यह निर्देश पुस्तिका अनुवाद सिद्धान्त और अन्य भाषाओं (ओएलएस) में एक अच्छा अनुवाद कैसे करना है, को सिखाती है। इस निर्देश पुस्तिका में अनुवाद के कुछ सिद्धान्त गेटवे भाषा अर्थात् प्रवेशिका भाषा के अनुवाद पर भी लागू होते हैं। गेटवे भाषाओं के लिए अनुवाद संसाधनों की सूची को कैसे अनुवाद करना है, के तरीके के बारे में विशेष निर्देश के लिए, कृपया गेटवे भाषा निर्देश पुस्तिका को देखें। किसी भी प्रकार की अनुवाद परियोजना आरम्भ करने से पहले इन मॉड्यूलों अर्थात् खण्डों में से कईयों का अध्ययन करना बहुत उपयोगी होगा। अन्य मॉड्यूल, जैसे कि व्याकरण के बारे में, केवल अनुवाद के "समय-में-ही" सीखना आवश्यक हैं। Show
अनुवाद निर्देश पुस्तिका में कुछ मुख्य अंश:
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जानने के शब्दThis page answers the question: मुझे कौनसे शब्दों का ज्ञान हो? In order to understand this topic, it would be good to read:
महत्वपूर्ण शब्दों को जाननाध्यान दें: इस निर्देश पुस्तिका में इन शब्दों का उपयोग किया गया है। अनुवाद निर्देश पुस्तिका का उपयोग करने के लिए अनुवादक को इन शब्दों को समझने की आवश्यकता होगी। शब्दावली - एक शब्द या वाक्यांश जो एक वस्तु, विचार या गतिविधि को सन्दर्भित करता है। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति के द्वारा मुँह में तरल उण्डलने के लिए अंग्रेजी में शब्द "पीना" होता है। एक समारोह के लिए शब्द जो किसी के जीवन में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन को चिह्नित करता है, वह "यादगार उत्सव" वाक्यांश होता है। एक शब्दावली और एक शब्द के बीच का अन्तर यह है कि एक शब्दावली में कई शब्द हो सकते हैं। मूलपाठ - एक मूलपाठ ऐसा कुछ लेख है, जिसे एक वक्ता या लेखक भाषा के माध्यम से श्रोता या पाठक को संचारित कर रहा है। वक्ता या लेखक के मन में एक निश्चित अर्थ होता है, और इसलिए वह उस अर्थ को व्यक्त करने के लिए भाषा का एक रूप चुनता है। सन्दर्भ - शब्द, वाक्यांश, या वाक्य और अनुच्छेद के चारों ओर शब्द, वाक्यांश, वाक्य, या अनुच्छेद का होना। सन्दर्भ वह मूलपाठ होता है, जो मूलपाठ के उस भाग से घिरा हुआ होता है, जिसे आप जाँच रहे होते हैं। व्यक्तिगत शब्दों और वाक्यांशों का अर्थ परिवर्तित हो सकता है, जब वे भिन्न सन्दर्भों में होते हैं। रूप - अर्थात् ढ़ांचा भाषा की संरचना होता है, जैसा कि यह पृष्ठ पर दिखाई देती है या जैसी यह बोली जाती है। "रूप" उस तरीके को सन्दर्भित करता है, जिसमें भाषा की व्यवस्था की गई है- इसमें शब्द, शब्द व्यवस्था, व्याकरण, मुहावरे, और मूलपाठ की संरचना की कई अन्य विशेषताएँ सम्मिलित होती हैं। व्याकरण - जिस तरह से वाक्य एक भाषा में एक साथ रखी जाती है। इसका सरोकार इसके विभिन्न भागों की व्यवस्था से होता है, जैसे कि क्रिया शब्द पहले या अन्तिम या बीच में आता है। संज्ञा - एक प्रकार का शब्द जो किसी व्यक्ति, स्थान या वस्तु को सन्दर्भित करता है। एक उचित संज्ञा किसी व्यक्ति या स्थान का नाम होता है। एक अमूर्त संज्ञा एक ऐसी वस्तु होती है, जैसे कि हम "शान्ति" या "एकता" जैसी बातों को न देख सकते या न ही स्पर्श कर सकते हैं। यह किसी विचार या राज्य की स्थिति को सन्दर्भित करती है। कुछ भाषाएँ अमूर्त संज्ञाओं का उपयोग नहीं करती हैं। क्रिया - एक प्रकार का शब्द जो किसी गतिविधि को सन्दर्भित करता है, जैसे "चलना" या "आगमन"। संशोधक - एक प्रकार का शब्द जो किसी अन्य शब्द के बारे में कुछ कहता है। दोनों विशेषण और क्रियाएँ संशोधक होती हैं। विशेषण - एक प्रकार का शब्द जो संज्ञा के बारे में कुछ कहता है। उदाहरण के लिए, शब्द "लम्बा" निम्नलिखित वाक्य में "व्यक्ति" संज्ञा के बारे में कुछ कहता है। मैं एक लम्बा व्यक्ति देखता हूँ। क्रियाविशेषण - एक प्रकार का शब्द जो एक क्रिया के बारे में कुछ कहता है। उदाहरण के लिए, शब्द "जोर से" निम्नलिखित वाक्य में क्रिया "बोलने" वाले के बारे में कुछ कहता है। उस व्यक्ति ने लोगों की भीड़ से जोर से बात की। मुहावरा - एक अभिव्यक्ति जो कई शब्दों का उपयोग करती है और इसका अर्थ अपने पूरे वाक्य में भिन्न होता है कि मानो कि उसके शब्दों को उनके अर्थों के द्वारा समझा जा चुका होता है इसकी अपेक्षा कि जब उन शब्दों को शाब्दिक रूप में देखा जाए। मुहावरे का अनुवाद शाब्दिक रूप से नहीं किया जा सकता है, अर्थात, भिन्न शब्दों के अर्थों के साथ। उदाहरण के लिए, "उसने बाल्टी को लात मार दी" अंग्रेजी में एक मुहावरे है, जिसका अर्थ "अल्लाह को प्यारा हो जाने" से या मर जाने से है। अर्थ - अन्तर्निहित विचार या अवधारणा जिसे मूलपाठ पाठक या श्रोता के लिए संचारित करने का प्रयास कर रहा है। एक वक्ता या लेखक भाषा के विभिन्न रूपों या ढ़ांचों का उपयोग करके एक ही अर्थ को संचारित कर सकता है, और भिन्न लोग एक ही भाषा के रूप को सुनने या पढ़ने से भिन्न अर्थों को समझ सकते हैं। इस तरह आप देख सकते हैं कि रूप अर्थात् ढ़ांचा और अर्थ एक ही बात नहीं होते है। अनुवाद - लक्षित भाषा के रूप में व्यक्त करने की प्रक्रिया जिस का अर्थ वही हो जिसे एक लेखक या वक्ता के द्वारा स्रोत भाषा के रूप में व्यक्त किया गया है। स्रोत भाषा - भाषा जहाँ से अनुवाद को किया जा रहा है। स्रोत मूलपाठ - मूलपाठ जहाँ से अनुवाद को किया जा रहा है। लक्षित भाषा - भाषा * जिस में* एक अनुवाद किया जा रहा है। लक्षित मूलपाठ - अनुवादक के द्वारा द्वारा निर्मित किया जा रहा मूलपाठ जिसे वह स्रोत मूलपाठ के अर्थ से अनुवाद करता या करती है। मूल भाषा - वह भाषा जिस में बाइबल मूलपाठ आरम्भ में लिखी गई थी। नए नियम की मूल भाषा यूनानी है। पुराने नियम की अधिकांश मूल भाषा इब्रानी है। यद्यपि, दानिय्येल और एज्रा के कुछ भागों की मूल भाषा अरामी है। मूल भाषा सदैव एक सटीक भाषा होती है, जिसमें से एक सन्दर्भ का अनुवाद करना होता है। संचार की व्यापक भाषा - एक भाषा जो एक व्यापक क्षेत्र और कई लोगों के द्वारा बोली जाती है। अधिकांश लोगों के लिए, यह उनकी पहली भाषा नहीं होती है, परन्तु वह वह भाषा होती है, जिसका उपयोग वे अपनी भाषा के समुदाय के बाहर लोगों से बात करने के लिए करते हैं। कुछ लोग इसे एक व्यापार की भाषा कहते हैं। अधिकांश बाइबलों का अनुवाद स्रोत भाषा के रूप में व्यापक संचार की भाषा का उपयोग करके किया जाएगा। शाब्दिक अनुवाद - एक अनुवाद जो लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ के ही रूप को पुन: उत्पन्न करने पर केन्द्रित होता है, चाहे इसके परिणामस्वरूप अर्थ ही क्यों न परिवर्तित हो जाए। अर्थ-आधारित अनुवाद (या गतिशील अनुवाद) - एक अनुवाद जो लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ के अर्थ को पुन: उत्पन्न करने पर केन्द्रित है, चाहे इसके परिणामस्वरूप रूप अर्थात् ढ़ांचा ही क्यों न परिवर्तित हो जाए। अनुच्छेद - बाइबल मूलपाठ का एक खण्ड जिसके बारे में बात की जा रही है। यह एक वचन के रूप में छोटा हो सकता है, परन्तु सामान्य रूप से यह कई वचन को मिलकर बना होता है, जिसमें एक विषय होता है या जो एक कहानी को बताता है। गेटवे भाषा - एक गेटवे भाषा (जीएल) अर्थात् प्रवेशिका भाषा व्यापक संचार की एक ऐसी भाषा होती है, जिसे हमने उन भाषाओं में से एक माना है, जिनमें हम अपने सभी अनुवाद संसाधनों का अनुवाद करेंगे। गेटवे भाषा की सूची भाषा की सबसे छोटी सँख्या है, जिसके माध्यम से द्विभाषी वक्ताओं के द्वारा अनुवाद के माध्यम से संसार की हर दूसरी भाषा में विषय वस्तु को वितरित किया जा सकता है। दूसरी भाषा - दूसरी भाषाएँ (ओएलएस) संसार की सभी वे भाषाएँ हैं, जो गेटवे भाषा अर्थात् प्रवेशिका भाषा नहीं हैं। हम अपने बाइबल अनुवाद संसाधनों का गेटवे भाषा में अनुवाद करते हैं, ताकि लोग बाइबल को अन्य भाषाओं में अनुवाद करने के लिए उन संसाधनों का उपयोग कर सकें। एण्ड-यूजर बाइबल - अन्तिम उपयोगकर्ता बाइबल एक ऐसी बाइबल है, जिसे लोगों ने अनुवादित किया है, ताकि यह लक्षित भाषा में स्वभाविक तरीके से बातचीत कर सके। इसका उपयोग कलीसियाओं और घरों में किए जाने के लिए है। इसके विपरीत, यूएलबी और यूडीबी बाइबल हैं, जो अनुवाद ससांधन हैं। वे किसी भी भाषा में स्वाभाविक रूप से बात नहीं करती हैं, क्योंकि यूएलबी एक शाब्दिक अनुवाद है और यूडीबी मुहावरे और अंलकारों का उपयोग करने से बचाती है, जिसे एक स्वभाविक अनुवाद उपयोग करेगा। इन अनुवाद संसाधनों का उपयोग करके, एक अनुवादक एण्ड-यूजर अर्थात् अन्तिम उपयोगकर्ता बाइबल का उत्पादन कर सकता है। प्रतिभागी - एक प्रतिभागी एक वाक्य में नायकों में से एक होता है। यह वह व्यक्ति हो सकता है, जो कार्यवाही कर रहा है, या वह व्यक्ति जो कार्यवाही प्राप्त कर रहा है, या किसी तरह से भाग लेने के रूप में उल्लिखित है। एक प्रतिभागी एक वस्तु भी हो सकती है, जिसे वाक्य की कार्यवाही में भाग लेने के रूप में बताया जाता है। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित वाक्य में, प्रतिभागियों को रेखांकित किया गया है: यूहन्ना और मरियम एक पत्र को अन्द्रियास को भेजते हैं। कभी-कभी प्रतिभागियों को बिना कहे ही छोड़ दिया जाता है, परन्तु वे अभी भी कार्यवाही का भाग होते हैं। इस घटना में, प्रतिभागी निहित है। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित वाक्य में, केवल दो प्रतिभागियों ही कहे गए है: अन्द्रियास को एक पत्र प्राप्त हुआ . प्रेषक, यूहन्ना और मरियम, निहित हैं। कुछ भाषाओं में, निहित प्रतिभागियों को अवश्य बताया जाना चाहिए। Next we recommend you learn about:
अनुवाद क्या है?This page answers the question: अनुवाद क्या है? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणअनुवाद एक ऐसी प्रक्रिया है, जो भिन्न भाषाओं के बीच में की जाती है, जिसके लिए एक व्यक्ति (अनुवादक) को उस अर्थ को समझने की आवश्यकता होती है, जो एक लेखक या वक्ता स्रोत भाषा में मूल श्रोताओं के साथ व्यक्त करने, और फिर उसी अर्थ को एक अलग श्रोताओं को लक्षित भाषा में संचारित करने की मंशा रखता है । अनुवाद को इसी तरह अधिकांश समय कार्य करना चाहिए, परन्तु कभी-कभी कुछ अनुवादों में अन्य लक्ष्य होते हैं, जैसे स्रोत भाषा के रूप को पुन: प्रस्तुत करना, जैसा कि हम नीचे देखेंगे। मूल रूप से दो प्रकार के अनुवाद होते हैं: शाब्दिक और गतिशील (या अर्थ-आधारित)।
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अनुवाद के बारे में अधिक जानकारीThis page answers the question: अनुवाद के बारे में और क्या जानने की आवश्यकता है? In order to understand this topic, it would be good to read:
अनुवाद एक ऐसी प्रक्रिया है, जो भिन्न भाषाओं के बीच में की जाती है, जिसके लिए एक व्यक्ति (अनुवादक) को उस अर्थ को समझने की आवश्यकता होती है, जिसे स्रोत भाषा में एक लेखक या वक्ता मूल श्रोताओं के साथ, और तब उसी अर्थ को एक भिन्न श्रोताओं को लक्षित भाषा में व्यक्त करने के लिए संचारित करने का मंशा रखता है। लोग मूलपाठों का अनुवाद क्यों करते हैं?सामान्य रूप से अनुवादकों के पास अपने काम को करने के लिए भिन्न कारण होते हैं। उनके कारण उन दस्तावेजों पर, जिनका वे अनुवाद कर रहे होते हैं, और उस व्यक्ति की आवश्यकताओं पर निर्भर होते हैं, जिसने उन्हें अनुवाद करने के लिए कहा है। बाइबल अनुवाद के विषय में, लोग सामान्य रूप से अपना काम करते हैं, क्योंकि वे बाइबल के विचारों के द्वारा लक्षित भाषा के पाठकों को उसी तरह प्रभावित करना चाहते हैं, जैसे मूल पाठकों और बाइबल के मूलपाठों के सुनने वालों को प्रभावित किया गया था। क्योंकि बाइबल में परमेश्वर के विचार हमें यीशु मसीह के माध्यम से उसके साथ अनन्त जीवन को प्राप्त करने की अगुवाई करते हैं, अनुवादक भी चाहते हैं कि लक्षित भाषा के पाठक उसके विचारों को जानें। बाइबल अनुवादकों के रूप में हम बाइबल के विचारों को प्रस्तुत प्रतिनिधित्व करने की अपेक्षा करते हैं?ऐसे कई तरीके हैं, जिनमें हम स्रोत मूलपाठ में विचारों का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं: हम उन्हें एक सूची में डाल सकते हैं, हम लिखित पृष्ठ पर बहुत कम स्थान का उपयोग करके उन्हें सारांशित कर सकते हैं, हम उन्हें सरल बना सकते हैं (जैसा कि हम अक्सर बच्चों के लिए बाइबल की कहानी की पुस्तकों और अन्य प्रकार की बाइबल सहायता साम्रगी में करते हैं), या हम उन्हें आरेख या तालिका में भी डाल सकते हैं। तथापि, बाइबल अनुवादक सामान्य रूप से बाइबल के विचारों को यथासम्भव पूर्ण रूप से प्रस्तुत करने का प्रयास करते हैं। इसका यह भी अर्थ है कि वे मूल दस्तावेजों (भविष्यद्वाणी के लिए एक भविष्यद्वाणी, एक पत्र के लिए एक पत्र, इतिहास की पुस्तक के लिए इतिहास की एक पुस्तक, आदि) को उसी प्रकार के दस्तावेजों में अनुवाद करके उत्पादन करने का प्रयास करते हैं। साथ ही, वे स्रोत मूलपाठों में विद्यमान अनुवाद में वैसे ही तनावों को पुन: बनाने का प्रयास करते हैं। मूलपाठों में "तनाव" से हमारा क्या अर्थ है?तनाव के उदाहरण तब प्रगट होते हैं, जब एक पाठक आश्चर्य करता है कि किसी कहानी में प्रतिभागियों के साथ क्या घटित होगा, या जब कोई पाठक एक पत्री के लेखक के तर्क, प्रोत्साहन और चेतावनियों या मूलपाठ में रिपोर्ट की गई वार्तालाप का अनुसरण करता है। एक पाठक एक भजन पढ़ते समय तनाव महसूस कर सकता है, क्योंकि परमेश्वर की स्तुति विभिन्न तरीकों से भजनकार को प्रभावित करती है। पुराने नियम की भविष्यद्वाणी पुस्तक को पढ़ते समय, पाठक तनाव में वृद्धि को महसूस कर सकता है, क्योंकि भविष्यद्वक्ता लोगों के पापों की निन्दा करता है, या वह उन्हें परमेश्वर के पास जाने की चेतावनी देता है। भविष्य के लिए परमेश्वर की प्रतिज्ञा के बारे में पढ़ते समय भी तनाव महसूस किया जा सकता है, जैसा कि कोई विश्वास करता है कि कब परमेश्वर ने उन प्रतिज्ञाओं को पूरा किया, या वह उन्हें कब पूरा करेगा। अच्छे अनुवादक स्रोत दस्तावेज़ों में पाए जाने वाले तनाव के प्रकार का अध्ययन करते हैं, और वे लक्षित भाषा में उन तनावों को पुन: निर्मित करने का प्रयास करते हैं। स्रोत मूलपाठ में तनावों को पुननिर्मित करने के बारे में बात करने का एक और तरीका यह कहना है कि अनुवाद को लक्षित दर्शकों पर उस तरह के प्रभाव को डालना चाहिए जैसा कि स्रोत मूलपाठ के मूल दर्शकों के ऊपर था। उदाहरण के लिए, यदि स्रोत मूलपाठ मूल श्रोताओं के लिए एक ताड़ना है, तो लक्षित दर्शकों को भी एक ताड़ना के रूप में अनुवाद को महसूस करना चाहिए। एक अनुवादक को यह सोचने की आवश्यकता होगी कि लक्षित भाषा कैसे ताड़ना और अन्य प्रकार के संचार को व्यक्त करती है, ताकि अनुवाद का लक्षित दर्शकों के ऊपर सही तरह का प्रभाव डाले। अपने बाइबल अनुवाद का लक्ष्य कैसे बनाएँ?This page answers the question: बाइबल अनुवाद का उद्देश्य क्या होना चाहिए? In order to understand this topic, it would be good to read:
एक अनुवादक एक शिकारी की तरह होता हैएक अनुवादक एक शिकारी की तरह होता है, जो अपनी बन्दूक के निशाने को शिकार के ऊपर लगाता यदि वह उसे मारना चाहता है। उसे पता होना चाहिए कि वह किस तरह के पशु का शिकार कर रहा है, क्योंकि उदाहरण के लिए, एक शिकारी पक्षियों को उसी तरह की गोलियों से नहीं मारता है, जिसे वह हिरन को मारने के लिए उपयोग करता है। ठीक ऐसा ही तब होता है जब हम अन्य लोगों से बात करते हैं। हम छोटे बच्चों से वैसे ही शब्दों में बात नहीं करते जिन्हें हम एक वयस्क के लिए उपयोग करते हैं। न ही हम अपने मित्रों से उसी तरह बात करते हैं जैसे हम अपने देश के राष्ट्रपति या शासक से बात करते हैं। इन सभी घटनाओं में, हम भिन्न शब्दों और अभिव्यक्तियों का उपयोग करने का निर्णय लेते हैं। उदाहरण के लिए, यदि मैं एक छोटे बच्चे के साथ सुसमाचार साझा कर रहा हूँ, तो मुझे उससे नहीं कहना चाहिए, "पश्चाताप करो, और प्रभु तुम्हें अपना अनुग्रह देगा।" इसकी अपेक्षा, मुझे कुछ कहना चाहिए, "गलत कामों के लिए खेदित होना है, जिसे तुमने किए हैं और यीशु को बताओ कि तुम क्षमा को चाहते हो। फिर वह तुम्हारा स्वागत करेगा, क्योंकि वह तुमसे प्रेम करता है।” प्रत्येक भाषा में, ऐसे शब्द होते हैं, जिन्हें केवल वयस्क ही उपयोग करते हैं, ये वे शब्द होते हैं, जिन्हें बच्चों ने अभी तक नहीं सीखा है। नि:सन्देह, बच्चे अन्ततः इन शब्दों में से कई का उपयोग करना सीख जाएंगे। परन्तु यदि आप एक ही समय में इन शब्दों में से बहुत से शब्दों को कहते हैं, तो उन्हें आपको समझना बहुत कठिन लगेगा। इसके अतिरिक्त, भाषाएँ पेड़ की तरह होती हैं, जिन पर नई पत्तियाँ उगती हैं और पुरानी खत्म हो जाती हैं: नए शब्द सदैव भाषाओं में बनते रहते हैं, और कुछ शब्द सदैव प्रचलन से बाहर होते चले जाते हैं। ये शब्द मर जाते हैं और पत्तियों की तरह गिरते हैं; ये वे शब्द होते हैं, जिन्हें पुराने लोग जानते हैं, परन्तु युवा लोग कभी भी इनका उपयोग करना नहीं सीखते हैं। पुरानी पीढ़ी के खत्म हो जाने के बाद, इन पुराने शब्दों वाली भाषा अब उपयोग में नहीं रहती है। यहाँ तक कि यदि उन्हें शब्दकोष में भी लिख दिया जाए, उदाहरण के लिए, जैसा कि उन्हें होना चाहिए, जवान लोग कदाचित् उन्हें पुन: उपयोग नहीं करेंगे। इन कारणों से, बाइबल अनुवादकों को यह निर्धारित करना होगा कि वे लोग कौन हैं, जो उनके अनुवाद का लक्ष्य हैं। यहाँ उनके विकल्प दिए गए हैं: भविष्य के लिए लक्ष्यअनुवादक युवा माताओं और उनके बच्चों को लक्षित भाषा बोलने वाले के लक्ष्य के रूप में रख सकते हैं, क्योंकि ये लोग अपनी भाषा के भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। यदि अनुवादक इस तरह से काम करते हैं, तो वे पुराने शब्दों का उपयोग करने से बचेंगे जिसे जवान लोग नहीं सीख रहे हैं। इसकी अपेक्षा, वे सामान्य, प्रतिदिन के शब्दों जितना अधिक सम्भव हो उतना उपयोग करेंगे। इसके अतिरिक्त, ऐसे अनुवादक इन अन्य नियमों का पालन करेंगे:
जब अनुवादक इन नियमों का पालन करते हैं, तो हम परिणाम को एक सामान्य भाषाई संस्करण कहते हैं। यदि आप अपनी पहली बाइबल के साथ भाषा प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं, तो हम अनुशंसा करते हैं कि आप इन दिशानिर्देशों का पालन करें। अंग्रेजी में सामान्य भाषा संस्करणों में अंग्रेजी का टुडे संस्करण और कॉमन अंग्रेजी बाइबल अनुवाद सम्मिलित है। परन्तु स्मरण रखें कि आपकी लक्षित भाषा कदाचित् उन तरीकों से कई विचारों को व्यक्त करना चाहती है, जो इन अंग्रेजी संस्करणों के रूप में आपके पास उपलब्ध हैं, बहुत अधिक भिन्न हैं। स्टडी बाइबल के अनुवाद के लक्ष्यअनुवादक मसीहियों के ऊपर अपना अनुवाद लक्षित कर सकते हैं, जो बाइबल का अध्ययन ऐसे तरीके से करना चाहते हैं, जो नए मसीहियों के द्वारा पढ़े जाने वाले तरीके से अधिक गहन होता है। अनुवादक यह करने का निर्णय कर सकते हैं कि क्या लक्षित भाषा में पहले से ही एक अच्छी बाइबल उपलब्ध है, जो अविश्वासी और नए विश्वासियों से अच्छी तरह से बात करती है। यदि अनुवादक इस तरह से काम करते हैं, तो वे यह निर्धारित कर सकते हैं:
हम अनुशंसा नहीं करते हैं कि आप इस दूसरे पथ का पालन करेंगे जब तक कि लक्षित भाषा में पहले से ही बाइबल का एक अनुवाद उपलब्ध न हो जो स्पष्ट और स्वभाविक तरीके से संचार करता हो। Next we recommend you learn about:
एक अच्छे अनुवाद को परिभाषित करनाअच्छे अनुवादक के गुणThis page answers the question: एक अच्छे अनुवाद के गुण क्या क्या होते हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
चार मुख्य गुणएक अच्छे अनुवाद के चार मुख्य गुण हैं। यह होना चाहिए:
हम इन गुणों में से प्रत्येक को चार पैर वाले मेज के पैर के रूप में सोच सकते हैं। प्रत्येक आवश्यक है। यदि कोई एक नहीं है, तो मेज खड़ी नहीं होगी। इसी तरह, चर्च के लिए उपयोगी और विश्वासयोग्य होने के लिए इन गुणों में से प्रत्येक को एक अनुवाद में उपस्थित होना चाहिए। स्पष्टउच्चत्तम स्तर की समझ प्राप्त करने के लिए जो भी भाषा संरचना आवश्यक है, उसका उपयोग करें। इसमें सरलीकृत अवधारणाएँ सम्मिलित होती हैं, मूलपाठ के रूप अर्थात् ढ़ाचें को पुनर्व्यवस्थित करना, और जितना अदिक सम्भव हो उतना अधिक मूल अर्थ को संचारित करने के लिए आवश्यकतानुसार कई या कम शर्तों का उपयोग करना सम्मिलित होता है। स्पष्ट अनुवाद कैसे करें, सीखने के लिए, देखें स्पष्ट अनुवाद बनाएँ। स्वभाविकभाषा के उन रूपों का प्रयोग करें, जो प्रभावी हैं और इससे सम्बन्धित सन्दर्भों में आपकी भाषा का उपयोग करने के तरीके को प्रदर्शित किया जाता है। स्वभाविक अनुवाद कैसे करें, सीखने के लिए, देखें स्वभाविक अनुवाद बनाएँ। सटीकमूल पाठ के अर्थ से अलग होने, परिवर्तित करने, या जोड़ बिना सटीक रूप से अनुवाद करें क्योंकि मूल दर्शकों के द्वारा इसे समझा जाएगा। पाठ को अर्थ के साथ मन में अनुवाद करें और सटीक रूप से अन्तर्निहित जानकारी, अज्ञात अवधारणाओं और अंलकारों को संचारित करें। सटीक अनुवाद कैसे करें, सीखने के लिए, देखें सटीक अनुवाद बनाएँ। चर्च-स्वीकृतयदि अनुवाद स्पष्ट, स्वभाविक और सटीक है, परन्तु चर्च इसकी अनुमति नहीं देता या इसे स्वीकार नहीं करता है, तो यह चर्च की उन्नति करने के अन्तिम लक्ष्य को प्राप्त नहीं करता है। यह महत्वपूर्ण है कि चर्च अनुवाद, जाँच और वितरण में सम्मिलित हो। चर्च-स्वीकृत अनुवाद कैसे करें, सीखने के लिए, देखें चर्च-स्वीकृत अनुवाद बनाएँ। छह अन्य गुणस्पष्ट, स्वभाविक, सटीक, और चर्च-अनुमोदित होने के अतिरिक्त, सर्वोत्तम अनुवाद में ये बातें भी होनी चाहिए:
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स्पष्ट अनुवाद को तैयार करनाThis page answers the question: मैं एक स्पष्ट अनुवाद कैसे बनाऊँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
स्पष्ट अनुवादपाठकों को आसानी से पढ़ने और समझने में सहायता के लिए एक स्पष्ट अनुवाद जो भी भाषाई संरचना की आवश्यकता होती है, उसका उपयोग करेगा। इसमें पाठ को एक अलग रूप अर्थात् ढ़ाचें या व्यवस्था में सम्मिलित करना और मूल अर्थ को यथासम्भव स्पष्ट रूप से संचारित करने के लिए आवश्यकतानुसार कई या कम शर्तों का उपयोग करना सम्मिलित होता है। ये दिशानिर्देश अन्य भाषा अनुवादों के लिए हैं, गेटवे भाषा अर्थात् प्रवेशिका भाषा अनुवादों के लिए नहीं। यूएलबी अनुवाद को गेटवे भाषा में अनुवाद करते समय, आपको इन बदलावों को नहीं करना चाहिए। यूडीबी अनुवाद को गेटवे भाषा में अनुवाद करते समय इन प्रवेशिका भाषा को करना आवश्यक नहीं है, क्योंकि वे पहले से ही कर चुके हैं। स्रोत मूलपाठ से स्पष्ट अनुवाद बनाने के लिए यहाँ कुछ विचार दिए गए हैं: सर्वनामों की जाँच करेंआपको स्रोत मूलपाठ में सर्वनामों की जाँच करनी होगी और यह स्पष्ट करना होगा कि प्रत्येक सर्वनाम किसके सन्दर्भ में है या क्या है। सर्वनामों वे शब्द होते हैं, जो संज्ञा या संज्ञा वाक्यांश के स्थान पर पाए जाते हैं। वे उस वस्तु का उल्लेख करते हैं, जिसका पहले ही उल्लेख किया जा चुका है। सदैव ध्यान से जांचें कि यह स्पष्ट है कि प्रत्येक सर्वनाम किसके सन्दर्भ में है या क्या है। यदि यह स्पष्ट नहीं है, तो एक सर्वनाम की अपेक्षा किसी व्यक्ति या वस्तु का नाम रखना आवश्यक हो सकता है। प्रतिभागियों की पहचान करेंइसके बाद आपको यह समझने की आवश्यकता है कि कौन कार्यवाही कर रहा है। एक स्पष्ट अनुवादप्रतिभागियों की पहचान करेगा। प्रतिभागी एक घटना में लोग या वस्तुएँ होती हैं, जो उस घटना में भाग लेते हैं। वह कर्ता जो कार्यवाही कर रहा है और जिस वस्तु पर कार्यवाही की गई है, वह मुख्य प्रतिभागी है। एकघटनाविचार को एक क्रिया के रूप में पुन: व्यक्त करते समय, अक्सर यह कहने के लिए आवश्यक होती है कि उस घटना मेंप्रतिभागी कौन या क्या हैं। सामान्य रूप से यह सन्दर्भ से स्पष्ट होगा। स्पष्ट रूप से घटना के विचार को व्यक्त करेंकई घटनाविचार गेटवे अर्थात् प्रवेशिका भाषा में संज्ञा के रूप में हो सकती हैं। इनघटना वाले विचारों को क्रियाओं के रूप में व्यक्त करने के लिए एक स्पष्ट अनुवाद की आवश्यकता हो सकती है। अनुवाद करने की तैयारी करते समय, किसी भी घटना वाले विचारों को सन्दर्भ देखना उपयोगी होता है, विशेष रूप से जो किसी क्रिया के अतिरिक्त किसी अन्य रूप से व्यक्त किए जाते हैं। देखें कि घटना वाले विचार को व्यक्त करने के लिए आप क्रिया का उपयोग करके अर्थ को पुन: व्यक्त कर सकते हैं या नहीं। यदि, यद्यपि, आपकी भाषा घटना वाले विचारों को व्यक्त करने के लिए संज्ञाओं का भी उपयोग करती है और घटना या क्रिया संज्ञा के रूप में अधिक स्वभाविक लगता है, तो संज्ञा रूप का ही उपयोग करें। देखें भाववाचक संज्ञा आपको इसे सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येकघटना वाले विचार को एक सक्रिय खण्ड में परिवर्तित करने की आवश्यकता हो सकती है। निष्क्रिय क्रियाएँएक स्पष्ट अनुवाद को निष्क्रिय क्रियाओं से सक्रिय क्रियाओं में परिवर्तित करने की आवश्यकता हो सकती है। देखें सक्रिय या निष्क्रिय क्रिय रूप में, वाक्य का कर्ता वह व्यक्ति होता है, जो कार्यवाही करता है। निष्क्रिय रूप में, वाक्य का कर्ता वह व्यक्ति या वस्तु है, जिस पर कार्यवाही की जाती है। उदाहरण के लिए, "यूहन्ना ने बिल को मारा" एक सक्रिय वाक्य है। "बिल यूहन्ना के द्वारा मारा गया था" एक निष्क्रिय वाक्य है। कई भाषाओं मेंनिष्क्रियरूप नहीं है, केवलसक्रियरूप विद्यमान होता है। इस घटना में, निष्क्रियरूप से सक्रियरूप में एक वाक्य को परिवर्तित करना आवश्यक होगा। यद्यपि, कुछ भाषाएँ निष्क्रियरूपों का उपयोग करना पसन्द करती हैं। अनुवादकों को उन रूपों का उपयोग करना चाहिए, जो लक्षित भाषा में सबसे अधिक स्वभाविक हैं। प्रत्येक वाक्यांश के 'का' को देखेंएक स्पष्ट अनुवाद करने के लिए, आपको "का" से जुड़ी संज्ञाओं के बीच सम्बन्धों के अर्थ की पहचान करने के लिए प्रत्येक वाक्यांश के "का" को भी देखना होगा। कई भाषाओं में, "का" के निर्माण निरन्तर नहीं पाया जाता है, जितना कि बाइबल की मूल भाषाओं में पाया जाता है। प्रत्येक के अर्थ का अध्ययन करें और का "वाक्यांश" को पुन: व्यक्त करें जिससे भागों के बीच सम्बन्ध स्पष्ट हो जाए। इन वस्तुओं की जाँच करने के बाद और जितना सम्भव हो सके अपने अनुवाद को उतना अधिक स्पष्ट कर देने के पश्चात्, आपको इसे अन्य लोगों को पढ़ना होगा जो आपकी भाषा बोलते हैं, जो यह देखें कि यह उनके लिए स्पष्ट है या नहीं। यदि ऐसे भाग हैं, जिन्हें वे समझ में नहीं पाते हैं, तो ऐसा इसलिए हो सकता है, क्योंकि वह भाग स्पष्ट नहीं है। उनके साथ में, आप उस भाग को कहने के लिए एक स्पष्ट तरीका सोच सकते हैं। कई लोगों के साथ अनुवाद की जाँच को करते रहें जब तक कि यह सब स्पष्ट न हो। स्मरण रखें: अनुवाद जितना सम्भव हो उतना सटीकता के साथ, मूल सन्देश के अर्थ को लक्षित भाषा में स्पष्ट और स्वभाविक रूप से पुन: कहना होता है। स्पष्ट रूप से लिखनास्वयं से इन प्रश्नों से पूछने से आप एक अनुवाद बनाने में भी सहायता कर सकते हैं जो स्पष्ट रूप से निम्न बातों को संचारित करता है:
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स्वाभविक अनुवाद को तैयार करनाThis page answers the question: मैं स्वाभाविक अनुवाद कैसे बनाऊँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
स्वभाविक अनुवादबाइबल का अनुवाद करने का स्वभाविकअर्थ यह है कि: अनुवाद ऐसा प्रतीत हो कि जैसे यह लक्षित समूह के एक सदस्य द्वारा लिखा गया था-एक परदेशी के द्वारा नहीं। स्वभाविक अनुवाद करने के लिए यहाँ कुछ विचार दिए गए हैं: लघु वाक्यों का प्रयोग करेंस्वभाविक ध्वनि के अनुवाद के लिए, कभी-कभी लम्बे, जटिल शब्दों से छोटे, सरल वाक्य बनाना आवश्यक होता है। यूनानी भाषा में अक्सर लम्बे, व्याकरणिक जटिल वाक्य होते हैं। बाइबल के कुछ अनुवाद यूनानी संरचना का निकटता से पालन करते हैं और लम्बे वाक्यों को उनके अनुवाद में बनाए रखते हैं, तब भी जब यह स्वभाविक ध्वनि नहीं होती है या लक्षित भाषा में भ्रमित उत्पन्न करने वाला नहीं होता है। अनुवाद की तैयारी करते समय, अक्सर वाक्यों को बड़े वाक्यों को छोटे वाक्यों में तोड़ते हुए पुन: लिख जाना सहायक होता है। यह आपको अर्थ को और अधिक स्पष्ट रूप से देखने और इसे सर्वोत्तम रीति से अनुवाद करने में सहायता कर सकता है। जटिल वाक्यों से बचने के लिए, कई भाषाओं में, छोटी वाक्यों की अच्छी शैली होती है, या जब वाक्य अधिक बड़े होते हैं। इस तरह से लक्षित भाषा में अर्थ को पुन: व्यक्त करने में, कभी-कभी कई मूल वाक्यों को कई छोटे वाक्यों में तोड़ना आवश्यक होता है। क्योंकि कई भाषाएँ केवल एक या दो खण्डवाक्यों को आपस में जोड़ते हुए वाक्य का उपयोग करती हैं, इसलिए छोटे वाक्यों में स्वभाविकता के भाव को देंगे। छोटे वाक्यों से पाठकों को सर्वोत्तम रीति से समझ भी मिल जाएगी, क्योंकि अर्थ स्पष्ट होगा। नए, छोटे खण्ड वाक्यों और वाक्यों के बीच स्पष्ट सम्पर्क शब्दों को सम्मिलित करना सुनिश्चित करें। लम्बे वाक्य, अधिक जटिल वाक्यों से छोटे वाक्यों को बनाने के लिए, वाक्य में शब्दों को पहचानें, जो प्रत्यक्ष एक दूसरे से सम्बन्धित हैं, अर्थात्, जो एक खण्डवाक्य बनाने के लिए एक दूसरे से सम्बन्धित होते हैं। सामान्य रूप से, प्रत्येक क्रिया या क्रिया शब्द के दोनों ओर के शब्द होते हैं, जो क्रिया की गतिविधि को पीछे या आगे के ओर इंगित करते हैं। इस तरह के शब्दों का एक समूह जो स्वयं पर टिका हुआ हो सकता है, उसे एक स्वतंत्र खण्डवाक्य या साधारण वाक्य के रूप में लिखा जा सकता है। शब्दों के उन समूहों में से प्रत्येक को एक साथ रखें और इस तरह वाक्य को अपने अलग विचारों या भागों में विभाजित करें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे अभी भी भाव को दे रहे हैं, नए वाक्यों को पढ़ें। यदि कोई समस्या है, तो आपको लम्बे वाक्य को अलग तरीके से विभाजित करने की आवश्यकता हो सकती है। जब आप नए वाक्यों के सन्देश को समझते हैं, तो उन्हें लक्षित भाषा में अनुवाद करें, वाक्यों को स्वभाविक लम्बाई दें और उन्हें स्वभाविक तरीके से आपस में जोड़ें। तत्पश्चात् भाषा समुदाय के एक सदस्य को इसे दिखा कर अपने अनुवाद का परीक्षा करें कि यह स्वभाविक लगता है या नहीं। अपना लोग जिस तरह से बात करते हैं उसे लिखेंबाइबल के सन्दर्भ या अध्याय को पढ़ें और स्वयं से पूछें, "यह किस प्रकार का सन्देश है?" फिर उस सन्दर्भ या अध्याय का अनुवाद इस तरीके से करें कि आपकी भाषा उस तरह के सन्देश को संचारित करे। उदाहरण के लिए, यदि सन्दर्भ एक वचन है, जैसे कि भजन संहिता में, तो इसे इस रूप अर्थात् ढ़ाचें में अनुवाद करें कि आपके लोग इसे वचन के ही रूप में पहचान जाएँ। या यदि सन्दर्भ जीवन व्यतीत करने के सही तरीके के बारे में एक उपदेश है, जैसे नए नियम के पत्रों में पाया जाता है, तो इसे इस रूप में अनुवाद करें कि आपकी भाषा में लोग एक-दूसरे को प्रोत्साहित कर सकें। या यदि सन्दर्भ किसी के बारे में एक कहानी है, तो इसे एक कहानी के रूप में अनुवाद करें (जो वास्तव में घटित हुई थी)। बाइबल में इस तरह की कई कहानियाँ हैं, और इन कहानियों के अंश के रूप में लोग एक-दूसरे से बातें कहते हैं, जिनके पास इनके लिए अपने स्वयं के रूप भी होते है। उदाहरण के लिए, लोग खतरे, चेतावनियाँ देते हैं, और प्रशंसा करते हैं या एक दूसरे को ताड़ना देते हैं। अपना अनुवाद स्वभाविक बनाने के लिए, आपको इन सभी बातों का अनुवाद इस तरीके से करना चाहिए कि जैसे आपकी भाषा में लोग खतरे, चेतावनियाँ देते हैं, प्रशंसा करते हैं या एक-दूसरे को ताड़ना देते हैं। इन भिन्न बातों को लिखने के बारे में जानने के लिए, आपको वह सुनना पड़ेगा कि लोग आपके आस-पास क्या कहते हैं, और विभिन्न बातों को लिखने का कैसे अभ्यास करते हैं, जिसे लोग कहते और करते हैं, ताकि आप उस रूप और शब्दों से परिचित हो जाएँ जो लोग इन्हें विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपयोग करते हैं। एक अच्छा अनुवाद उसी शब्दावली और अभिव्यक्तियों का उपयोग करेगा जिसे लक्षित समूह के लोग सामान्य रूप से उपयोग करते हैं। उनके लिए इसे पढ़ना या सुनना आसान होना चाहिए। कोई अनुपयुक्त या अनजाना वाक्यांश नहीं होना चाहिए। अनुवाद को एक घनिष्ठ मित्र के द्वारा एक पत्र के रूप में आसानी से पढ़ जाना चाहिए। गेटवे भाषाओं में अनुवाद के लिए नहींयह खण्ड यूएलबी और यूडीबी अनुवादों अनुवाद वाली गेटवे भाषा के अनुवादों के लिए नहीं है। ये वे बाइबल हैं, जिन्हें विशेष गुणों के साथ तैयार किया गया है, जो उन्हें लक्षित भाषा में स्वभाविक होने से रोकती हैं। वे बाइबल अनुवाद संसाधन हैं, अंग्रेजी की एण्ड-यूजर बाइबल नहीं है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए, गेटवे भाषा निर्देशिका पुस्तक में "यूएलबी अनुवाद करना" और "यूडीबी अनुवाद करना" को देखें। Next we recommend you learn about:
सटीक अनुवाद को तैयार करनाThis page answers the question: मैं एक सटीक अनुवाद कैसे बनाऊँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
सटीक अनुवादबाइबल का सटीकअनुवाद बनाने का अर्थ है कि अनुवाद स्रोत के जैसे ही सन्देश को संचारित करता है। अनुसरण करने के लिए यहाँ कुछ चरण दिए गए हैं:
अर्थ का पता लगाएँNext we recommend you learn about:
कलीसिया द्वारा प्रमाणित अनुवाद को तैयार करनाThis page answers the question: मैं कलीसिया द्वारा प्रमाणित अनुवाद कैसे तैयार करूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
चर्च-स्वीकृत अनुवादएक अच्छे अनुवाद के पहले तीन गुण स्पष्ट हैं (देखें स्पष्ट अनुवाद बनाएँ), स्वभाविक (देखें [स्वभाविक अनुवाद बनाएँ]), औरसटीक (देखें [सटीक अनुवाद बनाएँ])। ये तीनों ही प्रत्यक्ष रूप से उन शब्दों और वाक्यांशों को प्रभावित करते हैं जिनका अनुवाद में उपयोग किया जाता है। यदि कोई अनुवाद इन तीनों में किसी एक के उपयोग से नहीं की गई है, तो उपयोग किए गए शब्दों को परिवर्तित या पुन: व्यवस्थित करने से अक्सर समस्या ठीक हो सकती है। चौथा गुण, चर्च-अनुमोदित, अनुवाद का सरोकार उपयोग किए गए शब्दों के साथ और अधिक उपयोग करने वाली प्रक्रियाओं के साथ कम से कम होता है। अनुवाद का लक्ष्यबाइबल की सामग्री के अनुवाद का लक्ष्य न केवल उच्च गुणवत्ता वाले अनुवाद का उत्पादन करना है, अपितु चर्च द्वारा उपयोग और प्रेम किए जाने वाले उच्च गुणवत्ता वाले अनुवाद का उत्पादन करना है। उच्च गुणवत्ता वाला अनुवाद स्पष्ट, स्वभाविक और सटीक होना चाहिए। परन्तु चर्च के द्वारा उपयोग और प्रेम किए जाने वाले अनुवाद के लिए, यह चर्च-अनुमोदित भी होना चाहिए। चर्च-स्वीकृत अनुवाद कैसे बनाएँएक चर्च द्वारा अनुमोदित अनुवाद बनाना अनुवाद, जाँच और वितरण की प्रक्रिया के बारे में है। इन प्रक्रियाओं में जितना अधिक चर्च नेटवर्क सम्मिलित होगा, उतना ही अधिक वे अनुवाद को स्वीकृति देंगे। एक अनुवाद परियोजना को आरम्भ करने से पहले, जितना अधिक सम्भव हो उतने अधिक चर्च नेटवर्कों से सम्पर्क किया जाना चाहिए और अनुवाद का भाग बनने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और यहाँ तक कि अपने कुछ लोगों को अनुवाद समूह का भाग बनने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उनसे परामर्श लेना चाहिए और अनुवाद परियोजना, इसके लक्ष्यों और इसकी प्रक्रिया में उनके सहयोग के लिए कहा जाना चाहिए। यह आवश्यक नहीं है कि चर्च सक्रिय रूप से अनुवाद का नेतृत्व करे और सभी प्रयासों का समन्वय करे, परन्तु यह आवश्यक है कि जो कोई भी अनुवाद का नेतृत्व कर रहा है, उसे चर्च नेटवर्कों के द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए, इससे पहले कि वे आरम्भ करें। चर्च स्वीकृति और जाँच के स्तरअनुवाद की चर्च-स्वीकृति की आवश्यकता जाँच स्तरों में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। वास्तव में, जाँच स्तर काफी सीमा तक इस बात का एक माप है कि चर्च व्यापक रूप से अनुवाद को कैसे स्वीकृति देता है।
प्रत्येक स्तर पर, अनुवाद करने वाले लोगों को चर्च नेटवर्क से भागीदारी और सहयोग को प्रोत्साहित करना चाहिए। इस प्रक्रिया का उपयोग करके, हम अपेक्षा करते हैं कि जितना सम्भव हो उतना अधिक चर्च नेटवर्क के बीच अनुवाद के लिए चर्च स्वामित्व को प्रोत्साहित करना। इस अनुमोदन के साथ, चर्च को दृढ़ और प्रोत्साहित करने के लिए अनुवाद से कुछ भी बाधा नहीं आनी चाहिए। Next we recommend you learn about:
विश्वासयोग्य अनुवाद को तैयार करनाThis page answers the question: विश्वासयोग्य अनुवाद क्या हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
विश्वासयोग्य अनुवादबाइबल के लिए विश्वासयोग्य अनुवाद करने के लिए, आपको अपने अनुवाद में किसी राजनीतिक, साम्प्रदायिक, वैचारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, या धार्मिक पूर्वाग्रह से बचना चाहिए। उन मूल शब्दों का प्रयोग करें जो बाइबल की मूल भाषाओं की शब्दावली के प्रति विश्वासयोग्य हैं। बाइबल के शब्दों के लिए समतुल्य सामान्य भाषा के शब्दों का प्रयोग करें जो परमेश्वर पिता और परमेश्वर पुत्र के बीच सम्बन्धों का वर्णन करते हैं। इन्हें फुटनोट अर्थात् पाद टिप्पणियों या अन्य पूरक संसाधनों में आवश्यकतानुसार स्पष्ट किया जा सकता है। बाइबल अनुवादक के रूप में आपका लक्ष्य उसी सन्देश को संचारित करना है, जिसकी मंशा बाइबल के मूल लेखक ने संचारित करने की थी। इसका अर्थ है कि आपको अपने सन्देश, या सन्देश जो आपको लगता है कि बाइबल को क्या कहना चाहिए, या आपकी चर्च सोचती है कि बाइबल को क्या कहना चाहिए, संचारित करने की प्रयास नहीं करना चाहिए। किसी भी बाइबल सन्दर्भ के लिए, आपको वही संचारित करना चाहिए, और केवल वही कहना चाहिए, जो यह कहता है। आपको बाइबल में अपनी कोई भी व्याख्या या सन्देश डालने या उस सन्देश में कोई अर्थ जोड़ने के परीक्षा का विरोध करना चाहिए जो बाइबल सन्दर्भ में नहीं है। (बाइबल सन्दर्भ के सन्देश में अन्तर्निहित जानकारी सम्मिलित होती है। देखें कल्पित ज्ञान और अस्पष्ट जानकारी) Next we recommend you learn about:
परमेश्वर का पुत्र एवं पिता परमेश्वरThis page answers the question: पुत्र परमेश्वर और पिता परमेश्वर कौन हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
परमेश्वर एक है, और वह पवित्र त्रिएकत्व या त्रित्व अर्थात पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के रूप में विद्यमान हैबाइबल शिक्षा देती है कि केवल एक ही परमेश्वर है।पुराने नियम में:
नए नियम में:
(इसे भी देखें: व्यवस्थाविवरण 4:35, इफिसियों 4:5-6, 1 तीमुथियुस 2:5, याकूब 2:19) पुराना नियम परमेश्वर के तीन व्यक्तित्वों को प्रकट करना आरम्भ कर देता है।
परमेश्वर ने हम से पुत्र के द्वारा बात की है ... जिसके माध्यम से उसने ब्रह्माण्ड भी बनाया है। उसका पुत्र उसकी महिमा का प्रकाश, उसके चरित्र का सार है... जो पुत्र के बारे में ऐसे कहता है कि, ... "आरम्भ में, परमेश्वर, आपने पृथ्वी की नींव रखी है, आकाश उसके हाथों का काम है।" (इब्रानियों 1:2-3, और 8-10 यूएलबी भजन संहिता को उद्धृत कर रही है 102:25) चर्च ने यह सदैव यह बताना आवश्यक समझा है कि नया नियम परमेश्वर के बारे में क्या कहता है कि वह तीन विशेष व्यक्तियों में विद्यमान है:पिता, पुत्र, और पवित्र आत्मा।
परमेश्वर ने अपना पुत्र को भेजा, जो एक स्त्री से जन्मा, ... परमेश्वर ने अपने पुत्र के आत्मा को भेजा है, जो, "अब्बा, पिता कहते हैं।" (गलातियों 4:4-6 यूएलबी) इसे भी देखें: यूहन्ना 14:16-17, 1 पतरस 1:2 परमेश्वर का प्रत्येक व्यक्ति पूरी तरह से परमेश्वर है और बाइबल में "परमेश्वर" कहा जाता है।
थोमा ने उत्तर दिया और कहा, "हे मेरे प्रभु और हे मेरे परमेश्वर ." यीशु ने उससे कहा, "क्योंकि तुने मुझे देखा है, तुने विश्वास किया है। धन्य हैं, वे जिन्होंने नहीं देखा है, और तौभी विश्वास किया है।” (यूहन्ना 20:28-29 यूएलबी) परन्तु पतरस ने कहा, "हनन्याह, शैतान ने तेरे मन में <पवित्र आत्मा से झूठ बोलने और भूमि के मूल्य के एक भाग को अपने पास वापस के लिए क्यों उभारा? ... तुने मनुष्यों से नहीं, परन्तु परमेश्वर से झूठ बोला है।” (प्रेरितों 5:3-4 यूएलबी) प्रत्येक व्यक्ति अन्य दोनों व्यक्तियों से भिन्न है। सभी तीनों व्यक्ति एक ही समय में भिन्न दिखाई दे सकते हैं। नीचे दिए वचनों में, परमेश्वर पुत्र का बपतिस्मा होता हैं, जबकि परमेश्वर आत्मा नीचे आता है और परमेश्वर पिता स्वर्ग से बोलते हैं।
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पुत्र और पिता का अनुवाद करनाThis page answers the question: ये सारे तथ्य परमेश्वर का उल्लेख करने में महत्वपूर्ण क्यों हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
Door43 उन बाइबल अनुवादों का समर्थन करता है, जो इन अवधारणाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं, जब वे परमेश्वर का उल्लेख करती हैं। बाइबल की गवाही"पिता" और "पुत्र" वे नाम हैं जिनका उपयोग परमेश्वर स्वयं के लिए बाइबल में करता है। बाइबल बताती है कि परमेश्वर ने यीशु को अपना पुत्र कहा:
बाइबल बताती है कि यीशु ने परमेश्वर को अपने पिता कह कर पुकारा था:
मसीहियों ने पाया है कि "पिता" और "पुत्र" ऐसे विचार हैं, जो अनिवार्य रूप से एक दूसरे के लिए त्रिएकत्व के पहले और दूसरे व्यक्तियों के शाश्वत सम्बन्धों का वर्णन करते हैं। बाइबल वास्तव में उन्हें विभिन्न तरीकों से सन्दर्भित करती है, परन्तु कोई अन्य शब्दावली इन व्यक्तियों के बीच अनन्त प्रेम और घनिष्ठता, न ही उनके बीच परस्पर निर्भरता के शाश्वत सम्बन्ध को प्रदर्शित करता है। यीशु ने निम्नलिखित शब्दों में परमेश्वर को सन्दर्भित किया:
पिता और पुत्र के बीच घनिष्ठ, प्रेमपूर्ण सम्बन्ध शाश्वत ठीक वैसा है जैसा कि वे शाश्वत हैं।
"पिता" और "पुत्र" शब्द भी संचारित करते हैं कि पिता और पुत्र का सार एक ही हैं; वे दोनों शाश्वत परमेश्वर हैं।
मानवीय सम्बन्ध मानवीय पिता और पुत्र सिद्ध नहीं हैं, परन्तु बाइबल तौभी उन शब्दों का उपयोग करती है, जिसे पिता और पुत्र के लिए किया जाता हैं, जो सिद्ध हैं। आज की तरह ही, बाइबल के समयों में भी मानवीय पिता-पुत्र सम्बन्ध उतने अधिक प्रेममयी और सिद्ध नहीं जैसे कि यीशु और उसके पिता के बीच में थे। परन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि अनुवादक को पिता और पुत्र की अवधारणाओं से बचना चाहिए। पवित्रशास्त्र इन शब्दों का उपयोग परमेश्वर, सिद्ध पिता और पुत्र के साथ-साथ पाप से भरे हुए मानवीय पिता और पुत्रों के सन्दर्भ में करता है। पिता और पुत्र के रूप में परमेश्वर का वर्णन करते हुए, अपनी भाषा में शब्दों का चयन करें जिनका व्यापक रूप से मानवीय "पिता" और "पुत्र" के सन्दर्भ में उपयोग किया जाता है। इस तरह आप संचारित करेंगे कि परमेश्वर पिता और परमेश्वर पुत्र अनिवार्य रूप से एक ही हैं (वे दोनों परमेश्वर हैं), जैसे मानवीय पिता और पुत्र अनिवार्य रूप से एक ही हैं, दोनों मनुष्य हैं और समान विशेषताओं को साझा करते हैं। अनुवाद की रणनीतियाँ
(देखें परमेश्वर पिता और परमेश्वर पुत्र पृष्ठों में unfoldingWord® शब्दों का अनुवाद य "पिता" और "पुत्र" का अनुवाद करने में सहायता के लिए।) आधिकारिक अनुवाद को तैयार करनाThis page answers the question: आधिकारिक अनुवाद क्या होते हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
एक आधिकारिक बाइबल अनुवाद वह है, जो कि बाइबल की सामग्री के अर्थ के प्रति सर्वोच्च अधिकारी के रूप में मूल भाषाओं में बाइबल आधारित मूलपाठों पर आधारित है। जब भी बाइबल के दो या दो से अधिक अनुवाद बाइबल सन्दर्भ के अर्थ से असहमत होते हैं, तो यह मूल भाषा है जिसके पास अर्थ को निर्धारित करने का अन्तिम अधिकार होता है। कभी-कभी लोग कुछ लोग कुछ निश्चित बाइबल अनुवादों के प्रति बहुत अधिक विश्वासयोग्य होते हैं, जिनके वे पढ़ने में अभ्यस्त होते हैं, और दूसरे लोगों के साथ तर्क वितर्क कर सकते हैं, जो एक अलग बाइबल अनुवाद के प्रति विश्वासयोग्य हैं। परन्तु उन बाइबल अनुवादों में से कोई भी उच्चतम अधिकार पाया हुआ नहीं है, क्योंकि वे केवल मूल के अनुवाद मात्र हैं। सभी अनुवाद मूल भाषाओं के अधिकार की तुलना में द्वितीय स्तर के होते हैं। यही कारण है कि बाइबल का अनुवाद कैसे करें, यह निर्धारित करते समय हमें सदैव बाइबल की मूल भाषाओं का वर्णन करना चाहिए। क्योंकि सभी अनुवाद सूमहों में कोई एक सदस्य नहीं होता है, जो बाइबल की मूल भाषाएँ पढ़ सकता है, बाइबल का अनुवाद करते समय बाइबल की भाषाओं को सन्दर्भित करना सदैव सम्भव नहीं होता है। इसकी अपेक्षा, अनुवाद समूह को अनुवादों पर भरोसा करना पड़ता है, जिसे वे उपलब्ध पाठ को पढ़ने में सक्षम होते हैं, बदले में, वे बाइबल की भाषाओं पर आधारित होते हैं। गेटवे भाषाओं अर्थात् प्रवेशिका भाषा में कई अनुवादों को बाइबल की भाषाओं से किया गया था, जिनमें यूएलबी अनुवाद भी सम्मिलित है, परन्तु कुछ अनुवाद तो अनुवाद के अनुवाद हैं। जब अनुवाद को मूल से दो या तीन चरणों तक दूर कर जाता है तो त्रुटियों को प्रस्तुत करना आसान होता है। इस समस्या के समाधान में सहायता के लिए, अनुवाद समूह तीन बातें कर सकता है: Next we recommend you learn about:
ऐतिहासिक अनुवाद को तैयार करनाThis page answers the question: ऐतिहासिक अनुवाद क्या हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
(http://ufw.io/trans_culture पर दिए गए वीडियो "पवित्रशास्त्र की – संस्कृति का अनुवाद करना" देखें।) एकऐतिहासिक परिभाषाअनुवाद ऐतिहासिक घटनाओं और तथ्यों को सटीकता के साथ संचारित करती है। मूल सामग्री के मूल प्राप्तकर्ताओं के समतुल्य सन्दर्भ और संस्कृति को साझा नहीं करने वाले लोगों को इच्छित सन्देश को सटीक रूप से संचारित करने के लिए आवश्यकतानुसार अतिरिक्त जानकारी प्रदान करना। ऐतिहासिक सटीकता के साथ अच्छी तरह से संचारित करने के लिए, आपको दो बातों को स्मरण रखने की आवश्यकता है:
ऐसा इसलिए है, क्योंकि लेखक और पाठक दोनों उन प्रथाओं से परिचित थे, जिन्हें लेखक ने लिखा था, और इसलिए लेखक को उन्हें समझाने की आवश्यकता नहीं थी। हम, अन्य समयों और संस्कृतियों से, इन बातों से परिचित नहीं हैं, और इसलिए हम से किसी को उनकी व्याख्या करने की आवश्यकता है। इस तरह की जानकारी को "अस्पष्ट (या अन्तर्निहित) जानकारी कहा जाता है।" (देखें कल्पित ज्ञान और अस्पष्ट जानकारी") अनुवादकों के रूप में, हमें ऐतिहासिक विवरणों का सटीक रूप से अनुवाद करने की आवश्यकता होती है, परन्तु कुछ स्पष्टीकरण भी प्रदान करन होते हैं, जब हमें लगता है कि हमारे पाठकों को इसकी आवश्यकता होगी ताकि वे समझ सकें कि अनुवाद क्या है। Next we recommend you learn about:
समान अनुवाद को तैयार करनाThis page answers the question: समान अनुवाद क्या होता है? In order to understand this topic, it would be good to read:
एकसमतुल्यअनुवाद लक्षित भाषा में समान तरीके से लेकर स्रोत भाषा से किसी भी अभिव्यक्तिपूर्ण अर्थ को संचारित करता है। विशेष रूप से स्रोत मूलपाठ में रूपों अर्थात् ढ़ाचें पर ध्यान दें, जो निश्चित प्रकार की भावनाओं को संचारित करते हैं और लक्षित भावनाओं में रूपों का चयन करते हैं, जो एक जैसी भावनाओं को संचारित करते हैं। इनमें से कुछ रूपों या ढ़ाचों के उदाहरणों यहाँ दिए गए हैं। मुहावरेपरिभाषा - एक मुहावरा शब्दों का एक ऐसा समूह होता है, जिसका अर्थ उससे भिन्न होता है, जिसे एक व्यक्ति के द्वारा कहे हुए शब्दों के अर्थों से समझ गया होता है। मुहावरे, नीतिवचन, और शब्द प्रारूप या अंलकारों का अर्थ निर्धारित करें और उन्हें अपनी भाषा में अभिव्यक्तियों के साथ अनुवाद करें जिसका अर्थ एक जैसा है। विवरण - सामान्य रूप से मुहावरे का अनुवाद शाब्दिक रूप से किसी अन्य भाषा में नहीं किया जा सकता है। मुहावरे का अर्थ इस तरह से व्यक्त किया जाना चाहिए कि दूसरी भाषा में स्वभाविक हो। प्रेरितों 18:6 के एक जैसे अर्थों के साथ तीन अनुवाद यहाँ दिए गए हैं:
कुछ शब्द "खून" या "खोए" के साथ मुहावरे का उपयोग कर रहे हैं, जबकि तीसरा शब्द "दण्ड" का उपयोग अधिक प्रत्यक्ष रूप में किया गया है। आपके अनुवाद को समतुल्य होने के लिए, यह भावनात्मक तरीके से एक आरोप को भी व्यक्त करना चाहिए, और इसके लिए एक मुहावरे का उपयोग तब तक कर सकते हैं, जब तक कि आरोप और मुहावरे दोनों रूप लक्षित भाषा और संस्कृति के लिए उपयुक्त हों। अलंकारपरिभाषा - एक शब्द प्रारूप या अंलकार ध्यान देने या जो कहा जाता है, उसके बारे में भाव को व्यक्त करने के लिए कुछ कहने का एक विशेष तरीका होता है। विवरण - अपने पूर्ण रूप से अंलकार का अर्थ एक व्यक्ति के शब्दों के सामान्य अर्थ से भिन्न होता है। यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं:
सभा में कई लोग थे। प्रत्येक भाषा विभिन्न अंलकारों का उपयोग करती है। सुनिश्चित करें कि आप इसे कर सकते हैं:
यह पूरे अंलकार का वास्तविक अर्थ है, न कि व्यक्तिगत शब्दों का अर्थ, जिसे आपकी भाषा में अनुवादित किया जाना चाहिए। एक बार जब आप वास्तविक अर्थ को समझ लेते हैं, तो आप उस लक्षित भाषा में एक अभिव्यक्ति चुन सकते हैं, जो समान अर्थ और भावना को संचारित करता है। (अधिक जानकारी के लिए, अंलकार जानकारी को देखें।) भाषणगत प्रश्नपरिभाषा - भाषणगत या आलंकारिक प्रश्न एक और तरीका है, जिसमें वक्ता पाठक का ध्यान आकर्षित करता है। विवरण - भाषणगत प्रश्न एक प्रकार का प्रश्न है, जो किसी उत्तर की अपेक्षा नहीं करता है या जानकारी नहीं मांगता है। वे सामान्य रूप से किसी प्रकार की भावना व्यक्त करते हैं और उन्हें एक ताड़ना, चेतावनी, आश्चर्य व्यक्त करने, या कुछ और के रूप में लक्षित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, मत्ती 3:7 देखें "तुम जहरीले सांपों की सन्तान हो, जिन्होंने स्वयं को आने वाले क्रोध से भागने की चेतावनी दी है?" यहाँ कोई उत्तर अपेक्षित नहीं है। वक्ता जानकारी नहीं मांग रहा है; वह अपने सुनने वालों को ताड़ना दे रहा है। परमेश्वर के क्रोध के लिए इन लोगों को चेतावनी देना अच्छा नहीं है, क्योंकि वे इससे बचने का एकमात्र तरीका: अपने पापों से पश्चाताप करने के लिए मना करते हैं। यदि आपकी भाषा इस तरह से भाषणगत प्रश्नों का उपयोग नहीं करती है, तो जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको इस भाषणगत प्रश्न को एक कथन के रूप में पुन: स्थापित करने की आवश्यकता हो सकती है। परन्तु स्मरण रखें, एक ही उद्देश्य और अर्थ को रखना सुनिश्चित करें, और मूल भाषणगत प्रश्नों की जैसी भावनाओं को संचारित करें। यदि आपकी भाषा एक अलग तरह के अंलकार के साथ एक भाषणगत प्रश्न के उद्देश्य, अर्थ, और भावना को संचारित करती है, तो उसी अलंकार का उपयोग करें। (देखें भाषणगत प्रश्न) विस्मयादिबोधकपरिभाषा - भाषाएँ भावनाओं को संचारित करने के लिए विस्मयादिबोधक का उपयोग करती हैं। कभी-कभी विस्मयादिबोधक शब्द या शब्दों में भावनाओं की अभिव्यक्ति के अतिरिक्त अन्य अर्थ नहीं होते हैं, जैसे अंग्रेजी में शब्द "आह" या "वाह" का होना। देखें, उदाहरण के लिए, 1 शमूएल 4:8: हमारे ऊपर हाय! इन सामर्थी देवताओं की सामर्थ्य से हमें कौन बचाएगा? (यूएलबी अनुवाद) यहाँ "हाय" के रूप में अनुवादित इब्रानी शब्द कुछ बुरा होने के बारे में दृढ़ भाव को व्यक्त करता है। यदि सम्भव हो, तो अपनी भाषा में विस्मयादिबोधक की खोज करने का प्रयास करें जो इस जैसे ही भाव को संचारित करता है। काव्यपरिभाषा - काव्य के प्रयोजनों में से एक किसी वस्तु के बारे में भाव को व्यक्त करना होता है। विवरण - काव्य इस कार्य को भिन्न तरीकों से करती है, जो कि भिन्न भाषाओं में भिन्न हो सकती हैं। इन तरीकों में अब तक चर्चा की गई सभी बातें सम्मिलित हो सकती हैं, जैसे अंलकार और विस्मयादिबोधक इत्यादि। काव्य साधारण कथन की तुलना में भिन्न तरह की व्याकरण का भी उपयोग कर सकती है, या भावनाओं को व्यक्त करने के लिए समान ध्वनियों या कुछ ताल के साथ शब्दों की भूमिकाओं या शब्दों का उपयोग कर सकती है। देखें, उदाहरण के लिए, भजन 36:5: तेरी वाचा विश्वासयोग्य है, हे यहोवा, जो आकाश में (पहुँचती है) है; तेरी विश्वासयोग्यता आकाश में (पहुँचती है)। (यूएलबी अनुवाद) काव्य के यह वचन दो पंक्तियों में एक जैसे विचार को दोहराते हैं, जो अच्छी इब्रानी की काव्य शैली है। इसके अतिरिक्त, मूल इब्रानी में कोई क्रिया नहीं होती है, जिसमें साधारण कथन की तुलना में व्याकरण का एक अलग तरह से उपयोग होता है। आपकी भाषा में काव्य में भिन्न बातें हो सकती हैं, जो इसे काव्य के रूप में चिह्नित करती हैं। जब आप काव्य का अनुवाद कर रहे होते हैं, तो अपनी भाषा के रूपों का उपयोग करने का प्रयास करें जो पाठक को संचारित करती हैं कि यह काव्य साहित्य है, और यह उसी भावनाओं को संचारित करता है, जिसमें स्रोत काव्य संचारित करने की प्रयास कर रही है। स्मरण रखें: मूल पाठ की भावनाओं और दृष्टिकोणों को संचारित करें। उन्हें उन रूपों में अनुवाद करें जो आपकी भाषा में उसी तरीके को संचारित करते हैं। इस बात पर विचार करें कि इसका अर्थ कैसे सटीक, स्पष्ट, एक जैसा, और लक्षित भाषा मेंस्वाभाविक रूप से व्यक्त हो सकता है। Next we recommend you learn about:
सहयोगी अनुवाद को तैयार करनाThis page answers the question: सहयोगी अनुवाद क्या होते हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
बाइबल अनुवाद जो सहयोगी होते हैं, वे होते हैं, जिनका अनुवाद उसी भाषा के वक्ताओं के समूह द्वारा किया गया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपका अनुवाद उच्च गुणवत्ता का है, अन्य विश्वासियों के साथ मिलकर काम करें, जो अनुवादित सामग्री का अनुवाद, जाँच और वितरण करने के लिए आपकी भाषा बोलते हैं। दूसरों के लिए अनुवाद की गुणवत्ता में सुधार करने में सहायता करने के कुछ तरीके यहाँ दिए गए हैं।
स्मरण रखें, यदि सम्भव हो, तो उन अन्य विश्वासियों के साथ मिलकर काम करें जो अनुवादित सामग्री का अनुवाद, जाँच और वितरण करने के लिए अपनी भाषा बोलते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि यह उच्च गुणवत्ता का है और जितना सम्भव हो उतना अधिक लोग इसे पढ़ें और समझ सकें। (आप http://ufw.io/guidelines_collab पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे।) Next we recommend you learn about:
निरंतरता के अनुवाद को तैयार करनाThis page answers the question: निरंतरता के अनुवाद क्या होते हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
बाइबल अनुवाद चलता हुआ होना चाहिए. यह देखने के लिए कि क्या वे सन्देश के अर्थ को समझते हैं, दूसरों के साथ अनुवाद को साझा करें। उनके सहयोग के द्वारा अपने अनुवाद में सुधार करें। समझ और सटीकता बढ़ाने के लिए अनुवाद को संशोधित करना सदैव एक अच्छा विचार है। जब भी किसी के पास अनुवाद को सर्वोत्तम रीति से बनाने के लिए कोई अच्छा विचार हो, तो आपको उस परिवर्तन को सम्मिलित करने के लिए अनुवाद को संपादित करना चाहिए। जब आप अनुवाद स्टूडियो या अन्य इलेक्ट्रॉनिक मूलपाठ संपादकों का उपयोग करते हैं, तो आप संशोधन और सुधार को करते रहने की प्रक्रिया को बनाए रख सकते हैं।
स्मरण रखें, लोगों को अनुवाद की समीक्षा करने और इसे सर्वोत्तम रीति से बनाने के लिए आपको विचार देने के लिए प्रोत्साहित करें। इन विचारों के बारे में अन्य लोगों से बात करें। जब कई लोग मानते हैं कि ये अच्छे विचार हैं, तो अनुवाद में इन परिवर्तनों को ले आएँ। इस तरह से, अनुवाद उत्तम और सर्वोत्तम होता चला जाएगा। (आप http://ufw.io/guidelines_ongoing पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे।) Next we recommend you learn about:
अर्थ आधारित अनुवादअनुवाद प्रक्रियाThis page answers the question: अनुवाद करने के लिए मैं कौनसी दो चीजें करूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
अनुवाद कैसे करेंअनुवाद में दो बातें करनी होती हैं:
अनुवाद के लिए निर्देश कभी-कभी इन दोनों बातों को छोटे चरणों में विभाजित करती हैं। नीचे चित्र दिखाते हैं कि ये दोनों अनुवाद प्रक्रिया में कैसे उपयुक्त रूप से आते हैं। ! Next we recommend you learn about:
लेख के अर्थ की खोजThis page answers the question: एक लेख के अर्थ को मैं कैसे खोजूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
अर्थ का पता कैसे लगाएँमूलपाठ के अर्थ को खोजने में हमारी सहायता करने के लिए हम कई भिन्न बातें कर सकते हैं, अर्थात यह सुनिश्चित करने के लिए कि हम समझ सकते हैं कि मूलपाठ क्या कहने का प्रयास कर रहा है। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं:
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अर्थ को पुन: बतानाThis page answers the question: मैं अर्थ को दुबारा कैसे बताऊँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
अर्थ को पुन: कैसे बताएँव्यस्थित चरणों की एक सूची निम्नलिखित दी गई है। इन चरणों का उद्देश्य अनुवादक को स्वभाविक, समझने योग्य और सटीक अनुवाद का उत्पादन करने में सहायता करना है। अनुवादक की सबसे सामान्य गलातियों में से एक एक सुसंगत मूलपाठ विकसित करने के लिए लक्षित भाषा में स्वभाविक रूपों का उपयोग करने में विफल रहना है। इन चरणों का पालन करके, अनुवादक एक अधिक स्वभाविक और अधिक समझने योग्य अनुवाद का उत्पादन करेगा।
आभार: अनुमति के द्वारा उपयोग किया गया है, © 2013, एसआईएल इंटरनेशनल, हमारी मूल संस्कृति को साझा करना, पृष्ठ 59. Next we recommend you learn about:
प्रारूप एवं अर्थThis page answers the question: रूप क्या है ओर उसका अर्थ क्या है? In order to understand this topic, it would be good to read:
