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अल्सरेटिव कोलाइटिस में क्या खाएं, क्या न खाएं - What to eat and avoid during ulcerative colitis in hindiशेयर करें December 02, 2021 कई बार आवाज़ आने में कुछ क्षण का विलम्ब हो सकता है! अल्सरेटिव कोलाइटिस या आंतों में सूजन की समस्या बड़ी आंत और मलाशय में लंबे समय तक रहने वाली इन्फ्लेमेशन (आंतरिक सूजन और जलन) से जुड़ी बीमारी है। यह एक इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज (आईबीडी) है जिसमें बड़ी आंत (कोलोन) में सूजन और बड़ी आंत की अंदरूनी परत और मलाशय में घाव या अल्सर का कारण बनती है। अल्सरेटिव कोलाइटिस को ऑटोइम्यून बीमारी माना जाता है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम खुद शरीर पर ही हमला करने लगता है। पेट में दर्द, मल में खून आना, डायरिया, जी मिचलाना, मलाशय से खून आना, थकान और वजन कम होना आदि अल्सरेटिव कोलाइटिस के सामान्य लक्षण हैं। शोधकर्ताओं को यह अभी तक स्पष्ट रूप से पता नहीं है कि अल्सरेटिव कोलाइटिस या आंतों में सूजन की समस्या किस कारण से होती है, लेकिन उन्हें लगता है कि यह एक गलत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के कारण हो सकती है। कुछ खाद्य पदार्थ भी ऐसे हैं जो इस स्थिति को बदतर कर सकते हैं। यही वजह है कि अल्सरेटिव कोलाइटिस से पीड़ित व्यक्ति को अपने लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद करने के लिए अपने आहार को संशोधित करने की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि, एक भी डाइट या डाइट प्लान ऐसा नहीं है जो अल्सरेटिव कोलाइटिस के सभी मरीजों पर फिट हो जाए। मरीज के लक्षणों के आधार पर विभिन्न प्रकार के आहार की सिफारिश की जाती है। (और पढ़ें - अल्सरेटिव कोलाइटिस का घरेलू उपाय) ऐसे में अल्सरेटिव कोलाइटिस से पीड़ित व्यक्ति को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं इस बारे में हम आपको इस आर्टिकल में बता रहे हैं।
अल्सरेटिव कोलाइटिस में क्या खाएं, क्या न खाएं के डॉक्टर आंतों में सूजन के लिए विभिन्न डाइट - Various diets for Ulcerative Colitis in Hindiये सच है कि अल्सरेटिव कोलाइटिस में एक ही तरह का भोजन सभी लोगों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता लेकिन डाइट से जुड़े कुछ प्लान ऐसे हैं जिससे बीमारी से पीड़ित कुछ लोगों को मदद मिल सकती है और उनके लक्षण कंट्रोल में आ सकते हैं।
अल्सरेटिव कोलाइटिस के मरीजों को भोजन की मात्रा से ज्यादा पोषण पर ध्यान देने की जरूरत होती है क्योंकि डायरिया और रक्तस्राव के लक्षणों के कारण शरीर में डिहाइड्रेशन, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन और पोषक तत्वों की हानि की समस्या हो सकती है। अल्सरेटिव कोलाइटिस बीमारी से पीड़ित बहुत से मरीजों को 2-3 बड़े मील्स खाने की बजाए कई बार छोटे-छोटे मील्स खाना ज्यादा आसान लगता है। ऐसा करने से खाद्य पदार्थों से अवशोषित पोषण को बढ़ाने में भी मदद मिल सकती है। अल्सरेटिव कोलाइटिस में क्या खाएं? - What to eat in ulcerative colitis in Hindi?आंतों में सूजन होने की स्थिति में पोषक तत्वों पर खास ध्यान देने की जरूरत है. ऐसा इसलिए क्योंकि डायरिया और खून निकलने से डिहाइड्रेशन, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन (Electrolyte imbalance) और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है. आंतों में सूजन से दर्द होने पर आप डाइट की मदद से इसके प्रभाव को कम कर सकते हैं. हालांकि, हर व्यक्ति की डाइट अलग-अलग होती है. लेकिन अंडे, सोया बीन, गाजर का जूस, साबुत अनाज, प्रोबायोटिक्स जैसी कुछ चीजों का सेवन लगभग सबके