग व्यक्ति के माता-पिता/अभिभावक अपेक्षित दस्तावेज़ लकर (जो चरण 2 में वर्णित है) नज़दीकी पंजीकृत संस्था में जाएंगे। चरण 2. पंजीकृत संस्था दिव्यांग व्यक्ति के नवीनीकरण के लिए नीचे वर्णित प्रक्रिया का पालन करेगीः
-बीपीएल कार्ड -पते का प्रमाण -भुगतान का सबूत (यदि चालान द्वारा हो तो) नॉन-बीपीएल250-जिला अस्पताल अथवा समुचित सरकारी प्राधिकारी द्वारा जारी विकलांगता प्रमाणपत्र (स्व अभिप्रमाणित)-पते का प्रमाण -भुगतान का सबूत (यदि चालान द्वारा हो तो) दिव्यांगजन जिनका कोई क़ानूनी अभिभावक है (माता पिता को छोड़कर)मुफ्तजिला अस्पताल अथवा समुचित सरकारी प्राधिकारी द्वारा जारी विकलांगता प्रमाणपत्र(स्व अभिप्रमाणित) -पते का प्रमाण -राष्ट्रीय न्यास 1999 के अन्तर्गत क़ानूनी अभिभावकता प्रमाण-पत्र चरण 3. भुगतान प्राप्त होने के पश्चात्, पंजीकृत संस्था/लाभग्राही को एक और वर्ष के लिए नवीनीकरण की अधिसूचना वेबसाइट के माध्यम से दी जाएगी। दावा-प्रक्रियानिरामय के अंतर्गत निपटान के सभी दावे बीमा-प्रदाता के केन्द्रों में, निर्धारित दावा फॉर्म में और संबंधित वाउचरों/बिलों आदि के साथ (इलाज के वरीयतः 30 दिन के भीतर अथवा अस्पताल से छुट्टी के बाद ) प्रस्तुत किए जाने चाहिए। दावा फॉर्म वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है अथवा स्थानीय एसएनएसी से लिया जा सकता है और प्रतिपूर्ति का अनुरोध निम्नलिखित प्रक्रिया से किया जा सकता हैः चरण 1. लाभग्राही www.thenationaltrust.gov.in से फॉर्म डाउनलोड करेगा। चरण 2. भरा हुआ दावा फॉर्म सभी संबंधित दस्तावेज़ों (चिकित्सा बिल, अस्पताल में भर्ती होने की रिपोर्ट, छुट्टी की पर्ची आदि) के साथ बीमा प्रदाता के क्षेत्रीय केन्द्र में जमा किया जाएगा। चरण 3. बीमा-प्रदाता दस्तावेज़ों का सत्यापन करेगा और आईआरडीए के दिशा-निर्देशानुसार अनुमोदित दावा संबंधित बैंक खाते में अन्तरित करेगा। *दावे के समय प्रस्तुत किए जानेवाले अपेक्षित दस्तावेज़: (क) निरामय कार्ड की प्रतिलिपि अथवा स्वास्थ्य पहचान संख्या इंगित करें (ख) विकलांगता प्रमाणपत्र की सत्यापित प्रति (ग) डॉक्टर द्वारा लिखे गए नुस्खों (प्रिस्क्रिप्शन) की मूल प्रतियाँ (घ) सभी रिपोर्टों की मूल प्रतियाँ (ङ) लाभग्राही के सम्पूर्ण बैंक विवरणः खाता संख्या/बैंक का नाम/ शाखा आईएफएससी कूट/ खाता-धारक का नाम *बीमा-प्रदाता/टीपीए की अपेक्षानुसार इसमें अन्तर हो सकता है। प्रमुख कार्यनिष्पादन सूचक (केपीआई) सभी पंजीकृत संस्थाओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए कि वे सुनिश्चित करें कि राष्ट्रीय न्यास के अंतर्गत उनसे सेवा पा रहे सभी लाभग्राही निरामय के अंतर्गत नामांकित हैं। साथ ही, निम्नलिखित हितधारकों से आशा की जाती है कि वे नीचे दिए गए प्रमुख कार्यनिष्पादन संकेतकों का पालन करें: केपीआई का नामकेपीआई का विवरणलक्ष्यअपेक्षित दस्तावेज़
शिकायत निवारणयदि पंजीकृत संस्था अथवा दिव्यांग व्यक्ति को योजना के संबंध में कोई समस्या हो तो पंजीकृत संस्था अथवा दिव्यांग व्यक्ति या तो वेबसाइट में लॉगइन करके शिकायत समाधान सिस्टम में उक्त समस्या को दर्ज़ कर सकते हैं या राष्ट्रीय न्यास के संबंधित अधिकारी या मुख्य कार्यकारी अधिकारी से कार्यालय के फोन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। एस्केलेशन मैट्रिक्सयदि कभी राष्ट्रीय न्यास द्वारा इस दस्तावेज में उल्लिखित समय-सीमा का अतिक्रमण होता है तो पंजीकृत संस्था अथवा दिव्यांग व्यक्ति अथवा दिव्यांग व्यक्ति का परिवार अथवा अभिभावक इसे राष्ट्रीय न्यास के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के संज्ञान में ला सकते हैं। यदि राष्ट्रीय न्यास के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मामले का एक समुचित समय-सीमा में समाधान नहीं देते तो पंजीकृत संस्था अथवा दिव्यांग व्यक्ति अथवा दिव्यांग व्यक्ति का परिवार अथवा अभिभावक मामले को राष्ट्रीय न्यास के निदेशक-मंडल के अध्यक्ष के साथ उठा सकते हैं। UP राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना कब शुरू हुई?इसे 1 अप्रैल 2008 से आरंभ किया गया है। आरएसबीवाय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) रहने वाले परिवारों को स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करने हेतु आरंभ की गई है।
भारत का कौन सा राज्य अपने सभी निवासियों के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने वाला पहला राज्य बन गया?इसकी घोषणा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2021-22 के राज्य के बजट में की थी। राजस्थान देश का पहला राज्य बना जहां राज्य सरकार राज्य के सभी नागरिकों को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा सुविधा प्रदान कर रही है।
|