देश के विकास के लिए सरकार ने पंचवर्षीय योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के जरिये केंद्र सरकार देश में विकास को बढ़ावा देती है जिस से नागरिकों का आर्थिक और सामजिक विकास हो सके। देश में वर्तमान में कुल 12 पंचवर्षीय योजना का सञ्चालन किया गया है। आप को बता दें कई Panchwarsiya Yojana को वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा अब बंद कर दिया गया है। पहली पंचवर्षीय योजना की शुरुआत सन 1951 में हुई थी और आखिरी पंचवर्षीय योजना वर्ष 2017 में पूरी हो गयी थी। जानकारी हेतु बता दें कि अब से इन पंचवर्षीय योजनाओं को योजना आयोग द्वारा संचालित किया जाता था लेकिन अब ये जिम्मेदारी नीति आयोग की होगी। Show
यहाँ जानिये क्या है पंचवर्षीय योजनापंचवर्षीय योजना केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाने वाली विकास हेतु केंद्रीय योजना है। इस केंद्रीय योजना के जरिये हर 5 वर्ष की अवधी के तहत एक निश्चित उद्देश्य निर्धारित किया जाता था। जिसे 5 वर्ष की अवधी के अंतर्गत प्राप्त करना होता था। इससे न केवल उद्देश्य की पूर्ती होती थी बल्कि जिस उद्देश्य के साथ योजना को शुरू किया जाता था, उसके पूरे होने तक देश के संबंधित क्षेत्र का विकास भी हो जाता था। जैसे कि – देश में अर्थव्यवस्था को सुधारना और उसे गतिशील बनाये रखना, कृषि क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देना, औद्योगिक विकास, लोगो को आत्मनिर्भर बनाना जिस से वो सशक्त और मजबूत बन सकें। नए रोजगार के अवसर प्रदान करना व अन्य ऐसे ही उद्देश्यों की पूर्ती करना भी Five Year Plans में शामिल किया गया है। जैसे कि आप को जानकारी होगी कि पंचवर्षीय योजनायें केंद्रीकृत और एकीकृत राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रम हैं। इन पंचवर्षीय योजनाओं (Five Year Plans) में उन्ही समस्याओं से संबंधित लक्ष्य को निर्धारित किया जाता है जिनसे देश का विकास बाधित हो रहा हो, या फिर जिस क्षेत्रों और मसलों पर ध्यान देकर देश को विकास की ओर अग्रसर किया जा सके। ऐसे में इन उद्देश्यों की पूर्ती के लिए सरकार इस संबंध में प्लानिंग कर और विभिन्न कदम उठाकर लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास करती रही है। Highlights Of Panchwarsiya Yojanaआप नीचे दी गयी सारणी के माध्यम से भारत की पंचवर्षीय योजना के बारे में जान और समझ सकते हैं।
पंचवर्षीय योजना का उद्देश्यदेश में विकास के लिए बहुत सी योजनाएं चलाई जाती है। किसी भी योजना की सफलता के लिए आवश्यक है कि उसे ऐसे तैयार किया जाए जिससे निर्धारित लक्ष्य की पूर्ती होने में कोई कठिनाई न हो। इसी आधार पर इन पंचवर्षीय योजनाओं की शुरुआत की थी। हर पंचवर्षीय योजना की शुरुआत में ऐसे लक्ष्य निर्धारित किये जाते थे जिन पर कार्य करने पर देश का विकास सुनिश्चित हो। देश में बहुत से आर्थिक, सामाजिक व अन्य पहलु होते हैं जिन पर ध्यान देने से विकास में बाधा बन रहे कारकों को खत्म किया जा सकता है। कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि इन पंचवर्षीय योजनाओं का उद्देश्य देश में विकास को बढ़ाना है। इन योजनाओं (Panchwarsiya Yojana) के जरिये देश में रोजगार