रहीम के दोहों में दी गई सीख तथा नैतिक मूल्यों को आप अपने जीवन में कैसे प्रयोग करेंगे? - raheem ke dohon mein dee gaee seekh tatha naitik moolyon ko aap apane jeevan mein kaise prayog karenge?

रहीम के दोहों से हमें क्या सीख मिलती है?

रहीम के दोहों से हमें सीख मिलती है कि हमें अपने मित्र का सुख-दुख में बराबर साथ देना चाहिए। हमारे मन में परोपकार की भावना होनी चाहिए। जिस प्रकार प्रकृति हमारे लिए सदैव परोपकार करती है, उसी प्रकार हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए। रहीम वृक्ष और सरोवर की ही तरह संचित धन को जन कल्याण में खर्च करने की सीख देते हैं। अंतिम दोहे में रहीम हमें सीख देने का प्रयास करते हैं, कि धरती की तरह जीवन में सुख-दुख को समान रूप से सहन करने की शक्ति रखनी चाहिए।

Concept: पद्य (Poetry) (Class 7)

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दोहों से हमारे जीवन के लिए क्या सीख ली जा सकती है?

इस दोहे का अर्थ है कि मनुष्य में हमेशा विनम्रता होनी चाहिए. जिस तरह से पानी के बिना आटे का और चमक के बिना मोती का कोई महत्व नहीं रह जाता है. उसी तरह मनुष्य भी बिना विनम्रता के आभाहीन हो जाता है और उसके मूल्यों का पतन हो जाता है. रहिमन चुप हो बैठिये, देखि दिनन के फेर।

रहीम के दोहों से हमें क्या सीख मिलती?

रहीम के दोहों से हमें सीख मिलती है कि हमें अपने मित्र का सुख-दुख में बराबर साथ देना चाहिए। हमारे मन में परोपकार की भावना होनी चाहिए। जिस प्रकार प्रकृति हमारे लिए सदैव परोपकार करती है, उसी प्रकार हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए। रहीम वृक्ष और सरोवर की ही तरह संचित धन को जन कल्याण में खर्च करने की सीख देते हैं।

मानवीय मूल्यों की दृष्टि से रहीम के दोहे का व्यक्ति के जीवन में क्या महत्व है?

सौंदर्यात्मक मूल्य, प्रकृति, कला एवं मानवीय जीवन के साैंदर्य को कहते हैं। मनोवैज्ञानिक मूल्य, जैसे- प्रेम, दया आदि।

आपने रहीम के दोहे पढ़े आप उन दोहों को अपने जीवन से कैसे जोड़ सकते हैं?

रहीम के दोहों से हमें सीख मिलती है कि हमें अपने मित्र का सुख-दुख में बराबर साथ देना चाहिए। हमारे मन में परोपकार की भावना होनी चाहिए। जिस प्रकार प्रकृति हमारे लिए सदैव परोपकार करती है, उसी प्रकार हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए। रहीम वृक्ष और सरोवर की ही तरह संचित धन को जन कल्याण में खर्च करने की सीख देते हैं