पृथ्वी की आंतरिक संरचना UPSC Notes - prthvee kee aantarik sanrachana upsch notais

 पृथ्वी की संरचना :- 

पृथ्वी की आंतरिक संरचना
पृथ्वी की आंतरिक संरचना संबंधित वैज्ञानिक स्रोत⬇️

  पृथ्वी की आंतरिक संरचना:- 

The International Union of Geodesy and Geophysics (IUGG) के आधार पर पृथ्वी के तीन वृहद मंडलों में विभाजित किया है।

(a) भू-पर्पटी (Crust) - 

 पृथ्वी के सबसे ऊपरी परत को भूपर्पटी कहते हैं। IUGG के अनुसार भू-पर्पटी की औसतन मोटाई 30 किलोमीटर मानी गई है यह बहुत ही भंगूर भाग है जो जल्दी टूट जाता है। पृथ्वी के कुल आयतन का 0.5% भाग भूपर्पटी का है। पृथ्वी पर महासागर और महाद्वीप केवल इसी भाग में स्थित है। भू-पर्पटी की निचली सीमा को मोहोरोविसिक असंबद्धता कहते हैं। भू-पर्पटी का निर्माण मुख्य तहसील का और एलमुनियम से हुआ है।

(b) मैंटल - 

भू-पर्पटी के निचले भाग को मेंटल कहा जाता है यह 2900 किलोमीटर की गहराई तक पाया जाता है। मैंटल की ऊपरी सतह को दुर्बलता मंडल कहा जाता है। इसका विस्तार 400 किलोमीटर तक है। मैंटल का आयतन पृथ्वी के कुल आयतन का लगभग 83% एवं द्रव्यमान का लगभग 68% है। क्रस्ट के निचले आधार पर भूकंप की लहरों की गति में अचानक वृद्धि होती है तथा यह बढ़कर 7.9 से 8.1 किलोमीटर प्रति सेकंड तक हो जाती है इससे निचले क्रस्ट एवं उपरी मंडल के मध्य एक असंबद्धता का निर्माण होता है। जो चट्टानों के घनत्व में परिवर्तन को दर्शाता है। इसे महो असंबद्धता भी कहा जाता है। मैंटल का निर्माण मुख्यतः सिलिका और मैग्नीशियम से हुआ है इसलिए इसे सीमा पढ़त भी कहते हैं। 

पृथ्वी की आंतरिक संरचना UPSC Notes - prthvee kee aantarik sanrachana upsch notais

पृथ्वी की आंतरिक संरचना,पृथ्वी की संरचना,internal structure of the earth,पृथ्वी की आंतरिक संरचना नोट्स

(c) क्रोड़ (core) -

मैंटल के बाद के भाग को क्रोड़ कहते हैं क्रोड़ को दो भागों में बांटा गया है पहला बह्यतम क्रोड़ और दूसरा आंतरिक क्रोड़ 2900 से 5150 किलोमीटर तक के भाग को बह्यतम क्रोड़ और 5150 से 6371 किलोमीटर तक के भाग को आंतरिक क्रोड़ कहते हैं बह्यतम क्रोड़ तरल और आंतरिक क्रोड़ ठोस अवस्था में रहती है। क्रोड़ का आयतन पूरी पृथ्वी का मात्र 16% है।

    निचले मैंटल के आधार पर 'p' तिरंगे की गति में अचानक परिवर्तन आता है तथा यह बढ़कर 13.6 किलोमीटर प्रति सेकंड हो जाती है यह चट्टान के घनत्व में एकाएक परिवर्तन को दर्शाता है। जिससे एक प्रकार की असंबद्धता उत्पन्न होती है। इसे गुटेनबर्ग विशार्ट असंबद्धता भी कहते हैं। 

        क्रोड़ के ऊपरी भाग में घनत्व 10 होता है जो अंदर जाने पर 12 से 13 तथा सबसे आंतरिक भागों में 13.6 हो जाता है इस प्रकार क्रोड़ का घनत्व मेंटल के घनत्व के दोगुने से भी अधिक होता है।