का सृजन करना और बेरोजगारी कम करना, अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना और कृषि आदि जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में और विकास करना है। यह भी पढ़ें : निपुण भारत मिशन, कार्यान्वयन प्रक्रिया भारत की पंचवर्षीय योजना (5 Year Plan) की विशेषताभारत सरकार ने देश के आजाद होने पर विकास के लिए पंचवर्षीय योजना (Panchwarsiya Yojana) की शुरुआत की थी। इन योजनाओं के माध्यम से देश के विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विकास दर को बढ़ाने का प्रयास किया गया। इन सेक्टर्स विकास को ध्यान में रखकर 5 सालों के लक्ष्य निर्धारित किये गए। जिससे देश आत्मनिर्भर और सशक्त बन सके। Panchwarsiya Yojana की ऐसी ही अन्य और भी विशेषताएं हैं, जिन्हे आप आगे पढ़ सकते हैं –
पंचवर्षीय योजना की सूची
पहली पंचवर्षीय योजना (1951-1956)देश में शुरू की गयी पहली पंचवर्षीय योजना सन 1951 से 1956 तक के लिए शुरू की गयी थी। इस योजना को शुरू करने का श्रेय देश के पहले प्रधानमन्त्री जवाहरलाल नेहरू को जाता है। पहली पंचवर्षीय योजना हेराल्ड डोमर मॉडल पर आधारित है। इसमें मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र के विकास पर जोर दिया गया था। देश के आज़ाद होने के बाद सबसे पहले देशवासियों के लिए खाद्य पदार्थों (अनाज ) की जरूरतों को पूरा करना आवश्यक था। इस के साथ ही विभिन्न सिंचाई परियोजनाएं भी शुरू हुई। ये पंचवर्षीय योजना देश के विकास में मील का पत्थर साबित हुई। Panchwarsiya Yojana से संबंधित प्रमुख तथ्य :
द्वितीय पंचवर्षीय योजना (1956 – 61)सरकार की दूसरी पंचवर्षीय योजना (Panchwarsiya Yojana) की शुरुआत हुई वर्ष 1956 में, जो 1961 तक के लिए थी। इस Panchwarsiya Yojana में प्रमुख लक्ष्य उद्योगों का विकास था। इस योजना के अंतर्गत देश के भारी उद्योगों को स्थापित करने व उनके विकास पर ध्याना दिया गया। इसके साथ ही इस पंचवर्षीय योजना में औद्योगिक उत्पादों के घरेलू उत्पादनों को अधिक से अधिक प्रोत्साहित किया गया। सार्वजनिक क्षेत्र के विकास हेतु इस योजना में विशेष रूप से महालनोबिस मॉडल का पालन किया गया। इस मॉडल के आधार पर विभिन्न कदम उठाये गए जिससे देश का विकास हो सके। इस पंचवर्षीय योजना में राष्ट्रीय आय में 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा गया। जिससे नागरिकों के जीवन स्तर और रहन-सहन में बेहतरी आ सके। इस योजना के तहत बंद अर्थव्यवस्था को अपनाया गया। इस में मुख्य व्यापारिक गतिविधि का फोकस पूंजीगत वस्तुओ के आयात पर केंद्रित किया गया था। 2nd 5 Year Plan की विशेषता व संबंधित मुख्य तथ्य:
तृतीय पंचवर्षीय योजना (1961-1966)देश की तीसरी पंचवर्षीय योजना जॉन सैण्डी तथा सुखमय चक्रवर्ती मॉडल पर आधारित थी। इस योजना को गाडगिल योजना के नाम से भी जाना जाता है। इस योजना का लक्ष्य देश के निवासियों को आत्मनिर्भर और अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाये रखना था। इसी योजना के दौरान देश को चीन (1962 ) और पकिस्तान (1965 ) से युद्ध करना पड़ा। जिससे अर्थव्यवस्था चरमरा गयी और रक्षा उद्योग पक्ष की ओर भी ध्यान गया। हालाँकि इस दौरान भी देश में कृषि उत्पादन में सुधार और बांधों का निर्माण कार्य जारी रहा। तृतीया पंचवर्षीय योजना में लक्ष्य विकास दर 5.6 प्रतिशत प्राप्त करना निर्धारित था जबकि हासिल वृद्धि दर 2.84 प्रतिशत रही। संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य :
