रचनात्मक लेखन / rachnatmak lekhanइस लेख में आप पढ़ेंगे Show
रचनात्मक लेखन क्या हैं/परिभाषा: what is rachnatmak lekhanकिसी व्यक्ति द्वारा अपने ज्ञान के आधार पर ओर बिना किसी दूसरे की सहायता के किसी भी प्रकार का किया गया नया वर्णन जो कि काफी अलग हो ओर जिसकी रचना भी पहली बार हुई हो, रचनात्मक लेख कहलाता है ओर इसे, इस कार्य को करने कि विधि को रचनात्मक लेखन कहां जाता है। रचनात्मक लेखन का अर्थरचनात्मक लेखन का सीधा सा अर्थ है अपने ज्ञान के आधार पर किसी भी नयी चीज की रचना करना।
रचनात्मक लेखन का स्वरूप रचनात्मक लेखन का फॉर्मेटअसल में रचनात्मक लेखन का कोई विशेष स्वरूप या फॉर्मेट नहीं होता है लेकिन इस लेख की रचना कई अलग अलग प्रकार से कि जा सकती हैं। कहानी की रचना को उस प्रकार से किया जाना चाहिए जिसको पढ़ने में आनंद का अनुभव भी हो। ओर जिसको आसानी से समझा जा सकता है। निबंध के तौर पर रचना करने पर उसके अंदर विषय से सम्बन्धित पूरी जानकारी को शामिल किया जाना चाहिए। जिसमे उस विषय से संबधित लाभ - हानि, अच्छाई - बुराई, कमी - सुधार पर बात की जाती हो। यदि व्यंगात्मक रचना की जा रही है तो लगना चाहिए कि यह किसी पर कोई व्यंग कसा जा रहा हैं। 👉👉 रचनात्मक लेखन क्या है ओर कैसे लिखते हैं। रचनात्मक लेखन के लिए विषय
रचनात्मक लेखन का महत्वअगर रचनात्मक लेखन को लेकर उसके महत्व पर बात की जाए तो इसके की महत्वपूर्ण उपयोग है। जैसे- आप जो फिल्म देखते है क्या वो ऐसे ही बन गई है क्या उसकी कहानी को ऐसे ही कहीं से उठा लिया गया है। किसी ने कभी तो उसकी रचना की होगी। जो कि उसकी खुद की कल्पना शक्ति से कि होगी या उसने अपने reality में देखते हुए उस कहानी को लिखा होगा। ऐसे कई प्रकार की किताबे दिन प्रतिदिन पढ़ते रहते हो अलग अलग कई लेखकों ने लिखी है। आखिर यह पुस्तके ऐसे ही तो तैयार नहीं हुई होगी, किसी ने तो उनकी रचना की होगी ओर यहीं रचनात्मक लेख है। रचनात्मक लेखन की विशेषताएंलेखक अपने विचारो को लेख के माध्यम से लोगो तक पहुंचा सकता हैं लोगो के सामने अलग अलग कंटेंट की प्रस्तुति देकर उनका मनोरंजन किया जा सकता है। जेसे वर्तमान समय में कई प्रकार से मनोरंजन के लिए हमे वीडियो, कहानियां, ऑडियो या कुछ मिल जाता है। जिनके कंटेंट के लिए शुरुवात में किसी न किसी ने कोई रचना अवश्य की होगी। रचनात्मक लेखन की आवश्यकतासबसे पहले तो यही कहना चाहूंगा कि आखिर आप यहां क्यों आए है। शायद आपको जानना होगा कि रचनात्मक लेख क्या होता है। ओर इससे यहीं साबित होता है कि आपको कहीं न कहीं इसकी आवश्यकता जरूर पढ़ी होंगी। वर्तमान समय मै परीक्षा मै भी पूछ लिया जाता है कि इस विषय पर रचनात्मक लेख लिखिए जैसे “आप अपने घर से विद्यालय जाने के पूरे रास्ते के वर्णन पर रचनात्मक लेख लिखिए ” ओर ऐसा हो भी रहा है यहां तक कि बोर्ड कक्षाओं मै भी ऐसे लिखने को कहा जाता है। किसी भी विषय को दे दिया जाता है ओर कहां जाता है इस पर रचनात्मक लेख लिखिए। रचनात्मक लेख लिखने से आप क्रिएटिव व्यक्ति बन सकते है । यदि आप में लिखने का शौक है ओर अच्छी अच्छी रचना कर सकते है तो आप लिखने का कार्य कर सकते है। कंटेंट राइटिंग को भी कैरियर के रूप में चुना जा सकता हैं। आप एक अच्छे ओर फैमस राइटर बन सकते है। रचनात्मक लेखन का उदाहरणशिक्षा का महत्वशिक्षा! आखिर हर कोई इसकी महत्वबता को जानता है। अगर इंसान पढ़ा लिखा या शिक्षित नहीं है तो उसका समझ में लगभग कोई अस्तित्व ही नहीं है। शिक्षा हमारे जीवन के लिए उतनी ही महत्वपूर्ण बन गई है जितना हमारे लिए खाना पीना। एक शिक्षित व्यक्ति अपने जीवन में कुछ भी कर सकता है। उस कहीं कोई परेशानियों का सामना नहीं करना पढ़ता है। अगर शिक्षा के महत्व की बात करें तो अभी भी यानी कि 21 शताब्दी में भी कई ऐसी जगह है जहां सही प्रकार से इसकी पहुंच भी नहीं है। यदि किसी न