सूचना: दूसरे ब्लॉगर, Youtube चैनल और फेसबुक पेज वाले, कृपया बिना अनुमति हमारी रचनाएँ चोरी ना करे। हम कॉपीराइट क्लेम कर सकते है Show Sunday Holiday History रविवार की छुट्टी का इतिहास :- छुट्टी, एक ऐसा शब्द जिसका नाम सुनते ही हर किसी के मुंह पर अनायास ही एक ख़ुशी झलक पड़ती है। ख़ुशी हो भी क्यों न? भाग-दौड़ भरी इस जिंदगी में छुट्टी किसे नहीं प्यारी होती। भारत में तो आये दिन किसी न किसी कारण छुट्टियाँ आती ही रहती हैं। लेकिन एक छुट्टी है जो शायद किसी कारण नहीं आती। रविवार की छुट्टी। जी हाँ, रविवार की छुट्टी का इंतजार तो सबको रहता है। और रविवार के दिन किये जाने वाले कामों की लिस्ट पहले ही तैयार कर ली जाती है। पर ये रविवार की छुट्टी आई कहाँ से? सोचा है कभी? नहीं सोचा? तो कोई बात नहीं आज हम आपको रविवार की छुट्टी का इतिहास बताने वाले हैं की क्यों होती है रविवार को छुट्टी। Sunday Holiday History रविवार की छुट्टी का इतिहासधार्मिक कारणहिन्दू पंचांग के अनुसारहिन्दू कैलेंडर या हिन्दू पंचांग के अनुसार सप्ताह की शुरुआत रविवार से ही होती है। यह दिन सूर्य देवता का दिन होता है। हिन्दू रीति-रिवाजों के अनुसार इस दिन सूर्य भगवान् सहित सभी देवी-देवताओं की पूजा करने का विधान है। सप्ताह के पहले दिन ऐसा करने से सारा सप्ताह मन शांत रहता है, सभी कार्य सफल होते हैं और किसी भी प्रकार की बाधा या परेशानी उत्पन्न नहीं होती। किसी भी व्यक्ति को अपनी ये परम्पराएँ निभाने में कोई परेशानी न हो। इसलिए पुरातन काल से ही रविवार को अवकाश मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलंडर के अनुसारहिन्दू पंचांग के विपरीत अंग्रेजी कैलंडर के अनुसार रविवार सप्ताह का अंतिम दिन माना जाता है। इसके पीछे का कारण यह है कि अंग्रेजों में यह मान्यता है की इस धरती का सृजन कार्य इश्वर ने छः दिनों में किया था। छः दिनों के बाद सातवें दिन इश्वर ने विश्राम किया था। इस कारण रविवार को सप्ताह का अंतिम दिन मानकर इस दिन सभी को आराम करने के लिए अवकाश दिया जाता है। इसी कारण अंग्रेजी देशों में इसे वीकेंड का नाम भी दिया जाता है। ऐतिहासिक कारणभारत में |