नोट : कृपया ध्यान दें कि तीसरी पंचवर्षीय योजना के समापन के बाद अगली पंचवर्षीय योजना शुरू नहीं की गयी। चौथी पंचवर्षीय योजना की शुरुआत से पहले 3 वर्ष (1967-1969) का अवकाश लिया गया। इसे अवकाश योजना यानी Plan Holiday नाम दिया गया। योजना अवकाश / Plan Holiday (1966 -1969)तीसरी पंचवर्षीय योजना की समाप्ति के बाद अगली पंचवर्षीय योजना नहीं शुरू की गयी। इसके बाद अवकाश लिया गया जो कि मिर्डन के मॉडल पर आधारित था। योजना अवकाश की समय अवधि 1966 से 1969 तक थी। बताते चलें कि इस दौरान हर साल नई योजना लायी जाती जो कि कृषि और संबद्ध क्षेत्रों से जुडी रही हैं। और इसके अतिरिक्त उद्योग क्षेत्रों को भी प्राथमिकता दी गयी थी। योजना अवकाश (Plan Holiday) लेने के पीछे मुख्य रूप से चीन और भारत – पाकिस्तान युद्ध होना था । युद्ध के बाद अगली पंचवर्षीय योजना के लिए फंड्स व प्लांनिंग के लिए समय की जरुरत थी। इसके साथ ही तीसरी पंचवर्षीय योजना के विफल होने के चलते भी इस अवकाश को लेना महत्वपूर्ण हो गया था। चौथी पंचवर्षीय योजना (1969-1974)1969 से लेकर वर्ष 1974 तक चौथी पंचवर्षीय योजना (4th Five Year Plan) का कार्यकाल है। इस समय देश की पहली महिला प्रधानमन्त्री इंदिरा गाँधी की सरकार थी। इस दौरान 14 प्रमुख बैंक माने जाने वाले बैंकों को राष्ट्रीयकृत कर दिया गया। वहीँ कृषि क्षेत्र में उन्नति के लिए हरित क्रान्ति लायी गयी। जब 1971 में चुनाव हुए तो इंदिरा गाँधी ने गरीबी हटाओ का नारा दिया। चौथी पंचवर्षीय योजना के दौरान आद्योगिक विकास हेतु निर्धारित किये गए फंड्स को युद्ध के प्रयास के लिए भेज दिया गया। जैसे की देश ने युद्ध का सामना किया तो ऐसे में देश की सुरक्षा बहुत मायने रखती थी। इस दौरा Smiling Buddha के नाम से देश का पहला परमाणु परिक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया। संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य :
पांचवी पंचवर्षीय योजना (1974-1979)ये पंचवर्षीय योजना डी पी धर मॉडल पर आधारित थी। इस योजना के अंतर्गत कृषि क्षेत्र में उत्पादकता को बढ़ाना, उद्योग को बढ़ावा देना और गरीबी उन्मूलन जैसे तथ्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया। साथ ही देश में न्याय व्यवस्था को मजबूत करना , नए रोजगारों का सृजन करना और लोगों को रोजगार प्रदान करना, ग्रामीण बैंकों का निर्माण आदि लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु इस योजना को चलाया गया। वर्ष 1978 में चुनाव के बाद जनता पार्टी के नव निर्वाचित मोरारजी देसाई ने इस योजना को एक वर्ष पूर्व ही खत्म कर दिया। संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य :