रूप अर्थात् ढ़ांचे और अर्थ परिभाषित करनामूलपाठ का अनुवाद करने में उपयोग किए जाने वाले दो प्रमुख शब्द "रूप" और "अर्थ" हैं। इन शब्दों का प्रयोग बाइबल अनुवाद में विशेष तरीकों से किया जाता है। उनकी निम्नलिखित परिभाषाएँ हैं:
एक उदाहरणआइए सामान्य जीवन से एक उदाहरण के ऊपर विचार करें। मान लीजिए कि एक मित्र ने आपको नीचे लिखा हुआ नोट भेजा है:
अर्थआपको लगता है कि मित्र ने यह नोट क्यों भेजा? बस आपको अपने सप्ताह के बारे में बताने के लिए? कदाचित् नहीं। उसकी असली मंशा आपको कुछ और बताने की संभावना थी:
उसने एक सांस्कृतिक रूप से स्वीकार्य तरीके से लिखा जिसमें उसने पैसे की अपनी आवश्यकता को प्रस्तुत किया है, परन्तु आपको उत्तर देने के लिए बाध्य नहीं किया। उसने वर्णन किया है कि उनके पास पैसा क्यों नहीं था (उसकी बीमार माँ), कि उसकी आवश्यकता केवल अस्थायी थी (जब तक उसे भुगतान नहीं किया जाता), और उसकी स्थिति हताशापूर्ण थी (भोजन नहीं था)। अन्य संस्कृतियों में, अनुरोध का एक और प्रत्यक्ष रूप इस अर्थ को संचारित करने के लिए अधिक उपयुक्त हो सकता है। रूपइस उदाहरण में, रूप नोट का पूरा मूलपाठ है। अर्थ यह है कि "मैं चाहता हूँ कि आप मुझे पैसे दें!" हम इन शब्दों का एक समान तरीके से उपयोग करते हैं। रूप उन वचनों के पूरे मूलपाठ को सन्दर्भित करेगा जिन्हें हम अनुवाद कर रहे हैं। अर्थ उस विचार या विचारों का उल्लेख करेगा जो मूलपाठ संचारित करने का प्रयास कर रहा है। एक निश्चित अर्थ संचारित करने के लिए सबसे अच्छा रूप विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों में भिन्न होगा। Next we recommend you learn about:
प्रारूप का महत्वThis page answers the question: रूप क्यों महत्वपूर्ण हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
रूप क्यों महत्वपूर्ण हैएक मूलपाठ का अर्थ सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। यद्यपि, मूलपाठ का रूप भी बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। यह अर्थ के लिए मात्र एक "पात्र" से अधिक है। यह अर्थ समझने और प्राप्त किए जाने के तरीके को प्रभावित करता है। इस तरह से स्वयं रूप में अपना एक अर्थ होता है। उदाहरण के लिए, भजन 9:1-2 के दो अनुवादों के बीच रूप में मतभेदों को देखें: अंग्रेजी के न्यू लाईफ संस्करण से:
पहला संस्करण मूलपाठ को ऐसे रूप में रखता है, जो कहानियों को कहने के लिए उपयोग किए जाने वाले रूप से अलग नहीं है। भजन की प्रत्येक पंक्ति को एक अलग वाक्य के रूप में वर्णित किया गया है। दूसरे संस्करण में, काव्य की व्यवस्था पृष्ठ की एक अलग पंक्ति के साथ वचन की प्रत्येक पंक्ति को लेते हुए लक्षित संस्कृति में काव्य की व्यवस्था की जाती है। इसके अतिरिक्त, दूसरी पंक्ति से हटाकर नया परिच्छेद आरम्भ करने के साथ, पहली दो पंक्तियाँ अर्ध-विराम से जुड़ती हैं। ये बातें इंगित करती हैं कि दो पंक्तियाँ सम्बन्धित हैं-वे बहुत समान बातें कहते हैं। तीसरी और चौथी पंक्तियाँ में भी वही व्यवस्था पाई जाती है। दूसरे संस्करण के एक पाठक को पता चलेगा कि यह भजन एक काव्य या गीत है, जो उसके स्वरूप के कारण है, जबकि पहले संस्करण के पाठक को यह समझ नहीं मिल सकती है, क्योंकि इसे मूलपाठ के रूप में संचारित नहीं किया गया था। पहले संस्करण के पाठक भ्रमित हो सकते हैं, क्योंकि भजन एक गीत प्रतीत होता है, परन्तु इसे एक गीत के रूप में प्रस्तुत नहीं किया गया है। शब्द एक आनन्द से भरी हुई भावना को व्यक्त कर रहे हैं। एक अनुवादक के रूप में, आपको अपनी भाषा में एक आनन्द से भरे हुए गीत को व्यक्त करने के लिए रूप का उपयोग करना चाहिए। अंग्रेजी के न्यू इन्टरनेशनल संस्करण में 2 शमूएल 18:33ब के रूप को भी देखें:
"मेरे पुत्र" की कई बार हुई पुनरावृत्ति, "अबशालोम" नाम की पुनरावृत्ति, शब्द "हे" की अभिव्यक्ति, इच्छा का रूप "यदि केवल ..." सभी एक पिता के मन पर गहरी पीड़ा की एक दृढ़ भावना को संचारित करते हैं कि एक पिता ने अपने एक पुत्र को खो दिया है। एक अनुवादक के रूप में, आपको न केवल शब्दों का अर्थ, अपितु रूप का अर्थ भी अनुवाद करना होगा। 2 शमूएल 18:33ब के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप एक ऐसे रूप का उपयोग करें जो मूल भाषा में निहित भावनाओं को संचारित करे। इसलिए हमें बाइबल के मूलपाठ के रूप की जाँच करने की आवश्यकता है और स्वयं से पूछें कि इसका रूप ऐसा क्यों है और कुछ दूसरे जैसा क्यों नहीं है। यह किस दृष्टिकोण या भावना को संचारित कर रहा है? अन्य प्रश्न जो रूप के अर्थ को समझने में हमारी सहायता कर सकते हैं:
जब हम रूप के अर्थ को समझते हैं, तो हम एक ऐसा रूप चुन सकते हैं, जिसका लक्ष्य लक्षित भाषा और संस्कृति में समान अर्थ को देना हो। संस्कृति अर्थ को प्रभावित करती हैरूपों का अर्थ संस्कृति के द्वारा निर्धारित किया जाता है। विभिन्न संस्कृतियों में एक ही रूप के कई भिन्न अर्थ हो सकते हैं। अनुवाद में, अर्थ का अर्थ वैसा जैसा ही होना चाहिए, जिसमें रूप के अर्थ सम्मिलित हैं। इसका अर्थ है कि मूलपाठ के रूप में संस्कृति के अनुसार परिवर्तन होना चाहिए। रूप में मूलपाठ की भाषा, इसकी व्यवस्था, कोई दोहराव, या कोई अभिव्यक्ति सम्मिलित है, जो "हे" जैसे ध्वनियों की नकल करती हैं। आपको इन सभी बातों की जाँच करनी चाहिए, उनका निर्णय करना चाहिए कि उनका क्या अर्थ है, और फिर निर्धारित करें कि कौन सा रूप लक्षित भाषा और संस्कृति के सर्वोत्तम तरीके को व्यक्त करेगा। Next we recommend you learn about:
अर्थ के स्तरThis page answers the question: अर्थ के विभिé स्तर कौन कौनसे होते हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
अर्थ के स्तरएक अच्छा अनुवाद मांग करता है कि स्रोत भाषा के अर्थ लक्षित भाषा में एक जैसे ही हो। बाइबल समेत किसी भी मूलपाठ में अर्थ के कई भिन्न स्तर हैं। इन स्तरों में सम्मिलित हैं:
शब्दों के अर्थ होते हैहम में यह सोच होती हैं कि मूलपाठ का अर्थ शब्दों में होता है। परन्तु इस अर्थ को सन्दर्भ द्वारा नियन्त्रित किया जाता है जिसमें प्रत्येक शब्द है। अर्थात्, भिन्न शब्दों का अर्थ वाक्यांशों, वाक्यों और अनुच्छेदों सहित इसके ऊपर के स्तरों के द्वारा नियन्त्रित होता है। उदाहरण के लिए, सन्दर्भ (उच्चत्तम स्तर) के आधार पर, "देने" जैसे एक शब्द में निम्नलिखित संभावित अर्थ हो सकते हैं:
बड़े अर्थ का निर्माण करनाअनुवादक को यह निर्धारित करना होगा कि प्रत्येक सन्दर्भ में प्रत्येक शब्द का क्या अर्थ है, और उसके बाद अनुवादित मूलपाठ में वही अर्थ पुन: उत्पन्न करें। इसका अर्थ है कि शब्दों का व्यक्तिगत रूप से अनुवाद नहीं किया जा सकता है, परन्तु केवल उनके अर्थ के साथ जब वे वाक्यांशों, वाक्यों, अनुच्छेदों और अध्यायों में दूसरे शब्दों के साथ मिलकर बने होते हैं, जिसमें वे एक भाग को बनाते हैं। यही कारण है कि अनुवादक को पूरे अनुच्छेद, अध्याय या पुस्तक को पढ़ना चाहिए जिसे वह अनुवाद करने से पहले अनुवाद कर रहा है। बड़े स्तर को पढ़कर, वह समझ जाएगा कि निम्न स्तरों में से प्रत्येक कैसे पूरी तरह से उपयुक्त होता है, और वह प्रत्येक भाग का अनुवाद करेगा ताकि यह अर्थ को इस तरह से संचारित कर सके जो उच्चत्तम स्तरों के साथ सबसे अधिक निकट भाव को देता है। Next we recommend you learn about:
शाब्दिक अनुवादThis page answers the question: आक्षरिक अनुवाद क्या होता है? In order to understand this topic, it would be good to read:
परिभाषाशाब्दिक अनुवाद स्रोत मूलपाठ के रूप में, यथासम्भव, पुन: प्रस्तुत करने का प्रयास करते हैं। अन्य नामशाब्दिक अनुवाद को यह भी कहा जाता है:
अर्थ से अधिक रूपएक शाब्दिक अनुवाद वह है, जो लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ के रूप को पुन: उत्पन्न करने पर केन्द्रित होता है, जिसके परिणामस्वरूप, चाहे अर्थ परिवर्तित हो जाता है, या समझने में कठिन हो। एक शाब्दिक अनुवाद का एक चरम संस्करण पूर्ण रीति से अनुवाद नहीं होगा-इसमें स्रोत भाषा के समान वर्ण और शब्द होंगे। इसके अगला निकटतम कदम स्रोत भाषा के प्रत्येक शब्द को लक्षित भाषा में समकक्ष शब्द के साथ प्रतिस्थापित करना होगा। भाषाओं के मध्य व्याकरण में मतभेदों के कारण, लक्षित भाषा के दर्शक कदाचित् इस तरह के अनुवाद को नहीं समझ पाएंगे। बाइबल के कुछ अनुवादक गलत तरीके से मानते हैं कि उन्हें लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ का शब्द रखना चाहिए और केवल स्रोत भाषा के शब्दों को ही लक्षित भाषा के शब्दों में प्रतिस्थापित करना चाहिए। वे गलत विश्वास करते हैं कि यह परमेश्वर के वचन के रूप में स्रोत मूलपाठ के प्रति सम्मान दिखाता है। परन्तु वास्तव में इस प्रकार का अनुवाद लोगों को परमेश्वर के वचन को समझने से रोकता है। परमेश्वर चाहता है कि लोग उसका वचन समझें, इसलिए यह बाइबल के प्रति सबसे बड़ा सम्मान दिखाता है और परमेश्वर के प्रति इसलिए क्योंकि बाइबल का अनुवाद किया जाए ताकि लोग इसे समझ सकें। साहित्यिक अनुवाद की कमजोरियाँशाब्दिक अनुवादों में सामान्य रूप से निम्नलिखित समस्याएँ होती हैं:
शब्दिक अनुवाद कब करेंशब्दिक अनुवाद करने का एकमात्र समय तब है जब गेटवे भाषा अर्थात् प्रवेशिका भाषा सामग्री, जैसे यूएलबी का अनुवाद करना, जिसका प्रयोग अन्य भाषा अनुवादकों के द्वारा किया जाएगा। यूएलबी अनुवाद का उद्देश्य अनुवादक को यह दिखाना है कि मूल में क्या है। तौभी, यूएलबी अनुवाद कठरोता के साथ शाब्दिक नहीं है। यह एक संशोधित शाब्दिक अनुवाद है, जो लक्षित भाषा की व्याकरण का उपयोग करता है, ताकि पाठक इसे समझ सकें (पाठ संशोधित शाब्दिक अनुवाद को देखें)। उन स्थानों पर, जहाँ यूएलबी अनुवाद बाइबल की मूल अभिव्यक्तियों का उपयोग करता है, जिन्हें समझना कठिन हो सकता है, हमने इन्हें समझाने के लिए अनुवादों को अनुवादनोट्स प्रदान किए हैं। Next we recommend you learn about:
शब्द की जगह शब्द का परिवर्तनThis page answers the question: मैं एक शब्द के बदले एक शब्द का उपयोग कर अनुवाद क्यों नही करूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
परिभाषाशब्द-प्रति-शब्द वैकल्पिक अनुवाद अपने सबसे अधिक रूप में शाब्दिक होता है। अच्छा अनुवाद करने के लिए यह सबसे अच्छा विकल्प नहीं है। शब्द-प्रति-शब्द अनुवाद केवल स्रोत भाषा के प्रत्येक शब्द को लक्षित भाषा के समकक्ष शब्द के विकल्प के रूप में प्रस्तुत करता है। शब्द-प्रति-शब्द अनुवाद में
यह तब तक चलता रहता है जब तक वचन का अनुवाद नहीं हो जाता है।
शब्द क्रम या व्यवस्थायूएलबी अनुवाद में लूका 3:16 का उदाहरण यहाँ दिया गया है:
वह तुम्हें पवित्र आत्मा और आग से बपतिस्मा देगा।” यह अनुवाद स्पष्ट और समझने में आसान है। परन्तु कल्पना करें कि अनुवादकों ने शब्द-प्रति-शब्द विधि का उपयोग किया था। तब अनुवाद कैसा होगा? यहाँ, अंग्रेजी में अनुवादित, मूल यूनानी के समान क्रम में शब्दों के दिया गया हैं।
यह अनुवाद असामान्य है और अंग्रेजी में समझ में नहीं आता है। ऊपर यूएलबी संस्करण देखें। अंग्रेजी यूएलबी अनुवादकों ने मूल यूनानी शब्द व्यवस्था को बनाए नहीं रखा। उन्होंने अंग्रेजी व्याकरण के नियमों के अनुरूप वाक्य में शब्दों को स्थानांतरित करते हुए वाक्य को अर्थ दे दिया है। उन्होंने कुछ वाक्यांशों को भी परिवर्तित किया है। उदाहरण के लिए, अंग्रेजी यूएलबी का कहना है, "यूहन्ना ने उन सभी से कहा," इसके स्थान पर कि "सभी को यूहन्ना ने यह कहते हुए उत्तर दिया।” मूलपाठ को स्वभाविक बनाने के लिए उन्होंने भिन्न शब्दों को भिन्न क्रम में उपयोग किया ताकि यह मूल अर्थ को सफलतापूर्वक संचारित कर सके। अनुवाद को यूनानी मूलपाठ के समान अर्थ को संचारित करना चाहिए। इस उदाहरण में, यूएलबी असामान्य शब्द-प्रति-शब्द संस्करण की तुलना में एक सर्वोत्तम रीति से किया गया अंग्रेजी अनुवाद है। शब्द अर्थों की सीमाइसके अतिरिक्त, शब्द-प्रति-शब्द वैकल्पिक अनुवाद सामान्य रूप से इस बात पर ध्यान नहीं देता है कि सभी भाषाओं में अधिकांश शब्दों में कई अर्थ होते हैं। किसी भी एक सन्दर्भ में, सामान्य रूप से लेखक के मन में केवल उन अर्थों में से एक ही होता है। एक अलग सन्दर्भ में, उसके मन में यह एक अलग अर्थ हो सकता है। परन्तु शब्द-प्रति-शब्द अनुवादों में, सामान्य रूप से केवल एक अर्थ को चुना जाता है और पूरे अनुवाद में उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, यूनानी शब्द "एग्गोलोस" मानवीय सन्देशवाहक या एक स्वर्गदूत को सन्दर्भित कर सकता है।
यहाँ "एग्गोलोस" शब्द मानवीय सन्देशवाहक को सन्दर्भित करता है। यीशु यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के बारे में बात कर रहा था।
यहाँ "एग्गोलोस" शब्द स्वर्ग से स्वर्गदूतों को सन्दर्भित करता है। एक शब्द-प्रति-शब्द अनुवाद प्रक्रिया दोनों वचनों में एक ही शब्द का उपयोग कर सकती है, चाहे इसका उपयोग दो भिन्न प्रकार के प्राणियों के सन्दर्भ में किया जाता है। यह पाठक को भ्रमित कर देगा। अलंकारअन्त में, अंलकार शब्द-प्रति-शब्द अनुवाद में सही ढंग से व्यक्त नहीं किए जाते हैं। अंलकार का अर्थ यह है कि वे भिन्न शब्दों से अलग होते हैं, जिनके द्वारा वे बने हुए होते हैं। जब उनका अनुवाद शब्द-प्रति-शब्द के लिए किया जाता है, तो अंलकार का अर्थ खो जाता है। चाहे उनका अनुवाद किया गया हो ताकि वे लक्षित भाषा के सामान्य शब्द क्रम का पालन करें, पाठक उनके अर्थ को समझ नहीं पाएंगे। उन्हें सही ढंग से अनुवाद करने का तरीका जानने के लिए अंलकार पृष्ठ को देखें। Next we recommend you learn about:
आक्षरिक अनुवाद की समस्याएँThis page answers the question: अधिकतम आक्षरिक तौर पर किए गए अनुवादों की समस्याएँ क्या क्या हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
रूपों के परिवर्तन का अर्थशाब्दिक अनुवाद लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ का रूप रखते हैं। कुछ अनुवादक ऐसा करना चाहते हैं, क्योंकि, जैसा कि हमने शिक्षा के मॉड्यूल या खण्ड में "रूप का महत्व" देखा है, मूलपाठ का रूप मूलपाठ के अर्थ को प्रभावित करता है। तथापि, हमें यह ध्यान में रखना चाहिए कि विभिन्न संस्कृतियों के लोग रूपों के अर्थ को भिन्न समझते हैं। विभिन्न संस्कृतियों में, एक ही रूप को बहुत अलग तरीकों से समझा जा सकता है। इसलिए मूल रूपों को परिवर्तन से बचा कर अर्थ की रक्षा करना सम्भव नहीं है। अर्थ की रक्षा करने का एकमात्र तरीका मूल रूप की एक नए रूप में परिवर्तन होना है, जो पुरानी संस्कृति में पुरानी रूप में पुरानी संस्कृति के समान अर्थ को संचारित करता है। विभिन्न भाषाएँ शब्दों और वाक्यांशों के विभिन्न व्यवस्थाओं का उपयोग करती हैंयदि आप अपने अनुवाद में स्रोत शब्द व्यवस्था को रखते हैं, तो इसे समझना आपकी भाषा बोलने वाले लोगों के लिए बहुत अधिक कठिन और कभी-कभी असम्भव सा होगा। आपको लक्षित भाषा के स्वभाविक शब्द क्रम का उपयोग करना चाहिए ताकि लोग मूलपाठ के अर्थ को समझ सकें। विभिन्न भाषाएँ विभिन्न मुहावरे और अभिव्यक्तियों का उपयोग करती हैंप्रत्येक भाषा में अपनी स्वयं के मुहावरे और अन्य अभिव्यक्तियाँ होती हैं, जो शब्द या ध्वनि या भावनाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं। इन बातों के अर्थ को व्यक्त करने के लिए, आपको एक मुहावरे या अभिव्यक्ति का चयन करना होगा जिसका लक्ष्य लक्षित भाषा में उसी अर्थ को देना हो, न कि केवल प्रत्येक शब्द का अनुवाद करना। यदि आप केवल प्रत्येक शब्द का अनुवाद करते हैं, तो मुहावरे या अभिव्यक्ति का गलत अर्थ मिलेगा। कुछ शब्दों में अन्य संस्कृतियों में समकक्ष शब्द नहीं होते हैंबाइबल में ऐसी वस्तुओं के लिए कई शब्द हैं, जो अब विद्यमान नहीं हैं, जैसे वजन के लिए (स्टाडिया, क्यूबिट), पैसा के लिए (दीनार, स्टाटर) और मापों के लिए (हीन, एपा)। पवित्रशास्त्र में पशु संसार के कुछ भाग (लोमड़ी, ऊंट) विद्यमान नहीं हो सकते हैं। अन्य शब्द (बर्फ, खतना) कुछ संस्कृतियाँ में अज्ञात हो सकते हैं। उन परिस्थितियों में इन शब्दों के लिए समकक्ष शब्दों का विकल्प पाना सम्भव नहीं होता है। अनुवादक को मूल अर्थ संचारित करने के लिए एक और तरीके की खोज करनी चाहिए। बाइबल को समझने का मंशा से लिखा गया थापवित्रशास्त्र की गवाही स्वयं दिखाती है कि वे समझे जाने के लिए थे। बाइबल तीन भाषाओं में लिखी गई है, क्योंकि भाषा का उपयोग परमेश्वर के लोगों ने भिन्न समयों में भिन्नता के साथ किया था। जब यहूदी निर्वासन से लौटे और अब उन्हें इब्रानी स्मरण नहीं रही, तो याजकों ने अरामी में पुराने नियम के पठ्न का अनुवाद किया ताकि वे समझ सकें (नहे 8:8)। बाद में, जब नया नियम लिखा गया, तब यह सामान्य बोलचाल वाली यूनानी में लिखा गया था, जो कि उस समय की भाषा थी, जो कि इब्रानी या अरामी या यहाँ तक कि शास्त्रीय यूनानी की अपेक्षा जिसे सामान्य लोगों को समझने के लिए कठिन होता, अधिकांश लोगों के द्वारा बोले जाने वाली भाषा थी। ये और अन्य कारण बताते हैं कि परमेश्वर चाहता है कि लोग उसका वचन समझें। इसलिए हम जानते हैं कि वह चाहता है कि हम बाइबल के अर्थ का अनुवाद करें, उसके स्वरूप को पुन: उत्पन्न न करें। पवित्रशास्त्र का अर्थ रूप से अधिक महत्वपूर्ण है। Next we recommend you learn about:
अर्थ आधारित अनुवादThis page answers the question: अर्थ आधारित अनुवाद का क्या मतलब हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
परिचयहमने शाब्दिक अनुवादों को निकटता से देखा है। अब, हम अर्थ-आधारित अनुवादों को देखेंगे। इन अनुवादों को भी यह भी कहा जाता है:
मुख्य विशेषताएँअर्थ-आधारित अनुवादों की मुख्य विशेषता यह है कि वे स्रोत मूलपाठ के रूप अर्थात् ढ़ांचे को पुन: उत्पन्न करने के लिए अर्थ को अनुवाद करने के लिए प्राथमिकता देते हैं। अर्थात्, वे स्पष्ट रूप से अर्थ स्पष्ट करने के लिए आवश्यक मूलपाठ के रूप अर्थात् ढ़ांचे को परिवर्तित करती हैं। अर्थ-आधारित अनुवादों के सबसे सामान्य प्रकार के परिवर्तन निम्न हैं:
अर्थ-आधारित अनुवादों के उदाहरणअर्थ-आधारित अनुवाद कैसा दिखता है? हम देखेंगे कि विभिन्न संस्करण एक ही वचन का अनुवाद कैसे करते हैं। लूका 3:8 में, यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने स्व-धर्मी लोगों को ताडना दी जो बपतिस्मा लेने आए थे। वचन के पहले भाग के यूनानी मूलपाठ नीचे दिखाया गया है।
प्रत्येक यूनानी शब्द के रूप में एक ही क्रम में अंग्रेजी अनुवाद, कुछ वैकल्पिक अंग्रेजी शब्दों को चुनने के द्वारा, नीचे दिया गया है।
शाब्दिकएक शाब्दिक अनुवाद सामान्य रूप से जितना अधिक सम्भव हो सके यूनानी मूलपाठ के शब्दों और क्रम का पालन करेगा, जैसे कि निम्नलिखित।
ध्यान दें कि इस संशोधित-शाब्दिक अनुवाद शब्द "फल" और "पश्चाताप" को बनाए रखता है। शब्द व्यवस्था यूनानी मूलपाठ के जैसी ही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यूएलबी अनुवाद को मूल रूप से मूलपाठ में अनुवादकों को दिखाने के लिए रूपरेखित किया गया है। परन्तु यह आपकी भाषा में इस अर्थ को संचारित करने का स्वभाविक या स्पष्ट तरीका नहीं हो सकता है। अर्थ-आधारितदूसरी ओर, अर्थ-आधारित अनुवाद में, शब्दों और व्यवस्था को परिवर्तित करने की अधिक संभावना है, यदि अनुवादकों को लगता है कि यह अर्थ को स्पष्ट करने में सहायता करेगा। इन तीन अर्थ-आधारित अनुवादों पर विचार करें: अंग्रेजी की लिविंग बाइबल से:
अंग्रेजी के न्यू लिविंग अनुवाद से:
अनलॉक्ड डायनामिक बाइबल से
ध्यान दें कि इन अनुवादों ने शब्द व्यवस्था को अंग्रेजी में और अधिक स्वभाविक बनाने के लिए परिवर्तित दिया है। इसके अतिरिक्त, शब्द "फल" अब प्रकट नहीं होता है। वास्तव में, लिविंग बाइबल अनुवाद यूएलबी अनुवाद के लगभग किसी भी शब्द को उपयोग नहीं करता है। इसकी अपेक्षा, "फल" के स्थान पर, अर्थ-आधारित अनुवाद "कामों" या "जिस तरह से तुम जीवन व्यतीत करते हो" को सन्दर्भित करता है। इस वचन में "फल" एक रूपक के रूप में प्रयोग किया गया है। इस रूपक में "फल" का अर्थ "काम जो एक व्यक्ति करता है।" (देखें रूपक।) इसलिए इन अनुवादों ने केवल शब्दों की अपेक्षा सन्दर्भ में रहते हुए अर्थ का अनुवाद किया। उन्होंने एक कठिन शब्द "पश्चाताप" की अपेक्षा "पाप से मुड़ना" या "अपने पापपूर्ण व्यवहार से दूर रहना" जैसे अधिक समझे जाने वाले वाक्यांशों का भी उपयोग किया है, या उन्होंने यह कहते हुए शब्द समझाया, "आपने पापों से पश्चाताप किया और परमेश्वर की ओर मुड़ गए।” उनमें सभी का अर्थ समान है, परन्तु रूप अर्थात् ढ़ांचा बहुत अधिक भिन्न है। अर्थ-आधारित अनुवादों में, अर्थ बहुत अधिक स्पष्ट होता है। Next we recommend you learn about:
अर्थ के लिए अनुवादThis page answers the question: मैं अर्थ के लिए अनुवाद क्यों करूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
अर्थ का महत्वजिन लोगों ने बाइबल लिखी थी, उनके पास परमेश्वर की ओर से सन्देश थे, जिसे परमेश्वर चाहता था कि लोग समझें। इन मूल लेखकों ने उस भाषा का उपयोग किया, जिसे उनके लोगों बोलते थे ताकि वे और उनके लोग परमेश्वर के सन्देशों को समझ सकें। परमेश्वर आज लोगों को उन्हीं सन्देशों को समझना चाहता है। परन्तु लोग आज उन भाषाओं को नहीं बोलते हैं, जिनमें बाइबल को बहुत पहले लिखा गया था। इसलिए परमेश्वर ने हमें बाइबल को उन भाषाओं में अनुवाद करने का कार्य दिया है, जिसे लोग आज बोलते हैं। जो भाषा लोग परमेश्वर के संदेशों को संचारित करने के लिए उपयोग करते हैं, वह विशेष रूप से महत्वपूर्ण नहीं है। उपयोग किए जाने वाले विशेष शब्द महत्वपूर्ण नहीं हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि ये शब्द अर्थ को संचारित करते हैं। अर्थ सन्देश होता है, न कि शब्द या भाषा। हमें क्या अनुवाद करना चाहिए, तब, यह स्रोत भाषाओं के वाक्यों के शब्दों या रूप नहीं हैं, अपितु अर्थ है। नीचे दिए गए वाक्य के जोड़े को देखो।
आप देख सकते हैं कि वाक्यों की प्रत्येक जोड़ी का अर्थ समान है, चाहे वे भिन्न शब्दों का उपयोग कर रहे हैं। ऐसा ही एक अच्छे अनुवाद में होता है। हम स्रोत मूलपाठ की तुलना में भिन्न शब्दों का उपयोग करेंगे, परन्तु हम इसका अर्थ भी बनाए रखेंगे। हम उन शब्दों का उपयोग करेंगे, जो हमारे लोग समझते हैं और उन्हें अपनी भाषा के लिए स्वभाविक तरीके से उपयोग करते हैं। एक स्पष्ट और स्वभाविक तरीके से स्रोत मूलपाठ के जैसे ही अर्थ को संचार करना अनुवाद का लक्ष्य होता है। आभार: बर्नवेल की अनुसार उदाहरण वाक्य, पृष्ठ 19-20, (c) एसआईएल इंटरनेशनल 1986, अनुमति के द्वारा उपयोग किया गया है। Next we recommend you learn about:
अनुवाद करने से पहलेअनुवाद दल को चुननाThis page answers the question: मैं अनुवाद दल को कैसे चुनूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
अनुवादक दल का महत्वबाइबल का अनुवाद करना एक बड़ा एवं कठिन कार्य है जिसे पूरा करने के लिए कर्इ लोगों की जरूरत पड़ती है। यह भाग उन योग्यताओं और जिम्मेदारियों पर विचार विमर्श करेगा जो बाइबल अनुवाद दल के एक सदस्य में होनी चाहिए।कुछ लोगों में बहुत सारी योग्यताएँ एवं जिम्मेदारियाँ होती हैं, तो कुछ लोगों में ये कम होती हैं। परंतु यह महत्वपूर्ण है कि हर अनुवादक दल में इतने लोग तो जरूर हों कि इन सारी योग्यताओं को इस्तेमाल किया जा सके। कलीसियार्इ अगुवेअनुवाद के कार्य को शुरू करने से पहले, अधिक से अधिक कलीसियार्इ समूहों से संपर्क करना जरूरी है कि वे अनुवाद का, या तो स्वयं हिस्सा बन सकें या अपने लोगों को भेज सकें। अनुवाद के कार्य, इसके लक्ष्य एवं इसकी प्रक्रिया में उनकी सलाह लें, उनके निर्देश स्वीकार करें। अनुवाद समितियह अच्छा होगा यदि ये कलीसियार्इ समूह या उनके अगुवे एक समिति बनाएँ जिससे कार्य में, अनुवाद को चुनने में, आने वाली समस्याओं को सुलझाने में और कलीसियाओं को प्रार्थना एवं आर्थिक मदद करने के लिए उत्साहित करने में योगदान मिल सके। यह समिति उन लोगों को भी चुन सकती है जो अनुवाद को स्तर 2 एवं स्तर 3 की सटीकता जाँच में मदद कर सकते हैं। यदि जरूरत पड़े तो यह समिति अनुवाद के प्रारूप, इसके वितरण और अनुवाद किए गए सामग्रियों की कलीसियाओं के द्वारा उपयोग पर निर्णय ले सकती है। अनुवादकये लोग अनुवाद ड्राफ्ट को बनाने का काम करते हैं। उन्हे अनुवाद समिति के द्वारा गठित किया जाएगा। ये लोग लक्षित स्थानीय भाषा बोलने वाले हों जो स्रोत भाषा (गेटवे भाषा) को अच्छी तरह से पढ़ सकें और अपने मसीही स्वभाव के लिए समाज में सुनामी हों। इन बातों की अधिक जानकारी के लिए, देखें Translator Qualifications। पहला ड्राफ्ट बनाने के साथ साथ, वे अनुवादक दल के महत्वपूर्ण दल को भी गठित करेंगे जो एक दूसरे के कार्य को जाँचेंगे, भाषा समुदाय के साथ अनुवाद को जाचेंगे और स्तर 2 एवं स्तर 3 जाँचकर्ताओं से पुनरावलोकन के लिए सुझाव स्वीकार करेंगे। हर पुनरावलोकन अथवा जाँच सत्र के पश्चात, ये अनुवादक अनुवाद में उचित परिवर्तन करने के लिए जिम्मेदार होंगे जिससे इसे बहेतर तरीके से कहा जा सके। अत: वे अनुवाद का कर्इ बार अवलोकन करेंगे। टंकणकर्ता (टार्इप करने वाले)यदि अनुवादक अपने ड्राफ्ट को स्वयं कम्प्यूटर या लैपटॉप में नही डालते हैं तो किसी और को यह कार्य करना पड़ेगा। किसी ऐसे की जरूरत होगी जो अधिक गलतियाँ किए बिना, टंकण कार्य कर सके। उसे सही और सतत् तरीके से विराम चिन्हों का उपयोग आना चाहिए।उसे हर जाँच और अवलोकन के बाद आए सुधारों और अवलोकनों को भी टंकित करना पड़ेगा। अनुवाद जाँचकर्ताकुछ लोग भाषा समुदायों के सदस्यों के साथ मिलकर अनुवाद को जाँचेंगे जिससे यह निश्चित हो सके कि अनुवाद लक्षित भाषा के अनुसार स्पष्ट और स्वाभाविक है। आमतौर पर, अनुवादक ही ऐसा करते हैं, परंतु दूसरों को भी लिया जा सकता है। ये जाँचकर्ता लोगों के सामने अनुवाद को पढ़ें और उनसे यह पता करने के लिए प्रश्न पूछें कि उन्हे समझ आ रहा है या नही। इस कार्य के अधिक वर्णन के लिए, देखें Other Methods जाँचकर्ताअनुवाद की सटीकता जाँचने वाले वे लोग हों जो स्रोत भाषा में बाइबल को अच्छी तरह से जानते हों। वे स्रोत भाषा को अच्छी तरह से पढ़ने वाले हों। वे स्रोत बाइबल के साथ अनुवाद की तुलना कर निश्चित करेंगे कि स्रोत बाइबल में लिखी हर बात का अनुवाद हुआ है। ये अनुवाद के कार्य को पसंद करने वाले लोग हों और इनके पास इस कार्य को अच्छी तरह से करने का समय हो। यह अच्छा होगा कि स्रोत भाषा को बोलने वाले एवं इस सामग्री का बाद में उपयोग करने जा रहे, विभिé कलीसियार्इ समूहों में से इन लोगों को चुना जाए। स्तर 2 जाँचकर्ता स्थानीय कलीसिया के अगुवे हों। स्तर 3 जाँचकर्ता कलीसियार्इ समूहों के अगुवे और उस भाषा क्षेत्र में सम्मानित व्यक्ति हों। चूँकि ये लोग बहुत व्यस्त रहते हैं, एक या कुछ व्यक्तियों पर अधिक भार डालने से बेहतर होगा कि अलग अलग पुस्तकों को अलग अलग व्यक्तियों के पास भेजा जाए। Next we recommend you learn about:
अनुवादक की योग्यताएँThis page answers the question: एक अनुवादक की योग्यताएँ कौन कौनसी होती हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
अनुवादक या अनुवाद समूह की योग्यताएँअनुवाद संजाल अर्थात् नेटवर्क में सम्मिलित होने वाले चर्च नेटवर्क के अगुओं को उन लोगों को चुनते समय निम्नलिखित प्रश्नों पर विचार करना चाहिए जो अनुवाद समूह के सदस्य होंगे। ये प्रश्न चर्च और समुदाय के अगुओं को यह जानने में सहायता करेंगे कि वे जिन लोगों को चुनते हैं, वे सफलतापूर्वक बाइबल या ओपन बाइबल की कहानियों का अनुवाद करने में सक्षम होंगे।
सामान्य रूप से भाषाई क्षेत्र और विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के भिन्न स्थानों से लोगों का होना अच्छा होता है, क्योंकि विभिन्न स्थानों और आयु के लोग भाषा का उपयोग भिन्न तरह से कर सकते हैं। इन लोगों को तब उन सभी वस्तुओं को कहने के तरीके पर सहमत होना चाहिए जो उन सभों को अच्छा लगता है।
बाइबल अनुवाद कठिन है, इसमें कई संशोधन सम्मिलित होते हैं, और कार्य को समर्पण की आवश्यकता होती है। अनुवादकों के द्वारा थोड़ी देर के लिए काम करने के बाद, अनुवाद समिति को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी कि क्या वे अच्छी तरह से काम कर रहे हैं। वे पूछ सकते हैं:
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चुनना कि क्या अनुवाद किया जाएThis page answers the question: मैं सबसे पहले क्या अनुवाद करूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
मुझे पहले क्या अनुवाद करना चाहिए?किसी स्थान पर, अनुवाद समूह को यह पता लगाना होगा कि उन्हें सबसे पहले क्या अनुवाद करना चाहिए, या, यदि उन्होंने पहले से ही कुछ अनुवाद किया है, तो उन्हें आगे क्या अनुवाद करना चाहिए। ऐसे कई कारक हैं, जिन पर विचार करने की आवश्यकता होती है:
इन सभी प्रश्नों के उत्तर महत्वपूर्ण हैं। परन्तु इसे स्मरण रखें: अनुवाद एक कौशल है, जो अनुभव के साथ बढ़ता है। क्योंकि अनुवाद एक कौशल है, जो बढ़ता है, ऐसी सामग्री को अनुवाद करना प्रारम्भ करना बुद्धिमान है, जो कम जटिल होती है, ताकि कुछ सरल अनुवाद करते समय अनुवादक कौशल सीख सकें। अनुवाद की कठिनाईविक्लिफ बाइबल अनुवादकों ने बाइबल की विभिन्न पुस्तकों का अनुवाद करने के लिए गुणों या विशेषता को मापने की कठिनाई का पता लगाया है। अपनी मूल्याकंन स्तर पद्धति में, अनुवाद के लिए सबसे जटिल पुस्तकों का स्तर 5 सबसे अधिक कठिनाई को प्राप्त करता है। अनुवाद के लिए सबसे आसान पुस्तकों का स्तर 1 हैं। सामान्य रूप से, जिन पुस्तकों में अधिक अमूर्त, काव्यात्मक, और धर्मवैज्ञानिक रूप से बहुतायत के साथ पाए जाने वाली शब्दावली और विचार होते हैं, उनका अनुवाद करना उतना ही अधिक कठिन होता है। पुस्तकें जो अधिक कथात्मक और ठोस होती हैं, उनका अनुवाद करना सामान्य रूप से उतना ही आसान होता है। कठिनाई स्तर 5 (अनुवाद करने में सबसे कठिन)पुराना नियम
नया नियम
कठिनाई स्तर 4पुराना नियम
नया नियम
कठिनाई स्तर 3पुराना नियम
नया नियम
कठिनाई स्तर 2पुराना नियम
नए नियम
कठिनाई स्तर 1 (अनुवाद करने के लिए सबसे आसान)
बाइबल की साधारण कहानियाँयद्यपि इस मूल्यांकन स्तर पद्धति के अनुसार बाइबल की साधारण कहानियाँ का आकलन नहीं किया गया था, परन्तु यह कठिनाई स्तर 1 के अधीन आनी चाहिए। हम अनुशंसा करते हैं कि आप बाइबल की साधारण कहानियाँ का अनुवाद करके आरम्भ करें। बाइबल की साधारण कहानियाँ का अनुवाद करके आरम्भ करने के कई अच्छे कारण हैं:
बाइबल, का अनुवाद करें तो उसे अच्छी तरह से करें। बाइबल की साधारण कहानियाँ का अनुवाद करके, अनुवाद समूह लाभ प्राप्त करेगा:
आप जो भी क्रम चाहते हैं, उसमें कहानियों के माध्यम से अपना कार्य में उपयोग कर सकते हैं, परन्तु हमने पाया है कि कहानी 31 (http://ufw.io/en-obs-31 को देखें) अनुवाद करने के लिए एक सबसे अच्छी कहानी है, क्योंकि यह छोटी है और समझने में आसान है। निष्कर्षअन्त में, चर्च को यह निर्धारित करने की आवश्यकता है कि वे क्या अनुवाद, और किस क्रम में करना चाहते हैं। परन्तु क्योंकि अनुवाद एक ऐसा कौशल है, जो उपयोग करने के साथ सुधार को लाता है, और क्योंकि अनुवाद और जाँच समूह बाइबल का अनुवाद बाइबल की साधारण कहानियाँ का करने के द्वारा बहुत कुछ शिक्षा पा सकता है, और अत्यधिक महत्व होने के कारण यह अनुवादित बाइबल की साधारण कहानियों को स्थानीय चर्च को देता हैं, हम बाइबल की साधारण कहानियाँ के साथ आपको अनुवाद परियोजना आरम्भ करने के लिए अत्यधिक अनुशंसा करते हैं। बाइबल की साधारण कहानियाँ का अनुवाद करने के बाद, चर्च को यह निर्धारित करने की आवश्यकता होगी कि लाभकारी बात किसे आरम्भ करने से प्राप्त होगी (उत्पत्ति, निर्गमन) या यीशु (नया नियम सुसमाचार) के साथ आरम्भ करना। किसी भी घटना में, हम कठिनाई स्तर 2 और 3 की पुस्तकों (जैसे उत्पत्ति, रूत, और मरकुस) के साथ बाइबल के अनुवाद को आरम्भ करने का परामर्श देते हैं। अन्त में, जब अनुवाद समूह के पास बहुत अधिक अनुभव हो जाता है, तो वे कठिनाई स्तर 4 और 5 की पुस्तकों (जैसे यूहन्ना, इब्रानियों और भजनों) का अनुवाद आरम्भ कर सकते हैं। यदि अनुवाद समूह इस कार्यक्रम का पालन करते हैं, तो वे बहुत कम गलातियों के साथ सर्वोत्तम रीति से अनुवाद कर सकेंगे। Next we recommend you learn about:
स्रोत लेख को चुननाThis page answers the question: स्रोत लेख को चुनने में किन किन बातों पर ध्यान दिया जाए? In order to understand this topic, it would be good to read:
एक स्रोत मूलपाठ के लिए विचार करने के लिए कारकस्रोत मूलपाठ चुनते समय, ऐसे कई कारक होते हैं, जिन पर विचार किया जाना चाहिए:
यह महत्वपूर्ण है कि भाषा समूह में चर्चों के अगुओं इस बात से सहमत हों कि स्रोत मूलपाठ अच्छा है। अंग्रेजी के ओपन बाइबल की कहानियाँ http://ufw.io/stories/ पर कई स्रोत भाषाओं में उपलब्ध हैं। अंग्रेजी में अनुवाद के लिए स्रोतों के रूप में उपयोग करने के लिए बाइबल के अनुवाद भी उपलब्ध हैं, और वे शीघ्र ही अन्य भाषाओं भी उपलब्ध होंगे। Next we recommend you learn about:
कॉपीराइट, लार्इसेंस और स्रोत लेखThis page answers the question: स्रोत अनुवाद का उपयोग करते वक्त किन लार्इसेंस एवं कॉपिराइट संबंधित बातों पर ध्यान दिया जाना चाहिए? In order to understand this topic, it would be good to read:
यह महत्वपूर्ण क्यों है?जब कोई स्रोत मूलपाठ चुनना होता है, जिस में से अनुवाद करना होता है, तो मुद्राधिकार/लाइसेंसिंग समस्या पर विचार करना दो कारणों से महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, यदि आप बिना किसी पूर्व अनुमति के मुद्राधिकृत किए गए काम से अनुवाद करते हैं, तो आप कानून तोड़ रहे हैं, क्योंकि सामग्री का अनुवाद केवल इसकी विषय वस्तु के स्वामी के पास ही सुरक्षित है। कुछ स्थानों पर, मुद्राधिकार उल्लंघन एक आपराधिक अपराध है और मुद्राधिकार धारक की सहमति के बिना सरकार द्वारा मुकदमा चलाया जा सकता है! दूसरा, जब एक मुद्राधिकार किए गए काम से अनुवाद किया जाता है, तो अनुवाद स्रोत मूलपाठ के मुद्राधिकार धारक की बौद्धिक सम्पदा हो जाती है। वे अनुवाद के सभी अधिकारों को सुरक्षित रखते हैं, ठीक वैसे ही जैसे वे स्रोत मूलपाठ के साथ करते हैं। इन और अन्य कारणों से, अन्फोल्डिंगवर्ड केवल उन अनुवादों को ही वितरित करेगा जो मुद्राधिकार कानून का उल्लंघन नहीं करते हैं। हम किस लाइसेंस अर्थात् अनुज्ञा पत्र का उपयोग करते हैं?अन्फोल्डिंगवर्ड के द्वारा प्रकाशित सभी सामग्री को क्रिएटिव कॉमन्स एट्रिब्यूशन-शेयरएक्लिक 4.0 लाइसेंस (CC BY-SA) के अधीन प्रकाशित किया गया है (देखें http://creativecommons.org/licenses/by-sa/4.0/)। हमारा विश्वास है कि यह लाइसेंस चर्च के लिए सबसे बड़ी सहायता है, क्योंकि यह अनुवादों और अन्य अमौलिक सामग्रियों को इस से निर्मित करने के लिए पर्याप्त रूप से अनुमति देता है, परन्तु यह इतनी अधिक अनुमति नहीं देता है कि उन अमौलिक सामग्रियों को प्रतिबन्धित लाइसेंस के अधीन सुरक्षित किया जा सके। इस विषय पर पूरी चर्चा के लिए, मसीही शिष्टाचारों को पढ़ें (http://thechristiancommons.com/ देखें)। किस स्रोत मूलपाठ का उपयोग किया जा सकता है?स्रोत मूलपाठों का उपयोग तब किया जा सकता है, जब वे सार्वजनिक ज्ञानक्षेत्र में आते हों या निम्न लाइसेंसों में से किसी एक के अधीन उपलब्ध होते हों, जो क्रिएटिव कॉमन्स एट्रिब्यूशन-शेयरएक्लिक लाइसेंस के अधीन अनुवाद किए हुए कार्य को प्रकाशित करने अनुमति देते हों:
अनुवाद कार्य में उठने वाले अन्य सभी प्रश्नों के लिए, कृपया [email protected] से सम्पर्क करें। ध्यान दें:
अपना अनुवाद प्रकाशित करने में असमर्थ होने से बचने के लिए अनुवाद आरम्भ करने से पहले कृपया अपने स्रोत मूलपाठ को देखें। Next we recommend you learn about:
स्रोत लेख एवं वर्जन संख्याएँThis page answers the question: वर्जन की संख्याएँ स्रोत लेख को चुनने में मेरी मदद कैसे करती हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
संस्करण सँख्या का महत्वविशेष रूप से एक सावर्जनिक परियोजना जैसे अन्फोल्डिंगवर्ड में, प्रकाशित संस्करणों पर ध्यान देते रहना महत्वपूर्ण है। यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि अनुवाद (और स्रोत मूलपाठ) प्राय: परिवर्तित हो सकते हैं। प्रत्येक संस्करण की पहचान करने में सक्षम होना स्पष्टता लाने में सहायता करता है, जिसकी पुनरावृत्ति के बारे में बात की गई है। संस्करण सँख्या भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि सभी अनुवाद नवीनतम स्रोत मूलपाठ के आधार पर होने चाहिए। यदि स्रोत मूलपाठ परिवर्तित हो जाता है, तो अनुवाद को नवीनतम संस्करण के अनुरूप होने लिए अन्ततः अधतित किया जाना चाहिए। एक अनुवाद परियोजना आरम्भ करने से पहले, कृपया सुनिश्चित करें कि आपके पास स्रोत मूलपाठ का नवीनतम संस्करण उपलब्ध है। संस्करण परिवर्तन कैसे काम करता हैसंस्करण सँख्या केवल तभी दी जाती है, जब किसी लेखन कार्य को प्रकाशित किया जाता है, न कि जब उन्हें संपादित किया जाता है। संशोधन इतिहास Door43 में डाला गया है, परन्तु यह उस लेखन कार्य से भिन्न है, जिसकी सँख्या दी गई है। प्रत्येक स्रोत के मूलपाठ को प्रत्येक प्रकाशन (संस्करण 1, 2, 3, आदि) के लिए एक पूर्ण सँख्या दी जाती है। उस स्रोत मूलपाठ पर आधारित कोई भी अनुवाद स्रोत मूलपाठ की संस्करण सँख्या को लेगा और .1 को जोड़ देगा (अंग्रेजी ओबीएस संस्करण 4 का अनुवाद संस्करण 4.1 बन जाएगा)। मध्यवर्ती अनुवाद पर आधारित अन्य कोई भी अनुवाद एक और .1 संस्करण सँख्या को उसमें जोड़ देगा, जिसमें से इसे निर्मित किया गया था (उदाहरण के लिए 4.1.1)। इनमें से किसी भी मूलपाठ का नया प्रकाशन 1 को जोड़ने के द्वारा "दशमलव बिन्दु" को आगे बढ़ा देता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया http://ufw.io/versioning देखें। नवीनतम संस्करण कहाँ खोजेंhttps://unfoldingword.org में सदैव प्रत्येक संसाधन का नवीनतम प्रकाशित संस्करण उपलब्ध होता रहता है। प्रत्येक संसाधन के संस्करण इतिहास पृष्ठ को http://ufw.io/dashboard पर दिए डैशबोर्ड अर्थात् नियंत्रण-पट्ट पृष्ठ को देखें। नोट: ट्रैन्स्लेशनस्टूडियो और अन्फोल्डिंगवर्ड ऐप में सदैव नवीनतम संस्करण नहीं होते हैं, क्योंकि सामग्री स्वचालित रूप से अधतित नहीं होती है। Next we recommend you learn about:
अपनी भाषाओं को लिखने के निर्णयThis page answers the question: हमारी भाषा को लिखने में हमें कौनसे निर्णय लेने की जरूरत पड़ती है? In order to understand this topic, it would be good to read:
लेखन के बारे में उत्तर देने के लिए महत्वपूर्ण प्रश्नजब कोई भाषा पहली बार लिखी जाती है, तो अनुवादक को यह निर्धारित करना होगा कि सभी लिखित भाषाओं की कुछ विशेषताओं को कैसे इंगित किया जाए। ये प्रश्न व्यापक समुदाय को विराम चिह्न, वर्तनी और बाइबल में नामों को लेखन के क्षेत्र में स्थानीय भाषा में लिखने के लिए अनुवादक के द्वारा किए गए कुछ आरम्भिक निर्णयों की समझ प्रदान करेंगे। अनुवाद समूह और समुदाय को इसे कैसे करना चाहिए के ऊपर सहमत होना चाहिए।
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अक्षरमाला/वर्तनीThis page answers the question: मैं अपनी भाषा के लिए अक्षरमाला कैसे बनाऊँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
एक वर्णमाला बनानायदि आपकी भाषा पहले लिखी नहीं गई है, तो आपको एक वर्णमाला बनाना होगा ताकि आप इसे लिख सकें। वर्णमाला बनाने के समय सोचने के लिए कई बातें हैं, और एक अच्छी वर्णमाला बनाना बहुत ही अधिक कठिन हो सकता है। यदि यह बहुत कठिन प्रतीत होता है, तो आप लिखित की अपेक्षा ऑडियो अनुवाद कर सकते हैं। एक अच्छी वर्णमाला का लक्ष्य आपकी भाषा में प्रत्येक पृथक ध्वनि का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक पृथक अक्षर का होना है। यदि पड़ोसी भाषा में पहले से ही वर्णमाला है, और यदि उस भाषा में आपकी भाषा जैसी ही ध्वनियाँ है, तो उनकी वर्णमाला को उधार ले कर कार्य करना आसान रहेगा। यदि नहीं, तो अगली सबसे अच्छी बात यह है कि विद्यालय में सीखाई गई राष्ट्रीय भाषा की वर्णमाला से शब्दों को उधार लें। यद्यपि, यह संभावना पाई जाती है कि आपकी भाषा में ऐसा प्रतीत हो है कि राष्ट्रीय भाषा नहीं है, और इसलिए आपकी भाषा की सभी ध्वनियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए इस वर्णमाला का उपयोग करना कठिन होगा। इस स्थिति में, अपनी भाषा में प्रत्येक ध्वनि के बारे में सोचना अच्छा होगा। कागज के टुकड़े के ऊपर से नीचे तक राष्ट्रीय भाषा की वर्णमाला को लिखें। तत्पश्चात् प्रत्येक अक्षर के सामने अपनी भाषा से एक शब्द लिखें जो या तो उस ध्वनि से आरम्भ होता है या उसमें ध्वनि पाई जाती है। उस अक्षर को रेखांकित करें जो प्रत्येक शब्द के साथ वैसी ही ध्वनि को बनाता है। राष्ट्रीय वर्णमाला में ऐसे अक्षर हो सकते हैं, जिनका उपयोग आपकी भाषा में नहीं होता है। यह ठीक है। अब इन शब्दों से निकलने वाली ध्वनियों के बारे में सोचें जिसे लिखना आपके लिए कठिन होगा, या जिस के लिए आपको अक्षर न मिलें। यदि ध्वनि उस जैसी ध्वनि के समान है, जिसके अक्षर को आपने वहाँ पाया है, तो हो सकता है कि आप उस ध्वनि को अन्य अक्षर का प्रतिनिधित्व करने के लिए संशोधित करें। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास "s" द्वारा प्रस्तुत ध्वनि है, और उस के जैसी ही एक और ध्वनि है, कि जिसके लिए कोई अक्षर नहीं है, तो आप समतुल्य ध्वनि के लिए अक्षर में एक चिह्न जोड़ सकते हैं, जैसे ' या ^ या ~ इसके ऊपर डाल देना। यदि आपको प्रतीत होता है कि ध्वनियों का एक समूह है, जो राष्ट्रीय भाषा वाले अक्षरों की ध्वनियों के तुल्य भिन्नता में है, तो उसी तरह से अक्षरों के समूह को संशोधित करना अच्छा होगा। एक बार जब आप इस अभ्यास को समाप्त कर लेंगे और अपनी भाषा में किसी और ध्वनि के बारे में सोच नहीं सकते हैं, तो किसी कहानी या किसी ऐसी घटना को लिखने का प्रयास करें या अभी निवर्तमान समय में घटित हुई है। जब आप लिखते हैं, तब आप कदाचित् उन ध्वनियों को खोज लेंगे, जिन्हें आपने पहले नहीं सोचा था। अक्षरों को संशोधित करते रहिए ताकि आप इन ध्वनियों को लिख सकें। इन ध्वनियों को आपके द्वारा पहले बनाई गई सूची में जोड़ें। अपनी भाषा के अन्य वक्ताओं को जो राष्ट्रीय भाषा भी पढ़ते हैं, ध्वनि की अपनी सूची दिखाएँ और देखें कि वे इसके बारे में क्या सोचते हैं। हो सकता है कि वे कुछ अक्षरों को संशोधित करने के लिए एक अलग तरीका सुझा सकें जो पढ़ने के लिए आसान या सरल हो। इन अन्य लोगों को जो कहानी आपने लिखी है उसे दिखाएँ और उन्हें शब्दों और अक्षर-की-ध्वनियों की सूची का वर्णन करते हुए इसे पढ़ने सिखाएँ। यदि वे इसे आसानी से पढ़ना सीख सकते हैं, तो आपकी वर्णमाला अच्छी है। यदि यह कठिन है, तो हो सकते हैं कि वर्णमाला के कुछ भागों को अभी भी सरल करने के लिए काम किए जाने की आवश्यकता है, या ऐसी ही भिन्न ध्वनियाँ हो सकती हैं जिन्हें एक ही अक्षर के द्वारा प्रदर्शित किया जा रहा है, या ऐसी कुछ ध्वनियाँ हो सकती हैं, जिनके लिए आपको अभी भी अक्षर खोजने की आवश्यकता है । अपनी भाषा के अन्य वक्ताओं के साथ इस वर्णमाला पर काम करते रहना अच्छा है, जो कि राष्ट्रीय भाषा के अच्छे पाठक हैं। आप विभिन्न ध्वनियों पर चर्चा कर सकते हैं और उन्हें एक साथ प्रस्तुत करने का सबसे अच्छा तरीका निर्धारित कर सकते हैं। यदि राष्ट्रीय भाषा रोमन अर्थात् अंग्रेजी वर्णमाला के अतिरिक्त किसी अन्य लेखन प्रणाली का उपयोग करती है, तो उन चिन्हों के बारे में सोचें जिन्हें आप प्रतीकों के रूप में संशोधित करने के लिए उपयोग कर सकते हैं, ताकि वे आपकी भाषा की ध्वनि का प्रतिनिधित्व कर सकें। यह सबसे अच्छा है यदि आप प्रतीकों को उन तरीकों से चिह्नित कर सकते हैं, जिन्हें कंप्यूटर पर पुन: उत्पन्न किया जा सकता है। (आप वर्ड प्रोसेसर में या पद्धति के कीबोर्ड में लिखने वाले पद्धति के साथ प्रयोग कर सकते हैं। http://ufw.io/tk/) यदि आपको कीबोर्ड बनाने में सहायता की आवश्यकता है, तो [email protected] पर एक ईमेल अनुरोध भेजें । जब आप कंप्यूटर कीबोर्ड पर टाइप किए जा सकने वाले प्रतीकों का उपयोग करते हैं, तो आपका अनुवाद इलेक्ट्रॉनिक रूप से संग्रहीत, प्रतिलिपित और वितरित किया जा सकता है, और तत्पश्चात् लोग इसे बिना किसी मूल्य को दिए प्राप्त कर सकते हैं और इसे टेबलेट या सेल फ़ोन इत्यादि पर पढ़ सकते हैं। Next we recommend you learn about:
अक्षरमाला विकासThis page answers the question: ध्वनियों को शब्दों में कैसे बदला जाता है? In order to understand this topic, it would be good to read:
परिभाषाएँये उन शब्दों की परिभाषाएँ हैं, जिनका उपयोग हम इस बात के लिए करते हैं कि लोग कैसी ध्वनियाँ को निकालते हैं, जो शब्दों को बनाती हैं, और साथ ही शब्दों के परिभाषाओं को जो शब्दों के अंशों को सन्दर्भित करते हैं। व्यंजनये वे ध्वनियाँ हैं, जिन्हें लोग तब निकालते हैं, जब उनके फेफड़ों से वायु का प्रवाह बाधित होता है, या जीभ, दांत या होंठ की स्थिति से सीमित हो जाता हैं। वर्णमाला में अधिकांश अक्षरों में व्यंजन अक्षर पाए जाते हैं। अधिकांश व्यंजन अक्षरों में केवल एक ही ध्वनि होती है। स्वरये ध्वनि मुँह से बनाई जाती हैं, जब दांत, जीभ या होंठ से अवरुद्ध किए बिना मुँह से श्वास का प्रवाह निकलता है। (अंग्रेजी में, स्वर अ, ई, आई, ओ, यू और कभी-कभी वाई है।) अक्षर (अ-क्ष-र)एक एक शब्द का वह भाग जिसमें केवल एक स्वर की ध्वनि, व्यंजनों के साथ या उसके बिना होती है। कुछ शब्दों में केवल एक अक्षर होता है। प्रत्ययऐसा कुछ जो शब्द में जोड़ा जाता है, जिससे उसका अर्थ परिवर्तित हो जाता है। यह आरम्भ, या अन्त में, या एक शब्द के भीतर हो सकता है। मूल शब्दएक शब्द का सबसे मूलभूत भाग; जब सभी प्रत्यय हटा दिए जाते हैं, तो जो बचता है। शब्द का भागएक शब्द या एक शब्द का एक भाग जिसका अर्थ होता है और उसमें कोई छोटा भाग नहीं होता है, जिसका अर्थ हो। (उदाहरण के लिए, "अक्षर" में 3 अक्षर हैं, परन्तु केवल शब्द का 1 भाग है, जबकि "अक्षरों" में 3 अक्षर और दो भाग (अ-क्ष-र ओं) है। (अन्तिम "ओ" एक भाग है, जिसका अर्थ है कि यह "बहुवचन" है)) अक्षर कैसे शब्दों को बनाते हैंप्रत्येक भाषा में ध्वनियाँ होती हैं, जो अक्षर को बनाने के लिए उन्हें संयुक्त करती है। एक शब्द या एक शब्द के मूल में एक प्रत्यय में एक अक्षर हो सकता है, या इसमें कई अक्षर हो सकते हैं। ध्वनियाँ अक्षरों को बनाने के लिए संयोजन होती है, जो शब्द के भागों को बनाने के लिए एक साथ सम्मिलित हो जाती हैं। शब्दों के भाग सार्थक शब्दों को बनाने के लिए मिलकर काम करते हैं। यह समझना महत्वपूर्ण है कि आपकी भाषा में अक्षरों का गठन कैसे किया जाता है और ये अक्षर एक-दूसरे को कैसे प्रभावित करते हैं, ताकि वर्तनी को नियमों का गठन किया जा सके और लोग आपकी भाषा को आसानी से पढ़ सकें। स्वर ध्वनियाँ अक्षरों का मूल भाग होती हैं। अंग्रेजी में केवल पाँच स्वर प्रतीक हैं, "ए, ई, आई, ओ, यू", परन्तु इसमें 11 स्वर ध्वनियाँ निलकती हैं, जो स्वर संयोजनों और कई अन्य तरीकों से लिखी गई हैं। अंग्रेजी के प्रत्येक स्वर की ध्वनियाँ "बीट, बिट, बाएट, बैट, बट, बॉडी, बऔट, बौट, बुक, बूट" जैसे शब्दों में मिल सकती हैं। [उच्चारण चित्र को जोड़ें] अंग्रेजी के स्वर मुँह में स्थिति{MQ}फ्रंट{MQ}-{MQ}मिड{MQ} -{MQ} बैक गोलाई {MQ} (अनराऊन्डिड) {MQ} (अनराऊन्डिड) {MQ} (राऊन्डिड) जीभ ऊँची करते हुए{MQ}हाई{MQ}मैं "बीट"{MQ} यू "बूट" बीच-में ऊँचा उठाते हुए{MQ}आई "बिट"{MQ} यू "बुक" बीच में{MQ}ई "बैट"{MQ}यू "बट" ओ "बोट" नीचे- पर बीच में{MQ}ई "बट्ट"{MQ} ओ "बऔट" नीचे{MQ}ए "बैट"{MQ} ए "बॉडी" (इन स्वरों में से प्रत्येक का वर्णमाला में अन्तर्राष्ट्रीय ध्वनि-सम्बन्धी अपना-अपना प्रतीक होता है।) स्वर की ध्वनि प्रत्येक अक्षर के बीच में से गठित होती है, और व्यंजन ध्वनि स्वरों के पहले और बाद में आते हैं। उच्चारण यह वर्णन है कि मुँह या नाक के माध्यम से हवा कैसे ध्वनियों को पहचानने के लिए निकलती है, ताकि हम उसे भाषा के रूप में पहचान सकें। उच्चारण के मुख्य बिन्दु उन स्थानों पर गले या मुँह से निकलती हैं, जहाँ हवा को बांध दिया जाता है या इसका प्रवाह बन्द हो जाता है। उच्चारण के सामान्य बिन्दुओं में होंठ, दांत, दांतों का (वायुकोशा) उभार, तालू (मुँह की कठोर छत), कोमल तालू (मुँह की मुलायम छत), अलिजिह्वा, और स्वर-रज्जु (या कण्ठद्वार) सम्मिलित हैं। उच्चारक मुँह के हिलने वाले भाग होते हैं, विशेष रूप से जीभ के कुछ भागों जो हवा के प्रवाह को धीमा करते हैं। जीभ के कुछ भागों में जीभ का मूल, पीठ, धार और नोक सम्मिलित हो सकते हैं। होंठ जीभ के उपयोग के बिना मुँह के माध्यम से हवा प्रवाह को धीमा कर सकते हैं। होंठों से बनी ध्वनि में व्यंजन सम्मिलित हैं जैसे "बी," "वी," और "एम।" उच्चारण का तरीका वर्णन करता है कि श्वास का प्रवाह कैसे धीमा हो जाता है। यह एक पूर्ण विराम के रूप में (जैसे "पी" या "बी" के साथ आ सकता है, जिन्हें विराम व्यंजन या रूकना कहा जाता है), भारी घर्षण के रूप में (जैसे "एफ" या "वी," संघर्ष अक्षर कहा जाता है), या थोड़े से प्रतिबन्धित रूप में (जैसे "डब्ल्यू" या "वाई," जिन्हें अर्द्ध-स्वर कहा जाता है, क्योंकि वे लगभग स्वरों के रूप में स्वतंत्र होते हैं।) आ सकते हैं। आवाज निर्धारण दिखाता है कि जब हवा उन के माध्यम से गुजरती है, तो स्वर-रज्जु अर्थात् कण्ड-द्वार हिलते हैं या नहीं। अधिकांश स्वर, जैसे कि "ए, ई, आई, यू, ओ" आवाजें निकालती हुई ध्वनियाँ हैं। व्यंजनों को आवाजों के साथ (+ वी), जैसे "बी, डी, जी, वी," या आवाज रहित (-वी) जैसे "पी, टी, के, एफ" कहा जा सकता है। ये उच्चारण के एक ही बिन्दु पर और उसी उच्चारकों के साथ बनते हैं, जैसा कि आवाज निकालने वाले व्यंजनों का उल्लेख पहले किया गया है। "बी, डी, जी, वी" और "पी, टी, के, एफ" के बीच एकमात्र अन्तर आवाज (+वी और -वी) का है। अंग्रेजी के व्यंजन उच्चारण के बिन्दु {MQ}होंठ{MQ}दांत{MQ}छत{MQ}कोठर तालू{MQ}कोमल तालू{MQ}अलिजिह्वा{MQ}स्वर-रज्जु आवाज निर्धारण करना{MQ}-वी/+वी{MQ}-वी/+वी{MQ}-वी/+वी{MQ}-/+वी{MQ}-वी/+वी{MQ}-वी/+वी{MQ}-v/+v उच्चारक – पद्घति होंठ - रोकें{MQ}पी/बी होंठ -{MQ}संघर्ष{MQ} एफ/वी जीभ की नोक - रोकें{MQ} टी/डी तरल{MQ} /एल{MQ}/ आर जीभ की धार - संघर्ष{MQ} सी/डीजी जीभ को वापस लेना - रोकें{MQ} के/जी जीभ का मूल - अर्ध-स्वर{MQ} /डब्ल्यू{MQ} / वाई{MQ} एच/ नाक - दीर्घोच्चारणीय{MQ} / एम{MQ}/ एन ध्वनियों का नामकरण उनकी गुणों को पहचानने के द्वारा किया जा सकता है। "बी" की आवाज को ध्वनि का ओष्ठयीय (दो होंठ) रूकना कहा जाता है। "एफ" की आवाज़ को ध्वनि रहित लैबियो-दंत (होंठ-दांत के युग्म) के संघर्ष के रूप में जाना जाता है। "एन" की आवाज को ध्वनियुक्त वायुकोशा (छत) नासिका कहा जाता है। ध्वनियों को प्रतीक बनाना दो तरीकों में किया जा सकता है। या तो हम अन्तर्राष्ट्रीय ध्वनि-सम्बन्धी वर्णमाला में पाए गए उस ध्वनि के प्रतीक का उपयोग कर सकते हैं, या हम पाठक द्वारा ज्ञात वर्णमाला से प्रसिद्ध प्रतीकों का उपयोग कर सकते हैं। व्यंजन तालिका - उच्चारकों का उल्लेख किए बिना यहाँ एक व्यंजन प्रतीक तालिका को प्रस्तुत किया गया है। जब आप अपनी भाषा की ध्वनियों का पता लगाते हैं, ध्वनि सुनने के समय आवाज और अपनी जीभ और होंठ की स्थिति को महसूस करते हैं, तो आप इस लेख में तालिका को उन ध्वनियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रतीकों के साथ भर सकते हैं। उच्चारण के बिन्दु होंठ दांत छत कोठर तालू कोमल तालू अलिजिह्वा स्वर-रज्जु आवाज -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी पद्घति रोकें पी/बी टी/डी के/जी संघर्ष एफ/वी च/डीजी तरल /एल /आर अर्ध-स्वर /डब्ल्यू /वाई एच / नासिका /एम /एन Next we recommend you learn about:
फाइल प्रारूपThis page answers the question: कौन कौनसे प्रारूप स्वीकार्य हैं? अनुवाद का तकनीकी स्वभावजबकि अनुवाद के एक बड़े भाग का सरोकार भाषा, शब्दों और वाक्यों के साथ है, यह भी सच है कि अनुवाद का एक प्रमुख पहलू तकनीकी स्वभाव है। अक्षरों, अंकण, अक्षर-रचना, स्वरूपण, प्रकाशन और वितरण करने से लेकर अनुवाद तक कई तकनीकी पहलू पाए जाते हैं। यह सब सम्भव बनाने के लिए, कुछ मानक हैं जिन्हें अपनाया गया है। मानक प्रारूप:बाइबल अनुवाद के प्रारूप। कई वर्षों तक, बाइबल अनुवाद के लिए यूएसएफएम अर्थात् मानक प्रारूप रहा है (जो संकेतकों के लिए एकीकृत मानक प्रारूप है)। हमने भी इसी मानक को अपनाया है। मानक प्रारूप संकेत भाषा का एक प्रकार है जो एक कंप्यूटर प्रोग्राम को बताता है कि पाठ के प्रारूप को कैसे प्रारूपित किया जाता है। उदाहरण के लिए, प्रत्येक अध्याय को इस '' \ c 1 '' या '' c 33 '' 'के रूप में संकेतित किया जाता है। वचन संकेतक ''\v 8'' or ''\v 14'' जैसा दिख सकते हैं। अनुच्छेद को ''\p'' के रूप में संकेतित किया गया है। इस तरह के कई अन्य संकेतक हैं, जिनके विशेष अर्थ है। तो मानक प्रारूप में यूहन्ना 1:1-2 की तरह एक सन्दर्भ इस तरह दिखेगा: c 1 p v 1 आरम्भ में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था। v 2 यही, वचन, परमेश्वर के साथ आरम्भ में था। जब एक कंप्यूटर प्रोग्राम जो मानक प्रारूप को पढ़ सकता है, इसे देखता है, तो यह सभी अध्याय संकेतकों को उसी रूप में प्रारूपित करने में (उदाहरण के लिए, बड़ी सँख्या के साथ) और सभी वचन सँख्याओं को वैसे ही (उदाहरण के लिए, एक छोटे सुपरस्क्रिप्ट अर्थात् शब्द के ऊपर की ओर सँख्या के साथ लिखा हुआ होना) सक्षम होता है।
मानक प्रारूप नोटेशन अर्थात् संकेत पद्धति के बारे में अधिक पढ़ने के लिए, कृपया http://paratext.org/about/usfm पढ़ें। मानक प्रारूप का उपयोग करते हुए बाइबल अनुवाद कैसे करेंअधिकांश लोगों को नहीं पता कि मानक प्रारूप में कैसे लिखना होता है। यह एक कारण है कि हमने अनुवाद स्टूडियो को बनाया है। जब आप अनुवाद स्टूडियो में अनुवाद करते हैं, तो आप जो भी देखते हैं, वह बिना किसी संकेत भाषा के सामान्य शब्द संसाधकीय दस्तावेज़ के समान दिखता है। यद्यपि, अनुवाद स्टूडियो में आप जो देखते हैं उसके नीचे मानक प्रारूप में बाइबल अनुवाद स्वरूपित हो रहा होता है। इस तरह, जब आप अनुवाद स्टूडियो से अपना अनुवाद अपलोड करते हैं, तो अपलोड किया जी रही सामग्री पहले से ही मानक प्रारूप में स्वरूपित या परिवर्तित हो रही होती है और इसे विभिन्न प्रारूपों में तुरन्त प्रकाशित किया जा सकता है। एक अनुवाद को मानक प्रारूप में परिवर्तित करनायद्यपि मानक प्रारूप संकेत पद्धति का उपयोग करके ही अनुवाद करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, तथापि कभी-कभी मानक प्रारूप संकेतकों का उपयोग किये बिना भी अनुवाद किया जाता है। इस प्रकार के अनुवाद का अभी भी उपयोग किया जा सकता है, परन्तु पहले मानक प्रारूप संकेतकों को जोड़ा जाना चाहिए। ऐसा करने का एक तरीका अनुवाद स्टूडियो में कॉपी और पेस्ट अर्थात् नकल को चस्पा करना, फिर सही स्थान पर वचन संकेतकों को रखना है। जब यह किया जाता है, तो अनुवाद मानक प्रारूप के रूप में परिवर्तित करने में सक्षम हो जाएगा। यह एक बहुत ही कठिन कार्य है, इसलिए हम आपको अनुवाद स्टूडियो या मानक प्रारूप का उपयोग करने वाले कुछ अन्य कार्यक्रमों का उपयोग करते हुए आरम्भ से ही अपने बाइबल अनुवाद कार्य को करने का परामर्श देते हैं अन्य सामग्री के लिए मार्कडाउन या चिन्हमार्कडाउन एक बहुत ही सामान्य संकेत पद्धति भाषा है, जिसका प्रयोग इंटरनेट पर कई स्थानों पर किया जाता है। मार्कडाउन का उपयोग एक ही पाठ के लिए विभिन्न प्रारूपों (जैसे वेबपृष्ठ, मोबाइल ऐप, पीडीएफ, आदि) में उपयोग को बहुत अधिक आसान बनाता है। इस इसी पद्धति में लिखा जाता है, तो मार्कडाउनबड़े अझरों और * तिरछे अक्षर * का समर्थन करता है: मार्कडाउन बड़े अझरों और तिरछे अक्षर का समर्थन करता है। मार्कडाउन इस तरह के शीर्षकों का भी समर्थन करता है: शीर्षक 1शीर्षक 2शीर्षक 3मार्कडाउन लिंक अर्थात् सम्पर्कों का भी समर्थन करता है। सम्पर्क इस तरह https://unfoldingword.org की सूचना को प्रदर्शित करते हैं और इस तरह लिखे जाते हैं: https://unfoldingword.org सम्पर्क के लिए विशेष रूप से लिखे शब्द भी समर्थित होते हैं, इस तरह: uW Website(https://unfoldingword.org) ध्यान दें कि एचटीएमएल भी वैध मार्कडाउन है। मार्कडाउन वाक्य-रचना की पूरी सूची के लिए कृपया http://ufw.io/md पर जाएँ। निष्कर्षमानक प्रारूप या मार्कडाउन के साथ चिह्नित सामग्री प्राप्त करने का सबसे आसान तरीका एक संपादक का उपयोग करना है, जिसे विशेष रूप से ऐसा करने के लिए निर्मित किया गया है। यदि एक वर्ड प्रोसेसर अर्थात् शब्द संसोधक या मूलपाठ संपादक का उपयोग किया जाता है, तो इन संकेतों को हस्तलिखित रूप से वर्णित किया जाना चाहिए। ध्यान दें: वर्ड प्रोसेसर में मूलपाठ बड़े अझरों, तिरछे अक्षरों, या रेखांकित करना संकेतक भाषा में बड़े अझरों, तिरछे अक्षर या रेखांकित नहीं करता है। नामित प्रतीकों को लिखकर इस प्रकार का स्वरूपण किया जाना चाहिए। जब सॉफ्टवेयर का उपयोग करने पर विचार करते हैं, तो कृपया ध्यान रखें कि अनुवाद केवल शब्दों के बारे में नहीं है; ऐसे कई तकनीकी पहलू हैं, जिन्हें ध्यान में रखा जाना चाहिए। जिस भी सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है, उसके लिए केवल इतना स्मरण रखें कि बाइबल अनुवादों को मानक प्रारूप में रखा जाना चाहिए, और शेष सब कुछ मार्कडाउन में डालने की आवश्यकता है। अनुवाद का आरम्भ कैसे करेंप्रथम प्रालेख तैयार करनाThis page answers the question: मैं प्रथम प्रालेख कैसे बनाऊँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
मैं कैसे आरम्भ करूँ?
