संसाधन क्या है संसाधन के प्रकार लिखिए? - sansaadhan kya hai sansaadhan ke prakaar likhie?


संसाधन के प्रकार:

संसाधन को विभिन्न आधारों पर विभिन्न प्रकारों में बाँटा जा सकता है; जो निम्नलिखित हैं:

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  1. उत्पत्ति के आधार पर: जैव और अजैव संसाधन
  2. समाप्यता के आधार पर: नवीकरण योग्य और अनवीकरण योग्य संसाधन
  3. स्वामित्व के आधार पर: व्यक्तिगत, सामुदायिक, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संसाधन
  4. विकास के स्तर के आधार पर: संभावी, विकसित भंडार और संचित कोष

उत्पत्ति के आधार पर संसाधन के प्रकार

  1. जैव संसाधन: जो संसाधन जैव मंडल से मिलते हैं उन्हें जैव संसाधन कहते हैं। उदाहरण: मनुष्य, वनस्पति, मछलियाँ, प्राणिजात, पशुधन, आदि।
  2. अजैव संसाधन: जो संसाधन निर्जीव पदार्थों से मिलते हैं उन्हें अजैव संसाधन कहते हैं। उदाहरण: मिट्टी, हवा, पानी, धातु, पत्थर, आदि।

समाप्यता के आधार पर संसाधन के प्रकार:

  1. नवीकरण योग्य संसाधन: जिन संसाधनों को हम भौतिक, रासायनिक या यांत्रिक प्रक्रिया द्वारा नवीकृत या पुन: उत्पन्न कर सकते हैं, उन्हें नवीकरण योग्य संसाधन कहते हैं। उदाहरण: सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल, जीव जंतु, आदि।
  2. अनवीकरण योग्य संसाधन: जिन संसाधनों को हम किसी भी तरीके से नवीकृत या पुन: उत्पन्न नहीं कर सकते हैं, उन्हें अनीवकरण योग्य संसाधन कहते हैं। उदाहरण: जीवाष्म ईंधन, धातु, आदि। इन संसाधनों के निर्माण में लाखों वर्ष लग जाते हैं। इसलिए इनका नवीकरण करना असंभव होता है। इनमें से कुछ संसाधनों को पुन: चक्रीय किया जा सकता है, जैसे कि धातु। लेकिन कुछ ऐसे संसाधनों का पुन: चक्रीकरण नहीं किया जा सकता है, जैसे कि; जीवाष्म ईंधन।

स्वामित्व के आधार पर संसाधनों के प्रकार:

  1. व्यक्तिगत संसाधन: जिन संसाधनों का स्वामित्व निजी व्यक्तियों के पास होता है, उन्हें व्यक्तिगत संसाधन कहते हैं। उदाहरण: किसी किसान की जमीन, घर, आदि।
  2. सामुदायिक संसाधन: जिन संसाधनों का स्वामित्व समुदाय या समाज के पास होता है, उन्हें सामुदायिक संसाधन कहते हैं। उदाहरण: चारागाह, तालाब, पार्क, श्मशान, कब्रिस्तान, आदि।
  3. राष्ट्रीय संसाधन: जिन संसाधनों का स्वामित्व राष्ट्र के पास होता है, उन्हें राष्ट्रीय संसाधन कहते हैं। उदाहरण: सरकारी जमीन, सड़क, नहर, रेल, आदि।
  4. अंतर्राष्ट्रीय संसाधन: जिन संसाधनों का नियंत्रण अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा किया जाता है, उन्हें अंतर्राष्ट्रीय संसाधन कहते हैं। उदाहरण के लिये समुद्री क्षेत्र को लीजिए। किसी भी देश का नियंत्रण उस देश की तट रेखा से 200 किमी तक के समुद्री क्षेत्र पर ही होता है। 200 किमी से आगे का समुद्री क्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय संसाधन की श्रेणी में आता है।


विकास के स्तर के आधार पर संसाधन के प्रकार:

  1. संभावी संसाधन: जिन संसाधनों का उपयोग वर्तमान में नहीं हो रहा होता है, उन्हें संभावी संसाधन कहते हैं। उदाहरण: गुजरात और राजस्थान में उपलब्ध सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा।
  2. विकसित संसाधन: जिन संसाधनों का सर्वेक्षण हो चुका है और जिनके उपयोग की गुणवत्ता और मात्रा निर्धारित हो चुकी है, उन्हें विकसित संसाधन कहते हैं।
  3. भंडार: जो संसाधन उपलब्ध तो हैं लेकिन उनके सही इस्तेमाल के लिये हमारे पास उचित टेक्नॉलोजी का अभाव है, उन्हें भंडार कहते हैं। उदाहरण: हाइड्रोजन ईंधन।
  4. संचित कोष: जिस संसाधन के उपयोग के लिये टेक्नॉलोजी तो मौजूद है लेकिन अभी उसका सही ढ़ंग से इस्तेमाल नहीं हो रहा है। उदाहरण: नदी के जल से पनबिजली परियोजना द्वारा बिजली निकाली जा सकती है। लेकिन अभी इसका इस्तेमाल सीमित पैमाने पर ही हो रहा है। संचित कोष भंडार का ही एक भाग होता है।


संसाधनों का अंधाधुंध इस्तेमाल

  • संसाधन का हमारे लिये बहुत महत्व है। संसाधनों के अंधाधुंध इस्तेमाल से कई समस्याएँ खड़ी हो रही हैं। कुछ उदाहरण नीचे दिये गये हैं।
  • कुछ संसाधन कुछ सीमित लोगों के हाथों में है। इससे वंचित लोगों को तकलीफ होती है।
  • संसाधन के अंधाधुंध इस्तेमाल ने पूरी दुनिया में पर्यावरण की समस्या खड़ी कर दी है, जैसे कि ग्लोबल वार्मिंग, पारितंत्र पर खतरा, ओजोन लेयर में सुराख, आदि।
  • सतत पोषणीय विकास के लिये संसाधन का समान रूप से वितरण और सही इस्तेमाल जरूरी है।

सतत पोषणीय विकास: ऐसे विकास को सतत पोषणीय विकास कहते हैं, जब विकास होने के क्रम में पर्यावरण को नुकसान न पहुँचे और भविष्य की जरूरतों की अनदेखी न हो।

संसाधनों के सही इस्तेमाल और सतत पोषणीय विकास के मुद्दे पर 1992 में रियो डे जेनेरो में अर्थ समिट का आयोजन किया गया था। इस सम्मेलन में एक सौ राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए थे, जो एजेंडा 21 पर सहमत हुए थे। सतत पोषणीय विकास और संसाधन का सही इस्तेमाल इस एजेंडा का मुख्य मुद्दा था। इस एजेंडा मे समान हितों, पारस्परिक जरूरतों और सम्मिलित जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए विश्व सहयोग की बात की गई है ताकि पर्यावरण की क्षति, गरीबी और रोगों से लड़ा जा सके।


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Sansadhan kise kahate hain : मनुष्य जीवन आज इतना विकास कर पाया है तो वह केवल संसाधनों (Resources) के बदौलत. संसाधनों के बिना विकास की कल्पना नामुमकिन है.

जबसे हम पैदा हुए हैं. बड़े होते हैं. इस दौरान लगातार संसाधनों का उपयोग करते रहते हैं. और यही पक्रिया अंत तक चलती रहती है. हमारे लिए संसाधनों की जानकारी हर दृष्टि से महत्वपूर्ण है.

क्योंकि इसकी सहीं जानकारी ही हमें संसाधनों के प्रति जागरूक बनाएगी, संसाधनों के सहीं उपयोग और बचाव के लिए इसका ज्ञान होना बहुत ही आवश्यक है.

आज के इस लेख – संसाधन क्या है? संसाधन किसे कहते हैं? (sansadhan kise kahate hain) में हम संसाधनों के विषय में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगें.