छठवीं पंचवर्षीय योजना (1980-1985)इस योजना को आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत के रूप में जाना जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि योजना को दो बार तैयार किया गया था। 1980 में इंदिरा गाँधी की सरकार आयी जिसके बाद इस योजना को फिर से शुरू कर दिया गया और मोरारजी देसाई के ‘अनवरत योजना’ को बंद कर दिया गया। इस छठी पंचवर्षीय योजना का उद्देश्य देश से गरीबी को हटाना और नागरिकों को रोजगार दिलाकर बेरोजगारी को खत्म करना था। संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य :
सातवीं पंचवर्षीय योजना (1985- 1990)Panchwarsiya Yojana के तहत नयी तकनीकी / उन्नत तकनीकी का प्रयोग करके उद्योगों के उत्पादकता के स्तर को बेहतर करने पर जोर दिया गया था। सातवें पंचवर्षीय योजना के उद्देश्य हैं – औद्योगिकी और आर्थिक उत्पादकता बढ़ाना, रोजगार के अवसरों का सृजन करना साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में विकास की गति को आगे बढ़ाना ही इस Panchwarsiya Yojana का उद्देश्य है। इस योजना के तहत विकास का लक्ष्य 5.0% रखा गया जबकि इसकी वृद्धि 6.01% दर्ज की गयी। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि ये योजना सफल रही। इस सफलत एके पीछे इंदिरा सरकार द्वारा शुरू की गयी तीन मुख्य योजनाएं थी। जिनका नाम –
संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य :
कृपया ध्यान दें : देश में आठवीं पंचवर्षीय योजना समय पर शुरू नहीं हो पायी थी। जिस की वजह थी केंद्र में सरकार की अस्थिरता। इस वजह से देश में वार्षिक योजनाओं को शुरू किया गया। ऐसा दो साल चला। जिनमे से पहले 1990- 1991 में SIDBI (SMALL INDUSTRIES DEVELOPMENT BANK OF INDIA) की स्थापना की गयी। इसके बाद 1991 -1992 में अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए घोषणा की गयी। आठवीं पंचवर्षीय योजना (1992-1997)आठवीं पंचवर्षीय योजना मानव और मानव संसाधन के विकास से जुडी थी। इस योजना के तहत देश में सभी मानव संसाधन से जुड़े क्षेत्रों का विकास किया गया। जैसे की – शिक्षा और स्वास्थ्य से जुडी योजनाएं और स्कीम के माध्यम से मानव विकास की ओर कदम बढ़ाया गया। इस दौरान स्कूलों का निर्माण, शिक्षा से जुडी अन्य योजनाएं आदि शुरू की गयी। इसके अतिरक्त नए रोजगार का सृजन करना और मानव विकास हेतु विभिन्न नीतियों की शुरुआत करना, गरीबी हटाना, नागरिकों को सशक्त करना आदि इसमें शामिल था। संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य :
नौवीं पंचवर्षीय योजना (1997 -2002)नौवीं पंचवर्षीय योजना जो कि 1997 – 2002 के समयावधि में शुरू की गयी थी वो आगत निर्गत मॉडल पर आधारित है। इस योजना के अंतर्गत देश में सभी क्षेत्रों में एक साथ विकास और आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने का उद्देश्य रखा गया था। इस के लिए इस Panchwarsiya Yojana में 15 वर्ष पूर्व की योजना नीति को भी अपनाया गया था। हालाँकि ये योजना सभी क्षेत्रों में आर्थिक विकास हेतु इतनी सफल नहीं रही। ये अपने निर्धारित लक्ष्य 6.5% के मुकाबले 5.5 % ही वृद्धि कर पायी। इस 9th 5 year plan का उद्देश्य तीव्र औद्योगिकीकरण , मानव विकास, गरीबी कम करना , घरेलु संसाधनों पर आत्मनिर्भर होना। नए रोजगारों के अवसरों का सृजन करना, ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करना आदि इसका लक्ष्य था। इस दौरान रोजगार से संबंधित कुछ योजनाओ को शुरू किया गया – जवाहर ग्राम समृद्धि योजना, प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना, स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना, स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना . संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य :