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अनुवाद में मददThis page answers the question: अनुवाद के लिए मैं मदद कहाँ से पाऊँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
अनुवाद-सहायता का उपयोग करनाNext we recommend you learn about:
अनलॉक बाइबल टेक्सटमूल एवं स्रोत भाषाThis page answers the question: मूल भाषा और स्रोत भाषा की बीच क्या अंतर है? In order to understand this topic, it would be good to read:
मूल भाषा में मूलपाठ सबसे सटीक होता हैपरिभाषा - मूल भाषा वह भाषा होती है, जिसमें एक बाइबल मूलपाठ आरम्भ में लिखा गया था। विवरण - नए नियम की मूल भाषा यूनानी है। पुराने नियम के अधिकांश मूल भाषा इब्रानी है। यद्यपि, दानिय्येल और एज्रा की पुस्तकों के कुछ भागों की मूल भाषा अरामी है। मूल भाषा सदैव एक सटीक भाषा होती है, जिसमें से एक सन्दर्भ का अनुवाद किया जाता है। स्रोत भाषा वह भाषा होती है, जहाँ से अनुवाद किया जा रहा है। यदि कोई अनुवादक मूल भाषाओं से बाइबल का अनुवाद कर रहा है, तो उसके अनुवाद के लिए मूल भाषा और स्रोत भाषा एक जैसी होती है। यद्यपि, केवल वे लोग जिन्होंने मूल भाषा का अध्ययन करने में कई वर्षों बिताए हैं, उन्हें समझते हैं और उन्हें स्रोत भाषा के रूप में उपयोग कर सकते हैं। इसी कारण, अधिकांश अनुवादक ऐसी बाइबलों का उपयोग करते हैं, जिनका अनुवाद उनकी स्रोत भाषा के मूलपाठ के रूप में व्यापक संचार की भाषा में किया गया है। Next we recommend you learn about:
मूल प्रतिलिपियाँThis page answers the question: मूल भाषा लेख के बारे में क्या और अधिक जानकारी भी है? In order to understand this topic, it would be good to read:
मूल पांडुलिपियों की लेखबाइबल को कई सैकड़ों वर्षों पहले परमेश्वर के भविष्यद्वक्ताओं और प्रेरितों ने लिखा था, क्योंकि परमेश्वर ने उन्हें लिखने के लिए निर्देश दिए थे। इस्राएल के लोग इब्रानी बोलते थे, इसलिए पुराना नियम की अधिकांश पुस्तकें इब्रानी में लिखी गई थीं। जब वे अश्शूर और बाबुल में परदेशियों के रूप में रहते थे, तो उन्होंने अरामी में बात करना सीखा, इसलिए पुराना नियम के बाद के कुछ भागों में अरामी में लिखे गए थे। मसीह के आने से लगभग तीन सौ वर्ष पहले, यूनानी व्यापक रूप से संचार की भाषा बन गई थी। यूरोप और मध्य पूर्व के कई लोग यूनानी को दूसरी भाषा के रूप में बोलते थे। इस कारण पुराना नियम का यूनानी में अनुवाद किया गया था। जब मसीह आया, तो संसार के उन क्षेत्रों में बहुत से लोग यूनानी भाषा को दूसरी भाषा के रूप में बात करते थे, और नए नियम सभी पुस्तकें यूनानी में लिखी गई थीं। परन्तु तब वहाँ कोई छापाखाना नहीं थे, इसलिए लेखकों ने इन पुस्तकों को हाथ से लिखा था। ये मूल पांडुलिपियाँ थीं। जिन लोगों ने इन पांडुलिपियों की प्रतिलिपियाँ बनाई, उन्होंने भी हाथ से काम किया। ये भी पांडुलिपियाँ ही थीं। ये पुस्तकें अति महत्वपूर्ण हैं, इसलिए प्रतिलिपकों को विशेष प्रशिक्षण मिला और वे सटीक रूप से नकल करने की प्रयास के प्रति बहुत अधिक सावधान थे। सैकड़ों वर्षों से, लोगों ने बाइबल की पुस्तकों की हजारों प्रतियाँ बनाईं हैं। लेखकों के द्वारा मूल रूप से लिखी गई सभी लिखितें या तो खो गई हैं या नष्ट हो चुकी हैं, इसलिए हमारे पास नहीं है। परन्तु हमारे पास जो प्रतियाँ हैं, उन्हें बहुत पहले हाथ से लिखा गया था। इनमें से कुछ प्रतियाँ कई सैकड़ों और यहाँ तक कि हजारों वर्षों से बची हुईं हैं। Next we recommend you learn about:
बाइबल की संरचनाThis page answers the question: बाइबल को कैसे संघठित किया गया? In order to understand this topic, it would be good to read:
बाइबल 66 "पुस्तकों" से मिलकर बनी है। यद्यपि उन्हें "पुस्तकें" कहा जाता है, परन्तु वे लम्बाई में बहुत अधिक भिन्न हैं और सबसे छोटी तो केवल एक पृष्ठ या दो पृष्ठों जितनी हैं। बाइबल में दो मुख्य भाग हैं। पहला भाग पहले लिखा गया था और इसे पुराने नियम कहा जाता है। दूसरा भाग बाद में लिखा गया था और इसे नया नियम कहा जाता है। पुराने नियम में 39 पुस्तकें हैं और नए नियम में 27 पुस्तकें हैं। (नए नियम में कुछ पुस्तकें लोगों को लिख गए पत्र हैं।) प्रत्येक पुस्तक अध्यायों में विभाजित है। अधिकांश पुस्तकों में एक से अधिक अध्याय हैं, परन्तु ओबद्याह, फिलेमोन, 2 यूहन्ना, 3 यूहन्ना और यहूदा प्रत्येक में केवल एक ही अध्याय है। सभी अध्याय वचनों में विभाजित हैं। जब हम एक वचन का उल्लेख करना चाहते हैं, तो हम पहले पुस्तक का नाम, फिर अध्याय, और फिर वचन लिखते हैं। उदाहरण के लिए "यूहन्ना 3:16" का अर्थ यूहन्ना की पुस्तक, अध्याय 3, वचन 16 है। जब हम दो या दो से अधिक वचनों को सन्दर्भित करते हैं, जो एक दूसरे के साथ होते हैं, तो हम उनके बीच एक पड़ी रेखा को डालते हैं। "यूहन्ना 3:16-18" का अर्थ यूहन्ना, अध्याय 3, वचन 16, 17, और 18 है। जब हम उन वचनों का सन्दर्भ देते हैं, जो एक दूसरे के साथ नहीं होते हैं, तो हम उन्हें अलग करने के लिए अल्पविराम का उपयोग करते हैं। "यूहन्ना 3:2, 6, 9" का अर्थ यूहन्ना अध्याय 3, वचन 2, 6, और 9 है। अध्याय और वचन सँख्याओं के बाद, हमने बाइबल के अनुवाद के लिए संक्षिप्त नाम दिया है, जिसे हम उपयोग करते हैं। नीचे दिए गए उदाहरण में, "यूएलबी" अनलॉक्डड लिटरल बाइबल को दिखाता है। ट्रैन्स्लेशनअकैडमी हम इस पद्धति का उपयोग यह बताने के लिए करती है कि पवित्रशास्त्र के अंश कहाँ से आते हैं। यद्यपि, इसका अर्थ यह नहीं है कि पूरे वचन या वचनों की सूची को दिखाया गया है। नीचे दिया गया मूलपाठ न्यायियों, अध्याय 6, वचन 28 से आता है, परन्तु यह पूरा वचन नहीं है। इस वचन में अन्त में और अधिक वचन हैं। ट्रैन्स्लेशनअकैडमी में, हम केवल उस वचन का भाग दिखाते हैं, जिसके बारे में हम बात करना चाहते हैं।
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अध्याय एवं आयतों की संख्याएँThis page answers the question: मेरी बाइबल के अध्याय और आयत आपकी बाइबल से विभिé क्यों होते हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणजब बाइबल की पुस्तकें पहली बार लिखी गईं, तो अध्यायों और वचनों के लिए कोई विराम नहीं था। लोगों ने बाद में इसे जोड़ा, और फिर दूसरों ने बाइबल के विशेष भागों को ढूँढना आसान बनाने के लिए अध्यायों और वचनों में सँख्या को जोड़ दिया। क्योंकि एक से अधिक व्यक्ति ने ऐसा किया है, इसलिए भिन्न अनुवादों में विभिन्न सँख्याओं का उपयोग किया जाता है। यदि यूएलबी अनुवाद में सँख्या पद्धति आपके द्वारा उपयोग की जाने वाली किसी अन्य बाइबल में दी हुई सँख्या पद्धति से अलग है, तो आप कदाचित् उस बाइबल से पद्धति का उपयोग करना चाहेंगे। इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय हैजो लोग आपकी भाषा बोलते हैं, वे किसी अन्य भाषा में लिखी गई बाइबल का भी उपयोग कर सकते हैं। यदि वह बाइबल और आपका अनुवाद भिन्न अध्यायों और पद सँख्याओं का उपयोग करता है, तो लोगों के लिए यह जानना कठिन होगा कि जब कोई अध्याय और वचन सँख्या कहता है, तो कोई वचन किस बारे में बात कर रहा है। बाइबल से उदाहरण
क्योंकि 3 यूहन्ना में केवल एक ही अध्याय है, कुछ संस्करण अध्याय सँख्या को चिह्नित नहीं करते हैं। यूएलबी अनुवाद और यूडीबी अनुवाद में इसे अध्याय 1 के रूप में चिह्नित किया जाता है। इसके अतिरिक्त, कुछ संस्करण वचन 14 और 15 को दो वचनों में विभाजित नहीं करते हैं। इसकी अपेक्षा वे इसे एक ही वचन 14 के रूप में चिह्नित करते हैं।
कुछ भजनों के आगे उनके बारे में स्पष्टीकरण दिया गया है। कुछ संस्करणों में स्पष्टीकरण को एक वचन सँख्या नहीं दी गई है, जैसा कि यूएलबी और यूडीबी अनुवादों में है। अन्य संस्करणों में स्पष्टीकरण वचन 1 है, और वास्तविक भजन वचन 2 के साथ आरम्भ होता है।
कुछ संस्करणों में यह दानिय्येल 5 का अन्तिम वचन है। अन्य संस्करणों में यह दानिय्येल 6 की पहला वचन है। अनुवाद की रणनीतियाँ
अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरणयदि आपकी भाषा बोलने वाले लोग एक और बाइबल का उपयोग करते हैं, तो अध्यायों और वचनों को जिस तरह से लिखा है, उनकी सँख्या बनाएँ। नीचे दिया गया उदाहरण 3 यूहन्ना 1 से है। कुछ बाइबल इस पाठ को वचन 14 और 15 के रूप में चिह्नित करते हैं, और कुछ इसे 14 पद के रूप में चिह्नित करते हैं। आप वचन सँख्या को वैसे चिह्नित कर सकते हैं, जैसे आपकी दूसरी बाइबल करती है। 14 परन्तु मैं शीघ्रता से तुझे देखने की अपेक्षा करता हूँ, और हम आमने-सामने बातचीत करेंगे। 15 शान्ति तेरे लिए हो। मित्र तुझे नमस्कार करते हैं। मित्रों का नाम लेकर नमस्कार कर। (3 यूहन्ना 1:14-15 यूएलबी) 14 परन्तु मैं शीघ्रता से तुझे देखने की अपेक्षा करता हूँ, और हम आमने-सामने बातचीत करेंगे। शान्ति तेरे लिए हो। मित्र तुझे नमस्कार करते हैं। मित्रों का नाम लेकर नमस्कार कर। (3 यूहन्ना 14) अगला उदाहरण भजन संहिता 3 से है। कुछ बाइबल भजन के आरम्भ में स्पष्टीकरण को एक वचन के रूप में चिह्नित नहीं करती हैं, और अन्य इसे वचन 1 के रूप में चिह्नित करती हैं। आप वचन सँख्या को वैसे चिह्नित कर सकते हैं, जैसे आपकी दूसरी बाइबल करती है।
1 हे यहोवा, मेरे शत्रु कितने हैं! कई लोग मुझ से दूर हो गए हैं और मुझ पर आक्रमण किया है। 2 कई मेरे बारे में कहते हैं, "परमेश्वर से उसको कोई सहायता नहीं है।" सेला 1 दाऊद का एक भजन, जब वह अपने पुत्र अबशालोम से भागा। 2 हे यहोवा, मेरे शत्रु कितने हैं! कई लोग मुझ से दूर हो गए हैं और मुझ पर आक्रमण किया है। 3 कई मेरे बारे में कहते हैं, "परमेश्वर से उसको कोई सहायता नहीं है।" सेला Next we recommend you learn about:
ULB और UDB में दिए गए प्रारूप बदलने के चिन्हThis page answers the question: ULB और UDB में दिए गए प्रारूप बदलने के चिन्ह कौन कौनसे हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणअनलॉक्ड शाब्दिक बाइबल (यूएलबी) और अनलॉक्ड डायनामिक बाइबल (यूडीबी) पदलोप चिन्ह, लम्बे डैश अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्ह, कोष्टक, और इंडेंटेशन अर्थात् अभिस्थापन का उपयोग यह दिखाने के लिए करते हैं कि मूलपाठ में जानकारी किस प्रकार से सम्बन्धित है। पदलोप चिन्हपरिभाषा - पदलोप चिन्ह (...) का उपयोग यह दिखाने के लिए किया जाता है कि किसी ने एक वाक्य समाप्त नहीं किया है, या लेखक ने जो कुछ कहा है, उस पूरे को उद्धृत नहीं किया गया है। मत्ती 9:4-6 में, पदलोप चिन्ह से पता चलता है कि यीशु ने अपने वाक्य को शास्त्रियों के साथ पूरा नहीं किया जब उसने लकवा ग्रसित व्यक्ति पर अपना ध्यान दिया और उससे बात की:
क्या कहना आसान है, 'तेरे पाप क्षमा हुए हैं,' या यह कहना, 'उठ और चल'? परन्तु तुम जानते हो कि मनुष्य के पुत्र के पास पृथ्वी पर पापों को क्षमा करने का अधिकार है, .... "उसने लकवा ग्रसित से कहा," उठ, अपनी खाट उठा, और अपने घर चला जा।” (यूएलबी) मरकुस 11:31-33 में, पदलोप चिन्ह से पता चलता है कि या तो धार्मिक अगुओं ने अपने वाक्य को पूरा नहीं किया, या मरकुस ने जो कुछ कहा वह समाप्त नहीं हुआ है।
लम्बे पदलोप चिन्ह अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्हपरिभाषा - लम्बी डैश अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्ह (—) ऐसी जानकारी को प्रस्तुत करती है, जो उससे पहले जो कुछ हुआ है, उससे तुरन्त प्रासंगिक होती है। उदाहरण के लिए:
कोष्टकपरिभाषा - कोष्टक “( )" दिखाती हैं कि कुछ जानकारी एक स्पष्टीकरण या बाद का विचार है। यह पृष्ठभूमि की जानकारी होती है, जिसे पाठक उस स्थान पर रखता है, ताकि पाठक को इसके आस-पास की सामग्री को समझने में सहायता मिल सके। यूहन्ना 6:6 में, यूहन्ना ने उस कहानी को हस्तक्षेप कर दिया, जिसे वह लिख रहा था कि यीशु पहले से ही जानता था कि वह क्या करने जा रहा है। यह कोष्टक में रखा जाता है।
नीचे दिए गए कोष्टक में वे शब्द नहीं हैं, जिन्हें यीशु कह रहा था, परन्तु वह हैं, जिसे यूहन्ना पाठक से कह रहा था, पाठक को सतर्क करने के लिए कि यीशु उन शब्दों का उपयोग कर रहा था कि जिस पर उन्हें सोचने और व्याख्या करने की आवश्यकता थी।
अभिस्थापनपरिभाषा - जब मूलपाठ अभिस्थापित किया जाता है, तो इसका अर्थ होता है कि मूलपाठ की रेखा ऊपर और नीचे के मूलपाठ की रेखाओं की तुलना में दाईं ओर से आरम्भ होती है, जो अभिस्थापित नहीं होते हैं। यह काव्य और कुछ सूचियों के लिए, यह दिखाने के लिए किया जाता है कि अभिस्थापित पँक्तियों उनके ऊपर दी गई गैर-अभिस्थापन पँक्तियों का भाग बनती हैं। उदाहरण के लिए:
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बाइबल के अनुवाद में ULB एवं UDB का उपयोग कैसे करेंThis page answers the question: बाइबल का अनुवाद करने में ULB ,oa UDB के उपयोग का सबसे अच्छा तरीका कौनसा है? In order to understand this topic, it would be good to read:
अनुवादकों के रूप में, आप यूएलबी और यूडीबी अनुवादों को उपयोग कर सकते हैं, यदि आप दोनों के बीच में निम्नलिखित भिन्नताओं को स्मरण रखते हैं, और यदि आप जानते हैं कि लक्षित भाषा उन विषयों के साथ सबसे अच्छी तरह से कैसे निपटारा कर सकती है, जो इन मतभेदों का प्रतिनिधित्व करते हैं। विचारों की व्यवस्थायूएलबी अनुवाद उसी क्रम में विचार प्रस्तुत करने की प्रयास करता है, जैसा कि वे स्रोत मूलपाठ में दिखाई देते हैं। यूडीबी अनुवाद एक ऐसे क्रम में विचार को प्रस्तुत करने की प्रयास करती है, जो अंग्रेजी में अधिक स्वाभाविक है, या तर्क के क्रम या अनुक्रम के क्रम का पालन करती है। जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको विचारों को उसी क्रम में रखना चाहिए, जो लक्षित भाषा में स्वाभाविक हों। (देखें घटनाओं की व्यवस्था) 1 पौलुस, यीशु मसीह का एक सेवक, जिसे प्रेरित कहा जाता है, और परमेश्वर के सुसमाचार के लिए अलग हो गया ... 7 यह पत्र उन सभी के लिए है, जो रोम में हैं, जो परमेश्वर के प्रिय हैं। (रोमियों 1:1,7 यूएलबी) 1 मैं, पौलुस, जो मसीह यीशु की सेवा करता है, रोम के शहर में तुम सभी विश्वासियों को यह पत्र लिख रहा हूँ। (रोमियों 1:1 यूडीबी) यूएलबी अनुवाद पौलुस की शैली को उसका पत्र आरम्भ करने की शैली दिखाती है। वह वचन 7 तक नहीं बताता है कि उसके दर्शक कौन हैं। यद्यपि, यूडीबी अनुवाद एक ऐसी शैली का पालन करती है, जो आज अंग्रेजी और कई अन्य भाषाओं में अधिक स्वभाविक है। निहितार्थ जानकारीयूएलबी अनुवाद अक्सर विचार प्रस्तुत करता है, जो अन्य विचारों को निहित कल्पित करते हैं, जो पाठक को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं। यूडीबी अनुवाद अक्सर उन अन्य विचारों को स्पष्ट करता है। यूडीबी अनुवाद आपको यह स्मरण दिलाने के लिए करता है कि आपको कदाचित् अपने अनुवाद में ऐसा ही करना चाहिए यदि आपको लगता है कि मूलपाठ को समझने के लिए आपके दर्शकों को यह जानकारी जाननी होगी। जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको यह निर्धारित करना चाहिए कि इनमें से कौन सा अन्तर्निहित विचार आपके दर्शकों के द्वारा सम्मिलित किए बिना समझा जाएगा। यदि आपके दर्शक इन विचारों को मूलपाठ में सम्मिलित किए बिना समझते हैं, तो आपको उन विचारों को स्पष्ट करने की आवश्यकता नहीं है। यह भी स्मरण रखें कि यदि आप अनिवार्य रूप से अन्तर्निहित विचारों को प्रस्तुत करते हैं, तो वे आपके दर्शकों को भी ठेस पहुँचा सकते हैं कि जिसे वे वैसे भी समझें ही लेंगे। (देखें कल्पित ज्ञान और अस्पष्ट जानकारी)
परन्तु यीशु ने शमौन से कहा, "मत डर! अब तक तुने मछली में इकट्ठा किया है, परन्तु अब से तुम लोगों को मेरे शिष्य बनने के लिए इकट्ठा करेंगे।” (लूका 5:10 यूडीबी) यहाँ यूडीबी अनुवाद पाठक को स्मरण दिलाता है कि शिमौन व्यापार के कारण मछुआरा था। यह साथ ही समानाता को भी स्पष्ट करता है, जिसे यीशु शिमौन के पिछले काम और उसके भविष्य के काम के बीच दर्शाने के लिए कर रहा था। इसके अतिरिक्त, यूडीबी अनुवाद यह स्पष्ट करता है कि क्यों यीशु शिमौन से चाहता था कि वह "मनुष्यों को पकड़े" (यूएलबी), अर्थात् "मेरे शिष्य बनाने" (यूडीबी) का लिए अगुवाई दे।
जब उसने यीशु को देखा, तो वह उसके सामने भूमि पर झुक गया और उससे विनती की, "हे प्रभु, कृपया मुझे चंगा करें , क्योंकि तू चंगा करने में सक्षम हैं यदि तु चाहता है तो! " (लूका 5:12 यूडीबी) यहाँ यूडीबी अनुवाद यह स्पष्ट करता है कि जिस व्यक्ति को कुष्ठ रोग था वह दुर्घटना से भूमि पर नहीं झुका था। इसकी अपेक्षा, वह जानबूझकर भूमि पर झुक गया। इसके अतिरिक्त, यूडीबी अनुवाद यह स्पष्ट करता है कि वह यीशु से उसे चंगा करने के लिए कह रहा है। यूएलबी अनुवाद में, वह केवल इस अनुरोध का तात्पर्य देता है। प्रतीकात्मक क्रियाएँपरिभाषा - एक प्रतीकात्मक कार्यवाही कुछ ऐसा होती है, जिसे किसी एक निश्चित विचार को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। यूएलबी अक्सर प्रतीकात्मक कार्यवाही को बिना किसी व्याख्या के प्रस्तुत करता है, कि इसका क्या अर्थ है। यूडीबी अनुवाद अक्सर प्रतीकात्मक कार्यवाही के द्वारा व्यक्त अर्थ को प्रस्तुत करता है। जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको यह निर्धारित करना चाहिए कि क्या आपके दर्शक एक प्रतीकात्मक कार्यवाही को सही तरीके से समझेंगे या नहीं। यदि आपके दर्शक समझ नहीं पाएंगे, तो आपको यूडीबी अनुवाद के रूप में करना चाहिए। (देखें प्रतीकात्मक कार्यवाही)
यीशु के शब्दों के उत्तर में, महायाजक इतना अधिक चौंक गया था कि उसने अपना बाहरी वस्त्र फाड़ डाले।(मरकुस 14:63 यूडीबी) यहाँ यूडीबी यह स्पष्ट करता है कि यह दुर्घटना से ऐसा नहीं हुआ था कि महायाजक ने अपने वस्त्र फाड़े थे।यह इस बात को भी स्पष्ट करता है कि कदाचित् वह केवल उसका बाहरी वस्त्र था, जिसे उसने फाड़ा था, और उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह यह दिखाना चाहता था कि वह उदास या गुस्से में था या फिर दोनों बातें थीं। क्योंकि महायाजक वास्तव में अपने वस्र को फाड़ देता है, यूडीबी अनुवाद निश्चित रूप से कहता है कि उसने किया था। यद्यपि, यदि एक प्रतीकात्मक कार्यवाही वास्तव में कभी नहीं हुई, तो आपको उस कार्य को बताने की आवश्यकता नहीं है। यहाँ एक उदाहरण दिया गया है:
आप अपने गवर्नर को ऐसे उपहार दिखाने का साहस नहीं करेंगे! आप जानते हैं कि वह उन्हें नहीं लेगा। आप जानते हैं कि वह आपके साथ नाराज होगा और आपका स्वागत नहीं करेगा ! (मलाकी 1:8 यूडीबी) यहाँ यूएलबी में इस तरह से प्रतिनिधित्व की गई प्रतीकात्मक कार्यवाही "किसी के चेहरे को उघाड़ना", यूडीबी में केवल इसका अर्थ प्रस्तुत किया गया है: "वह तुझसे नाराज होगा और तेरा स्वागत नहीं करेगा।" इसे इस तरह से प्रस्तुत किया जा सकता है, क्योंकि मलाकी वास्तव में एक विशेष घटना का वर्णन नहीं कर रहा है, जो वास्तव में घटित हुई थी। वह केवल उस घटना के द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए विचार का वर्णन कर रहा है। क्रिया का निष्क्रिय रूपबाइबल के इब्रानी और यूनानी दोनों भाषा अक्सर क्रिया के निष्क्रिय रूपों का उपयोग करते हैं, जबकि कई अन्य भाषाओं में यह संभावना नहीं होती है। जब मूल भाषाएँ उनका उपयोग करती हैं, तो यूएलबी अनुवाद क्रिया के निष्क्रिय रूपों का उपयोग करने की प्रयास करता है।यद्यपि, यूडीबी सामान्य रूप से इन क्रिया के निष्क्रिय रूपों का उपयोग नहीं करता है। परिणामस्वरूप, यूडीबी अनुवाद कई वाक्यांशों को पुनर्गठित करती है। जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको यह निर्धारित करना होगा कि लक्षित भाषा निम्नलिखित उदाहरणों में निष्क्रिय रूपों की अभिव्यक्ति का उपयोग करके घटनाओं या कथनों को प्रस्तुत कर सकती है या नहीं।यदि आप किसी विशेष सन्दर्भ में क्रिया के निष्क्रिय रूप का उपयोग नहीं कर सकते हैं, तो आप वाक्यांश को पुन: स्थापित करने के लिए यूडीबी अनुवाद में एक संभावित तरीका पा सकते हैं। (देखें सक्रिय या निष्क्रिय) बाइबल से उदाहरण
उसने यह इसलिए कहा क्योंकि वह उनके द्वारा पकड़ी गई मछलियों की एक बड़ी सँख्या के कारण आश्चर्यचकित किया। उसके साथ रहने वाले सभी लोग भी आश्चर्यचकित हुए।(लूका 5:9 यूडीबी) यहाँ यूडीबी अनुवाद निष्क्रिय आवाज में "वह आश्चर्यचकित था" का उपयोग करता है जबकि यूएलबी अनुवाद सक्रिय आवाज में एक क्रिया "आश्चर्यचकित था" का उपयोग करता है
परिणाम यह था कि बड़ी भीड़ यीशु से सिखाने और उससे अपनी बीमारियों से चंगा होने के लिए आई थी . (लूका 5:15 यूडीबी) यहाँ यूडीबी यूएलबी की क्रिया निष्क्रिय रूप से "चंगा होने के लिए" के उपयोग से बचाता है। वह ऐसा वाक्यांश को पुनर्गठन करने के द्वारा करता है। यह कहता है कि चिकित्सक कौन है: "उसके (यीशु) साथ हो कि वह उन्हें ठीक करे।" रूपक और अंलकारपरिभाषा - यूएलबी अनुवाद बाइबल के मूलपाठों में जितनी अधिक हो सके अंलकार का प्रतिनिधित्व करने की प्रयास करता है। यूडीबी अनुवाद अक्सर इन विचारों का अर्थ अन्य तरीकों से प्रस्तुत करता है। जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको यह निर्धारित करना होगा कि लक्षित भाषा पाठक कुछ प्रयासों के साथ, कम प्रयास के साथ अंलकार को समझते हैं या नहीं। यदि उन्हें समझने के लिए एक बड़ा प्रयास करना है, या यदि ये उन्हें पूर्ण रीति से समझ में नहीं आते हैं, तो आपको दूसरे शब्दों का उपयोग करके अंलकार के आवश्यक अर्थ को प्रस्तुत करना होगा।
मसीह ने तुम्हें बहुत सी वस्तुएँ दी हैं . उसने तुम्हें अपनी सच्चाई बोलने और परमेश्वर को जानने में सहायता की। (1 कुरिन्थियों 1:5 यूडीबी) पौलुस शब्द "समृद्ध" में व्यक्त भौतिक सम्पदा के रूपक का उपयोग करता है। यद्यपि वह तुरन्त बताता है कि उसका अर्थ क्या है "सारीब बात और सारे ज्ञान के साथ," कुछ पाठक न समझ सकें। यूडीबी अनुवाद भौतिक सम्पदा के रूपक को उपयोग किए बिना विचार को अलग तरीके से प्रस्तुत करता है। (देखें रूपक)
जब मैं तुम्हें भेजता हूँ, तो तुम भेड़िये के रूप में खतरनाक पाए जाने वाले लोगों के बीच भेड़ के रूप में होंगे . (मत्ती 10:16 यूडीबी) यीशु एक रूपक का उपयोग करता है, जो उसके प्रेरितों को लोगों के बीच जाने की तुलना भेड़िये के बीच भेड़ के जाने से करता है। कुछ पाठक यह नहीं समझ सकते कि प्रेरित कैसे भेड़ों की तरह होंगे जबकि अन्य लोग भेड़िये की तरह होंगे। यूडीबी अनुवाद स्पष्ट करता है कि प्रेरित असुरक्षित होंगे, और उनके शत्रु खतरनाक होंगे। (देखें उपमा)
यदि तुम अपेक्षा करते हैं कि परमेश्वर तुम्हें अपनी दृष्टि में अच्छा घोषित करे क्योंकि तुम व्यवस्था का पालन करने का प्रयास करते हैं , तुमने स्वयं को मसीह से अलग कर दिया है; परमेश्वर अब तुम्हारे प्रति दयालु कार्य नहीं करेगा। (गलातियों 5:4 यूडीबी) पौलुस विडंबना का उपयोग करता है, जब वह उन्हें कानून द्वारा न्यायसंगत ठहराए जाने को उद्धृत करता है। उसने पहले ही उन्हें सिखाया था कि कानून के द्वारा किसी को भी न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता है। यूएलबी अनुवाद यह दिखाने के लिए "न्यायसंगत" के आसपास उद्धरण चिह्नों का उपयोग करता है कि पौलुस वास्तव में विश्वास नहीं करता था कि वे कानून के द्वारा न्यायसंगत ठहराए गए थे। यूडीबी अनुवाद इसी विचार का उपयोग करके स्पष्ट करता है कि यही वह बात जिस पर अन्य लोगों ने विश्वास किया था। (देखें आयरनी) अमूर्त अभिव्यक्तियांयूएलबी अक्सर अमूर्त संज्ञाओं, विशेषणों, और वाक्य के अन्य भागों का उपयोग करता है, क्योंकि यह बाइबल के मूलपाठों के साथ मिलकर काम करने का प्रयास करते हैं। यूडीबी इस तरह की अमूर्त अभिव्यक्तियों का उपयोग नहीं करने की प्रयास करता है, क्योंकि कई भाषाएँ अमूर्त अभिव्यक्तियों का उपयोग नहीं करती हैं। जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको यह निर्धारित करना होगा कि लक्षित भाषा इन विचारों को प्रस्तुत करने के लिए किसे प्राथमिकता देती है। (देखें अमूर्त संज्ञाएँ)
मसीह ने तुम्हें इतनी सारी वस्तुएँ दी हैं। उसने तुम्हें अपनी सच्चाई बोलने में और परमेश्वर को जानने के लिए सहायता की। (1 कुरिन्थियों 1:5 यूडीबी) यहाँ यूएलबी अनुवाद अभिव्यक्तियाँ "सारी बातें" और "सारे ज्ञान" अमूर्त संज्ञा की अभिव्यक्तियाँ हैं। उनके साथ एक समस्या यह है कि पाठकों को यह नहीं पता चलता है कि किसे बोलना है और उन्हें क्या बोलना है, या कौन जानने का कार्य कर रहा है और वह क्या बात जिसे उन्हें जानना हैं। यूडीबी अनुवाद इन प्रश्नों का उत्तर देता है। निष्कर्षसंक्षेप में, यूएलबी आपको अनुवाद करने में सहायता करेगा क्योंकि यह आपको मूल बाइबल मूलपाठों के रूप में एक बड़े स्तर पर समझने में सहायता कर सकता है। यूडीबी आपको अनुवाद करने में सहायता कर सकता है, क्योंकि यह यूएलबी मूलपाठ के अर्थ को स्पष्ट करने में सहायता कर सकता है, और साथ ही यह आपको बाइबल के मूलपाठ में विचारों को अपने स्वयं के अनुवाद में स्पष्ट करने के विभिन्न तरीकों को दे सकता है। अनुवाद करते वक्त अनुवाद सहायक(ट्रांसलेशन हेल्प) का उपयोग करेंलिंक्स के साथ नोट्सThis page answers the question: मैं अनुवाद नोट्स का उपयोग क्यों करूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
अनुवाद नोट्स में दो प्रकार के लिंक अर्थात् सम्पर्क होते हैं: एक सम्पर्क ट्रैन्स्लेशनअकैडमी विषय पृष्ठ के लिए और दूसरा उसी पुस्तक के भीतर दोहराए गए शब्दों या वाक्यांशों से सम्पर्क स्थापित करने के लिए। ट्रैन्स्लेशनअकैडमी के विषयट्रैन्स्लेशनअकैडमी विषयों का उद्देश्य बाइबल को अपनी भाषा में अनुवाद करने के तरीके के बारे में जानने के लिए हर किसी को, कहीं भी सक्षम करना है। वे वेबसाइट और ऑफ़लाइन मोबाइल वीडियो प्रारूपों में समय-समय पर सीखने के लिए अत्यधिक लचीला होने की मंशा रखते हैं। प्रत्येक अनुवाद नोट यूएलबी अनुवाद से एक वाक्यांश का अनुसरण करता है और उस वाक्यांश का अनुवाद करने के तरीके पर तत्काल सहायता प्रदान करेगा। कभी-कभी सुझाए गए अनुवाद के अन्त में कोष्ठक में एक कथन होगा, जो ऐसा दिखाई दे सकता है: (देखें: रूपक)। हरे रंग में दिए गए शब्दों या शब्द ट्रैन्स्लेशनअकैडमी के एक विषय के लिए एक लिंक हैं। विषय के बारे में अधिक जानने के लिए आप सम्पर्क पर क्लिक कर सकते हैं। ट्रैन्स्लेशनअकैडमी विषय जानकारी को पढ़ने के कई कारण हैं:
उदाहरण
एक पुस्तक में दोहराए गए वाक्यांशकभी-कभी एक पुस्तक में एक वाक्यांश का प्रयोग कई बार किया जाता है। जब ऐसा होता है, तो अनुवाद नोट्स-हरे अध्याय और वचन की सँख्याओं में एक लिंक होगा जिस पर आप क्लिक कर सकते हैं-जो आपको उस वाक्यांश पर वापस ले जाएगा, जहाँ आपने सबसे पहले उस वाक्यांश का अनुवाद किया है। ऐसे कई कारण हैं, जिनसे आप उस स्थान पर वापस जाना चाहेंगे, जहाँ शब्द या वाक्यांश का सबसे पहले अनुवाद किया गया था:
ये लिंक आपको उस पुस्तक में केवल नोट्स पर ले जाएंगे जिन पर आप काम कर रहे हैं। उदाहरण
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ट्रांसलेशन नोट्स का उपयोगThis page answers the question: विभिé प्रकार के अनुवाद नोट्स कौन कौनसे हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
यूएलबी अनुवाद से अनुवाद करने के लिए
अनुवाद नोट्स यूएलबी अनुवाद से नकल किए गए शब्द या वाक्यांश हैं और तब उनकी व्याख्या की गई है। अंग्रेजी में, प्रत्येक नोट जो यूएलबी की व्याख्या करता है, वैसे ही आरम्भ होता है। यहाँ पर बुलेट प्वाइंट अर्थात् गोलिका-चिह्न दिए गए हैं, बड़े अझरों में दिया गया यूएलबी अनुवाद का मूलपाठ है, जिसके बाद डैश अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्ह आती है, और उसके बाद अनुवादक के लिए अनुवाद सुझाव या जानकारी होती है। नोट्स इस प्रारूप का पालन करता है:
नोट्स के प्रकारअनुवाद नोट्स में कई भिन्न प्रकार के नोट्स दिए गए हैं। प्रत्येक नोट स्पष्टीकरण को एक भिन्न तरीके से देता है। नोट के प्रकार को जानना अनुवादक को बाइबल के मूलपाठ को अपनी भाषा में अनुवाद करने के सर्वोत्तम तरीके में निर्णय लेने में सहायता करेगा।
सुझाए गए अनुवादकई प्रकार के सुझाए गए अनुवाद पाए जाते हैं।
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नोट्स में जोड़ने वाले कथन एवं आम सूचनाएँThis page answers the question: कुछ अनुवाद नोट्स की शुरूआत में ULB के लेख होते ही क्यों नही हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणकभी-कभी, नोट्स की सूची के शीर्ष पर, ऐसे नोट्स होते हैं जो सम्पर्क स्थापित करता हुआ कथन या सामान्य जानकारी से आरम्भ होते हैं। एकसम्पर्क स्थापित करता हुआ कथन बताता है कि कैसे एक खण्ड पवित्रशास्त्र में पहले के खण्डों से सम्बन्धित है। सम्पर्क स्थापित करते हुए कथन में निम्नलिखित कुछ प्रकारों की जानकारी दी गई है।
एकसामान्य जानकारी वाला नोट उस खण्ड में विषयों के बारे में बताता है, जो एक से अधिक वाक्यांशों को पूरा करते हैं। जानकारी के कुछ प्रकारों निम्नलिखित दिया गया है, जो सामान्य सूचना विवरण में दिखाई देते हैं।
दोनों प्रकार के नोट आपको सन्दर्भ को सर्वोत्तम रीति से समझने में सहायता करने के लिए हैं और उन विषयों से अवगत रहें, जिन्हें आपको अनुवाद में सम्बोधित करने की आवश्यकता हो सकती है। उदाहरणक्या यह खण्ड आरम्भ, निरन्तरता या का अन्त सन्दर्भ है
कौन बोल रहा है
व्यक्ति या वस्तु जिसे सर्वनाम यहाँ उद्धृत कर रहा है'
महत्वपूर्ण पृष्ठभूमि या निहित जानकारी
परिभाषा के साथ नोट्सThis page answers the question: जब मैं लेख में परिभाषा को देखता हूँ तो मैं उसे अनुवाद करने का क्या निर्णय लूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणकभी-कभी आप नहीं जानते कि यूएलबी अनुवाद में क्या शब्द हैं। नोट्स में शब्द या वाक्यांश की एक परिभाषा या वर्णन हो सकता है, ताकि आपको यह समझने में सहायता मिल सके कि इसका क्या अर्थ है। अनुवाद नोट्स के उदाहरणशब्दों या वाक्यांशों की सरल परिभाषा उद्धरणों या वाक्य प्रारूप के बिना जोड़ दी जाती है। यहाँ उदाहरण दिए गए हैं:
अनुवाद के सिद्धान्त
अनुवाद की रणनीतियाँउन शब्दों या वाक्यांशों का अनुवाद करने के बारे में अधिक जानकारी के लिए अज्ञात का अनुवाद करें देखें जो आपकी भाषा में ज्ञात नहीं हैं। Next we recommend you learn about:
वर्णन करने वाले नोट्सThis page answers the question: जब मैं लेख में एक वर्णन देखूँ तो मैं उसे अनुवाद करने का क्या निर्णय लूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणकभी-कभी आप नहीं जानते कि यूएलबी अनुवाद में किसी शब्द या वाक्यांश का क्या अर्थ है, और इसका उपयोग यूडीबी अनुवाद में भी किया जा सकता है। इस घटना में, यह नोट्स में समझाया जाएगा। ये स्पष्टीकरण शब्द या वाक्यांश को समझने में आपकी सहायता के लिए हैं। अपनी बाइबल में स्पष्टीकरणों का अनुवाद न करें। अर्थ को समझने में आपकी सहायता के लिए उनका उपयोग करें ताकि आप बाइबल के मूलपाठ का सही अनुवाद कर सकें। अनुवाद नोट्स के उदाहरणशब्दों या वाक्यांशों के बारे में सरल स्पष्टीकरण पूर्ण वाक्यों के रूप में लिखा जाता है। वे बड़े अक्षरों से आरम्भ होते हैं और एक विराम ("।") के साथ समाप्त होते हैं।
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प्रयायवाची एवं समान कथनों के साथ नोट्सThis page answers the question: जब मैं लेख में शब्दों को दो संबोधक चिन्हों में देखता हूँ तो मैं उसे अनुवाद करने का क्या निर्णय लूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणकुछ नोट्स एक अनुवाद सुझाव को प्रदान करते हैं, जो यूएलबी अनुवाद में उद्धृत शब्द या वाक्यांश को प्रतिस्थापित कर सकता है। ये प्रतिस्थापन वाक्य के अर्थ को परिवर्तित किए बिना वाक्य में उपयुक्त हो सकते हैं। ये समानार्थी और समकक्ष वाक्यांश हैं और दोहरे-उद्धरणों में लिखे गए हैं। ये यूएलबी अनुवाद में दिए गए मूलपाठ के जैसे ही हैं। इस तरह का नोट आपको एक ही बात कहने के अन्य तरीकों के बारे में सोचने में सहायता कर सकता है, यदि यूएलबी अनुवाद में शब्द या वाक्यांश आपकी भाषा में स्वभाविक समतुल्यता को देता हुआ प्रतीत नहीं होता है। अनुवाद नोट्स के उदाहरण
इस उदाहरण में, शब्द "सड़क" या शब्द "मार्ग" यूएलबी अनुवाद में "पथ" शब्द को प्रतिस्थापित कर सकती है। आप निर्धारित कर सकते हैं कि आपकी भाषा में "मार्ग," "पथ" या "सड़क" कहना स्वाभाविक है या नहीं।
इस उदाहरण में, "उसी तरह, डीकन" या "डीकन, पर्यवेक्षकों की तरह" शब्द यूएलबी में "डीकन, वैसे ही" शब्दों को प्रतिस्थापित कर सकते हैं। आप, अनुवादक के रूप में, यह निर्धारित कर सकते हैं कि आपकी भाषा के लिए स्वभाविक क्या है। Next we recommend you learn about:
वैकल्पिक अनुवाद (AT) वाले नोट्सThis page answers the question: जब मैं लेख में ‘‘AT:’’ को देखता हूँ तो मैं उसे अनुवाद करने का क्या निर्णय लूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणयदि लक्षित भाषा प्राथमिकता देती है या इसे किसी भिन्न रूप अर्थात् ढ़ाचें की आवश्यकता होती है तो यूएलबी अनुवाद के रूप को परिवर्तित करने का एक वैकल्पिक तरीका है। वैकल्पिक अनुवाद का उपयोग केवल तभी किया जाना चाहिए जब यूएलबी अनुवाद का रूप अर्थात् ढ़ांचा या सामग्री गलत अर्थ दे, या अस्पष्ट या अस्वभाविक हो। उदाहरण के लिए, वैकल्पिक अनुवाद के सुझाव में अन्तर्निहित जानकारी स्पष्ट रूप से, कर्म वाच्य से कर्ता वाच्य में परिवर्तित करते हुए बताई जा सकती है, या कथन के रूप में भाषणगत प्रश्नों को पुन: प्रस्तुत करना सम्मिलित होता है। नोट्स अक्सर समझाते हैं कि वैकल्पिक अनुवाद क्यों होता है और उसका पृष्ठ के साथ सम्पर्क होता है, जो विषय की व्याख्या करता है। अनुवाद नोट्स के उदाहरण"AT:" इंगित करता है कि यह एक वैकल्पिक अनुवाद है। कुछ उदाहरण निम्न दिए गए हैं: अस्पष्ट जानकारी को स्पष्ट करना
वैकल्पिक अनुवाद "कोई राजाज्ञा नहीं बदली जा सकती है। इसलिए उन्हें दानिय्येल को सिंहों के गड्ढे में फेंक देना चाहिए।” (देखें: स्पष्ट) अतिरिक्त वाक्य दिखाता है कि वक्ता चाहता था कि राजा अपने स्मरणपत्र से समझ प्राप्त कर सके कि राजा की राजाज्ञा और विधानों को नहीं बदला जा सकता है। अनुवादकों को अनुवाद में स्पष्ट रूप से कुछ बातों को बताने की आवश्यकता हो सकती है, जिसे मूल वक्ता या लेखक बिना कहे हुए या अस्पष्ट छोड़ देता है। कर्म वाच्य से कर्ता वाच्य में परिवर्तन करना
वैकल्पिक अनुवाद: परमेश्वर उसे क्षमा नहीं करेगा। इसे एक क्रिया का उपयोग करके सकारात्मक तरीके से भी व्यक्त किया जा सकता है अर्थात् "क्षमा करना" के विपरीत को व्यक्त करना। वैकल्पिक अनुवाद "परमेश्वर उसे सदैव के लिए दोषी मानेगा" (देखें: कर्ता से कर्म वाच्य) यह नोट उदाहरण देता है कि अनुवादक कैसे इस कर्म वाची वाक्य का अनुवाद कर सकते हैं, यदि उनकी भाषा कर्म वाची वाक्य का उपयोग नहीं करती है। भाषणगत प्रश्न
कुछ भाषाओं में, एक कथन अधिक स्वभाविक होगा (वैकल्पिक अनुवाद): "तू मुझे सता रहा है!" या एक आदेश (वैकल्पिक अनुवाद): "मुझे सताना बन्द करो!" (देखें: भाषणगत प्रश्न) यदि आपकी भाषा किसी को ताड़ना देने के लिए भाषणगत प्रश्न के उसी रूप का उपयोग नहीं करती है तो यहाँ दिया गया अनुवाद सुझाव (वैकल्पिक अनुवाद) भाषणगत प्रश्न का अनुवाद करने का एक वैकल्पिक तरीका प्रदान करता है। UDB के उद्धरण को शामिल करने वाले नोट्सThis page answers the question: कुछ अनुवाद नोट्स में UDB से उद्धरण चिन्ह क्यों लिए होते हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणकभी-कभी एक नोट यूडीबी अनुवाद से अनुवाद का सुझाव देता है। उस घटना में यूडीबी के मूलपाठ का पालन दी गई बातों से किया जाएगा “(यूडीबी)।" अनुवाद नोट्स के उदाहरण
इस वचन के लिए नोट यह कहता है कि:
यहाँ 'आकाश में बैठता है' वाक्यांश के लिए सुझाए गए दो अनुवाद हैं। पहला स्पष्ट रूप से व्यक्त करता है कि जो "स्वर्ग में बैठता है" वह क्या दर्शाता है। दूसरा स्पष्ट रूप से बताए गए निर्णयों के विचार के बारे में एक संकेत देता है कि वह अपने "सिंहासन" पर बैठता है। यह सुझाव यूडीबी अनुवाद से है।
इस वचन के लिए नोट यह कहता है कि:
वैकल्पिक अर्थ वाले नोट्सThis page answers the question: कुछ अनुवाद नोट्स में संख्याबद्ध अनुवाद के सुझाव क्यों होते हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणवैकल्पिक अर्थ यह है कि जब बाइबल के विद्वानों के पास कोई शब्द या वाक्यांश का अर्थ होता है, तो समझ भिन्न होती है। नोट में यूएलबी अनुवाद का मूलपाठ होगा जो "दिए गए संभावित अर्थ" शब्दों के साथ आरम्भ होना वाला एक स्पष्टीकरण के साथ होगा। अर्थों को गिना जाता है, और पहला वही होता है, जिसे बाइबल के अधिकांश विद्वान सही मानते हैं। यदि कोई अर्थ इस तरह दिया जाता है कि इसे अनुवाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है, तो इसके आस-पास उद्धरण चिह्न होंगे। अनुवादक को यह निर्धारित करने की आवश्यकता है कि किस अर्थ का अनुवाद करना है। अनुवादक पहले अर्थ का चयन कर सकते हैं, या वे अन्य अर्थों में से एक चुन सकते हैं यदि उनके समुदाय के लोग दूसरे बाइबल संस्करण का उपयोग करते हैं और उनका सम्मान करते हैं। अनुवाद नोट्स के उदाहरण
"आपके कपड़ों का छोर" के द्वारा अनुवादित शब्द का अर्थ वस्त्र के ढीले भागों को दर्शाता है। अधिकांश विद्वानों का मानना है कि यह यहाँ किनारे को सन्दर्भित करता है, परन्तु यह नीचे के ढीले भाग को भी दिखा सकता है या कमरबन्द के आस-पास के बीच का किनारा भी हो सकता है।
पतरस दुर्घटनावश नहीं गिरा था। उसने ऐसा यीशु के लिए विनम्रता और सम्मान के संकेत के रूप में किया था। यह नोट बताता है कि "यीशु के घुटनों पर गिरने" का क्या अर्थ हो सकता है। पहला अर्थ सबसे अधिक सही है, परन्तु अन्य अर्थ भी सम्भव हैं। यदि आपकी भाषा में एक ऐसी सामान्य अभिव्यक्ति नहीं है, जिसमें इन तरह के विभिन्न कार्यों को सम्मिलित किया जा सकता है, तो आपको इन संभावनाओं में से एक को चुनने की आवश्यकता हो सकती है, जिसे शिमौन पतरस ने विशेष रूप से वर्णन किया था। यह सोचने में भी सहायतापूर्ण है कि शिमौन पतरस ने ऐसा क्यों किया, और किस तरह की कार्यवाही आपकी संस्कृति में नम्रता और सम्मान के समतुल्य दृष्टिकोण को संचारित करेगी। संभावित अर्थों के साथ नोट्सThis page answers the question: जब मैं लेख में ‘‘संभव’ शब्द को देखता हूँ तो मैं उसे अनुवाद करने का क्या निर्णय लूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणकभी-कभी बाइबल के विद्वान निश्चित रूप से नहीं जानते हैं, या इस बात पर सहमत नहीं होते हैं, बाइबल में एक विशेष वाक्यांश या वाक्य का क्या अर्थ है। इसके कुछ कारणों में निम्न बातें सम्मिलित हैं:
अनुवाद नोट्स के उदाहरणजब कई विद्वान कहते हैं कि एक शब्द या वाक्यांश का अर्थ एक ही बात है, और कई अन्य कहते हैं कि इसका अर्थ अन्य बातों से हैं, तो हम सबसे सामान्य अर्थ को दिखाते हैं, जिसे वे देते हैं। ऐसी परिस्थितियों में हमारे नोट "संभावित अर्थ हैं" के साथ आरम्भ होते हैं और फिर क्रमांकित सूची को प्रदान करते हैं। हम अनुशंसा करते हैं कि आप दिए गए पहले अर्थ का उपयोग करें। यद्यपि, यदि आपके समुदाय के लोगों के पास किसी अन्य बाइबल तक पहुँच है, जो किसी अन्य संभावित अर्थों में से किसी एक का उपयोग करती है, तो आप यह निर्धारित कर सकते हैं कि क्या उस अर्थ का उपयोग करना सर्वोत्तम तरीका है।
अनुवाद की रणनीतियाँ
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अलंकार के शब्दों को पहचानने वाले नोट्सThis page answers the question: कैसे पता लगेगा कि अनुवाद नोट्स अलंकार है या नही? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणअंलकार उन बातों को कहने के तरीके होते हैं, जो गैर-शाब्दिक तरीकों से शब्दों का उपयोग करते हैं। अर्थात्, अंलकार का अर्थ अपने शब्दों के अधिक प्रत्यक्ष अर्थ के समतुल्य नहीं होता है। अंलकार भिन्न प्रकारों के होते हैं। अनुवाद नोट्स में विद्यमान अंलकार के अर्थ के बारे में एक स्पष्टीकरण होगा, जो कि सन्दर्भ में है। कभी-कभी वैकल्पिक अनुवाद प्रदान किया जाता है। इसे "एटी" के रूप में चिह्नित किया गया है, जो "वैकल्पिक अनुवाद" शब्दों के आरम्भिक अक्षर हैं। ट्रैन्स्लेशनअकैडमी (टीए) के एक पृष्ठ का एक सम्पर्क भी होगा, जो उस तरह के अंलकार के लिए अतिरिक्त जानकारी और अनुवाद रणनीतियों को प्रदान करता है। अर्थ का अनुवाद करने के लिए, आपको अंलकार को पहचानने और स्रोत भाषा में इसका अर्थ क्या है, का पता लगाने में सक्षम होना चाहिए। तत्पश्चात् आप लक्षित भाषा में वही अर्थ संचारित करने के लिए या तो अंलकार को या प्रत्यक्ष तरीके को चुन सकते हैं। अनुवाद नोट्स के उदाहरण
इस नोट में अंलकार को उपलक्ष्य अलंकार कहा जाता है। "मेरे नाम में" वाक्यांश वक्ता के नाम (यीशु) को नहीं, अपितु उसके व्यक्तित्व और अधिकार को सन्दर्भित करता है। नोट दो वैकल्पिक अनुवादों को देकर इस सन्दर्भ में उपलक्ष्य अलंकार को बताता है। उसके बाद, उपलक्ष्य अलंकार के बारे में टीए पृष्ठ पर एक सम्पर्क दिया गया है। उपलक्ष्य अलंकारों को अनुवाद करने के लिए उपलक्ष्य अलंकार और सामान्य रणनीतियों के बारे में जानने के लिए सम्पर्क पर क्लिक करें। क्योंकि यह वाक्यांश भी एक सामान्य मुहावरा है, नोट में टीए पृष्ठ का एक सम्पर्क सम्मिलित है जो मुहावरे को बताता है।
इस नोट में अंलकार को रूपक कहा जाता है। नोट रूपक को समझाता है और दो वैकल्पिक अनुवादों को प्रदान करता है। उसके बाद, रूपकों के बारे में टीए पृष्ठ पर एक सम्पर्क दिया गया है। अनुवादकों के लिए रूपकों और सामान्य रणनीतियों के बारे में जानने के लिए सम्पर्क पर क्लिक करें। प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष उद्धरणों को पहचानने वाले नोट्सThis page answers the question: अनुवाद नोट्स की मदद से मैं प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष संबोधक चिन्हों का अनुवाद कैसे कर सकता हूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणदो प्रकार के उद्धरण: प्रत्यक्ष उद्धरण और अप्रत्यक्ष उद्धरण होते हैं। उद्धरण का अनुवाद करते समय, अनुवादकों को यह निर्धारित करने की आवश्यकता होती है कि इसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में अनुवाद करना है या नहीं। (देखें: प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष उद्धरण) जब यूएलबी अनुवाद में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उद्धरण आता है, तो नोट्स के पास अन्य प्रकार के उद्धरण के रूप में अनुवाद करने का विकल्प हो सकता है। अनुवाद सुझाव "प्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में अनुवादित किया जा सकता है:" या "इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में अनुवादित किया जा सकता है:" और इसके बाद उस तरह के उद्धरण के साथ इसका सुझाव दिया जा सकता है। इसके बाद "प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष उद्धरण" नामक सूचना पृष्ठ का एक सम्पर्क होगा, जो दोनों प्रकार के उद्धरणों की व्याख्या करता है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष उद्धरणों के बारे में एक नोट हो सकता है, जब उद्धरण के भीतर एक और उद्धरण होता है, क्योंकि ये भ्रम उत्पन्न कर सकते हैं। कुछ भाषाओं में इन उद्धरणों में से एक को प्रत्यक्ष उद्धरण और दूसरे को अप्रत्यक्ष उद्धरण के साथ अनुवाद करना अधिक स्वाभाविक हो सकता है। नोट "उद्धरणों के भीतर उद्धरण नामक सूचना पृष्ठ एक सम्पर्क के साथ समाप्त होगा।" अनुवाद नोट्स के उदाहरण
यहाँ अनुवाद नोट दिखाता है कि अप्रत्यक्ष उद्धरण को प्रत्यक्ष उद्धरण में कैसे परिवर्तित किया जाए, यदि यह लक्षित भाषा में स्पष्ट या अधिक स्वभाविक होते हैं।
यहाँ अनुवाद नोट दिखाता है कि प्रत्यक्ष उद्धरण को अप्रत्यक्ष उद्धरण में कैसे परिवर्तित किया जाए, यदि यह लक्षित भाषा में स्पष्ट या अधिक स्वभाविक होता हैं। ULB कथनों के साथ नोट्सThis page answers the question: कुछ अनुवाद नोट्स पिछले लेख को दोहराते हूए क्यों प्रतीत होते हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणकभी-कभी एक वाक्यांश के लिए नोट्स होते हं और उस वाक्यांश के अंशों के लिए भिन्न नोट्स होते हैं। इस स्थिति में, बड़े वाक्यांश की पहले, और तत्पश्चात् अंश की व्याख्या की जाती है। अनुवाद नोट्स के उदाहरण
वैकल्पिक अनुवाद "ऐसा इसलिए है, क्योंकि तू सुनने और पश्चाताप करने से इन्कार करता है" (देखें: रूपक और [उपलक्ष्य अलंकार])
शब्दों के अनुवाद संसाधन का उपयोग करनाThis page answers the question: शब्दों का अनुवाद संसाधन मुझे सर्वोत्तम अनुवाद बनाने में कैसे सहायता कर सकता है? In order to understand this topic, it would be good to read:
शब्दों का अनुवादअनुवादक का यह कर्तव्य है कि वह अपनी योग्यता के अनुसार, यह सुनिश्चित करे कि बाइबल का प्रत्येक सन्दर्भ जिसका वह अनुवाद करता है, का वही अर्थ हो जिसे उस सन्दर्भ का लेखक सम्प्रेषित करने की मंशा रखता है। ऐसा करने के लिए, उसे बाइबल के विद्वानों के द्वारा अनुवाद की सहायता के लिए तैयार की सहायता का अध्ययन करने की आवश्यकता होगी, जिसमें शब्दों का अनुवाद संसाधन भी सम्मिलित हैं। शब्दों का अनुवाद संसाधन का उपयोग करने के लिए, इन चरणों का पालन करें:
एक बार जब आपको शब्दों के अनुवाद संसाधन के लिए एक अच्छा अनुवाद मिल जाता है, तो आपको इसका उपयोग पूरे अनुवाद में निरन्तर करना चाहिए। यदि आपको कोई ऐसी स्थान मिलता है, जहाँ वह अनुवाद अपने सही रूप में नहीं होता है, तो इसी प्रक्रिया के माध्यम से फिर से सोचें। यह हो सकता है कि समान अर्थ वाला एक शब्द नए सन्दर्भ में सर्वोत्तम रूप से सही रूप में आ जाए। शब्दों के अनुवाद संसाधन में से अनुवाद करने के लिए आप जिस प्रत्येक शब्द या शब्दों का उपयोग कर रहे हैं, उस पर दृष्टि बनाए रखें और यह जानकारी सभी अनुवाद समूह को उपलब्ध कराएँ। इससे प्रत्येक अनुवाद समूह को सभी लोगों को यह जानने में सहायता मिलेगी कि उन्हें किन शब्दों का उपयोग करना चाहिए। अज्ञात विचारकभी-कभी शब्दों का अनुवाद संसाधन किसी ऐसी वस्तु या परम्परा को सन्दर्भित करता है, जो लक्ष्य भाषा में अज्ञात होती है। इसका संभावित समाधान एक वर्णनात्मक वाक्यांश का उपयोग करना, कुछ इसी तरह का विकल्प देना, किसी अन्य भाषा से विदेशी शब्द का उपयोग करना, अधिक सामान्य शब्द का उपयोग करना या अधिक विशिष्ट शब्दों का उपयोग करना है। अधिक जानकारी के लिए अनुवाद अज्ञात पर दिए हुए अध्याय को देखें। एक प्रकार का 'अज्ञात विचार' वे शब्द होते हैं, जो यहूदी और मसीही धार्मिक रीति-रिवाजों और मान्यताओं का उल्लेख करते हैं। कुछ सामान्य अज्ञात विचार निम्नलिखित हैं: स्थानों के नाम जैसे:
ऐसे लोगों की उपाधियाँ जो एक पद पर बैठे हुए हैं जैसे:
बाइबल की मुख्य अवधारणाएँ जैसे:
ध्यान दें कि ये सभी संज्ञाएँ हैं, परन्तु वे घटनाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं, इसलिए उन्हें (क्रिया) वाक्यांश के द्वारा ही अनुवादित करने की आवश्यकता हो सकती है। आपको अनुवाद समूह के अन्य सदस्यों या अपनी कलीसिया या गाँव के लोगों के साथ शब्दों के अनुवाद संसाधन की इन परिभाषाओं की चर्चा करने की आवश्यकता हो सकती है, ताकि उन्हें अनुवाद करने का सबसे अच्छा तरीका पता चले। Next we recommend you learn about:
अनुवाद प्रश्नों का उपयोगThis page answers the question: अनुवाद प्रश्न की मदद से मैं अपने अनुवाद को बेहतर कैसे बना सकता हूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
यह अनुवादक का कर्तव्य है, कि अपनी सर्वोत्तम योग्यता के अनुसार, यह सुनिश्चित करे कि प्रत्येक बाइबल सन्दर्भ जिस का वह अनुवाद करता है, उसका अर्थ वही है, जैसा उस सन्दर्भ के लेखक ने उसे संचारित करने का मंशा से लिखा था। ऐसा करने के लिए, अनुवाद के सहायता की आवश्यकता होगी, जिसे अनुवाद प्रश्नों सहित बाइबल के विद्वानों के द्वारा तैयार किया गया है। अनुवाद प्रश्न (टीक्यू) यूएलबी अनुवाद के मूलपाठ के ऊपर आधारित हैं, परन्तु इनका उपयोग किसी भी बाइबल अनुवाद की जाँच के लिए किया जा सकता है। वे बाइबल की विषय वस्तु के बारे में प्रश्न पूछते हैं, जिसे परिवर्तित नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि ये भिन्न भाषाओं में अनुवादित की गई है। प्रत्येक प्रश्न के साथ, टीक्यू उस प्रश्न के लिए एक सुझाए गए उत्तर को प्रदान करता है। आप अपने अनुवाद की सटीकता की जाँच करने के लिए प्रश्नों और उत्तरों की इन सूचियों का उपयोग कर सकते हैं, और आप उन्हें भाषा समुदाय के सदस्यों के साथ भी उपयोग कर सकते हैं। सामुदायिक जाँच के दौरान टीक्यू का उपयोग करने से अनुवादक को यह पता चल जाएगा कि लक्षित भाषा अनुवाद सही बात को स्पष्ट रूप से संचारित कर रहा है या नहीं। यदि समुदाय के सदस्य बाइबल के अध्याय के अनुवाद को सुनने के बाद प्रश्नों का सही उत्तर देते हैं, तो अनुवाद स्पष्ट और सटीक है। टीक्यू के साथ अनुवाद को जाँचनास्व-जाँच करते समय टीक्यू का उपयोग करने के लिए, इन चरणों का पालन करें:
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सही समय पर सीखने का अनुखंडभाषा के अलंकारलेखों के भेदThis page answers the question: ULB में छूटे अथवा अतिरिक्त पद क्यों होते हैं और क्या मैं उनका अनुवाद करूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणहजारों वर्ष पहले, लोगों ने बाइबल की पुस्तकों को लिखा था। उसके बाद अन्य लोगों ने हाथों से उनकी नकल बनाईं और उनका अनुवाद किया। उन्होंने यह काम बहुत ही अधिक सावधानी से किया, और कई वर्षों तक कई लोगों ने हजारों प्रतियाँ बनाईं। तथापि,जिन लोगों ने उनका पुनरावलोकन किया, उन्होंने पाया कि उनमे कुछ छोटी-छोटी भिन्नाताएँ थीं। कुछ लिपिकों ने गलती से कुछ शब्दों को छोड़ दिया था या कुछ वैसे ही दिखने वाले अन्य शब्द के भ्रम में पढ़ गए। यदा-कदा उन्होंने कुछ शब्द वरन पूर्अण वाक्य भी अपनी ओर से जोड़ दिए जो या तो संयोगवश था या वे किसी बात को समझाना चाहते थे। आज की बाईबल प्रतियां इन्ही प्राचीन लिपिओं का अनुवाद हैं| आज की कुछ बाईबल प्रतियों में इन अतिरिक्त वाक्यों को रखा गया है| ULT में, इन अतिरिक्त वाक्यों को प्रायः पाद टिप्पणियों में दर्शाया गया है| बाईबल के विद्वानों ने कई पुरानी प्रतियों को पढ़ा है और उनकी परस्पर तुलना की है। बाइबल में उस प्रत्येक स्थान पर जहाँ थोड़ी सी भिन्नता थी, उन्होंने यह पता लगाया है कि कौन से शब्दों का यथोचित सही होना सर्व संभावित है। ULT के अनुवादकों ने ULT को उन शब्दों पर आधारित रखा है जिनको बाईबलविद सर्व संभावना में सही बताते हैं| क्योंकि ULT पढ़ने वालों के पास अन्य मूल लिपिओं पर आधारित बाईबल भी होती हैं| ULT के अनुवादकों ने यदा-कदा उनमें प्रकट कुछअंतरों के बारे में जानकारियाँ भी दी हैं, या तो पाद टिप्पनियों में या उन्फोल्डिंग वार्ड @ ट्रांसलेशन नोट्स में। अनुवादकों को प्रोत्साहित किया जाता है कि मूल पाठ को ULT में अनुवाद करें और अतिरिक्त वाक्यों की चर्चा पाद टिप्पणियों में करें, जैसा ULT में किया गया है। तथापि यदि स्थानीय कलीसिया वास्तव में चाहती है कि उन वाक्यों को मूलपाठ में सम्मिलित किया जाए तो अनुवादक उन्हें मूलपाठ में डाल सकते हैं और उनके बारे में पाद टिप्पणी कर सकते हैं। बाइबल से उदाहरणमत्ती 18:10-11 ULT में पद 11 के बारे में एक पाद टिप्पणी लिखी गई है।
[1] कई बाईबलविद,कुछ प्राचीन भी,पद 11 को सम्मिलित करते हैं। क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को बचाने के लिए आया है। यूहन्ना 7:53-8:11 सर्वोत्तम प्राचीन पांडुलिपियों में नहीं पाया जाता है। इसे ULT में सम्मिलित किया गया है, परन्तु इसे आरम्भ और अन्त में वर्गाकार कोष्टक ([]) के साथ चिह्नित किया गया है, और पद 11 के बाद एक पद टिप्पणी दी गई है।
[2] कुछ प्राचीन पांडुलिपियों में यूहन्ना 7:53-8:11 मिलता है अनुवाद का कौशलजब कहीं पर पातभेद प्रकट हो रहा हो तो ऐसी स्थिति में आप ULT या आपके पास जो भी बाईबल संस्करण है उसकी सहायता लेने का चुनाव कर सकते हैं।
व्यावहारिक अनुवाद कौशल के उदाहरणअनुवाद कौशल मरकुस 7:14-16 U L T में व्यावहारिक बनाया गया है जिसमें पद 16 के बारे में एक पाद टिप्पणी दी गई है।
[1] कुछ प्राचीन पांडुलिपियाँ पद 16. को समाहित करती हैं: यदि किसी के पास सुनने के लिए कान हैं, तो वह सुनें|
यदि किसी मनुष्य के पास सुनने के लिए कान हों तो वह सुन ले| [1]
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पद सेतुThis page answers the question: उसत में कुछ पदों के क्रमांकों को संयोजित क्यों किया गया है जैसे, “3-5” या “17-18”? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणअनफोल्डिंग सिम्प्लिफाइड टेक्स्ट (UST) में आपको कहीं-कहीं देखें को मिलेगा कि दो या अधिक पदों को संयुक्त किया गया है, जैसे 17-18. इसको पद सेतु कहते हैं इसमें उन पदों की जानकारियों को इस प्रकार व्यवस्थित किया जाता है कि कहानी या सन्देश बड़ी आसानी से समझा जा सके|
ULT में पद 29 और 30 अलग अलग हैं और सेईर देश में निवास करने वालों की जानकारी पद 30 के अंत में दी गई है| UST में इन पदों को जोड़ दिया गया है और सेईर देश में उनके बसने की जानकारी आरम्भ में दी गई है| अनेक भाषाओं के लिए यह जानकारी देने का अधिक तार्किक क्रम है| बाइबल से उदाहरणजहां UST में पद सेतु है वहाँ ULT में पद पृथक हैं|
अनुवाद करने की युक्तियाँजानकारियों को इस प्रकार क्रमबद्ध करें कि आपके पाठकों के लिए वे स्पष्ट हो जाएं| यदि जानकारियों का क्रम स्पष्ट है जैसा ULT में है परन्तु यदि क्रम उलझन उत्पन्न करता है या अर्थ को विकृत करता है तो क्रम में परिवर्तान लाएं कि स्पष्टता आ जाए| (1) यदि आप जानकारी को एक पद में से लेकर पूर्वोक्त पद की जानकारी से पूर्व रखते हैं तो उन पदों को संयोजित करे और उनके मध्य (-) लगा दें| आप translationStudio देखें कि पदों को कैसे रखा जाता है| प्रायोगिक अनुवाद युक्तियों के उदाहरण (1) यदि एक पद की जानकारी दुसरे पद की जानकारी के पूर्व रखना हो तो उनदोनों पदों को संय्जित करें और पद क्रमांकों के मध्य (-) लगाकर उनको पहले पद के आरम्भ में रखें
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लेखन शैली (लेख)लेखन के प्रकारThis page answers the question: लेखन के विभिé तरीके कौन कौनसे हैं और उनमें कौन कौनसे मुद्दे शामिल हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणलेखन कार्य के विभिन्न प्रकार या किस्में होती हैं, और प्रत्येक प्रकार के लेखन का अपना उद्देश्य होता है। क्योंकि ये उद्देश्य भिन्न होते हैं, विभिन्न प्रकार के लेखन कार्य विभिन्न तरीकों से संगठति होते हैं। वे भिन्न क्रियाओं, विभिन्न प्रकार के वाक्यों का उपयोग करते हैं, और उन लोगों और बातों का उल्लेख करते हैं, जिन्हें वे विभिन्न तरीकों से लिखते हैं। ये भिन्नताएँ पाठक को लेखन के उद्देश्य को तुरन्त जानने में सहायता करती हैं, और वे लेखक के अर्थ को सर्वोत्तम तरीके से संचारित करने के लिए काम करते हैं। लेखन कार्य के प्रकारलेखन कार्य के निम्नलिखित चार मूल प्रकार हैं, जो प्रत्येक भाषा में विद्यमान होते हैं। प्रत्येक प्रकार के लेखन कार्य का एक अलग उद्देश्य होता है।
यह अनुवाद में एक समस्या क्यों हैप्रत्येक भाषा में विभिन्न प्रकार के लेखन कार्य को संगठित करने का अपना ही तरीका होता है। अनुवादक को उस लेखन कार्य के प्रकार को समझना चाहिए जिसका वह अनुवाद कर रहा है, समझें कि यह स्रोत भाषा में कैसे आयोजन किया जाता है, और यह भी पता होना चाहिए कि उसकी भाषा इस प्रकार के लेखन कार्य को आयोजित कैसे करती है। उन्हें लेखन कार्य को उस रूप में रखना होगा जिसे उनकी भाषा उस प्रकार के लेखन कार्य के लिए उपयोग करती है ताकि लोग उसे सही ढंग से समझ सकें। प्रत्येक अनुवाद में, जिस तरह से शब्दों, वाक्यों और अनुच्छेदों की व्यवस्था की जाती है, वे इस बात को प्रभावित करती हैं कि लोग सन्देश को कैसे समझेंगे। लेखन शैलीलिखने के निम्नलिखित तरीके होते हैं, जो उपरोक्त रूप से चार मूल प्रकारों में मिल सकते हैं। लेखन कार्य की ये शैलियाँ अक्सर अनुवाद में चुनौतियों को प्रस्तुत करती हैं।
व्याख्यान विशेषताएँकिसी भाषा में विभिन्न प्रकार के लेखन कार्य के मध्य में भिन्नताओं को उनकी व्याख्यान विशेषताएँ कहा जा सकता है। किसी विशेष मूलपाठ का उद्देश्य इस बात को प्रभावित करेगा कि किस प्रकार की व्याख्यान विशेषताएँ का उपयोग किया गया है। उदाहरण के लिए, एक कथा में, निम्न व्याख्यान विशेषताएँ सम्मिलित होंगी:
इन भिन्न व्याख्यान विशेषताओं का उपयोग करने के लिए भाषाओं में विभिन्न तरीके होते हैं। अनुवादक को अपनी भाषा में से प्रत्येक भाषा के तरीके का अध्ययन करने की आवश्यकता होगी, ताकि उसका अनुवाद सही सन्देश को स्पष्ट और स्वभाविक तरीके से संचारित कर सके। अन्य प्रकार के लेखन कार्य में अन्य व्याख्यान विशेषताएँ होती हैं। व्याख्यान के विशेष विषय
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पृष्ठभूमि की जानकारीThis page answers the question: पृष्ठभूमि की जानकारी क्या है और मैं कैसे बताऊँ कि कौन सी सूचनाएँ पृष्ठभूमि की जानकारी होती हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनजब लोग एक कहानी को बताते हैं, तो वे सामान्य रूप से घटनाओं को बताते हैं, उनमें क्या घटित हुआ था। घटनाओं का यह अनुक्रम कहानी की कथा को निर्मित करता है। कहानी की कथा सक्रिय क्रियाओं से भरी होती है, जो समय के साथ कहानी को आगे बढ़ाती हैं। परन्तु कभी-कभी एक लेखक कहानी से विराम लगा सकता है और कुछ श्रोताओं को कहानी सुनने में सहायता करने के लिए कुछ जानकारी दे सकता है। इस प्रकार की सूचनाओं को पृष्ठभूमि की जानकारी कहा जाता है। पृष्ठभूमि की जानकारी उन बातों के बारे में हो सकती है, जो घटनाओं से पहले हुईं थीं, या यह कहानी में किसी बात को समझा सकती हैं, या यह कुछ ऐसी होंगी जो बहुत बाद में कहानी में घटित होंगी। उदाहरण - नीचे दी गई कहानी में रेखांकित वाक्य पृष्ठभूमि की पूरी जानकारी हैं। पतरस और यूहन्ना एक शिकार यात्रा पर गए क्योंकि उनके गाँव में अगले दिन एक त्यौहार होने वाला था. पतरस गाँव का सबसे अच्छा शिकारी था. उसने एक बार तीन जंगली सूअरों को मार डाला था! वे जंगली सुअर की आवाज पाने के लिए कम झाड़ियों के मध्य में से घंटों तक चलते रहे। सुअर भाग गया, परन्तु वे सुअर को गोली दागने और उसे मारने में सफल रहे। फिर उन्होंने उसके पैरों को थोड़ी सी रस्सी के साथ बांध लिया जिसे वे अपने साथ लाए थे, और उसे एक लकड़ी पर लटका कर घर ले गए।जब वे उसे गाँव में लाए, तो पतरस के चचेरे भाई ने सुअर को देखा और महसूस किया कि यह उसका स्वयं का सुअर था. पतरस ने गलती से उसके अपने चचेरे भाई के सुअर को मार डाला था . पृष्ठभूमि की जानकारी अक्सर ऐसी बात के बारे में बताती है, जो पहले घटित हुई थी या ऐसा ही कुछ बाद में घटित होगा। इनके कुछ उदाहरण ये हैं "उनके गाँव में अगले दिन एक त्योहार होगा" और "उसने एक बार तीन जंगली सूअरों को मार डाला था," "जिसे वे अपने साथ लाए थे," और "पतरस ने गलती से अपने स्वयं के चचेरे भाई के सुअर को मार डाला था।" अक्सर पृष्ठभूमि की जानकारी देने वाली सक्रिय क्रियाएँ "होगा" की अपेक्षा क्रियाओं जैसे "थी" और "थे" का उपयोग करती है। इनके कुछ उदाहरण ये हैं "पतरस गाँव में सबसे अच्छा शिकारी था" और "यह उसका स्वयं का सुअर था." पृष्ठभूमि की जानकारी को उन शब्दों के साथ भी चिह्नित किया जा सकता है, जो पाठक को बताते हैं कि यह जानकारी कहानी की घटना का भाग नहीं है। इस कहानी में, इनमें से कुछ शब्द "क्योंकि," "एक बार," और "था" इत्यादि है। एक लेखक पृष्ठभूमि की जानकारी का उपयोग कर सकता है
कारण यह अनुवाद की समस्या है
बाइबल से उदाहरण
पहला वाक्य दो घटनाओं के बारे में बताता है। हाजिरा ने जन्म दिया और अब्राहम ने अपने पुत्र को नाम दिया। दूसरी वाक्य पृष्ठभूमि की जानकारी देता है, कि जब ये बातें हुईं तब अब्राम कितना बुजुर्ग था।
यह वचन यीशु के बपतिस्मा लेने के बारे में बताए जाने से पहले का है। यह वाक्य यीशु की आयु और पूर्वजों के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी प्रस्तुत करता है। कहानी अध्याय 4 में पुन: आरम्भ होती है, जहाँ यह यीशु के जंगल में जाने के बारे में बताती है।
ये वचन कहानी की पूर्वस्थिति को देते हैं। घटनाएँ सब्त के दिन गेहूँ के खेत में हुईं। यीशु, उसके शिष्य और कुछ फरीसी वहाँ थे, और यीशु के शिष्य गेहूँ की बालियाँ तोड़ रहे थे और उसे खा रहे थे। कहानी में मुख्य कार्यवाही वाक्य के साथ आरम्भ होती है, "परन्तु कुछ फरीसियों ने कहा।" अनुवाद की रणनीतियाँअनुवादों को स्पष्ट और स्वभाविक रखने के लिए आपको अध्ययन करना होगा कि लोग आपकी भाषा में कहानियाँ कैसे बताते हैं। देखें कि आपकी भाषा पृष्ठभूमि की जानकारी को कैसे चिह्नित करती है। इसका अध्ययन करने के लिए आपको कुछ कहानियाँ लिखने की आवश्यकता हो सकती है। पृष्ठभूमि की जानकारी के लिए आपकी भाषा किस प्रकार की क्रियाओं का उपयोग करती है और किस प्रकार के शब्द या अन्य चिन्ह्ति संकेत देती हैं कि कोई बात पृष्ठभूमि की जानकारी है। जब आप अनुवाद करते हैं, तो इन बातों को उपयोग करें, ताकि आपका अनुवाद स्पष्ट और स्वभाविक हो और लोग इसे आसानी से समझ सकें।
अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
अंग्रेजी "अब" शब्द का उपयोग यह दिखाने के लिए करता है कि कहानी में किसी प्रकार का परिवर्तन है। क्रिया "था" दिखाती है कि यह पृष्ठभूमि की जानकारी है।
यूहन्ना के द्वारा हेरोदेस को ताड़ना देने से पहले रेखांकित वाक्यांश घटित हुए हैं। अंग्रेजी में, सहायता करने वाले क्रिया शब्द "किए थे" में "करना" से पता चलता है कि हेरोदेस ने उन बातों को यूहन्ना के द्वारा ताड़ना देने से पहले किया था।
नीचे दिया गया अनुवाद यूहन्ना के विद्रोह और हेरोदेस के कार्यों को दर्शाता है।
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कहानी का अंतThis page answers the question: एक कहानी के अंत में किस प्रकार की सूचनाएँ दी गर्इ होती हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनकहानी के अन्त में विभिन्न प्रकार की जानकारी दी जा सकती है। अक्सर यह पृष्ठभूमि की जानकारी होती है। पृष्ठभूमि की जानकारी यह उन गतिविधियों से अलग होती है जो कहानी के मुख्य भाग को बनाती हैं। बाइबल की एक पुस्तक अक्सर कई छोटी कहानियों से मिलकर बनी होती है, जो एक पुस्तक की बड़ी कहानी का भाग होती हैं। उदाहरण के लिए, लूका की पुस्तक की बड़ी कहानी में यीशु के जन्म की कहानी एक छोटी सी कहानी है। इनमें से प्रत्येक कहानियाँ, चाहे बड़े या छोटे हों, इसके अन्त में पृष्ठभूमि की जानकारी हो सकती है। कहानी की जानकारी के अन्त के लिए विभिन्न उद्देश्य