पृथ्वी की आंतरिक संरचना संबंधित वैज्ञानिक स्रोत :- 

वैज्ञानिकों ने पृथ्वी की आंतरिक संरचना की जानकारी निम्न शब्दों के माध्यम से दिया है।

 (1) अप्राकृतिक स्रोत या साधन :- 

इस साधन में पृथ्वी की आंतरिक संरचना की कल्पना घनत्व, दबाव और ताप के आधार पर किया गया है। 

(क) घनत्व -

 पृथ्वी की औसतन घनत्व 5.5 है जबकि भू-पर्पटी की घनत्व 3.0 ही है। इस आधार पर यह निष्कर्ष निकलता है कि पृथ्वी की आंतरिक भाग का घनत्व 5.5 से ज्यादा होगा। पृथ्वी के आंतरिक भाग का घनत्व सामान्यतः 11 माना गया है जो जल की घनत्व से 7 से 8 गुना ज्यादा है। इससे पता चलता है कि पृथ्वी की आंतरिक भाग का घनत्व सर्वाधिक अधिक है।

(ख) दबाव -

क्रोड़ के अधिक घनत्व के संदर्भ में चट्टानों के भार और दबाव को लिया जाता है क्योंकि दबाव बढ़ने से घनत्व बढ़ता है लेकिन दबाव बढ़ने से घनत्व बढ़ने की एक सीमा होती है। उसके बाद दबाव डालने पर भी घनत्व नहीं बढ़ता अर्थात हम यह कह सकते कि पृथ्वी के आंतरिक भाग वाले चट्टान अधिक घनत्व वाले भारी धातु से बनी है।

(ग) तापक्रम -

 सामान्य रूप से प्रत्येक 32 मीटर की गहराई पर तापक्रम में 1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होती है। परंतु गहराई के साथ तापक्रम में गिरावट होती है पृथ्वी की भूपर्पटी से 100 किलोमीटर गहराई के बाद प्रत्येक किलोमीटर में 12 डिग्री सेल्सियस का तापमान वृद्धि होती है। वहीं 300 किलोमीटर की गहराई तक 2 डिग्री सेल्सियस का तापमान वृद्धि होता है। और 300 किलोमीटर के बाद 1 डिग्री सेल्सियस का तापमान वृद्धि होता है। जिससे पता चलता है कि पृथ्वी के आंतरिक भाग का तापमान बहुत अधिक है।

(2) प्राकृतिक साधन या स्रोत :-

 प्राकृतिक साधन में ज्वालामुखी क्रिया, भूकंप विज्ञान के साक्ष्य, एवं उल्कापिंड से प्राप्त साक्ष्य आते हैं ।

(क) ज्वालामुखी क्रिया -

ज्वालामुखी से निकलने वाली तरल एवं तप्त मैग्मा से यह प्रमाणित अवश्य होता है कि पृथ्वी के आंतरिक भाग में कहीं न कहीं तरल अवश्य है जहां से मैग्मा जैसे तरल पदार्थ निकलते हैं । इसे मैग्मा भंडार कहा गया है। यद्यपि ज्वालामुखी के भंडार से पृथ्वी के आंतरिक भाग की बनावट का कोई निश्चित जानकारी नहीं मिली है।

(ख) उल्का पिंड से प्राप्त साक्ष्य :- 

उल्कापिंड अंतरिक्ष में भटकता हुआ एक पिंड है जो पृथ्वी के वायुमंडल में आता है तो एक घर्षण उत्पन्न होता है जिससे उल्कापिंड के बह्यतम भाग जल जाता है एवं उसके कुछ आंतरिक भाग चट्टान के रूप में पृथ्वी पर आ गिर जाता है । जो पृथ्वी के आंतरिक संरचना को दर्शाता है कि पृथ्वी की आंतरिक संरचना भारी पदार्थों से बनी है।

पृथ्वी की आंतरिक संरचना UPSC Notes - prthvee kee aantarik sanrachana upsch notais

पृथ्वी की आंतरिक संरचना,पृथ्वी की संरचना,internal structure of the earth,पृथ्वी की आंतरिक संरचना नोट्स