10वीं पंचवर्षीय योजना (2002-2007)ये Panchwarsiya Yojana वर्ष 2002 से लेकर वर्ष 2007 तक चली। इस योजना में मुख्य रूप से देश में गरीबी को खत्म बेरोजगारी जैसी समस्या से निपटने को प्राथमिकता दी गयी थी। साथ ही शिक्षा को काफी महत्व दिया गया। भारत के प्रत्येक नागरिक की इनकम को दोगुनी करना और सभी को एक साथ लेकर चलते हुए उन्हें सशक्त बनाना भी इसमें शामिल था। इसके अतिरिक्त देश में कृषि से संबंधित सभी क्षेत्रों में बयार को जारी रखना ही लक्ष्य बनाया गया था। इस Panchwarsiya Yojana में लक्ष्य 8 % प्रतिशत का रखा गया था और इस में 7.7 प्रतिशत का लक्ष्य हासिल हुआ। अन्य संबंधित तथ्य
ये भी पढ़ें : Ration Card Download : ई राशन कार्ड 2022 डाउनलोड 11वीं पंचवर्षीय योजना (2007-2012)देश में 11वीं पंचवर्षीय योजना की शुरुआत वर्ष 2007 में हुई थी जो कि वर्ष 2012 तक की अवधि के लिए थी। बता दें की इस योजना के दौरान तीव्रतम गति से विकास को आगे बढ़ाना और समावेशी ढंग से निरंतर विकास की प्रक्रिया को जारी रखने पर ही ध्यान दिया गया है। इसी उद्देश्य की पूर्ती के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ० मनमोहन सिंह ने बहुत से सेक्टर के विकास के लिए विभिन्न योजनाओं की शुरुआत की है। इस योजना की प्लानिंग का जिम्मा सी० रंगराजन का था। उस समय में तीन महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की गयी थी – प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, आम आदमी बीमा योजना, राजीव आवासीय योजना . ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के आखिरी वर्ष 2012 में देश में सभी नदियों और जल क्षेत्रों की साफ़ सफाई को लेकर भी निर्णय लिया गया है। यही नहीं इसके लिए मनमोहन सरकार ने 11वीं पंचवर्षीय योजना के लिए 71731.98 करोड़ रूपए का बजट भी निर्धारित किया था। संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य :
12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-2017)वर्ष 2012 से लेकर 2017 तक देश की बारहवीं पंचवर्षीय योजना चली थी। इस पंचवर्षीय योजना का उद्देश्य देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के विकास के लिए विभिन्न सेक्टरों को विकसित करना था। इसके लिए सरकार द्वारा कृषि, संचार, उद्योग, ऊर्जा, परिवहन व ऐसे ही अन्य महत्वपूर्ण आधारभूत सुविधाओं और क्षेत्रों के विकास पर अधिक जोर दिया गया। देश में आर्थिक विकास हेतु वार्षिक 10 प्रतिशत का लक्ष्य रखा गया था। जिसे बाद में 9 प्रतिशत से घटाकर 8.1 कर दिया गया था। वजह थी – वैश्विक आर्थिक संकट, जिसका असर भारत पर भी पड़ा था। आप की जानकारी के लिए बता दें कि ये पंचवर्षीय योजना आखिरी है। इसके बाद सरकार ने इसे बंद कर दिया था। लेकिन बताते चलें कि सिर्फ 5 वर्ष की डिफेन्स प्लान ही जारी रहेगा। सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य :