कारण यह अनुवाद की समस्या हैविभिन्न भाषाओं में इस प्रकार की जानकारी प्रस्तुत करने के विभिन्न तरीके होते हैं। यदि आप (अनुवादक) अपनी भाषा के तरीकों का उपयोग नहीं करते हैं, तो पाठकों को ये बातें पता नहीं हो सकती हैं:
अनुवाद के सिद्धान्त
बाइबल से उदाहरण
कहानी के मुख्य भाग के बाद निरन्तर चलने वाली गतिविधि को बताने के लिए
काल्पनिक परिस्थितियाँThis page answers the question: काल्पनिक परिस्थितियाँ क्या हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
इन वाक्यांशों पर विचार करें: ‘‘यदि सूरज चमकना बंद हो जाए…’’, ‘‘क्या होगा अगर सूरज चमकना बंद कर दे …’’, ‘‘मान लो सूरज चमकना बंद हो गया…’’ ‘‘अगर केवल सूरज ने चमकना बंद नहीं किया होता ’’। हम ऐसे कथनों का उपयोग कर, ऐसी सोचों के साथ, काल्पनिक परिस्थितियाँ खड़े करते हैं कि यदि ये हो गया तो क्या होगा, या ऐसे नही हुआ तो, या भविष्य में ऐसा नही हुआ तो इत्यादि। हम हमारे खेद या कामनाएँ प्रकट करते वक्त भी इनका उपयोग करते हैं। बाइबल में हम इसे अक्सर देख सकते हैं । हमें(अनुवादक) उनका अनुवाद इस प्रकार करना है जिससे लोगों को पता रहे कि वह घटना वास्तव में हुई नही थी, और यह कि वे समझेंगे कि इस घटना की कल्पना क्यों की गई थी। वर्णनकाल्पनिक परिस्थितियाँ वास्तविक नही होते। वे भूत, वर्तमान और भविष्य में हो सकते हैं। भूत और वर्तमान के काल्पनिक परिस्थितियाँ कभी हुए नही हैं और भविष्य के कभी होंगे भी नही। कई बार लोग शर्तों को बताते हैं और शर्तें पूरी न हों तो क्या हो सकता है, परंतु उन्हे पता है कि ये कभी नही हुई हैं और कभी होंगी भी नही। (शर्तें ‘‘यदि’’ शब्द के साथ शुरू होने वाले कथन हैं)
लोग अक्सर चीजों के बारे में अपनी कामनाएँ प्रकट करते हैं जो कभी पूरी नही हुई या शायद कभी पूरी न भी हों
लोग अक्सर चीजों के बारे में अपने खेद प्रकट करते हैं जो कभी पूरी नही हुईं या शायद कभी पूरी न भी हों
कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है
बाइबल से उदाहरणभूतकाल की काल्पनिक परिस्थितियाँ
यहाँ मत्ती 11:21 में यीशु कह रहे हैं कि सूर और सैदा के प्राचीन नगरों में रहने वाले लोग जो उसके द्वारा किए गए चमत्कारों को देख लेते तो कब से मन फिरा लेते। वास्तव में, सूर और सैदा के लोगों ने चमत्कारों को देखा ही नही था और उन्होंने मन नहीं फिराया। उसने खूराजीन और बैतसैदा को डाँटते हुए यह कहा जिन्होने चमत्कारों को देखा था फिर भी मन नही फिराया।
मार्था ने यीशु से अपनी इच्छा व्यक्त करने के लिए यह कहा कि काश वह पहले आ जाते ताकि उसका भाई नहीं मरता। परंतु वह पहले नही आए, और उसका भाई मर गया। वर्तमान की काल्पनिक परिस्थितियाँ
यीशु कह रहे हैं कि यदि कोई भी नया दाखरस पुरानी मशकों में भरता है तो क्या होता है। परंतु कोई ऐसा करता नही है। वह काल्पनिक परिस्थिति का उपयोग कर रहे हैं कि यह दिखाने के लिए कि कई बार पुरानी चीजों के साथ नई चीजों को मिलाना बुद्धिमता नही होती है। उसने लोगों को यह समझाने के लिए यह कहा कि चेले दूसरे धार्मिक लोगों की तरह उपवास क्यों नही करते हैं।
यीशु धार्मिक अगुवों से पूछ रहे थे कि यदि सब्त के दिन उनकी भेड़ गड़हे में गिर पड़े तो वो क्या करेंगे । वह यह नही कह रहे थे उनकी भेड़ गड़हे में गिर पड़ी थी। वह यह दिखाने के लिए एक काल्पनिक परिस्थिति का उपयोग किया कि सब्त के दिन हुई चंगाई पर प्रश्न उठाकर वे गलत कार्य कर रहे थे। भविष्य की काल्पनिक परिस्थितियाँ
यीशु मसीह भविष्य की बात कर रहे थे जब बुरी घटनाएँ होंगीं । उन्होंने बताया कि अगर उन दिनों की परेशानी लंबे समय तक बनी रहे तो क्या होगा। उसने यह दिखाने के लिए कहा कि वे बुरे दिन, इतने अधिक बुरे होंगे कि यदि घटाए नही जाते तो कोई भी नही बचता । और फिर उसने स्पष्ट किया कि परमेश्वर उन कष्ट के दिनों को घटाएगा, जिससे कि चुने हुए बचाए जाएँ काल्पनिक परिस्थितियाँ के बारे में भावनाओं को प्रकट करनालोग कभी-कभी अफसोस और इच्छाओं को व्यक्त करने के लिए काल्पनिक परिस्थितियाँ के बारे में बात करते हैं। पछतावा अतीत के बारे में है और इच्छाएं वर्तमान और भविष्य के बारे में हैं।
यहाँ इस्राएली डरे हुए हैं कि उन्हे जंगल में कष्ट सहना और भूख से मरना पड़ेगा, इसलिए उनकी कामना थी कि यदि वे मिस्र में ही रह जाते और भरे पेट मर सकते थे। वे शिकायत कर रहे थे, खेद प्रकट कर रहे थे कि ऐसा नही हुआ।
यीशु ने कामना की कि यदि लोग ठंडे या गर्म होते, परंतु वे वैसे नही थे। वह उन्हे डाँट रहा था, क्रोध प्रकट कर रहा था। अनुवाद की रणनीतियाँजानें कि आपकी भाषा को बोलने वाले लोग किस प्रकार निम्न बातें प्रकट करते हैं:
इन चीजों को प्रकट करने के लिए अपनी भाषा के तरीकों का इस्तेमाल करें। आप ये वीडियो भी देख सकते हैं: http://ufw.io/figs_hypo। नर्इ घटनाओं का परिचयThis page answers the question: एक कहानी में हम एक नर्इ घटना का परिचय कैसे करवाएँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनजब लोग एक कहानी को बताते हैं, तो वे एक घटना या घटनाओं की एक श्रृंखला के बारे में बताते हैं। अक्सर वे कहानी के आरम्भ में कुछ जानकारी को देते हैं, जैसे कि कहानी किसके बारे में है, कब क्या घटित हुआ, और यह कहाँ घटित हुआ था। कहानी का आरम्भ होने से पहले जिन घटनाओं की जानकारी लेखक देता है उसे कहानी की पूर्वस्थिति कहा जाता है। एक कहानी में कुछ नई घटनाओं में भी एक पूर्वस्थिति होती है क्योंकि उसमें नए लोग, नए समय और नए स्थान सम्मिलित हो सकते हैं। कुछ भाषाओं में लोग यह भी बताते हैं कि उन्होंने घटना को देखा है या किसी और से इसके बारे में सुना है। जब आपके लोग घटनाओं के बारे में बताते हैं, तो आरम्भ में वे कौन सी जानकारी देते हैं? क्या कोई निश्चित क्रम है जिसमें उन्होंने इसे रखा है? आपके अनुवाद में, आपको अपनी भाषा में एक नई कहानी या स्रोत भाषा के तरीके की अपेक्षा एक नई घटना के परिचय को प्रस्तुत करने के लिए दिए गए आरम्भ को उपयोग करने की आवश्यकता होगी। इस तरह आपका अनुवाद स्वभाविक रूप से शुद्ध होगा और आपकी भाषा में स्पष्ट रूप से संचारित करेगा। बाइबल से उदाहरण
उपरोक्त वचन जकर्याह के बारे में एक कहानी प्रस्तुत करते हैं। पहला रेखांकित वाक्यांश बताता है कि यह कब घटित हई, और अगले दो रेखांकित वाक्यांश मुख्य लोगों को प्रस्तुत करते हैं। अगले दो वचन बताते हैं कि जकर्याह और इलीशिबा बूढ़े थे और उनके पास कोई बच्चा नहीं था। यह सब पूर्वस्थिति है। फिर लूका 1:8 में "एक दिन" वाक्यांश इस कहानी में पहली घटना को प्रस्तुत करने में सहायता करता है:
ऊपर दिया गया रेखांकित वाक्य यह स्पष्ट करता है कि यीशु के बारे में एक कहानी प्रस्तुत की जा रही है। कहानी बताएगी कि यीशु का जन्म कैसे हुआ।
ऊपर दिए गए रेखांकित वाक्यांश से पता चलता है कि विद्वान पुरुषों से सम्बन्धित घटनाएँ यीशु के जन्म के बाद घटित हुई थीं।
ऊपर दिए गए रेखांकित वाक्यांश से पता चलता है कि यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले पिछली घटनाओं के समय प्रचार कर रहा था। यह कदाचित् बहुत ही अधिक सामान्य है और यह दर्शाता है कि यीशु नासरत में कब रहता था।
शब्द "तब" से पता चलता है कि यीशु पिछले वचनों की घटनाओं के कुछ समय बाद यरदन नदी में आया था।
लेखक ने पहले नए व्यक्ति को प्रस्तुत किया और फिर बताया कि उसने क्या किया और जब उसने ऐसा कब किया। कुछ भाषाओं में समय को पहला बताना और अधिक स्वभाविक हो सकता है।
वचन 6 उन अध्यायों का सारांश है, जो अध्याय 7 के शेष में घटित होती हैं। अध्याय 6 ने पहले ही बता दिया है कि परमेश्वर ने नूह को बताया कि बाढ़ आएगी, और नूह कैसे इसके लिए तैयार हुआ। अध्याय 7 वचन 6 कहानी के उस भाग को प्रस्तुत करता है, जो नूह और उसके परिवार और जहाज में जाने वाले जानवरों, वर्षा आरम्भ होने और वर्षा के पृथ्वी पर बाढ़ के रूप में आने के बारे में बताता है। कुछ भाषाओं को यह स्पष्ट करने की आवश्यकता हो सकती है कि यह वचन घटना मात्र का परिचय देता है, या इस वचन को वचन 7 के बाद ले जाए जाए। वचन 6 कहानी की घटनाओं में से एक नहीं है। बाढ़ आने से पहले लोग जहाज में चले गए थे। अनुवाद की रणनीतियाँयदि किसी नई घटना के आरम्भ में दी गई जानकारी आपके पाठकों के लिए स्पष्ट और स्वाभाविक है, तो उसे अनुवाद करने के लिए विचार करें जैसी यह यूएलटी या यूएसटी में पाई जाती है। यदि नहीं, तो इन रणनीतियों में से एक के ऊपर विचार करें।
अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
जैसे ही वह वहाँ से पार हुआ, उसने कर संग्रह करने वाले स्थान पर हलफई के पुत्र लेवी को देखा, और उसने उससे कहा … (मरकुस 2:14 ULT)
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नए एवं पुराने सहभागियों का परिचयThis page answers the question: मेरे अनुवाद को पाठक क्यों नही समझ सकते कि लेखक किसके बारे में लिख रहा था? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनपहली बार जब किसी कहानी में लोगों या वस्तुओं का उल्लेख किया जाता है, तो वे नए प्रतिभागी होते हैं। उसके बाद, जब भी उनका उल्लेख किया जाता है, वे पुराने प्रतिभागी होते हैं।
पहला रेखांकित वाक्यांश नीकुदेमुस को एक नए प्रतिभागी के रूप में प्रस्तुत करता है। उसके बाद उसे "यह व्यक्ति" और "उसे" कहा जाता है, तब वह एक पुराना प्रतिभागी होता है। कारण यह अनुवाद की समस्या हैअपने अनुवाद को स्पष्ट और स्वभाविक बनाने के लिए, प्रतिभागियों को इस तरह से सन्दर्भित करना आवश्यक है कि लोगों को पता चले कि वे नए प्रतिभागियों या उन प्रतिभागियों के बारे में जानते हैं, जिन्हें वे पहले से ही पढ़ चुके हैं। विभिन्न भाषाओं में ऐसा करने के विभिन्न तरीके होते हैं। आपको अपनी भाषा उस तरीके का पालन करना चाहिए, न कि जिस तरह से स्रोत भाषा करती है। बाइबल में से उदाहरणनए प्रतिभागीअक्सर सबसे महत्वपूर्ण नए प्रतिभागी को एक वाक्यांश के साथ प्रस्तुत किया जाता है, जो कहता है कि वह अस्तित्व में है, जैसे कि "वहाँ एक व्यक्ति था" नीचे दिए गए उदाहरण में। "वहाँ था" वाक्यांश हमें बताता है कि यह व्यक्ति पहले से ही अस्तित्व में था। "एक व्यक्ति" शब्द "एक" हमें बताता है कि लेखक पहली बार उसके बारे में बात कर रहा है। शेष वाक्य बताता है कि यह व्यक्ति कहाँ से आया था, उसका परिवार कौन सा था, और उसका नाम क्या था।
एक नया प्रतिभागी जो सबसे अधिक महत्वपूर्ण नहीं है, अक्सर उसे पहले से प्रस्तुत किए जाने वाले अधिक महत्वपूर्ण व्यक्ति के सम्बन्ध में प्रस्तुत किया जाता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, मानोह की पत्नी को मात्र "उसकी पत्नी" कहा जाता है। यह वाक्यांश उसके साथ उसका सम्बन्ध दिखाता है।
कभी-कभी एक नया प्रतिभागी के नाम से प्रस्तुत किया जाता है, क्योंकि लेखक यह कल्पना करता है कि पाठकों को पता है कि व्यक्ति कौन है। 1 राजा की पहला वचन में, लेखक कल्पना करता है कि उसके पाठकों को पता है कि राजा दाऊद कौन है, इसलिए यह समझाने की कोई आवश्यकता नहीं है कि वह कौन है।
पुराने प्रतिभागीएक व्यक्ति जिसे पहले से ही कहानी में लाया गया था, उसे उसके बाद सर्वनाम के साथ सन्दर्भित किया जा सकता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, मानोह को "उसकी" सर्वनाम के साथ सन्दर्भित किया जाता है और उसकी पत्नी को "वह" सर्वनाम के साथ सन्दर्भित किया जाता है।
कहानी में क्या हो रहा है, इस पर निर्भर करते हुए पुराने प्रतिभागियों को अन्य तरीकों से भी सन्दर्भित किया जा सकता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, कहानी एक पुत्र को जन्म देने के बारे में है, और मानोह की पत्नी को "स्त्री" संज्ञा वाक्यांश के साथ सन्दर्भित किया जाता है।
यदि पुराने प्रतिभागी का कुछ समय के लिए उल्लेख नहीं किया गया है, या यदि प्रतिभागियों के बीच भ्रम हो सकता है, तो लेखक प्रतिभागी के नाम का पुन: उपयोग कर सकता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, मानोह को उसके नाम से सन्दर्भित किया गया है, जिसे लेखक ने वचन 2 के बाद उपयोग नहीं किया है।
कुछ भाषाओं में क्रिया के बारे में कुछ ऐसी बात है, जो कर्ता के बारे में कुछ और बताती है। उन भाषाओं में से कुछ लोग सदैव पुराने वाक्यांशों के लिए संज्ञा वाक्यांशों या सर्वनामों का उपयोग नहीं करते हैं, जब वे वाक्य में कर्ता होते हैं। क्रिया पर चिन्ह्ति करना श्रोता के लिए पर्याप्त जानकारी यह समझने के लिए देता है कि कर्ता कौन है। देखें क्रियाएँ. अनुवाद की रणनीतियाँ
अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण(1) यदि प्रतिभागी नया है, तो नए प्रतिभागियों को प्रस्तुत करने के लिए अपनी भाषा के तरीकों में से एक का उपयोग करें।
(2) यदि यह स्पष्ट नहीं है कि यह सर्वनाम को सन्दर्भित करता है, तो संज्ञा वाक्यांश या नाम का उपयोग करें।
(3) यदि किसी पुराने प्रतिभागी को नाम या संज्ञा वाक्यांश के द्वारा सन्दर्भित किया जाता है, और लोग सोचते हैं कि यह एक और नया प्रतिभागी है, तो उसकी अपेक्षा सर्वनाम का उपयोग करने का प्रयास करें। यदि सर्वनाम की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि लोग इसे सन्दर्भ से स्पष्ट रूप में समझेंगे, तो सर्वनाम के उपयोग को छोड़ दें।
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दृष्टांतThis page answers the question: दृष्टांत क्या हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
दृष्टांत एक लघु कहानी है जो किसी सच को समझाती है और शिक्षा को इस प्रकार व्यक्त करती है कि उसको समझना आसान और भूल जकना कठिन हो। वर्णनदृष्टांत किसी सच बात को सिखाने के लिए सुनाई जाने वाली छोटी कहानी है। यद्यपि, दृष्टांत की घटनाएं हो सकती हैं, परंतु वास्तव में देखा जाए तो हुई नहीं हैं| उनको सुनाने का उद्देश्य है कि श्रोता को जो शिक्षा(एं) मिलनी है उसको वह ग्रहण कर ले| यह दुर्लभ ही है कि दृष्टांत में जिन मनुष्यों के नाम हैं वे वास्तविक हों | (इससे आपको सहायता मिलेगी कि दृष्टांत क्या है और एक वास्तविक घटना का ब्योरा क्या होता है|) दृष्टान्तों में प्रायः अलंकारों का प्रयोग किया जाता है, जैसे उपमा and रूपक. ,
इस दृष्टांत से यह शिक्षा मिलती है कि किसी मनुष्य में आत्मिक समझ न हो तो वह किसी और को आत्मिक बातें समझाने में योग्य नहीं होता है| बाइबल में से उदाहरण
इस दृष्टांत से शिक्षा मिलती है कि हमेंअपनी जीवन शैली को मनुष्यों से छिपा कर नहीं रखना है।
इस दृष्टांत से शिक्षा मिलती है कि परमेश्वर का राज्य आरम्भ में तो छोटा प्रतीत होगा परन्तु वह विकसित होकर सम्पूर्ण जगत में फैल जाएगा| अनुवाद की युक्तियाँ
अनुवाद की युक्तियों के उदाहरणों की प्रासंगिकता
यदि लोगों को पता नही है कि दीवट क्या होता है तो आप उसकी जगह पर उस वस्तु का उपयोग कर सकते हैं जो आपके लोग दीये को रखने के लिए उपयोग करते हैं
काव्यThis page answers the question: काव्य क्या है और मैं उनका अनुवाद अपनी भाषा में कैसे करूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणकाव्य उन तरीकों में से एक है, जिसे लोग अपनी बात को निर्मित करने और अधिक सुन्दर तरह से लिखने और दृढ़ भावना को व्यक्त करने के लिए अपनी भाषा के शब्दों और ध्वनियों के लिए उपयोग करते हैं। काव्य के माध्यम से, लोग साधारण गैर-काव्य रूपों के माध्यम से गहरी भावनाओं को संचारित कर सकते हैं। काव्य सत्य के कथनों के लिए अधिक महत्व और औचित्य देता है, जैसे कि कहानियाँ, और इसे सामान्य बात की तुलना में स्मरण रखना भी आसान होता है। काव्य में कुछ बातें सामान्य रूप से पाई जाती हैं
आपकी भाषा में काव्य की खोज के लिए कुछ स्थान
सुरुचिपूर्ण या लच्छेदार भाषासुरुचिपूर्ण या लच्छेदार भाषा काव्य के जैसी होती है, जिसमें सुन्दर भाषा का उपयोग किया जाता है, परन्तु यह काव्य वाली भाषा की सारी विशेषताओं का उपयोग नहीं करती है, और यह उतना उपयोग नहीं करती है, जितना काव्य करता है। भाषा में प्रसिद्ध वक्तागण अक्सर सुरुचिपूर्ण भाषा का उपयोग करते हैं, और सम्भवतः यह इस बात की खोज में मूलपाठ का सबसे आसान स्रोत है कि क्या आपकी भाषा को सुरुचिपूर्ण बनाता है। कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है:
बाइबल से उदाहरणबाइबल गाने, शिक्षा और भविष्यद्वाणी के लिए काव्य का उपयोग करती है। पुराना नियम की लगभग सभी पुस्तकों में काव्य पाए जाते हैं और कई पुस्तकें पूरी तरह से काव्यात्मक हैं।
एक जैसे अर्थ के साथ समान्तरतावाद का यह उदाहरण दो पंक्तियों का है, जो एक ही बात का अर्थ है।
समान्तरतावाद का यह उदाहरण दिखाता है कि दाऊद परमेश्वर से क्या करना चाहता है और वह क्या चाहता है कि वह परमेश्वर को अनैतिक राष्ट्रों के साथ क्या करना चाहिए। (देखें समान्तरतावाद)
मानवीकरण का यह उदाहरण पापों की बात करता है, मानो कि वे किसी व्यक्ति के ऊपर शासन कर सकते हैं। (देखें मानवीकरण)
यह उदाहरण "धन्यवाद देना" वाक्यांशों को दोहराता है और "उसकी वाचा की विश्वासयोग्यता सदैव के लिए बनी रहती है।" अनुवाद की रणनीतियाँयदि स्रोत मूलपाठ में उपयोग की जाने वाली वचन की शैली स्वभाविक है और आपकी भाषा में सही अर्थ देती, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो इसका अनुवाद करने के कुछ अन्य तरीके यहाँ दिए गए हैं।
यदि आप काव्य का उपयोग करते हैं तो यह अधिक सुन्दर हो सकता है। यदि आप सामान्य भाषा का उपयोग करते हैं तो यह अधिक स्पष्ट हो सकता है। अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण
निम्नलिखित उदाहरण हैं कि लोग कैसे भजन 1:1,2 का अनुवाद कर सकते हैं। (1) काव्य की अपनी शैलियों का उपयोग करके काव्य का अनुवाद करें। (इस उदाहरण में शैली में ऐसे शब्द होते हैं, जो प्रत्येक पंक्ति के अन्त में एक जैसे ही होते हैं।)
(2) सुरुचिपूर्ण भाषा की अपनी शैली का उपयोग कर काव्य का अनुवाद करें।
(3) सामान्य भाषा की अपनी शैली का उपयोग करके काव्य का अनुवाद करें।
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नीतिवचनThis page answers the question: नीतिवचन क्या हैं, मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणनीतिवचन छोटी कहावतें हैं, जो बुद्धिमानी का परामर्श देती हैं या जीवन के सामान्य सत्यों का ज्ञान प्रदान करती हैं। लोग नीतिवचनों का आनन्द लेते हैं, क्योंकि वे कुछ शब्दों में बहुत अधिक ज्ञान देते हैं। बाइबल में नीतिवचन प्रायः रूपक और सादृश्यता का उपयोग करते हैं। नीतिवचानों को निरुपाधिक सत या अपरिवर्तनीय नियम नहीं समझना चाहिए, इसकी अपेक्षा नीतिवचन मनुष्य को सामान्य परामर्श देते हैं कि वह अपना जीवन कैसे जिए|
नीतिवचन से एक और उदाहरण।
इसका अनुवाद की समस्या होने का कारणप्रत्येक भाषा में नीतिवचनों को कहने की अपनी ही रीति है। बाइबल में कई नीतिवचन पाए जाते हैं। उन्हें इस तरीके से अनुवाद करने की आवश्यकता होती है, जैसे लोग आपकी भाषा में नीतिवचन कहते हैं, जिससे कि लोग उन्हें नीतिवचनों के रूप में पहचान सकें और उनकी शिक्षाओं को समझ सकें। बाइबल से उदाहरण
इसका अर्थ यह है कि एक अच्छा व्यक्ति होना और अच्छी प्रतिष्ठा धन की बहुतायत से अधिक उत्तम है।
इसका अर्थ है कि आलसी मनुष्य उन लोगों के लिए अत्यधिक अप्रसन्नता का कारण होता है जो उसको किसी काम में लगाते हैं।
इसका अर्थ है कि यहोवा उन लोगों की रक्षा करता है, जो सही काम करते हैं, परन्तु वह दुष्टों को नष्ट कर देता है। अनुवाद की युक्तियाँयदि आपकी भाषा में नीतिवचन का शाब्दिक अनुवाद स्वभाविक हो और सही अर्थ दे, तो ऐसा करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ कुछ विकल्प दिए गए हैं: (1) ज्ञात करें कि लोग आपकी भाषा में नीतिवचन कैसे कहते हैं, और उन विधियों में से एक का उपयोग करें। (2) यदि आपके भाषा समूह के कई लोगों के लिए नीतिवचनों की कुछ वस्तुएं अज्ञात हैं, तो उनके स्थानों में उन वस्तुओं को रखने का विचार करें जिन्हें लोग जानते हैं और वह आपकी भाषा में भी वैसा ही काम करती हैं। (3) आपकी भाषा के किसी नीतिवचन की शिक्षा ठीक वैसी ही हो जैसी बाइबल में दिए हुए नीतिवचन की है तो उसका प्रतिस्थापन करें। (4) वही शिक्षा दें परन्तु एक नीतिवचन के रूप में नहीं। अनुवाद की युक्तियों के उदाहरणों की प्रासंगिकता(1) ज्ञात करें कि लोग आपकी भाषा में नीतिवचनों कैसे कहते हैं, उन विधियों में से एक का उपयोग करें।
यहाँ पर कुछ विचार दिए गए हैं, जिनके उपयोग से लोग अपनी भाषा में एक नीतिवचन कह सकते हैं।
(2) यदि आपके भाषा समूह के अनेक लोग नीतिवचनों की कुछ वस्तुओं से अज्ञात हैं, तो उनका प्रतिष्टापन उन वस्तुओं से कर दें जिन्हें लोग जानते हैं और जो आपकी भाषा में वैसा ही कार्य करती हैं।
(3) आपकी भाषा में किसी नीतिवचन की शिक्षा बाईबल की शिक्षा के साथ यथोचित हो तो उसकी प्रतिस्थापन का चुनाव करें।
>
(4) शिक्षा तो वही दें परन्तु नीतिवचन के रूप में नहीं|
प्रतीकों की भाषाThis page answers the question: प्रतीकों की भाषा क्या होती है? मैं इसका अनुवाद कैसे कर सकता/सकती हूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणबोलने में और लिखने में जब प्रतीकों की भाषा का उपयोग किया जाता है तो वस्तुओं, घटनाओं आदि के लिए प्रतीकों का प्रयोग किया जाता है| बाईबल में यह भविष्यद्वाणी और भजनों में में सबसे अधिक प्रयोग की जाती है, विशेष करके भविष्य में होने वाली धटनाओं के बारे में दर्शनों और सपनों में। यद्यपि लोग प्रतीक के अर्थ को तत्काल ही समझ नहीं पाते हैं, परन्तु प्रतीक को अनुवाद में रखना महत्वपूर्ण है।
यह एक स्वप्न में था। पुस्तक को खाना, उस पुस्तक में जो लिखा था उसे यहेजकेल द्वारा पढ़ कर भली-भाँति समझ लेने के लिए तथा परमेश्वर के इन वचनों को स्वयं में अंतर्ग्रहण करने के लिए एक प्रतीक है। प्रतीक प्रयोग के उद्देश्य
इसके अनुवाद की समस्या का कारणजो लोग आज बाइबल पढ़ते हैं, उन्हें यह समझना कठिन होता है कि भाषा प्रतीकात्मक है, और वे नहीं जानते कि प्रतीक किसका द्योतक है। अनुवाद के सिद्धान्त
बाइबल से उदाहरण
इन मोटी छपाई के प्रतीकों के अर्थ की व्याख्या दानिय्येल 7:23-24 में की गई है, जैसा नीचे दिखाया गया है। जानवर साम्राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, लौह के दांत एक सामर्थी सेना का प्रतिनिधित्व करते हैं, और सींग सामर्थी अगुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
< तब मैं ने उसे, जो मुझ से बोल रहा था, देखेने के लिए अपना मुंह फेरा; और पीछे घूमकर मैं ने सोने की सात दीवटें देखीं, और उन दीवटों के बीच में मनुष्य के पुत्र सदृश्य एक पुरुष को देखा... वह अपने हाथ में सात तारे लिए हुए था, और उसके मुख से तेज दोधारी तलवार निकलती थी| उन सात तारों का भेद जिन्हें तू ने मेरे दाहिने हाथ में देखा था, और उन सात सोने की दीवटों का भेद: वे सात तारे सातों कलीसियाओं के दूत है, और वे सात दीवटें सात कलीसियाएं हैं| (प्रकाशितवाक्य 1:12-13, 16, 20 ULT) > > यह गद्ध्यांश सात दीपदानों और सात तारों के अर्थ को समझाता है। दोधारी तलवार परमेश्वर के वचन और न्याय का प्रतीक हैं। अनुवाद की युक्तियाँ(1) मूलपाठ का अनुवाद करते समय प्रतीकों को ज्यों का त्यों रखें । वक्ता या लेखक अधिकतर आगे चलकर गद्ध्यांश में अर्थ समझाता है। (2) मूलपाठ का अनुवाद करते समय प्रतीकों को ज्यों का त्यों रखें। फिर पाद टिप्पणियों में प्रतीकों की व्याख्या करें। अनुवाद की युक्तियों के प्रायोगिक उदाहरण(1) मूलपाठ का अनुवाद करते समय प्रतीकों को ज्यों का त्यों रखें । वक्ता या लेखक अधिकतर आगे चलकर गद्ध्यांश में अर्थ समझाता है।
(2) प्रतीकों के साथ मूलपाठ के अनुवाद में प्रतीकों को ज्यों का त्यों रखें। प्ररतीकों की व्याख्या पाद टिप्पणी में करें।
प्रतीकात्मक भविष्यद्वाणीThis page answers the question: प्रतीकात्मक अनुवाद क्या है और मैं इसका अनुवाद कैसे करूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणप्रतीकात्मक भविष्यद्वाणी एक प्रकार का सन्देश है, जिसे परमेश्वर ने एक भविष्यवक्ता को दिया ताकि भविष्यवक्ता दूसरों को बताए। ये सन्देश भविष्य में परमेश्वर क्या करेगा, को दिखाने के लिए चित्रों और प्रतीकों का उपयोग करता है। मुख्य पुस्तकें जिनमें भविष्यद्वाणियाँ हैं, यशायाह, यहेजकेल, दानिय्येल, जकर्याह और प्रकाशितवाक्य हैं। प्रतीकात्मक भविष्यद्वाणी के छोटे उदाहरण अन्य पुस्तकों में भी पाए जाते हैं, जैसे कि मत्ती 24, मरकुस 13, और लूका 21 में। बाइबल बताती है कि परमेश्वर ने प्रत्येक सन्देश को कैसे दिया और सन्देश क्या था। जब परमेश्वर ने सन्देश दिया, तो उसने अक्सर स्वप्न और दृष्टान्तों जैसे आश्चर्यजनक तरीकों के द्वारा ऐसा किया। "स्वप्न" और "दर्शन" का अनुवाद करने में सहायता पाने के लिए: स्वप्न और दर्शन जब भविष्यद्वक्ताओं ने इन स्वप्नों और दृष्टान्तों को देखा, तो उन्होंने अक्सर परमेश्वर और स्वर्ग के बारे में चित्रों और प्रतीकों को देखा। इनमें से कुछ चित्र सिंहासन, सुनहरे दीपदान, श्वेत बाल और श्वेत कपड़े वाले सामर्थी, और आग की तरह आँखें और लोहे की तरह पैर वाले व्यक्ति की हैं। इनमें से कुछ चित्रों को एक से अधिक भविष्यद्वक्ता के द्वारा देखा गया था। संसार के बारे में भविष्यद्वाणियों में चित्रों और प्रतीकों भी सम्मिलित हैं। उदाहरण के लिए, कुछ भविष्यद्वाणियों में सामर्थी जानवर साम्राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, सींग राजाओं या साम्राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, एक अजगर या सांप शैतान का प्रतिनिधित्व करता है, समुद्र राष्ट्रों का प्रतिनिधित्व करता है, और सप्ताह लम्बे समय का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनमें से कुछ चित्रों को एक से अधिक भविष्यद्वक्ता के द्वारा भी देखा गया था। भविष्यद्वाणियाँ इस संसार में बुराई के बारे में बताती हैं, कैसे परमेश्वर संसार का न्याय करेगा और पाप को दण्डित करेगा, और परमेश्वर कैसे नए संसार में अपने धार्मिकता से भरे हुए राज्य को स्थापित करेगा। वे उन बातों के बारे में भी बताती हैं, जो स्वर्ग और नरक से सम्बन्धित होंगी। बाइबल में अधिकांश भविष्यद्वाणी को काव्य के रूप में प्रस्तुत किया गया है। कुछ संस्कृतियों में लोग मानते हैं कि यदि काव्य में कुछ कहा जाता है, तो यह सच या अधिक महत्वपूर्ण नहीं हो सकता है। यद्यपि, बाइबल में भविष्यद्वाणियाँ सत्य और बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण हैं, भले ही वे काव्य के रूपों या गैर-काव्य रूपों में क्यों न प्रस्तुत हों। कभी-कभी अतीत में घटित हुई घटनाओं के लिए इन पुस्तकों में भूतकाल का उपयोग किया जाता है। यद्यपि, कभी-कभी भूतकाल का उपयोग भविष्य में होने वाली घटनाओं के लिए किया जाता है। इसके लिए हमारे लिए दो कारण हैं। जब भविष्यद्वक्ताओं ने उन बातों के बारे में बताया जो उन्होंने एक स्वप्न या दर्शम में देखी थीं, तो वे अक्सर भूतकाल का उपयोग किया गया था क्योंकि उनका स्वप्न अतीत का था। भविष्य की घटनाओं के सन्दर्भ में भूतकाल का उपयोग करने का दूसरा कारण यह था कि उन घटनाओं में निश्चित रूप से ऐसा ही घटित होगा। घटनाएँ इतनी निश्चित थीं, कि मानो ऐसा लगता था कि वे पहले से घटित हो चुकी थीं। हम अतीत काल के इस दूसरे उपयोग को "पूर्वानुमानित अतीत" कहते हैं। पूर्वानुमानित अतीत देखें। इन बातों में से कुछ भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा बताए जाने के पश्चात् घटित हुई थीं, और उनमें से कुछ इस संसार के अन्त में घटित होंगी। इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है
अनुवाद के सिद्धान्त
बाइबल से उदाहरणनिम्नलिखित सन्दर्भ सामर्थी प्राणियों का वर्णन करते हैं, जिन्हें यहेजकेल, दानिय्येल और यूहन्ना ने देखा था। इन दर्शनों में आने वाले चित्रों में वे बाल सम्मिलित हैं, जो ऊन के जैसे श्वेत हैं, बहुत से पानी की तरह एक आवाज़, एक सुनहरा कमरबन्द, और पीत्तल के जैसे पैर या लातों वाले थे। यद्यपि भविष्यद्वक्ताओं ने विभिन्न विवरणों को देखा, परन्तु वही विवरणों का अनुवाद करना अच्छा होगा। प्रकाशितवाक्य में से मिलने वाले रेखांकित वाक्यांश दानिय्येल और यहेजकेल के सन्दर्भों में भी प्रगट होते हैं दीपदानों के बीच में मनुष्य के पुत्र की तरह एक था, जो एक लम्बे वस्त्र को पहिने हुए था, जो उसके पैरों तक नीचे जा रहा था, और उसकी छाती के चारों ओर एक सुनहरा कमरबन्द था। उसके सिर और बाल ऊन के जैसे श्वेत थे - बर्फ के जैसे श्वेत, और उसकी आँखें आग की लौ की तरह थीं। उसके पैर चमकते हुए पीत्तल की तरह थे , जो भट्टी में शुद्ध किया गया था, और उसकी आवाज बहुत से चलने वाले पानी की आवाज की तरह थी । वह अपने दाहिने हाथ में सात तारों को रखता था, और उसके मुँह से एक तेज दो धारों वाली तलवार निकल रही थी। उसका चेहरा सूर्य की तरह चमक रहा था। (प्रकाशितवाक्य 1:13-16 यूएलबी)
मैंने ऊपर देखा और सन के वस्त्र पहने हुए एक व्यक्ति को देखा, ऊफाज़ से मिलने वाले शुद्ध सोने से बना हुआ कमरबन्द उसकी कमर के चारों ओर लिपटा हुआ था।उसका शरीर फीरोजा की तरह था, उसका चेहरा बिजली की तरह था, उसकी आँखें आग लगाने वाली मशाल की तरह थीं, उसकी बाहों और उसके पैर चमकाए हुए पीत्तल की तरह थे , और उसके शब्दों की आवाज एक बड़ी भीड़ की आवाज़ की तरह थी । (दानिय्येल 10: 5-6 यूएलबी)
निम्नलिखित सन्दर्भ पिछली घटनाओं के सन्दर्भ में अतीत काल के उपयोग को दिखाता है। रेखांकित क्रियाएँ अतीक की घटनाओं को सन्दर्भित करती हैं।
निम्नलिखित सन्दर्भ भविष्यकाल और अतीत काल के विभिन्न उपयोगों को दिखाता है। रेखांकित क्रियाएँ पूर्वानुमानित अतीत के उदाहरण हैं, जहां अतीत काल का उपयोग यह दिखाने के लिए किया जाता है कि घटनाएँ निश्चित रूप से घटित होती हैं।
वाक्यवाक्य रचनाThis page answers the question: वाक्य के भाग क्या क्या हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणअंग्रेजी में सबसे सरल वाक्य संरचना मेंकर्ता और एकक्रिया शब्द सम्मिलित है:
कर्ता
कर्ता सामान्य रूप से संज्ञा वाक्यांश या सर्वनाम होते हैं। (देखें शब्द के भाग) उपर्युक्त उदाहरणों में, "लड़का" एक संज्ञा वाक्यांश है जिसमें संज्ञा "लड़का" और "वह" एक सर्वनाम है। जब वाक्य एक आदेश होता है, तो कई भाषाओं में इसका कोई कर्ता नहीं होता है। लोग समझते हैं कि कर्ता "आप" है।
भविष्यद्वाणी करेंभविष्यद्वाणी एक वाक्य का भाग होती है जो इसके कर्ता के बारे में कुछ बताती है। इसकी सामान्य रूप से एक क्रिया होती है। (देखें: क्रियाएँ) नीचे दिए गए वाक्यों में, कर्ता "व्यक्ति" और "वह" हैं। भविष्यद्वाणियों को रेखांकित किया गया है और क्रियाएँ बड़े अझरों में हैं।
यौगिक वाक्यएक वाक्य को एक से अधिक वाक्य से बनाया जा सकता है। नीचे दी गई दो पंक्तियों में से प्रत्येक में एक कर्ता और भविष्यद्वाणी है और यह एक पूर्ण वाक्य है।
अंग्रेजी में, यौगिक वाक्य "और," "परन्तु," या "या" जैसे संयोजन के साथ आपस में जुड़ जाते हैं।
खण्डवाक्यवाक्य में खण्डवाक्य और अन्य वाक्यांश भी हो सकते हैं। खण्डवाक्य वाक्यों की तरह हैं क्योंकि उनके पास एक कर्ता और भविष्यद्वाणी होती है, परन्तु वे सामान्य रूप से स्वयं प्रगट नहीं होते हैं। खण्डवाक्य के कुछ उदाहरण यहाँ दिए गए हैं। कर्ता बड़े अझरों में हैं, और भविष्यद्वाणियों को रेखांकित किया गया है।
परन्तु प्रत्येक वाक्य में कम से कम एकस्वतंत्र खण्ड होना चाहिए, अर्थात्, एक खण्ड जो स्वयं ही एक वाक्य हो सकता है। अन्य खण्ड जिन्हें स्वयं अपने आप में वाक्य नहीं हो सकता है उन्हें आश्रित खण्ड कहा जाता है। आश्रित खण्ड उनके अर्थ को पूरा करने के लिए स्वतंत्र खण्ड पर निर्भर होते हैं। आश्रित खण्ड नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित किए गए हैं।
सम्बन्धात्मक खण्डवाक्यकुछ भाषाओं में, खण्डों का उपयोग संज्ञा के साथ किया जा सकता है, जो वाक्य का भाग होती है। इन्हें सम्बन्धात्मक खण्डवाक्य कहा जाता है। नीचे दिए गए वाक्य में, "मक्कई जो तैयार थी" पूरे वाक्य के पूर्वानुमान का भाग है। सम्बन्धात्मक खण्डवाक्य "जो तैयार थी" का प्रयोग "मक्कई" संज्ञा के साथ इसलिए किया जाता है, ताकि यह बताया जा सके कि उसने कौन सी मक्कई उठाई है।
अनुवाद के विषय
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सूचना संरचनाThis page answers the question: भाषाएँ किसी वाक्य के भागों को कैसे क्रमबद्ध करती हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनअलग अलग भाषाएँ किसी वाक्य के भागों को अपनी-अपनी मानकीय शैली के अनुसार व्यवस्थित करती हैं। अंग्रेजी में, सामान्यतः, पहले संज्ञा (कर्ता ) फिर क्रिया, फिर कर्म, और विशेषण, इत्यादि होता है, उदाहरणार्थ :पतरस ने कल अपने घर की रंगाई की अनेक अन्य भाषाएँ इन अवयवों को अपने भिन्र भिन्न क्रमों में प्रस्तुत करती हैं, जैसे: रंगाई की, कल, पतरस ने अपने घर की यद्यपि सभी भाषाओं में वाक्यों के अपने ही मानकीय क्रम होते हैं, यह क्रम वक्ता या लेखक के द्वारा सर्वोच्च महत्व की विचारित सूचना के आधार पर बदल सकता है| मान लो कि कोई इस प्रश्न का उत्तर दे रहा है: ‘‘पतरस ने कल क्या रंगा?’प्रश्न पूछने वाला व्यक्ति उपरोक्त वाक्य के में लिखी हर एक सूचना को जानता है, एक को छोड़कर और वह है, कर्म अर्थात ‘‘अपना घर’’। अत: यह शब्द सूचना का महत्वपूर्ण भाग बन जाता है और अंग्रेजी में उत्तर देने वाला कहेगा: उसका घर ही तो है जिसको पतरस ने (कल) रंगा| इसमें सर्वोच्च महत्त्व की सूचना पहले स्थान पर रखी गई है जो अंग्रेजी में एक सामान्य विधि है। ऐसी अनेक भाषाएँ भी हैं जिनमें महत्वपूर्ण सूचना को सामान्यतः अंत में रखा जाएगा। लेख के प्रवाह में सर्वाधिक महत्त्व की जानकारी प्राय: वह होती है जिसको लेखक पाठकोँ के लिए नई जानकारी मानता है। कुछ भाषाओं में महत्वपूर्ण जानकारी पहले आती है, तो कुछ में इन्हे अंत में रखा जाता है। अनुवाद की ऐसी समस्या होने का कारण
बाइबल से उदाहरण
मूल यूनानी भाषा में इस वाक्य के शब्दों को अलग क्रम में लिखा गया था । वे इस प्रकार थे: और उन्होंने सब खाया और वे तृप्त हुए। अंग्रेजी में, इसका अर्थ लगता है कि लोगों ने सब कुछ खा लिया। परंतु अगला पद कहता है कि उन्होने बचे हुए टुकड़ों से भरी बारह टोकरियाँ उठाई। इस भ्रम को दूर करने के लिए, ULT के अनुवादकों ने इसको अंग्रेजी वाक्य के सही क्रम में रखा है|
इस पद में, चेलों के द्वारा यीशु से कही गयी इस बात में महत्वपूर्ण जानकारी को सर्वप्रथम व्यक्त किया गया है - कि वह भीड़ को विदा करे। परंतु उन भाषाओं में जहाँ महत्वपूर्ण बातों को अंत में लिखा जाता है, लोग यह समझ सकते हैं कि इस वाक्य में यीशु को दी गई जानकारी का सर्वाधिक महत्वपूर्ण अंश है -यह सुनसान जगह है। अति संभव है कि वे सोचने लगें कि चेले वहाँ सुनसान जगह की आत्माओं से डरे हुए थे और लोगों को भोजन लेने के लिए विदा करना, उनको आत्माओं से बचाने का एक तरीका था। यह गलत संदेश है।
इस पद में, सूचना का सबसे महत्वपूर्ण भाग पहले लिखा है - ‘‘हाय’’ लोगों के कामों के सम्बन्ध में है। उस चेतावनी का गौण उपवाक्य अंत में हैजो कारण दर्शाता है। यह उन लोगों को भ्रम में डाल सकता है जिनकी भाषा में महत्वपूर्ण जानकारी को अंत में रखा जाता है। अनुवाद कौशल
अनुवाद कौशल कि व्यावहारिकता
मूल भाषा यूनानी के क्रम में यह पद है: * वह वहां से निकलकर, आया देश में अपने, और वे पीछे हो लिए, चेले उसके| (मरकुस 6:1) ULT ने इसको अंग्रेजी मानकीय क्रम में लिखा है|
2.अध्ययन करके देखें कि आपकी भाषा में नईं या महत्वपूर्ण जानकारी को किस स्थान में रखा जाता है और जानकारिओं के क्रम को पुनः व्यवस्थित करें जिससे कि वह आपकी भाषा कि शैली के अनुसार हो|
यदि आपकी भाषा में महत्वपूर्ण जानकारिओं को अंत में रखा जाता है तो आप इस वाक्य के क्रम को बदल सकते हैं:
यदि आपकी भाषा में महत्वपूर्ण जानकारियोँ को अंत में रखा जाता है तो आप इस वाक्य के क्रम को बदल सकते हैं:
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वाक्य के प्रकारThis page answers the question: वाक्य के विभिé प्रकार कौन कौन से हैं और उनका उपयोग कहाँ होता है? विवरणवाक्य शब्दों का वह समूह होता है जो किसी पूर्ण विचार को व्यक्त करता है। वाक्यों के मूल प्रकार उन कार्यों के साथ नीचे सूचीबद्ध हैं जिनका मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है।
यह अनुवाद की समस्या है
बाइबल से उदाहरणनीचे दिए गए उदाहरण इन मुख्य प्रकारों में से प्रत्येक को उनके मुख्य कार्यों के उपयोग के निम्मित दर्शाए गए हैं। कथन
कथनों में अन्य कार्य भी हो सकते हैं। (देखें Statements - Other Uses) प्रश्ननीचे दिए गए वाक्यों में वक्ताओं ने जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रश्न पूछे, और जिन लोगों से वे बातें कर रहे थे, उन्होंने उनके प्रश्नों के उत्तर दिए|
प्रश्नों में अन्य कार्य भी हो सकते हैं। (देखें Rhetorical Question) आदेशात्मक वाक्यआदेशात्मक वाक्य विभिन्न प्रकार के होते हैं: आदेश, निर्देश, सुझाव, निमन्त्रण, अनुरोध, और इच्छाएँ। आदेश के साथ, वक्ता अपने अधिकार का उपयोग करता है और किसी को कुछ करने के लिए कहता है।
निर्देश के साथ, वक्ता किसी से कहता है कि वह काम को कैसे करे|
सुझाव के साथ, वक्ता किसी को कुछ करने के लिए या नहीं करने के लिए कहता है जो उसके विचार में उसकी सहायता के लिए है| निम्नलिखित उदाहरण में, दोनों अंधों के लिए अच्छा तो यही है कि वे एक दुसरे का पथप्रदर्शन न करें|
वक्ता उस समूह का भाग बनने की मंशा रख सकते हैं, जो दी गए सुझाव का अनुपालन करता है| उत्पत्ति 11 में, लोग कह रहे थे कि उनके लिए एक साथ ईंटों को बनाना अच्छा होगा।
आमंत्रण के साथ, वक्ता विनम्रता या मित्रता का उपयोग करता है ताकि यह सुझाव दिया जा सके और यदि श्रोता चाहे तो उसे करे| यह प्रायः ऎसी बात होती है जो वक्ता के विचार में श्रोता के लिए आनंददायक है|
अनुरोध के साथ, वक्ता यह कहने के लिए विनम्रता का उपयोग करता है कि वह चाहता है कि कोई ऐसा कुछ करे। इसमें आदेश की अपेक्षा अनुरोध को स्पष्ट करने के लिए 'कृपया' शब्द जोड़ा जा सकता है| यह सामान्य रूप से कुछ ऐसा होता है जो वक्ता को लाभ पहुँचाएगा।
मनुष्य मन में इच्छा रखते हुए व्यक्त करता है कि उसकी मनोकामना पूरी हो| अंग्रेज़ी में इनका आरम्भ प्रायः "हो सके" या "होने दे" से होता है| उत्पत्ति 28 में, इसहाक ने याकूब से कहा कि वह उसके लिए क्या चाहता है कि परमेश्वर करे।
उत्पत्ति 9 में, नूह ने कनान के लिए कहा कि उसकी इच्छा है कि उसके साथ ऐसा हो|
उत्पत्ति 21 में, हाजिरा ने अपनी दृढ़ इच्छा व्यक्त की कि अपने पुते को मरते हुए न देखे, और फिर वह चली गई ताकि वह उसे मरते हुए न देख सके।
आदेशात्मक वाक्यों में अन्य कार्य भी होते हैं। (देखें Imperatives - Other Uses) विस्मयादिबोधकविस्मयादिबोधक वाक्य दृढ़ भाव को व्यक्त करते हैं। ULT और UST अनुवादों में, वाक्य के अंत में प्रायः विस्मयादिबोधक चिह्न (!) होता है।
(विस्मय को प्रकट करने की अन्य विधियों और उनके अनुवाद की विधियों के लिए (देखें: Exclamatios) जिनमें विस्मयादिबोधकों को दिखाया जाता है और उनके अनुवाद करने के तरीके को देखें।) अनुवाद की युक्तियाँ(1) अपनी भाषा का प्रयोग इस प्रकार करें कि प्रकट हो कि वाक्य का एक विशेष कार्य होता है| (2) यदि बाईबल में कोई ऐसा वाक्य प्रकार आ जाता है जिसका उपयोग आपकी भाषा में उस वाक्य के काम के लिए नहीं किया जाता है तो अनुवाद की युक्तियों हेतु निम्न व्यक्त पृष्ठों को देखें|
कथन - अन्य उपयोगThis page answers the question: कथनों के अन्य उपयोग क्या क्या हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनबाइबल में अक्सर कथनों का उपयोग सूचना देने के लिए किया जाता है। परंतु कभी-कभी बाइबल में उनका उपयोग दूसरे कार्यों के लिए भी होता है। कारण यह अनुवाद की समस्या हैबाइबल में दिए गए कुछ कार्यों के लिए कुछ भाषाओं में कथनों का उपयोग नहीं किया जाता है। बाइबल से उदाहरणबाइबल में अक्सर कथनों का उपयोग सूचना देने के लिए किया जाता है। निम्नलिखित यूहन्ना 1:6-8 के सारे वाक्य कथन हैं और उनका उद्देश्य सूचना देना है।
कथनों का उपयोग किसी को कुछ करने के लिए कही जाने वाली आज्ञा के रूप में भी किया जा सकता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, महायाजक ने ‘‘करने’’ की क्रिया के साथ कथन का उपयोग लोगों को आज्ञा देकर किया कि उन्हें क्या करना चाहिए।
एक कथन का उपयोग निर्देश देने के लिए भी किया जा सकता है । नीचे के कथन में वक्ता यूसुफ को भविष्य में की जाने वाली बात के बारे में ही नही बताता है; अपितु यह भी बताता है कि उसे क्या करना है।
एक कथन का उपयोग विनती के लिए भी किया जा सकता है । कोढ़ी केवल कह ही नही रहा था कि यीशु क्या कर सकता है। वह यीशु से उसे चंगा करने के लिए भी कह रहा था ।
एक कथन का उपयोग कुछ करने के लिए भी किया जा सकता है। आदम को यह कहने के द्वारा कि भूमि भी उसके कारण शापित है, वास्तव में परमेश्वर ने उसे शापित किया था।
किसी व्यक्ति को यह बताने से कि उसके पाप क्षमा कर दिए गए हैं, यीशु ने उस व्यक्ति के पापों को क्षमा कर दिया।
अनुवाद रणनीति
अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण(1) यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो वाक्य के एक प्रकार का उपयोग करें जिस में उस कार्य को बताया जा सके।
‘‘तू उसका नाम यीशु रखना’’ एक निर्देश है । सामान्य निर्देश के वाक्य के प्रकार का उपयोग कर इसका अनुवाद किया जा सकता है
(2) यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो वाक्य के एक प्रकार को जोड़कर उस कार्य को बताया जाए।
"तू मुझे शुद्ध कर सकता है" का उद्देश्य एक विनती करना है। कथन के अतिरिक्त, एक विनती को जोड़ा जा सकता है।
(3) यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो क्रिया के एक प्रकार का उपयोग करें जिस में उस कार्य को बताया जा सके।
आदेशात्मक - अन्य उपयोगThis page answers the question: बाइबल के आदेशात्मक वाक्यों के अन्य उपयोग क्या हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनआदेशात्मक वाक्य अपनी एक इच्छा अथवा जरूरत को दिखाने के लिए किया जाता है कि कोर्इ कुछ करके दे। कर्इ बार, बाइबल में आदेशात्मक वाक्यों के अन्य उपयोग भी होते हैं। कारण यह अनुवाद की समस्या हैकुछ भाषाओं में, बाइबल में उपयोग किए किए गए कुछ कार्यों के लिए आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग नही होता है। बाइबल से उदाहरणअक्सर वक्तागण श्रोताओं को कुछ करने के लिए कहने के लिए आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग करते हैं। उत्पति 26 में, परमेश्वर इसहाक को मिस्र में नही परंतु जहाँ वह कहे वहाँ जाकर रहने के लिए कहता है।
कर्इ बार बाइबल में आदेशात्मक वाक्यों के अन्य उपयोग भी होते हैं। आदेश जो चीजों को पूरा करवाते हैंपरमेश्वर आदेश के द्वारा चीजों को पूरी करवा सकता है और वे होती हैं। यीशु ने एक व्यक्ति को चँगा होने का आदेश देकर चँगा किया। वह व्यक्ति आदेश का पालन करने के लिए कुछ भी नही कर सकता था, परंतु यीशु ने आदेश देकर उस व्यक्ति की चंगार्इ को पूरा किया (इस संदर्भ में "शुद्ध हो" का अर्थ ‘‘चंगा हो’’ जाने से है ताकि आसपास के अन्य लोगों को पता चले कि उस व्यक्ति को फिर से स्पर्श करना सुरक्षित था।)
उत्पति 1 में, परमेश्वर ने आदेश दिया कि उजियाला हो, और आज्ञा देने के कारण से ऐसा हो गया। कुछ भाषाओं जैसे बाइबल की भाषा इब्रानी में, कुछ आदेशों को तृतीय पुरूष रूप में दिया जाता है। अंग्रेजी में ऐसा नही है, इसीलिए ULT के समान, तृतीय पुरूष रूप को द्वितीय पुरूष में बदलना जरूरी है:
तृतीय पुरूष रूप का उपयोग करने वाली भाषाएँ मूलभूत इब्रानी भाषा की तरह कार्य कर सकती हैं, जो निम्न प्रकार का अनुवाद करती हैं, "उजियाला को अवश्य ही उत्पन्न होना है।’’ आदेशात्मक वाक्य जो आशीषों के रूप में कार्य करते हैंबाइबल में, परमेश्वर लोगों को आदेशात्मक तरीके का उपयोग कर आशीष दे सकता है। इससे पता चलता है कि उनके लिए उसकी इच्छा क्या है।
आदेशात्मक वाक्य जो शर्तों के रूप में कार्य करते हैंआदेशात्मक वाक्य का उपयोग उस शर्त को बताने के लिए भी किया जा सकता है जिसके अधीन कोर्इ कार्य पूरा होगा। यह कहावत जीवन और चीजों के बारे में वे बातें बताती है जो अक्सर हुआ करती हैं। नीचे लिखे नीतिवचन 4:6 का उद्देश्य एक आदेश देना नही है, परंतु यह शिक्षा देना है कि यदि लोग बुद्धि से प्रेम से करें तो वे किस बात की प्रतीक्षा कर सकते हैं।
नीचे लिखे नीतिवचन 22:6 का उद्देश्य एक आदेश देना नही है, परंतु यह शिक्षा देना है कि यदि वे अपने बच्चों को उस मार्ग की शिक्षा देते जिस पर उन्हें चलना चाहिए तो वे किस बात की प्रतीक्षा कर सकते हैं।
अनुवाद रणनीतियाँ(1) यदि लोग बाइबल के किसी एक कार्य के लिए आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग नही करते हैं, तो उसके बदले में एक कथन का उपयोग करें। (2) यदि लोगों को समझ नही आ रहा है कि कथन का उपयोग किसी चीज के होने को दर्शाने के लिए किया गया है, तो ‘‘ताकि’’ जैसे शब्द को जोड़ें जिससे हुर्इ घटना के परिणाम को पहचाना जा सके जिसे कहा गया था। (3) यदि लोग आदेश को शर्त के रूप में नही समझ सकते हैं, तो उसे ‘‘यदि’’ और ‘‘तब’’ के साथ जोड़कर अनुवाद करें। अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण (1) यदि लोग बाइबल के किसी एक कार्य के लिए आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग नही करते हैं, तो उसके बदले में एक कथन का उपयोग करें।
(2) यदि लोगों को समझ नही आ रहा है कि कथन का उपयोग किसी चीज के होने को दर्शाने के लिए किया गया है, तो ‘‘ताकि’’ जैसे शब्द को जोड़ें जिससे हुर्इ घटना के परिणाम को पहचाना जा सके जिसे कहा गया था।
(3) यदि लोग आदेश को शर्त के रूप में नही समझ सकते हैं, तो उसे ‘‘यदि’’ और ‘‘तब’’ के साथ जोड़कर अनुवाद करें।
इस रूप में अनुवादित:-*
विस्मयादिबोधकThis page answers the question: विस्मयादिबोधक अनुवाद के तरीके क्या हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनविस्मयादिबोधक चिन्ह वे शब्द अथवा वाक्य हैं जो चकित होने, खुशी, डर या क्रोध जैसी सशक्त भावनाओं को प्रकट करते हैं। ULB और UDB में, वे आमतौर पर अंत में (!) का उपयोग करते हैं। चिन्ह दिखाता है कि उसमें विस्मय (स्तम्भित होना) है। लोग की बातों के हालात एवं अर्थ यह समझने में हमारी मदद करते हैं कि उनमें कौनसी भावनाएँ मौजूद हैं। निम्नलिखित मती 8 के उदाहरण में, वक्ता बहुत अधिक डरे हुए थे।मती 9 के उदाहरण में, वक्ता बहुत अधिक चकित थे क्योंकि उन्होने जीवन में पहली बार ऐसा कुछ देखा था।
कारण यह एक अनुवाद मुद्दा हैभाषाओं में यह प्रकट करने के विभिन्न तरीके हैं कि एक वाक्य कितनी शक्तिशाली भावनाओं को प्रकट कर रहा है। बाइबल से उदाहरणकुछ विस्मयादिबोधक चिन्हों में शब्द होते हैं जो भावनाओं को प्रकट करते हैं। नीचे लिखें वाक्यों में वे ‘‘आहा’’ और ‘‘हाय’’ हैं। ‘‘आहा’’ शब्द वक्ता के अचंभित होने को दिखाता है।
नीचे ‘‘हाय’’ शब्द से पता चलता है कि गिदोन बहुत भयभीत था।
बाइबल के कुछ विस्मयादिबोधक चिन्हों में मुख्य क्रिया नही होती है। नीचे लिखे विस्मयादिबोधक चिन्ह दिखाते हैं कि वक्ता उन लोगों से नाराज है जिनसे वह बात कर रहा है।
अनुवाद की रणनीतियाँ(1) आपकी भाषा में विस्मयादिबोधक चिन्ह को यदि क्रिया की जरूरत हैं तो जोड़ें । अक्सर एक अच्छी क्रिया ‘‘है’’ सा ‘‘हैं’’ होती है। (2) अपनी भाषा के उन विस्मयादिबोधक चिन्हों उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं। (3) विस्मयादिबोधक चिन्हों का अनुवाद वाक्य के साथ करें जो भावनाओं को दिखाते हैं। (4) वाक्य के भाग पर बल देने वाले शब्द का उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं। (5) यदि लक्षित भाषा में शक्तिशाली भावना स्पष्ट नही हैं, तो बताएँ कि व्यक्ति को कैसा लगा। अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण(1) आपकी भाषा में विस्मयादिबोधक चिन्ह को यदि क्रिया की जरूरत हैं तो जोड़ें। अक्सर एक अच्छी क्रिया ‘‘है’’ सा ‘‘हैं’’ होती है।
(2) अपनी भाषा के उन विस्मयादिबोधक चिन्हों उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं। नीचे दिए गए पहले सुझाए गए अनुवाद में,‘‘वाह!’ ’शब्द बताता है कि वे आश्चर्यचकित थे। दूसरे सुझाए गए अनुवाद में,‘‘अरे नही’’ का भाव बताता है कि कुछ भयानक अथवा डरावना हुआ था।
शब्दों और वाक्यांशों को जोड़नाThis page answers the question: मूलपाठ के भागों को भिन्न तरीकों से जोड़ने के लिए शब्द कैसे कार्य करते हैं? विवरणमनुष्य होने के नाते, हम अपने विचारों को वाक्यांशों और वाक्यों में लिखते हैं। सामान्य रूप से, हम विचारों की एक श्रृंखला को संचारित करना चाहते हैं जो विभिन्न तरीकों से एक दूसरे से जुड़े हुए होते हैं। जोड़ने वाले शब्द और वाक्यांश दिखाते हैं कि ये विचार एक दूसरे से कैसे संबंधित हैं। उदाहरण के लिए, हम बता सकते हैं कि नीचे दिए गए विचार कैसे जुड़े हुए रेखांकित किए गए शब्दों का उपयोग करने के द्वारा आपस में संबंधित हैं:
जोड़ने वाले शब्द या वाक्यांश एक वाक्य के भीतर वाक्यांशों या खंडों को आपस में जोड़ सकते हैं। वे वाक्यों को एक दूसरे के साथ जोड़ सकते हैं। वे साथ ही पूरे खण्ड को आपस में जोड़ सकते हैं ताकि यह दिखा सकें कि कैसे पहले खण्ड के बाद आने वाला दूसरा खण्ड आपस में संबंधित है। बहुत बार, जोड़ने वाले ऐसे शब्द जो एक दूसरे खण्ड को पूरी तरह से जोड़ते हैं, या तो संयोजन या क्रियाविशेषण होते हैं।
उपरोक्त उदाहरण में, शब्द "अब" पाठ के दो छोटे खण्डों को आपस में जोड़ता है, जो उनके बीच के संबंध को दर्शाता है। बोलने वाले को अपने कपड़े बदलने चाहिए, गर्म चाय पीना चाहिए, और पहले जो कुछ हुआ था, उसके कारण स्वयं को गर्म करना है (अर्थात्, वह बारिश में भीग गया है)। अक्सर लोग एक जोड़ने वाले शब्द का उपयोग न करें क्योंकि वे पाठकों को संदर्भ के कारण विचारों के बीच के संबंध को समझने की अपेक्षा करते हैं। कुछ भाषाएं जोड़ने वाले शब्दों का उपयोग नहीं करती हैं जितना कि अन्य भाषाएं करती हैं। वे कह सकती हैं कि:
आपको (अनुवादक) उस पद्धति का उपयोग करने की आवश्यकता होगी जो लक्षित भाषा में सबसे अधिक स्वाभाविक और स्पष्ट है। परन्तु सामान्य रूप में, जब भी संभव हो जोड़ने वाले शब्दों का उपयोग करना पाठक को बाइबल के विचारों को अधिक स्पष्ट रूप से समझने में सहायता करता है। कारण यह एक अनुवाद का विषय है
अनुवाद के सिद्धांत
विभिन्न प्रकार के संयोजकनीचे सूचीबद्ध किए गए विचारों या घटनाओं के मध्य में विभिन्न प्रकार के संयोजक हैं। इन विभिन्न प्रकार के संयोजकों को भिन्न तरह के जोड़ने वाले शब्दों का उपयोग करके इंगित किया जा सकता है। जब हम कुछ लिखते हैं या अनुवाद करते हैं, तो जोड़ने वाले सही शब्द का उपयोग करना महत्वपूर्ण है, ताकि पाठक के लिए ये आपसी संबंध स्पष्ट हों। यदि आप अतिरिक्त जानकारी चाहते हैं, तो प्रत्येक प्रकार के संयोजक के लिए परिभाषा और उदाहरण वाले पृष्ठ पर निर्देशित किए गए रंगीन शब्द पर क्लिक करें।
बाइबल से उदाहरण
शब्द "परन्तु" किसी बात का परिचय देता है कि पहले जो कहा गया था, उसके विपरीत तुलना है। तुलना यहाँ पौलुस ने क्या नहीं किया और क्या नहीं किया में है। शब्द "फिर" घटनाओं के एक अनुक्रम का परिचय देता है। यह कुछ ऐसा परिचय देता है जिसे पौलुस ने दमिश्क से लौटने के पश्चात् किया था।
शब्द "इसलिए" इस खण्ड को इससे पहले वाले खण्ड के साथ जोड़ता है, यह संकेत देता है कि इस पहले आए खण्ड ने इस खण्ड के लिए कारण दिया है । शब्द "इसलिए" सामान्य रूप से एक वाक्य की तुलना में बड़े खण्डों को जोड़ता हूं। शब्द "और" एक ही वाक्य के भीतर केवल दो क्रियाओं को जोड़ता है, जो कि आज्ञाओं को तोड़ना और दूसरों को सिखाना है। इस वचन में "परन्तु" लोगों के एक समूह को परमेश्वर के राज्य में क्या कहा जाएगा, के विपरीत लोगों के एक अन्य समूह को क्या कहा जाएगा की तुलना करता है।
यहाँ शब्द "क्योंकि" उसे जोड़ता है जो इसके पीछे कारण के रूप में इसके आगे वाले के लिए आया है; पौलुस किसी को सामने कोई ठोकर नहीं रखता का कारण यह है कि वह नहीं चाहता कि उसकी सेवकाई के ऊपर कोई दोष आए। "इसके स्थान पर" पौलुस क्या करता है (अपने कार्यों से प्रमाणित करता है कि वह परमेश्वर का सेवक है) के विपरीत की तुलना उसने जो कहा है उसे नहीं करता है (ठोकर को सामने रखते हुए)। सामान्य अनुवाद रणनीतियाँविशिष्ट रणनीतियों के लिए उपरोक्त प्रत्येक प्रकार के कनेक्टिंग वर्ड देखेंयदि यूएलटी में दिखाए गए विचारों के बीच का संबंध स्वाभाविक है और आपकी भाषा में सही अर्थ को देगा, तब तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि ऐसा नहीं है, तो यहां कुछ अन्य विकल्प दिए गए हैं।
अनुप्रयुक्त अनुवाद रणनीतियों के उदाहरण(1) एक जोडऩे वाले शब्द का उपयोग करें (भले ही यूएलटी उपयोग नहीं करता है)।
उन्होंने यीशु का अनुसरण किया क्योंकि उसने उनसे ऐसा करने के लिए कहा। कुछ अनुवादक इस खण्ड को जोड़ने वाले शब्द "ऐसा" के साथ चिह्नित करना चाहेंगे।
(2) जोड़ने वाले एक शब्द का उपयोग तब तक न करें यदि उसका उपयोग करना विषय प्रतीत हो और लोग इसके बिना ही विचारों के बीच सही संबंध को समझेंगे।।
कुछ भाषाएं यहां जोड़ने वाले शब्दों का उपयोग करना पसंद नहीं करेंगी, क्योंकि उनके बिना अर्थ स्पष्ट है और उनका उपयोग करना अस्वाभाविक होगा। वे इस तरह से अनुवाद कर सकते हैं कि: इसलिए जो कोई भी इनमें से छोटी से छोटी में से किसी एक को तोड़े, वैसा ही दूसरों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में छोटा कहलाएगा। जो कोई उनका पालन करता है और उन्हें सिखाता है उसे स्वर्ग के राज्य में महान कहा जाएगा।
कुछ भाषाओं को यहाँ "परन्तु" या "तब" शब्दों की आवश्यकता नहीं हो सकती है। वे इस तरह अनुवाद कर सकते हैं:
(3) एक अलग जोड़ने वाले शब्द का उपयोग करें।
"इसलिए" जैसे शब्द के स्थान पर, एक भाषा को यह इंगित करने के लिए एक वाक्यांश की आवश्यकता हो सकती है कि इससे पहले भी एक खण्ड था जो उस खण्ड का कारण प्रदान करता था जो इसके बाद में आता है। साथ ही, शब्द "परन्तु" का उपयोग यहां दो समूहों के लोगों के बीच विपरीतता को दिखाने के लए किया जाता है। परन्तु कुछ भाषाओं में, शब्द "परन्तु" यह दर्शाता है कि इसके बाद जो आता है वह आश्चर्यचकित करने वाला है इसका कारण इससे पहले जो कुछ आया है। इसलिए "और" उन भाषाओं के लिए स्पष्ट हो सकता है। वे इस तरह अनुवाद कर सकते हैं:
संयोजक - अनुक्रमिक समय संबंधThis page answers the question: मैं अनुक्रमिक समय संबंध के साथ खण्डवाक्य का अनुवाद कैसे करूँ? समय-के-संबंधकुछ संयोजक मूलपाठ की सामग्री में दो वाक्यांशों, खण्डवाक्यों, वाक्यों के बीच समय संबंध स्थापित करते हैं। अनुक्रमिक खण्डवाक्यपरिभाषाएक अनुक्रमिक खण्डवाक्य एक ऐसा समय संबंध है जो दो घटनाओं को आपस में जोड़ता है जिसमें पहले एक घटित होती है और तत्पश्चात् दूसरी। कारण यह अनुवाद की समस्या हैभाषाएँ विभिन्न तरीकों से घटनाओं के घटित होने के अनुक्रम को दर्शाती हैं; कुछ एक के बाद दूसरी घटना के घटने की व्यवस्था को, कुछ शब्दों को जोड़ने का उपयोग करती हैं, तो कुछ भी संबंधात्मक काल का उपयोग करती हैं। अनुक्रम को इंगित करने वाले शब्द "तब", "पश्चात्", "इसके बाद", "तत्पश्चात्", "इससे पहले", "पहले", और "जब" जैसे शब्द हैं। अनुवादकों को निश्चित होना चाहिए कि वे घटनाओं के क्रम को इस तरह से व्यवस्थित करें जो कि उनकी भाषा में स्वाभाविक हो। इसके लिए मूल भाषाओं की तुलना में भिन्न खण्डवाक्यों की व्यवस्था को देने की आवश्यकता हो सकती है। ओबीएस और बाइबल से उदाहरण
पहले यूसुफ अपने भाइयों के पास आया और फिर उन्होंने उसका अपहरण कर उसे बेच दिया। हम इसे संयोजक शब्द जब के कारण जानते हैं। अनुवादक को इस अनुक्रम को स्पष्ट और सही ढंग से संप्रेषित करने का सबसे अच्छा तरीका निर्धारित करना होगा।
पहले खण्डवाक्य की घटना पहले घटित हो जाती है, और अंतिम खण्डवाक्य की घटना इसके बाद में घटित होती है। इसे हम संयोजक शब्द, तो के कारण जानते हैं। अनुवादक को इस अनुक्रम को स्पष्ट और सही ढंग से संप्रेषित करने का सबसे अच्छा तरीका निर्धारित करना होगा।
पहले खण्डवाक्य की घटना दूसरे खण्डवाक्य की घटना के बाद घटित होती है। पहले वे जिस भूमि से डरते हैं वह उजाड़ हो जाएगी और फिर लड़के को बुराई को त्यागना और भले को चुनने का पता चलेगा। हम इसे संयोजक शब्द * उससे पहले* के कारण जानते हैं। यद्यपि, इस अनुक्रम में खण्डवाक्य को आरम्भ करना आपकी भाषा में घटनाओं के गलत अनुक्रम की व्यवस्था को दे सकता है। अनुवादक को व्यवस्था को बदलना पड़ सकता है ताकि खंडवाक्य अपनी व्यवस्था में आए जिसे तरह से उन्हें आना चाहिए। या मूल भाषा पाठ के अनुक्रम को बनाए रखना और अनुक्रम के क्रम को चिह्नित करना संभव हो सकता है ताकि यह पाठकों के लिए स्पष्ट हो। आपको (अनुवादक को) इस अनुक्रम को स्पष्ट और सही ढंग से संप्रेषित करने का सबसे अच्छा तरीका निर्धारित करना होगा।
यहाँ पर सामान्य संयोजक "और" चार घटनाओं को एक साथ जोड़ता है। ये अनुक्रमिक घटनाएँ हैं - प्रत्येक के बाद दूसरी घटित होती है। हम यह जानते हैं क्योंकि यही एकमात्र तरीका है जिससे ये घटनाएँ घटित हुई होंगी। इसलिए अंग्रेजी में, सामान्य संयोजक, "और", इन जैसी घटनाओं के अनुक्रम को स्पष्ट करने के लिए पर्याप्त है। आपको यह निर्धारित करने की आवश्यकता पड़ेगी कि क्या यह आपकी भाषा में भी इस अनुक्रम को स्पष्ट और सही ढंग से संप्रेषित करता है। अनुवाद रणनीतियाँयदि आपकी भाषा में घटनाओं का अनुक्रम स्पष्ट है, तो अनुक्रम को उसी रूप में अनुवादित करें।
अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण(1) यदि संयोजक शब्द स्पष्ट नहीं है, तो ऐसे संयोजक शब्द का उपयोग करें जो अनुक्रम को अधिक स्पष्ट रूप से संचार करता है।
(2) यदि खण्डवाक्य एक अनुक्रम में हैं जो अनुक्रम को अस्पष्ट बनाता है, तो खण्डवाक्य को ऐसे अनुक्रम में रखें जो अधिक स्पष्ट हो।
घटनाओं के अनुक्रमों के बारे में अधिक जानने के लिए, देखें घटनाओं का अनुक्रम. संयोजक - समकालीन समय संबंधThis page answers the question: मैं एक समकालीन समय संबंध के साथ खण्ड का अनुवाद कैसे कर सकता हूं? समय संबंधकुछ संयोजक अर्थात् जोड़ने वाले शब्द मूलपाठ के दो वाक्यांशों, खण्डों, वाक्यों के बीच समय संबंध को स्थापित करते हैं। समकालीन खण्डपरिभाषाएक समकालीन खण्ड का एक समय संबंध होता है जो एक ही समय में होने वाली दो या अधिक घटनाओं को आपस में जोड़ता है। कारण यह एक अनुवाद का विषय हैभाषाएं संकेत देती हैं कि घटनाएं एक साथ कई भिन्न तरीकों से घटित होती हैं। ये इस आधार पर भिन्न हो सकती हैं कि कोई चीज उन्हें एक साथ उत्पन्न कर रही है या नहीं। एक साथ घटित होने वाली घटनाओं को इंगित करने के लिए जोड़ने वाले शब्द "जबकि," "जैसा," और "दौरान" हैं। अक्सर बाइबल घटनाओं के बीच एक संबंध को नहीं बताती है, परन्तु मात्र इतना कहती है कि वे एक ही समय में घटित हुई थीं। यह महत्वपूर्ण है कि आप (अनुवादक) जानते हैं कि एक समय संबंध कब निहितार्थ को देता है और कब ऐसा नहीं करता है जिससे कि आप इसे स्पष्ट रूप से संचारित कर सकें। एक समकालीन खण्ड यह बताता है कि एक ही समय में घटनाएँ घटित हुईं हैं परन्तु वह यह इंगित नहीं करता है कि एक घटना दूसरे का कारण बनी है। यह एक कारण-और-परिणाम संबंध होगा। ओबीएस और बाइबल से उदाहरण
दो घटनाएं घटित हुईं जब यूसुफ एक धनी सरकारी अधिकारी का गुलाम था: यूसुफ ने अच्छी रीति से सेवा की और परमेश्वर ने यूसुफ को आशीष दी । इन दोनों के बीच एक कारण-और-परिणाम (कारण और प्रभाव) का कोई संकेत नहीं मिलता है, या यह कि पहली घटना घटित हुई, और फिर दूसरी घटना घटित हुई।
यह हमें स्पष्ट रूप से बताता है कि दो चीजें एक ही समय में जोड़ने वाले शब्द, * में* के कारण घटित हुईं। परन्तु एक घटना दूसरी का कारण नहीं बनी।
लोग एक ही समय में प्रतीक्षा कर रहे थे और सोच रहे थे। सामान्य संजोयक, * और*, इसे इंगित करता है।
एक ही समय में तीन घटनाएँ घटित हुईं हैं - चेले ऊपर की ओर ताक रहे हैं, यीशु ऊपर जा रहा है, और दो आदमी आ खड़े होते हैं। संयोजक शब्द "* जबकि" और " जब*" हमें इसे बताते हैं। अनुवाद रणनीतियाँजिस तरह से समकालीन खण्ड को चिह्नित किया गया है, यदि वह उसी तरह आपकी भाषा में स्पष्ट है, तो समकालीन खण्डों का अनुवाद उसी तरह करें जैसे वे हैं।
अनुप्रयुक्त अनुवाद रणनीतियों के उदाहरणनीचे दी गई सूची में अनुवाद रणनीतियों के अनुसार, बाइबल के प्रत्येक वचन को तीन भिन्न तरीकों से फिर से ऊपर दी गई अनुवाद रणनीतियों की सूची में कहा करना जाएगा। प्रत्येक फिर कहे गए कथन की वही संख्या होगी जैसा कि अनुवाद रणनीति इसका उपयोग कर रही है।
(1) अब जबकि लोग जकर्याह की प्रतीक्षा कर रहे थे, वे मंदिर में उसकी देरी पर अचम्भा करने लगे । (2) अब जबकि लोग जकर्याह की प्रतीक्षा कर रहे थे, वे साथ ही मंदिर में उसकी देरी पर अचम्भा करने लगे थे। (3) अब लोग जकर्याह की प्रतीक्षा कर रहे थे, मंदिर में उसकी देरी के बारे में सोचकर अचम्भा करने लगे थे।
(1) और उस समय वे आकाश की ओर ताक रहे थे जब वह ऊपर जा रहा था, तब देखो, दो पुरुष श्वेत वस्त्र पहने हुए उनके पास आ खड़े हुए । (2) और * जबकि वे आकाश की ओर ताक रहे थे जब वह ऊपर जा रहा था, तब देखो उसी समय*, दो पुरुष श्वेत वस्त्र पहने हुए उनके पास आ खड़े हुए । (3) वे आकाश की ओर ताक रहे थे जब वह ऊपर जा रहा था, तब उन्होंने श्वेत वस्त्र पहने हुए दो पुरुष को उनके पास आ खड़े हुए देखा । संयोजक - पृष्ठभूमि की जानकारीThis page answers the question: मैं पृष्ठभूमि जानकारी देने वाले खण्डों का अनुवाद कैसे कर सकता हूं? समय का संबंधकुछ संयोजक पाठ के दो वाक्यांशों, खण्डों, वाक्यों के बीच समय संबंध स्थापित करते हैं। पृष्ठभूमि खण्डपरिभाषाएक पृष्ठभूमि खण्ड वह होता है जो किसी ऐसी चीज का वर्णन करता है जो चल रही होती है, और फिर एक दूसरा खण्ड एक घटना को इंगित करता है जो उस दौरान घटित होने लगती है। ये घटनाएँ एक साथ घटित होने वाली घटनाएँ भी होती हैं, परन्तु उनका पृष्ठभूमि की घटना और मुख्य घटना के बीच संबंध होता है, क्योंकि जो घटना पहले से घट रही होती है, वह दूसरी घटना की पृष्ठभूमि के रूप में कार्य करती है, जो कि ध्यान केन्द्र में है। पृष्ठभूमि घटना केवल मुख्य घटना या घटनाओं के लिए समय सीमा या अन्य संदर्भ को ही प्रदान करती है। कारण यह एक अनुवाद विषय हैभाषाएँ समय में भिन्न तरीकों से परिवर्तन का संकेत देती हैं। आपको (अनुवादक) यह समझने की आवश्यकता है कि मूल भाषा में इन परिवर्तनों को अपनी भाषा में स्पष्ट रूप से संचारित करने के लिए कैसे इंगित किया जाता है। पृष्ठभूमि खण्ड अक्सर उस समय को इंगित करता है जो उस घटना से बहुत पहले शुरू हुआ होता है जो ध्यान केन्द्र में है। अनुवादकों को यह समझने की आवश्यकता है कि स्रोत भाषा और लक्षित भाषा दोनों पृष्ठभूमि की घटनाओं के साथ कैसे संवाद स्थापित करते हैं। कुछ अंग्रेजी शब्द जो पृष्ठभूमि की घटनाओं को इंगित करते हैं वे "अब", "जब", "जबकि", और "दौरान" हैं। ये शब्द एक साथ घटित होने वाली घटनाओं को भी इंगित कर सकते हैं। अंतर बताने के लिए, अपने आप से पूछें कि क्या सभी घटनाएं अपने महत्व में बराबर की हैं और लगभग एक ही समय में शुरू हुई हैं। यदि हां, तो वे संभवतः एक साथ होने वाली घटनाएं हैं। परन्तु यदि एक घटना(ओं) चल रही है और एक अन्य घटना अभी शुरू हुई है, तो चल रही घटना(ओं) शायद अन्य घटना(ओं) की पृष्ठभूमि है। पृष्ठभूमि के घटनाओं को इंगित करने वाले कुछ सामान्य वाक्यांश "उन दिनों में" और "उस समय" हैं। ओबीएस और बाइबल से उदाहरण