विषय-सूची

  • 1 संसाधन क्या है – Sansadhan kise kahate hain
  • 2 संसाधन की परिभाषा – Definition of Resource in hindi
  • 3 संसाधन के प्रकार – Resource Type in hindi
    • 3.1 A . प्राकृतिक संसाधन क्या है – what is natural resource in hindi
      • 3.1.1 प्राकृतिक संसाधन के प्रकार – types of natural resources in hindi
        • 3.1.1.1 1. नवीकरणीय संसाधन क्या है – what is renewable resource in hindi
        • 3.1.1.2 2. अनवीकरणीय संसाधन क्या है – what is a non-renewable resource in hindi
    • 3.2 B. मानव निर्मित संसाधन – man made resource in hindi
  • 4 उत्पत्ति के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण – Classification of resources in hindi
    • 4.1 जैव संसाधन क्या है?
    • 4.2 अजैव संसाधन क्या है?
  • 5 स्वामित्व के आधार पर संसाधनों के विभिन्न प्रकार – Resources by ownership in hindi
    • 5.1 व्यक्तिगत संसाधन क्या है?
    • 5.2 सामुदायिक संसाधन क्या है?
    • 5.3 राष्ट्रीय संसाधन क्या है?
    • 5.4 अंतर्राष्ट्रीय संसाधन क्याहै ?
  • 6 विकास के आधार पर संसाधनों के प्रकार – Types of Resources on the Basis of Development
    • 6.1 संभावी संसाधन क्या है?
    • 6.2 विकसित संसाधन क्या है?
    • 6.3 भण्डार संसाधन क्या है?
    • 6.4 संचित कोष संसाधन क्या है?
  • 7 वितरणों के आधार पर संसाधन के प्रकार – Resource types based on distributions
    • 7.1 सर्वसुलभ संसाधन क्या है?
    • 7.2 सामान्य सुलभ संसाधन क्या है?
    • 7.3 विरल संसाधन क्या है?
    • 7.4 एकल संसाधन क्या है?
  • 8 संसाधनों का संरक्षण – conservation of resources in hindi
  • 9 संसाधन का नियोजन क्या है – what is resource planning in hindi
    • 9.1 संसाधन का नियोजन क्यों आवश्यक है?
  • 10 FAQ : Sansadhan kise kahate hain से संबंधित प्रश्न उत्तर
    • 10.1 प्रश्न : संसाधन किसे कहते हैं कितने प्रकार के होते हैं?
    • 10.2 प्रश्न : प्राकृतिक संसाधन के कितने प्रकार है?
    • 10.3 प्रश्न : संसाधन से आप क्या समझते हैं उदाहरण दो?
    • 10.4 प्रश्न : प्राकृतिक साधन कौन कौन से हैं?
    • 10.5 प्रश्न : प्राकृतिक संसाधनों का क्या महत्व है?
  • 11 निष्कर्ष

संसाधन क्या है संसाधन के प्रकार लिखिए? - sansaadhan kya hai sansaadhan ke prakaar likhie?

संसाधन – हमारे पर्यावरण में चारों तरफ नजर आने वाली वस्तुएं जो हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आवश्यक है और जिनसे हमारी जरूरतें पूरी होती है संसाधन कहलाती है.

even.. मनुष्य भी एक संसाधन है. जिसके कारण लगातार विकास का सिलसिला चलता रहता है (परन्तु मनुष्य के संसाधन होने पर मतभेद है. कुछ विद्वानों द्वारा मनुष्य को संसाधन माना जाता है. और कुछ के द्वारा नहीं)

एक line में… किसी वस्तु की उपयोगिता उसे संसाधन बनाती है. संसाधन के उदाहरण हैं – जल, हवा, पंखा, मिट्टी, पौधे इत्यादि.

संसाधन की परिभाषा – Definition of Resource in hindi

संसाधन की परिभाषा के विषय में अलग-अलग विद्वानों का भिन्न-भिन्न परिभाषाएं हैं. जो इस तरह है –

जिम्मरमैन के अनुसार संसाधन की परिभाषा : “संसाधन पर्यावरण की वे विशेषताएं हैं जो मनुष्य की आवश्यकताओं की पूर्ति में सक्षम मानी जाती हैं, जैसे ही उन्हे मानव की आवश्यकताओं और क्षमताओं द्वारा उपयोगिता प्रदान की जाती हैं.”