महत्वपूर्ण जानकारीआप की जानकारी हेतु बताते चलें कि सरकार द्वारा वर्ष 2014 में पंचवर्षीय योजना बनाने वाली योजना आयोग को भंग कर दिया है। अभिप्राय है कि अब से पंचवर्षीय योजनाओं को नहीं बनाया जाएगा। इस के स्थान पर नीति आयोग का गठन किया गया है। इसका गठन वर्ष 2015 में हुआ है। नीति आयोग द्वारा Draft Action Plan तैयार किया गया है। जिसके अनुसार एक लॉन्ग टर्म 15 वर्षीय विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया है। जिसमें देश में लायी जाने वाली योजनाएं और अन्य सभी कार्यों की रूप रेखा वर्णित की गयी है। जो कि देश के विकास के लिए तैयार की गयी है। इसमें 2035 तक के लिए प्लानिंग की गयी है। 13वीं पंचवर्षीय योजनाजैसे की आप को जानकारी दी गयी है कि 12 पंचवर्षीय योजना के बाद अब योजना आयोग को भंग कर दिया गया है और अब पंचवर्षीय योजना को आगे के लिए नहीं बनाया जाएगा। हालाँकि आप को सूचित कर दें कि डिफेन्स योजना यानी की रक्षा योजना को अभी 13 वीं पंचवर्षीय योजना के तहत ही रखा जाएगा। इन योजनाओं की शुरुआत 1964 -69 में की गयी थी। और पंचवर्षीय योजना की समाप्ति के बाद भी इस पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इसे यूँ ही अनवरत जारी रखने के निर्देश हैं। साथ ही प्लान से संबंधित सभी सूचनाएं Finance minister तक पहुंचाई जाएगी ताकि रक्षा बलों को इस बारे में सूचना प्राप्त होती रहे। नीति आयोग व इसके लॉन्ग टर्म विजननीति आयोग क्या है ? नीति आयोग को भारत सरकार के प्रमुख नीतिगत थिंक टैंक माना जाता है। इस आयोग का गठन 1 जनवरी, 2015 को हुआ , जो कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के एक संकल्प के जरिये किया गया है। बता दे कि नीति आयोग का कार्य दिशात्मक और नीतिगत इनपुट प्रदान करना है। नीति आयोग केंद्र सरकार के लिए लॉन्ग टर्म पॉलिसियां और प्रोग्राम को निर्धारित करता है। इन कार्यनीतियों को बनाने के साथ साथ आयोग का काम केंद्र कर राज्य सरकार को संबंधित तकनीकी सलाह भी देता है। कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि नीति आयोग का काम देश के हित में और विकास के लिए नई नई रणनीतियाँ बनाना और उसके कार्यान्वयन हेतु सरकार की मदद करना है। इसके अतिरिक्त भी इसके बहुत से महत्वपूर्ण कार्य हैं जिन्हे नीति आयोग को केंद्र सरकार के लिए करने होते हैं। यहाँ जानिये नीति आयोग के लॉन्ग टर्म विजन :आयोग द्वारा 15 वर्षीय विजन डॉक्यूमेंट को वर्ष 2017-18 से 2031-32 तक के लिए तैयार किया गया है। इसके अतिरिक्त रणनीति वर्ष 2017-18 से 2023-24 तक बनायी गयी है। साथ ही त्रिवर्षीय कार्य योजना, 2017-18 से 2019-20 तक के लिए तैयार की गयी है।
पंचवर्षीय योजना से संबंधित प्रश्न उत्तरPanchwarsiya Yojana क्या है ? ये भारत सरकार द्वारा देश के विकास हेतु चलाई जाने वाली योजना है, जिसे प्रत्येक 5 वर्ष की अवधी के लिए चलाया जाता है। इसके तहत देश के विकास हेतु कुछ निश्चित उद्देश्य और लक्ष्य निर्धारित किये जाते हैं। जिसे 5 वर्ष की अवधी में पूरा करना होता है। भारत में कुल कितनी पंचवर्षीय योजना हुई हैं ? अभी तक भारत में कुल 12 पंचवर्षीय योजना हुई है। हालाँकि डिफेंस सेक्टर में अभी 13वीं पंचवर्षीय योजना जारी है। Panchwarsiya