Show राजस्थान में संभागीय व्यवस्था का इतिहास :- इस समय राज्य में 25 जिलों को संगठित कर पांच संभाग बनाये गये थे। i.जयपुर ii. जोधपुर iii. उदयपुर iv. कोटा v. बीकानेर अप्रैल, 1962 में मोहनलाल सुखाडि़या सरकार के द्वारा संभागीय व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया। 26 जनवरी, 1987 में हरि देव जोशी सरकार के द्वारा संभागीय व्यवस्था की शुरूआत दुबारा की गई। तथा 1987 में जयपुर संभाग से अलग होकर नया संभाग राजस्थान का छठा संभाग अजमेर को बनाया गया। 4 जुन, 2005 को वसुंधरा सरकार द्वारा राजस्थान का 7 वां संभाग भरतपुर को बनाया गया राजस्थान के वर्तमान में कुल 7 संभाग हैं जो कि निम्नलिखित हैं
महत्वपूर्ण बिंदु –
2. बीकानेर संभाग महत्वपूर्ण बिंदु –
3. जोधपुर संभाग महत्वपूर्ण बिंदु –
4. उदयपुर संभाग महत्वपूर्ण बिंदु –
5. कोटा संभाग महत्वपूर्ण बिंदु –
6. अजमेर संभाग महत्वपूर्ण बिंदु –
7. भरतपुर संभाग महत्वपूर्ण बिंदु –
जयपुरसंभाग- इससे भरतपुर व धौलपुर जिले लिए गए । कोटासंभाग- इससे सवाई माधोपुर व करौली जिले लिए गए
भरतपुर के साथ हरियाणा, उत्तरप्रदेश व मध्यप्रदेश की सीमा लगती है ।
संभागों से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य अन्तर्राष्ट्रीय सीमा बनाने वाले संभाग
अन्तर्राज्यीय सीमा बनाने वाले संभाग
राजस्थान का न्यूनतम जनसंख्या वाला संभाग कौनसा है?राजस्थान : सामान्य जानकारी. सबसे कम जनसंख्या घनत्व वाला संभाग कौन सा है?प्रश्नसमुच्चय--१५. सबसे न्यूनतम संभाग कौनसा है?न्यूनतम साक्षरता वाला संभाग जोधपुर(59.57) है। सर्वाधिक अनुसूचित जाति जनंसख्या वाला संभाग बिकानेर है। सर्वाधिक अन्तर्राज्जीय सीमा वाला संभाग उदयपुर है।
राजस्थान का सबसे छोटा संभाग कौन सा है?Shetrafal Ki Drishti Se Rajasthan Ka Sabse Bada Tatha Sabse Chhota Sambhag Kaunsa Hai -. B. जोधपुर - भरतपुर. C. जयपुर-कोटा. D. जयपुर - भरतपुर. |