किसी प्रकार से वहां शिक्षा की व्यवस्था है तो वहां के लोगो को इसकी जानकारी नहीं है। उचित ज्ञान व शिक्षा का महत्व न पता होने के कारण आज भी कई बच्चे शिक्षा से वंचित है को कि हमारे लिए एक शर्मिंदगी है। बच्चो तक शिक्षा न पहुंच पाने का कारण है लोगो मे जागरूकता न होना। ग्रामीण क्षेत्रों में इस बात पर विश्वास किया जाता है कि उनका बच्चा जितनी जल्दी किसी काम को सीख जाएगा उसके लिए उतना ही अच्छा होगा। ओर यहीं कारण जेसे जैसे बच्चा बड़ा होता जाता है उसके काम की तरफ धकेल दिया जाता हैं। इसका मुख्य कारण यही है कि उनके माता पिता को शिक्षा के महत्व की जानकारी न होना। ऐसा नहीं है कि इसके प्रचार प्रसार के लिए कोई प्रयत्न न किया गया हो। सरकार द्वारा कई प्रकार से जानकारी दी जाती है। कई प्रकार के अभियानों को अंजाम दिया गया है जेसे सर्व शिक्षा अभियान, स्कूल चलें हम,पढ़ेगा इंडिया बढ़ेगा इंडिया, देश की बेटियों के लिए special बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ, इत्यादि। कई प्रकार से इन अभियानों को चलाया जा रहा है लोगो को जागरूक किया जा रहा है लेकिन हमें भी इसके प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है। क्योंकि जैसे कोई कानून तो बना दिया जाता है लेकिन उसका पालन करना भी आवश्यक है उसी प्रकार सरकार द्वारा तो अभियान चलाएं जाएंगे ही लेकिन हमें भी उनके प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है। आप विद्यार्थी हैं तो इन्हें ज़रूर पढ़े ;
दो शब्द FAQ Related to rachnatmak lekhan in hindi1. रचनात्मक लेखन आवश्यकता क्यों होती हैं ? रचनात्मक लेखन के कारण ही वर्तमान समय में साहित्य जगत का इतना फैलाव हुवा हैं २. रचनात्मक लेखन के मुख्य उद्देश्य क्या हैं? रचनात्मक लेखन का मुख्य उद्देश्य ऐसे लेख की रचना करना हैं जो सबसे अलग हो और जिसकी पहले रहना न हुयी हों ३. रचनात्मक लेखन कैसे लिखा जाता हैं? रचनात्मक लेखन लिखने का निश्चित फॉर्मेट नहीं हैं ४. रचनात्मकता का क्या अर्थ हैं? ऐसी क्रिया जिसमे कुछ नया उत्पन्न होता हैं ५. रचनात्मक लेखन का स्वरुप होत्ता हैं? रचनात्मक लेखन का कोई निश्चित स्वरुप या फॉर्मेट नहीं होता हैं रचनात्मक लेखन क्या है उसके स्वरूप को स्पष्ट कीजिए?रचनात्मक लेखन में लेखक को विषय की पूरी जानकारी होती है। व उससे संबंधित तथ्यों को एकत्र करता है और उसको वह अपने शब्दों में लिखता है। वह उस विषय को कितनी रोचकता या नीरसता से लिखता है यह उसके लेखन पर निर्भर करेगा। कि पढ़ने वाले के सामने उन दृश्यों को जीवंत कर सकेगा या नहीं।
रचनात्मक लेखन क्या है रचनात्मक लेखन के तत्वों को लिखिए?लेखन विकास के दो तत्व हैं: संरचना और प्रतिलेखन। संरचना को 'लेखक की भूमिका' माना जा सकता है, क्योंकि इसमें विचारों को उत्पन्न और व्यवस्थित करना, तथा उपयोग की जाने वाली भाषा शैली का चयन करने के साथ, यह जानना शामिल होता है कि लेखन को कौन पढ़ेगा (इसका पाठक) और इससे क्या उपलब्धि (उसका प्रयोजन) हासिल होगी।
रचनात्मक लेखन से आप क्या समझते हैं?रचनात्मक लेखन क्या हैं/परिभाषा: what is rachnatmak lekhan
किसी व्यक्ति द्वारा अपने ज्ञान के आधार पर ओर बिना किसी दूसरे की सहायता के किसी भी प्रकार का किया गया नया वर्णन जो कि काफी अलग हो ओर जिसकी रचना भी पहली बार हुई हो, रचनात्मक लेख कहलाता है ओर इसे, इस कार्य को करने कि विधि को रचनात्मक लेखन कहां जाता है।
रचनात्मक लेखन के कितने तत्व है नाम लिखिए?रचनात्मक लेखक कभी तटस्थ रूप से दुनिया की ठोस चीजों के बारे में बात करता है तो कभी भावविह्वल होकर वह प्रेम, पवित्रता, पलायन, ईश्वर, नश्वरता आदि विषयों के बारे में अपने उद्गार व्यक्त करता है। अन्यथा लेखन में वह अपनी अपूर्व कल्पना का इस्तेमाल करता है।
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