सरकार अधिक पैसे क्यों नहीं छाप सकती? - sarakaar adhik paise kyon nahin chhaap sakatee?

हर साल 1 फरवरी को भारत का आम बजट पेश होता है। बजट की चर्चा के दौरान आम लोगों के मन में कई सवाल पैदा होते हैं। जैसे कि बजट में पैसों की कमी होने पर सरकार लोन लेने की जगह नोट क्यों नहीं छाप लेती? अगर सरकार के पास ही नोट छापने की पावर है तो ज्यादा नोट छापने में क्या दिक्कत है? आपको इसके पीछे की पूरी कहानी बताते हैं...

क्यों कोई देश ज्यादा नोट नहीं छापता?
कई लोगों को यह भ्रम है कि देश की करंसी गोल्ड रिजर्व पर निर्भर करती है। ऐसा नहीं है कोई भी देश जितना चाहे उतने नोट छाप सकता है, इससे फर्क नहीं पड़ता कि देश के पास गोल्ड रिजर्व कितना है। किसी भी अर्थव्यवस्था में सीमित नोट छापने के पीछे सबसे बड़ा कारण है महंगाई। जी हां... अगर जरूरत से ज्यादा नोट छाप दिए तो देश में महंगाई बढ़ सकती है।

ज्यादा नोट से महंगाई क्यों?
इसे समझने के लिए हमें सबसे पहले यह समझना होगा कि कैसे किसी प्रॉडक्ट की मांग उसकी कीमत से जुड़ी है। इसे एक उदारहण के जरिए समझते हैं। मान लिजिए कि देश में किसी किताब की 1 हजार प्रतियां हैं, हर किताब की कीमत 100 रुपये है और सरकार की ओर से अर्थव्यवस्था में सप्लाई किया गया पैसा 1 लाख है। अगर सरकार 1 लाख की जगह दोगुना पैसा सप्लाई कर दे तो किताबें उतनी ही हैं लेकिन लोगों के पास ज्यादा पैसे हैं और वे किताब खरीदने के लिए ज्यादा कीमत देने में भी नहीं रुकेंगे। मांग बढ़ने पर कंपनी किताबों की कीमत बढ़ा देगी और यह प्रक्रिया जारी रहेगी। इसीलिए जीडीपी का केवल साइज बढ़ने से आम आदमी की जिंदगी पर बहुत मामूली फर्क पड़ता है।

कौन छापता है नोट?
भारत में नए सिक्के छापने का अधिकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास है। एक रुपये के छोड़कर सभी नोट आरबीआई छापता है जबकि एक रुपये का नोट भारत सरकार की ओर से छापा जाता है। खास बात ये है कि आरबीआई 10 हजार रुपये तक के नोट छाप सकता है और इससे बड़े नोट छापने के लिए सरकार से इजाजत लेनी होती है।

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सरकार ज्यादा नोट क्यों नहीं छाप सकती?

₹1000, ₹5000 तथा ₹10000 मूल्यवर्ग के बैंकनोट वर्ष 1954 में जारी किए गए थे । ... अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न.

पैसे छापने वाली मशीन कौन से देश में है?

भारत में नए सिक्के छापने का अधिकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास है। एक रुपये के छोड़कर सभी नोट आरबीआई छापता है जबकि एक रुपये का नोट भारत सरकार की ओर से छापा जाता है। खास बात ये है कि आरबीआई 10 हजार रुपये तक के नोट छाप सकता है और इससे बड़े नोट छापने के लिए सरकार से इजाजत लेनी होती है।

नोट छापने की मशीन का नाम क्या है?

Stok ST-MC05-1 करेंसी काउटिंग मशीन और नकली नोट डिटेक्टर (काला) : Amazon.in: कार्यालय का सामान

भारत में 1 दिन में कितने रुपए छापे जाते हैं?

तब यहां एक दिन में नोटों के 04करोड़ पीस छापे जा रहे थे, जिसमें 500, 200, 100, 50, 20 और 10 रुपए के हर तरह के नोट थे. बस यहां 2000 रुपए की प्रिंटिंग का काम नहीं होता, जो मैसूर और बंगाल के सालबोनी मुद्रा छापाखाने में होता है. करेंसी नोट प्रेस नासिक में उत्पादन की स्थिति लगातार बेहतर हुई है.