जेम्स फिशर के अनुसार संसाधन की परिभाषा : ” संसाधन वह कोई भी वस्तु हैं जो मानवीय आवश्यकतों और इच्छाओं की पूर्ति करती हैं.”

स्मिथ एवं फिलिप्स के अनुसार : “भौतिक रूप से संसाधन वातावरण की वे प्रक्रियायें हैं जो मानव के उपयोग में आती हैं”

संसाधन के प्रकार – Resource Type in hindi

संसाधन के 2 प्रकार होते हैं –

  • प्राकृतिक संसाधन
  • मानवनिर्मित संसाधन

A . प्राकृतिक संसाधन क्या है – what is natural resource in hindi

प्राकृतिक संसाधन वह संसाधन है जो पर्यावरण में प्राकृतिक रूप से निर्मित है. इस संसाधन के निर्माण में मनुष्यों का कोई हाँथ नहीं है. प्राकृतिक संसाधन के उदाहरण है – सूर्य प्रकाश, भूमिगत जल, फल, सब्जियां, हवा इत्यादि.

प्राकृतिक संसाधन के प्रकार – types of natural resources in hindi

प्राकृतिक संसाधन 2 प्रकार के हैं

  1. नवीकरणीय संसाधन
  2. अनवीकरणीय संसाधन
1. नवीकरणीय संसाधन क्या है – what is renewable resource in hindi

नवीकरणीय संसाधन वह संसाधन है जिसका उपयोग बार-बार किया जा सकता है. अर्थात यह संसाधन कभी समाप्त नहीं होता इसे फिर से प्राप्त किया जा सकता है.

इसका यह मतलब कदापि नहीं है कि नवीकरणीय संसाधन का लगातार दोहन किया जाये, लगातार दोहन से यह नवीनीकरणीय संसाधन नहीं रह जाता, माना की जल कभी समाप्त नहीं हो सकता, परन्तु इसके व्यर्थ दोहन और ecosystem में होने वाले बदलाव से जलसंकट जैसी समस्याएं अवश्य देखनी पड़ सकती है. कई क्षेत्रों में जल समस्या निरंतर व्याप्त होती जा रही है.

नवीकरणीय संसाधन के उदाहरण है – सूर्य, जल, पवन ऊर्जा, (सहीं मायनों में इन्हे नवीकरणीय संसाधन नहीं माना जाता बल्कि यह अक्षय ऊर्जा कहलाता है. जो प्रदूषण रहित होता है.)

2. अनवीकरणीय संसाधन क्या है – what is a non-renewable resource in hindi

अनवीकरणीय संसाधन वे संसाधन है, जिनका भण्डारण सिमित है या इन्हे दोबारा प्राप्त करने में लाखों साल लग सकते हैं. लगातार उपयोग से यह संसाधन समाप्त हो सकता है.

अनवीकरणीय संसाधन के उदाहरण है – कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैंस इत्यादि, अगर यह संसाधन समाप्त हो गए. तो इन्हे दोबारा प्राप्त करने में करोणों साल लग जायेंगे

B. मानव निर्मित संसाधन – man made resource in hindi

मानव निर्मित संसाधन का तात्पर्य है. प्राकृतिक संसाधन का उपयोग करके नया देना या कुछ नया निर्मित करता है. जैसे कि लौह अयस्क उस समय तक संसाधन नहीं था जब तक लोगों ने उससे लोहा बनाना नहीं सीखा था.

मानवनिर्मित संसाधन के उदाहरण – कुर्सी-टेबल, वाहन, सड़क, प्रौद्योगिकी, रेल्वे लाइन इत्यादि.

अगर मानव ना होता तो विकास के जिस स्तर पर आज हम हैं उसे हम प्राप्त नहीं कर पाते क्योंकि मानव ने ही प्राकृतिक उपहारों का उपयोग करके मानवता का विकास किया है. इससे पता चलता है कि मानव भी एक संसाधन है.