लिए सही रहता है. आइए विस्तार से जानें आंतों में सूजन होने पर क्या खाएं. सालमन और टूनासालमन और टूना में ओमेगा 3 फैटी एसिड होते हैं, जो सूजन को कम करने में मददगार हैं. इससे आपको राहत भी मिलेगी. मैकरेल (Mackerel), हेरिंग (Herring), सार्डिन (Sardines), अलसी का तेल, साबुत अलसी और अखरोट भी ओमेगा 3 एसिड का बढ़िया स्रोत है. अंडे, चिकन और मीटआंतों में सूजन का दर्द जब बढ़ता है, तो उस समय प्रोटीन खत्म हो जाता है ऐसे में अगर प्रोटीन का सेवन किया जाए तो इससे खोए हुए पोषक तत्व वापस मिलते हैं. बता दें मीट और चिकन में प्रोटीन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. अंडे भी प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत होते हैं. जब आंतों में सूजन की वजह से दर्द बढ़ता है, तो इसके सेवन से आराम मिलता है. कुछ अंडों में ओमेगा-3 फैटी एसिड भी होते हैं, जो सूजन को कम करने में सहायक साबित हो सकते हैं. सोया प्रोटीनप्रोबायोटिक्सप्रोबायोटिक्स के लिए दही से बेहतर और कोई चीज नहीं है. इससे पाचन में मदद मिलती है. आप अपने लिए ऐसी दही का चुनाव करें, जिसमें चीनी की मात्रा बिल्कुल ना हो. ऐसा इसलिए क्योंकि चीनी के सेवन से आंतों में सूजन के लक्षण बढ़ सकते हैं. एवोकाडोएवोकाडो में भी प्रोटीन और हेल्दी फैट्स बहुत होते हैं. इनमें कैलोरी भी बहुत ज्यादा होती है लेकिन चूंकि इनमें 70% पानी होता है, तो इन्हें पचाने में आसानी रहती है. जूस और स्मूदीआंतों के सूजन का दर्द बढ़ने के दौरान जूस और स्मूदी से कुछ लोगों को राहत मिल सकती है. इससे पोषक तत्व भी मिलते हैं. गाजर के जूस में विटामिन ए और एंटीऑक्सीडेंट रहता है, जो आंतों के सूजन से होने वाले दर्द में कुछ लोगों की मदद कर सकता है. अल्सरेटिव कोलाइटिस में क्या न खाएं और परहेज - What not to eat in ulcerative colitis in Hindiआपका भोजन अल्सरेटिव कोलाइटिस का कारण नहीं बनता लेकिन कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे जरूर हैं जो बीमारी हो जाने के बाद लक्षणों को ट्रिगर करके स्थिति को और खराब कर सकते हैं। अगर उन खाद्य पदार्थों की पहचान कर ली जाए जिन्हें खाने के बाद बीमारी ट्रिगर होती है और उनसे परहेज किया जाए तो अल्सरेटिव कोलाइटिस के लक्षणों की आवृत्ति और गंभीरता को कम करने में मदद मिल सकती है। हालांकि, अल्सरेटिव कोलाइटिस के सभी मरीजों में एक ही तरह के भोजन से बीमारी ट्रिगर नहीं होती लेकिन खाने-पीने की कुछ चीजें ऐसी हैं जो समस्या को बढ़ा सकती हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में। अल्कोहल, कैफीन और कार्बोनेटेड पेय पदार्थशराब आंत को उत्तेजित कर सकती है जिससे डायरिया की समस्या ट्रिगर होती है। इसके अलावा कॉफी, चाय और एनर्जी ड्रिंक में मौजूद कैफीन भी एक उत्तेजक है और यह बड़ी आंत (कोलोन) में संक्रमण के समय को तेज कर सकता है, जिस कारण बार-बार मलत्याग के लिए जाना पड़ सकता है। सोडा और बियर सहित कई कार्बोनेटेड पेय पदार्थ ऐसे हैं जिसमें कार्बोनेशन होता है जो पाचन तंत्र को परेशान कर सकता है, और गैस का कारण बन सकता है। इसके अलावा कई पेय पदार्थ ऐसे भी है जिसमें चीनी, कैफीन या आर्टिफिशियल स्वीटनर रहता है और ये सारी चीजें अल्सरेटिव कोलाइटिस का कारण बन सकती हैं, बीमारी को ट्रिगर कर सकती हैं। साबुत अनाज से बनी ब्रेड, पास्ता, सेरियल्सजिन खाद्य पदार्थों में बहुत अधिक फाइबर होता है, उन्हें अल्सरेटिव कोलाइटिस से पीड़ित लोगों के लिए पचाने में मुश्किल होती है। साबुत अनाज से बनने वाले आटे में फाइबर की मात्रा अधिक होती है क्योंकि इसमें बीज या चोकर को हटाया नहीं जाता है। आपको किसी भी साबुत अनाज के आटे से बने भोजन को खाने से बचना