(ग) भूकंप विज्ञान के साक्ष्य -

  भूकंप ज्ञान व विज्ञान है जिसमें भूकंप की लहरों को सिस्मोग्राफ यंत्रद्वारा अंकन कर अध्ययन किया जाता है। यह एक ऐसा साधन है जिससे पृथ्वी के आंतरिक संरचना के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी मिलती है।

पृथ्वी की आंतरिक संरचना,पृथ्वी की संरचना,internal structure of the earth,पृथ्वी की आंतरिक संरचना नोट्स

पृथ्वी की उत्पत्ति (origin of the earth) : अद्वैतवादी/द्वैतवादी संकल्पना

 सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण : सुपर मून, ब्लू मून, ब्लड मून के बारे में जानने के लिए नीचे दिए गये Link पर Click करे ⤵️⤵️:-

https://www.missionupsce.in/2021/05/Solar%20eclipse-and-lunar%20eclipse.html

पृथ्वी की गतियां : घूर्णन अथवा दैनिक गति/ उपसौर एवं अपसौर के बारे में जानने के लिए नीचे दिए गये Link पर Click करे ⤵️⤵️:-
https://www.missionupsce.in/2021/05/Motions-the-earth.html

सौर मंडल (solar system) के बारे में जानने के लिए नीचे दिए गये Link पर Click करे ⤵️⤵️:- 

https://www.missionupsce.in/2021/05/solar-system.html

ब्रम्हांड (universe) की उत्पत्ति/बिग बैंग सिद्धांत के बारे में जानने के लिए नीचे दिए गये Link पर Click करे ⤵️⤵️:-

https://www.missionupsce.in/2021/05/%20universe-Big-Bang-Theory.html

follow me :-

https://www.facebook.com/Mission-Upsc-102484551894208/

https://t.me/upscmagazinee

Join telegram for more UPSC magazines and daily current affairs (ONLY HINDI MEDIUM)

Join telegram channel for yojana kurukshetra magazines (योजना कुरूक्षेत्र)

https://t.me/Yojanakurukshetramag

पृथ्वी की आंतरिक संरचना,पृथ्वी की संरचना,internal structure of the earth,पृथ्वी की आंतरिक संरचना नोट्स,पृथ्वी की आंतरिक संरचना,पृथ्वी की संरचना,internal structure of the earth,पृथ्वी की आंतरिक संरचना नोट्स,पृथ्वी की आंतरिक संरचना,पृथ्वी की संरचना,internal structure of the earth,पृथ्वी की आंतरिक संरचना नोट्स

पृथ्वी की आंतरिक संरचना कैसे हैं?

रासायनिक संरचना के आधार पर भूपर्पटी, ऊपरी मैंटल, निचला मैंटल, बाह्य क्रोड और आंतरिक क्रोड में बाँटा जाता है। पृथ्वी के अंतरतम की यह परतदार संरचना भूकंपीय तरंगों के संचलन और उनके परावर्तन तथा प्रत्यावर्तन पर आधारित है जिनका अध्ययन भूकंपलेखी के आँकड़ों से किया जाता है।

पृथ्वी की आंतरिक संरचना की जानकारी का मुख्य स्रोत क्या है?

क्रोड व मैंटल की सीमा 2,900 कि0मी0 की गहराई पर है | बाह्य क्रोड (Outer core) तरल अवस्था में है जबकि आंतरिक क्रोड (Inner core) ठोस अवस्था Page 7 पृथ्वी की आंतरिक संरचना में है। क्रोड भारी पदार्थों मुख्यतः निकिल (Nickle) व लोहे (Ferrum) का बना है। इसे 'निफे' (Nife) परत के नाम से भी जाना जाता है।

पृथ्वी की तीन परतें कौन सी है?

Solution : पृथ्वी की तीन परतों के नाम हैं-1. भूपर्पटी, 2. प्रवार, 3. क्रोड।

पृथ्वी का आंतरिक भाग किसका बना होता है?

पृथ्वी का आंतरिक भाग अथवा कोर पृथ्वी के अकारमान के २०% है। लगभग चंद्र जितनी है। वह मूलतः आइर्न और निकेल के मिश्रण से बनी है और अन्य कई एलेमेंट्स से जो अज्ञात है। पृथ्वी की कोर पूर्णतः द्रवीभूत है।