कठपुतली गुस्से से उबली बोली ये धागे क्यों है मेरे पीछे आगे इन्हें तोड़ दो मुझे मेरे पांवों पर छोड़ दो? - kathaputalee gusse se ubalee bolee ye dhaage kyon hai mere peechhe aage inhen tod do mujhe mere paanvon par chhod do?

प्रश्न 4-1. कठपुतली को गुस्सा क्यों आया?

उत्तर : कठपुतली धागे से बाँधकर रखा जाता था। वह इस बंधन से तंग आ गई थी। वह स्वतंत्र रहना चाहती थी, अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थी। धागे से बँधे रहना उसे पराधीनता लगती है इसीलिए उसे गुस्सा आता है।

प्रश्न 4-2. कठपुतली को अपने पाँवों पर खड़ी होने की इच्छा है, लेकिन वह क्यों नहीं खड़ी होती?

उत्तर : कठपुतली को अपने पाँवों पर खड़ी होने की इच्छा है किन्तु वह खड़ी इसलिए नही होती क्योंकि उसके पास स्वतंत्र रूप से खड़े हो सकने की क्षमता नहीं है। जब सारे कठपुतलियों की स्वतंत्रता की जिम्मेदारी उस पर आती है तो उसे लगता है कि कहीं उसका यह कदम सबको मुसीबत में ना डाल दे।

प्रश्न 4-3. पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को क्यों अच्छी लगी?

उत्तर : पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को इसलिए अच्छी लगी क्योंकि स्वतंत्रता सभी को प्रिय होती है।वे भी बंधन में दुखी हो चुकी थीं और अपना जीवन इच्छानुसार जीना चाहती थीं।

प्रश्न 4-4. पहली कठपुतली ने स्वयं कहा कि -'ये धागे/क्यों हैं मेरे पीछे-आगे?/ इन्हें तोड़ दो; / मुझे मेरे पाँवों पर छोड़ दो।' -तो फिर वह चिंतित क्यों हुई कि- 'ये कैसी इच्छा / मेरे मन में जगी?' नीचे दिए वाक्यों की सहायता से अपने विचार व्यक्त कीजिए -
• उसे दूसरी कठपुतलियों की जिम्मेदारी महसूस होने लगी।
• उसे शीघ्र स्वतंत्र होने की चिंता होने लगी।
• वह स्वतंत्रता की इच्छा को साकार करने और स्वतंत्रता को हमेशा बनाए रखने के उपाय सोचने लगी।
• वह डर गई, क्योंकि उसकी उम्र कम थी।

उत्तर : पहली कठपुतली स्वतंत्र होकर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है परन्तु जब उसपर सभी कठपुतलियों की स्वतंत्रता की जिम्मेदारी आती है, तो वह डर जाती है। उसे लगने लगता है कहीं उसका उठाया गया कदम सबको मुसीबत में ना डाल दे। वह स्वतंत्रता प्राप्त करने के उपाय तथा उसे हमेशा बनाए रखने के उपाय सोचने लगती है। उसे लगता है कि अभी उसकी उम्र कम है, वह सबकी जिम्मेदारी नही उठा सकती।

कठपुतली गुस्से से उबली बोली ये धागे क्यों है मेरे पीछे आगे इन्हें तोड़ दो मुझे मेरे पावों पर छोड़ दो?

4. पहली कठपुतली ने स्वयं कहा कि - ' ये धागे / क्यों हैं मेरे पीछे-आगे? / इन्हें तोड़ दो। ' - तो फिर वह चिंतित क्यों हुई कि - ' ये कैसी नीचे दिए वाक्यों की सहायता से अपने विचार दो; / मुझे मेरे पाँवों पर छोड़ इच्छा / मेरे मन में जगी ?' व्यक्त कीजिए- • उसे दूसरी कठपुतलियों की ज़िम्मेदारी महसूस होने लगी ।

कठपुतली गुस्से से बोली ये धागे क्यों है मेरे पीछे आगे रिक्त स्थान में सही वर्तनी का चुनाव *?

प्रश्न 4: पहली कठपुतली ने स्वयं कहा कि – 'ये घागे / क्यों हैं मेरे पीछे-आगे? / इन्हें तोड़ दो; / मुझे मेरे पाँवों पर छोड़ दो। ' – तो फिर वह चिंतित क्यों हुई कि – 'ये कैसी इच्छा / मेरे मन में जगी? ' नीचे दिए वाक्यों की सहायता से अपने विचार व्यक्त कीजिए: उसे दूसरी कठपुतलियों की जिम्मेदारी महसूस होने लगी।

कठपुतली के मन में विद्रोह की भावना क्यों उत्पन्न हुई?

' तो फिर वह चिंतित क्यों हुई कि 'ये कैसी इच्छा/मेरे मन में जगी?' नीचे दिए वाक्यों की सहायता से अपने विचार व्यक्त कीजिए उसे दूसरी कठपुतलियों की ज़िम्मेदारी महसूस होने लगी। उसे शीघ्र स्वतंत्र होने की चिंता होने लगी। वह स्वतंत्रता की इच्छा को साकार करने और स्वतंत्रता को हमेशा बनाए रखने के उपाय सोचने लगी।

कठपुतली को अपने पैरों पर खड़े होने की इच्छा है लेकिन वह क्यों नहीं खड़ी होती?

Solution : कठपुतली को अपने पाँवों पर खड़ी होने की इच्छा है लेकिन वह खड़ी नहीं हो पाती, क्योंकि जब उस पर सब कठपुतलियों की स्वतंत्रता की जिम्मेदारी आती है, तब वह डर जाती है। वह सोचने लगती है कि कहीं उसका उठाया गया कदम सबको परेशानी में न डाल दे।