प्रवाल भित्ति क्या है इसके प्रकार? - pravaal bhitti kya hai isake prakaar?

मुख्यपृष्ठGS PAPER 1प्रवाल भित्ति क्या होते है और प्रवाल भित्तियों के प्रकार बताइए ।(What are coral reef and the types of coral reefs.)

प्रवाल भित्ति क्या होते है और प्रवाल भित्तियों के प्रकार बताइए । 

प्रवाल भित्ति क्या है इसके प्रकार? - pravaal bhitti kya hai isake prakaar?



प्रवाल भित्ति:-

  • प्रवाल महासागरों में मिलने वाली चूने की ऐसी चट्टानें होती हैं जो मूंगे या कोरल पॉलिप्स नामक सागरीय जीवों के कंकाल से बनी होती हैं ।
  •  महासागरों में समूह में एक ही स्थान पर अनगिनत (innumerable) मूँगे निवास करते हैं । 
  • प्रवाल एक जीव होता है जो अपने चारों ओर एक चूने का खोल का निर्माण कर लेता है और यह अपना भोजन सागरीय जल से प्राप्त करता है । परन्तु जब एक प्रवाल मर जाता है तो उसके खोल के ऊपर दूसरा प्रवाल अपना खोल का निर्माण करने लगता है और धीरे - धीरे एक - एक करके अनेक प्रवाल बढ़ते जाते हैं ।
  •  इस क्रिया लम्बे समय में एक विस्तृत(Detailed) भित्ति बन जाती है । जिसे प्रवाल भित्ति कहते हैं
  • सरल शब्दों में प्रवाल भित्तियाँ अन्तःसागरीय चबूतरों (poplars) पर सागरीय जीव मूंगे अथवा कोरल पॉलिप के अस्थि पंजरों के इक्कठा (Combination ) होने से बनती हैं । 
  • महासागरों में मिलने वाली प्रवाल भित्तियों को दो रूपों में विभाजित किया जा सकता है और आकृति के आधार पर इन्हें तीन वर्गों में रखा जाता है

1.तटीय प्रवाल भित्ति- 

  • महाद्वीपीय तट या द्वीप के साथ बनने वाली प्रवाल भित्तियों को तटीय भित्तियाँ कहा जाता है।। इसका सारवर्ती खड़ा एवं तीव्र ढाल वाला होता है , जबकि स्थलोन्मुख (Landward) भाग मन्द ढाल वाला होता है । उपर वाली सतह असमान तथा ऊबड़ - खाबड़ (bumpy) होती है ।
  •  भित्तियाँ यद्यपि स्थलीय भाग से सटी रहती हैं परन्तु कभी - कभी इनके स्थलभाग के बीच अन्तराल हो जाने के कारण उनमें छोटी लैगून का निर्माण हो जाता है जिन्हें बोट चैनल कहा जाता है । प्रवाल भित्तियाँ सामान्यता कम चौड़ी तथा संकरी होती है । 
  • जहाँ कहीं भी नदी सागर में गिरती है , वहाँ पर तटीय प्रवाल भित्तियों की  स्थिति भंग हो जाता है । इस तरह की भित्तियाँ सकाऊ द्वीप , दक्षिणी फ्लोरिडा , मलेशिया द्वीप के सहारे पायी जाती हैं ।

प्रवाल भित्ति क्या है इसके प्रकार? - pravaal bhitti kya hai isake prakaar?


2.अवरोधक प्रवाल भित्ति- 

प्रवाल भित्ति क्या है इसके प्रकार? - pravaal bhitti kya hai isake prakaar?

  •  सागरीय तट से कुछ दूर किन्तु उसके समानान्तर स्थित वृहदाकार (oversized) प्रवाल भित्ति को अवरोधक प्रवाल भित्ति कहा जाता है
  •  ये सभी प्रकार के भित्तियों से लम्बी , विस्तृत , चौड़ी तथा ऊँची होती . हैं । इनका ढाल 45 ° तक होता है , परन्तु कुछ का ढाल 15 ° -25 ° तक ही होता है तट तथा इनके बीच विस्तृत किन्तु छिछली लैगून का आविर्भाव (appearance) हो जाता है ।
  •  अवरोधक भित्तियाँ लगातार अविच्छित्र रूप में नहीं मिलती हैं , वरन् स्थान - स्थान पर ये टूटी होती हैं  जिस कारण लैगून का सम्बन्ध खुले सागर से बना रहता है । इन अन्तरालों को ज्वारीय प्रवेश मार्ग कहते हैं 
  •  जिनसे होकर जलयान भी आ जाते हैं । इन भित्तियों का आधार अधिक गहराई में मिलता है । 
  • कभी - कभी तो आधार इतना गहरा होता है कि वह प्रवाल विकास की सीमा से अधिक हो जाती है । यह गहराई अवरोधक प्रवाल भित्तियों के सामने एक कठिन समस्या पैदा कर देती है ।
  •  इनके समाधान में बताया जाता है कि अवरोधक प्रवाल भित्तियों के बन जाने के बाद उनके आधार में अवतलन हुआ होगा । विश्व की सर्वप्रमुख अवरोधक प्रवाल भित्ति ग्रेट - बैरियर रीफ है जो आस्ट्रेलिया के पूर्वी तट के सहारे 9 ° से 22 ° दक्षिण अक्षांशों के मध्य 1200 मील की लम्बाई में पायी जाती । 
  • इसका उत्तरी सिरा तट से 80 मील तथा दक्षिणी सिरा 7 मील ( 11 किमी . ) दूर है । इस तरह प्रवाल भित्ति की तट से दूरी 20 से 30 मील के बीच पायी जाती है । तट तथा भित्ति के बीच स्थित लैगून की गहराई 40 फैदम तथा चौड़ाई 7 से 80 मील है । 
  • जगह - जगह पर प्रवाल भित्ति टूटी है जिस कारण लैगून का सम्बन्ध खुले प्रशान्त महासागर से हो जाता है । 