उत्पत्ति के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण – Classification of resources in hindi

उत्पत्ति के आधार पर संसधान को 2 भागों में वर्गीकृत किया गया है –

  • जैव संसाधन
  • अजैव संसाधन

जैव संसाधन क्या है?

जीन संसाधनों की प्राप्ति जैवमण्डल से होती है. उसे जैव संसाधन कहते हैं. उदाहरण – मतस्य, पशुधन, वनस्पत्ति, प्राणी, गाय-भैंस इत्यादि.

अजैव संसाधन क्या है?

निर्जीव वस्तुओं से प्राप्त संसाधनों को अजैव संसाधन कहते हैं. जैसे – चट्टानें, धातुएं इत्यादि.

स्वामित्व के आधार पर संसाधनों के विभिन्न प्रकार – Resources by ownership in hindi

स्वामित्व के आधार पर संसाधन को 4 भागों में बाटा गया है –

  • व्यक्तिगत संसाधन
  • सामुदायिक संसाधन
  • राष्ट्रीय संसाधन
  • अंतर्राष्ट्रीय संसाधन

व्यक्तिगत संसाधन क्या है?

किसी व्यक्ति का निजी अधिकार वाला संसाधन व्यक्तिगत संसाधन कहलाता है. जिसके बदले में वह सरकार को कर चुकाता है. जैसे – घर, किसान का जमींन, कुवां, बाग़-बगीचा इत्यादि

सामुदायिक संसाधन क्या है?

सामुदायिक संसाधन किसी एक व्यक्ति का निजी ना होकर पुरे समुदाय के लिए होता है. उसे सामुदायिक संसाधन कहते हैं. जैसे – मंदिर, मस्जिद, श्मशान, सामुदायिक भवन, पंचायत भवन इत्यादि.

राष्ट्रीय संसाधन क्या है?

जिस संसाधन पर पुरे राष्ट्र या देश का अधिकार होता है उसे राष्ट्रीय संसाधन कहते हैं जैसे – सड़क, रेल, नहर, सरकारी जमीन इत्यादि.

अंतर्राष्ट्रीय संसाधन क्याहै ?

ऐसे संसाधनों का नियंत्रण अंतर्राष्ट्रीय संस्था करती है. किसी राष्ट्र के समुद्रीय तट रेखा से 200KM की दुरी को छोड़कर खुला महासागरीय संसाधन अंतर्राष्ट्रीय संसाधन कहलाता है.

विकास के आधार पर संसाधनों के प्रकार – Types of Resources on the Basis of Development

विकास के आधार पर संसाधनों के 4 प्रकार हैं –

  • संभावी संसाधन
  • विकसित संसाधन
  • भंडार संसाधन
  • संचित कोष संसाधन

संभावी संसाधन क्या है?

इस प्रकार के संसाधन जो किसी जगह पर मौजूद तो हैं परन्तु तकनिकी या ज्ञान के अभाव के कारण अभी तक उपयोग में नहीं लाये गए हैं. लेकिन भविष्य में उनकी विकास और उपयोग की सम्भावनाये हैं.

संभावी संसाधन कहलाते हैं. उदाहरण – समुद्र का पानी को पिने में उपयोग, हिमालय क्षेत्र में खनिज, गुजरात व राजस्थान में पवन ऊर्जा और सौर ऊर्जा इत्यादि.

विकसित संसाधन क्या है?

वह संसाधन जिसके बारे में सारी जानकारियां हमें पता है. जैसे कितना चलेगा, कब तक चलेगा, कितना खर्च आएगा, कैसा है और कहाँ पर है. इत्यादि की जानकारियां हमें पता है उसे विकसित संसाधन कहते हैं.

भण्डार संसाधन क्या है?

इस प्रकार के संसाधन जिसका वर्तमान में उपयोग तो हो ही रहा है साथ ही भविष्य के लिए भी इसे सुरक्षित रखा जा रहा है. भण्डार संसाधन कहलाता है. जैसे – जल, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन इत्यादि.

संचित कोष संसाधन क्या है?

