By: RF Competition Copy Share (130) Show मैया, मोहिं दाऊ बहुत खिझायो― सूरदासOct 30, 2021 06:10AM 1143 "सूर के बालकृष्ण" मैया, मोहिं दाऊ बहुत खिझायो। हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी
पढ़िए।। संदर्भ― प्रस्तुत पद्यांश 'सूर के बालकृष्ण' नामक शीर्षक से लिया गया है। इसकी रचना महाकवि 'सूरदास' ने की है। हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। प्रसंग― प्रस्तुत पद्यांश में बालक श्री कृष्ण माँ यशोदा को उपालंभ देते हुए कहते हैं, कि बलदाऊ उन्हें बहुत चिढ़ाते हैं। हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। महत्वपूर्ण शब्द― दाऊ- बलराम, मोल लेना- खरीदना, जसुमति- यशोदा, जायो- जन्म दिया, रिसके- क्रोध के कारण, तात- पिता, स्याम सरीर- साँवला शरीर, बलबीर- बलराम, रीझै- मोहित होना, चबाई- चुगलखोर या निंदक, धूत- धूर्त या बदमाश, सौं- सौंगध, हौं- मैं, जनमत- जन्म से, पुत- पुत्र। हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। व्याख्या― बालक श्रीकृष्ण अपनी माँ यशोदा को उपालंभ देते हुए कहते हैं, कि माँ मुझे दाऊ बहुत चिढ़ाते हैं। वे मुझे कहते हैं कि माँ ने तुझे कब जन्म दिया। उन्होंने तुझे खरीदा है। ऐसा कहकर वे मुझे बार-बार चिढ़ाते हैं। इसके कारण मुझे क्रोध आ जाता है। इसीलिए मैं खेलने नहीं जाता। दाऊ मुझे बार-बार कहते हैं कि तुम्हारे माता-पिता कौन हैं। वे कहते हैं कि नंद बाबा और माँ यशोदा दोनों ही गोरे हैं और तेरा शरीर साँवला है। अतः तू नंद बाबा और माँ यशोदा का पुत्र नहीं है। ऐसा कहकर और चुटकी दे-देकर सभी ग्वाल-बाल मुझ पर हँसते हैं और मुझे चिढ़ाते हैं। इन सभी ग्वाल-बालों को दाऊ चिढ़ाना सिखाते हैं। माँ तू भी सिर्फ मुझे ही मारना सीखी है। तू कभी दाऊ पर नाराज नहीं होती। बालक श्री कृष्ण के क्रोध से भरे हुए इस मुखमंडल को देखकर और उनकी बातें सुनकर माँ यशोदा उन पर मोहित हो जाती है। अपने पुत्र की ये सभी बातें सुनकर माँ यशोदा कहती हैं कि सुन कान्हा! बलराम तो जन्म से ही धूर्त और बदमाश है। वह चुगलखोर है। सूरदास के अनुसार माँ यशोदा बालक श्री कृष्ण से कहती हैं, कि मैं समस्त गायों की सौगंध खाकर कहती हूँ कि मैं ही तेरी माता हूँ और तू ही मेरा पुत्र है। हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। काव्य-सौंदर्य― 1. ब्रज भाषा का प्रयोग किया गया है। इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें। आशा है, उपरोक्त जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी। I hope the above information will be useful and
important. माँ यशोदा दाऊ के बारे में क्या कहती है?भागवत पुराण के अनुसार, कृष्ण का जन्म देवकी के गर्भ से मथुरा के राजा कंस के कारागार में हुआ, लेकिन कृष्ण के पिता वसुदेव नवजात कृष्ण को अपने चचेरे भाई नंद बाबा के पास गोकुल में लाए, ताकि कृष्ण को मथुरा के राजा व देवकी के भाई कंस से उनकी रक्षा की जा सके। कृष्ण का पालन पोषण यशोदा ने किया।
यशोदा की पुत्री का क्या नाम था?उनकी एक पुत्री का भी वर्णन मिलता है जिसका नाम एकांगा था।
नंद और यशोदा कौन थे?नन्द प्राचीन यादव साम्राज्य के शक्तिशाली मंडलों में से एक, गोकुल मण्डल के मंडलाधीश या प्रमुख थे। रिश्ते में नन्द और वसुदेव चचेरे भाई थे। वसुदेव ने अपने नवजात शिशु कृष्ण को लालन पालन हेतु नन्द को सौंप दिया था। नन्द व उनकी पत्नी यशोदा ने कृष्ण व बलराम दोनों को पाला-पोसा।
माँ किसे और क्यों बुला रही है?पड़ोसिनें आतीं। बहुत बुलाने पर दादी माँ आतीं, “बहिन बुरा न मानना ।
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