3.प्रवाल भित्ति या एटॉल- 

प्रवाल भित्ति क्या है इसके प्रकार? - pravaal bhitti kya hai isake prakaar?

  • घोड़े की नाल या अंगूठी के आकार की मूंगा चट्टान को 'एटोल' कहा जाता है
  • इसकी स्थिति सामान्यता द्वीप के चारों ओर या जलमग्न पठार के ऊपर बीच में लैगून होती है , जिसकी अण्डाकार रूप में पायी जाती है , परन्तु इसका कोई न कोई भाग खुला अवश्य रहता है । इसके 40 से 70 फैदम तक होती है । इसकी ऊपरी सतह पर ताड़ के वृक्ष पाये जाते हैं । एटॉल प्रायः तीन प्रकार के होते हैं 
  • ( 1 ) वे एटॉल जिनके बीच में द्वीप नहीं पाया जाता है । केवल प्रवाल के बलयाकार श्रेणियाँ (Categories) ही पायी जाती हैं ,
  •  ( ii ) वे एटॉल जिनके मध्य में द्वीप पाया जाता है  
  • ( ii ) वे एटॉल जिनके मध्य में पहले से द्वीप तो नहीं रहता,परन्तु बाद में सागरीय तरंगों द्वारा अपरदन एवं निक्षेपण द्वारा उनके ऊपर द्वीप जैसा बन जाता है । इन्हें प्रवाल द्वीप या एटॉल द्वीप कहा जाता है
  • फुराफुटी एटॉल एक प्रसिद्ध एटॉल है ।
  •   एटॉल एण्टीलीज सागर ,  इण्डोनेशिया सागर , लाल सागर ,चीन सागर तथा आस्ट्रेलिया सागर में अधिकता से पाये जाते हैं । 

प्रवाल भित्ति क्या है इसके प्रकार लिखिए?

प्रवाल भित्तियाँ मूल रूप से तीन प्रकार की होती हैं: तटीय या झालरदार, अवरोधक तथा एटॉल। तटीय प्रवाल भित्तियाँ प्रवालों की ऐसी सरंचनाएँ होती हैं, जो समुद्र तल पर मुख्य भूमि के निकट के किनारों पर पाई जाती हैं। चट्टानों के टुकड़ों, मृत प्रवालों और मिट्टी से निर्मित होती हैं।

प्रवाल भित्ति मुख्यत कितनी प्रकार की होती है?

प्रवाल भित्ति के प्रकार (Types of coral reefs).
तटीय प्रवाल भित्ति (fringing reef) तटीय प्रवाल भित्ति 50-55 मीटर मोटी और कम गहरे लैगून की संरचना है, जो महाद्वीपों से सलंग्न होती है. ... .
अवरोधक प्रवाल भित्ति (barrier reef) ... .
वलयाकार प्रवाल भित्ति (atoll reef).

प्रवाल भित्ति विशेषताएं क्या हैं?

प्रवाल मुख्यत: कठोर रचना वाले खोल होते हैं जिनमें मुलायम जीव रहते हैं। यह बड़े होकर तटो के सहारे छिछले चबूतरो पर विकसित होते रहते हैंप्रवाल विशेष प्रकार के रंगों वाले होते हैं। जब कोई प्रवाल मरता है तो दूसरा उसी के शरीर पर कड़ी के रूप में विकसित हो जाता है इसकी आकृति टहनियों की तरह अथवा शाखाओं की तरह हो जाती है

प्रवाल क्या होते हैं Hindi?

प्रवाल, पॉलिप कहे जाने वाले छोटे जीवों की एक बस्ती है. ये जीव सैकड़ों और हज़ारों के समूहों में रहते और काम करते हैं. इस पॉलिप का, ज़ूजैनथेलऑय कहे जाने वाले छोटे, पौधे जैसे जीवों के साथ सहजीवी संबंध होता है.