ऐसी संसाधन जिसे उपलब्ध तकनीक के माध्यम से उपयोग में लाया जा सकता है परन्तु इसे भविष्य मानकर अभी उपयोग नहीं किया जा रहा है. उसे संचित कोष संसाधन कहते हैं. जैसे – नदी का जल इत्यादि.

वितरणों के आधार पर संसाधन के प्रकार – Resource types based on distributions

  • सर्वसुलभ संसाधन
  • सामान्य सुलभ संसाधन
  • विरल संसाधन
  • एकल या अद्वितीय संसाधन

सर्वसुलभ संसाधन क्या है?

जो संसाधन सभी जगह पर सामान रूप से पाए जाते हैं. उन्हें सर्वसुलभ संसाधन कहते हैं. जैसे – हवा, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन इत्यादि.

सामान्य सुलभ संसाधन क्या है?

अधिकांश जगहों पर पाए जाने वाले संसाधन सामान्य सुलभ संसाधन कहलाते हैं. उदाहरण – कृषि योग्य भूमि, पिने योग्य पानी, मिट्टी इत्यादि.

विरल संसाधन क्या है?

कुछ सीमित जगहों (बहुत कम) पर ही पाए जाने वाले संसाधन को विरल संसाधन कहते हैं जैसे – सोना, चांदी, हीरा, कोयला, टिन, यूरेनियम, पेट्रोलियम इत्यादि.

एकल संसाधन क्या है?

यह संसाधन पृथ्वी पर केवल एक या दो जगह ही पाया जाता है. एकल संसाधन कहलाता है. जैसे ग्रीनलैंड पर पाया जाने वाला क्रोमोलाइट.

संसाधनों का संरक्षण – conservation of resources in hindi

मान लीजिये जिन संसाधनों का उपयोग करने हम आराम से जीवन यापन कर रहे हैं जैसे – जल, भोजन, पेट्रोल, कोयला, बिजली इत्यादि ये अचानक ही समाप्त हो जाएँ तो.

निश्चित रूप से जीवन-यापन करने में बड़ी कठिनाइयां आएगीं, इसलिए यह जरुरी है कि हमारे पास उपस्थित संसाधनों का हम सोंच समझकर उपयोग करें.

संसाधनों का सावधानी से उपयोग करना तथा उन्हें नवीकरण के लिए समय देना संसाधन संरक्षण कहलाता है. संसाधन संरक्षण के लिए सबसे जरुरी बात यह है कि हम पुनः चक्रण और पुनः इस्तेमाल का उपयोग करें, साथ ही संसाधनों का उपयोग उतना ही करें जितना की आवश्यक है.

हमारे द्वारा उठाये गए छोटे-छोटे कदम भी संसाधन संरक्षण के बहुत महत्वपूर्ण हैं.

  • इसे पढ़ें – ऊर्जा संरक्षण पूरी जानकारी

संसाधन का नियोजन क्या है – what is resource planning in hindi

संसाधन नियोजन का तात्पर्य निश्चित रुपरेखा तैयार करने से है. अर्थात संसाधनों का बिना दुरुपयोग किये इसका पूर्ण उपयोग करना संसाधन का नियोजन कहलाता है.

आप जानते हैं कि संसाधन हमारे लिए कितना जरुरी है. यह हमारे जीवन को सरल और सुखद बनाती है. परन्तु आप यह भी जान गए हैं कि पृथ्वी पर अनेक साधन सीमित मात्रा में है. ऐसे में इसका अत्यधिक प्रयोग संसाधनों के लिए खतरा है. जो समाप्त हो जाने पर मानव के लिए भी दुखद है.

संसाधन का नियोजन क्यों आवश्यक है?

भारत जलवायु विविधता वाला देश है. यहाँ किसी क्षेत्र में संसाधन पूरी तरह से कम है तो कही अधिक मात्रा में भी है. यहाँ तक हर जगह पर अलग अलग तरह के संसाधन पाए जाते हैं ऐसे में सभी क्षेत्रों में संसाधन की समरूपता बनाये रखने के लिए संसाधन नियोजन आवश्यक है.