सुलैमान ने विदेशी देवताओं की पूजा करना शुरू कर दिया था जब वह बूढ़ा हो गया था। बूढ़ा होना पृष्ठभूमि की घटना है। अन्य देवताओं की पूजा करना मुख्य घटना है।
पहली घटना -- यरुशलेम को जाना - - चल रही है और बहुत पहले शुरू हुई थी। हम इसे "प्रति वर्ष" शब्दों के कारण जानते हैं। यरूशलेम जाना पृष्ठभूमि की घटना है। तब एक घटना शुरू होती है जो उस समय शुरू हुई जब "जब वह बारह वर्ष का था।" इस तरह मुख्य घटना यीशु और उसके परिवार के फसह पर्व मनाने के लिए यरुशलेम की यात्रा करने का विशिष्ट समय है जब वह बारह वर्ष का था।
बेतलहम में होना पृष्ठभूमि की घटना है। बच्चे का जन्म मुख्य घटना है।
यह उदाहरण पांच पृष्ठभूमि खण्डों (अल्पविराम-चिह्नों द्वारा चिह्नित) के साथ शुरू होता है, जिसका संकेत "जब" और "उस समय" शब्दों से पृष्ठभूमि के रूप में मिलता है। तब मुख्य घटना घटित होती है: "परमेश्वर का वचन यूहन्ना के पास पहुँचा"। अनुवाद रणनीतियाँयदि आपकी भाषा में जिस तरह से पृष्ठभूमि खण्ड चिह्नित हैं, स्पष्ट है, तो पृष्ठभूमि खण्ड का अनुवाद वैसे ही करें जैसा वह है।
अनुप्रयुक्त अनुवाद रणनीतियों के उदाहरण
(1) यदि जोड़ने वाला शब्द यह स्पष्ट नहीं करता है कि जो आगे आ रहा है वह पृष्ठभूमि खण्ड है, तो जोड़ने वाले शब्द का उपयोग करें जो इसे और अधिक स्पष्ट रूप से संचारित करता है।
(2) यदि आपकी भाषा जोड़ने वाले शब्दों का उपयोग करने की तुलना में एक अलग ही तरीके से पृष्ठभूमि खण्ड को चिह्नित करती है, जैसे कि विभिन्न क्रिया रूपों के साथ होता है, तो उसी तरीके का उपयोग करें।
समय संबंध जोड़ने वाले शब्दों में अंतर का उदाहरण:पृष्ठभूमि की रूपरेखाउन दिनों में यहोवा का वचन दुर्लभ था;पृष्ठभूमि का दोहराया जानावहाँ पर दर्शन की कोई बात नहीं थी।मुख्य घटना का परिचययह उस समय हुआ,पृष्ठभूमिजब एली अपने स्थान पर लेटा हुआ थासमकालिक पृष्ठभूमिऔर उसकी आँखें धुंधली होने लगी थीं, जिस कारण उसे सूझ नहीं पड़ता था,समकालिक पृष्ठभूमिऔर और परमेश्वर का दीपक अब तक बुझा नहीं था,समकालिक पृष्ठभूमिऔर शमूएल यहोवा के मन्दिर में लेटा हुआ था,समकालिक पृष्ठभूमिजहाँ परमेश्वर का सन्दूक था।मुख्य घटनायहोवा ने शमूएल को पुकारा,अनुक्रमिक घटना । उसने कहा, "मैं यहाँ हूँ।" (1 शमू. 3:1-4 यूएलटी)उपरोक्त उदाहरण में, पहली दो पंक्तियां एक ऐसी परिस्थिति के बारे में बात करती हैं जो लंबे समय से चल रही थी। यह सामान्य, दीर्घ-कालिक पृष्ठभूमि है। हम इसे "उन दिनों में" वाक्यांश से जानते हैं। फिर अल्प-कालिक पृष्ठभूमि वाली कई पंक्तियां मिलती हैं। पहले वाले को "जब," के द्वारा परिचित कराया जाता है और फिर तीन और पहले वाले "और" से जुड़े हुए हैं। "वहाँ" द्वारा प्रस्तुत किया गया पृष्ठभूमि खण्ड इससे पहले के पृष्ठभूमि खण्ड के बारे में कुछ और बताता है। फिर मुख्य घटना घटित होती है, उसके बाद और अधिक घटनाएं घटित होती हैं। इन संबंधों को अपनी भाषा में दिखाने के लिए अनुवादकों को सबसे अच्छे तरीके के बारे में सोचना होगा। संयोजक - लक्ष्य (उद्देश्य) संबंधThis page answers the question: मैं एक लक्ष्य (उद्देश्य) संबंध का अनुवाद कैसे कर सकता हूं? तार्किक संबंधकुछ संयोजक मूलपाठ के दो वाक्यांशों, खण्डों, वाक्यों के बीच तार्किक संबंध स्थापित करते हैं। लक्ष्य (या उद्देश्य) संबंधपरिभाषालक्ष्य संबंध एक तार्किक संबंध है जिसमें दूसरी घटना पहली घटना का उद्देश्य या लक्ष्य है। किसी चीज के लक्ष्य संबंध होने के लिए, किसी को पहली घटना इस सोच से करनी चाहिए कि वह दूसरी घटना का कारण बने। कारण यह एक अनुवाद विषय हैपवित्रशास्त्र में, लक्ष्य या उद्देश्य को प्रथम या द्वितीय कहा जा सकता है। परन्तु कुछ भाषाओं में, उस तार्किक संबंध को समझने के लिए लक्ष्य या उद्देश्य सदैव एक ही स्थिति (या तो पहले या दूसरे) में होना चाहिए। आपको (अनुवादक) दो भागों के बीच के संबंध को समझने और अपनी भाषा में सटीक संवाद स्थापित करने की आवश्यकता है। इसके लिए दो घटनाओं के क्रम को परिवर्तित करने की आवश्यकता हो सकती है। इसे इंगित करने के लिए विशेष शब्दों की भी आवश्यकता हो सकती है कि एक दूसरे का लक्ष्य या उद्देश्य है। सामान्य रूप से अंग्रेजी में एक लक्ष्य संबंध को इंगित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले शब्द "जिस कारण से", "जिससे कि" या "ताकि" हैं। यह महत्वपूर्ण है कि अनुवादक उन शब्दों को पहचानें जो एक लक्ष्य संबंध को इंगित करते हैं और स्वाभाविक रूप से उस संबंध का अनुवाद करे। ओबीएस और बाइबल से उदाहरण
स्त्री के झूठे आरोप का लक्ष्य या उद्देश्य युसुफ को गिरफ्तार करवाना और जेल भेजना था।
यहाँ पूर्वसर्ग वाक्यांश "कि" से शुरू होता है परन्तु "जिस कारण से" को समझा जाता है।
मूसा चाहता है कि परमेश्वर उसे परमेश्वर के बारे में लक्ष्य या उद्देश्य के लिए परमेश्वर के तरीके को दिखाए और वह निरन्तर परमेश्वर की अनुग्रह की दृष्टि में बना रहे।
बोअज़ का लक्ष्य या उद्देश्य पुरुषों को मुट्ठी भर जाने पर कुछ-कुछ निकालकर गिरा देने और इसे रूत को इक्ट्ठा (बीनने) करने के लिए छोड़े देने का निर्देश देने का था।
बैतलहम जाने का उद्देश्य उस घटना को देखना था जो घटित हुई थी। यहाँ उद्देश्य चिह्नित नहीं है और इसे गलत समझा जा सकता है।
आज्ञाओं को पालन करने का लक्ष्य जीवन में प्रवेश करने के लिए है।
मूसा ने इस्राएलियों को जो निर्देश दिए थे, उनसे मुँह न मोड़ने का उद्देश्य यही था कि वे सफल हों।
दाख की बारी के उत्पादको का वारिस को मारने का उद्देश्य यह था कि वे उसकी विरासत को ले सकें। वे दोनों घटनाओं को एक योजना के रूप में बताते हैं, उन्हें केवल शब्द "और" के साथ जोड़ देते हैं। तब शब्द "कि" पहली घटना को वर्णन को चिह्नित करता है, परन्तु दूसरी घटना (लक्ष्य या उद्देश्य) को नहीं बताया गया है। अनुवाद रणनीतियाँयदि आपकी भाषा मूलपाठ में उसी तरह लक्ष्य या उद्देश्य संबंधों का उपयोग करती है, तो जैसे वे हैं वैसे ही उनका उपयोग करें।
अनुप्रयुक्त अनुवाद रणनीतियों के उदाहरण
(2) यदि कथनों का क्रम पाठक के लिए लक्ष्य कथन को अस्पष्ट या भ्रमित करता है, तो व्यवस्था क्रम को परिवर्तित कर दें।
(1) और (2)
संयोजक - कारण और परिणाम संबंधThis page answers the question: मैं कारण-परिणाम संबंध का अनुवाद कैसे कर सकता हूं? तार्किक संबंधकुछ संयोजक अर्थात् जोड़ने वाले शब्द मूलपाठ के दो वाक्यांशों, खण्डों, वाक्यों के बीच तार्किक संबंध को स्थापित करते हैं। कारण-और-परिणाम संबंधपरिभाषाकारण-और-परिणाम संबंध एक तार्किक संबंध है जिसमें एक घटना कारण या किसी अन्य घटना का कारण होती है। दूसरी घटना, तब, पहली घटना का परिणाम होती है। कारण यह एक अनुवाद का विषय हैएक कारण-और-परिणाम संबंध को इस तरह से देखा जा सकता है - "मैंने क कार्य को किया क्योंकि मैं चाहता था कि ख कार्य हो।" परन्तु यह सामान्य रूप से पीछे की ओर देखना है - "ख कार्य हुआ, और इसलिए मैंने क कार्य को किया।" साथ ही, यह कारण को परिणाम के पहले या बाद में बताना संभव है। कई भाषाओं में कारण और परिणाम के लिए वरीयता प्राप्त क्रम होता है, और यह विपरीत क्रम में होने पर पाठक के लिए भ्रामक होता है। अंग्रेजी में कारण-और-परिणाम संबंध को दर्शाने के लिए उपयोग किए जाने वाले सामान्य शब्द "क्योंकि," "तो", "इसलिए," और "चूंकि" इत्यादि हैं। इनमें से कुछ शब्दों का उपयोग लक्ष्य संबंध को इंगित करने के लिए भी किया जा सकता है, इसलिए अनुवादकों को लक्ष्य संबंध और कारण-और-परिणाम संबंध के बीच अंतर के बारे में पता होना चाहिए। अनुवादकों के लिए यह समझना आवश्यक है कि दोनों घटनाएँ किस प्रकार जुड़ी हुई हैं और फिर उन्हें अपनी भाषा में स्पष्ट रूप से बताएं। यदि विभिन्न आयतों में इसका कारण और परिणाम बताया गया है, तो उन्हें अलग क्रम में रखना अभी भी संभव है। यदि आप आयतों के क्रम को परिवर्तित करते हैं, तो आयतों के समूह के आरम्भ में आयत संख्याओं को एक साथ रखें जो इस तरह से पुन: व्यवस्थित किए गए थे: 1-2. इसे आयत सम्पर्क कहा जाता है। ओबीएस और बाइबल से उदाहरण
कारण शाऊल में परिवर्तन का होना है - यह कि उसने यीशु पर विश्वास करने वाले लोगों को मारने का प्रयास किया था, और अब वह स्वयं यीशु पर विश्वास करता था। परिणाम यह है कि यहूदी चकित थे। शब्द "क्योंकि दो विचारों को जोड़ता है और इंगित करता है कि यह एक कारण है।
कारण बड़ा तूफान है, और परिणाम नाव लहरों के साथ ढक गई थी। दो घटनाएं आपस में शब्द "जिससे" के द्वारा जुड़ी हुई हैं। ध्यान दें कि शब्द "जिससे" अक्सर एक लक्ष्य संबंध को इंगित करता है, परन्तु यहां संबंध कारण-और-परिणाम है। ऐसा इसलिए है क्योंकि समुद्र सोच नहीं सकता है और इसलिए उसके पास लक्ष्य नहीं है।
परिणाम यह है कि परमेश्वर ने आशीष दी और सातवें दिन को पवित्र किया। कारण यह कि क्योंकि उसने अपने सारे काम से विश्राम लिया।
परिणाम यह है कि दीन धन्य हैं। कारण यह है कि परमेश्वर का राज्य उनका है।
परिणाम यह है कि यहोशू ने उन लड़कों और पुरुषों का खतना किया जिनका जन्म जंगल में हुआ था। कारण यह था कि यात्रा में होने के कारण उनका खतना नहीं हुआ था। अनुवाद रणनीतियाँयदि आपकी भाषा कारण-और-परिणाम संबंधों का उपयोग उसी तरह से करती है जैसे मूलपाठ में किया गया है, तो उनका वैसे ही उपयोग करें।
अनुप्रयुक्त अनुवाद रणनीतियों के उदाहरण
(1)परमेश्वर ने सृष्टि की रचना के अपने सारे काम से विश्राम लिया। इस कारण उसने सातवें दिन को आशीष दी और पवित्र ठहराया ।
(1) परमेश्वर का राज्य तुम्हारा है जो दीन हैं। इसलिए, दीन धन्य हैं। (२) धन्य हैं दीन, * क्योंकि*परमेश्वर का राज्य तुम्हारा है। (3) कारण यह है कि दीन इसलिए धन्य है क्योंकि परमेश्वर का उनका राज्य है।
(1) देखो, नाव को लहरों ने ढक लिया था क्योंकि समुद्र पर एक बड़ा तूफान उठ खड़ा हुआ था। (2) देखो, समुद्र पर एक बड़ा तूफान उठ खड़ा हुआ, * इस परिणाम के साथ कि* जिससे नाव लहरों से ढक गई। (3) देखो, क्योंकि समुद्र पर एक बड़ा तूफान उठ खड़ा हुआ, नाव लहरों से ढक गई।
(1) सरदार ने आदेश दिया कि पौलुस को किले में लाया जाए, * क्योंकि* वह शोर के कारण कुछ भी नहीं बता सक था। (2) * क्योंकि* सरदार शोर के कारण कुछ भी नहीं बता सका, उसने आदेश दिया कि पौलुस को किले में लाया जाए। (3) सरदार शोर के कारण कुछ भी नहीं बता सका, इसलिए उसने आदेश दिया कि पौलुस को किले में लाया जाए। संयोजक - तुलनात्मक संबंधThis page answers the question: मैं एक विपरीत संबंध का अनुवाद कैसे कर सकता हूं? तार्किक संबंधकुछ संयोजक दो वाक्यांशों, खण्डों, वाक्यों या मूलपाठ के विराम के बीच तार्किक संबंध स्थापित करते हैं। तुलनात्मक संबंधपरिभाषाएक तुलनात्मक संबंध एक तार्किक संबंध है जिसमें एक घटना या वस्तु दूसरे के विपरीत या विरोध में होती है। कारण यह एक अनुवाद का विषय हैपवित्रशास्त्र में, कई घटनाएँ इसलिए घटित नहीं होतीं क्योंकि इसमें शामिल लोग सोच रखते हैं या उनके घटित होने की अपेक्षा करते हैं। कभी-कभी लोग उन तरीकों में कार्य करते हैं, जो चाहे अच्छा हो या बुरा हो परन्तु अपेक्षित नहीं था। अक्सर घटनाओं को परिवर्तित करने के पीछे परमेश्वर कार्यरत् है। ये घटनाएँ अक्सर इतनी अधिक निर्णायक और महत्वपूर्ण होती हैं कि अनुवादक इन विरोधाभासों को समझता है और उन्हें संचारित करता है। अंग्रेजी में तुलनात्मक संबंधों को अक्सर "परन्तु," "तौभी", "यद्यपि," "यदि," "पर," या "तथापि" शब्दों से संकेत मिलता है। ओबीएस और बाइबल से उदाहरण
युसुफ के भाइयों की युसुफ को बेचने की बुरी योजना कई लोगों को बचाने के लिए परमेश्वर की भली योजना के विपरीत है। शब्द "परन्तु" इसके विपरीत को चिह्नित करता है।
यीशु घमण्ड करने के उस तरीके की तुलना करता है जिसमें मानवीय अगुवे व्यवहार करते हैं और उस विनम्र तरीके के साथ जिसमें वह व्यवहार करता है, जिसे "पर" शब्द द्वारा चिह्नित किया गया है।
यह अनपेक्षित है कि जंजीरों से बंधा हुआ एक व्यक्ति उन्हें तोड़ने के योग्य होगा। शब्द "यद्यपि" एक अनपेक्षित घटना के विपरीत है।
यहां दो विरोधाभास हैं, दोनों को "तथापि" के साथ चिह्नित किया गया है। पहला विपरीत यह दर्शाता है कि यद्यपि दाऊद ने परमेश्वर के घर के लिए स्थान खोजने के लिए कहा, यह सुलैमान था जिसने इसे बनाया था। परन्तु फिर एक और विपरीत है। यद्यपि सुलैमान ने परमेश्वर के लिए एक घर बनाया हो, तौभी परमेश्वर उन घरों में नहीं रहता जिन्हें लोग बनाते हैं। अनुवाद रणनीतियाँयदि आपकी भाषा तुलनात्मक संबंधों का उपयोग उसी तरह से करती है जैसे मूलपाठ में किया या है, तो उनका उपयोग वैसे ही करें जैसे वे हैं।
अनुप्रयुक्त अनुवाद रणनीतियों के उदाहरण
2.यदि आपकी भाषा में तुलनात्मक संबंध के अन्य खण्ड को चिह्नित करना अधिक स्पष्ट है, तो दूसरे खण्ड पर जोड़ने वाले शब्द का उपयोग करें।
3.अगर आपकी भाषा एक भिन्न तरीके से एक तुलनात्मक संबंध दिखाती है, तो उस ही तरीके का उपयोग करें।
संयोजन – तथ्य गर्भित स्थितियांThis page answers the question: मैं तथ्य गर्भित स्थितियों का अनुवाद कैसे करूं? शर्त आधारित सम्बन्धशर्त आधारित संयोजक शब्द दो उपवाक्यों का संयोजन करते हुए संकेत देते हैं कि एक तब ही पूर्ण होगा जब दूसरा पूर्ण होगा| अंग्रेज़ी में, शर्त आधारित उपवाक्यों के संयोजन की सर्वाधिक सामान्य विधि है, "यदि...तब|" तथापि, "तब" शब्द अधिकतर व्यक्त नहीं किया जाता है| तथ्य गर्भित स्थितियांवर्णनतथ्य गर्भित स्थिति वह अवस्था है हो काल्पनिक प्रतीत होती है परन्तु वक्ता के मन में पहले से ही निश्चित है या सत्य है| अंग्रेज़ी में तथ्य गर्भित स्थिति के वाक्य में, "यद्यपि", "क्योंकि", "वस्तुस्थिति यह है" आदि का उपयोग किया जाता है कि प्रकट हो कि वाक्य का तथ्य गर्भित है न कि काल्पनिक स्थिति में है| Reason इसका अनुवाद समस्या होने का कारणकुछ भाषाओं में यदि बात निश्चित या सत्य है तो उसको शर्त रूप में नहीं दर्शाया जाता है| अतः संभव है कि ऎसी भाषाओं के अनुवादक मूल भाषाओं का अर्थ गलत निकाल लें और सोचें कि शर्त अनिश्चित है| इस प्रकार उनके अनुवाद में त्रुटियाँ आ जाएंगी अब अनुवादक यदि समझ भी लें कि शर्त निश्चित या सत्य है, तो पाठक उसका अर्थ गलत समझ लेंगे| ऎसी अवस्था में अनुवाद शर्त आधारित रखने की अपेक्षा तथ्य गर्भित कथन हो| बाईबल कहानियाँ और बाईबल के उदाहरण
इस वाक्य की रचना वैसी ही है जैसी काल्पनिक स्थिति की है| यहाँ शर्त यह है, "यदि यहोवा परमेश्वर है" यदि यह सच है तो इस्राएलियों के लिए अनिवार्य है कि वे यहोवा की आराधना करें| परन्तु भविष्यद्वक्ता एलिय्याह प्रश्न नहीं पूछता है कि यहोवा परमेश्वर है या नहीं है| सच तो यह है कि उसको ऐसा निश्चय है कि यहोवा परमेश्वर है कि इस गद्यांश के उत्तरार्ध में वह अपनी सम्पूर्ण बलि वस्तुओं पर पानी दाल देता है| उसको पूर्ण विश्वास है कि परमेश्वर सच्चा है और वह गीली बलि वस्तुओं को भी जला देगा| भविष्द्वक्ताओं ने बार-बार यही सिखाया था कि यहोवा ही परमेश्वर है इसलिए लोगों को उसकी ही उपासना करना है| परन्तु लोगों ने परमेश्वर होते हुए भी यहोवा की उपासना नहीं की इस कथन या निर्देश को तथ्य गर्भित स्थिति में रखने के द्वारा एलिय्याह इस्राएलियों को अधिक स्पष्ट रूप में समझने पर विवश करता है कि उनको क्या करना आवश्यक है|
यहोवा ने कहा कि वह इस्राएल का पिता और स्वामी है| अतः यदि यह काल्पनिक स्थिति प्रतीत होती है क्योंकि इसका आरम्भ "यदि" से होता है, यह काल्पनिक स्थिति नहीं है| इस पद का आरम्भ एक लोकोक्ति से होता है, पुत्र पिता का सम्मान करता है| यह सर्वत्र विदित है कि यह सच है| परन्तु इस्राएली यहोवा का सम्मान नहीं कर रहे थे| इस पद में दूसरी लोकोक्ति है, दास अपने स्वामी का भय मानता है| सर्वत्र विदित है कि यह सच है| परन्तु इस्राएली यहोवा का भय नहीं मानते थे, अतः प्रकट होता है कि वह उनका स्वामी नहीं है| परन्तु सच तो यह है कि यहोवा ही स्वामी है| यहोवा काल्पनिक स्थिति के प्रयोग द्वारा दिखाना चाहता है कि इस्राएली गलत हैं| शर्त का दूसरा भाग जिसको स्वाभाविक रूप से प्रकट होना है, वह नहीं हो रहा है जबकि शर्त आधारित कथन सच है| अनुवाद की युक्तियाँयदि काल्पनिक स्थिति का रूप काम में लेना उल्झ्नाकारी हो या पाठक को सोचने पर विवश करे कि वक्ता वाक्य के प्रथम भाग में जो कह रहा उस पर उसे संदेह है, तो इसकी अपेक्षा कथन रूप का प्रयोग करें| "क्योंकि" या "तुम जानते हो की...." या "यह सच है कि ...." आदि उक्तियाँ अर्थ को स्पष्ट करने में सहायक सिद्ध हो सकती हैं| अनुवाद की युक्तियों के उदाहरणों की प्रासंगिकता
संयोजन – तथ्य विरोधी स्थितियांThis page answers the question: तथ्य विरोधी स्थितियों का अनुवाद मैं कैसे करूँ? Conditional RelationshipsConditiशर्त आधारित संयोजक शब्द दो उपवाक्यों को जोड़तें है कि संकेत प्रकट हो कि एक उपवाक्य की बात तब ही पूरी होगा जब दूसरे की बात पूरी होगी| अंग्रेज़ी भाषा में शर्त आधारित उपवाक्यों को जोड़ने की सबसे सामान्य विधि है, "यदि...तो" परन्तु "तो/तब" अधिकतर व्यक्त नहीं किए जाते हैं| तथ्य विरोधी स्थितियांवर्णनतथ्य विरोधी स्थिति एक ऎसी अवस्था है जो काल्पनिक प्रतीत होती है परन्तु वक्ता को पहले से ही निश्चय होता है कि यह सत्य नहीं है| इसका अनुवाद समस्या होने का कारणसामान्यतः तथ्य विरोधी स्थितियों का संकेत देने वाले शब्द नहीं होते हैं| लेखक मान कर चलता है कि पाठक को बोध है कि यह वास्तविक स्थिति नहीं है| यही कारण है कि इसमें अभिप्रेत जानकारी के पूर्वज्ञान की आवश्यकता होती है कि यदि इसके असत्य होने का बोध हो जाए| यदि अनुवादक के लिए इस प्रकार की स्थिति के अनुवाद में कठिनाई उत्पन्न हो तो वे उस युक्ति को काम में लेना चाहेंगे जिसको उन्होंने प्रभावोत्पादक प्रश्नों or Implied Information में काम में लिया है| अन्य बाईबल कहानियाँ और बाईबल के उदाहरण
बाल परमेश्वर नहीं है| एलिय्याह के कहने का अर्थ यह नहीं है कि बाल परमेश्वर हो सकता है| वह नहीं चाहता है कि लोग बाल का अनुसरण करें| एलिय्याह ने एक शर्त आधारित कथन का उपयोग करते हुए उन पर प्रकट किया कि वे जो कर रहे हैं वह अनुचित है| इस उपरोक्त उदाहरण में हम दो स्थितियों को देखते है जिनकी रचनाए एक सी हैं| पहली है, "यदि यहोवा परमेश्वर हो", यह एक वास्तविक स्थिति है क्योंकि एलिय्याह को निश्चय है कि यह एक तथ्य है| दूसरी है, "यदि बाल हो", यह तथ्य विरोधी स्थिति है क्योन्किएलिय्यह को निश्चय है कि यह सत्य नहीं है| अब आपको ध्यान देना होगा कि आपकी भाषा में इन दोनों को एक ही प्रकार से कहा जाता है या भिन्न रूपों में कहा जाता है|
मानोह की पत्नी के विचार में उसके शर्त गर्भित कथन का दूसरा भाग यथातथ्य नहीं है, इस कारण पहला भाग भी सच नहीं है| परमेश्वर ने उनकी होमबलि ग्रहण की थी इसलिए वह उनको मार डालना नहीं चाहता पोगऑॉ >
नि:संदेह, जो लोग यहाँ इस प्रकार की बातें कर रहे हैं वे मिस्र में मरे नहीं थे, अतः यह तथ्य विरोधी स्थिति हैजिसका उपयोग इच्छा व्यक्त करने के लिए किया गया है|
अंग्रेज़ी का पाठक जानता है कि अंतिम दो उदाहरण तथ्य विरोधी स्थितियाँ हैं क्योंकि प्रथम भाग में क्रिया भूतकाल में काम में ली गई है, (वे अवश्यम्भावी घटनाएं नहीं हैं).अंतिम उदाहरण में "लेते" शब्द काम में लिया गया है, जिससे प्रकट होता है कि ऐसा नहीं हुआ है| अनुवाद की युक्तियाँयदि आपकी भाषा में तथ्य विरोधी स्थितियां स्पष्ट हों तो उनको ज्यों का त्यों काम में लें| (1) यदि स्थिति पाठक के मन में यह विचार उत्पन्न करे कि वक्ता किसी अनुचित बात को सच मानता है तो स्थिति को इस प्रकार पुनः व्यक्त करें जैसे कि वह सब का विश्वास है| (2) यदि स्थिति पाठक के मन में ऐसा विचार उत्पन्न करे कि वक्ता के सुझाव में पहला भाग सच है तो उसको कथन रूप में पुनः व्यक्त करें कि वह सच नहीं है| (3) यदि स्थिति कुछ ऐसा व्यक्त कर रही है जो हुआ तो नहीं है परन्तु वक्ता चाहता था कि वैसा हो तो उसको मनोकामना के रूप में व्यक्त करें| (4) यदि स्थिति किसी ऎसी बात को प्रकट कर रही है जो हुई नहीं है तो उसको (5) तथ्य और तथ्य विरोधी स्थितियों का प्रयोग व्यवहार में परिवर्तन के लिए तर्कसम्मत विवाद हेतु काम में लिया जाता है| यदि अनुवादक इनके अनुवाद हेतु सर्वोत्तम विधि के लिए संघर्षरत हों तो उनके भाषा समुदाय में परिचर्चा की जाए कि यह कैसे किया जाता है| यदि कोई लोगों को विश्वास दिलाने का प्रयास कर रहा है कि वे अपने स्वभाव को बदलें तो वे इसको कैसे करते हैं?इन स्थितियों का अनुवाद करते समय एक सी युक्तियों को अपनाना संभव हो सकता है| अनुवाद की युक्तियों की प्रासंगिकता(1) यदि स्थिति पाठक में मन में विचार उत्पन्न करे कि वक्ता जिस बात पर विश्वास करता है, वह अनुचित है तो स्थिति का अनुवाद इस प्रकार करें कि उसमें सब का विश्वास प्रकट हो|
(2) यदि स्थिति पाठक को सोचने पर विवश करती है कि वक्ता के सुझाव में प्रथम भाग सत्य है, तो उसका अनुवाद ऐसे करें कि कथन उसकू असत्य प्रकट करे|
(3) यदि स्थिति में किसी ऎसी बात को प्रकट किया जा रहा है जो यथार्थ में नहीं हुई है परन्तु वक्ता चाहता था कि ऐसा हो, तो उसको मनोवांछित वाक्य में व्यक्त करें|
(4) यदि स्थिति में व्यक्त किया गया है कि कोई ऎसी बात है जो हुई नहीं है तो उसको नकारात्मक कथन में व्यक्त करें|
(5) तथ्य और तथ्य विरोधी स्थितियों का उपयोग प्रायः व्यवहार में परिवर्तन हेतु तर्कसम्मत विवाद के लिए किया जाता है| यदि अनुवादक इनके अनुवाद के लिए सर्वोत्तम विधि की खोज में यत्नशील हैं तो उनके समुदाय में परिचर्चा करना कि ऐसा कैसे किया जाए,एक उत्तम विचार होगा| यदि कोई मनुष्यों को व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए विश्वास दिलाने का प्रयास कर रहा है तो वे इसका अनुवाद कैसे करेंगे? इन स्थितियों के अनुवाद में एक सी ही युक्तियों को काम में लेना संभव हो सकता है|
संयोजन - काल्पनिक स्थितियांThis page answers the question: मैं काल्पनिक स्थितियों का अनुवाद कैसे कर सकता हूँ? शर्त आधारित सम्बन्धशर्त आधारित संयोजक शब्द दो उपवाक्यों को जोड़ते हैं और संकेत देते है कि एक तब ही पूर्ण होगा जब दूसरा पूर्ण हो जाएगा| अंग्रेज़ी भाषा में शर्त आधारित उपवाक्यों को जोड़ने की सर्वाधिक सामान्य विधि है कि "यदि...तो" को काम में लें| तथापि, "तो" शब्द प्रायः काम में नहीं लिया जाता है| काल्पनिक स्थितिवर्णनकाल्पनिक स्थिति वह अवस्था है जिसमें दूसरी घटना ("तो" से आरम्भ उपवाक्य ) तब ही होगा जब पहली घटना ("यदि" उपवाक्य से आरम्भ) हो जाएगी या किसी न किसी प्रकार पूर्ण होगी| कभी-कभी जो होता है वह लोगों के कार्यों पर निर्भर करता है| इसका अनुवाद की समस्या होने का कारणअनुवादकों द्वारा यह अंतर्ग्रहण कर लेना महत्वपूर्ण है कि कोई बात काल्पनिक स्थिति में है या नहीं जिससे कि वे उसका अनुवाद उचित रूप में कर पाएं| उदाहरणार्थ, इस्राएल क्व लिए की गईं परमेश्वर की कुछ प्रतिज्ञाएं शर्त आधारित थीं जो इस बात पर आधारित थीं कि इस्राएल परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करता है या नहीं| तथापि, इस्रैल के लिए परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं में से अनेक ऎसी भी थीं जो शर्तों पर आधारित नहीं थीं| ऎसी प्रतिज्ञाओं को परमेश्वर निश्चय ही पूरा करेगा चाहे इस्राएल उनको मने या न माने| अतः, यह महत्वपूर्ण है कि आप (अनुवादक) इन दो प्रकार की प्रतिज्ञाओं में अंतर से भली भाँती अभिज्ञ हों और अपनी भाषा में उनका अचूक अनुवाद करें| यह भी है कि कभी-कभी शर्तों को जिस क्रम में रखा गया हैवह उनके घटने के क्रम से भिन्न हो| यदि लक्षित भाषा में उपवाक्यों को भिन्न क्रम में रखा जाता है तो आवश्यक है कि आप उसका अनुरूपण करें| बाईबल की कहानियों और बाईबल के उदाहरण
इस खंड में दो काल्पनिक स्थितियां हैं| इन दोनों स्थितियों में, पहली घटना ("यदि" उपवाक्य) "तो" के उपवाक्य के बाद अता है| यदि यह अव्यवहारिक या उल्झंकारी हो तो इन उपवाक्यों को अधिक व्यवहारिक क्रम में रखा जा सकता है| पहली काल्पनिक स्थिति है: यदि इस्राएली परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करते हैं तो परमेश्वर उनको आशीष देगा और उनकी रक्षा करेगा| दूसरी काल्पनिक स्थिति है: यदि इस्राएलियों ने परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन नहीं किया तो परमेश्वर उनको दंड देगा|
यदि कैन उचित कान करे तो वह ग्राहन्योग्य ठहरेगा| कैन के लिए एकमात्र मार्ग है कि वह ग्राहन्योग्य ठहरने के लिए उचित काम करे|
यहाँ दो काल्पनिक स्थितियां हैं: (1) यदि यह सच हो कि यह मनुष्यों की योजना है तो यह नष्ट हो जाएगी; (2) यदि यह सच हो की यह परमेश्वर की योजना है तो यह नष्ट नहीं की जा सकती है| अनुवाद की युक्तियाँ(1) यदि उपवाक्यों का क्रम काल्पनिक स्थितियों को उल्झंकारी बनाता है तो उपवाक्यों का क्रम बदल दें| (2) यदि स्पष्ट न हो कि दूसरी घटना कहाँ है तो उस अंश को "तो" जैसे शब्द से अंकित कर देंI अनुवाद की युक्तियों के उदाहरणों की प्रासंगिकता(1) यदि उपवाक्यों का क्रम काल्पनिक स्थिति को उलझनकारी बनाता हो तो उपवाक्यों के क्रम को बदल दें|
(2) यदि स्पष्ट न हो कि दूसरी घटना कहाँ है तो उस अंश को "तो" जैसे शब्द से अंकित कर दें|
संयोजक - अपवाद खण्डThis page answers the question: मैं अपवाद खण्डों का अनुवाद कैसे कर सकता हूं? अपवादात्मक संबंधपरिभाषाअपवादात्मक संबंध संयोजक अर्थात् जोड़ने वाले शब्द एक समूह से एक मद(दों) या व्यक्ति(यों) को बाहर करते हैं। कारण यह एक अनुवाद का विषय हैएक समूह (भाग 1) का वर्णन करते हुए अंग्रेजी अपवादात्मक संबंधों का संकेत देती है और फिर उस समूह में इन शब्दों का उपयोग करते हुए जैसे "को छोड़कर," "परन्तु नहीं" "से भिन्न" "के अतिरिक्त," "जब तक, " "तौभी ...नहीं" और "केवल" (भाग 2) से बताती है कि उसमें क्या नहीं है। कुछ भाषाओं से यह संकेत नहीं मिलता है कि एक या एक से अधिक मद या लोगों को इस तरह से एक समूह से बाहर रखा गया है, परन्तु इसके स्थान पर ऐसा करने के अन्य तरीके हैं। कुछ भाषाओं में इस प्रकार की निर्माण संरचना का कोई अर्थ नहीं होता, क्योंकि भाग 2 में अपवाद भाग 1 में कथन के विपरीत प्रतीत होता है। अनुवादकों को यह समझने की आवश्यकता है कि समूह में कौन (या क्या) भीतर है और किसे (या क्या) बाहर रखा गया है ताकि वह उनकी भाषा में इसे सटीक रूप से संप्रेषित करने में सक्षम हो सके। ओबीएस और बाइबल से उदाहरण
सामान्य अनुवाद रणनीतियाँयदि स्रोत भाषा में अपवादात्मक खण्ड को जिस तरह से चिह्नित किया गया है, वह आपकी भाषा में भी स्पष्ट है, तो उसी तरह से अपवादात्मक खण्ड का अनुवाद करें।
अनुप्रयुक्त अनुवाद रणनीतियों के उदाहरण
(2) खण्डों के क्रम को उल्टा कर दें, ताकि अपवाद पहले बताए जाएं, और फिर बड़े समूह को दूसरा नाम दिया गया है।
व्याकरणव्याकरण के विषयThis page answers the question: अंग्रेजी व्याकरण की कुछ मूलभूत सूचनाएँ क्या हैं? व्याकरण के दो भाग हैं: शब्द एवं संरचना। संरचना का अर्थ, किसी कथन, वाक्य अथवा कहावत को बनाने के लिए शब्दों को कैसे जोड़ा जाए। शब्द के भेद - एक भाषा में सभी शब्द ‘‘शब्द के भेद’’ नामक श्रेणी में आते हैं (देखें Parts of Speech) वाक्य - जब हम बोलते हैं तो हम हमारे विचारों को वाक्यों में बदलते हैं। एक वाक्य अक्सर, किसी घटना या हालत या अवस्था के बारे में एक पूर्ण विचार होता है (देखें Sentence Structure)
संपत्ति - ये बताता है कि दो संज्ञाओं में मेल है। अंग्रेजी में यह ‘‘लव ऑफ गॉड’’ के ‘‘ऑफ’’ या ‘‘गॉड्स लव’’ के ‘‘एस’’के द्वारा अथवा ‘‘हिस लव’’ के समान स्थानात्मक सर्वनाम के द्वारा चिन्हित होता है (देखें Possession) उद्धरण - उद्धरण किसी व्यक्ति के द्वारा कही गर्इ बात को कहना है।
भाववाचक संज्ञाThis page answers the question: भाववाचक संज्ञाएँ क्या होती हैं और मैं अनुवाद में उनसे कैसे निपटूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
भाववाचक संज्ञाएँ वे संज्ञाएँ हैं जो व्यवहार, गुण, घटनाएँ या परिस्थितियाँ का उल्लेख करती हैं। ये ऐसी चीजें हैं जिसे शारीरिक तौर पर देखा या छुआ नही जा सकता है, जैसे कि खुशी, वजन, एकता, मित्रता, सेहत और वजह। यह एक अनुवाद की समस्या है क्योंकि कुछ भाषाओं में विचारों को भावनात्मक संज्ञा के द्वारा व्यक्त कर सकते है, जबकि अन्य भाषाओंमें इसे व्यक्त करने के लिए एक अलग तरीके की आवश्यकता होगी। वर्णनयाद रखें कि संज्ञाएँ वे शब्द हैं जो किसी व्यक्ति,स्थान, वस्तु अथवा विचार को संदर्भित करती हैं। भाववाचक संज्ञाएँ वे संज्ञाएँ हैं जो विचारों को संदर्भित करती हैं। ये व्यवहार, गुण, घटनाएँ, परिस्थितियाँ या इन विचारों के बीच संबंध भी हो सकते हैं। ये ऐसी चीजें हैं जिन्हे शारीरिक तौर पर देखा या छुआ नही जा सकता है, जैसे कि खुशी, शांति, सृष्टि, भलाई, संतुष्टि, न्याय, सच, आजादी, बदला, धीमापन, लंबाई, वजन और कई, कई और अधिक। कुछ भाषाएँ जैसे बाइबल यूनानी और अंग्रेजी जिसमे भाववाचक संज्ञा का बहुत अधिक उपयोग होता है। यह क्रियाओं या गुणों को नाम देने का एक तरीका है ताकि इन भाषाओं को बोलने वाले लोग उनके बारे में बात कर सकें जैसे कि वे चीजें थीं। उदाहरण के तौर पर, भाववाचक संज्ञाओं का उपयोग करने वाली भाषाओं में, लोग कह सकते हैं, ‘‘मैं पापों की क्षमा में विश्वास करता हूँ’’। परन्तु कुछ भाषाओं में भाववाचक संज्ञाओं का बहुत उपयोग नहीं होता हैं। उन भाषाओं में, उनके पास ‘‘क्षमा’’ एवं ‘‘पाप’’ नामक दो भाववाचक संज्ञाएँ नही हैं तो वे अन्य तरीकों से भी यही अर्थ व्यक्त करेंगे। वे कहेंगे, उदाहरण के लिए, ‘‘मैं विश्वास करता हूँ कि पाप कर चुके मनुष्य को परमेश्वर क्षमा करना चाहता है’’ और उसमें विचार की संज्ञाओं का उपयोग करने की बजाय, क्रिया के शब्दों का उपयोग होता है। वजह यह अनुवाद की समस्या हैअनुवाद की जाने वाली बाइबल में कुछ विचारों के लिए भाववाचक संज्ञाओं का उपयोग हो सकता है। शायद आपकी भाषा कुछ विचारों के लिए भाववाचक संज्ञा का उपयोग नही करती हो; इसकी बजाय, वे उन विचारों को प्रकट करने के लिए दूसरे कथनों का उपयोग करती होगी। वे कथन भाववाचक संज्ञाओं का उपयोग करने के लिए, अलग प्रकार के शब्दों का उपयोग करते होंगे, जैसे विशेषण, क्रियाएँ, क्रियाविशेषण इत्यादि।उदाहरण के लिए, "इसका वजन क्या है?" को "इसका वजन कितना है?" या "यह कितना भारी है?"के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। बाइबल से उदाहरण
भाववाचक संज्ञा ‘‘बालकपन’’ बताता है कि व्यक्ति बालक है
भाववाचक संज्ञा ‘‘भक्ति’’ और ‘‘संतोष’’ बताता है कि व्यक्ति दैवीय और संतुष्ट है । भाववाचक संज्ञा ‘‘लाभ ’’ लाभदायक अथवा मददगार वस्तु की बात करती है।
भाववाचक संज्ञा ‘‘उद्धार’’ मुक्ति पाने के बारे में बताता है
भाववाचक संज्ञा ‘‘देर’’ बताता है कि कैसे कोई कार्य धीमे होता है
भाववाचक संज्ञा ‘‘उद्देश्यों’’ कोबताता है कि लोग क्या करना चाहते हैं और उसे क्यों करना चाहते हैं अनुवाद रणनीतियदि भाववाचक संज्ञा आपकी भाषा में स्वाभाविक है और उसका अर्थ सही निकलता है तो उसका उपयोग करें। यदि नही, यहाँ एक और विकल्प है:
अनुवाद की रणनीति के प्रयोग के उदाहरण
कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्यThis page answers the question: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य का अर्थ क्या है और मैं कर्मवाच्य कथनों का कैसे अनुवाद करूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
कुछ भाषाओं में कर्तृवाच्य (एक्टिव वॉयस) एवं कर्मवाच्य (पैसिव वॉयस) दोनों का उपयोग होता हैं। कर्तृवाच्य में कर्ता कार्य करता है। कर्मवाच्य में कर्ता पर कार्य होता है। यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं जिनके कर्ताओं को रेखांकित किया गया है:
अनुवादक जिनकी भाषा में कर्मवाच्य वाक्य नही होते हैं, उन अनुवादकों को जानना जरूरी है कि वे किस प्रकार बाइबल में लिखे कर्मवाच्य वाक्यों का अनुवाद करें। अन्य अनुवादकों को पता होना चाहिए कि कर्मवाच्य का कब उपयोग करना है और कर्तृवाच्य का कब। विवरणकुछ भाषाओं में वाक्य कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य दोनों रूप होते हैं
नीचे लिखे, कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य वाक्यों के उदाहरणों में, हमने कर्ता को रेखांकित किया है
कारण यह अनुवाद की एक समस्या हैसब भाषाओं में कर्तृवाच्य वाक्य रूप होते हैं। कुछ भाषाओं में कर्मवाच्य वाक्य रूप होते हैं, कुछ में नही। कुछ भाषाएं केवल कुछ उद्देश्यों के लिए कर्मवाच्य रूपों का उपयोग करती हैं, और कर्मवाच्य रूप सभी भाषाओं में समान उद्देश्यों के लिए उपयोग नही किए जाते हैं। कर्मवाच्य वाक्यों के उद्देश्य
कर्मवाच्य रूप से संबंधित अनुवाद के सिद्धांत
बाइबल से उदाहरण
इसका अर्थ है कि दुश्मनों के धनुर्धारियों ने तीर छोड़े; और ऊरिय्याह समेत, राजा के लोगों को मार डाल । यहाँ का विषय राजा के जनों और ऊरिय्याह हैं, मारने वाले लोग नही । यहाँ उपयुक्त कर्मवाच्य रूप का उद्देश्य राजा के जनों और ऊरिय्याह पर केंद्रित करना है।
नगर के लोगों ने देखा कि बाल की वेदी के साथ क्या हुआ परंतु उन्हे यह नही पता था कि उसे किसने गिराया। यहाँ उपयुक्त कर्मवाच्य रूप का उद्देश्य नगर के लोगों के नजरिए से घटना का विवरण देना है।
यह एक ऐसी घटना बताता है जिसमें एक व्यक्ति अपने गले में चक्की के पाट के साथ समुद्र की गहरार्इ में डाला जाता है। यहाँ उपयुक्त कर्मवाच्य रूप का उद्देश्य उस व्यक्ति पर केंद्रित करना है जिसके साथ यह घटना घटी। यह महत्वपूर्ण नही है कि उस व्यक्ति के साथ ऐसा कौन करता है। अनुवाद रणनीतियदि आपकी भाषा उसी उद्देश्य के लिए एक कर्मवाच्य रूप का उपयोग करेगी जिस लेखांश में आप अनुवाद कर रहे हैं, तो एक कर्मवाच्य रूप का उपयोग करें। यदि आप तय करते हैं कि कर्मवाच्य रूप के बिना अनुवाद करना बेहतर है, तो यहां कुछ रणनीतियां हैं जिन पर आप विचार कर सकते हैं।
अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण
(2) उसी क्रिया को कर्तृवाच्य रूप में उपयोग करें परंतु नही बताएँ कि किसने यह कार्य किया। इसकी बजाय, ‘‘वे’’ या ‘‘लोग’’ या ‘‘कोर्इ’’ जैसे प्रकटीकरणों के शब्दों का उपयोग करें।
(3) सक्रिय वाक्य में अलग क्रिया का उपयोग करें
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सूचना देने बनाम याद दिलाने वाले शब्दों में अंतर करनाThis page answers the question: जब एक संज्ञा के साथ किसी वाक्यांश का उपयोग होता है, तो उन वाक्यांशों के बीच क्या अंतर होता है जो दूसरों से संज्ञा को अलग करते हैं और वाक्यांश जो केवल सूचित या याद दिलाते हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनकुछ भाषाओं में, एक संज्ञा को परिवर्तित करने वाले वाक्यांशों का उपयोग संज्ञा के साथ दो भिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। वे या तो यह कर सकते हैं (1) संज्ञा को अन्य समान वस्तुओं से अलग करना, या (2) वे संज्ञा के बारे में अधिक जानकारी दे सकते हैं। यह जानकारी पाठक के लिए नई हो सकती है, या कुछ के बारे में एक अनुस्मारक जिसे पाठक पहले से ही जानता है। अन्य भाषाएँ संज्ञा के साथ परिवर्तनकारी वाक्यांशों का उपयोग केवल संज्ञा को अन्य समान वस्तुओं से अलग करने के लिए करती हैं। जब इन भाषाओं को बोलने वाले लोग एक संज्ञा के साथ एक परिवर्तनकारी वाक्यांश में सुनते हैं, तो वे अनुमान लगाते हैं कि इसका कार्य एक वस्तु को दूसरे समान वस्तु से अलग करना है। कुछ भाषाएँ (1) समान वस्तुओं के बीच अंतर दिखाने के लिए और (2) किसी वस्तु के बारे में अधिक जानकारी देने के बीच अंतर को चिह्नित करने के लिए अल्पविराम का उपयोग करती हैं। अल्पविराम के बिना, नीचे लिखा वाक्य बताता है कि यह एक अन्तर दिखा रहा है:
अल्पविराम के साथ, यह वाक्यांश अधिक जानकारी दे रहा है:
कारण यह अनुवाद की समस्या है
बाइबल से उदाहरणऐसे शब्दों और वाक्यांशों के उदाहरण जिनका उपयोग एक वस्तु को अन्य संभावित वस्तुओं से भिन्न करने के लिए किया जाता है: ये सामान्य रूप से अनुवाद में कोई समस्या उत्पन्न नहीं करते हैं।
शब्द ‘‘पवित्र‘‘ एवं ‘‘अतिपवित्र‘‘ दो स्थानों में अन्तर को दिखाते हैं जो एक दूसरे से अलग एवं किसी भी अन्य स्थान से भिन्न हैं।
वाक्यांश "जनने वाली माँ’’ भिन्नता को बताता है कि किस औरत के लिए पुत्र एक शोक है। वह हर औरत के लिए शोक नही है, परंतु अपनी माँ के लिए है। शब्दों और वाक्यांशों के उदाहरण जो कि किसी वस्तु के बारे में अतिरिक्त जानकारी या अनुस्मारक को देने के लिए उपयोग किए जाते हैं: ये उन भाषाओं के लिए एक अनुवाद का विषय है जो इनका उपयोग नहीं करते हैं।
शब्द ‘‘धर्ममय’’ हमें याद दिलाता है कि परमेश्वर के न्याय सही हैं। यह उसके धार्मिक न्याय या अधर्मी न्याय के बीच अंतर नही दिखा रहा है क्योंकि उसके सारे न्याय धर्ममय हैं।
वाक्यांश ‘‘जो नब्बे वर्ष की है’’ एक कारण है जिससे अब्रहाम सोचता है कि सारा पुत्र नही जन सकती। यह किसी सारा नाम की एक औरत और उसी नाम की दूसरी औरत के बीच में अंतर नही दिखा रहा है जिसकी आयु भिन्न है और वह उसकी आयु के बारे में भी कुछ नया नही बता रहा है। वह तो केवल इतना ही सोचता है कि उस आयु की औरत को बच्चा नहीं हो सकता है।
वाक्यांश ‘‘जिसकी मैने सृष्टि की है’’ परमेश्वर और मनुष्य के बीच के संबंध को बताता है। यही कारण था कि परमेश्वर के पास मनुष्य को पृथ्वी पर से मिटा डालने का अधिकार था। और दूसरा मनुष्य नही है जिसकी परमेश्वर ने सृष्टि की थी। अनुवाद रणनीतियदि लोग संज्ञा के साथ आए वाक्याँश के उद्देश्य को समझ सकते हैं, तो वाक्याँश और संज्ञा दोनों को एक साथ उपयोग करने की सोचें। उन भाषाओं में जहाँ संज्ञा का उपयोग एक शब्द या वाक्याँश का दूसरे से अंतर दिखाने के लिए किया जाता है, उनके लिए जानकारी या याद देने वाले शब्दों के अनुवाद की कुछ रणनीतियाँ निम्नलिखित हैं।
अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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दोहरे नकारात्मकThis page answers the question: दोहरा नकारात्मकता क्या होती है? In order to understand this topic, it would be good to read:
दोहरा नकारात्मकताएँ तब उत्पन्न होती है जब किसी कथन में दो शब्द ‘‘नही’’ के अर्थ को प्रकट करते हैं। दोहरा नकारात्मकताओं का अर्थ विभिन्न भाषाओं में अलग अलग होता है। दो नकारात्मकता वाले कथनों का सही और स्पष्ट अनुवाद करने के लिए, आपको जानना जरूरी है कि बाइबल में नकारात्मकता का क्या अर्थ है और उसे अपनी भाषा में कैसे अनुवाद करें। विवरणनकारात्मक शब्द वे शब्द होते हैं जिनमें ‘‘नही’’ का भाव मौजुद रहता है। उदाहरणत: ‘‘नही’’, ‘‘ना’’, ‘‘कोर्इ नही’’, ‘‘कहीं नही’’, ‘‘कभी नही’’, ‘‘या नही’’ ‘‘बिना’’ इत्यादि। साथ ही साथ, कुछ शब्दों में ‘‘प्रत्यय’’ या ‘‘उपसर्ग’’ जुड़े होते हैं जिनका अर्थ ‘‘ना’’ होता है, जैसे नाखुश, असंभव, अन कुछ अन्य प्रकार के शब्दों का नकारात्मक अर्थ भी होता है, जैसे "अभाव" या "अस्वीकार", या "लड़ाई" या "बुराई"। । दो नकारात्मकताएँ तब उत्पन्न होती है जब किसी कथन में दो शब्द ‘‘नही’’ के अर्थ को प्रकट करते हैं।
और इसलिये कि मसीह की नियुक्ति ***बिना*** शपथ ***नहीं*** हुर्इ। (इब्रानियों 7:20 ULB)
कारण यह अनुवाद की समस्या हैदोहरा नकारात्मकताओं का अर्थ विभिन्न भाषाओं में अलग अलग होता है:
दोहरे नकारात्मकता वाले कथनों का सही और स्पष्ट अनुवाद करने के लिए, आपको जानना जरूरी है कि बाइबल में दोहरे नकारात्मकता का क्या अर्थ है और उसे अपनी भाषा में कैसे अनुवाद करें। बाइबल से उदाहरण
इसका अर्थ है ‘‘कि वे फलवंत बनें’’
दोहरे नकारात्मकताओं का उपयोग कर, यूहन्ना बता रहा है कि परमेश्वर के पुत्र ने ही सब कुछ बनाया है, दोहरे नकारात्मक सरल सकारात्मक की तुलना में अधिक मजबूत बयान देते है। अनुवाद रणनीतियदि दो नकारात्मकताएँ स्वाभाविक हैं और आपकी भाषा में यह सकारात्मकता को बताती है, तो उनका उपयोग करें। अन्यथा, निम्न रणनीतियों को अपना सकते हैं:
अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण
(2) यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य एक शक्तिशाली सकारात्मक वाक्य बनाना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें और ‘‘बहुत’’ या ‘‘निश्चय तौर पर’’ जैसे शब्दों को जोड़ दें।
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पदन्यूनताThis page answers the question: पदन्यूनता क्या है? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणपदन्यूनता उस समय होता है जब वक्ता या लेखक एक या अधिक शब्दों को लिखते वक्त छोड़ देता है क्योंकि उसे पता है कि श्रोता या पाठक वाक्य के पूरे अर्थ को समझ लेंगे और उसे सुनते या पढ़ते वक्त अपने मन में वह शब्द भर लेंगे। छोड़ी गर्इ सूचना को पहले वाक्य में कहा जा चुका होता है।
यह पदन्यूनता है क्योंकि ‘‘न पापी धर्मियों की मण्डली में’’ संपूर्ण वाक्य नही है। वक्ता अनुमान लगाता है कि श्रोता पिछले वाक्य के आधार पर अपने आप अपने मन इस बात का अर्थ पता लगा लेंगे कि एक पापी धर्मियों की मण्डली में क्या नही कर पाएगा। अपूर्ण वाक्यों य कथनों को देखने वाले पाठक छुटी सूचना को नही जान पाएँगे, यदि वे अपनी भाषा में पदन्यूनता का उपयोग नही करते हैं। कारण यह अनुवाद की समस्या हैमनुष्य ने अधूरा उत्तर दिया क्योंकि वह विनम्र रहना चाहता और प्रभु से सीधा चंगार्इ नही माँगना चाहता था। वह जानता था कि वह तभी देखने योग्य हो सकता था यदि यीशु उसे चंगा करते। बाइबल से उदाहरणलेखक अपने शब्दों को संक्षिप्त रखना और अच्छा काव्य रूप देना चाहता है। उसने यह नही कहा कि यहोवा शिर्योन को जंगली बछड़े के समान उछालता है, क्योंकि उसे पता है कि पाठक स्वयं इस जानकारी को समझ लेंगे।
यदि आपकी भाषा में पदन्यूनता का उपयोग सामान्य है और सही अर्थ देता है, तो इसका उपयोग करें। अन्यथा, अन्य विकल्प निम्न हैं:
अनुवाद रणनीतिअनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण
तुम के प्रारूपThis page answers the question: तुम के कौन कौन से प्रारूप हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
एकवचन, द्विवचन, और बहुवचनकुछ भाषाओं में "तुम" शब्द के आधार पर "तुम" शब्द के लिए एक से अधिक शब्द हैं। एकवचन रूप एक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है, और बहुवचन रूप एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है। कुछ भाषाओं में एक द्विवचन रूप भी होता है, जो दो लोगों को सन्दर्भित करता है, और कुछ के अन्य रूप होते हैं जो तीन या चार लोगों को सन्दर्भित करते हैं। तुम http://ufw.io/figs_younum पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे। कभी-कभी बाइबल में एक वक्ता "तुम" को एकवचन रूप का उपयोग करता है, चाहे वह भीड़ से ही बात क्यों न कर रहा हो।
औपचारिक और अनौपचारिकवक्ता और जिस व्यक्ति से बात की जा रही है, उसके बीच सम्बन्धों के आधार पर कुछ भाषाओं में "तुम" के एक से अधिक रूप होते हैं। लोग अपने से बड़ों से या जो उच्च अधिकार रखते हैं, या कोई ऐसा व्यक्ति है, जिसे वे बहुत अच्छी तरह से नहीं जानते हैं, से बात करते समय "आप" के औपचारिक रूप का उपयोग करते हैं। लोग किसी ऐसे व्यक्ति से बात करते समय अनौपचारिक रूप का उपयोग करते हैं, बड़े नहीं है, या जिनके पास उच्च अधिकार नहीं है, या परिवार का सदस्य या घनिष्ठ मित्र हैं। तुम http://ufw.io/figs_youform पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे। इनका अनुवाद करने में सहायता के लिए, हम आपको सुझाव देते हैं, जिन्हें पढ़ लें:
‘तुम’ के रूप - युग्म/बहुवचनThis page answers the question: मैं कैसे पता करूँ कि शब्द ‘तुम’ युग्म है या बहुवचन? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनकुछ भाषाओं में "आप" का एकवचनीय रूप होता है जब शब्द "आप" केवल एक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है, और एक बहुवचन रूप जब शब्द "आप" एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है। कुछ भाषाओं में "आप" का एक द्विवचनीय रूप भी होता है जब शब्द "आप" केवल दो लोगों को सन्दर्भित करता है। जो अनुवादक इन भाषाओं में से किसी एक को बोलते हैं, उन्हें सदैव यह जानने की आवश्यकता होगी कि वक्ता का अर्थ क्या है ताकि वे अपनी भाषा में शब्द "आप" के लिए सही शब्द को चुन सकें। अंग्रेजी जैसी अन्य भाषाओं में केवल एक ही रूप होता है, जिसे लोग इस बात पर ध्यान दिए बिना कि कितने लोगों को यह सन्दर्भित करता है, उपयोग करते हैं। बाइबल सबसे पहले इब्रानी, अरामी और यूनानी भाषाओं में लिखी गई थी। इन भाषाओं में शब्द "आप" के एकवचन और "आप" के बहुवचन रूप भी पाए जाते हैं। जब हम उन भाषाओं में बाइबल पढ़ते हैं, तो सर्वनाम और क्रिया के रूप हमें दिखाते हैं कि शब्द "आप" एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है। यद्यपि, वे हमें नहीं दिखाते हैं कि क्या यह केवल दो लोगों या दो से अधिक लोगों को सन्दर्भित करता है। जब सर्वनाम हमें यह नहीं दिखाते हैं कि शब्द "आप" कितने लोगों को सन्दर्भित करता है, तो हमें यह देखने के लिए सन्दर्भ देखने की आवश्यकता पड़ती है कि वक्ता कितने लोग बात कर रहे थे। कारण यह अनुवाद की समस्या है
अक्सर सन्दर्भ यह स्पष्ट कर देगा कि शब्द "आप" एक व्यक्ति या एक से अधिक सन्दर्भित करता है या नहीं। यदि आप वाक्य में अन्य सर्वनामों को देखते हैं, तो वे आपको यह जानने में सहायता करेंगे कि वक्ता कितने लोग सम्बोधित कर रहे थे। बाइबल से उदाहरण
यीशु दोनों, याकूब और यूहन्ना से पूछ रहा है, कि वे क्या चाहते हैं कि वह उनके लिए करे। यदि लक्षित भाषा में "आप" का द्विवचनीय रूप है, तो इसका उपयोग करें। यदि लक्षित भाषा में द्विवचनीय रूप नहीं है, तो बहुवचनीय रूप ही उपयुक्त होगा।
सन्दर्भ यह स्पष्ट करता है कि यीशु दोनों को सम्बोधित कर रहा है। यदि लक्षित भाषा में "आप" का द्विवचनीय रूप है, तो उसका उपयोग करें। यदि लक्षित भाषा में द्विवचनीय रूप नहीं है, तो बहुवचनीय रूप ही उपयुक्त होगा।
याकूब ने इस पत्र को कई लोगों को लिखा है, इसलिए शब्द "तुम" कई लोगों को सन्दर्भित करता है। यदि लक्षित भाषा में "तुम" का बहुवचनीय रूप है, तो इसका उपयोग करना ही ज्यादा अच्छा होगा। यह जानने के लिए रणनीतियाँ कि "आप" कितने लोगों के लिए सन्दर्भित है
आप http://ufw.io/figs_youdual पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे। Next we recommend you learn about:
‘तुम’ के रूप - एकवचनThis page answers the question: मैं कैसे पता लगाऊँ कि शब्द ‘तुम’ एकवचनीय है या नही In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनकुछ भाषाओं में शब्द आप एकवचन “तुम” के रूप में पाए जाता है जब केवल एक व्यक्ति को सन्दर्भित किया जाता है, और शब्द आप बहुवचन “तुम्हारे” या आपके के रूप में पाया जाता है जब एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित किया जाता है। जो अनुवादक इन भाषाओं में से किसी एक को बोलते हैं, उन्हें सदैव यह जानने की आवश्यकता होगी कि वक्ता का अर्थ क्या है, ताकि वे अपनी भाषा में शब्द "आप" के लिए सही शब्द का चुनाव कर सकें। अंग्रेजी जैसी अन्य भाषाओं में इसका केवल एक ही रूप होता है, जिसे लोग इस बात पर ध्यान दिए बिना कि कितने लोगों को यह सन्दर्भित करता है, उपयोग करते हैं। बाइबल सबसे पहले इब्रानी, अरामी और यूनानी भाषाओं में लिखी गई थी। इन भाषाओं में शब्द "आप" के एकवचनी रूप मिलते है और "आप" के बहुवचन रूप भी मिलते हैं। जब हम उन भाषाओं में बाइबल पढ़ते हैं, तो सर्वनाम और क्रिया के रूप हमें दिखाते हैं कि शब्द "आप" एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है। जब हम ऐसी भाषा में बाइबल पढ़ते हैं जिसमें आप के भिन्न रूप नहीं होते हैं, तो हमें यह देखने के लिए सन्दर्भ की आवश्यकता पड़ती है कि वक्ता कितने लोग बात कर रहे थे। कारण यह अनुवाद की समस्या है
अक्सर सन्दर्भ यह स्पष्ट कर देगा कि शब्द "आप" एक व्यक्ति या एक से अधिक को सन्दर्भित करता है या नहीं। यदि आप वाक्य में अन्य सर्वनामों को देखते हैं, तो वे आपको वक्ता से बात करने वाले लोगों की सँख्या जानने में सहायता करेंगे। कभी-कभी यूनानी और इब्रानी वक्ताओं ने "आप" के एकवचनीय रूप का उपयोग किया होता है चाहे वे लोगों के समूह से ही बात क्यों न कर रहे थे। देखें 'आप' के रूप - एक भीड़ के लिए एकवचन. बाइबल से उदाहरण
जब शासक ने "मैं" कहा तो वह स्वयं के बारे में बात कर रहा था यह हमें दिखाता है कि जब यीशु ने "तुझे" कहा तो वह केवल शासक का वर्णन कर रहा था। इसलिए जिन भाषाओं में "तुझ" के एकवचनीय और बहुवचनीय रूप होते हैं, उनका यहाँ एकवचनीय रूप होगा।
सन्दर्भ यह स्पष्ट करता है कि स्वर्गदूत एक व्यक्ति से बात कर रहा था और केवल एक व्यक्ति ने ही कार्य किया जिसे स्वर्गदूत ने आदेश दिया था। इसलिए जिन भाषाओं में "आप" के एकवचनीय और बहुवचनीय रूप मिलते हैं, उनके पास "आप" और "आपके" के लिए एकवचनीय रूप भी होगा। इसके अतिरिक्त, यदि क्रियाओं में एकवचन और बहुवचन कर्ताओं के लिए भिन्न रूप हैं, तब क्रियाओं "कपड़े" और "पहिन" के लिए उस रूप की आवश्यकता होती है जो एकवचनीय विषय को इंगित करती हैं।
पौलुस ने यह पत्र एक व्यक्ति, तीतुस को लिखा था। अधिकांश समय इस पत्र में शब्द "तू" केवल तीतुस को सन्दर्भित करता है। यह जानने के लिए रणनीतियाँ कि “आप” कितने लोगों के लिए सन्दर्भित है
आप http://ufw.io/figs_younum पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे। Next we recommend you learn about:
सामान्य संज्ञा गर्भितं वाक्यांशThis page answers the question: सामान्य संज्ञा के कथन क्या हैं और मैं उनका अनुवाद कैसे कर सकता हूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनसामान्य संज्ञा विशेष व्यक्तियों अथवा वस्तुओं को नही, वरन् सामान्य लोगों अथवा वस्तुओं को संदर्भित करती है, नीतिवचन की पुस्तक में ऐसा प्रयोग बार-बार देखा जाता है क्योंकि नीतिवचनों में ऎसी बातें कही गई हैं जो मनुष्यों के लिए सर्वनिष्ठ हैं|
उपरोक्त कथनों में जो मोटे शब्दों में हैं वे किसी व्यक्ति विशेष के सन्दर्भ में नहीं हैं| वे हर किसी मनुष्य को संदर्भित करते हैं जो ऐसा करता है| अनुवाद की समस्या है होने का कारणविभिन्न भाषाओं में विभिन्न रूपों में दर्शाया जाता है कि संज्ञा के वाक्यांशों का सन्दर्भ सर्वनिष्ठ है| आप (अनुवादक) को इस सर्वनिष्ठ विचारों को अपनी भाषा के अनुवाद में व्यवहारिक रीति से प्रयोग करना होगा| बाइबल से उदाहरण
उपरोक्त कथन में मोटे सब्द किसी व्यक्ति विशेष को नही वरन् धर्म का काम करने वाले हर एक जन या दुष्टता का काम करने वाले हर एक जन को संदर्भित करते हैं|
यह किसी व्यक्ति विशेष को नही वरन् अनाज बेचने से मना करने वाले प्रत्येक जन को संदर्भित करता हैं।
‘‘भले मनुष्य’’ इस उक्ति द्वारा व्यक्ति विशेष को नही वरन् हर एक भले मनुष्य को संदर्भित किया गया हैं। ‘‘बुरी युक्ति करनेवाले’’ इस उक्ति द्वारा किसी व्यक्ति विशेष को नही वरन् बुरी युक्ति करने वाले हर एक मनुष्य को दर्शया गया हैं। अनुवाद की युक्तियाँयदि आपकी भाषा में व्यक्ति विशेष या वस्तु विशेष की अपेक्षा मनुष्य या वस्तु का सर्वनिष्ठ सन्दर्भ देने के लिए यदि ULT के शब्दों का प्रयोग किया जा सकता है तो उन शब्दों का प्र्स्योग करें| यदि नहीं हो सकता है, तो यहाँ कुछ युक्तियाँ दी जा रही हैं जिसका उपयोग आप कर सकते हैं| (1) संज्ञा कथन में ‘‘किसी’’ शब्द का उपयोग करें। (2) संज्ञा कथन में ‘‘एक’’ शब्द का उपयोग करें। (3) ‘‘किसी व्यक्ति’’ या ‘‘कोई भी’’ के समान ‘‘किसी वस्तु" या "कोई मनुष्य’’ जैसी उक्तियों का उपयोग करें (4) ‘‘लोग’’ के समान बहुवचन का उपयोग करें (5) अपनी भाषा में काम में आने वाली किसी भी स्वाभाविक विधि का प्रयोग करें| अनुवाद की युक्तियों के प्रयोग के उदाहरण(1) संज्ञा कथन में ‘‘किसी’’ शब्द का उपयोग करें।
(2) संज्ञा कथन में ‘हर ‘एक’’ का उपयोग करें।
(3) ‘‘किसी व्यक्ति’’ या ‘‘कोई भी’वस्तु" के समान ‘‘किसी" या "कोई’’ शब्द का उपयोग करें।
(4) ‘‘लोग’’ के समान बहुवचन का उपयोग करें (जैसा इस कथन में है, ‘‘मनुष्य’’)।
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जाओ और आओThis page answers the question: यदि किसी वाक्य में ‘‘आ’’ और ‘‘जा’’ में सदेह उत्पé हो रहा है तो मैं क्या करूँ? वर्णनविभिé भाषाएँ गति के बारे में बात करते वक्त इस बात को निर्धारित करने के विभिé तरीके अपनाती हैं कि ‘‘जा’’ या ‘‘आ’’ का उपयोग करें, अथवा ‘‘ले’’ या ‘‘दे’’ का। उदाहरण के तौर पर, यह कहने के लिए कि वे एक व्यक्ति के पास जा रहे हैं जिसने उन्हे बुलाया है, अंग्रेजी वक्ता कहेंगे, ‘‘मैं आ रहा हूँ’’ परंतु स्पैनिश वक्ता कहेंगे, ‘‘मैं जा रहा हूँ’’। आपको ‘‘जा’’ या ‘‘आ’’ (’’ले’’ या ‘‘दे’’) का अनुवाद इस प्रकार करना होगा जिससे पाठक समझ सकें कि वे किस दिशा में बढ़ रहे हैं। कारण यह अनुवाद की समस्या हैविभिé भाषाएँ गति के बारे में बताने के लिए विभिé तरीके अपनाती हैं। बाइबलीय भाषाएँ अथवा आपकी स्रोत भाषा ‘‘जा’’ और ‘‘आ’’ अथवा ‘‘ले’’ या ‘‘दे’’ का उपयोग शायद आपकी अपनी भाषा के तरीके से अलग प्रकार से करती होगी। यदि इन शब्दों का अनुवाद आपकी भाषा में प्रचलित तरीके के अनुसार नही किया गया तो पाठक इस संदेह में पड़ सकते हैं कि लोग किस दिशा में बढ़ रहे हैं। बाइबल से उदाहरण
कुछ भाषाओं में, लोग समझेंगे कि परमेश्वर जहाज के अंदर से बात कर रहा है
अब्राहम अपने दास से बात कर रहा है । अब्राहम के रिश्तेदार उस जगह से दूर रहते हैं जहाँ वह और उसका दास खड़ा है और वह चाहता है कि उसका दास, उसकी ओर आए नही, वरन् उनके पास जाए
मूसा जंगल में लोगों से बात कर रहा है । वे अभी तक उस देश में आए नही हैं जो परमेश्वर उन्हे देने जा रहा है । कुछ भाषाओं में, इसे इस प्रकार कहना अच्छा होगा, ‘‘जब तू उस देश में जाए ‘‘
कुछ भाषाओं में, ऐसा कहना सही होगा कि यूसुफ और मरियम यीशु को मंदिर में लाए या उठाकर लाए
जब इस व्यक्ति ने यीशु से बात की तो वह घर पर नही था । वह चाहता था कि यीशु उसके साथ उसके घर जाए
कुछ भाषाओं में, ऐसा कहना सही होगा कि इलीशिबा सबके सामने नही आर्इ अनुवाद रणनीतियाँULB में प्रयुक्त शब्द शायद आपकी भाषा में स्वाभाविक हों और सही अर्थ देते हों, तो उनका उपयोग करें। यदि नही, तो निम्न रणनीतियों का उपयोग कर सकते हैं।
अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
आम विशेषणThis page answers the question: संज्ञा के समान लगने वाले विशेषणों का मैं अनुवाद कैसे करूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनकुछ भाषाओं में एक विशेषण के उपयोग से उस विशेषण के द्वारा बतार्इ गर्इ चीजों के वर्ग को बताया जा सकता है। और जब ऐसा होता है, तो वह संज्ञा की तरह कार्य करता है। उदाहरण के तौर पर, ‘‘धनी’’ शब्द एक विशेषण है। नीचे दो वाक्य हैं जो दिखाते हैं कि ‘‘धनी’’ शब्द विशेषण है।
‘‘धनी’’ नामक विशेषण ‘‘व्यक्ति’’ से पहले आता है और व्यक्ति का वर्णन करता है।
‘‘धनी’’ नामक विशेषण ‘‘वह’’ के बाद आता है और "वह" का वर्णन करता है। निम्न वाक्य बताता है कि ‘‘धनी’’ शब्द संज्ञा का भी कार्य कर सकता है।
निर्गमन 30:15 में, ‘‘धनी’’ शब्द संज्ञा का कार्य करता है और धनी व्यक्तियों की बात करता है। ‘‘कंगाल’’ शब्द भी संज्ञा का कार्य करता है और कंगाल लोगों की बात करता है। कारण यह अनुवाद की समस्या है
बाइबल से उदाहरण
शब्द ‘‘धर्मी’’ यहाँ पर धर्मी लोगों को दिखा रहा है, न कि किसी एक धर्मी को।
‘‘नम्र’’ वे लोग हैं जो नम्र हैं, कोर्इ एक नम्र व्यक्ति नही। अनुवाद रणनीतियाँयदि आपकी भाषा में विशेषणों का उपयोग संज्ञा के रूप में भी आमतौर पर होता है, तो उनका उपयोग करें। परंतु यदि यह अपरिचित सा लगता है या उसका अर्थ स्पष्ट नही है या गलत है, तो एक और विकल्प निम्नलिखित है: (1) संज्ञा के बहुवचन रूप के साथ विशेषण का प्रयोग करें जिसका वर्णन विशेषण करता है। अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण(1) संज्ञा के बहुवचन रूप के साथ विशेषण का प्रयोग करें जिसका वर्णन विशेषण करता है।
घटनाओं का क्रमThis page answers the question: घटनाओं को उनके घटे हुए क्रम में क्यों नही लिखा गया है और मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनबाइबल में घटनाओं को उनके घटे हुए क्रम में लिखा गया है। कई बार लेखक किसी एक घटना के बारे में बताना चाहता है जो बताई जा रही घटना से बहुत समय पहले घटी थी। इससे पाठक असमंजस में पड़ सकते हैं। कारण यह अनुवाद की समस्या है:पाठक सोच सकते हैं कि घटनाएँ उसी क्रम में घटी हैं जैसे उन्हे बताया गया है। उन्हे घटना का सही क्रम जानना बहुत जरूरी है। बाइबल से उदाहरण
इसको पढ़कर लग सकता है कि यूहन्ना के कैद होने के बाद यीशु का बपतिस्मा हुआ परंतु वास्तव में कैद से पहले उसने यीशु को बपतिस्मा दिया था।
ऐसा लग सकता है कि सेना के प्रस्थान करने के बाद यहोशु उन्हे जयजयकार नही करने का आदेश दे रहा है, परंतु उसके आदेश को पाने के पश्चात सेना ने प्रस्थान किया था ।
ऐसा लगता है कि एक व्यक्ति पहले पुस्तक को खोले और फिर मुहर तोड़े, परंतु पुस्तक को बंद करने वाली मुहर को तोड़ने के बाद ही, पुस्तक खोली जाती है। अनुवाद रणनीति(1) यदि आपकी भाषा में ऐसे कथनों या समय के शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बताई जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी जोड़कर बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें (2) यदि आपकी भाषा में क्रियायों के काल या संबंधित शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बताई जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें (क्रिया के "पहलूओं" के सेक्शन को देखें) (3) यदि आपकी भाषा घटनाओं को उनके समयानुक्रम में बताने को महत्व देती है तो घटनाओं को उसी क्रम में लिखें। इसमें दो या तीन पदों को एक साथ लिखने की जरूरत पड़ सकती है। (जैसे 5-6) (देखें: पद्य पुल) अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण
(2) यदि आपकी भाषा में क्रियायों के काल या संबंधित शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बताई जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें।
(3) यदि आपकी भाषा घटनाओं को उनके समयानुक्रम में बताने को महत्व देती है तो घटनाओं को उसी क्रम में लिखें। इसमें दो या तीन पदों को एक साथ लिखने की जरूरत पड़ सकती है (जैसे 5-6)
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भाषा के भागThis page answers the question: अंग्रेजी में भाषा के अलंकार कौन कौनसे हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनअलंकार के शब्द शब्दों की श्रेणियाँ हैं। शब्दों की श्रेणियाँ एक वाक्य में कर्इ प्रकार के कार्य करती हैं। सब भाषाओं में अलंकार के शब्द होते हैं और एक भाषा के सभी शब्द अलंकार के शब्दों का भाग होते हैं। अधिकतर भाषाओं में ये मूलभूत अलंकार के शब्द, कुछ बदलावों के साथ, होते हैं और कुछ भाषाओं में अधिक श्रेणियाँ होती हैं। यह अलंकार के शब्दों की संपूर्ण सूची नही है, परंतु ये सिर्फ मूलभूत श्रेणियों को दिखा रही है। क्रियाएँ किसी कार्य के करने (उदाहरण, आ, जा, खा) एवं होने (जैसे कि, है, था, थे इत्यादि) को दिखाती हैं। इसकी विस्तृत जानकारी Verbs में उपलब्ध है। संज्ञाएँ एक व्यक्ति, स्थान, वस्तु अथवा विचार को दिखाने वाले शब्द हैं। सामान्य संज्ञाएँ सर्वसामान्य हैं अर्थात वे किसी व्यक्ति विशेष (मनुष्य, शहर अथवा देश) को नही दिखाती हैं। नाम, अथवा व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ व्यक्तिविशेष को दिखाती हैं अर्थात पतरस, यरूशेलम, मिस्र। अधिक जानकारी के लिए देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें How to Translate Names. सर्वनाम संज्ञा के स्थान पर काम आता है और वह, वे, हम जैसे शब्दों का इस्तेमाल होता है। सर्वनाम के बारे में अधिक जानकारी Pronouns पृष्ठ पर पार्इ जा सकती है। संयोजक वे शब्द हैं जो कथनों अथवा वाक्यों को जोड़ते हैं। उदाहरण के तौर पर, और, या, के लिए, तौभी, ना तो इत्यादि। कुछ संयोजकों को युगलों में भी उपयोग किया जाता है: दोनों/और, या/तो, ना/तो इत्यादि। इनके बारे में अधिक जानकारी Connecting Words पर पा सकते हैं। उपसर्ग वे शब्द हैं जो किसी संज्ञा या क्रिया के साथ जुड़कर उनकी अधिक विशेषता बताते हैं। उदाहरण: लड़की अपने पिता की ओर दौड़ी। यहाँ उपसर्ग ‘‘की ओर’’ लड़की के अपने पिता के साथ रिश्ते के कारण उसकी ओर जाने की क्रिया को दिखाता है। दूसरा उदाहरण, ‘‘यीशु के चारों ओर भीड़ बढ़ने लगी । यहाँ उपसर्ग ‘‘चारों ओर’’ यीशु के संबंध में भीड़ की जगह को दिखाता है। उपसर्ग के कुछ और उदाहरण निम्न हैं: की ओर, से, बाहर, शुरू, साथ, बिना, ऊपर, नीचे, पीछे, आगे, बीच में, द्वारा, बाद में। आर्टिकल्स ये प्रदर्शित करने वाले शब्द हैं जिन्हे जब वक्ता बताता है तो सुनने वाले समझ सकें। अंग्रेजी में ये शब्द ए (a), एन (an) और दि (the) हैं। ए (a), एन (an) और दि (the) इन तीनों शब्दों के अर्थ समान हैं। यदि एक वक्ता कहता है, ए डोग तो वह श्रोताओं को बताना चाहता है कि वह कुत्ते की बात बता रहा है, शायद वह पहली बार इस कुत्ते की बात कर रहा हो। यदि एक वक्ता कहता है, दि डोग तो वह एक विशेष कुत्ते की बात बता है और चाहता है कि श्रोता भी इस बात को पहचानें कि वह किस कुत्ते की बात बता रहा है। अंग्रेजी वक्ता दि का उपयोग यह बताने के लिए भी करते हैं वे किसी बात पर सामान्य राय दे रहे हैं। उदाहरण के तौतर पर, वे कहते हैं दि एलिफेंट इस ए लार्ज ऐनिमल (हाथी एक बड़ा जानवर होता है) तो वह हाथी के बारे में सामान्य जानकारी दे रहा है। इसके बारे में आप अधिक जानकारी Generic Noun Phrases पर पा सकते हैं। विशेषण वे शब्द होते हैं जो संज्ञा की विशेषता बताते हैं और उनकी संख्या, आकार, रंग और उम्र इत्यादि की जानकारी देते हैं। कुछ उदाहरण: कर्इ, बड़ा, नीला, बूढ़ा, होशियार, थका। कर्इ बार लोग किसी चीज के बारे में कुछ जानकारियाँ देने के लिए विशेषण का उपयोग करते हैं और कर्इ बार लोग इनकी मदद से एक चीज का दूसरी से अंतर करते हैं। उदाहारण, मेरे बुजुर्ग पिता, बुजुर्ग विशेषण मेरे पिता के बारे में कुछ बातें बताता है। परंतु मेरी सबसे बड़ी बहन में सबसे बड़ी शब्द मेरी एक और बड़ी बहन से अलग दिखा रहा है। आप इसकी अधिक जानकारी Distinguishing versus Informing or Reminding पर पा सकते हैं। क्रिया विशेषण वे शब्द हैं जो क्रिया या विशेषण की विशेषता बताते हैं और उनके बारे में ‘‘कैसे, कब, कहाँ, क्यों और कहाँ तक’’ जैसी जानकारियाँ देते हैं। कर्इ सारे अंग्रेजी क्रिया विशेषण के शब्दों के अंत में ly होता है। क्रिया विशेषण के कुछ उदाहरण हैं: स्लोली (धीरे धीरे), लेटर (बाद में), फार (दूर), इंटेंनशन्ली (जानबूझकर), वैरी (बहुत) । स्वत्वबोधनThis page answers the question: ‘ स्वत्वबोधन क्या है और मैं उसका अनुवाद कैसे कर सकता हूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनअंग्रेजी में स्वत्व का जो व्याकरण रूप है वह सामान्यतः‘ मनुष्यों और वस्तुओं तथा मनुष्यों के आपसी संबंधों की विविधता दर्शाता है| अंग्रेजी में यह व्याकरण आधारित सम्बन्ध (का) शब्द के प्रयोग से प्रकट होता है या शब्द के पीछे सम्बन्ध कारक चिन्ह "s" लगाने से व्यक्त होता है या सम्बन्धवाचक सर्वनाम के उपयोग से दर्शाया जाता है| निम्नलिखित उदाहरण ऐसे ही कुछ विभिन्न रूप हैं जिनसे दर्शाया गया है कि मेरे दादा का एक घर है| *द हाउस of माए ग्रान्डफादर *माए ग्रान्डफादरs हाउस