चाहिए, जैसे: ब्रेड, सेरियल्स, पास्ता, नूडल्स, मैकरोनी आदि। सूखे मेवे और बीजसूखे मेवे, खाद्य पदार्थों में डले मेवे या उनका आटा, इनमें से किसी भी चीज को आपकी डाइट लिस्ट में नहीं होना चाहिए। नट्स में मौजूद फाइबर को पचाने में मुश्किल हो सकती है। इसलिए आपको अखरोट, हेजलनट्स, काजू, बादाम, मूंगफली, चिलगोजा, पिस्ता आदि नट्स का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए। सूखे मेवे की ही तरह कुछ बीज भी हैं जो अल्सरेटिव कोलाइटिस के लक्षणों को और बिगाड़ सकते हैं। बीजों में अघुलनशील फाइबर होता है जिससे पेट फूलना, डायरिया, पेट में गैस आदि साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकता है। लिहाजा आपको तिल, अलसी के बीज, सूरजमुखी के बीज, कद्दू के बीज आदि का भी सेवन नहीं करना चाहिए। फाइबर से भरपूर फल और सब्जियांवैसे तो फल और सब्जियां हमारी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं लेकिन ज्यादातर फल और सब्जियों में फाइबर की मात्रा अधिक होती है। लिहाजा आपको कच्चे फल और सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा आपको वैसे फल भी नहीं खाने चाहिए जिसके बीज आप निकाल नहीं सकते जैसे बेरीज। बिना पल्प वाले फ्रूट जूस का भी सेवन कर सकते हैं। सब्जियों का छिलका और बीज हटाकर और उन्हें अच्छी तरह से पकाकर ही खाएं। आप चाहें तो सब्जियों की प्यूरी या सूप बनाकर उनका सेवन कर सकते हैं क्योंकि ऐसा करने पर उन्हें पचाना आसान हो जाता है। पॉपकॉर्न और चॉकलेटपॉपकॉर्न एक और उच्च फाइबर वाला भारी भोजन है जो छोटी आंत में पूरी तरह से पचता नहीं है और दस्त और मलत्याग की तत्परता को ट्रिगर कर सकता है। चॉकलेट में कैफीन और चीनी होती है, ये दोनों पाचन तंत्र को परेशान कर सकते हैं और ऐंठन और लगातार मल त्याग का कारण बन सकते हैं। अल्सरेटिव कोलाइटिस में क्या खाएं, क्या न खाएं के डॉक्टरसम्बंधित लेखडॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ आंतों की सूजन में कौन से फल खाएं?केला: केले का सेवन अक्सर स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है लेकिन क्या आपको पता है कि इसके रोजाना सेवन से आंतों से जुड़ी कई गंभीर समस्याएं दूर हो जाती हैं। ये पाचन क्रिया को बेहतर बना के रखने में भी मदद करता है। यदि पेट में सूजन की समस्या रहती हो या बार-बार दर्द रहता हो तो केला का सेवन आप कर सकते हैं।
आंत की सूजन कैसे कम करें?आंत के सूजन को कम करने के लिए सबसे जरूरी है पानी
आंत के सूजन को कम करने या कंट्रोल करने के घरेलू उपायों में सबसे जरूरी है पर्याप्त मात्रा में पानी पीना। यह डिहाई़ड्रेशन से बचाता है। आंत के सूजन के मरीजों की सबसे बड़ी समस्या डिहाई़ड्रेशन की ही होती है। दरअसल, दस्त की वजह से उनके शरीर में जल्दी ही पानी की कमी हो जाती है।
आंत में सूजन है तो क्या खाना चाहिए?इसके लिए आपको खाने में कच्ची, उबली और पकी सब्जियों को शामिल करना जरूरी है. आप खाने में कुछ फलों, नट्स, स्प्राउट्स और प्रीबायोटिक्स से भरपूर खाना खाएं. प्रीबायोटिक्स से भरपूर खाना आंतों में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं. साथ ही आपको खाने में रंग-बिरंगे फल-सब्जियों को शामिल करनी चाहिए.
आंतों में सूजन कितने दिन में ठीक होता है?आंत में इन्फेक्शन होने पर पेट में दर्द की समस्या या सूजन देखी जा सकती है। यदि पेट का दर्द ज्यादा बढ़ गया है तो डॉक्टर के पास जाना न भूलें। क्योंकि आंत के इन्फेक्शन को ठीक होने में थोड़ा ज्यादा समय भी लग सकता है। वहीं यदि आप दवा को सही समय में खा लेते हैं तो 2-3 दिन के भीतर ही दर्द से आपको आराम मिल सकता है।
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