FAQ : Sansadhan kise kahate hain से संबंधित प्रश्न उत्तर

प्रश्न : संसाधन किसे कहते हैं कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर : मानव उपयोग में लाई जाने वाली सभी वस्तुएं संसाधन कहलाती है. संसाधन मुख्यतः दो प्रकार के हैं – जैविक संसाधन और अजैविक संसाधन.

प्रश्न : प्राकृतिक संसाधन के कितने प्रकार है?

उत्तर : प्राकृतिक संसाधन 2 प्रकार के होते हैं – नवीकरणीय संसाधन और अनवीकरणीय संसाधन.

प्रश्न : संसाधन से आप क्या समझते हैं उदाहरण दो?

उत्तर : वह वस्तुएं जो मानव जीवन को सरल बनाती है संसाधन कहलाती है. उदाहरण – लकड़ी, कोयला, सोना, चांदी इत्यादि.

प्रश्न : प्राकृतिक साधन कौन कौन से हैं?

उत्तर : पर्यावरण से प्राप्त संसाधन प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं प्राकृतिक संसाधन के उदाहरण है – वनस्पति, झील, जल, नदी, पहाड़, पर्वत, पठार, जंगल, फल, पशुधन, सब्जियां इत्यादि.

प्रश्न : प्राकृतिक संसाधनों का क्या महत्व है?

उत्तर : प्राकृतिक संसाधनों का महत्व इतना है कि अगर यह ना हो तो मानव जीवन खतरे में पड़ जायेगा. हम अपने जन्म से ही प्राकृतिक संसाधनों से जुड़े हुए हैं और इन्ही का उपयोग करके जीवन यापन करते हैं. पृथ्वी के सभी जीव-जंतुओं और प्राणियों के लिए संसाधन आवश्यक है. इसके बिना जीवन संभव नहीं है.

निष्कर्ष

संसाधन प्रकृति का अनमोल तोहफा है इसे बर्बाद करना हमारा हक़ नहीं है. इसे हमें आने वाली भावी पीढ़ी को सुरक्षित रूप से सौपना है. संसाधन के संरक्षण में रोजाना एक कदम अवश्य उठायें – पानी व्यर्थ ना बहाएं, बिजली व्यर्थ ना जलाएं। छोटे-छोटे कदम बड़े बदलाव लाते हैं.

आखिर में

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संसाधन क्या है और इसके प्रकार?

संसाधनों को कई प्रकार से बांटा गया है जैसे प्राकृतिक और मानव-निर्मित, नवीकरणीय और अनवीकरणीय तथा निजी, सामुदायिक च राष्ट्रीय संसाधनसंसाधनों को सामान्यतः प्राकृतिक और मानव-निर्मित (सांस्कृतिक) वर्गों में बांटा जा सकता है। प्राकृतिक संसाधन प्रकृति प्रदत्त है।

संसाधन क्या है इसका उत्तर?

अन्य शब्दों में, कोई पदार्थ जो कि मूल्यवान और मनुष्य के लिए उपयोगी हो, संसाधन कहलाता है। इन संसाधनों में भौतिक जैसे-भूमि, जल, मृदा एवं खनिज और जैविक जैसे वनस्पति, वन्य जीव एवं जलीय जीव/मात्स्यिकी दोनों शामिल हैं।

संसाधन क्या है हिंदी में definition?

संसाधन का अर्थ (Meaning of Resources) हमारे पर्यावरण में उपलब्ध प्रत्येक वह वस्तु 'संसाधन' है जो हमारी आवश्यकताओं को पूरा करने में प्रयुक्त की जा सकती है और जिससे अन्य वस्तुओं को बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का प्रयोग होता है तथा जो अधिक रूप से सम्भाव्य और सांस्कृतिक रूप से मान्य है। संसाधन मानवीय क्रियाओं का परिणाम है।

संसाधन के तीन प्रकार कौन कौन से हैं?

प्राकृतिक संसाधन कितने प्रकार के होते हैं?.
नवीकरणीय प्राकृतिक संसाधन.
अनवीकरणीय प्राकृतिक संसाधन.