इब्रानी, यूनानी और अंग्रेजी में स्वामित्त्व के संकेतक उपयोग द्वारा विभिन्न परिस्थितिओं को दर्शाया जाता है। यहाँ कुछ सामान्य परिस्थितियाँ दी गई हैं जिनमें इसका उपयोग होता है
कुछ भाषाओं में एक विशेष प्रकार का स्वामित्व होता है जिसे अपरिहार्य स्वामित्व कहते हैं| इस प्रकार के स्वामित्व को तब प्रयोग करते हैं जब कोई ऐसी वस्तु हो जो आपसे अविच्छेध्य हो अर्थात उन वस्तुओं के विपरीत जिन्हें आपसे अलग किया जा सकता है| उदाहरणार्थ उपरोक्त उदाहरणों में मेरा सिर और मेरी माता अपरिहार्य सम्बन्ध के उदाहरण हैं (कम से कम कुछ भाषाओं में)|दूसरी ओर, * मेरे कपडे* और मेरा शिक्षक परिहार्य सम्बन्ध हैं| अब परिहार्य और अपरिहार्य किसको माना जाए ? यह भाषाओं पर निर्भर करता है| अनुवाद की बाधाओं के कारण
बाइबल में से उदाहरणस्वामित्व - निम्नलिखित उदाहरण में, पुत्र के पास पैसा था
सामाजिक संबंध - निम्नलिखित उदाहरण में, चेले वे लोग थे जिन्होने यूहन्ना से शिक्षा पाई थी|
संपर्क - निम्नलिखित उदाहरण में, सुसमाचार वह सन्देश है जिसका सम्बन्ध पौलुस से है क्योंकि वह उसका प्रचार करता था|
सामग्री - निम्नलिखित उदाहरण में, मुकुट बनाने के लिए जो सामग्री काम में ली जाती है वह सोना है|
अंतर्वस्तु - निम्नलिखित उदाहरण में, कटोरे में पानी है|
समूह का एक भाग निम्नलिखित उदाहरण में "हम" सम्पूर्ण समूह के सन्दर्भ में है और "हर एक" प्रत्येक जन के सन्दर्भ में है|
घटनाएँ एवं संपत्तिकई बार एक अथवा दोनो संज्ञाएँ भाववाचक संज्ञाए होती है जो किसी घटना या कार्य को दिखाती हैं। निम्नलिखित उदाहरणों में, भाववाचक संज्ञाएँ प्रखर शब्दों में दी गई हैं। ये कुछ संबंध हैं जो दो संज्ञाओं के बीच संभव हैं जब उनमें से एक किसी घटना के सन्दर्भ में हो। कर्ता - कभी-कभी "का" के बाद का शब्द दर्शाता है कि काम का करने वाला कौन है जिसका नाम पहली संज्ञा व्यक्त करती है। निम्नलिखित उदाहरण में, यूहन्ना लोगों को बपतिस्मा देता था| यूहन्ना का बपतिस्मा क्या स्वर्ग से था या मनुष्यों की ओर से? उत्तर दो।’’ (मरकुस 11:30) निम्नलिखित उदाहरण में, मसीह हमसे प्रेम करता है
साधनकभी कभी "का" के बाद आने वाला शब्द दर्शाता है कि किसको और किसे कुछ होगा। निम्नलिखित उदाहरण में, लोग धन से प्रेम करते हैं
साधन- कई बार "का" के बाद आने वाला शब्द दर्शाता है कि कैसे कुछ होगा| निम्नलिखित उदाहरण में, परमेश्वर क्षत्रुओं को भेज कर तलवार से नरसंहार का दंड देता है|
द्योतीकरण - निम्नलिखित उदाहरण में यूंहन्ना पापों से मन फिराने वालों को बप्तिस्मा दे रहा था| उनको बपतिस्मा दिया जा रहा था कि उनका प्रायश्चित प्रकट हो| उनका बप्तिस्मा उनके प्रायश्चित का द्योतक था|
दो संज्ञाओं के आपसी संबंध को जानने का कौशल
2.पद को UST में पढ़ें। कई बार यह संबंध को स्पष्ट बताता है
अनुवाद का कौशलयदि दो संज्ञाओं के बीच के संबंध के बारे में बताने के लिए संपत्ति का उपयोग स्पष्ट या सामान्य है तो उसका उपयोग करें। यदि यह अपरिचित हो या समझने में कठिन लगता है, तो निम्न को देखें:
अनुवाद के कौशल को व्यवहार में लेने के उदाहरण
जो कोई तुम्हे पीने के लिए पानी से भरा कटोरा दे... अपना प्रतिफल नहीं खोएगा
3.यदि संज्ञाओं में से एक किसी घटना का बोध कराती है तो उसका अनुवाद क्रिया रूप में करें| (निम्नलिखित उदाहरणों में दो संपर्क सम्बन्ध हैं, "परमेश्वर का दंड" और "तेरा परमेश्वर")
क्रियाएँThis page answers the question: क्रियाएँ क्या हैं और उनके साथ कौन कौनसी वस्तुएँ जुड़ी होती हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणक्रियाएँ वे शब्द होते हैं जो किसी कार्य या घटना का सन्दर्भ देते हैं या जिसका उपयोग वस्तुओं का वर्णन करने या पहचानने में किया जाता है। "कार्य" वह है जो किया जाता है| "घटना" "कार्य" से अधिक सामान्य होती है| घटना वह है जो होती है जैसे, मृत्यु| सहायक क्रिया ("is") होने की अवस्था का वर्णन करती है| उदाहरण नीचे दिए गए उदाहरणों में क्रियाएँ गहरी की गई हैं।
* क्रिया के साथ संबद्ध लोग या वस्तुएंक्रिया सामान्य रूप से किसी मनुष्य या किसी वस्तु के बारे में कुछ कहती है। ऊपर दिए गए सभी उदाहरण वाक्य यूहन्ना के बारे में कुछ कहते हैं। "यूहन्ना" उन वाक्यों का कर्ता है। अंग्रेजी में कर्ता सामान्य रूप से क्रिया से पहले आता है। कभी-कभी क्रिया के साथ कोई अन्य व्यक्ति या वस्तु जुड़ी होती है। नीचे दिए गए उदाहरणों में, रेखांकित शब्द क्रिया है, और बड़े अझरों में छपे वाक्यांश कर्म है। अंग्रेजी में कर्म सामान्य रूप से क्रिया के बाद में आता है।
कुछ क्रियाओं में कभी कर्म नहीं होता है।
अंग्रेजी में कई क्रियाओं में, कर्म को छोड़ना तब ठीक होता है, जब कर्म वाक्य में महत्वपूर्ण नहीं है।
कुछ भाषाओं में, क्रिया को कर्म की आवश्यकता हो तो उसमें कर्म होना आवश्यक है, चाहे कर्म बहुत महत्वपूर्ण न हो। जो लोग उन भाषाओं को बोलते हैं वे उपरोक्त वाक्यों को इस प्रकार कहेंगे।
क्रियाओं पर कर्ता और कर्म को चिन्हित करनाकुछ भाषाओं में, क्रियाएँ व्यक्तियों या उससे जुड़े वस्तुओं के आधार पर थोड़ी अलग हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, जब कर्ता केवल एक व्यक्ति होता है तब अंग्रेजी बोलने वाले क्रिया के अन्त में "s" अक्षर जोड़ते है। क्रिया को चिन्हित करने वाली अन्य भाषाओं में क्रिया के अन्तः चिन्ह प्रकट करते है कि कर्ता "मैं", "तू/आप", या "वह" है या वह एकवचन, द्विववचन या बहुवचन में है या स्त्रीलिंग है या पुल्लिंग है या मनुष्य है या वस्तु/पशु है| यह दिखाया जा सकता है कि कर्ता "मैं," "आप," या "वह" है; एकवचन, द्विवाचक, या बहुवचन; पुरूष या स्त्री, या मानव या गैर-मानवीय है।
समय और कालजब हम किसी घटना के बारे में बताते हैं, तो हम सामान्य रूप से बताते हैं कि यह अतीत, वर्तमान या भविष्य में घटित हुई है या नहीं। कभी-कभी हम "कल," "अब," या "कल" जैसे शब्दों के साथ उपयोग करते हैं। कुछ भाषाओं में क्रिया साथ जुड़े समय के आधार पर थोड़ी अलग हो सकती है। क्रिया पर इस तरह के चिन्ह को "काल" कहा जाता है। जब घटनाएँ अतीत में घटित हुईं हैं तो अंग्रेजी बोलने वाले कभी-कभी क्रिया के अन्त में अतीतकालीन "चिन्ह" डालते हैं, जैसे "ed" जोड़ना।
कुछ भाषाओं में वक्ता समय के बारे में कुछ बताने के लिए एक शब्द को जोड़ देते हैं। अंग्रेजी बोलने वाले भावी घटनाओं के सन्दर्भ में क्रिया के साथ सहायक क्रिया, "will" का उपयोग करते हैं जब क्रिया भविष्य में किसी बात को सन्दर्भित करती है।
भावजब हम किसी घटना के बारे में बताते हैं, तो कभी-कभी हम यह दिखाना चाहते हैं कि समय के साथ-साथ घटना की प्रगति कैसे हुई, या घटना किसी अन्य घटना से कैसे सम्बन्धित है। यह भाव है। कभी-कभी एक घटना किसी अन्य घटना से या वर्तमान समय से कैसे सम्बन्धित होता है, इसे दिखाने के लिए अंग्रेजी बोलने वाले, "is" या "has" जैसी सहायक क्रियाओं का उपयोग करते हैं और क्रिया के अन्त में "s" (ता/ती) या "ing" (रहा है/रहा था) या "ed" (किया) लगाकर प्रकट करते हैं कि एक घटना दूसरी घटना से या पर्त्मान समय से कैसे जुड़ी है ।
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जब पुल्लिंग शब्दों में स्त्रियाँ शामिल होती हैंThis page answers the question: मैं ‘भार्इ’ या ‘वह’ का अनुवाद कैसे करूँ, जबकि इसका संकेत स्त्री या पुरुष किसी की ओर भी हो सकता है? In order to understand this topic, it would be good to read:
बाइबल में, कई बार ‘‘पुरुष’’, ‘‘भार्इ’’ और ‘‘पुत्रों‘‘ जैसे शब्द केवल पुरुषों को दिखाते हैं। तो कुछ अन्य भागों में, ये शब्द स्त्री एवं पुरुष दोनों को दिखाते हैं। जब लेखक स्त्री एवं पुरुष दोनों को दिखाता है, तो अनुवादकों को भी ऐसे ही अनुवाद करना है जिससे कि यह केवल पुरुष को ही दिखाने वाला न हो। वर्णनकुछ भाषाओं में, पुरुष को दिखाने वाला शब्द ही स्त्री एवं पुरुष दोनों को दिखाने वाला सामान्य शब्द भी हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, बाइबल कर्इ बार जब ‘भार्इयों‘ कहती है तो उसका अर्थ भार्इ और बहन दोनों से ही होता है। साथ ही कुछ भाषाओं में, पुरुषवाची उच्चारण ‘‘वह’’ और ‘‘उसका’’ को किसी भी व्यक्ति के लिए अधिक सामान्य तरीके से भी उपयोग किया जाता है यदि यह महत्वपूर्ण नहीं है कि वह व्यक्ति एक पुरुष है या एक स्त्री। नीचे दिए गए उदाहरण में, सर्वनाम "उसका" है, परन्तु यह पुरुषों तक ही सीमित नहीं है।
कारण यह अनुवाद की समस्या है
अनुवाद के सिद्धांतयदि कोर्इ कथन स्त्री एवं पुरुष दोनों पर लागू होता है, तो उसका अनुवाद भी इसी तरीके से हो जिससे लोग समझें कि यह दोनों के लिए है। बाइबल से उदाहरण
यह वचन कुरिन्थियों के विश्वासियों के लिए है, न केवल पुरुष के लिए, वरन् पुरुषों एवं स्त्रियों दोनों को सम्बोधित करता है।
यीशु यहाँ केवल पुरुष की ही नही, अपितु पुरुषों एवं स्त्रियों दोनों की बात कर रहा है। चेतावनी : कर्इ बार केवल पुरुष को दिखाने वाले पुरुषवाची शब्दों का उपयोग होता है । इसलिए ऐसे शब्दों का उपयोग न करें जिससे लोगों को लगे कि यह स्त्रियों को भी सम्मिलित करते हैं। नीचे लिखे रेखांकित शब्द केवल पुरुषों के लिए हैं।
अनुवाद रणनीतियदि लोग समण्ते हैं कि पुरुषवाची सर्वनाम जैसे ‘‘पुरुष’’, ‘‘भार्इ’’ और ‘‘वह’’ स्त्रियों को भी सम्मिलित कर सकते हैं, तो उनका प्रयोग करने पर विचार करें। अन्यथा, यहाँ अनुवाद के कुछ तरीके उन शब्दों के लिए दिए गए हैं जो स्त्रियों को भी सम्मिलित करती हैं।
अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
Word Orderशब्द क्रमThis page answers the question: शब्द क्रम का मतलब क्या है? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनकर्इ भाषाओं में एक वाक्य के भागों को क्रमबद्ध करने के सामान्य तरीके होते हैं। सभी भाषाओं में ऐसा नही होता है। अनुवादकों को पता होना चाहिए कि उनकी भाषाओं में कौनसे सामान्य तरीके इस्तेमाल होते हैं। वर्णनअधिकतर वाक्यों में आम तौर पर तीन मूलभूत भाग होते हैं: कर्ता, कर्म और क्रिया। कर्ता और कर्म आम तौर पर संज्ञाएँ (उदा. एक व्यक्ति, वस्तु, स्थल या विचार) या सर्वनाम होते हैं। क्रियाएँ कार्यों अथवा उसके वर्तमान अवस्था को दिखाती हैं। कर्ताकर्ता अर्थात वाक्य क्या है या क्या बता रहा है। यह आम तौर पर, कुछ कार्यों को प्रकट करता अथवा उसका वर्णन देता है। कर्ता प्रत्यक्ष हो सकता है; यह कुछ करता है, जैसे कि गाना, कार्य करना या सिखाना।
कर्मकर्म वो वस्तु है जिस पर या जिसके लिए कर्ता कार्य करता है।
क्रियाजिन शब्दों में किसी कार्य का करना या होना व्यक्त होता है।
इच्छित शब्द क्रमसब भाषाओं में शब्दों के इच्छित क्रम होते हैं। निम्नलिखित उदाहरण कुछ भाषाओं में ‘‘पतरस गेंद को मारता है’’ के कर्ता, कर्म और क्रिया के क्रम को दिखाते हैं। अंग्रेजी जैसी कुछ भाषाओं में निम्न क्रम होते हैं: कर्ता, क्रिया, कर्म,
शब्दों के क्रम में परिवर्तनशब्द क्रम बदल सकता है यदि वाक्य:
शब्द के क्रम भी बदल सकते हैं
अनुवाद प्रक्रिया
आप वीडियो को http://ufw.io/figs_order पर भी देख सकते हैं उद्धरणउद्धरण एवं उद्धरण हासियेThis page answers the question: उद्धरण संकेत क्या होते हैं और मैं उनका कहाँ उपयोग करूँ? विवरणजब यह कहना कि किसी ने कुछ कहा है, तो हम प्रायः यह बताते हैं कि वह किसने कहा था, किससे कहा था और क्या कहा था। किसने बात की और किसके साथ बात की, इस बारे में जानकारी को उद्धरण हाशिया कहा जाता है। उस व्यक्ति ने क्या कहा उद्धरण चिन्हों में होता है। (इसे हवाला भी कहा जाता है।)कुछ भाषाओं में उद्धरण चिन्ह अरम्ब में या अंत में या उद्धरण के दो अंशों के मध्य आते हैं। उद्धरण हाशिया नीचे रेखांकित हैं।
जब यह लिखना होता है कि किसी ने कुछ कहा है, तो कुछ भाषाओं में उसके उद्धरण (जो कहा गया है) को उद्धरण चिन्हों अर्थात उल्टे कौमा ("") में लिखा जाता है। कुछ भाषा उद्धरण के चारों ओर अन्य तरह के प्रतीकों का उपयोग करती हैं, जैसे कोण उद्धरण चिह्न («»), या कुछ और। इसको अनुवाद की समस्या होने का कारण
बाइबल से उदाहरणउद्धरण से पहले उद्धरण हाशिया
फिर कुछ चुंगी लेने वाले भी बपतिस्मा लेने आए, और **उन्होंने उससे कहा**, "हे शिक्षक, हमें क्या करना चाहिए?" (लूका 3:12 यूएलबी)
उद्धरण के बाद उद्धरण हाशिया
उद्धरण के दो भागों के बीच उद्धरण हाशिया
"इसलिए, जो कर सकते हैं," उसने कहा, "उसे हमारे साथ वहाँ जाना चाहिए। यदि उस व्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है, तो तुम्हें उस पर आरोप लगाना चाहिए।” (प्रेरितों 25:5 यूएलटी)
अनुवाद की युक्तियाँ
अनुवाद की युक्तियोँ की व्यावहारिकता के उदाहरण
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प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष उद्धरणThis page answers the question: प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष उद्धरण क्या हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनउद्धरण दो प्रकार के होते हैं: प्रत्यक्ष उद्धरण एवं अप्रत्यक्ष उद्धरण। प्रत्यक्ष उद्धरण तब प्रगट होता है जब कोर्इ किसी के कहे कथन को मूलभूत श्रोताओं के दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है। लोग अपेक्षा करते हैं कि इस प्रकार के उद्धरण वास्तविक लेखक के वास्तविक शब्दों को बताएँ। नीचे दिए गए उदाहरण में, यूहन्ना ने स्वयं का उल्लेख करते हुए ‘‘मैं’’ कहा होगा, अत: यूहन्ना के शब्दों की सूचना देने वाला वक्ता भी यूहन्ना की ओर इशारा करते हुए ‘‘मैं का उपयोग कर रहा है। यह दिखाने के लिए कि ये शब्द स्वयं यूहन्ना के हैं, कर्इ भाषाएँ उद्वरण चिन्ह ‘‘.‘‘ के बीच में उसके शब्दों को लिखते हैं।
अप्रत्यक्ष उद्धरण तब प्रगट होता है जब कोर्इ किसी के कहे कथन को बताता तो है, परंतु इस घटना में, वह उसकी बात को, वास्तविक लेखक के स्थान पर, स्वयं के दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है। इस प्रकार का उद्धरण आम तौर पर, सर्वनाम में आए बदलाव को बताते हैं और अक्सर समय, शब्दों के चुनाव और लंबार्इ में परिवर्तन को दिखाता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, कथाकार यूहन्ना को उद्धरण में "वह" के रूप में संदर्भित करता है और शब्द निश्चित "होगा" द्वारा इंगित भविष्य काल को बदलने के लिए शब्द अनुमानित "होगा" का उपयोग करता है।
कारण यह अनुवाद की समस्या हैकुछ भाषाओं में, सूचित वक्तव्य को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों उद्धरणों के साथ बताता जा सकता है। जबकि कुछ भाषाओं में, एक का उपयोग दूसरे से अधिक सामान्य तरीके से होता है। एक प्रकार के तरीके से उपयोग से उसे निश्चित अर्थ मिलता है। इसलिए हर उद्धरण के लिए, अनुवादक को निर्णय लेना है कि उनका उनका प्रत्यक्ष उद्धरण में करे या अप्रत्यक्ष में। बाइबल में से उदाहरणनिम्नलिखित उदाहरण में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों प्रकार के उद्धरण सम्मिलित हैं। नीचे लिखे वर्णनों में, हमने उद्धरणों को मोटे अक्षरों में लिखा है।
प्रत्यक्ष उद्धरण: "परन्तु जाकर, अपने आप को याजक को दिखा…"
अनुवाद की रणनीतियाँस्रोत लेख में उपयोग किये गए उद्धरण यदि आपकी भाषा में सही बैठते हैं तो उनका उपयोग करें। यदि उपयोग किए गए उद्धरण आपकी भाषा में स्वाभाविक नही लगते हैं, तो इन रणनीतियों का उपयोग करें (1) यदि आपकी भाषा में प्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है, तो उसे अप्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें। (2) यदि आपकी भाषा में अप्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है, तो उसे प्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें। अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण(1) यदि आपकी भाषा में प्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है, तो उसे अप्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें।
(2) यदि आपकी भाषा में अप्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है, तो उसे प्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें।
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उद्धरण चिन्हThis page answers the question: उद्धरणों को चिन्हित कैसे करें, विशेषकर तब जब उद्धरण के अंदर उद्धरण हों? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनकुछ भाषाएँ उद्धरण चिन्हों का उपयोग कर उद्धरणों को शेष वाक्य से अलग दिखाती हैं। अंग्रेजी भाषा में उद्धरण चिन्ह " का उपयोग उद्धरण के पहले और ठीक बाद में होता है।
उद्धरण चिन्हों को अप्रत्यक्ष उद्धरणों में उपयोग नही किया जाता है।
जब उद्धरणों के बीच में उद्धरणों की कर्इ परतें होती हैं, तो पाठकों को यह पता नही चल पाता है कि कौन क्या कह रहा है। दो प्रकार के उद्धरण चिन्हों का बदल बदल कर उपयोग करने से उन्हें समझा जा सकता है। अंग्रेजी भाषा में सबसे बाहरी उद्धरण में दोहरे उद्धरण चिह्न होते हैं, और अगले उद्धरण में एकल चिह्न होता हैं। उसके भीतर के अगले उद्धरण में दोहरे उद्धरण चिह्न होते हैं।
कुछ दूसरी भाषाओं में और भी प्रकार के उद्धरण चिन्ह का उपयोग होता है: इसके कुछ उदाहरण यहाँ पर हैं: ‚ ' „ " ‹ › « » ⁊ — . बाइबल से उदाहरणनीचे के उदाहरण में ULT में उपयोग किए गए उद्धरण चिन्हों के बारे में बताया गया है। एक परत के साथ उद्धरण चिन्हप्रथम प्रत्यक्ष उद्धरण के बाहर दोहरे उद्धरण चिह्न होते हैं। श्र राजा ने उत्तर दिया, ‘‘वह तिशबी एलिय्याह होगा।’’ (2 राजा 1:8 ULT) दो परतों के साथ उद्धरण चिन्हदूसरे प्रत्यक्ष उद्धरण के बाहर एकल उद्धरण चिन्ह होता है। हमने उसे और वाक्याँश को रेखांकित किया है ताकि आप उसे स्पष्टता से पहचान सकें।
तीन परतों के साथ उद्धरण चिन्हतीसरे प्रत्यक्ष उद्धरण के बाहर दोहरा उद्धरण चिन्ह होता है। हमने उसे रेखांकित किया है ताकि आप उसे स्पष्टता से पहचान सकें।
चार परतों के साथ उद्धरण चिन्हचौथी परत वाले प्रत्यक्ष उद्धरण के बाहर एकल उद्धरण चिन्ह होता है। हमने उसे रेखांकित किया है ताकि आप उसे स्पष्टता से पहचान सकें।
उद्धरण उपयोग की रणनीतियाँयहाँ नीचे कुछ तरीके दिए गए हैं जिनके द्वारा आप पाठकों को दिखा सकते हैं कि उद्धरण कहाँ शुरू हुआ है और कहाँ समाप्त होता है जिससे वो जान सकें कि कौन क्या कह रहा है।
उद्धरण उपयोग की रणनीतियों के उदाहरण(1) दोनों प्रकार के उद्धरण चिन्हों का बदल बदल उपयोग कर प्रत्यक्ष उद्धरण की परतों को दिखाएँ जैसा नीचे ULT के मूलपाठ में दिखाया गया है।
(2) एक या कुछ उद्धरण चिन्हों का अनुवाद अप्रत्यक्ष उद्धरणों में करे जिससे कम से कम चिन्हों का उपयोग हो, क्योंकि अप्रत्यक्ष उद्धरणों में चिन्हों की जरूरत नही होती है। अंग्रेजी में, शब्द ‘‘कि’’ एक अप्रत्यक्ष उद्धरण को दिखा सकता है। निम्नलिखित उदाहरण में, ‘‘कि’’ के बाद के सभी शब्द अप्रत्यक्ष उद्धरण हैं जिसे संदेशवाहक ने राजा से कहे। उस अप्रत्यक्ष उद्धरण के अंदर, शब्द ‘‘और ‘ के साथ कुछ और भी प्रत्यक्ष उद्धरण भी दिए गए हैं।
(3) यदि कोर्इ उद्धरण बहुत अधिक लंबा है और उसमें चिन्हों की कर्इ परते हैं, तो पूरी तरह से नए उद्धरण चिन्ह का उपयोग करें और इसके भीतर ही प्रत्यक्ष उद्धरण के लिए उद्धरण चिह्नों का उपयोग करें।
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उद्धरणों में उद्धरणThis page answers the question: संबोधन के अंदर संबोधन का क्या अर्थ है? और मैं पाठकों को यह बताने में कैस मदद करूँ कि कौन क्या कह रहा है? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणएक उद्धरण के भीतर एक उद्धरण हो सकता है, और उद्धरणों के भीतर जो उद्धरण होते हैं, उन भीतर भी उद्धरण हैं। जब एक उद्धरण के भीतर उद्धरण होता है, तो हम उद्धरण की परतों के बारे में बात कर सकते हैं, और प्रत्येक उद्धरण एक परत है। जब उद्धरणों के भीतर उद्धरणों की कई परतें होती हैं, तो श्रोताओं और पाठकों के लिए यह जानना कठिन हो सकता है कि कौन क्या कह रहा है6।कुछ भाषाएँ इसे आसान बनाने के लिए प्रत्यक्ष उद्धरण और अप्रत्यक्ष उद्धरण के संयोजन का उपयोग करती हैं। इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है
बाइबल से उदाहरणकेवल एक परत वाला एक उद्धरण
दो परतों वाले उद्धरण
सबसे बाहरी परत वह है जिसे यीशु ने अपने शिष्यों से कहा था। दूसरी परत वह है जो यह कहती है कि अन्य लोग क्या कहेंगे।
सबसे बाहरी परत वह है जिसे यीशु ने पिलातुस से कहा था। पीलातुस ने यीशु के बारे में जो कहा वह दूसरी परत है। तीन परतों वाला एक उद्धरण
सबसे बाहरी परत वह है जिसे अब्राहम ने अबीमेलेक से कहा था। दूसरी परत वह है जिसे अब्राहम ने अपनी पत्नी से कहा था। तीसरी परत वह है जिसे वह अपनी पत्नी को कहना चाहता था। (हमने तीसरी परत को रेखांकित किया है।) चार परतों वाला एक उद्धरण
सबसे बाहरी परत वह है जिसे सन्देशवाहकों ने राजा से कहा था। दूसरी परत वह है उस व्यक्ति ने कही जो सन्देशवाहकों से मिला था। तीसरी परत वह है जिसे वह व्यक्ति सन्देशवाहकों को राजा से कहने के लिए कहना चाहता था। चौथा परत वह है जिसे यहोवा ने कहा था। (हमने चौथी परत को रेखांकित किया है।) अनुवाद की रणनीतियाँकुछ भाषाएँ केवल प्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग करती हैं। अन्य भाषाएँ प्रत्यक्ष उद्धरण और अप्रत्यक्ष उद्धरण के संयोजन का उपयोग करती हैं। उन भाषाओं में यदि प्रत्यक्ष उद्धरणों की कई परतें हैं तो यह असामान्य लग सकता है और कदाचित् भ्रमित भी कर सकता है।
अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण
फेस्तुस ने पौलुस के मुकद्दमे को राजा को प्रस्तुत किया; उसने कहा, "फ़ेलिक्स के द्वारा कैदी के रूप में एक निश्चित व्यक्ति को पीछे छोड़ गया है... मैं इस विषय की जाँच को लेकर परेशान था, और मैंने उससे पूछा कि यदि वह इन बातों के बारे में न्याय प्राप्त करने के लिए यरूशलेम जाना चाहता है परन्तु जब पौलुस ने कहा कि सम्राट के निर्णय की प्राप्ति तक उसे सुरक्षा में रखा जाए , तो मैंने आदेश दिया कि उसे तब तक रखा जाए जब तक कि मैं उसे के पास न भेज दूँ.
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सर्वनामसर्वनामThis page answers the question: सर्वनाम क्या हैं और कुछ भाषाओं में सर्वनाम के कौन कौनसे प्रकार होते हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनकिसी व्यक्ति या वस्तु को दिखाने के लिए संज्ञा के स्थान पर काम में आने वाले शब्द सर्वनाम कहलाते हैं। कुछ उदाहरण हैं, “मैं,” ”तुम, “यह,” “वह,” “स्वयं,” “कोर्इ,” और अन्य। सर्वनाम का सर्वाधिक सामान्य प्रकार व्यक्तिवाचक है। व्यक्तिवाचक सर्वनामव्यक्तिवाचक सर्वनाम लोगों या वस्तुओं को दिखाता है और बताता है कि वक्ता स्वयं की बात कर रहा है या जिससे बात कर रहा है या किसी व्यक्ति या किसी वस्तु को दिखा रहा है। व्यक्तिवाचक सर्वनाम के द्वारा दी जाने वाली सुचनाओं के प्रकार निम्न हैं। अन्य प्रकार के सर्वनाम भी इनमें से कुछ सूचनाएँ दे सकते हैं। व्यक्ति
सँख्या
लिंग
वाक्य के अन्य शब्दों से संबंध
सर्वनाम के अन्य प्रकारकर्मकर्ता सर्वनाम उसी वाक्य में उपस्थित दूसरी संज्ञा या सर्वनाम को दिखाता है: मैं स्वयं, तुम स्वयं, वह स्वयं, यह स्वयं, हम स्वयं, तुम स्वयं, वे स्वयं
प्रश्नवाचक सर्वनामों का उपयोग ऐसे प्रश्न के लिए होता है जिसका उत्तर केवल हाँ या ना से अधिक होता है: क्या, किसका, कौन, किसको, किसका।
संबंधवाचक सर्वनाम एक संबंधनात्मक वाक्यांश को चिन्हित है। संबंधवाचक सर्वनाम, कौन, किसे, किसका, कौन सा और वह वाक्य के मुख्य भाग में एक संज्ञा के बारे में अधिक जानकारी देते हैं। कभी-कभी, संबंधवाचक सर्वनाम कब और जिसे भी संबंधवाचक सर्वनाम के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
संकेतवाचक सर्वनाम किसी वस्तु या व्यक्ति की ओर ध्यान खींचते हैं एवं उससे वक्ता की दूरी को दिखाते हैं, जैसे यह, ये, वह, वे। संकेतवाचक सर्वनाम का उपयोग किसी व्यक्ति या किसी चीज़ पर ध्यान आकर्षित करने और वक्ता या किसी वस्तु से दूरी दिखाने के लिए किया जाता है। संकेतवाचक सर्वनाम हैं: यह, ये, वह, और वे।
अनिश्चयवाचक सर्वनाम का उपयोग तब किया जाता है जब किसी विशेष संज्ञा को संदर्भित नहीं किया जाता है। अनिश्चियवाचक सर्वनाम हैं: कोई, कोई भी, कोई व्यक्ति, कोई वस्तु, कुछ वस्तु और कुछ। कभी-कभी एक व्यक्तिगत सर्वनाम का उपयोग सामान्य तरीके से करने के लिए उपयोग किया जाता है: आप, वे, वह या वह।
अंतिम उदाहरण में, ‘‘वे’’ एवं ‘‘तुम’’ सामान्य रूप में लोगों को संदर्भित करते हैं। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरुषThis page answers the question: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरुष क्या होते हैं और मैं इसका अनुवाद कैसे करूँ जब तृतीय पुरुष के रूप का संकेत तृतीय पुरुष की ओर नही होता है? In order to understand this topic, it would be good to read:
सामान्य रूप से एक वक्ता स्वयं को ‘‘मैं’’ और उसे सुन रहे लोगों को ‘‘आप’’ कह कर संबोधित करता है। बाइबल में अक्सर, एक वक्ता स्वयं को एवं जिनसे बात कर रहा है, उनको ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ के अतिरिक्त अन्य शब्दों से भी संबोधित करता है। वर्णन
कारण यह अनुवाद की समस्या हैबाइबल में कर्इ बार वक्ता स्वयं या बात करने वालों को संबोधित करने के लिए तृतीय पुरुष का उपयोग करता है। पाठक सोच सकते हैं कि वक्ता किसी और की बात कर रहा है। उनको पता नही चल पाता कि उसका अर्थ ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ से था। बाइबल से उदाहरणअक्सर लोग ‘‘मैं’’ या ‘‘मुझे’’ की अपेक्षा स्वयं के बारे में बताने के लिए तृतीय पुरुष का उपयोग करते हैं।
दाऊद ने स्वयं को तृतीय पुरुष के रूप में ‘‘आपका सेवक’’ और ‘‘अपने’’ कहा। शाऊल के सामने अपनी नम्रता दर्शाने के लिए वह स्वयं को शाऊल का सेवक कह रहा था
परमेश्वर ने ‘‘परमेश्वर के’’ और ‘‘उसके’’ जैसे शब्दों से स्वयं के लिए तृतीय पुरुष का संबोधन किया। क्योंकि वह बल देना चाहता था कि वह परमेश्वर है और सामर्थी है। अक्सर लोग ‘‘आप’’ या ‘‘आपका’’ के स्तान पर तृतीय पुरुष का उपयोग उनके लिए करते हैं जिनसे वो बात कर रहे हैं।
अब्रहाम परमेश्वर से बात कर रहा था और उसने उसे ‘‘आप’’ के स्थान पर ‘‘मेरे प्रभु यहोवा’’ के रूप में संबोधित किया । उसने ऐसा परमेश्वर के सामने अपनी नम्रता दिखाने के लिए किया।
‘‘तुममें हर कोर्इ’’ कहने के बाद, ‘‘उसका’’ या ‘‘तुम्हारा’’ कहने के स्थान पर यीशु ने तृतीय पुरुष का उपयोग किया। अनुवाद रणनीतियाँयदि ‘‘मैं’’ और ‘‘आप’’ के अर्थ को बताने के लिए तृतीय पुरुष का उपयोग स्वभाविक है और आपकी भाषा में इससे सही अर्थ दिया जा सकता है तो उसका उपयोग करें। यदि नही, तो निम्नलिखित कुछ विकल्प दिए गए हैं:
अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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विशिष्ट एवं संयुक्त ‘‘हम’’This page answers the question: संयुक्त और विशिष्ट ‘‘हम’’ क्या है? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनकुछ भाषाओं में ‘‘हम’’ के एक से अधिक रूप होते हैं: एक ‘‘संयुक्त’’ रूप जिसका अर्थ ‘‘मैं और तुम’’ एवं एक ‘‘विशिष्ट’’ रूप जिसका अर्थ है ‘‘मैं एवं कोई और परंतु तुम नही‘‘। विशिष्ट रूप उस व्यक्ति को अलग रखता है जिससे बात हो रही होती है। संयुक्त रूप उस व्यक्ति को जिससे बात हो रही होती है और संभवत: दूसरों को भी शामिल करता है। ‘‘हम’’, ‘‘हमारा’’ एवं ‘‘हम स्वयं’’ के मामले में भी यही सच है। कुछ भाषाओं में इसमें से हर एक के लिए संयुक्त एवं विशिष्ट रूप दोनों होते हैं। उन भाषाओं के अनुवादक जिनमें इन शब्दों के लिए संयुक्त एवं विशिष्ट रूप दोनों होते हैं, उन्हे पता होना चाहिए कि वक्ता क्या कहना चाहता था जिससे वे सही रूप का उपयोग कर सकें। चित्र देखें: दाहिनी ओर खड़े लोगों से वक्ता बात कर रहा है। पीला रंग दिखाता है कि उनमें कौन संयुक्त ‘‘हम’’ हैं और कौन विशिष्ट ‘‘हम’’ हैं। कारण यह अनुवाद की समस्या हैबाइबल को सर्वप्रथम इब्री, अरामी और यूनानी भाषा में लिखा गया था। अंग्रजी के समान, इन भाषाओं में ‘‘हम’’ के लिए अलग अलग रूप नही हैं। ‘‘हम’’ के लिए विभिé रूपों का उपयोग करने वाली भाषाओं के अनुवादकों को पता होना चाहिए कि वक्ता क्या कहना चाहता था जिससे वे ‘‘हम’’ के सही रूप का उपयोग कर सकें। बाइबल से उदाहरण
पहले कथन में, चेले यीशु को कह रहे हैं कि उनके पास कितनी रोटियाँ हैं, अत: यह ‘‘हम’’ संयुक्त या विशिष्ट भी हो सकता है। दूसरे कथन में, चेले कह रहे हैं कि उनमें से कुछ लोग भोजन मोल लेने जा सकते हैं, अत: यहा ‘‘हम’’ का रूप विशिष्ट है क्योंकि यीशु भोजन मोल लेने नही जा रहे थे।
यूहéा उन लोगों को बता रहा है जिन्होने यीशु को नही देखा है कि उसने और प्रेरितों ने क्या देखा है। अत: ‘‘हम’’ के विभिé रूपों का उपयोग करने वाली भाषाएँ, यहाँ विशिष्ट रूप का उपयोग करेंगी।
चरवाहे एक दूसरे से बात कर रहे हैं। उनके द्वारा प्रयुक्त ‘‘हम’’ में वे सब शामिल हैं जिनसे वे आपस में बात कर रहे हैं।
यीशु के द्वारा प्रयुक्त ‘‘हम’’ में वे स्वयं एवं चेले शामिल थे जिनसे वे बात कर रहे थे अत: यह संयुक्त रूप है। Next we recommend you learn about:
‘तू /तुम’ के रूप - औपचारिक या अनौपचारिकThis page answers the question: औपचारिक एवं अनौपचारिक ‘तुम’ क्या हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
(आप http://ufw.io/figs_youform पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे।) विवरणकुछ भाषाएँ "आप" के औपचारिक रूप और "आप" के अनौपचारिक रूप के बीच अन्तर बनाती हैं। यह पृष्ठ मुख्य रूप से उन लोगों के लिए है जिनकी भाषाओं यह अन्तर है। कुछ संस्कृतियों में लोग बुर्जगों या अधिकार प्राप्त व्यक्ति से बात करते समय औपचारिक "आप" का उपयोग करते हैं, और वे अनौपचारिक "तू/तुम" का उपयोग तब करते हैं, जब वे किसी ऐसे बात करते हैं जो उनकी आयु का हो या उनसे छोटा हो या जिसके पास कम अधिकार हों। अन्य संस्कृतियों में, लोग अनजानों से या कम परिचित लोगों से बात करते समय औपचारिक "आप" का प्रयोग करते हैं और परिवार के सदस्यों तथा घनिष्ठ मित्रों के साथ बात करते समय अनौपचारिक "तू/तुम" का उपयोग करते हैं। इसका अनुवाद की समस्या होने का कारण
अनुवाद के सिद्धान्त
बाइबल से उदाहरण
परमेश्वर आदम पर अधिकार रखता है, इसलिए जिन भाषाओं में "आप" के औपचारिक और अनौपचारिक रूप हैं, वे यहाँ अनौपचारिक रूप का उपयोग करेंगे।
लूका ने थियुफिलुस को "श्री मान्" कहा है। यह हमें समझ में आता है कि है कि थियुफिलुस एक उच्च अधिकारी था. जिसके लिए लूका बहुत अधिक सम्मान दिखा रहा था। "आप" का औपचारिक रूप रखने वाली भाषाओं के वक्ताओं के लिए कदाचित् इसी रूप का उपयोग करना उचित होगा।
यह उस प्रार्थना का एक अंश है, जो यीशु ने अपने शिष्यों को सिखाई थी। कुछ संस्कृतियों में औपचारिक "आप" का उपयोग किया गया हैं, क्योंकि परमेश्वर के हाथ में सम्पूर्ण अधिकार है। अन्य संस्कृतियों में अनौपचारिक "तेरा" शब्द का उपयोग किया जाता है क्योंकि परमेश्वर हमारा पिता है। अनुवाद की उक्तियाँजिन अनुवादक की भाषा में "आप" के औपचारिक और अनौपचारिक रूप पाए जाते हैं, उन्हें अपनी भाषा में "आप" के उचित रूप का चयन करने के लिए वार्तालाप के दोनों पक्षों के बीच सम्बन्धों को समझने की आवश्यकता होगी। औपचारिक या अनौपचारिक "आप" का उपयोग करने का निर्णय लेना
अनुवाद की उक्तियों की प्रासंगिकताअंग्रेजी में "आप" के औपचारिक और अनौपचारिक रूप नहीं हैं, इसलिए हम अंग्रेजी में "आप" के औपचारिक और अनौपचारिक रूपों का उपयोग अनुवाद करने के लिए नहीं दिखा सकते हैं। कृपया उपरोक्त उदाहरण और पारिचर्चा देखें। Next we recommend you learn about:
समूह को दिखाने वाले एकवचन सर्वनामThis page answers the question: लोगों के समूह को दिखाने वाले एकवचन सर्वनाम का मैं कैसे अनुवाद करूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणबाइबल इब्रानी, अरामी और यूनानी में लिखी गई थी। इन भाषाओं में "तू" शब्द एक वचन में तब होता है जब वह किसी एक मनुष्य का सन्दर्भ देता है और जब उसका सन्दर्भ एक से अधिक मनुष्यों से हो तो उसका बहुवचन रूप होता है परन्तु बाईबल के वक्ता कभी-कभी जन समूह के संबोधन में भी एकवचन "तू" शब्द का प्रयोग करते हैं| अंग्रेज़ी भाषा की बाईबल में यह स्पष्ट प्रकट नहीं है क्योंकि अंग्रेज़ी भाषा में "आप" या "तू" को स्पष्ट दर्शाने के लिए अलग-अलग वचन नहीं हैं परन्तु आप उन भाषाओं की बाईबल में ऐसा देख सकते हैं जिनमें वचनांतर है| एक और बात है कि पुराने नियम के वक्ता और लेखक जनसमूह को बहुवचन "वे" की अपेक्षा एक वचन सर्वनाम,"वह"से संबोधित करते हैं| अंत में, पुराने नियम के वक्ता और लेखक किए गए सामूहिक कार्य को,जिसमें वे भी सहभागी हैं, "मैं" ने किया कहते हैं जबकि सच तो यह है कि वह कार्य सब ने किया है| इसे अनुवाद की एक समस्या होने का कारण
बाइबल से उदाहरण
यीशु ने भीड़ को संबोधित करते समय पद 1 में बहुवचन "तू" का उपयोग किया है और पद 2 के पहले वाक्य में एकवचन "तू" का उपयोग किया है| तदोपरांत अंतिम वाक्य में उसने पुनः बहुवचन का उपयोग किया है|
परमेश्वर ने इस्राएल के सब लोगों से यह कहा था। वह उन्हें मिस्र से बाहर ले आया था और वह चाहता था कि वे सब उसकी आज्ञा का पालन करें, परन्तु उसने उनसे बात करते समय यहाँ एकवचन "तू" शब्द का उपयोग किया है।
यहोवा ने इन बातों को एदोम राष्ट्र के बारे में कहा, न केवल एक व्यक्ति के बारे में। तब मैं थोड़े पुरुषों को लेकर रात को उठा...मैं रात को तराई के फाटक में होकर निकला...और यरूशलेम की टूटी पडी हुई शहरपनाह.. को देखा...फिर घुमकर तराई के फाटक से भीतर आया,और...लौट आया| (नहेम्याह 2:12,15) नहेम्याह स्पष्ट कहता है कि वह अपने निरीक्षण अभियान में अन्य लोगों को भी साथ ले गया था परन्तु अपने निरीक्षण के वर्णन में वह कहता है,"मैं" ने यह किया और वह किया| अनुवाद का कौशलयदि लोगों के समूह का वर्णन करते समय सर्वनाम का एकवचन रूप स्वभाविक हो, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें।
अनुवाद के कौशल की व्यावहारिकता
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कर्मकर्त्ता सर्वनामThis page answers the question: निजवाचक सर्वनाम क्या होते हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणसभी भाषाओं में यह दिखाने की विधियां हैं कि एक ही व्यक्ति किसी वाक्य में दो भिन्न भूमिकाएँ निभाता है| अंग्रेज़ी में, यह काम निजवाचक सर्वनाम के माध्यम से किया जाता है| ये सर्वनाम उन वस्तुओं या मनुष्यों का सन्दर्भ देते हैं जिसकी चर्चा वाक्य में पहले की जा चुकी है| अंग्रेज़ी में निजवाचक सर्वनाम हैं: "मैं", "तू", "वह" (पुरुष), "वह" (स्त्री), "वह" (वस्तु), "हम", "तुम" और "वे" अन्य भाषाओं में इनके अपने ही रूप होंगे| यह अनुवाद की समस्या होने का कारण
निजवाचक सर्वनामों के उपयोग
बाइबल से उदाहरणनिजवाचक सर्वनाम का उपयोग उसी व्यक्ति या वस्तु को दिखाने के लिए किया जाता है जो वाक्य में दो भिन्न भूमिकाएँ पूरी करते हैं।
निजवाचक सर्वनामों का उपयोग वाक्य में किसी व्यक्ति या वस्तु पर बल देने के लिए किया जाता है।
निजवाचक सर्वनाम का उपयोग यह दिखाने के लिए किया जाता है कि किसी ने अकेले ही कुछ किया है।
निजवाचक सर्वनाम का उपयोग यह दिखाने के लिए किया जाता है कि कोई मनुष्य या कोई वस्तु अकेली थी।
अनुवाद की युक्तियाँयदि आपकी भाषा में निजवाचक सर्वनामों का भी ऐसा ही काम है तो उसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ कुछ अन्य युक्तियाँ दी जा रही हैं। (1) कुछ भाषाओं में लोग यह दिखाने के लिए क्रिया पर जोर डालते हैं कि क्रिया का कर्म वही है जो कर्ता है। (2) कुछ भाषाओं में लोग वाक्य में एक विशेष स्थान के सन्दर्भ द्वारा किसी व्यक्ति या वस्तु पर जोर देते हैं। (3) कुछ भाषाओं में लोग उस शब्द में कुछ जोड़कर या उसके साथ एक और शब्द डालकर किसी निश्चित व्यक्ति या वस्तु पर बल देते हैं। (4) कुछ भाषाओं में लोग दिखाते हैं कि किसी ने अकेले कुछ किया तो "स्वयं" शब्द का उपयोग करते हैं। (5) कुछ भाषाओं में यह दिखाने के लिए कि कोई वस्तु अकेली थी, तो उसके लिए उस स्थान का नाम लिया जाता है जहां वह वस्तु थी। अनुवाद की युक्तियों के उदाहरणों की प्रासंगिकता
(2) कुछ भाषाओं में लोग वाक्य में एक विशेष स्थान पर किसी मनुष्य या वस्तु का सन्दर्भ देकर बलाघात करते हैं।
(3) कुछ भाषाओं में लोग किसी मनुष्य या वस्तु पर बलाघात हेतु उस शब्द में कुछ जोड़ देते हैं या उसके साथ एक और शब्द जोड़ देते हैं| अंग्रेज़ी में निजवाचक सर्वनाम का प्रयोग किया जाता है|
(4) कुछ भाषाओं में लोग "स्वयं" शब्द के उपयोग द्वारा प्रकट करते हैं कि किसी ने अपने आप कुछ किया है|
(5) कुछ भाषाओं में लोग यह दिखाने के लिए कि कोई वास्तु अकेली पड़ी थी तो वे एक वाक्यांश के द्वारा उसका यथास्थान व्यक्त करते हैं|
सर्वनाम - उनका कब उपयोग करेंThis page answers the question: मैं कैसे निर्णय लूँ कि सर्वनाम का उपयोग करूँ या नही? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरण जब हम बात करते हैं या लिखते हैं, तो हम संज्ञा या नाम को दोहराए बिना लोगों या वस्तुओं को सन्दर्भित करने के लिए सर्वनाम का उपयोग करते हैं। सामान्य रूप से पहली बार जब हम किसी कहानी में किसी को सन्दर्भित करते हैं, तो हम एक वर्णनात्मक वाक्यांश या नाम का उपयोग करते हैं। अगली बार हम उस व्यक्ति को साधारण संज्ञा या नाम से सन्दर्भित कर सकते हैं। उसके बाद हम उसे केवल सर्वनाम के साथ सन्दर्भित कर सकते हैं, जब तक कि हम सोचते हैं कि हमारे श्रोतागण उसे आसानी से समझने में सक्षम हो जाएगा जिसके लिए सर्वनाम सन्दर्भित किया गया है।
यूहन्ना 3 में, नीकुदेमुस को सबसे पहले संज्ञा वाक्यांशों और उसके नाम से सन्दर्भित किया जाता है। फिर उसे संज्ञा वाक्यांश "यह व्यक्ति" के साथ सन्दर्भित किया जाता है। फिर उसे सर्वनाम "उसे" के साथ सन्दर्भित किया जाता है। प्रत्येक भाषा में लोगों और वस्तुओं का वर्णन करने के इस सामान्य तरीके में इसके लिए नियम और अपवाद होते हैं।
कारण यह अनुवाद की समस्या है
बाइबल से उदाहरणनीचे दिया गया उदाहरण एक अध्याय के आरम्भ में आता है। कुछ भाषाओं में यह स्पष्ट नहीं हो सकता है कि सर्वनाम किसके सन्दर्भ में हैं।
नीचे दिए गए उदाहरण में, दो पुरुषों को पहले वाक्य में ही बताया गया है। यह स्पष्ट नहीं हो सकता है कि दूसरे वाक्य में "वह" किसको सन्दर्भित करता है।
यीशु मत्ती की पुस्तक का मुख्य पात्र है, परन्तु नीचे वचनों में उस नाम के साथ चार बार सन्दर्भित किया जाता है। यह कुछ भाषाओं के वक्ताओं को यह सोचने के लिए प्रेरित कर सकता है कि यीशु मुख्य पात्र नहीं है। या यह उन्हें यह सोचने के लिए प्रेरित कर सकता है कि इस कहानी में यीशु के नाम के एक से अधिक व्यक्ति हैं। या यह उन्हें यह सोचने के लिए प्रेरित कर सकता है कि उस पर किसी प्रकार का दबाव है, चाहे वहाँ पर कोई दबाव नहीं हो।
अनुवाद की रणनीतियाँ
अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण(1) यदि यह आपके पाठकों को स्पष्ट नहीं है कि सर्वनाम कौन या किस को सन्दर्भित करता है, तो संज्ञा या नाम का उपयोग करें।
इस प्रकार अनुवाद किया जा सकता है:
अपरिचितअज्ञात का अनुवादThis page answers the question: मैं उन विचारों का अनुवाद कैसे करूँ जिनसे मेरे पाठक परिचित नही हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
बाइबल का अनुवाद करने के लिए, आप (अनुवादक) अपने आप से कह रहे होंगे कि: "मैं सिंह, अंजीर के पेड़, पर्वत, याजक या मन्दिर जैसे शब्दों का अनुवाद कैसे करूँ क्योंकि मेरी संस्कृति में लोगों ने इन चीजों को कभी नहीं देखा है और हमारे पास उनके लिए कोई शब्द नहीं है?" वर्णनअज्ञात चीजें वे होती हैं जो स्रोत मूलपाठ में होती हैं जो आपकी संस्कृति के लोगों को ज्ञात नहीं हैं। अनफोल्डिंग वर्ड® ट्रांसलेशन वर्ड्स पेज और अनफोल्डिंग वर्ड® ट्रांसलेशन नोट्स आपको समझने में मदद करेंगे कि वे क्या हैं। उन्हें समझने के बाद, आपको उन चीज़ों को संदर्भित करने के लिए तरीके खोजने होंगे ताकि आपके अनुवाद को पढ़ने वाले लोग समझ सकें कि वे क्या हैं।
एक विशेष प्रकार का भोज्य पदार्थ ब्रैड के आटे को पीसे हुए अनाज को तेल के साथ मिलाकर गूंदा जाता है, और फिर इस मिश्रण को पकाया जाता है ताकि यह सूख जाए। (अनाज एक प्रकार के पौधे के बीज होते हैं।) कुछ संस्कृतियों में लोगों के पास रोटी नहीं है और यह नहीं जानते कि यह क्या है। कारण यह अनुवाद की समस्या है
अनुवाद के सिद्धान्त
बाइबल से उदाहरण
गीदड़ जंगली जानवर जैसे कुत्ते हैं जो संसार के कुछ ही हिस्सों में रहते हैं। इसलिए उन्हें कई स्थानों पर नहीं जाना जाता है।
यदि भेड़ियों वहाँ नहीं रहते है, जहाँ अनुवाद पढ़ा जाएगा, तो पाठकों को समझ में नहीं आ सकता है कि ये जंगली जानवर जैसे फाड़नेवाले कुत्ते जो भेड़ पर आक्रमण करते हैं और खा जाते हैं।
हो सकता है कि लोगों को यह पता न हो कि गन्धरस क्या होता है और इसका उपयोग दवा के रूप में किया जाता था।
कुछ भाषाओं में उन चीजों के लिए शब्द पाए जाते हैं जो प्रकाश देती हैं, जैसे सूरज और आग, परन्तु उनके पास ज्योति के लिए कोई सामान्य शब्द नहीं है। तुम्हारे पाप चाहे लाल रंग के हों, तो भी वे हिम के समान उजले हो जाएँगे (यशायाह 1:18 ULT) संसार के कई भागों में लोगों ने बर्फ नहीं देखी है, परन्तु उन्होंने इसे चित्रों में इसे देखा होगा। अनुवाद रणनीतियहाँ ऐसे तरीके दिए गए हैं जिनके द्वारा आप किसी ऐसे शब्द का अनुवाद कर सकते हैं जो आपकी भाषा में ज्ञात नहीं है:
अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
यहाँ "फाड़नेवाले भेड़िए" एक रूपक का हिस्सा है, इसलिए पाठक को यह जानकारी समझने के लिए आवश्यक है कि वे इस रूपक में भेड़ों के लिए अत्याधिक खतरनाक हैं। (यदि भेड़ें भी अज्ञात हैं, तो आपको अनुवाद करने के लिए अनुवाद रणनीतियों में से किसी एक का उपयोग करने की आवश्यकता होगी, या रूपकों के लिए अनुवाद की रणनीति का उपयोग करके रूपक को किसी अन्य चीज़ में बदलना होगा। देखें रूपकों का अनुवाद करना)।
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शब्दों की प्रति बनाना या उधार लेनाThis page answers the question: दूसरी भाषा से शब्दों को उधार लेने का मतलब क्या है और मैं यह कैसे कर सकता हूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणकभी-कभी बाइबल में ऐसी बातें सम्मिलित होती हैं. जो आपकी संस्कृति का भाग नहीं होती हैं और आपकी भाषा में इनके लिए कोई शब्द नहीं होता है। इसमें ऐसे लोगों और स्थानों को भी सम्मिलित किया गया है, जिनके लिए आपके पास नाम नहीं हो सकते हैं। जब ऐसा होता है तो आप बाइबल से शब्द को अपनी भाषा में "उधार" ले सकते हैं। इसका अर्थ है कि आप मूल रूप से इसे दूसरी भाषा से नकल करते हैं। यह पृष्ठ बताता है कि शब्दों को "उधार" कैसे लें। (उन बातों के लिए शब्दों का अनुवाद करने के अन्य तरीके भी हैं, जो आपकी भाषा में नहीं हैं। अज्ञात का अनुवाद करें देखें।) बाइबल से उदाहरण
यदि अंजीर का कोई पेड़ नहीं है, जहाँ आपकी भाषा बोली जाती है, तो आपकी भाषा में इस प्रकार के पेड़ का नाम नहीं हो सकता है।
आपकी भाषा के इस तरह के प्राणी के लिए नाम नहीं हो सकता है।
मलाकी कदाचित् ऐसा नाम न हो, जिसे लोग आपकी भाषा बोलते हैं, उपयोग करते हों। अनुवाद की रणनीतियाँकिसी अन्य भाषा से शब्दों को उधार लेने के बारे में जागरूक होने के लिए कई बातें हैं।
एक शब्द उधार लेने के कई तरीके होते हैं।
अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण
नामों का अनुवाद कैसे करेंThis page answers the question: मेरी संस्कृति के लिए नए नामों का मैं अनुवाद कैसे करूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणबाइबल में कई लोगों, लोगों के समूह और स्थानों के नाम हैं। इनमें से कुछ नाम असामान्य लग सकते हैं और कहने में कठोर हो सकते हैं। कभी-कभी पाठकों को यह नहीं पता होता कि नाम क्या सन्दर्भित करता है, और कभी-कभी उन्हें यह समझने की आवश्यकता हो सकती है कि नाम का क्या अर्थ है। यह पृष्ठ आपको यह दिखाने में सहायता करेगा कि आप इन नामों का अनुवाद कैसे कर सकते हैं और आप लोगों को यह समझने में कैसे सहायता कर सकते हैं कि उन्हें उनके बारे में क्या जानने की आवश्यकता है। नामों के अर्थबाइबल में अधिकांश नामों के अर्थ हैं। अधिकांश समय, बाइबल में नामों का उपयोग उन लोगों और स्थानों की पहचान करने के लिए किया जाता है, जिन्हें वे सन्दर्भित करते हैं। परन्तु कभी-कभी किसी नाम का अर्थ विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है।
यहाँ लेखक मुख्य रूप से "मलिकिसिदक" नाम का उपयोग करते हैं, जो उस व्यक्ति को उद्धृत करता है, जिसका यह नाम था, और "शालेम के राजा" शीर्षक हमें बताता है कि वह एक निश्चित शहर के ऊपर शासन करता था।
यहाँ लेखक मलिकिसिदक के नाम और शीर्षक के अर्थ को बताता है, क्योंकि ये बातें हमें व्यक्ति के बारे में और अधिक जानकारी देती हैं। अन्य समयों में, लेखक किसी नाम के अर्थ की व्याख्या नहीं करता है, क्योंकि वह अपेक्षा करता है कि पाठक पहले ही उनके अर्थ को जानते हैं। यदि सन्दर्भ को समझने के लिए नाम का अर्थ महत्वपूर्ण है, तो आप मूलपाठ में या फुटनोट में अर्थ को सम्मिलित कर सकते हैं। कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है
बाइबल से उदाहरण
पाठकों को पता नहीं हो सकता कि "यरदन" नदी का नाम है, "यरीहो" एक शहर का नाम है, और "एमोरी" लोगों के समूह का नाम है।
पाठकों को दूसरा वाक्य समझ में नहीं आ सकता है, यदि उन्हें नहीं पता कि "बएर-लहई-रोई" का अर्थ "जीवित रहने वाले का कुँआ जो मुझे देखता है।"
पाठकों को यह समझ में नहीं आ सकता है कि उसने यह क्यों कहा यदि उन्हें नहीं पता कि मूसा का नाम इब्रानी शब्दों "खींच कर बाहर निकालने" की तरह प्रतीत होता है।
पाठकों को यह नहीं पता हो सकता है कि शाऊल और पौलुस नाम एक ही व्यक्ति को सन्दर्भित करते हैं। अनुवाद की रणनीतियाँ
अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण(1) यदि पाठक सन्दर्भ को आसानी से नहीं समझ सकते हैं कि नाम किस प्रकार की बात को सन्दर्भित करता है, तो आप इसे स्पष्ट करने के लिए एक शब्द जोड़ सकते हैं।
(2) यदि पाठकों को, जो कहा गया है, उसके बारे में समझने के लिए किसी नाम के अर्थ को समझने की आवश्यकता है, तो नाम नकल करें और मूलपाठ में या फुटनोट में इसके अर्थ के बारे में बताएँ।
(3) या यदि पाठकों को, जो कहा गया है, उसके बारे में समझने के लिए किसी नाम के अर्थ को समझने की आवश्यकता है, और वह नाम केवल एक ही बार उपयोग किया जाता है, तो नाम की प्रतिलिपि बनाने की अपेक्षा नाम के अर्थ का अनुवाद करें।
(3) यदि किसी व्यक्ति या स्थान के दो भिन्न नाम होते हैं, तो अधिकांश समय एक नाम का और दूसरा नाम केवल तभी उपयोग करें, जब मूलपाठ व्यक्ति या स्थान के बारे में बताता है, जिसमें एक से अधिक नाम होते हैं या जब यह कहता है कि व्यक्ति या स्थान को वह नाम क्यों दिया गया था जब स्रोत मूलपाठ उस नाम का उपयोग करता है, जिसका उपयोग निरन्तर कम किया जाता है, तो एक फुटनोट लिखें। उदाहरण के लिए, प्रेरितों 13 के पहले पौलुस को "शाऊल" और प्रेरितों 13 के बाद "पौलुस" कहा जाता है। प्रेरितों 13:9 को छोड़कर आप हर समय "पौलुस" के रूप में उसका नाम अनुवाद कर सकते हैं, जहाँ यह उसके दो नाम होने के बारे में बात करता है।
फुटनोट इस तरह दिखेगा:
फिर बाद में कहानी में, आप इस तरह से अनुवाद कर सकते हैं:
(5) या यदि किसी व्यक्ति या स्थान के दो नाम हैं, तो स्रोत मूलपाठ में जो भी नाम दिया गया है, उसका उपयोग करें, और एक फुटनोट जोड़ें, जो दूसरा नाम प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, आप "शाऊल", जहाँ स्रोत मूलपाठ में "शाऊल" और "पौलुस" जहाँ स्रोत मूलपाठ में "पौलुस" है, लिख सकते हैं।
फुटनोट इस तरह दिखेगा:
फिर बाद में कहानी में, आप इस तरह से अनुवाद कर सकते हैं:
फिर कहानी ने नाम बदलने की व्याख्या की, आप इस तरह से अनुवाद कर सकते हैं।
फुटनोट इस तरह दिखेगा:
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अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचनाThis page answers the question: मुझे कैसे निश्चय हो कि मेरे अनुवाद में अनुमानित ज्ञान के साथ साथ, मूल संदेश की सुस्पष्ट एवं अंतर्निहित जानकारी भी शामिल है
विवरणजब कोर्इ लिखता या बोलता है, वह लोगों को कुछ विशेष देना चाहता है कि वे जानें, करें या सोचें। अक्सर वह उस बात को सीधे कहता है। यह है सूस्पष्ट जानकारी। वक्ता अनुमान लगाता है कि श्रोताओं को पहले से ही कुछ पता है और अब इस सूचना को समझने के लिए उनके बारे में सोचना जरूरी है। अक्सर वह लोगों को ये बातें नही बताता है क्योंकि उन्हे पहले से ही पता होता है। यह है अनुमानित ज्ञान। वक्ता अपनी बात सीधी नही बोलता है क्योंकि वह चाहता है कि उसकी बातों को सुनकर श्रोता स्वयं उसे जानें या सीखें। वे सूचनाएँ, जिनके बारे में वक्ता चाहता है कि लोग उसके द्वारा कही बातों के द्वारा समझें, यद्यपि उन्हे सीधे नही कहा गया हो, अंतर्निहित सूचनाएँ कहलाती हैं। अक्सर, श्रोता पहले से ज्ञात (अनुमानित सूचना) एवं वक्ता के द्वारा सीधी बोली जाने वाली बातों को सूस्पष्ट सूचना के साथ जोड़कर ही, अंतर्निहित सूचना को समझ पाते हैं। कारण यह अनुवाद की समस्या हैये तीनों प्रकार की सूचनाएँ वक्ता के संदेश का हिस्सा हैं। यदि सूचना का एक भी प्रकार गायब है, तो श्रोता संदेश को नही समझ पाएँगे। चूँकि लक्षित अनुवाद एक ऐसी भाषा में हो रहा है जो बाइबल की भाषा से अलग है एवं श्रोतागण का समय एवं स्थान बाइबल के समय के लोगों से एकदम अलग है, कर्इ बार अनुमानित सूचना या अंतर्निहित सूचना संदेश से गायब रहती है। दूसरे शब्दों में, आधुनिक पाठक को उन बातों का बिलकुल भी ज्ञान नही है जो मूलभूत वक्ताओं एवं पाठकों को था। चूँकि ये सारी बातें संदेश को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं, आप इन्हे अपने लेख के बीच में या नीचे लिखी टिप्पणियों में लिख सकते हैं। बाइबल से उदाहरण
यीशु ने यह नही कहा कि लोमड़ी या पक्षी भट और बसेरे किसके लिए इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि उसका अनुमान था कि शास्त्री को यह पता होगा कि लोमड़ियाँ भट में और पक्षी बसेरों से रहते हैं। यह अनुमानित ज्ञान है यीशु ने सीधे नही कहा कि ‘‘मैं मनुष्य का पुत्र हूँ’’ परंतु यदि शास्त्रियों को पहले से यह पता नही होता तो यह अंतर्निहित सूचना हो जाती और इसीलिए वह समझ पाया कि यीशु स्वयं की ओर इशारा कर रहे थे। और, यीशु ने स्पष्ट नही बताया कि वे बहुत अधिक यात्रा करते थे और हर रात को उन्हे सोने के लिए घर नही मिलता था।यह अंतर्निहित सूचना है जिससे शास्त्री यीशु की बात को जान सके कि उसके पास सिर धरने की जगह नही थी
यीशु ने अनुमान लगाया कि जिनसे वह बात कर रहा था वे सोर और सीदोन के बारे में जानते थे कि वे बहुत दुष्ट थे और न्याय का दिन एक ऐसा दिन है जब परमेश्वर सब लोगों का न्याय करेगा । यीशु को यह भी पता था कि जिनसे वह बात कर रहा था, वे विश्वास करते थे कि वे लोग अच्छे थे और उन्हे मन फिराने की जरूरत नही थी । यीशु को उन्हे यह सब बताने की जरूरत नही थी । ये सब अनुमानित ज्ञान है । यहाँ अंतर्निहित सूचना का एक महत्वपूर्ण कथन यह है कि चूँकि उन लोगों ने मन नही फिराया, जिनसे यीशु बात कर रहा था, उनका न्याय सोर और सीदोन के लोगों से भी अधिक कठिन होगा।
प्राचीनों की परंपराओं में से एक यह थी जिसमें लोग भोजन करने से पहले परंपरागत तरीके से अपने हाथों को धोया करते थे। लोगों का मानना था कि धर्मी बनने के लिए, प्राचीनों की परंपराओं का पालन करना जरूरी था । यह अनुमानित ज्ञान था कि फरीसी जिनसे यीशु बात कर रहे थे, वे ये बातें जानते थे। यह कहकर, वे चेलों पर परंपराओं का पालन नही करने एवं धर्मी नही होने का आरोप लगा रहे थे। अंतर्निहित सूचना थी कि वे चाहते थे कि वह उनकी बातों को समझें । अनुवाद रणनीतियाँयदि पाठक के पास संदेश को पूरी तरह से समझने का अनुमानित ज्ञान है, या वे किसी भी अंतर्निहित एवं सुस्पष्ट सूचना को समझ सकते हैं तो उस ज्ञान को वैसा ही, एवं अंतर्निहित सूचना को अंतर्निहित ही रहने दें। यदि वे इन बातों की जानकारी नही होने के कारण, संदेश समझ नही पा रहे हैं तो निम्न रणनीतियों का पालन करें:
अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
(2) यदि पाठक अंतर्निहित सूचना की जानकारी नही होने के कारण, संदेश को नही समझ पा रहे हैं, तो उस कथन को स्पष्ट तौर पर लिखें परंतु उसे इस प्रकार लिखें जिससे श्रोताओं को यह नही लगे कि यह सूचना नर्इ थी
आधुनिक पाठक शायद कुछ बातों को न पहचानें जिन्हे प्रथम पाठक अथवा उस समय के लोग जानते हों। इससे उन्हे वक्ता अथवा लेखक की कही जाने वाली अथवा अंतर्निहित बातों को समझना मुश्किल हो सकता है। अनुवादकों को अपने अनुवाद में इन बातों को सुस्पष्ट तरीके से बतानी होंगीं जिन्हे लेखकों अथवा वक्ताओं ने अंतर्निहित तरीके से लिखा था Next we recommend you learn about:
विशिष्ट सूचना को अंतर्निहित कब बनाएँThis page answers the question: यदि हमारी भाषा में कोर्इ सुस्पष्ट सूचना संदेहपूर्ण, अस्वाभाविक अथवा अनावश्यक लगे तो मैं क्या करूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनकुछ भाषाओं में किसी बात को कहने की अपनी ही व्यावहारिक विधि होती है जो उनके लिए सामान्य है परन्तु किसी और भाषा में उसका अनुवाद किया जाए तो वह विचित्र सी लगती है| इसका एक कारण है कि कुछ भाषाओं में सविस्तार वर्णन किया जाता है जबकि अन्य भाषाओं में उसको माना हुआ समझ कर छोड़ दिया जाता है| अनुवाद की समस्या होने के कारणयदि आप स्रोत भाषा की सभी सुस्पष्ट जानकारियों को लक्षित भाषा में विस्तृत जानकारियों में अनुवाद कर दें तो वह अपरिचित, अस्वाभाविक और संभवतः निर्बुद्ध सुनाई देगी, यदि लक्षित भाषा उसका सविस्तार वर्णन न करे| इसकी अपेक्षा ऎसी जानकारियों को लक्षित भाषा में अभिप्रेत अर्थ में ही छोड़ देना उत्तम है| बाइबल से उदाहरण
बाइबल की इब्रानी भाषा में, वाक्यों के परस्पर सम्बन्ध को दिखाने के लिए,अधिकाँश वाक्यों को और जैसे संयोजकों से आरम्भ करना एक सामान्य अभ्यास है| अंग्रेजी भाषा में ऐसा करना प्रायोगिक नहीं है| अंग्रेज़ी के पाठक के लिए यह क्लान्तकारी होता है और लेखक के लिए गंवारू होने की छवि दर्शाता है| अंग्रेज़ी में, अधिकाँश वाक्यों के मध्य सम्बन्ध के विचार को अभिप्रेत रखना ही उत्तम है, संयोजक शब्दों को अभिप्रेत ही रहने दिया जाए| बाइबल की इब्रानी भाषा में, यह कहना की कोई वस्तु आग से जलाई गई, सामान्य अभिव्यक्ति है| अंग्रेज़ी भाषा में, जलाने का विचार जलाने की क्रिया में अन्तर्निहित है| अतः दोनों विचारों को स्पष्ट व्यक्त करना अस्वाभाविक है| किसी वस्तु को जलाया मात्र कहना ही पर्याप्त है| आग का विचार निहितार्थ रहने दिया जाए|
बाइबल की इब्रानी भाषा में उच्चारित दो क्रियाओं के साथ अपरोक्ष कथन को समाविष्ट करना सामान्य अभ्यास है| एक क्रिया शब्द काम का संकेत देता है तो दूसरा वक्ता के शब्दों का समावेश कराता है| अंग्रेज़ी में, वक्ता ऐसा नहीं करते हैं<इसलिए अंग्रेज़ी भाषा में दो क्रिया शब्दों को काम में लेना अस्वाभाविक और भ्रामक होता है| अंग्रेज़ी भाषा के वक्ता के लिए शब्दोच्चारण का विचार उत्तर देने के विचार में निहित होता है| अंग्रेज़ी में दो क्रियाओं का उपयोग एक बात की अपेक्षा दो भिन्न-भिन्न बातों का अभिप्रेत अर्थ रखता है| अतः अंग्रेज़ी भाषा में, शब्दोच्चारण के लिए एक ही क्रिया शब्द का उपयोग उत्तम है| अनुवाद की युक्तियाँ(1) यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट जानकारी लक्षित भाषा में भी स्वाभाविक लगती है तो इसका अनुवाद स्पष्ट जानकारी में ही किया जाए| (2) यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट व्यक्त जानकारी लक्षित भाषा में भी स्वाभाविक प्नरतीत नहीं होती है, या अनावश्यक या भ्रामक प्रतीत होती है तो सुस्पष्ट जानकारी को अभिप्रेत ही रहने दें| ऐसा तब ही करें जब पाठक जानकारी को प्रसंग से समझ ले| आप पाठक से किसी गद्यांश विशेष से सम्बंधित प्रश् पूछ कर इसका परिक्षण कर सकते हैं| अनुवाद की युक्तियों के विनियोग के उदाहरण(1) यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट व्यक्त जानकारी लक्षित भाषा में भी स्वाभाविक सुनाई देती है तो इसे स्पष्टता में ही अनुवाद करें|
(2) यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट जानकारी लक्षित भाषा में स्वाभाविक नही है, या अनावश्यक या भ्रामक प्रतीत होती है तो स्पष्ट जानकारी को अभिप्रेत जानकारी में परिवर्तित कर दें| ऐसा तब ही करें जब पाठक जानकारी को प्रसंग से समझ ले| इसका परिक्षण पाठक से गद्यांश सम्बंधित प्रश्न पूछ कर किया जा सकता है|
अंग्रेजी में, सूबेदार ने पत्युत्तर में जो कहा, वह जानकारी "उत्तर दिया" में निहित है| अतः क्रिया शब्द, "कहा" में अभिप्रेत है| पाठक इस अभिप्रेत जानकारी को समझ गया है, इसको परखने के लिए उससे पूछ सकते हैं, "सूबेदार ने कैसे उत्तर दिया?" यदि वे कहता है, कह कर तो स्पष्ट है कि वे अभिप्रेत जानकारी को समझ गया है|
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सूचना को अंतर्निहित कब रखेंThis page answers the question: अंतर्निहित सूचना को सुस्पष्ट सुचना में कैसे बदलूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
कर्इ बार यह बेहतर रहता है कि हम अनुमानित ज्ञान या अंतनिर्हित सूचना को सुस्पष्ट न बताएँ। वर्णनकर्इ बार यह बेहतर रहता है कि हम अनुमानित ज्ञान या अंतनिर्हित सूचना को सुस्पष्ट न बताएँ। यह पृष्ठ कुछ निर्देश दे रहा है कि कहाँ उनका उपयोग नही होना चाहिए। अनुवाद के सिद्धांत
बाइबल से उदाहरण
यह एक पहेली थी। शिमशोन ने जानबूझकर ऐसे तरीके में कहा कि उसके दुश्मन उसके अर्थ को न समझ पाएँ। स्पष्ट न करें कि खानेवाला या बलवन्त वस्तु सिंह था और मीठी वस्तु शहद था।
यहाँ संभव अंतर्निहित सूचना यह है कि चेलों को फरीसियों और सदूकियों की झूठी शिक्षाओं से सावधान रहना था । परंतु यीशु के चेले यह नही समझे । उन्होने सोचा कि यीशु वास्तविक खमीर और रोटी की बात कर रहे थे। अत: इसे स्पष्ट तरीके से बताना सही नही होगा कि यहाँ प्रयुक्त शब्द ‘‘खमीर’’ झूठी शिक्षा’’ को दिखाता है। चेले तब तक समझ नही पाए, जब तक कि यीशु ने इसके बारे में मती 16:11 में नही कहा -
यीशु मसीह के द्वारा वर्णन करने पर ही उन्हे पता चला कि उसने रोटी के बारे में नही, परंतु फरीसियों और सदूकियों की झूठी शिक्षा के बारे में कहा था। अत: मती 16:6 में वर्णित अंतर्निहित सूचना को स्पष्ट लिखना सही नही होगा। अनुवाद रणनीतियाँइस पृष्ठ में कोर्इ अनुवाद रणनीति नही है। अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरणइस पृष्ठ में कोर्इ अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग नही हैं। बाइबल में दूरीThis page answers the question: मैं बाइबल में दी गर्इ लंबार्इ एवं दूरी के माप का अनुवाद कैसे करूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णननिम्नलिखित शब्द बाइबल में मूल रूप से उपयोग की जाने वाली दूरी या लम्बाई के लिए सबसे सामान्य समाधान हैं। इनमें से अधिकांश हाथ और बाँह की हथेली के आकार पर आधारित हैं।
नीचे दी गई तालिका में दशमलव मापन विधि के अनुसार माप दिए गए हैं, परन्तु ये बाइबल के समय में उपयोग होते मापों के तुल्य नहीं हैं। बाइबल के समय के माप समय और स्थान के अनुसार सटीक लम्बाई में एक दूसरे भिन्न थे। नीचे समकक्ष औसत माप देने का प्रयास किया गया है। मूल मापदशमलव आधारित मापहाथ की दूरी8 सेंटीमीटरलम्बाई23 सेंटीमीटरहाथ46 सेंटीमीटर"लम्बी" हाथ54 सेंटीमीटरस्टेडिया185 मीटरअनुवाद के सिद्धान्त
अनुवाद रणनीतियाँ
अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरणसारी रणनीतियों को नीचे निर्गमन 25:10 पर लागू किया गया है।
(1) यूएलटी अनुवाद से माप का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखकों उपयोग किया करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी में लिखें जो यूएलटी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हो। (देखें प्रतिलिपी या शब्दों को उधार लें.)
(2) यूएसटी अनुवाद में दिए गए मीट्रिक अर्थात् दशलमव माप का प्रयोग करें। यूएसटी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्यों को प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है।
(3) उन मापों का प्रयोग करें जो पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग किया जा रहे हैं। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और आप प्रत्येक माप को समझते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप मानक मीटर लंबाई का उपयोग करके चीजों को मापते हैं, तो आप इसे नीचे दिए गए अनुसार अनुवाद कर सकते हैं।
(4) यूएलटी अनुवाद से माप का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं। निम्नलिखित मूलपाठ में दोनों माप दिखाए गए हैं।
(5) आपके लोगों के द्वारा मापने वाले मापों का उपयोग करें, और मूलपाठ में या नोट में यूएलटी अनुवाद से मापों को सम्मिलित करें। निम्नलिखित नोट्स में यूएलटी अनुवाद माप को दिखाता है।
फुटनोट्स कुछ इस तरह से दिखाई देगा:
फुटनोट्स कुछ इस तरह से दिखाई देगा:
बाइबलीय मात्राThis page answers the question: मैं बाइबल में दिए गए मात्रा के माप का अनुवाद कैसे करूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनबाइबल में उपयोग की जाने वाली मात्रा की निम्न सामान्य इकाइयाँ यह बताती हैं कि एक निश्चित पात्र में कितना तरल आ सकता है। पात्र और माप दोनों तरल पदार्थ (जैसे दाखरस) और शुष्क ठोस (जैसे अनाज) के लिए उपयोग किए जाते हैं। मीट्रिक अर्थात् दशमलव मूल्य सटीकता के साथ बाइबल के मापों के तुल्य नहीं हैं। बाइबल के माप कदाचित् विभिन्न समयों और स्थानों में सटीक मूल्य में भिन्न थे। नीचे समकक्ष औसत माप देने का प्रयास किए गए हैं। प्रकारमूल मापलीटरठोसओमेर2 लीटरठोसएपा22 लीटरठोसहोमेर220 लीटरठोसकोर220 लीटरठोससीआ7.7 लीटरठोसलेथेक114.8 लीटरतरलमेरेटे40 लीटरतरलबत22 लीटरतरलहीन3.7 लीटरतरलकब1.23 लीटरतरललोज0.31 लीटरअनुवाद के सिद्धान्त
माप की इकाई को कब कहा जाता हैअनुवाद की रणनीतियाँ
अनुवाद रणनीतियों के प्रयोगप्रयोग की गई रणनीतियाँ नीचे यशायाह 5:10 पर लागू होती हैं।
(1) यूएलटी अनुवाद से मापों का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हैं। (देखें प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें.)
(2) यूएसटी अनुवाद में दिए गए मापों का प्रयोग करें। सामान्य रूप से वे मीट्रिक माप हैं। यूडीबी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है।
(3) उन मापों का प्रयोग करें जो पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग किए जा रहे हैं। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और आप प्रत्येक माप को समझते हैं।
(4) यूएलटी अनुवाद से मापों का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं। निम्नलिखित मूलपाठ में दोनों माप दिखाए गए हैं।
(5)आपके लोगों के द्वारा जानने वाले मापों का उपयोग करें, और मूलपाठ में या नोट में यूएलटी अनुवाद से माप सम्मिलित करें। निम्नलिखित फुटनोट्स में यूएलटी अनुवाद माप दिखाए गए हैं।
फुटनोट इस तरह दिखेगा:
जब माप की इकाई को निहित किया जाता हैकभी-कभी इब्रानी मात्रा की एक विशेष इकाई को निर्दिष्ट नहीं करती है, परन्तु केवल एक सँख्या का उपयोग करती है। ऐसी घटनाओं में, यूएलटू अनुवाद और यूएसटी अनुवाद समेत अंग्रेजी के कई अन्य संस्करण, शब्द "माप" को जोड़ते हैं।
अनुवाद की रणनीतियाँ
अनुवाद रणनीतियों के प्रयोगप्रयोग की गई सभी रणनीतियाँ नीचे हाग्गै 2:16 पर लागू होती हैं।
(1) एक इकाई के बिना सँख्या का उपयोग करके शाब्दिक रूप से अनुवाद करें।
(2) "माप" या "मात्रा" या "मूल्य" जैसे सामान्य शब्द का प्रयोग करें।
(3) उचित पात्र के नाम का प्रयोग करें, जैसे अनाज के लिए "टोकरी" या दाखरस के लिए "बर्तन"।
(4) उस माप के एक इकाई का उपयोग करें जिसे आप पहले से ही अपने अनुवाद में उपयोग कर रहे हैं।
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बाइबल में भार के मापThis page answers the question: बाइबल में दिए गए वजन के माप का मैं अनुवाद कैसे करूँ? विवरणनिम्नलिखित शब्द बाइबल में भार नापने की सबसे सामान्य इकाइयाँ हैं। शब्द शेकेल का अर्थ है, "वज़न," शेकेल शब्द अनेक अन्य भार मापकों का अर्णन करता है। इनमें से कुछ वजनों को पैसे के लिए उपयोग किया गया था। नीचे दी गई तालिका में मीट्रिक सिस्टम (दाशमिक प्रणाली) मान बाइबल के मापों के समतुल्य नहीं हैं। बाइबल के माप विभिन्न समयों और स्थानों में सटीक मूल्य में भिन्न हो जाते थे। नीचे दिए गए समकक्ष माप औसत माप दर्शाने के प्रयास मात्र हैं। मूल मापशेकेलग्रामकिलोग्रामशेकेल1 शेकेल11 ग्राम-बेका1/2 शेकेल5.7 ग्राम-पिम2/3 शेकेल7.6 ग्राम-गेरा1/20 शेकेल0.57 ग्राम-मीना50 शेकेल550 ग्राम1/2 किलोग्रामतोड़ा3,000 शेकेल-34 किलोग्रामअनुवाद के सिद्धान्त
अनुवाद की युक्तियाँ
अनुवाद की युक्तियों की प्रासंगिकतासब युक्तियाँ अधोलिखित निर्गमन 38:29 से प्रासंगिक हैं।
(2) UST अनुवाद में दी गई मेंट्रिक प्रणाली का प्रयोग करें। UST के अनुवादकों ने पहले ही मेंट्रिक प्रणाली प्रणाली के मापों को दर्शाने की खोज कर ली है।
(3) उन मापों का प्रयोग करें जिन्हें पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग किया जा रहा है। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मेट्रिक प्रणाली से कैसे सम्बन्धित हैं और आप प्रत्येक माप को सोच विचार कर समझना होगा।
(4) ULT से मापों का उपयोग करें और उन मापों को, जिनसे आपके पाठक परिचित हैं, मूल पाठ में या पादटिप्पणी में रखें। निम्नलिखित मूलपाठ में दोनों माप दिखाए गए हैं।
(5) उन मापों का प्रयोग करें जिन्हें आपके लोग पहले से जानते हैं, और मूलपाठ में या फुटनोट में ULT के अनुवाद से मापों को सम्मिलित करें। निम्नलिखित ULT माप टिप्पणी में दिखाए गए हैं।
फुटनोट इस तरह दिखेगा: [1] इसका कुल भार लगभग 2,400 किलोग्राम था। Next we recommend you learn about:
बाइबल में धनThis page answers the question: मैं बाइबल में दिए गए धन के मूल्य का अनुवाद कैसे करूँ? वर्णनपुराने नियम के आरम्भिक दिनों में, लोग चाँदी और सोने जैसे धातुओं का वजन किया करते थे और इन वस्तुओं को खरीदने के लिए उस धातु को एक निश्चित वजन में देते थे। बाद में लोगों ने सिक्कों को बनाना आरम्भ कर दिया क्योंकि प्रत्येक में एक निश्चित धातु की मानक मात्रा होती है। डेरिक एक ऐसा ही सिक्का है। नए नियम के समय में, लोग चाँदी और तांबे के सिक्कों का उपयोग किया करते थे। नीचे दी गई दो सारणी पुराने नियम (पु. नि.) और नए नियम (न. नि.) में पाए जाने वाले धन की कुछ सबसे प्रसिद्ध इकाइयों को दिखाती हैं। पुराने नियम की इकाइयों की तालिका से पता चलता है कि किस प्रकार की धातु का उपयोग किया गया था और इसका वजन कितना था। नए नियम की इकाइयों की तालिका दिखाती है कि किस प्रकार की धातु का उपयोग किया गया था और दिन के वेतन के सन्दर्भ में यह कितना मूल्य रखता था। पु. नि. में यूनिटधातुवजनडेरिकसोने का सिक्का8.4 ग्रामशेकेलविभिन्न धातु11 ग्रामतोडाविभिन्न धातु33 किलोग्रामन. नि. में यूनिटधातुएक दिवस का वेतनदिनारें/दिनारचाँदी का सिक्का1 दिनदिरहमचाँदी का सिक्का1 दिनपाईतांबे का सिक्का1/64 दिनशेकेलचाँदी का सिक्का4 दिनतोड़ाचाँदी6,000 दिनअनुवाद के सिद्धान्तप्रतिवर्ष आधुनिक धन के मूल्य में परिवर्तन आने के कारण इनका उपयोग न करें। उनका उपयोग करने से बाइबल अनुवाद पुराने और गलत हो जाएगा। अनुवाद रणनीतियाँपुराने नियम में अधिकांश समय धन का मूल्य उसके वजन पर आधारित था। इस कारण जब पुराने नियम में इन वजनों का अनुवाद करते हैं, तो देखें बाइबल के वजन. नीचे दी गई रणनीतियाँ नए नियम में धन के मूल्य का अनुवाद करने के लिए हैं
अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरणअनुवाद रणनीतियाँ नीचे दिए गए लूका 7:41 पर लागू होती हैं।
(1) बाइबल के शब्दों का प्रयोग करें और इसे उसी तरह से लिखे कि यह उनके समतुल्य अर्थ को संचारित करें। (देखें प्रतिलिपी या शब्दों को उधार लें.)
(1) वर्णन करें कि पैसे के मूल्य को किस प्रकार के धातु से किया गया था और कितने सिक्के उपयोग किए गए थे।
(3) एक दिन के वेतन में बाइबल के समय में लोग क्या कमा सकते हैं, इस विषय में धन के मूल्य का वर्णन करें।
(4) बाइबल के शब्द का प्रयोग करें और मूलपाठ या नोट में समतुल्य मूल्य को लिखें।
फुटनोट्स कुछ इस तरह दिखेगा:
(5) बाइबल के शब्द का प्रयोग करें और इसे एक नोट में समझाएँ।
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इब्रानी महीनेThis page answers the question: इब्रानी महीने कौन कौन से हैं? वर्णनबाइबल में उपयोग किए गए इब्रानी कैलेन्डर या पंचाग में बारह महीने हैं। पश्चिमी कैलेन्डर के विपरीत, इसका पहला महीना उत्तरी गोलार्ध के वसन्त में आरम्भ होता है। कभी-कभी एक महीने को उसके नाम (अबीब, जीव, सीवान) के द्वारा बुलाया जाता है, और कभी-कभी इसे इब्रानी कैलेन्डर वर्ष (पहले महीने, दूसरे महीने, तीसरे महीने) की अपनी व्यवस्था से बुलाया जाता है। कारण यह अनुवाद की समस्या है
इब्रानी महीनों की सूचीयहाँ इब्रानी महीनों की एक सूची है, जो उनके बारे में जानकारी देती है, जो अनुवाद में सहायक हो सकते हैं। अबीब - (इस महीने को बेबीलोन में निर्वासन के बाद नीसान कहा जाता है।) यह इब्रानी कैलेन्डर का पहला महीना है। यह चिन्हित करता है, कि परमेश्वर कब इस्राएल के लोगों को मिस्र से बाहर लाया था। यह वसन्त ऋतु का आरम्भ है, जब पिछली वर्षा होती है और लोग अपनी फसलों की कटनी आरम्भ करते हैं। यह मार्च के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर में अप्रैल के पहले भाग का समय है। फसह का त्यौहार अबीब 10 से आरम्भ होता है, अखमीरी रोटी का त्योहार इसके ठीक बाद में आता था, और कटनी का त्यौहार उसके कुछ हफ्ते बाद आता था। जीव - यह इब्रानी कैलेन्डर का दूसरा महीना है। यह कटनी के ऋतु के समय आता है। यह अप्रैल के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे मई के पहले भाग का समय है। शीवान - यह इब्रानी कैलेन्डर का तीसरा महीना है। यह कटनी की ऋतु के अन्त में और शुष्क ऋतु के आरम्भ में आता है। यह मई के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जून के पहले भाग का समय है। शीवान 6 से सप्ताहों का त्यौहार मनाया जाता है। तम्मूज - यह इब्रानी कैलेन्डर का चौथा महीना है। यह शुष्क ऋतु के समय आता है। यह जून के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जुलाई के पहले भाग का समय है। अब - यह इब्रानी कैलेन्डर का पाँचवाँ महीना है। यह शुष्क ऋतु के समय आता है। यह जुलाई के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे अगस्त के पहले भाग का समय है। एलुल - यह इब्रानी कैलेन्डर का छठा महीना है। यह शुष्क ऋतु के अन्त में और वर्षा के ऋतु की आरम्भ में है। यह अगस्त के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे सितम्बर के पहले भाग का समय है। इथानीम - यह इब्रानी कैलेन्डर का सातवाँ महीना है। यह आरम्भिक वर्षा की ऋतु के समय में आता है, जो बुवाई के लिए भूमि को नरम कर देती है। यह सितम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे अक्टूबर के पहले भाग का समय है। इस महीने में झोपड़ियों का त्यौहार और प्रायश्चित के दिन को मनाया जाता है। बुल - यह इब्रानी कैलेन्डर का आठवाँ महीना है। यह वर्षा की ऋतु के समय में आता है जब लोग अपने खेतों को जोतते और बीज बोते हैं। यह अक्टूबर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे नवम्बर के पहले भाग का समय है। कीस्लेव - यह इब्रानी कैलेन्डर का नौवाँ महीना है। यह बुवाई की ऋतु के अन्त में और ठण्ड की ऋतु की आरम्भ में आता है। यह नवम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे दिसम्बर के पहले भाग में है। टीबेथ - यह इब्रानी कैलेन्डर का दसवाँ महीना है। यह ठण्ड के ऋतु के समय में आता है जब वर्षा और बर्फ हो सकती है। यह दिसम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जनवरी के पहले भाग का समय है। शेबत - यह इब्रानी कैलेन्डर का ग्यारहवाँ महीना है। यह वर्ष का सबसे ठण्डा महीना है, और इसमें भारी वर्षा होती है। यह जनवरी के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे फरवरी के पहले भाग का समय है। अदार - यह इब्रानी कैलेन्डर का बारहवाँ और अन्तिम महीना है। यह ठण्ड की ऋतु का समय है।। यह फरवरी के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे मार्च के पहले भाग का समय है। पुरीम नामक त्योहार अदार महीने में मनाया जाता है। बाइबल से उदाहरण
अनुवाद रणनीतियाँआपको महीनों के बारे में कुछ जानकारी स्पष्ट करने की आवश्यकता हो सकती है। (देखें कल्पित ज्ञान और अस्पष्ट जानकारी.)
अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरणनीचे दिए गए उदाहरण इन दो वचनों का उपयोग करते हैं।
(3) स्पष्ट रूप से बताएँ कि महीना किस ऋतु में आया था।
(4) समय को महीने के सन्दर्भों में लेने की अपेक्षा ऋतु के सन्दर्भ में उद्धृत करें।
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संख्याएँThis page answers the question: मैं संख्याओं का अनुवाद कैसे करूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणबाइबल में कई सँख्याएँ हैं। उन्हें शब्दों, जैसे "पाँच" या अंकों के रूप में, जैसे "5" के रूप में लिखा जा सकता है। कुछ सँख्याएँ बहुत बड़ी हैं, जैसे कि "दो सौ" (200), "बीस हजार" (22,000), या "दस करोड़" (100,000,000) कुछ भाषाओं में इन सभी सँख्याओं के लिए शब्द नहीं हैं। अनुवादकों को यह निर्धारित करने की आवश्यकता है कि सँख्याओं का अनुवाद कैसे करें और उन्हें शब्दों या अंकों के रूप में लिखना है या नहीं। कुछ सँख्याएँ सटीक हैं और अन्य पूर्णांक हैं।
छियासी (86) एक सटीक सँख्या है।
यहाँ सँख्या तीन हजार एक पूर्णांक सँख्या है। यह उससे थोड़ा अधिक या उससे थोड़ा कम हो सकती है। शब्द "लगभग" दिखाता है कि यह एक सटीक सँख्या नहीं है। कारण यह एक अनुवाद मुद्दा हैकुछ भाषाओं में इनमें से कुछ सँख्याओं के लिए शब्द नहीं हैं। अनुवाद के सिद्धान्त
बाइबल से उदाहरण
सँख्या 162, आठ सौ, और 962 सटीक सँख्याएँ हैं, और उन सँख्याओं के निकटता में जितना अधिक सम्भव हो सके अनुवाद किया जाना चाहिए।
यह एक पूर्णांक सँख्या है। यह पूर्ण रीति से नहीं कहता कि उसके कितने वंशज होने चाहिए, परन्तु उनमें से यह एक बड़ी सँख्या थी। अनुवाद की रणनीतियाँ
अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरणहम अपने उदाहरणों में निम्नलिखित वचन का उपयोग करेंगे:
(1) अंक का उपयोग कर सँख्या लिखें।
(2) उन सँख्याओं के लिए अपनी भाषा के शब्दों या गेटवे भाषा शब्दों का उपयोग करके सँख्याएँ लिखें।
(3) शब्दों का उपयोग करके सँख्याएँ लिखें, और अंक उनके बाद कोष्टक में रखें।
(4) बड़ी सँख्याओं के लिए शब्दों को आपस में जोड़ दें।
(5) बहुत बड़ी पूर्णांक सँख्याओं के लिए एक बहुत ही सामान्य अभिव्यक्ति का उपयोग करें और बाद में कोष्टक में अंक लिखें।
सुसंगताअपने अनुवाद में सुसंगत रहें। सँख्याओं या अंकों का उपयोग करके, सँख्याओं का अनुवाद कैसे किया जाएगा, निर्धारित करें। सुसंगत होने के विभिन्न तरीके हैं।
यूएलटी और यूएसटी अनुवादों में सुगंतताअनफोल्डिंग वर्ड® लिट्रल टेक्स्ट (यूएलटी) और अनफोल्डिंग वर्ड® सिम्प्लिफिएड टेक्स्ट (यूएसटी) उन सँख्याओं के लिए शब्दों का उपयोग करती है, जिनमें केवल एक या दो शब्द (नौ, सोलह, तीन सौ) हैं। ये सँख्याओं के लिए अंकों का उपयोग करती हैं, जिनमें दो से अधिक शब्द होते हैं ("एक सौ तीस" की अपेक्षा अंक "130")।
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क्रमसूचक संख्याएँThis page answers the question: क्रमसूचक संख्याएँ क्या हैं और मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनमूल रूप से किसी सूची में किसी बात की स्थिति बताने के लिए बाइबल में सामान्य सँख्याओं का उपयोग किया जाता है। उसने कलीसिया को पहले प्रेरितों, दूसरा भविष्यद्वक्ताओं, तीसरा शिक्षकों को दिया, तब उनको जो सामर्थ्य के काम करते हैं (1 कुरिन्थियों 12:28 ULT) यह सेवकों की एक सूची है, जिसे परमेश्वर ने अपने क्रम में कलीसिया को दिया है। अंग्रेजी में क्रमसूचक सँख्याएँअंग्रेजी में अधिकांश क्रमसूचक सँख्याओं में केवल "-th" को अन्त में जोड़ा दिया जाता है। अंकसँख्याक्रमसूचक सँख्या4चारचौथा10दसदसवाँ100एक सौएक सौवाँ1000एक हजारएक हज़ारवाँअंग्रेजी में कुछ क्रमसूचक सँख्याएँ इस पद्धित का पालन नहीं करती हैं। अंकसँख्याक्रमसूचक सँख्या1एकपहला2दोदूसरा3तीनतीसरा5पाँचपाँचवाँ12बारहबारहवाँकारण यह अनुवाद की समस्या हैकुछ भाषाओं की सूची में वस्तुओं का क्रम दिखाने के लिए विशेष सँख्या नहीं होती है। इससे निपटने के विभिन्न तरीके पाए जाते हैं। बाइबल से उदाहरण
लोगों ने बहुत सारी चिट्ठीयाँ डाली और की गई व्यवस्था के अनुसार चिट्ठीयाँ इन लोगों में से प्रत्येक के नाम पर निकली।
यह पत्थरों की चार पंक्तियों का वर्णन करता है। पहली पंक्ति कदाचित् शीर्ष पंक्ति है, और चौथी पंक्ति कदाचित् नीचे वाली पंक्ति है। अनुवाद रणनीतियाँयदि आपकी भाषा में क्रमसूचक सँख्याएँ हैं और उनका उपयोग करने से सही अर्थ प्राप्त होगा, तो उनका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ दी गई कुछ रणनीतियों पर विचार करना चाहिए:
अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
(2) वस्तुओं की कुल सँख्या बताएँ और फिर उन्हें सूचीबद्ध करें या उनके साथ जुड़ी बातों को सूचीबद्ध करें।
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अंशThis page answers the question: अंश क्या होते हैं और मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणअंश एक प्रकार की सँख्या है जो सम्पूर्णता का प्रतिनिधित्व करती है। जब किसी वस्तु को अनेक बराबर अंशों में विभाजित किया जाता है तब उसका एक अंश उन अंशों में से एक या अनेक अंशों का सन्दर्भ देता है। यहोवा को सुखदायक सुगंध देनेवाला तिहाई हीन दाखमधु। (गिनती 15:7 ULT) हीन एक निर्धारित पात्र होता है, जो दाखरस और अन्य तरल पदार्थ को मापने के लिए उपयोग किया जाता है। उन लोगों को हीन नामक पात्र को तीन बराबर भागों में विभाजित करने की कल्पना करनी होती थी और उसके एक ही भाग तक तरल पदार्थ भरना होता था।
समुद्र में अनेक जहाज थे| यदि इन सब जहाज़ों को तीन बराबर भागों में विभाजित किया जाए तो उनका एक बेड़ा नष्ट हो गया था। अंग्रेज़ी में अधिकाँश अंशों को दर्शाने वाले शब्दों के अंत में "th" होता है जैसे फॉरth, सिक्सth, नाइनth, टेनth. सम्पूर्ण को अनेक अंशों में विभाजित किया जाता है | अंश | |……………..|………………..| फॉर | फोर्थ | | टेन |टेंथ | वन हंड्रेड | वन हनडरेथ | |वन थाऊजन | वन थऊसेन्थ | अंग्रेजी में कुछ अंश इस पद्धति का पालन नहीं करते हैं। | पूरे भाग को अनेक |अंश | में विभाजित किया गया है | अंश | |-------- | -------- || दो | आधा || तीन | तीसरा | | पाँच | पाँचवाँ | इसे अनुवाद की समस्या होने के कारणकुछ भाषाओं में अंशों का प्रयोग नहीं किया जाता है| वे केवल भागों या समूहों का उल्लेख करती हैं, परन्तु वे अंशों द्वारा संकेत नहीं देती हैं कि कोई भाग कितना बड़ा हैं या किसी समूह में कितने भाग हैं| बाईबल से उदाहरण
मनश्शे का गोत्र दो समूहों में बांटा गया। यह वाक्यांश, "मनश्शे केआधे गोत्रियों उन दो समूहों में से एक के सन्दर्भ में है| दुसरे आधे का सन्दर्भ दुसरे समूह से है।
यदि सब लोगों को तीन बराबर समूहों में विभाजित किया जाए, तो एक समूह के लोगों की सँख्या मारी जाएगी।
वे एक हीन को काल्पनिक चार बराबर भागों में विभाजित करके एक भाग दाखमधु लेते थे| अनुवाद कौशलयदि आपकी भाषा में कोई अंश सही अर्थ देता है, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो आप इस कौशल पर विचार कर सकते हैं। (1) उन भागों या समूहों की सँख्या बताएँ जिनमें किसी वस्तु को विभाजित किया जाएगा, और फिर उन भागों या समूहों की सँख्या बताएँ जिन्हें सन्दर्भित किया जा रहा है। (2) वजन और लम्बाई के माप के लिए, उस इकाई का उपयोग करें जो आपके लोगों को पता हो या जो ईकाइयां UST में हों। (3)माप के लिए, अपनी भाषा में उपयोग किए जाने वाले मापों का ही उपयोग करें। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपका माप मीट्रिक प्रणाली अर्थात् दशमलव पद्धति से कैसे सम्बन्धित है और आप प्रत्येक माप को समझें। अनुवाद के कौशल को व्यावहार में लाने के उदाहरण(1) उन भागों या समूहों की सँख्या बताएँ जिसमें किसी वास्तु को विभाजित किया जाएगा, तदोपरांत उन भागों या समूहों का वर्णन करें जिनको संदर्भित किया जा रहा है।
(2) माप के लिए, USTअनुवाद में दिए गए माप का उपयोग करें। USTअनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मापों का संरूपण किया हुआ है।
(3) माप के लिए, अपनी भाषा में उपयोग किए जाने वाले मापों का ही उपयोग करें। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपका माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित है और आपको प्रत्येक माप को समझना होगा।
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प्रतीकात्मक कार्यThis page answers the question: प्रतीकात्मक कार्य क्या है और उनका अनुवाद कैसे करूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनएक प्रतीकात्मक गतिविधि कुछ ऐसी बात होती है, जिसे एक निश्चित विचार को व्यक्त करने के लिए कोई करता है। उदाहरण के लिए, कुछ संस्कृतियों में लोगों ने अपने सिर को ऊपर और नीचे हिलाते हुए "हाँ" का या अपने सिर को इधर से उधर हिलाते हुए "ना" का अर्थ दिया है। प्रतीकात्मक कार्यों का अर्थ सभी संस्कृतियों में एक ही बात से नहीं होता है। बाइबल में, कभी-कभी लोग प्रतीकात्मक कार्य करते हैं और कभी-कभी वे केवल प्रतीकात्मक गतिविधि को सन्दर्भित करते हैं। प्रतीकात्मक कार्यों के उदाहरण
कारण यह अनुवाद की समस्या हैएक गतिविधि का एक संस्कृति में अपना अर्थ हो सकता है, और किसी अन्य संस्कृति में एक अलग अर्थ या कोई अर्थ नहीं हो सकता है। उदाहरण के लिए, कुछ संस्कृतियों में भौहें उठाने का अर्थ "मैं आश्चर्यचकित हूँ" या "आपने क्या कहा है?" होता है। अन्य संस्कृतियों में इसका अर्थ "हाँ" होता है। बाइबल में लोगों ने ऐसी बातें की जिनका उनकी संस्कृति में कुछ अर्थ थे। जब हम बाइबल पढ़ते हैं, तो हम समझ नहीं पाएँ कि किसी बात का क्या अर्थ है, यदि हम अपनी संस्कृति में इसका अर्थ यह है, पर आधारित होकर गतिविधि की व्याख्या करते हैं। आपको (अनुवादकों को) यह समझने की आवश्यकता होती है कि बाइबल में लोगों का क्या अर्थ था, जब उन्होंने प्रतीकात्मक गतिविधियों का उपयोग किया। यदि किसी गतिविधि का अर्थ उनकी संस्कृति में वही बात नहीं है, तो उन्हें यह समझने की आवश्यकता है कि उस गतिविधि का क्या अर्थ है, जिसका अनुवाद करना है। बाइबल से उदाहरण
प्रतीकात्मक गतिविधि का अर्थ: उसने यीशु के प्रति बहुत अधिक सम्मान दिखाने के लिए ऐसा किया।
प्रतीकात्मक गतिविधि का अर्थ: जब लोग चाहते थे कि कोई उन्हें अपने घर में स्वागत करे, तो वे दरवाजे पर खड़े होकर उस पर खटखटाए थे। अनुवाद की रणनीतियाँयदि लोग सटकीता से समझेंगे कि बाइबल में लोगों के लिए एक प्रतीकात्मक कार्यवाही का क्या अर्थ है, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो अनुवाद करने के लिए यहाँ कुछ रणनीतियाँ दी गई हैं।
अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
भाषा के अलंकारभाषा के अलंकारThis page answers the question: भााषा के अलंकार कौन कौनसे हैं? अलंकार के विशेष अर्थ होते हैं जो उसके एक एक शब्दों के अर्थ के समान नही होते हैं। अलंकार के कर्इ प्रकार होते हैं। यह पृष्ठ बाइबल में प्रयुक्त इस प्रकार के शब्दों की सूची की जानकारी देता है। वर्णनअलंकार बातों को कहने का एक तरीका है जिसमें शब्दों का उपयोग गैर-शाब्दिक तौर पर होता है। अर्थात, अलंकार का अर्थ उसमें प्रयुक्त एक एक शब्द के प्रत्यक्ष अर्थ के समान नही होता है। अर्थ का अनुवाद करने के लिए, आपको अलंकार को पहचानना है और जानना है कि आपकी भाषा में उस अलंकार के लिए क्या इस्तेमाल होता है। तब आप चुन सकते हैं कि स्रोत भाषा में उसके अर्थ को समझाने के लिए अलंकार का प्रयोग करें या सीधा अर्थ बताएँ। प्रकारनीचे अलंकार के प्रकारों को लिखा गया है। यदि आप अधिक जानकारी चाहते हैं तो रंगीन शब्दों पर क्लिक करें जिससे आप प्रत्येक अलंकार की परिभाषाओं, उदाहरणों एवं वीडियो के पेज पर जा सकते हैं
संबोधक चिन्हThis page answers the question: संबोधक चिन्ह नामक विराम चिन्ह का क्या अर्थ है? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणसंबोधक चिन्ह विराम चिन्हों में से एक चिन्ह है जहाँ वक्ता अपने श्रोताओं का ध्यान आकर्षित करता और उससे या किसी चीज से बात करता है जिसके बारे में उसे पता है कि वह उसे सुन नही सकता। वह श्रोताओं को किसी व्यक्ति या वस्तु के बारे में अपना संदेश या भावनाओं को शक्तिशाली तरीके से बताने के लिए ऐसा करता है। कारण यह एक अनुवाद का विषय हैकर्इ भाषाएँ संबोधक चिन्ह का उपयोग नही करती हैं और पाठक इससे संदेह में पड़ सकते हैं। वे आश्चर्य में पड़ जाते हैं कि वक्ता किससे बात कर रहा है या सोचते हैं कि वक्ता पागल हो गया है जो अपनी बातें किसी ऐसी वस्तु या लोगों से बताने की कोशिश कर रहा है जो उसे सुन नही सकते। बाइबल से उदाहरण
राजा शाऊल को गिलबो पर्वत पर मार दिया गया था और दाऊद ने इसके बारे में एक दुखद गीत गाया। इन पर्वतों को वर्णन कर वह यह बताना चाहता था कि उनके पास न तो ओस हो और न ही वर्षा, उसने दिखाया कि वह कितना अधिक दुखी था।
यीशु अपने शिष्यों और फरीसियों के एक समूह के सामने यरूशलेम के लोगों के लिए अपनी भावनाओं को व्यक्त कर रहा था। यरूशलेम से सीधे बात करके जैसे कि उसके लोग उसे सुन सकते हो, यीशु ने यह दिखाया कि वह उनके बारे में कितनी गहराई से चिन्ता करता है।
परमेश्वर के जन ने ऐसे बोला कि जैसे वेदी उसे सुन सकती थी, परन्तु वह सचमुच राजा को, जो वहाँ खड़ा था, उसकी बात सुनना चाहता था। अनुवाद रणनितियाँयदि संबोधक चिन्ह स्वभाविक होगा और अपनी भाषा में सही अर्थ देगा, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। परन्तु यदि बोलने का यह तरीका आपके लोगों को भ्रमित करने वाला होगा, तो वक्ता को लोगों से बोलता रहे जो उसे सुन रहे हैं जब वह उन्हें अपना संदेश देता या लोगों के बारे में भावनाओं को बताता है या ऐसी बात जिन्हें वे नहीं सुन सकता है। नीचे दिए गए उदाहरण देखें। अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण
परोक्ष टिपण्णीThis page answers the question: परोक्ष टिप्पणी, यह अलंकर वास्तव में क्या है? In order to understand this topic, it would be good to read:
परोक्ष टिपण्णीपरोक्ष टिपण्णी एक रूपक है जिसमें किसी मनुष्य या किसी समूह से वार्तालाप करनेवाला बीच में ही रुक कर स्वयं से या किसी और से श्रोता के विषय कुछ बोलता है| वक्ता उस व्यक्ति विशेष या समूह के बारे में अपनी भावनाओं को या विचारों को प्रबल रूप में व्यक्त करता है| इसको अनुवाद की समस्या होने का कारणअनेक भाषाओं में इस परोक्ष टिपण्णी का उपयोग नहीं किया जाता है और पाठक इसके कारण उलझन में पढ़ सकते हैं| वे आश्चर्य करते हैं कि श्रोता ने अकस्मात् ही श्रोताओं के बारे में स्वयं से या किसी और से बात करना क्यों आरंभ कर दिया है? बाईबल से उदाहरण
पहली तीन पंक्तिओं में, यहोवा एदोम के के लोगों से कह रहा है कि उन्होंने यहूदा का साथ नहीं दिया है इसलिए उनके साथ क्या होगा| चौथी पंक्ति में यहोवा एदोम के बारे में स्वयं से बात कर रहा है|
नहेम्याह अपने विवरण के पाठकों से बातें कर रहा है और निर्वासन से लौट कर आने वालों के लिए यहूदा में सच्ची आराधना के पुनः स्थापन में किए गए उसके कामों में से कुछ का उल्लेख कर रहा है| अकस्मात् ही वह हट कर परमेश्वर से परोक्ष बात करता है,वह परमेश्वर से निवेदन करता है कि उसने उन लोगों के लिए जो किया है उसके निमित परमेश्वर उसको, नहेम्याह को आशीष दे| अनुवाद का कौशलयदि परोक्ष टिपण्णी आपकी भाषा में स्वाभाविक है और उचित अर्थ व्यक्त करती है तो इसका उपयोग अवश्य करें| यदि इस प्रकार की परोक्ष बातें उनके लिए उलझन उत्पन्न करें तो वक्ता अपने श्रोताओं से ही बात करता रहे परन्तु स्पष्ट करें कि वह अब उनके प्रति अपने विचार और भावनाएं व्यक्त कर रहा है| (2) यदि कोई मनुष्य परोक्षरूप में परमेश्वर से प्रार्थना करता है तो आप उस प्रार्थना को उद्धरण चिन्हों में रख सकते हैं जिससे उसका परोक्ष होना प्रकट हो| अनुवाद कौशल की व्यावहारिकता के उदाहरण(1)
उनमें कुछ समझ नहीं है|(ओबद्ध्याह 1:7) तेरी वाचा के लोग तुझे सीमा पर ढकेल रहे हैं| तेरे साथ शान्ति बनाए रखने वाले धोखा देकर तुझ पर प्रबल हुए हैं|. तेरी रोटी खाने वाले तेरे लिए फंदा लगाते हैं|They of your bread will set a trap under you. उनमें कुछ समझ नहीं है| (2)
दोहरात्मकThis page answers the question: दोहरात्मक क्या होते हैं और मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणहम ‘‘दोहरात्मक शब्द का उपयोग दो शब्दों या छोटे कथनों को करते हैं जिनका अर्थ समान है, एकदम करीब होते हैं और एक साथ उपयोग किए जाते हैं। ये शब्द अक्सर ‘‘और’’ से जुड़े होते हैं। अक्सर उनका उपयोग दो शब्दों के द्वारा प्रकट अर्थों पर बल देने के लिए किया जाता है। कारण यह अनुवाद की समस्या हैकुछ भाषाओं में, लोग दोहरात्मक का उपयोग नही करते हैं। या वे दोहरात्मक का उपयोग तो करते हैं परंतु केवल कुद परिस्थितियों में, अत: कुछ पदों के लिए, उनकी भाषा में दोहरात्मक का कोर्इ अर्थ नही निकलता है। दोनों मामलों में, अनुवादकों को दोहरात्मक के द्वारा प्रकट अर्थ को किसी और तरीके से समझना जरूरी है। बाइबल से उदाहरण
रेखांकित शब्दों का अर्थ समान है। दोनों शब्दों का अर्थ है ‘‘बहुत बूढ़ा’’
इसका अर्थ है कि वे उससे ‘‘बहुत अधिक धर्मी’’ थे।
इसका अर्थ है कि उन्होंने झूठ बोलने का फैसला किया था, जो यह कहने का एक और तरीका है कि उनका इरादा लोगों को धोखा देने का था।
इसका अर्थ है कि वह एक ऐसा मेमना था जिसमें कोर्इ दोष नही था - एक भी नही। अनुवाद रणनीतियदि आपकी भाषा में दोहरात्मक का उपयोग सामान्य है और सही अर्थ बताता है, उसका उपयोग करें। अन्यथा, इन रणनीतियों पर विचार करें ।
अनुवाद रणनीति प्रयुक्त
(2)यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो दोनों में से एक का अनुवाद करें और उस शब्द के साथ ‘‘बहुत’’, -’’अधिक’’, ‘‘कर्इ’’ जैसे शब्दों को जोड़कर बल दें
(3) यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो अपनी भाषा में से किसी तरीके का उपयोग करें
शिष्टोक्तिThis page answers the question: शिष्टोक्ति क्या है? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनशिष्टोक्ति किसी अप्रिय, दुखी करने वाली या सामाजिक तौर पर अमान्य बात को मृदुल अथवा विनम्र तरीके के कहने का तरीका है, जैसे कि मृत्यु या चुपके से की जाने वाली बातें।
इसका अर्थ है कि शाऊल और उसके पुत्र ‘‘मर चुके थे’’। यह शिष्टोक्ति है क्योंकि महत्वपूर्ण यह नही था कि शाऊल और उसके पुत्र पड़े हुए थे परंतु यह कि वे मर चुके थे। कभी कभार लोग ऐसी बातें सीधे बोलना पसंद नही करते हैं क्योंकि वे अप्रिय होती हैं। कारण यह अनुवाद की समस्या हैविभिन्न भाषाएँ विभिन्न शिष्टोक्तियों का उपयोग करती हैं। यदि लक्षित भाषा स्रोत भाषा की तरह समान शिष्टोक्तियों का उपयोग नही करती है, तो पाठकों को उनका अर्थ नही समझ आएगा और वे सोचेंगे कि लेखक लिखे हुए शब्द का शाब्दिक अर्थ ही बता रहा है। बाइबल से उदाहरण
मूल पाठकों को पता चल गया होगा कि शाऊल गुफा का शौचालय की तरह उपयोग कर रहा था परंतु लेखक ठेस पहुँचाने वाली भाषा का उपयोग नही करना चाहता था अत: उसने विशेष तौर पर नही कहा कि शाऊल ने गुफा में क्या किया या क्या छोड़कर आया ।
विनम्रता दिखाने के लिए, मरियम शिष्टोक्ति को उपयोग कर, कह रही है कि उसने कभी भी किसी पुरूष के साथ लैंगिक संबंध नही बना हैं। अनुवाद की रणनीतियाँयदि आपकी भाषा में शिष्टोक्ति का उपयोग सामान्य है और सही अर्थ देता है, तो इसका उपयोग करें। यदि नही, तो अन्य विकल्प निम्नलिखित हैं: (1) अपनी संस्कृति की शिष्टोक्ति के शब्द का उपयोग करें। (2) यदि किसी को ठेस न पहुँचे तो शिष्टोक्ति का उपयोग किए बगैर, उसका सीधा अर्थ लिखें। अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण(1) अपनी संस्कृति की शिष्टोक्ति के शब्द का उपयोग करें
(2) यदि किसी को ठेस न पहुँचे तो शिष्टोक्ति का उपयोग किए बगैर, उसका सीधा अर्थ लिखें
हेन्डियडिसThis page answers the question: हेन्डियडिस क्या है और इन्हे उपयोग किये जा रहे कथनों का मैं कैसे अनुवाद करूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणजब एक वक्ता दो शब्दों के उपयोग से एक विचार को बताता है तो ‘‘और’’ से जुड़े होते हैं, उसे ‘‘हेन्डियडिस’’ कहते हैं। हेन्डियडिस में दो शब्द एक साथ कार्य करते हैं। आमतौर पर, उनमें से एक शब्द प्राथमिक होता है एवं दूसरा शब्द पहले का वर्णन करता है।
‘‘राज्य’’ और ‘‘महिमा’’ दोनों संज्ञाएँ हैं, महिमा बताता है कि राज्य कैसा है: यह एक महिमा का राज्य है या महान राज्य है। "और" से जुड़े दो वाक्यांश भी किसी एक व्यक्ति, चीज या घटना को संदर्भित करते समय एक हेन्डियडिस हो सकते हैं।
तीतुस 2:13 में दो हेन्डियडिस शामिल हैं। "धन्य आशा" और "महिमा के प्रगट होने " एक ही बात को संदर्भित करते हैं और इस विचार को मजबूत करने के लिए सेवा करते हैं कि यीशु मसीह की वापसी बहुत प्रत्याशित और अद्भुत है। इसके अलावा, "हमारे महान परमेश्वर" और "उद्धारकर्ता यीशु मसीह" एक व्यक्ति को संदर्भित करते हैं, दो नहीं। कारण यह अनुवाद की समस्या है
बाइबल से उदाहरण
‘‘बोल’’ और ‘‘बुद्धि’’ संज्ञाएँ हैं, परंतु अलंकार भाषा में ‘‘बुद्धि’’ ‘‘शब्दों’’ का वर्णन करती है।
‘‘चाहना’’ और ‘‘आज्ञा मानना’’ विशेषण हैं परंतु ‘‘चाहना’’ ‘‘आज्ञा मानना’’ का वर्णन करता है। अनुवाद रणनीतियाँयदि आपकी भाषा में हेन्डियडिस स्वाभाविक हैं और सही अर्थ देते हैं, तो उनका इस्तेमाल करें। यदि नही, तो निम्न विकल्प मौजूद हैं:
अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
(2) वर्णन करने वाली संज्ञा को एक वाक्यांश के साथ प्रतिस्थापित करें जिसका अर्थ समान है।
(3)वर्णन करने वाली विशेषण के बदले में एक क्रिया-विशेषण लगाएँ जिसका समान अर्थ हो
(4) उसकी जगह पर अन्य शब्द भेद लगाएँ जिसका समान अर्थ हो और दिखाए कि एक शब्द दूसरे का वर्णन कर रहा है
(4) और (5) यदि यह स्पष्ट नहीं है कि केवल एक ही चीज़ है, तो वाक्यांश को बदल दें ताकि यह स्पष्ट हो।
संज्ञा "महिमा" को विशेषण "गौरवशाली" में बदला जा सकता है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि यीशु का ऐसा दिखना वह है जिसकी हम आशा करते हैं। इसके अलावा, "यीशु मसीह" को वाक्यांश के सामने ले जाया जा सकता है और "महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता" को एक सापेक्ष खंड में डाल दिया जाता है जो एक व्यक्ति, यीशु मसीह का वर्णन करता है।
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अतिशयोक्तिThis page answers the question: अतिशयोक्ति क्या है? सामान्यीकरण क्या हैं? मैं इनका अनुवाद कैसे कर सकता हूं? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणएक वक्ता या लेखक किसी बात को कहने के लिए समान शब्दों का उपयोग कर सकता है जिसका अर्थ,है कि पूरा सच, या आमतौर पर सही या अतिशयोक्ति भी कह सकता है। और इसीलिए एक कथन को समझने का निर्णय लेने में कठिनार्इ हो सकती है। उदाहरण के लिए निचे दिए गए वाक्य का तिन अलग-अलग अर्थ हो सकता है यहाँ हर रात बरसात होती है
अतिशयोक्ति : यह एक अलंकार है जिसमें बढ़ा चढ़ाकर बताना अथवा अत्युक्ति वक्ता असामान्य या बड़े शब्दों में कुद कहना चाहता है, जिससे वह इसके बारे में, अपनी भावना या विचार को प्रकट कर सके। वह आशा करता है कि लोग उसकी अत्युक्ति को पहचान सकें।
यह अत्युक्ति है इसका अर्थ है है कि दुश्मन पूरे यरूशलेम का नाश कर डालेंगे कारण यह अनुवाद की समस्या है >और मूसा को मिस्रियों की सारी विद्या पढ़ार्इ गर्इ (प्रेरितों के काम 7:22 ULB)ये सामान्यीकरण का अर्थ है कि उसने मिस्र की अधिकतर विद्याएँ सीख ली थीं।और इस तरह किसी भी मिस्री के रूप में शिक्षित किया गया था। सामान्यीकरण: एक कथन जो अक्सर सही होता है और जिसे हर परिस्थिति में लागु किया जा सकता है।
ये सामान्यीकरण बताता है कि अन्यजाति किस कार्य के लिए विख्यात थे कई अन्यजातियों ने ऐसा किया। अगर कुछ नहीं किया तो कोई बात नहीं। मुद्दा यह था कि श्रोताओं को इस प्रसिद्ध अभ्यास में शामिल नहीं होना चाहिए। कर्इ अन्यजातियों ने ऐसा किया होगा। यद्यपि सामान्यीकरण में ‘‘सब’’, ‘‘हमेशा’’, ‘‘कोर्इ नही’’ या ‘‘कभी नही’’ जैसे शक्तिशाली लगने वाले शब्द हो सकते हैं, इसका मतलब यह नही है उनका अर्थ बिल्कुल वही होगा। इसका मतलब हो सकता है, ‘‘अक्सर’’, ‘‘अधिकतर’’ या ‘‘कभी कभार’’। कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है
बाइबल से उदाहरणअत्युक्ति के उदाहरण
जब यीशु ने हाथ काट डालने को कहा, तो उसका मतलब था कि हमें पाप को रोकने के लिए कुछ भी कठिन कार्य करना पड़े, तो करने को तैयार हों। वह इस अतिशयोक्ति का उपयोग कर पाप को रोकने की गंभीरता को दिखा रहे हैं।
उक्त रेखांकित शब्द सा वाक्य एक अत्युक्ति है। इसका अर्थ है कि पलिस्तीनों के साथ बहुत सारे सैनिक थे। इसका मतलब है कि फिलिस्तीन की सेना में * कई, कई* सैनिक थे।
यह एक हाइपरबोले है। यह इस आश्वासन को व्यक्त करता है कि परमेश्वर की आत्मा हमें * के बारे में सिखाती है जो हमें* जानना आवश्यक है। परमेश्वर की आत्मा हमें हर उस चीज़ के बारे में नहीं सिखाती जिसे जानना संभव है।
चेलों ने यीशु से कहा कि सब लोग उसे खोज रहे थे। उनका मतलब यह नही था कि शहर के सब लोग उसे खोज रहे थे, परंतु कर्इ लोग अथवा घनिष्ठ मित्र उसे ढ़ूँढ़ रहे थे। यह भावना व्यक्त करने के उद्देश्य से एक अतिशयोक्ति है कि वे और कई अन्य लोग उसके बारे में चिंतित थे। सामान्यीकरण के उदाहरण
यह अलंकारिक प्रश्न सामान्यीकरण को व्यक्त करने के लिए है कि नाज़रथ में कुछ भी अच्छा नहीं है। वहां के लोगों की प्रतिष्ठा अशिक्षित होने और कड़ाई से धार्मिक न होने के कारण थी। बेशक, अपवाद थे।
यह एक सामान्यीकरण है जिसका अर्थ है कि क्रेते के लोगों की प्रतिष्ठा इस तरह से थी क्योंकि सामान्य तौर पर, क्रेते के लोगों का व्यवहार कैसा होता है। यह संभव है कि यह अपवाद थे।
यह आम तौर पर सच है और अधिकांश लोगों के अनुभव को दर्शाता है। यह संभव है कि कुछ परिस्थितियों में अपवाद हो। चेतावनीयह मत समझो कि कुछ अतिशयोक्ति है क्योंकि यह असंभव प्रतीत होता है। परमेश्वर आश्चर्यकर्म करते हैं।
यह अतिशयोक्ति नही है। यीशु वास्तव में जल पर चले थे। यह सच्चा कथन है । यह अनुमान न लगाएँ कि जहाँ भी ‘‘सब’’ आता है, उसका अर्थ हमेशा ‘‘अधिकतर’’ होता है।
यहोवा सदा धर्मी है। यह पूरा सच्चा कथन है। अनुवाद रणनीतियाँयदि आपकी भाषा में सामान्यीकरण या अतिशयोक्ति स्वाभाविक है और लोगों को समझ आता है और इसे झूठ नही समझते हैं, तो इसका उपयोग करें। यदि नही, तो दूसरे विकल्प निम्न हैं:
अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
(2) सामान्यीकरण के लिए, ‘‘सामान्य तौर पर’’ या ‘‘अक्सर’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर बताएँ कि यह सामान्यीकरण है
(3) सामान्यीकरण के लिए, ‘‘अधिकतर’’ या ‘‘लगभग’’ जैसे शब्द जोड़ें जिससे पता चले कि सामान्यीकरण एकदम सही नही है
मुहावरेThis page answers the question: मुहावरे क्या है और मैं उनका अनुवाद कैसे कर सकता हूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
मुहावरा शब्दों के समूह से बना अलंकार का एक तरीका है जिसका संपूर्ण अर्थ एक एक शब्द के अर्थ से बिल्कुल अलग होता है। एक संस्कृति के बाहर वाला व्यक्ति उन मुहावरों को तब तक नही समझा सकता, जब तक कि संस्कृति के अंदर वाला व्यक्ति उसे समझाए नही। हर भाषा मुहावरों का उपयोग करती है।कुछ अंग्रेजी के उदाहरण निम्न है:
वर्णनमुहावरा एक वाक्य है जिसका, उस भाषा या संस्कृति के लोगों में विशेष अर्थ होता है। उससका संपूर्ण अर्थ उसके एक एक शब्द के अर्थ से बिल्कुल अलग होता है जिनकी मदद से वह वाक्य बनता है।
‘‘अपना मुख किया’’ एक मुहावरा है जिसका अर्थ है ‘‘निर्णय लिया’’। कर्इ बार लोग दूसरी संस्कृति के मुहावरों को समझ सकते हैं परंतु उसका अर्थ बताना उनके लिए कठिन हो सकता है
‘‘तू मेरी छत तले आए’’ एक मुहावरा है जिसका अर्थ है ‘‘घर में आए’’
इस मुहावरे का अर्थ है ‘‘ध्यान से सुनें और मेरी बातों को याद रखें’’ उद्देश्य एक संस्कृति में शायद एक मुहावरा तब बनता है जब कोई किसी कार्य को असामान्य तरीके से बताता है। परंतु, जब यह असामान्य तरीका संदेश को पूरे बल के साथ बताता है और लोगों को स्पष्ट समझ में आता है तो लोग इसका उपयोग शुरू कर देते हैं। कुछ समय के बाद, उस भाषा में बातचीत का यह तरीका सामान्य हो जाता है कारण यह अनुवाद की समस्या है
बाइबल से उदाहरण
इसका अर्थ है, ‘‘हम और तुम एक वंश, एक परिवार के हैं’’
इसका अर्थ है, ‘‘इस्राएली निडर होकर चले जाते थे’’
इसका अर्थ है, ‘‘मेरी मदद करने वाला’’ अनुवाद रणनीतियाँयदि आपकी भाषा में मुहावरों का उपयोग सामान्य है तो उनका उपयोग करें। अन्यथा, निम्नलिखित कुछ विकल्प हैं (1) मुहावरे के उपयोग के बगैर ही साफ अर्थ लिखें। (2) उसी अर्थ को बताने वाले, आपकी भाषा में उपयोग किये जाने वाले मुहावरों का इस्तेमाल करें। अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण(1) मुहावरे के उपयोग के बगैर ही साफ अर्थ लिखें
(2) उसी अर्थ को बताने वाले, आपकी भाषा में उपयोग किये जाने वाले मुहावरों का इस्तेमाल करें।
व्यंग्यात्मकThis page answers the question: व्यंग्य क्या है और मैं इसका अनुवाद कैसे करूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणव्यंग्य एक अलंकार है जिसमें लेखक का विचार लिखे गए शब्द के सीधे अर्थ से विपरीत होता है। कर्इ बार एक व्यक्ति और किसी के शब्दों के उपयोग कर इसका उपयोग करता है, परंतु एक ऐसे तरीके से बताता है जिससे वह स्वयं सहमत नही है। लोग यह दिखाने के लिए ऐसा करते हैं कि कोर्इ वस्तु जैसे उसको होना था, उससे अलग क्यों है या किसी के प्रति किसी का विश्वास गलत या मूर्खतापूर्ण क्यों है। यह अक्सर हास्यप्रद लगता है।
जब यीशु “धर्मी लोगों” की बात की तो वह उनकी बात नही कर रहा था जो वास्तव में धर्मी थे। परंतु उन लोगों की जो गलत तरीके से विश्वास करते थे कि वे धर्मी हैं। व्यंग्य का उपयोग करने के द्वारा, यीशु ने बताया कि उनका यह विश्वास गलत था कि वे दूसरों से उत्तम थे और उन्हे मन फिराने की जरूरत नही थी। कारण यह अनुवाद की समस्या हैयदि किसी को यह पता नहीं चलता कि एक वक्ता व्यंग्य का उपयोग कर रहा है, तो वह यही सोचेगा कि वक्ता वास्तव में जो कुछ कह रहा है उसी के ऊपर विश्वास करता है। वह अनुच्छेद का वास्तविक अर्थ समझने के स्थान पर इसके अर्थ के विपरीत समझेगा। बाइबल से उदाहरणतुम अपनी रीतियों को मानने के लिये > परमेश्वर की आज्ञा कैसी अच्छी तरह टाल देते हो! (मरकुस 7:9ब ULT) यहाँ यीशु फरीसियों के द्वारा किए गए गलत काम के लिए उन्हें सराह रहा है। व्यंग्य के द्वारा, वह सराहना के विपरीत का अर्थ बताता है। वह बताता है कि फरीसी जो आज्ञाओं को मानने में घमण्ड महसूस करते हैं, परमेश्वर के इतने अधिक दूर हैं कि उन्हे ज्ञात तक नही है कि उनके रीति रिवाज परमेश्वर की आज्ञाओं को तोड़ रहे हैं। व्यंग्य का उपयोग फरीसियों के पाप को और दिखने वाला और गंभीर जताता है।
लोग मूरतों की ऐसे उपासना करते थे जैसे कि उनमें ज्ञान और ताकत थी, और यहोवा उनके काम के कारण से उनसे नाराज था। अत: वह व्यंग्य का उपयोग कर, मुरतों को वो बातें बताकर चुनौती देता है जो भविष्य में होने वाली हैं। वह जानता था कि मूरतें कुछ नही कर सकती हैं परंतु ऐसे बोलकर जैसे कि वे कर सकती हों, वह मूरतों का उपहास कर रहा था, जिससे उनकी अयोग्यता सबके सामने आर्इ और उनकी आराधना करने के लिए लोगों को भी डाँटा ।
अय्यूब ने सोचा कि वह बुद्धिमान था । यहोवा ने व्यंग्य का उपयोग कर अय्यूब को बताया कि वह बुद्धिमान नही था । उपरोक्त कथन में दो रेखांकित शब्द व्यंग्यात्मक हैं। वे कही गर्इ बात का विपरीत दिखाते हैं क्योंकि स्पष्ट दिखता है कि वे गलत हैं। वे बताते हैं कि अय्यूब शायद परमेश्वर के प्रश्न का उत्तर नही दे पाया था क्योंकि उसका जन्म बहुत, बहुत से सालों बाद हुआ था ।
कुरिन्थियों ने स्वयं को बहुत ही बुद्धिमान, स्व-आश्रित और ऐसा समझा कि उन्हे पौलुस के उपदेशों की जरूरत नही थी । पौलुस व्यंग्य का उपयोग करता है, लगता है कि वह उनसे सहमत है कि वे यह सब करते हुए घमण्ड महसूस कर रहे थे परन्तु वास्तव में वे कितनी दूर थे । अनुवाद रणनीतियाँयदि आपकी भाषा में व्यंग्य को अच्छी तरह से पहचाना जा सकता है, तो इसका अनुवाद ठीक इसी प्रकार करें। यदि नही, तो नीचे कुछ रणनीतियाँ दी गई हैं: (1) इस प्रकार अनुवाद करें जिससे यह पता चल सके कि वक्ता वो बात कह रहा है जिसे श्रोता मानते या विश्वास करते हैं (2) व्यंग्य के द्वारा बतार्इ गर्इ बात को अथवा उसके असली उद्देश्य को सीधा लिखें। व्यंग्य का सही अर्थ वक्ता के शब्दों में नही मिलेगा परंतु वक्ता के शब्दों का विपरीत अर्थ ही उसका सही अर्थ होगा। अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण(1) इस प्रकार अनुवाद करें जिससे यह पता चल सके कि वक्ता वो बात कह रहा है जिसे श्रोता मानते या विश्वास करते हैं तुम अपनी रीतियों को मानने के लिये > परमेश्वर की आज्ञा कैसी अच्छी तरह टाल देते हो! (मरकुस 7:9अ ULT)
(2) व्यंग्य के द्वारा बतार्इ गर्इ बात को अथवा उसके असली उद्देश्य को सीधा लिखें तुम अपनी रीतियों को मानने के लिये परमेश्वर की आज्ञा कैसी अच्छी तरह टाल देते हो! (मरकुस 7:9अ ULT)
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सम्भाव्यता मालाThis page answers the question: संभाव्यता माला नामक रूपक क्या है? In order to understand this topic, it would be good to read:
Descriptionसंभाव्यताओं की माला एक रूपक है जिसमें समरूप कथनों की श्रृंखला की सूची होती है| वक्ता ऐसा इसलिए करता है कि उसकी बात को बिना अपवाद बोध सम्बन्धी स्वीकार किया जाए| इसका अनुवाद समस्या होने का कारणअनेक भाषाओं में संभाव्यताओं की माला का उपयोग नहीं किया जाता है और पाठक उलझन में पढ़ सकते हैं| वे आश्चर्य करते हैं कि वक्ता क्यों एक ही बात को बार-बार कह रहा है? बाईबल से उदाहरण
इस गद्यांश में यहोवा इस्राएलियों से कह रहा है कि जब वह उन्हें दंड देगा तब उनमें से कोई भी नहीं बचेगा|
इस गद्यांश में यहोवा एदोमियों से कह रहा है कि उन्हें यहूदा के लोगों की सहायता करना आवश्यक था जब बेबिलोनियों ने उन्हें पराजीत किया था| अनुवाद का कौशलयदि संभाव्यताओं की माला को वैसा ही समझा जाए जैसा ULT में है तो सम्भव्यता के माला को ज्यों का त्यों ही अनुवाद किया जाए| यदि समझ में न आए तो निम्लिखित युक्तिओं में से एक या अधिक का उपयोग किया जाए| (1) बाईबल में संभाव्यताओं की माला के आरम्भ या अंत में एक सामान्य कथन होता है जो उसके समग्र अर्थ को संक्षेप में व्यक्त करता है| आप उस वाक्य को इस प्रकार रच सकते हैं कि वह उसका सारांश वाक्य होना दर्शाए जो संभाव्यता माला का अर्थ प्रकट करता हो| (2) आप संभाव्यता माला के प्रत्येक वाक्य को एक अलग पंक्ति में रख सकते हैं| यह भी कि यदि संभाव्यता माला के प्रत्येक वाक्य के दो भाग हों तो आप संभाव्यता माला को इस प्रकार रच सकते हैं कि प्रत्येक भाग के समरूप भाग क्रम में हों| इसको या अन्य किसी प्रकार की रचना का उपयोग करें तो प्रत्येक वाक्य द्वारा एक ही अर्थ का प्रबलीकरण हो| (3) आप "और," "परन्तु" "या" शब्दों को वाक्यों के आरम्भ से हटा सकते हैं जिससे कि स्पष्ट हो सके कि सम्भाव्यता माला के अवयव सब एक क्रम में सूचीबद्ध किए जा रहे हैं| अनुवाद के कौशल का व्यावहारिक उपयोग(1) और (3)का संयोजन: संभाव्यता की माला के आरम्भ या अंत में बाईबल में प्रायः एक सामान्य वाक्य होता है जो उसके समग्र अर्थ का सारांश होता है| आप उस वाक्य की रचना इस प्रकार कर सकते हैं कि उससे प्रकट हो कि वह संभाव्यता की माला का सारांश गर्भित वाक्य है| आप "और," "परन्तु" तथा "या" जैसे शब्दों को हटा सकते हैं जिसे कि स्पष्ट हो कि संभाव्यता की माला अवयव सब एक क्रमम में आ रहे हैं|
उपरोक्त उदाहरण में, पद 11 संभाव्यता माला जो पद 12-14 में है उसका सारांश और अर्थ पद 11 में प्रकट किया गया है| (1) और (2)का संयोजन: संभाव्यता की माला के आरम्भ या अंत में बाईबल में प्रायः एक सामान्य वाक्य होता है जो उसके समग्र अर्थ का सारांश होता है| आप उस वाक्य की रचना इस प्रकार कर सकते हैं कि उससे प्रकट हो कि वह संभाव्यता की माला का सारांश गर्भित वाक्य है, जो उसका अर्थ व्यक्त करता है| आप संभाव्यता माला के प्रत्येक वाक्य को एक अलग पंक्ति में रख सकते हैं| यह भी कि यदि संभाव्यता माला के प्रत्येक वाक्य के दो भाग हों तो आप संभाव्यता माला को इस प्रकार रच सकते हैं कि प्रत्येक भाग के समरूप भाग क्रम में हों| इसको या अन्य किसी प्रकार की रचना का उपयोग करें तो प्रत्येक वाक्य द्वारा एक ही अर्थ का प्रबलीकरण हो|
चाहे वे आकाश पर चढ़ जाएं, वहाँ से मैं उंहें उतार लाऊँगा| चाहे वे कर्म्मेल में छिप जाएं l, वहाँ भी मैं उन्हें ढूंढ ढूंढकर पकड़ लूंगा, there I will search and take them. चाहे वे समुद्र की थाह में मेरी दृष्टी से ओट हों, वहाँ भी मैं सर्प को उंहें डसने की आज्ञा दूंगा| चाहे क्षत्रु उंहें हांककर बंधूआई में ले जाए, वहाँ भी मैं आज्ञा देकर तलवार से उंहें घात कराऊंगा; (आमोस 9:1b–4 ULT) उपरोक्त उदाहारण में,सम्भाव्यता माला से पहले का वाक्य समग्र अर्थ व्यक्त करता है| उस वाक्य को प्रस्तावना स्वरूप रखा जा सकता है| प्रत्येक वाक्य के दूसरे भाग को, जैसा ऊपर है, अवतरण सोपान मार्ग स्वरुप या प्रत्येक वाक्य के आरंभिक भाग के सदृश्य क्रमवार प्रस्तुत किया जा सकता है, या किसी और शैली में रखा जा सकता है| जो भी वाक्य रचना दर्शाए कि ये सब वाक्य एक ही सत्य का (कि परमेश्वर से बचना संभव नाहीं) प्रकाशन कर रहे हैं तो उसका प्रयोग करें| विडंबनाThis page answers the question: विडंबना क्या है? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणविडंबना भाषा में एक ऐसा अलंकार होता है जिसमें वक्ता दो नकारात्मक शब्दों या एक शब्द के साथ एक नकारात्मक शब्द का उपयोग करके एक दृढ़ सकारात्मक अर्थ व्यक्त करता है इसका अर्थ शब्द द्वारा दी गई मंशा का विपरीत अर्थ होता है। नकारात्मक शब्दों के कुछ उदाहरण "न," "नहीं", "कोई नहीं," और "कभी नहीं" इत्यादि हैं। "अच्छे" का विपरीत "बुरा" है। कोई कह सकता है कि कुछ "बुरा नहीं है" इसका अर्थ है कि यह बहुत अच्छा है। कारण यह अनुवाद की समस्या हैकुछ भाषाएँ विडंबनाओं का उपयोग नही करतीं हैं। उन भाषाओं को बोलने वाले नही समझ सकते कि विडंबनाओं के उपयोग से एक कथन के सकारात्मक पहलू को अधिक बल मिलता है। परन्तु, वे सोच सकते हैं कि इसका उपयोग सकारात्मक अर्थ को कमजोर या यहाँ तकि नगण्य सा कर देता है। बाइबल से उदाहरण
विडंबना के उपयोग से, पौलुस बल देता है कि उसका आना बहुत ही लाभदायक रहा भोर को सिपाहियों की हलचल कम नही थी कि पतरस क्या हुआ (प्रेरितों के काम 12:18 ULT) विडंबना के उपयोग से, लूका जोर देता है कि पतरस के साथ हुर्इ घटना के कारण सिपाहियों में बहुत ज्यादा हलचल थी। (पतरस कैदखाने में था और सिपाहियों की निगरानी के बावजूद, वह स्वर्गदूत की मदद से बाहर निकल आया । इसलिए वे गुस्साए हुए थे)
विडंबना के उपयोग से, भविष्यद्वक्ता बल देता है कि बैतलहम बहुत महत्वपूर्ण शहर होगा अनुवाद रणनीतियाँयदि विडंबना को सही तरह से समझा जाता है, तो उसका उपयोग करें। (1) यदि नकारात्मक रूप से कही बात समझ के परे हैं, तो सीधे तौर पर सकारात्मक रूप से बात को कहें अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण(1) यदि नकारात्मक रूप से कही बात समझ के परे हैं, तो सीधे तौर पर सकारात्मक रूप से बात को कहें
विभज्योतकThis page answers the question: विभज्योतक का अर्थ क्या है और इसका उपयोग करने वाले वाक्यो का मैं अनुवाद कैसे करूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणविभज्योतक भाषा का एक अलंकार है जिसमें एक व्यक्ति किसी चीज को उसके दो चरम हिस्सों की बात करके संदर्भित करता है। चरम भागों का संदर्भ देकर, वक्ता उन हिस्सों के बीच की हर बात को शामिल करने का मंशा रखता है।
अल्फा और ओमेगा यूनानी भाषा के पहला और अंतिम शब्द हैं। यह विभज्योतक है जो आरम्भ से लेकर अंत के बीच की सभी बातों को शामिल करते हैं। इसका अर्थ अनंतकाल से है।
स्वर्ग और पृथ्वी विभज्योतक है जो हर उस चीज को शामिल करते हैं जो अस्तित्व में है। कारण यह अनुवाद की समस्या हैकुछ भाषाएँ विभज्योतक का उपयोग नही करती हैं। उन भाषाओं के पाठक समझेंगे कि ये कथन केवल लिखे गये तथ्य तक ही सीमित है। वे यह न समझ पाएँगे कि उसके बीच की हर बात को उसमें शामिल किया गया है। बाइबल से उदाहरण
मोटा वाक्यांश विभज्योतक है क्योंकि यह पूर्व से पश्चिम और इस के बीच की हर चीज को शामिल करता है। इसका अर्थ ‘‘हर जगह’’ से है।
मोटा वाक्यांश विभज्योतक है क्योंकि यह बड़े और छोटे लोगों और उनके बीच के सब लोगों की बात कर रहा है। इसका अर्थ ‘‘प्रत्येक’’ से है। अनुवाद रणनीतियाँयदि आपकी भाषा में विभज्योतक का उपयोग स्वाभाविक होगा और अपनी भाषा में सही अर्थ देगा, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ अन्य विकल्प दिए गए हैं: (1) दोनों भागों को बताए बिना पहचानें कि विभज्योतक किसको दिखाता है। (2) दोनों भागों को शामिल करते हुए पहचानें कि विभज्योतक किसको दिखाता है। अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण(1) दोनों भागों को बताए बिना पहचानें कि विभज्योतक किसको दिखाता है।
(2) दोनों भागों को शामिल करते हुए पहचानें कि विभज्योतक किसको दिखाता है।
रूपकThis page answers the question: रूपक क्या है और मैं उन बाइबल आयतों का अनुवाद कैसे करूं जिसमे इसका उपयोग हो? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणरूपक एक ऐसा अलंकार होता है, कोई व्यक्ति एक बात बोलता है, मानो कि यह एक भिन्न बात थी, क्योंकि वह चाहता है कि लोग इसके बारे में सोचें कि वे दो चीजें एक जैसे कैसे हैं। उदाहरण के लिए, कोई कह सकता है,
एक लड़की और गुलाब बहुत अलग चीजें हैं, लेकिन वक्ता का मानना है कि वे किसी तरह से समान हैं। श्रोताओं का कार्य यह समझना है कि वे किस तरह से एक जैसे हैं। रूपकों के प्रकारऊपर दिए गए उदाहरण से हमें पता चलता है कि एक रूपक के तीन भाग होते हैं। इस रूपक में, वक्ता "जिस लड़की से प्यार करता है", उसके बारे में बात कर रहा है। यह विषय है। वक्ता चाहता है कि सुनने वाला यह सोचे कि उसके और “लाल गुलाब” के बीच क्या समानता है।लाल गुलाब छवि है जिसमें वह लड़की की तुलना करता है। संभवत, वह चाहता है कि सुनने वाला यह विचार करे कि वे दोनों सुंदर हैं। यह विचार है जिसे लड़की और गुलाब दोनों साझा करते हैं, और इसलिए हम इसे तुलना का बिंदु भी कह सकते हैं। प्रत्येक रूपक के तीन भाग होते हैं:
इन शब्दों का उपयोग करते हुए, हम कह सकते हैं कि एक रूपक ऐसा अलंकार होता है जो एक भौतिक छवि का उपयोग करता है एक अमूर्त विचार वक्ता के विषय में लागू होता है। आमतौर पर, एक लेखक या वक्ता विषय के बारे में कुछ व्यक्त करने के लिए रूपक का उपयोग करता है, कम से कम एक विषय और छवि के बीच तुलना का बिंदु (विचार) । अक्सर रूपकों में, विषय और छवि स्पष्ट रूप से कहा जाता है, लेकिन विचार केवल निहित है। लेखक/वक्ता अक्सर पाठकों/श्रोताओं को विषय और छवि के बीच समानता के बारे में सोचने के लिए और विचार को खुद से पता लगाने के लिए रूपक का उपयोग करते हैं। वक्ता अक्सर अपने संदेश को मजबूत करने के लिए, अपनी भाषा को अधिक सुस्पष्ट बनाने के लिए, अपनी भावनाओं को बेहतर ढंग से व्यक्त करने के लिए, किसी ऐसी बात को कहने के लिए जो किसी अन्य तरीके से कहना कठिन है, या लोगों को उनके संदेश को याद रखने में मदद करने के लिए रूपकों का उपयोग करते हैं। कभी-कभी वक्ता रूपकों का उपयोग करते हैं जो उनकी भाषा में बहुत आम हैं। हालांकि, कभी-कभी वक्ता ऐसे रूपकों का उपयोग करते हैं जो असामान्य हैं, और यहां तक कि कुछ रूपक जो अद्वितीय हैं। जब किसी भाषा में एक रूपक बहुत आम हो जाता है, तो अक्सर यह असामान्य रूपकों के विपरीत एक "निष्क्रिय" रूपक बन जाता है, जिसे हम "सक्रिय" होने के रूप में वर्णित करते हैं। निष्क्रिय रूपक और सक्रिय रूपक प्रत्येक एक अलग तरह की अनुवाद समस्या पेश करते हैं, जिसके बारे में हम नीचे चर्चा करेंगे। निष्क्रिय रूपकएक निष्क्रिय रूपक एक रूपक है जिसे भाषा में इतना अधिक उपयोग किया गया है कि इसके बोलने वाले अब इसे एक अवधारणा के रूप में नहीं मानते हैं। भाषाविद अक्सर इन्हें "मृत रूपक" कहते हैं। निष्क्रिय रूपक बेहद सामान्य हैं। अंग्रेजी के उदाहरणों में शब्द "टेबल लेग," "फैमिली ट्री," "बुक लीफ" (जिसका अर्थ एक किताब में एक पृष्ठ है) या "क्रेन" शब्द (जिसका अर्थ एक शब्द भारी भार उठाने के लिए बड़ी मशीन)शामिल है ।अंग्रेजी बोलने वाले बस इन शब्दों को एक से अधिक अर्थ वाले समझते हैं। बाइबल की इब्रानी भाषा में निष्क्रिय रूपकों के उदाहरण के तौर पर,"हाथ" शब्द का प्रयोग "शक्ति" का प्रतिनिधित्व करने के लिए, "चेहरा" शब्द का उपयोग करके "उपस्थिति", या भावनाओं या नैतिक गुणों का प्रतिनिधित्व करने के लिए करना जैसे कि वे "कपड़े" है। रूपक के रूप में तथ्यों के नमूनेरत् युग्मरूपकों का उपयोग तथ्यों के युग्मों के आधार पर कई प्रकार से किया जाता है, जहाँ एक अंतर्निहित अवधारणा अक्सर एक अलग अंतर्निहित अवधारणा के लिए कार्य करता है। उदाहरण के तौर पर, अंग्रेजी में, अप (ऊपर) की दिशा अधिक या बेहतर (विचार) की अवधारणाओं का प्रतिनिधित्व करता है। इन महत्वपूर्ण तथ्यों के युग्मों के कारण, हम निम्न वाक्य बना सकते हैं, ‘‘गैस की कीमत चढ रही है’’, "एक अत्यधिक बुद्धिमान व्यक्ति," और विपरीत विचार भी: "तापमान नीचे जा रहा है" और “मैं बहुत कम महसूस कर रहा हूँ"। दुनिया के भाषाओं में रूपांतरित उद्देश्यों के लिए प्रतिरूपित प्रतिमानों का निरंतर उपयोग किया जाता है, क्योंकि वे विचार को व्यवस्थित करने के लिए सुविधाजनक तरीके के रूप में कार्य करते हैं। सामान्य तौर पर, लोग अमूर्त गुणों (जैसे कि शक्ति, उपस्थिति, भावनाओं और नैतिक गुणों) की बात करना पसंद करते हैं जैसे कि वे शरीर के अंग थे, या जैसे कि वे ऐसी वस्तुएं थीं जिन्हें देखा या धारण किया जा सकता था, या जैसे कि वे घटनाएँ थीं जैसा हुआ वैसा देखा जा सकता था। जब इन रूपकों का सामान्य तौर पर उपयोग किया जाता है, तो बहुत कम बार होता है कि वक्ता और दर्शक उन्हें अलंकार के रूप में इस्तेमाल करते हैं। अंग्रेजी में उपयोगी रूपकों के उदाहरण जिन पर अक्सर ध्यान नही दिया जाता:
अंग्रेजी बोलने वाले इसे रूपक या अलंकार के रूप में नहीं देखते हैं, इसलिए उन्हें अन्य भाषाओं में इस तरह से अनुवाद करना गलत होगा, जिससे लोग उनके लिए अलंकारिक भाषण के रूप में विशेष ध्यान दें। बाइबल की भाषाओं में इस तरह के रूपक के महत्वपूर्ण प्रतिमान के विवरण के लिए, कृपया देखें बाइबल के चित्र – सामान्य पद्धतियाँ और वे पृष्ठ जो आपको निर्देशित करेंगे। किसी ऐसी चीज़ का अनुवाद करते समय जो किसी अन्य भाषा में एक निष्क्रिय रूपक है, इसे एक रूपक के रूप में न मानें। इसके बजाय, बस लक्ष्य भाषा में उस चीज़ या अवधारणा के लिए सबसे अच्छी अभिव्यक्ति का उपयोग करें। सक्रिय रूपकये ऐसे रूपक हैं जिन्हें लोग एक अवधारणा के रूप में किसी अन्य अवधारणा के लिए खड़े होते हैं, या किसी अन्य चीज़ के लिए एक चीज़ के रूप में पहचानते हैं। वे लोगों के बारे में सोचते हैं कि एक चीज दूसरी चीज की तरह कैसे है, क्योंकि ज्यादातर तरीकों से दोनों चीजें बहुत अलग हैं। लोग इन रूपकों को आसानी से ताकत देने और संदेश के लिए असामान्य गुण के रूप में भी पहचानते हैं। इस कारण से, लोग इन रूपकों पर ध्यान देते हैं। उदाहरण के लिए,
यहाँ परमेश्वर अपने उद्धार के बारे में बताता है, मानो कि सूरज की किरणें उन लोगों पर उदय हो रही हैं, जिनसे वह प्रेम करता है। वह ऐसे बात करता है कि सूर्य की किरणें मानों उसके पँख थे। इसके अतिरिक्त, वह उन पँखों की बात कर रहा, जैसे कि वे लोगों को चँगा करने की औषधि ला रही हों। यहाँ एक और उदाहरण दिया गया है:
यहाँ, "उस लोमड़ी" राजा हेरोदेस को सन्दर्भित करता है। यीशु को सुनने वाले लोग निश्चित रूप से समझ गए थे कि यीशु चाहता था कि वे हेरोदेस के ऊपर एक लोमड़ी की कुछ विशेषताओं को लागू करें। वे कदाचित् समझ गए थे कि यीशु ने यह बताना चाहता था कि हेरोदेस दुष्ट था, या तो धूर्त तरीके से या किसी ऐसे व्यक्ति के रूप में जो नाश करने वाले, हत्यारा, या जो उसने बातों को अपने लिया जो उससे सम्बन्धित नहीं थीं या इनमें सभों को अपने लिए ले लिया था। सक्रिय रूपक ऐसे रूपक होते हैं, जिनका सही अनुवाद करने के लिए विशेष रीति से ध्यान दिए जाने की आवश्यकता होती है। ऐसा करने के लिए, हमें एक रूपक के भागों अर्थात् खण्डों को समझने और यह देखने की आवश्यकता होती है कि वे अर्थ का उत्पन्न करने के लिए कैसे एक साथ काम करते हैं।
इस रूपक में, यीशु ने अपने आपको जीवन की रोटी कहा। "मैं" विषय है (जिसका अर्थ है स्वयं यीशु) और छवि "रोटी" है। उस जगह और समय पर लोगों की प्राथमिक भोजन रोटी थी। रोटी और यीशु के बीच समानता यह है कि लोगों को जीने के लिए दोनों की आवश्यकता थी। जिस तरह लोगों को भौतिक जीवन जीने के लिए भोजन करने की आवश्यकता होती है, उसी तरह अनन्त जीवन पाने के लिए लोगों को यीशु पर भरोसा करने की आवश्यकता है। रूपक का विचार "जीवन" है। इस मामले में, यीशु ने रूपक के केंद्रीय विचार को कहा, लेकिन अक्सर विचार केवल निहित है। रूपक के उद्देश्य
कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है
अनुवाद की रणनीतियाँ
बाइबल से उदाहरण
इस रूपक में, आमोस सामरिया की उच्च-वर्ग की स्त्रियों से इस प्रकार बात करता है (विषय ‘‘तुम’’ है) जैसे कि वे गायें (छवि) हों। आमोस इन स्त्रियों और गायों के मध्य तुलना के बिन्दुओं को नहीं बताता है। वह चाहता है कि पाठक उनके बारे में सोचें, और पूरी तरह से अपेक्षा करता है कि अपनी संस्कृति से आने वाले पाठक आसानी से ऐसा करेंगे। परन्तु सन्दर्भ से, उसका यह अर्थ स्पष्ट हो जाता है कि स्त्रियाँ और गायें दोनों मोटी हैं और केवल स्वयं के लिए भोजन पाने में ही इच्छुक हैं। यदि हम एक भिन्न संस्कृति से तुलना के बिन्दुओं को लागू करते हैं, जैसे कि गायें पवित्र है और उनकी पूजा की जानी चाहिए, तो हमें इस सन्दर्भ से गलत अर्थ प्राप्त होगा। ध्यान दें: आमोस यह नहीं कह रहा है कि वे स्त्रियाँ गायें हैं। क्योंकि वह उन्हे मनुष्य ही बता रहा है।
उपरोक्त उदाहरण दो सम्बन्धित रूपक हैं। विषय ‘‘हम’’ और ‘‘तू’’ एवं छवि ‘‘मिट्टी’’ और ‘‘कुम्हार’’ हैं। एक कुम्हार और परमेश्वर के बीच तुलना का इच्छित बिन्दु यह तथ्य है कि दोनों वही बनाते हैं जो वे अपनी सामग्री से चाहते हैं: कुम्हार वह बनाता है, जो वह मिट्टी से चाहता है, और परमेश्वर वह बनाता है, जो वह अपने लोगों से चाहता है।कुम्हार की मिट्टी और "हमारे" मध्य की तुलना का बिन्दु नहीं है कि न तो मिट्टी और न ही परमेश्वर के लोगों को यह शिकायत करने का अधिकार है कि वे क्या बन रहे हैं।
यीशु यहाँ एक रूपक का उपयोग करता है, परन्तु शिष्यों ने उसे नहीं पहचाना। जब उसने ‘‘खमीर’’ कहा, तो उन्होंने सोचा कि वह रोटी की बात कर रहा है, परन्तु ‘‘खमीर’’ उसके रूपक का छवि था, और विषय, फरीसियों और सदूकियों की शिक्षाएँ थीं। चूँकि शिष्यों (प्रथम श्रोतागण) ने यीशु के अर्थ को नहीं पहचाना, इसलिए यीशु के अर्थ को पहले से ही खुलकर अथवा स्पष्ट बताना सही नहीं होगा। अनुवाद की रणनीतियाँयदि आपकी भाषा में लोग रूपकों को ठीक उसी प्रकार समझ सकते हैं, जैसे कि प्रथम श्रोतागण समझते थे, तो इसका उपयोग करें। अनुवाद की जाँच इस बात को सुनिश्चित करने के लिए करें कि लोग इसे सही रीति से समझ रहे हैं या नहीं। यदि लोग नहीं समझ पा रहे हैं, तो आप निम्नलिखित रणनीतियाँ अपना सकते हैं:
अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण(1) यदि बाइबल की भाषा (एक निष्क्रिय रूपक) में लिखा गया रूपक स्रोत भाषा में पाई जाने वाली एक सामान्य अभिव्यक्ति या तथ्यों के पद्धित आधारित जोड़ों को प्रकट कर रहा है, तो अपनी भाषा में भी सबसे सरल शब्दों का उपयोग कर इस मुख्य विचार को प्रकट करें।
(2) यदि रूपक सक्रिय रूपक प्रतीत होता है, तो आप इसका शाब्दिक अनुवाद कर सकते हैं यदि आपको लगता है कि लक्षित भाषा भी इस रूपक का उपयोग उसी तरह से करती है जैसे कि बाइबल का अर्थ में दिया गया है। यदि आप ऐसा करते हैं, तो यह सुनिश्चित करने के लिए जाँच करें कि भाषा समुदाय इसे सही तरीके से समझता है।
इसमें कोई परिवर्तन नहीं हुआ है - परन्तु यह सुनिश्चित करने के लिए जाँच की जानी चाहिए कि लक्षित श्रोतागण इस रूपक को सही तरीके से समझते हैं। (3) यदि लक्षित श्रोता नहीं समझ पा रहा है कि यह एक रूपक है, तो रूपक को उपमा मे परिवर्तित कर दें। कुछ भाषाएँ ‘‘जैसे‘‘ या ‘‘तरह’’ इत्यादि शब्दों का उपयोग कर इन्हें लिखती हैं।
(4) यदि लक्षित श्रोता छवि को नहीं समझ पा रहा है, तो छवि को विचारों में परिवर्तित करने में सहायता के लिए अज्ञात का अनुवाद करें को देखें।
(5) यदि लक्षित भाषा उस अर्थ के लिए उस छवि का उपयोग नहीं करती है, तो अपनी संस्कृति में से छवि का उपयोग करें। यह निश्चित करें कि ये छवि बाइबल के समयों में संभवतया प्रचलित रहा हो।
(6) यदि लक्षित श्रोता उसके विषय को नहीं समझ पाता है, तो विषय के बारे में स्पष्ट तौर पर लिखें। (तथापि, ऐसा तब न करें जब मूल श्रोता को भी यह नहीं पता है कि विषय क्या था)
(7) यदि लक्षित श्रोतागण विषय और छवि के बीच अपेक्षित समानता को नहीं समझ पाते है, तो उन्हें स्पष्ट तौर पर लिखें।
(8) यदि उपरोक्त वर्णित कोई भी रणनीति काम नहीं आती है, तो कथन को बिना रूपक के स्पष्ट तौर पर लिखें।
विशिष्ट रूपकों के बारे में अधिक जानने के लिए, देखें बाइबल के चित्र – सामान्य पद्धतियाँ। लक्षणालंकारThis page answers the question: लक्षणालंकार क्या है? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनलक्षणालंकार एक अलंकार है जिसमें एक वस्तु अथवा विचार को उसके नाम से नही, परंतु उससे जुड़े किसी और नाम से पुकारा जाता है। लक्षणालंकार एक शब्द है जिसका उपयोग उससे जुड़ी किसी और वस्तु के बदले में होता है।
लहू यीशु की मृत्यू को दिखाता है।
कटोरा उसमें डाली गई दाखरस को दिखाता है। लक्षणालंकार का उपयोग किया जा सकता है
कारण यह एक अनुवाद मुद्दा हैबाइबल लक्षणालंकार का अक्सर उपयोग करती है। कुछ भाषाओँ के वक्ताएं लक्षणालंकार का उपयोग नही करते हैं और शायद इसी कारण, वे बाइबल को पढ़ते वक्त इन्हे समझ न पाएँ। यदि वे लक्षणालंकार को नही पहचानते हैं तो संदेश को भी नही पहचानेंगे, और उससे भी बदत्तर, वे उसका गलत अर्थ समझ लेंगे। जब भी लक्षणालंकार का उपयोग होता है तो लोगों को पहचान होनी चाहिए कि यह किसको दिखाता है। बाइबल से उदाहरण
सिंहासन राजा के अधिकार को दिखाता है। ‘‘सिंहासन’’ ‘‘राजकीय अधिकार’’ ‘‘राजत्व’’ ‘‘राज’’ का लक्षणालंकार है। इसका अर्थ है कि परमेश्वर उसे राजा दाऊद के बाद का एक राजा बनाएगा।
मूँह बोलने की सामर्थ को दिखाता है। इसका अर्थ है कि वह दुबारा बोलने में सक्षम हो गया।
‘‘क्रोध’’ या ‘‘गुस्सा’’ ‘दण्ड अथवा सजा’ का लक्षणालंकार है। परमेश्वर अपने लोगों से बहुत क्रोधित था और परिणामस्वरूप, वह उनको दण्ड देगा। अनुवाद रणनीतियाँयदि लोग लक्षणालंकार को अच्छी तरह से समझ सकते हैं तो उनका उपयोग करें।अन्यथा, निम्नलिखित विकल्पों को चुना जा सकता है।
अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण(1) लक्षणालंकार के साथ में ही उस वस्तु का नाम भी लिखें जिसे वह दिखाता है।
(2) केवल वस्तु का नाम लिखें जो जिसे लक्षणालंकार दिखाता है।
आम तौर पर उपयोग होने वाले लक्षणालंकार की जानकारी के लिए, Biblical Imagery - Common Metonymies देखें। समरूपताThis page answers the question: समरूपता क्या है? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनसमरूपता में, संरचना या विचार में समान दिखने वाले दो खंड या वाक्यांशों का एक साथ उपयोग होता है। नीचे दी गई समरूपताएँ कर्इ प्रकार की होती हैं।
समरूपता को हम अधिकतर भजन संहिता एवं नीतिवचन जैसी पुराने नियम की कविताओं में पा सकते हैं। यह नये नियम की यूनानी भाषा में भी मिलती है, दोनों चार सुसमाचारों और प्रेरितों की पत्रियों में। मूल भाषाओं की कविताओं में प्रयुक्त पर्यायवाची समरूपता (एक रूप जिसमें दोनों वाक्य एक दूसरे जैसे लगते हैं) के कर्इ प्रभाव हो सकते हैं:
कारण यह अनुवाद की समस्या हैकुछ भाषाओं में समरूपता का उपयोग नही होता है। एक बात को दो बार कहने से उनको यह अजीब सा लगता है या वे सोचते हैं कि उन दोनों वाक्यों के विभिन्न अर्थ हैं। उनके लिए यह सुंदर होने के स्थान पर, संदेहपूर्ण हो जाता है। ध्यान दें: हम उन लंबे वाक्यों या कथनों के लिए ‘‘पर्यायवाची समरूपता’’ का उपयोग करते हैं जिनका अर्थ समान होता है। हम उन शब्दों या छोटे वाक्यों के लिए युग्मकों का उपयोग करते हैं जिनके मूल अर्थ समान होते और एक साथ उपयोग किया जाता है। बाइबल में से उदाहरण(1)दूसरे खंड या वाक्यांश का अर्थ पहले जैसा है।
वाक्य के दोनों भाग रूपक हैं जो यह कहते हैं कि परमेश्वर का वचन लोगों को जीना सिखाता है।
दोनों वाक्य कहते हैं कि परमेश्वर ने मनुष्य को सबका शासक बनाया है। (2) दूसरा पहले के अर्थ को स्पष्ट करता या उसे बल देता है।
दूसरा वाक्य विशेष रूप से बताता है कि यहोवा नजर रखता है। (3)दूसरा पहले में कही गर्इ बात को पूरा करता है।
दूसरा वाक्य बताता है कि व्यक्ति पहले वाक्य में जो करता है यहोवा उसके उत्तर में कुछ दूसरे वाक्य में करता है। (4) दूसरा पहले में लिखे विचार के विपरीत कहता है। परंतु उस विचार में कुछ जोड़ता भी है।
यह धर्मी लोगों के साथ क्या होता की तुलना दुष्टों के साथ क्या होता है से करने के द्वारा अंतर करता है।
यह अंतर बताता है कि जब कोर्इ कोमल उत्तर देता है तो क्या होता और कठोर उत्तर का क्या प्रभाव पड़ता है। अनुवाद की रणनीतियाँसमरूपता के अधिकतर प्रकारों में, दोनों वाक्यों या कथनों का अनुवाद करना उचित होता है। प्रयायावाची समरूपता में, दोनों वाक्यों का अनुवाद करना उचित है यदि आपकी भाषावाले इस बात को जानते हैं कि किसी बात को दो बार कहने से उस बात को बल मिलता है। परंतु यदि आपकी भाषा में समरूपता का उपयोग इस प्रकार नही होता है, तो अनुवाद के निम्न तरीकों में से एक का उपयोग करें। (1) दोनों वाक्यों के विचारों को एक कर लें। (2) यदि आपको यह लगता है कि उनके द्वारा कर्इ गर्इ बातें वास्तव में सच हैं, तो आप ‘‘वास्तव’’ या ‘‘सच में’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं। (3) यदि आपको लगता है कि वाक्यों का उपयोग उसके विचार को गहरा करने के लिए दिया गया है तो आप ‘‘बहुत’’, ‘‘पूर्णतया’’ या ‘‘सब’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं। अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण(1) दोनों वाक्यों के विचारों को एक कर लें।
(2) यदि आपको यह लगता है कि उनके द्वारा कर्इ गर्इ बातें वास्तव में सच हैं, तो आप ‘‘वास्तव’’ या ‘‘सच में’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं।
(3) यदि आपको लगता है कि वाक्यों का उपयोग उसके विचार को गहरा करने के लिए दिया गया है तो आप ‘‘बहुत’’, ‘‘पूर्णतया’’ या ‘‘सब’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं।
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समान अर्थ के साथ समरूपताThis page answers the question: समान अर्थ के साथ समानान्तरवाद का क्या अर्थ हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणसमान अर्थ के साथ समान्तरतावाद एक काव्य युक्ति है जिसमें एक जटिल विचार दो या दो से अधिक अलग तरीकों से व्यक्त किया जाता है। वक्ता दो विचारों में समान विचारों पर जोर देने के लिए ऐसा कर सकते हैं। इसे "समानार्थी समान्तरतावाद" भी कहा जाता है। ध्यान दें: हम लम्बे वाक्यांशों या खण्डों के लिए "समान अर्थ वाले समान्तरतावादी" शब्द का उपयोग करते हैं जिसका अर्थ समान है। हम शब्दों के लिए युग्म शब्दावली का उपयोग करते हैं या बहुत कम वाक्यांशों को जिनका अर्थ मूल रूप से एक ही वस्तु के अर्थ से और एक साथ उपयोग से होता है।
पहला रेखांकित वाक्यांश और दूसरा रेखांकित वाक्यांश एक ही बात का अर्थ देता है। इन दो वाक्यांशों के बीच तीन विचार हैं, जो एक जैसे हैं। "देखता" "ध्यान" की समानता में, "सब कुछ ... करता है" "सभी पथ ... लेता है" और "एक व्यक्ति" की समानता में है "वह"। वचन में समानार्थी समान्तरतावाद के कई प्रभाव पाए जाते हैं:
इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय हैकुछ भाषाओं में लोग किसी से भी भिन्न तरीकों से दो बार एक ही बात कहने की अपेक्षा नहीं करते हैं। वे अपेक्षा करते हैं कि यदि दो वाक्यांश या दो वाक्य हैं, तो उनके भिन्न अर्थ होंगे। इसलिए वे समझ में नहीं पाते हैं कि विचारों की पुनरावृत्ति ही विचार पर जोर देती है। बाइबल से उदाहरण
वाक्यों के दोनों भाग रूपक हैं, जो कह रहे हैं कि परमेश्वर का वचन लोगों को शिक्षा देता है कि कि कैसे जीवन व्यतीत करना है। शब्द "दीपक" और "प्रकाश" अर्थ में एक जैसे ही हैं क्योंकि वे प्रकाश का सन्दर्भ देते हैं, और "मेरे पैर" और "मेरे पथ" शब्द सम्बन्धित हैं, क्योंकि वे चलने वाले व्यक्ति को सन्दर्भित करते हैं।
इस वचन के दोनों भाग लोगों को हर स्थान पर यहोवा की स्तुति करने के लिए कहते हैं। 'स्तुति' और 'बड़ाई' शब्द का अर्थ एक ही बात से है, 'यहोवा' और 'उसकी' उसी व्यक्ति का सन्दर्भ देते हैं, और तुम सभी राष्ट्रों' और तुम सभी लोग' एक ही तरह के लोगों को सन्दर्भित करते हैं।
इस वचन के दो भाग हैं जो कहते हैं कि यहोवा का उसके लोगों, इस्राएल के साथ गम्भीर असहमति है। ये दो भिन्न मतभेद या लोगों के दो भिन्न समूह नहीं हैं। अनुवाद की रणनीतियाँयदि आपकी भाषा समानांतरता का उपयोग करती है जैसे बाइबल की भाषाएँ, अर्थात्, एक विचार को दृढ़ करने के लिए, तो आपके अनुवाद में इसका उपयोग करना उचित होगा। परन्तु यदि आपकी भाषा इस तरह की समानांतरता का उपयोग नहीं करती है, तो निम्न अनुवाद रणनीतियों में से एक का उपयोग करने पर विचार करें।
अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण
मानवीकरणThis page answers the question: मानवीकरण क्या है? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनमानवीकरण भाषा का एक अलंकार है जिसमें एक वस्तु को एक व्यक्ति या जन्तु के समान दिखाया जाता है कि वह उनके समान कार्य कर सकती है। लोग इसका उपयोग इसलिए करते हैं जिससे वे नही दिखने वाली चीजों की जानकारी आसानी से दे सकें। जैसे कि बुद्धि:
या पाप:
लोग इसका उपयोग इसलिए भी करते हैं क्योंकि उन्हे निर्जीव वस्तुओं के साथ मनुष्य के रिश्ते के बारे में बताना आसान लगता है, जैसे कि धन, मानो यह लोगों के बीच के रिश्ते हो।
प्रत्येक मामले में, मानवीकरण का उद्देश्य निर्जीव वस्तुओं की एक निश्चित विशेषता को उजागर करना है। जैसा कि रूपक में है, पाठक को यह सोचने की ज़रूरत है कि वस्तुएँ एक विशेष प्रकार के व्यक्ति की तरह है। कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है
बाइबल में से उदाहरण
यीशु धन को एक मालिक के समान बताते हैं जिनकी मनुष्य सेवा कर सकता है। धन से प्रेम करना या उसके आधार पर निर्णय लेना उस दास के समान है जो अपने मालिक की सेवा करता है।
लेखक बुद्धि और समझ को स्त्रियों के समान बताता है जो लोगों को सिखाने के लिए पुकार रही हैं। इसका अर्थ है कि वे छुपी हुई वस्तुएँ नहीं, वरन् देख सकने योग्य हैं जिन पर लोग ध्यान दे सकते हैं। अनुवाद की रणनीतियाँयदि आपकी भाषा में मानवीकरण को आसानी से समझा जा सकता है तो उसका उपयोग करें। यदि इसे समझा नही जाता है तो अनुवाद के कुछ अन्य तरीकों का उपयोग करें।
अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण(1) मनुष्य (या पशु) की विशेषता स्पष्ट करने के लिए शब्द या वाक्यांश जोड़े।
(2) रणनीति (1) के अलावा,‘‘जैसे’’ या ‘‘समान’’ जैसे शब्दों का उपयोग करें जिससे कथन का सीधा अर्थ समझा नहीं जाए।
(3) मानवीकरण के बिना, इसका अनुवाद करने की कोशिश करें
ध्यान दें : हमने मानवीकरण की परिभाषा को और बड़ा करके उसमें ‘‘जूफोर्मिस्म’’ (वस्तुओं को ऐसे पेश करना कि उनमें जानवरों का स्वभाव हो) और ‘‘आन्द्रोपोफोर्मिस्म’’ (निर्जीव वस्तुओं को मनुष्य समान दिखाना) को भी शामिल किया गया है, क्योंकि उनके लिए अनुवाद की रणनीतियाँ समान हैं।। Next we recommend you learn about:
भविष्यसूचक अतीतThis page answers the question: भविष्यसूचक अतीत क्या है? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनभविष्यसूचक अतीत भाषा का वो अलंकार है जो भूतकाल वाले वाक्य का उपयोग कर भविष्य की किसी घटना का उल्लेख करता है। ऐसा अक्सर भविष्यद्वाणियों में यह दिखाने के लिए किया जाता है कि वह घटना जरूर घटेगी। इसे भविष्यद्वाणीय पूर्ण भी कहते हैं।
उपरोक्त उदाहरण में, इस्राएली अभी बंधुवार्इ में गए नही थे परंतु परमेश्वर ने उनके बंधुवार्इ में जाने के बारे में इस प्रकार कहा कि वे बंधुवार्इ में हैं क्यों उसने उन्हे बंधुवार्इ में भेजने की ठान ली थी। कारण यह अनुवाद का विषय हैभूतकाल के बारे में अनभिज्ञ पाठक भविष्यद्वाणी में बतार्इ गर्इ भावी घटना के बारे में पढ़कर संदेह से भर सकते हैं। बाइबल में से उदाहरण
उपरोक्त उदाहरण में, परमेश्वर ने भविष्य में होने वाली घटना के बारे में इस प्रकार कहा कि वह पहले से ही घट चुकी हो।
हनोक भविष्य में होने वाली घटना के बारे में बता रहा था परंतु उसने यह कहकर भूतकाल का उपयोग किया जब उसने कहा, ‘‘प्रभु आया।’’ अनुवाद की रणनीतियाँयदि आपकी भाषा में भूतकाल स्वभाविक होगा और वह आपकी भाषा में सही अर्थ को दे रहा है, तो इसके उपयोग पर विचार करें। अन्यथा, यहाँ निम्नलिखित कुछ विकल्प दिए गए हैं: (1) भविष्य की बातों को बताने के लिए भविष्यसूचक शब्दों का ही उपयोग करें (2) यदि वहाँ भविष्य की एकदम से घटने वाली घटना के बारे में लिखा है, तो ऐसे रूप का उपयोग करें जिससे वह स्पष्ट हो (3) कुछ भाषाएँ भविष्य में होने वाली घटना को दिखाने के लिए वर्तमान काल का भी उपयोग करती हैं अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण(1) भविष्य की बातों को बताने के लिए भविष्यसूचक शब्दों का ही उपयोग करें
(2) यदि वहाँ भविष्य की एकदम से घटने वाली घटना के बारे में लिखा है, तो ऐसे रूप का उपयोग करें जिससे वह स्पष्ट हो
(3) कुछ भाषाएँ भविष्य में होने वाली घटना को दिखाने के लिए वर्तमान काल का भी उपयोग करती हैं
उत्तर की अपेक्ष किए बिना प्रभावोत्पादक प्रश्नThis page answers the question: भाषणगत प्रश्न क्या हैं और मैं कैसे उनका अनुवाद कर सकता हूँ? In order to understand this topic, it would be good to read:
एक भाषणगत प्रश्न वह होता है जिसे एक वक्ता तब पूछता है कि जब वह इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने की अपेक्षा किसी वस्तु के बारे में अपना दृष्टिकोण व्यक्त करने में अधिक रुचि रखता है। वक्ता गहरी भावना व्यक्त करने के लिए भाषणगत प्रश्नों का उपयोग करते हैं या श्रोताओं को कुछ के बारे में गहराई से सोचने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। बाइबल में कई भाषणगत प्रश्न पाए जाते हैं, अक्सर आश्चर्य व्यक्त करने के लिए, श्रोताओं को ताड़ना देने या डांटने या सिखाने के लिए। कुछ भाषाओं के वक्ता अन्य प्रयोजनों की प्राप्ति के लिए भी भाषणगत प्रश्नों का उपयोग करते हैं। वर्णनएक भाषणगत प्रश्न एक ऐसा प्रश्न होता है जो किसी चीज़ के प्रति वक्ता के रवैये को दृढ़ता से व्यक्त करता है। अक्सर वक्ता जानकारी की खोज नहीं कर रहा होता है, परन्तु यदि वह जानकारी माँग रहा है, तो सामान्य रूप से वह जानकारी नहीं होती है जिसके लिए प्रश्न को पूछा गया प्रतीत होता है। वक्ता जानकारी प्राप्त करने की अपेक्षा अपने दृष्टिकोण को व्यक्त करने में अधिक रुचि रखता है।
जिन लोगों ने पौलुस से यह प्रश्न पूछा वे परमेश्वर के महायाजक का अपमान करने के उसके तरीके के बारे में नहीं पूछ रहे थे। इसकी अपेक्षा उन्होंने महायाजक का अपमान करने के लिए पौलुस पर आरोप लगाने के लिए इस प्रश्न का उपयोग किया था। बाइबल में कई भाषणगत प्रश्न पाए जाते हैं। इन भाषणगत प्रश्नों के कुछ उद्देश्यों में लोगों को ताड़ना देने, लोगों को शिक्षा देने, कुछ लोगों को स्मरण दिलाने के लिए कुछ सीखने और उन्हें कुछ नया करने के लिए लागू करने, और कुछ ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करना है, जिसके बारे में वे बात करना चाहते हैं। कारण यह अनुवाद की समस्या है
बाइबल में से उदाहरण
ईज़ेबेल ने उपरोक्त प्रश्न का उपयोग राजा अहाब को स्मरण दिलाने के लिए किया था जिसे वह पहले से जानता था: कि वह अभी भी इस्राएल के राज्य के ऊपर शासन कर रहा था। भाषणगत् प्रश्न ने उसकी बात को और अधिक मजबूती बना दिया यदि उसने केवल इसे कहा मात्र होता, क्योंकि इसने अहाब को इस बात को स्वीकार करने के लिए मजबूर कर दिया था। उसने निर्धन व्यक्ति की सम्पत्ति लेने की इच्छा न रखने के लिए उसे ताड़ना देने के लिए ऐसा किया। वह यह कह रही थी कि क्योंकि वह इस्राएल का राजा था, इस लिए उसके पास उस व्यक्ति की सम्पत्ति लेने की सामर्थ्य थी।
परमेश्वर ने उपरोक्त प्रश्न का उपयोग अपने लोगों को स्मरण दिलाने के लिए किया था जिस बात को वे पहले से ही जानते थे: एक जवान स्त्री अपने गहने को कभी नहीं भूलती या दुल्हन अपने घूंघट को नहीं भूलती है। उसके बाद उसने अपने लोगों को भूलने के लिए ताड़ना दी जो उन वस्तुओं से बहुत अधिक बढ़कर है।
अय्यूब ने गहरे भाव को दिखाने के लिए ऊपर दिए गए प्रश्न का उपयोग किया है। यह भाषणगत प्रश्न व्यक्त करता है कि वह कितना अधिक दुखी था कि वह जन्म होने के तुरन्त बाद ही क्यों नहीं मर गया। वह आशा करता था कि उसे जीवित नहीं रहना चाहिए था।
इलीशिबा ने उपरोक्त प्रश्न का उपयोग यह दिखाने के लिए किया है कि वह कितनी अधिक आश्चर्यचकित और आनन्दित थी कि उसके अपने प्रभु की माता उसके पास आई थी
यीशु ने ऊपर दिए गए प्रश्न का उपयोग उन वस्तुओं को लोगों को स्मरण दिलाने के लिए किया जिन्हें वे पहले से ही जानते थे: एक अच्छा पिता कभी अपने पुत्र को खाने के लिए कुछ बुरा नहीं देगा। इस बात को प्रस्तुत करते हुए, यीशु उन्हें अपने अगले भाषणगत प्रश्न के साथ परमेश्वर के बारे में शिक्षा दे सकता था:
यीशु ने इस प्रश्न का उपयोग लोगों को ओजस्वी तरीके से सिखाने के लिए किया था कि परमेश्वर उन्हें अच्छी वस्तुएँ देता है जो उससे मांगते हैं।
यीशु ने ऊपर दिए गए प्रश्न का उपयोग करने के लिए कहा कि वह किस बारे में बात करने वाला था। वह परमेश्वर के राज्य की तुलना किसी वस्तु से करने वाला था। इस घटना में, उसने परमेश्वर के राज्य की तुलना सरसों के बीज से की। अनुवाद की रणनीतियाँएक भाषणगत प्रश्न का सही अनुवाद करने के लिए पहले सुनिश्चित करें कि जिस प्रश्न का आप अनुवाद कर रहे हैं वह वास्तव में एक भाषणगत प्रश्न है और यह एक जानकारी वाला प्रश्न नहीं है। स्वयं से पूछें, "क्या प्रश्न पूछने वाले व्यक्ति को पहले से ही प्रश्न का उत्तर पता है?" यदि हाँ, तो यह एक भाषणगत प्रश्न है। या, यदि कोई इस प्रश्न का उत्तर नहीं में देता है, तो क्या जिसने पूछा है उसे उत्तर प्राप्त करने की आशा थी? यदि नहीं, तो यह एक भाषणगत प्रश्न है। जब आप सुनिश्चित हो जाते हैं कि प्रश्न भाषणगत है, तो सुनिश्चित करें कि आप जानते हैं कि भाषणगत प्रश्न का उद्देश्य क्या है। क्या यह श्रोताओं को प्रोत्साहित करने या ताड़ना देने या शर्मिंदा करने के लिए है? क्या यह एक नया विषय लाने के लिए है? क्या यह किसी और कार्य को करने के लिए है? जब आप भाषणगत प्रश्न के उद्देश्य को जानते हैं, तो लक्षित भाषा में उस उद्देश्य को व्यक्त करने के सबसे स्वभाविक तरीके के बारे में सोचें। यह एक प्रश्न, या एक कथन, या विस्मयादिबोधक के रूप में हो सकता है। यदि भाषणगत प्रश्न का प्रयोग करना स्वाभाविक हो और आपकी भाषा में सही अर्थ दे, तो ऐसा करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ अन्य विकल्प दिए गए हैं: (1) प्रश्न के बाद उत्तर जोड़ें। (2) भाषणगत प्रश्न को एक कथन या विस्मयादिबोधक में परिवर्तित करें। (3) भाषणगत प्रश्न को एक कथन में परिवर्तित करें, और फिर इसे एक संक्षिप्त प्रश्न के साथ उपयोग करें। (4) प्रश्न के रूप अर्थात् ढ़ांचे को परिवर्तित करें ताकि यह आपकी भाषा में संचारित कर सके कि मूल वक्ता ने उसके बारे में क्या बताया। अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण(1) प्रश्न के बाद उत्तर जोड़ें।
(2) भाषणगत प्रश्न को एक कथन या विस्मयादिबोधक में परिवर्तित करें।
(3) भाषणगत प्रश्न को एक कथन में परिवर्तित करें, और फिर इसे एक संक्षिप्त प्रश्न के साथ उपयोग करें।
(4) प्रश्न के रूप अर्थात् ढ़ांचे को परिवर्तित करें ताकि यह आपकी भाषा में संचारित कर सके कि मूल वक्ता ने उसके बारे में क्या बताया।
उपमाThis page answers the question: उपमा क्या है? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनएक उपमा दो वस्तुओं की तुलना होती है जो सामान्य रूप से एक जैसी नहीं मानी जाती है। यह एक विशेष गुण पर केन्द्रित होता है जिसमें दो वस्तुएँ एक जैसी होती हैं, और इसमें "जैसे", "की तरह" या "तब" शब्द सम्मिलित होते हैं।
यीशु ने लोगों की भीड़ की तुलना चरवाहे के बिना भेड़ों से की। भेड़ें तब भयभीत हो जाती हैं, जब उनके पास सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए एक अच्छा चरवाहा नहीं होता है। भीड़ इसी के समान थी क्योंकि उनके पास अच्छे धार्मिक अगुवे नहीं थे।
यीशु ने अपने शिष्यों की तुलना भेड़ और उनके शत्रुओं के भेड़ियों से की। भेड़िए भेड़ पर आक्रमण करते हैं; यीशु के शत्रुओं उसके चेलों पर आक्रमण करेंगे।
परमेश्वर के वचन की तुलना दोधारी तलवार से की जाती है। एक दोधारी तलवार एक ऐसा हथियार है जो किसी भी व्यक्ति के शरीर को आसानी से काट सकता है। किसी व्यक्ति के मन और विचारों में क्या है यह दिखाने के लिए परमेश्वर का वचन बहुत अधिक प्रभावी है। उपमा के उद्देश्य
इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है
बाइबल से उदाहरण
इस उपमा में, पौलुस सैनिकों की तरह कठिनाई का सामना करने की तुलना उस दुख से करता है जिसे वह उठाता है, और वह तीमुथियुस को उनके उदाहरण का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
यह वचन यह नहीं बताता है कि मनुष्य का पुत्र बिजली की चमक की तरह कैसे होगा। परन्तु सन्दर्भ से हम पहले के वचनों से समझ सकते हैं कि जैसे प्रकाश अचानक चमकता है और हर कोई उसे देख सकता है, मनुष्य का पुत्र अचानक आ जाएगा और हर कोई उसे देख पाएगा। इसके बारे में किसी को भी नहीं बताया जाना चाहिए। अनुवाद की रणनीतियाँयदि लोग एक उपमा के सही अर्थ में समझते हैं तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि वे ऐसा नहीं करेंगे, तो यहाँ पर उपयोग करने के लिए कुछ रणनीतियाँ दी गई है: (1) यदि लोग नहीं जानते कि दोनों वस्तुएँ एक जैसी कैसे हैं, तो बताएँ कि वे एक जैसी कैसे हैं। तथापि, तब ऐसा न करें यदि मूल दर्शकों के लिए अर्थ स्पष्ट न होता है। (2) यदि लोग उन वस्तुएँ से परिचित नहीं हैं जिसकी तुलना किसी वस्तु से की जाती है, तो अपनी स्वयं की संस्कृति से किसी दूसरी वस्तुएँ का उपयोग करें। सुनिश्चित करें कि यह वही हैं जिसे बाइबल की संस्कृतियों में उपयोग किया जा सकता था। यदि आप इस रणनीति का उपयोग करते हैं, तो आप मूल वस्तु को फ़ुटनोट में रख सकते हैं। (3) केवल इसे ही किसी अन्य वस्तु से तुलना किए बिना वर्णन करें। अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण (1) यदि लोग नहीं जानते कि दोनों वस्तुएँ एक जैसी कैसे हैं, तो बताएँ कि वे एक जैसी कैसे हैं। तथापि, तब ऐसा न करें यदि मूल दर्शकों के लिए अर्थ स्पष्ट न होता है। देखो, मैं तुम्हें भेड़िये के बीच में भेड़ के रूप में भेजता हूँ (मत्ती 10:16अ ULT) - यह खतरे की तुलना करता है कि यीशु के शिष्य भेड़ के रूप में खतरे से घिरे हुए होते हैं जब वे भेड़िये के मध्य में होते हैं।
(2) यदि लोग उन वस्तुएँ से परिचित नहीं हैं जिसकी तुलना किसी वस्तु से की जाती है, तो अपनी स्वयं की संस्कृति से किसी दूसरी वस्तुएँ का उपयोग करें। सुनिश्चित करें कि यह वही हैं जिसे बाइबल की संस्कृतियों में उपयोग किया जा सकता था। यदि आप इस रणनीति का उपयोग करते हैं, तो आप मूल वस्तु को फ़ुटनोट में रख सकते हैं।
(3) केवल इसे ही किसी अन्य वस्तु से तुलना किए बिना वर्णन करें।
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उपलक्षण अलंकारThis page answers the question: उपलक्षण अलंकार का अर्थ क्या है, और मैं अपनी भाषा में इस तरह का अनुवाद कैसे कर सकता हूं? In order to understand this topic, it would be good to read:
विवरणउपलक्षण अलंकार का उपयोग तब होता है जब एक वक्ता पूरे सन्दर्भ में कुछ भाग का उपयोग करता है या किसी भाग को सन्दर्भित करने के लिए पूरे का उपयोग करता है।
मरियम बहुत ही अधिक आनन्दित था कि प्रभु क्या कर रहा था, इसलिए उसने कहा, "मेरा प्राण" जिसका अर्थ है कि वह अपने पूरे स्वयं को सन्दर्भित करने के लिए आन्तरिक, भावनात्मक भाग का उपयोग करती है।
फरीसी जो वहाँ खड़े थे, वे सभी एक ही समय में एक ही शब्द नहीं कहते थे। इसकी अपेक्षा, यह संभावना अधिक है कि समूह का प्रतिनिधित्व करने वाले एक व्यक्ति ने उन शब्दों को कहा होगा। कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है
बाइबल से उदाहरण
"मेरे हाथ" पूरे व्यक्ति के लिए एक उपलक्षण अलंकार है, क्योंकि स्पष्ट रूप से हाथों और शेष शरीर और मन सभी एक व्यक्ति की उपलब्धियों में सम्मिलित थे। हाथों को व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना जाता है क्योंकि वे शरीर के अंग हैं जो सीधे काम में शामिल होते हैं। अनुवाद की रणनीतियाँयदि उपलक्षण अलंकार स्वभाविक होगा और आपकी भाषा में सही अर्थ देगा, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ एक और विकल्प है:
अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण(1) विशेष रूप से बताएँ कि उपलक्षण अलंकार क्या सन्दर्भित करता है।
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भाषा के अलंकारबाइबल के रूपThis page answers the question: बाइबल में आम तौर पर किस प्रकार के अलंकारों का उपयोग होता है? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनअलंकार एक भाषा है जिसमें एक चित्र को एक विचार से जोड़ा जाता है जिससे कि वह तश्वीर विचार को दिखा सके । इसमें रूपालंकार, उपमा, रूपक या सांस्कृतिक नमूना शामिल रहता है। एक भाषा में इनमें से अधिकतर रूपों में चित्र और विचार को बड़े तौर पर जोड़ा जाता है, परंतु कुछ रूपों में ऐसा नही होता। बाइबल के अंलकार के इन पन्नों में बाइबल में वर्णित अलंकार को दर्शाया गया है। बाइबल में वर्णित जोड़ने का तरीका, इब्री और यूनानी भाषाओं में विशिष्ट था। इन तरीकों को जानना लाभदायक है क्योंकि इससे अनुवादकों के सामने समान समस्याओं को बार बार लाया जाता है कि उनका अनुवाद कैसे हो। और एक बार अनुवाद सोचकर इन चुनौतियों का सामना करने का हल निकाल लेता है तो वे समस्या को कहीं और पर भी आ जाने पर इन्हे आसानी से निपट सकते हैं। रूपालंकार और उपमा में समान तथ्यरूपालंकार तब आता है जब कोर्इ एक वस्तु के बारे में इस प्रकार बात करता है और ऐसा लगता है कि वह किसी और की बात कर रहा है। वक्ता अपनी पहली बात को अच्छी तरह से समझाने के लिए एक रूप का उपयोग करता है। उदाहरण के तौर पर, ‘‘मेरी मोहब्बत एक लाल, लाल पुष्प है,’’ वक्ता उस स्त्री से बात कर रहा है जिससे वह प्रेम करता है और वो इतनी सुंदर और लचीली है जितना एक फूल। उपमा एक रूपालंकार के समान है परंतु वह श्रोताओं को एक इशारा देने के लिए यह केवल एक भाषा का रूप है, इसमें ‘‘के समान’’ या ‘‘जैसा’’ का उपयोग करता है। उपरोक्त उदाहरण को कहने के लिए, उपमा रूप कहेगा ‘‘मेरा प्रेम फूल, लाल फूल जैसा है’’। ‘‘रूपालंकार और उपमा को आपस में जोड़ने के कुछ आम तरीकों के लिंक को पाने के लिए, देखें Biblical Imagery - Common Patterns’’ आम रूपकरूपकों में, एक वस्तु अथवा विचार को उसके नाम से नही, परंतु उससे नजदीकी से जुड़ी अन्य वस्तु के नाम से पुकारा जाता है। ‘‘बाइबल में वर्णित आम रूपकों के लिए Biblical Imagery - Common Metonymies देखें’’ सांस्कृतिक नमूनेसांस्कृतिक नमूने जिंदगी अथवा व्यवहार के भागों की मानसिक तश्वीर होती है। ये तश्वीरें कल्पना करने एवं इन बातों के बारे में बात करने में हमारी मदद करती हैं। उदाहरण के लिए, अमरीकी व्यक्ति विवाह, मित्रता इत्यादि चीजों के बारे में इस प्रकार सोचते हैं कि वे एक मशीन हों। अमरीकी कहेगा, ‘‘उसकी शादी टूट रही है,’’ या ‘‘उनकी दोस्ती तीव्र गति से आगे दौड़ रही है’’ बाइबल अक्सर परमेश्वर को चरवाहे और लोगों को भेड़ों के रूप में दिखाती है । यह है सांस्कृतिक नमूना यहोवा मेरा चरवाहा है; मुझे कोर्इ कमी नही होगी । (भजन संहिता 23:1 ULB)
बाइबल में वर्णित कुछ सांस्कृतिक नमूनों को प्राचीन पूर्वी देशों के द्वारा अधिकतर उपयोग किया जाता था, केवल इस्राएल के द्वारा ही नही । ‘‘बाइबल के सांस्कृतिक नमूनों की सूची के लिए see Biblical Imagery - Cultural Models देखें’’ बाइबल के रूप - सामान्य नमूनेThis page answers the question: बाइबल में अक्सर कौनसे विचारों का उपयोग दूसरों विचारों को बताने के लिए किया जाता है? In order to understand this topic, it would be good to read:
यह पéा उन विचारों को बताता है जो सीमित तरीकों से एक साथ जुड़े हैं। (अधिक जटिल युग्मों पर विचार विमश करने के लिए, देखें Biblical Imagery - Cultural Models.) वर्णनभी भाषाओं में, अधिकतर रूपक कर्इ विचारों को एक साथ जोड़ने के द्वारा बनते हैं जिसमें एक विचार दूसरे को दिखाता है। उदाहरण के तौर पर, कुछ भाषाओं में ऊँचार्इ को ‘‘ज्यादा’’ एवं नीचे को ‘‘ज्यादा नही’’ से जोड़ा जाता है जिससे ऊँचार्इ ‘‘ज्यादा’’ को एवं नीचा ‘‘ज्यादा नही’’ को दर्शाए। कारण, यदि ढ़ेर में बहुत सारी चीजें होती हैं तो ढ़ेर ऊँचा होता है। इसी प्रकार, किसी वस्तु के लिए ज्यादा पैसा लगता है तो लोग कहते हैं कि कीमत ऊँची है या किसी शहर में पहले से ज्यादा लोग रहने लगे हैं, हम कह सकते हैं कि यहाँ के लोगों की संख्या बढ़ गर्इ है। इसी तरह, यदि किसी का वनज कम हो गया है या वह पतला हो गया है तो हम कहेंगे कि उसका वजन घट गया है ।बाइबल में इस्तेमाल किए गए तरीके यूनानी एवं इब्री भाषा में विशेष हैं। इन तरीकों को पहचानना महत्वपूर्ण हैं क्योंकि अनुवादकों के सामने समान समस्याओं को लाते हैं कि उनका अनुवाद कैसे किया जाए। एक बार अनुवादक को पता चल जाए कि उस चुनौती का हल कैसे निकले तो वे हर जगह पर इसका सामना करने के लिए तैयार होंगे। उदाहरण के तौर पर, विचार जोड़ने का एक तरीका है कि बाइबल में चाल को व्यवहार से एवं मार्ग को व्यवहार के एक तरीके से जोड़ा गया है। भजन संहिता 1 में, दुष्ट की युक्ति में चलने का अर्थ है दुष्ट के कहे अनुसार कार्य करना
यही तरीका हम भजन संहिता 119:32 में भी देख सकते हैं जहाँ परमेश्वर के मार्ग में दौड़ने का मतलब परमेश्वर की आज्ञाओं को मानना है। चूँकि दौड़ाना चलने से अधिक गंभीर है, दौड़ने का अर्थ पूरे दिल से कार्य करना हो सकता है। मैं तेरी विधियों के मार्ग में दौड़ूँगा (भजन संहिता 119:32 ULB) कारण यह अनुवाद का मामला हैये तरीके तीन चुनौतियों को पेश करते हैं जो उन्हे पहचानना चाहता है:
1 राजा 7:50 में, कैंची एक सामान्य दीवट की बत्ती को काटने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला औजार है 2 शमुएल 21:17 में इस्राएल का दीवट दाऊद राजा के जीवन को दिखाता है जब उसके लोग चिंतित थे कि ‘‘इस्राएल का दीवट बुझ न जाए’’, तो उनकी चिंता थी कि उसे मार डाला न जाए कटोरे, दीवट की कैंचियाँ, तसले, चिमटे और धूपदान सब चोखे सोने से बने थे (1 राजा 7:50 ULB)
तब दाऊद के जनों ने शपथ खाकर उससे कहा, ‘‘तू फिर हमारे संग युद्ध करने नही जाएगा, ऐसा न हो कि तेरे मरने से इस्राएल का दीया बुझ जाए’’ (2 शमूएल 21:16-17 ULB)
उदाहरण के तौर पर, 2 शमुएल 14:7 में, ‘‘अंगारा’’ पुत्र के जीवन की तश्वीर है जिसका प्रकटीकरण उसके पिता को याद कराता है। अत: यहाँ दो प्रकार के युग्मों को देख सकते हैं: पुत्र के जीवन के साथ अंगारे का संबंध एवं पुत्र का पिता की याद के साथ संबंध
और वारिस को भी नाश करें। इस तरह वे मेरे अंगारे को जो बच गया है बुझाएंगे, और मेरे पति का नाम और सन्तान धरती पर से मिटा डालेंगे (2 शमूएल 14:7 ULB) बाइबल के तश्वीरों के लिंकनिम्न पéों में उन विचारों की सूचियाँ हैं जो बाइबल मं किसी दूसरे को प्रकट करते हैं। इन्हे तश्वीरों के प्रकार के आधार पर क्रमबद्ध किया गया है
बाइबल के रूप - सामान्य मेटोनिमीThis page answers the question: बाइबल में आमतौर पर उपयोग की गर्इ मेटोनिमी कौन कौनसी हैं? In order to understand this topic, it would be good to read:
बाइबल में से कुछ रूपकों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है। एक कटोरा अथवा बर्तन दिखाता है कि उसमें क्या है
कटोरे में इतना कुछ है कि वह उसके मूँह के ऊपर से बह रहा है
लोग कटोरा नही पीते हैं। जो कटोरे के अंदर जो है, उसे पीते हैं मूँह शब्दों अथवा बातचीत को दिखाता है
वरन मैं अपने वचनों (मूँह) से तुमको हियाव दिलाता (अय्यूब 16:5 ULB)
इन उदाहरणों में मूँह उन बातों को दिखाता है जो एक व्यक्ति कहता है एक व्यक्ति की याद उसके वंशजों को दिखाता हैएक व्यक्ति की याद उसके वंशजों को दिखाता है क्योंकि वे ही याद करते और उसका सम्मान करते हैं। यदि बाइबल कहती है किसी की याद चली गर्इ, तो इसका मतलब है कि या तो उसकी संतान नही है, या उनकी मृत्यु होगी।
पृथ्वी पर से उसका स्मरण मिट जाएगा (अय्यूब 18:17 ULB)
एक व्यक्ति लोगों के समूह को दिखाता है
यह किसी दुष्ट विशेष की ओर इशारा नही है परंतु आम दुष्ट लोगों की ओर इशारा है व्यक्ति का नाम उसके वंशजों को बुलाता है
गाद, नप्ताली और आशेर जैसे नाम केवल मनुष्यों को ही नही, वरन् उनकी संतानों को भी दिखाते हैं एक व्यक्ति स्वयं को और लोगों को खुद के द्वारा प्रकट करता है
यहाँ ‘‘अब्राम’’ शब्द अब्राम एवं उसके साथ यात्रा करने वाले लोगों को दिखाता है। केन्द्र अब्राम पर था बेधना मारने को दिखाता है
इसका अर्थ है कि उसने सर्प को मारा
‘‘जिन्होने बेधा’’ का मतलब है जिन्होने यीशु को मारा। पाप (अपराध) उन पापों के दण्ड को दिखाता है
इसका अर्थ है कि उसने उस पर वह दण्ड लाद दिया जो हम सबको मिलना था। विस्तृत रूपकThis page answers the question: विस्तृत रूपक क्या है? In order to understand this topic, it would be good to read:
वर्णनविस्तृत रूपक एक व्यापक रूपक होता है जो एक ही बार में अनेक मानसिक चित्रण और अनेक विचारों को काम में लेता है| यह सुबोध रूपक की विषमता में होता है क्योंकि इसमें एक ही मानसिक चित्रण और एक ही विचार होता है| एक विस्तृत रूपक और जटिल रूपक में जो अंतर है वह है कि विस्तृत रूपक लेखक/वक्ता द्वारा सविस्तार वर्णन किया जाता है जबकि जटिल रूपक में ऐसा नहीं किया जाता है| विस्तृत रूपक की व्याख्यारूपक के प्रयोग में लेखक/वक्ता किसी तात्कालिक विषय के सम्बन्ध में एक अवस्तुपरक विचार को व्यक्त करने के लिए बोधगम्य मानसिक चित्रण को रचता है जिसमें विषय विशेष और मानसिक चित्रण में कम से कम एक बात की तुलना की गई हो| विस्तृत रूपक में, लेखक/वक्ता विषय विशेष का सविस्तार वर्णन करता है| तदोपरांत वह अनेक मानसिक चित्रणों का वर्णन करते हुए अनेक विचारों का संचार करता है| यशायाह 5:1-7 में, भविष्यद्वक्ता दाख की बारी (मानसिक चित्रण) का उपयोग करता है कि इस्राएल से परमेश्वर की निराशा (विचार) को व्यक्त करे जिसका (विषय) है, परमेश्वर और उनके साथ बंधी हुई परमेश्वर की वाचा के साथ विश्वासघात| किसान अपनी बारी की देख-रेख करता है और जब उसकी बारी में बुरे फल उत्पन्न हों तो वह किसान अत्यधिक निराश हो जाता है| यदि दाख की बारी लम्बे समय तक बुरे फल दे तो किसान अंततः उसको त्याग देता है| इसको हम विस्तृत रूपक कहते हैं क्योंकि भविष्यद्वक्ता दाख की बारी से सम्बंधित अनेक मानसिक चित्रणों का और साथ ही साथ परमेश्वर की निराशा के अनेक पक्षों का सविस्तार वर्णन करता है|
बाईबल के अन्य उदाहरणभजन संहिता 23 में, भजनकार एक वस्तुपरक मानसिक चित्रण ,चरवाहे के माध्यम से परमेश्वर के विधान (विषय) का वर्णन करता है कि वह अपने लोगों के लिए महान चिंता और देख-रेख (विचार) करता है| भजनकार भेड़ों के संरक्षण में किए गए चरवाहे के अनेक कार्यों (उनको चारागाहों में ले जाना, पानी के पास ले जाना और उनकी रक्षा करना) का वर्णन करता है| भजनकार उन अनेक कार्यों का भी वर्णन करता है जो परमेश्वर उसकी सुध रखने में करता है (उसको जीवन देता है, धार्मिकता देता है, उसे शान्ति देता है, आदि|) चरवाहे भेड़ों को उनकी आवश्यकता की वस्तुएं देते हैं, उनको सुरक्षित स्थानों में ले जाते हैं, उनको संकटों से उबार लेते हैं, उनकी अगुआई करते हैं और उनकी रक्षा करते हैं| परमेश्वर अपने लोगों के लिए जो करता है वे ऐसे ही काम हैं|
कारण कि यह अनुवाद की समस्या है
अनुवाद के सिद्धांत
अनुवाद की युक्तियाँयदि आपके पाठक आरंभिक पाठकों के तुल्य समझ पाएं तो रूपकों का प्रयोग ज्यों का त्यों ही करें, यदि नहीं, तो यहाँ कुछ युक्तियाँ दी गई हैं: (1) यदि लक्षित भाषा के पाठक सोचते हैं कि मानसिक चिओत्रनोन को ज्यों का त्यों रखने से समझ में आ जाएंगी तो रूपकों को "जैसे कि" या "जिस प्रकार" जैसी उक्तियों के प्रयोग से उपमा रूप में व्यक्त करें| पहले और दुसरे वाक्यों में ऐसा करना पर्याप्त ही होगा| (2) यदि लक्षित भाषा के पाठक मानसिक चित्रणों को नहीं समझ पाते हैं तो उनका अनुवाद करने की विधियों की खोज करें जिससे कि वे समझ सकें कि वह मानसिक चित्रण क्या है| (3) यदि लक्षित भाषा के पाठक तब भी न समझ पाएं तो स्पष्ट व्यक्त करें| अनुवाद की युक्तियों के उदाहरणों की प्रासंगिकता(1) यदि लक्षित भाषा के पाठक सोचते हैं कि मानसिक चिओत्रनोन को ज्यों का त्यों रखने से समझ में आ जाएंगी तो रूपकों को "जैसे कि" या "जिस प्रकार" जैसी उक्तियों के प्रयोग से उपमा रूप में व्यक्त करें| पहले और दुसरे वाक्यों में ऐसा करना पर्याप्त ही होगा| उदाहरणार्थ देखें भजन संहिंता 23:1-2.
या जिस प्रकार
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Biblical Imagery – Common Metaphors in the Bibleबाइबल आधारित छवियाँ - देह के अंग एवं मानवीय गुणThis page answers the question: देह के अंगों और मानवीय गुणों के कुछ उदाहरण क्या हैं जो बाइबल में छवियों के रूप में उपयोग किए जाते हैं। In order to understand this topic, it would be good to read:
शरीर के अंगों और मानवीय गुणों से युक्त बाइबल के कुछ सामान्य लक्षणालंकारों और रूपकों को नीचे वर्णमाला क्रम में सूचीबद्ध किया गया है। सभी बड़े अक्षरों में लिखे शब्द एक छवि की पहचान करते हैं जो एक विचार का प्रतिनिधित्व करती है। छवि का विशिष्ट शब्द छवि का उपयोग करने वाले प्रत्येक वचन में प्रकट नहीं हो सकता है, परन्तु पाठ तौभी किसी तरह से छवि की अवधारणा को संचारित करेगा। देह लोगों के समूह का प्रतिनिधित्व करती हैl
इन वचनों में, मसीह की देह मसीह के पीछे चलने वाले लोगों के समूह का प्रतिनिधित्व करती है। एक भाई एक व्यक्ति के रिश्तेदारों, सहयोगियों या साथियों का प्रतिनिधित्व करता है
एक पुत्री एक कस्बे या नगर के पास स्थित गाँव का प्रतिनिधित्व करता हैएक माता एक कस्बे या शहर को चारों से गाँवों से घिरे हुए होने का प्रतिनिधित्व करती है
चेहरा किसी की उपस्थिति, दृष्टि, ज्ञान, धारणा, ध्यान या निर्णय का प्रतिनिधित्व करता है
किसी से अपना चेहरा छिपाने का अर्थ उसे अनेदखा करना है। बहुत से ऐसे हैं जो शासक का चेहरा देखना चाहते हैं। (नीतिवचन 29:26 ULT) यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति का चेहरा देखना चाहता है, तो वह यह आशा करता है कि वह व्यक्ति उस पर ध्यान देगा।
किसी के सामने कुछ रखने के लिए उसे ध्यान से देखना या उस पर ध्यान देना है। चेहरा कुछ का प्रतिनिधित्व करता है
चेहरा किसी चीज की सतह का प्रतिनिधित्व करता है
एक पिता किसी के पूर्वज का प्रतिनिधित्व करता हैएक बेटा किसी के वंशज(जों) का प्रतिनिधित्व करता है
हाथ एक व्यक्ति की शक्ति, नियंत्रण, मध्यस्थता या गतिविधि का प्रतिनिधित्व करता है
" परमेश्वर मेरे हाथ के द्वारा मेरे शत्रुओं पर जल की धारा के समान टूट पड़ा है" का अर्थ है "याहवे ने मुझे मेरे शत्रुओं पर धारा के समान टूट पड़ने के लिए उपयोग किया है।"
"तेरा हाथ तेरे सब शत्रुओं को ढूँढ़ निकालेगा" का अर्थ है कि "तू अपनी शक्ति से अपने सभी शत्रुओं को अपने अधीन कर लेगा।"
"उसका हाथ ऐसा छोटा नहीं है" का अर्थ यह है कि वह कमजोर नहीं है। सिर नोक, शीर्ष, या किसी चीज़ के ऊपरी भाग का प्रतिनिधित्व करता है
मन सोचने या महसूस करने की क्रिया का प्रतिनिधित्व करता है
दिल एक व्यक्ति के रवैये का प्रतिनिधित्व करता है
इस संदर्भ में, पूरे दिल से भरे हुए होने का अर्थ घमण्ड या अभिमानी होना है। आँखें दृष्टि, ज्ञान, धारणा, ध्यान या निर्णय का प्रतिनिधित्व करती है
आँखें एक व्यक्ति के रवैये का प्रतिनिधित्व करती हैं
ऊँची आँखें दिखाती हैं कि एक व्यक्ति घमण्डी है।
नीची आँखें दिखाती हैं कि एक व्यक्ति नम्र है। सिर एक शासक, एक अगुवे या दूसरों पर अधिकार रखने वाले व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है
एक स्वामी किसी भी ऐसी बात का प्रतिनिधित्व करता है जो एक व्यक्ति को कार्य करने के लिए प्रेरित करती है
परमेश्वर की सेवा के लिए परमेश्वर से प्रेरित होना होता है। धन की सेवा करने के लिए धन से प्रेरित होना होता है। मुँह का अर्थ बोलने या शब्दों से है
इन उदाहरणों में मुँह से तात्पर्य है कि कोई व्यक्ति क्या कहता है। एक नाम उस व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है जिसके वह नाम होता है
यदि किसी का नाम बजडा है, तो इसका अर्थ है कि वह महान है।
किसी के नाम से भयभीत होना उसे सम्मानित करना है। एक नाम किसी की प्रसिद्धि या प्रतिष्ठा का प्रतिनिधित्व करता है
परमेश्वर के नाम को अपवित्र करना उसकी प्रतिष्ठा को अपवित्र करना है, अर्थात् ऐसी अपिवत्रता जिसमें लोग उसके बारे में सोचते हैं।
परमेश्वर के नाम को पवित्र मानना लोगों को प्रेरित करना है कि परमेश्वर पवित्र हैं।
तथ्य यह है कि पुरुषों ने कहा कि उन्होंने परमेश्वर के बारे में एक रिपोर्ट सुनी है, जो यह दर्शाती है कि "परमेश्वर के नाम के कारण" का अर्थ परमेश्वर की प्रतिष्ठा का कारण है। एक नाम किसी की शक्ति, अधिकार, पदवी या प्रतिष्ठा का प्रतिनिधित्व करता है
नाक क्रोध का प्रतिनिधित्व करती है
इब्रानी में, एक लाल नाक क्रोध का प्रतिनिधित्व करती है, जिसमें ऐसी छवियाँ शामिल हैं जो एक व्यक्ति के नाक से आ रही हवा या धुएँ के विस्फोट के रूप में भरी हुई होती हैं। "लाल नाक" के विपरीत एक "लंबी नाक" है। इब्रानी में "क्रोध में धीरजवन्त" वाक्यांश का शाब्दिक अर्थ "नाक का लंबा होना।" एक लंबी नाक धैर्य का प्रतिनिधित्व करती है, जिसका अर्थ है कि उस व्यक्ति की नाक को लाला होने में अधिक समय लगता है। एक पुत्र एक जानवर(रों) की संतानों का प्रतिनिधित्व करता है
कुछ का पुत्र किसी अन्य चीज के गुणों को दर्शाता है
दुष्टता का पुत्र दुष्ट व्यक्ति होता है।
यहाँ मृत्यु की सन्तान वे लोग हैं जिन्हें दूसरों ने मारने की योजना बनाई है।
यहाँ क्रोध की सन्तान वे लोग हैं जिनके ऊपर परमेश्वर बहुत अधिक क्रोधित है। बोली किसी व्यक्ति या लोगों के समूह द्वारा बोली जाने वाली भाषा का प्रतिनिधित्व करती है
अनुवाद रणनीतियाँबाइबल आधारित छवियाँ- सामान्य पद्धतियाँ पर अनुवाद रणनीतियाँ देखें। बाइबल के रूप - मानवीय व्यवहारThis page answers the question: लोगों के कार्यों में वे कौनसे उदाहरण हैं जिनका उपयोग बाइबल में अलंकार के रूप में किया गया है In order to understand this topic, it would be good to read:
बाइबल में वर्णित शरीर के अंगों और मनुष्यों के गुणों से संबंधित कुछ तश्वीरों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है. बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं. यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है झुके हुए का मतलब है निराश
प्रसव पीड़ा एक नर्इ हालत को पाने में जरूरी दर्द को दिखाती है
क्योंकि जाति पर जाति, और राज्य पर राज्य चढ़ार्इ करेगा और जगह जगह अकाल पड़ेंगे, और भुर्इडोल होंगे ये सब बातें (प्रसव) पीड़ाओं का आरम्भ होंगी (मत्ती 24:7-8)
कुछ कहलाना दिखाता है कि वह व्यक्ति वैसा है
कारण, वह वास्तव में संपूर्ण पृथ्वी का परमेश्वर है
कारण, वह वास्तव में समझवाला है
कारण, वह वास्तव में परमप्रधान का पुत्र है
कारण, वह वास्तव में परमेश्वर का पुत्र है
कारण, वह वास्तव में प्रभु के लिए पवित्र है शुद्धता का मतलब परमेश्वर के मकसद के लिए स्वीकार्य बनना हैतब नूह ने यहोवा के लिये एक वेदी बनार्इ और सब शुद्ध पशुओं, और सब शुद्ध पक्षियों में से, कुछ कुछ लेकर वेदी पर होमबलि चढ़ाया परमेश्वर ने सुखदायक सुगंध ली (उत्पत्ति 8:20 ULB)
शुद्ध करना किसी वस्तु को परमेश्वर के लिए स्वीकार्य बनाना है
क्योंकि उस दिन तुम्हें शुद्ध करने के लिये तुम्हारे निमित्त प्रायश्चित्त किया जाएगा; और तुम अपने सब पापों से यहोवा के सम्मुख पवित्र ठहरोगे (लैव्यव्यवस्था 16:30 ULB) अशुद्धता का मतलब परमेश्वर के स्वीकार्य योग्य नही होना है
और इनमें से किसी की लोथ जिस किसी वस्तु पर पड़ जाए वह भी अशुद्ध ठहरे, चाहे वह काठ का कोर्इ पात्र हो, चाहे वस्त्र, चाहे खाल, चाहे बोरा चाहे किसी काम का कैसा ही पात्रादि क्यों न हो; वह जल में डाला जाए, और सांझ तक अशुद्ध रहे तब शुद्ध समझा जाए (लैव्यवस्था 11:32 ULB) किसी वस्तु को अशुद्ध करने का मतलब है उसे परमेश्वर के लिए अस्वीकार्य बनाना
किसी के यहाँ जा नही पाने का मतलब है कि वह उससे अलग हो गया है
बीच में से नाश करने का मतलब है मार दिया जाना
इसलिये जो प्राणी उस दिन दु:ख न सहे वह अपने लोगों में से नाश किया जाएगा जो प्राणी उस दिन किसी प्रकार का कामकाज करे, उसे मैं उसके लोगों के बीच में से नाश कर डालूंगा (लैव्यव्यवस्था 23:29-30 ULB)
किसी के सामने आने और खड़े होने का मतलब है उसकी सेवा करनाधन्य हैं तेरे जन! धन्य हैं तेरे ये सेवक! जो नित्य तेरे सम्मुख उपस्थित रहकर तेरी बुठ्ठि की बातें सुनते हैं (1 राजा 10:8 ULB)>वाचा की विश्वासयोग्यता और सच्चार्इ तेरे आगे आगे चलती है (भजन संहिता 89:14 ULB) >वाचा की विश्वासयोग्यता और सच्चार्इ को यहाँ व्यक्तिरूप दिया गया है (देखें [Personification](#figs-personification)) #### शराबीपन कष्ट को एवं दाखमधु न्याय को दिखाता है अधिक मदिरा व्यक्ति को कमजोर बनाती एवं लड़खड़ाती है. इसी प्रकार, जब लोग न्याय करते हैं तो वे भी कमजोर होते और लड़खड़ाते हैं. अत: दाखमधु का विचार परमेश्वर के न्याय को दिखाने के लिए लाया गया है >तूने अपनी प्रजा को कठिन दु:ख भुगताया >तूने हमें लड़खड़ा देनेवाला दाखमधु पिलाया है (भजन संहिता 60:3 ULB) भजन संहिता से एक और उदाहरण >परंतु परमेश्वर ही न्यायी है >वही एक को उठाता और दूसरे को गिराता है >यहोवा के हाथ में एक कटोरा है, जिसमें का दाखमधु झागवाला है >उसमें मसाला मिला है, और वह उसमें से उंडेलता है >निश्चय उसकी तलछट तक पृथ्वी के सब दुष्ट लोग पी जाएंगे (भजन संहिता 75:8 ULB) प्रकाशितवाक्य से एक उदाहरण >वह परमेश्वर के प्रकोप की निरी मदिरा जो उसके क्रोध के कटोरे में डाली गर्इ है, पीएगा (प्रकाशितवाक्य 14:10 ULB) #### खा जाने का मतलब है नाश कर देना >परमेश्वर इस्राएल को मिस्र में से निकाले लिये आ रहा है >वह तो बनैले सांड के सामान बल रखता है >जाति जाति के लोग जो उसके द्रोही है उनको वह खा जायेगा > और उनकी हड्डियों को टुकडे़ टुकडे़ करेगा >और अपने तीरों से उनको बेधेगा (गिनती 24:8 ULB) ‘‘खा डालने’’ का एक और शब्द है निगलना > इस कारण जैसे अग्नि की लौ से खूंटी भस्म होती है और सूखी घास जलकर बैठ जाती है >वैसे ही उनकी जड़ सड़ जाएगी और उनके फूल धूल होकर उड़ जाएंगे (यशायाह 5:24 ULB) यशायाह से एक और उदाहरण >इस कारण यहोवा उन पर रसीन के बैरियों को प्रबल करेगा और उनके शत्रुओं को >अर्थात् पहिले आराम को और तब पलिश्तियों को उभारेगा >और वे मुंह खोलकर इस्राएलियों को निगल लेंगे (यशायाह 9:11-12 ULB) व्यवस्थाविवरण से एक उदाहरण >मैं अपने तीरों को लहू से मतवाला करूँगा >और मेरी तलवार माँस खाएगी >वह लहू, मारे हुओं और बन्धुओं का >और वह मांस, शत्रुओं के प्रधानों के शीश का होगा (व्यवस्थाविवरण 32:42 ULB) #### उतरना अथवा में डालना प्रभाव डालने को दिखाता हैतब यहोवा परमेश्वर ने आदम को भारी नींद में डाल दिया, और जब वह सो गया (उत्पत्ति 2:21 ULB)>क्या तुम उसके माहात्म्य से भय न खाओगे? >क्या उसका डर तुम्हारे मन में न समाएगा (उतारेगा)? (अय्यूब 13:11 ULB)तब यहोवा का आत्मा मुझ पर उतरा, और मुझसे कहा यहेजकेल 11रू5 ULB |