Yojana क्यों लायी गयी थी ? इन योजनाओं को देश के विकास के लिए लाया गया था। इस का उद्देश्य देश में सर्वांगीण विकास को लाना था , जिससे आर्थिक और सामाजिक रूप से विकसित करना। अभी कौन सी पंचवर्षीय योजना चल रही है ? वर्तमान में डिफेन्स सेक्टर में 13वीं पंचवर्षीय योजना चल रही है। हालाँकि वर्ष 2015 में इन योजनाओं को बंद कर दिया गया है। और साथ ही योजना आयोग को भी भंग कर दिया है। अब इसके स्थान पर नीति आयोग द्वारा योजनाओं और रणनीति को बनाया जाएगा। Panchwarsiya Yojana की शुरुआत कब हुई थी ? पहली पंचवर्षीय योजना की शुरुआत वर्ष 1951 में की गयी थी। इसकी शुरुआत करने का श्रेय देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को जाता है। कुल पंचवर्षीय योजना में कौन सी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण योजना थी और उसका उद्देश्य क्या था ? अभी तक की कुल योजनाओं में से सबसे महत्वपूर्ण पहली पंचवर्षीय योजना को माना जाता है। ऐसा इसलिए क्यूंकि भारत के आजादी के बाद खाद्यान्न की समस्या से निपटने और अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों का विकास आवश्यक था। इसके लिए सरकार ने कृषि, बिजली, सिंचाई आदि क्षेत्रों में विकास हेतु कार्य को उद्देश्य बनाया । गरीबी हटाओं का नारा कौन सी Panchwarsiya Yojana में दिया गया ? गरीबी हटाओ का नारा पांचवीं पंचवर्षीय योजना में दिया गया था। सभी पंचवर्षीय योजना में से अभी तक सबसे सफल कौन सी योजना है ? पंचवर्षीय योजना में से अभी तक की सफलतम योजना – 11वीं पंचवर्षीय योजना (2007- 2012) है। नीति आयोग क्या है ? नीति आयोग एक संस्था है , जिसका गठन 1 जनवरी , 2015 में किया गया है। ये केंद्रीय सरकार का प्रमुख नीतिगत ‘थिंक टैंक’ है। इसके योजना आयोग को भंग करके अस्तित्व में लाया गया है। जो देश के विकास हेतु नई नई योजनाएं बनाएगा। नीति आयोग का क्या काम है ? नीति आयोग का काम देश के हित में विभिन्न योजनाएं बनाना है। देश का विकास बेहतर तरीके से हो सके इसके लिए नई नई रणनीतियाँ तैयार करना और उसके कार्यान्वयन के लिए सरकार की मदद करना है। आज इस लेख के माध्यम से हमने देश की विभिन्न पंचवर्षीय योजना के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आप को ये जानकारी उपयोगी लगी होगी। यदि आप ऐसी ही अन्य उपयोगी जानकारी और देश में चल रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जानना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट www.mcpanchkula.org को बुकमार्क कर सकते हैं। सबसे असफल पंचवर्षीय योजना कौन सी थी?आपको बता देश की 11वीं पंचवर्षीय योजना (1 अप्रैल 2007- 31 मार्च 2012) सबसे सफल पंचवर्षीय योजना रही है।
कौन सी पंचवर्षीय योजना सफल रही?छठी पंचवर्षीय योजना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी सफलता थी। लक्ष्य वृद्धि दर 5.2% थी और वास्तविक विकास दर 5.7% थी।
भारत की पहली पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य क्या था?पहली पंचवर्षीय योजना का उद्देश्य देश का कृषि विकास था, दूसरी योजना का उद्देश्य देश का औद्योगिक विकास था, और तीसरी योजना का उद्देश्य देश के अर्थव्यवस्था को स्वतंत्र बनाना था और चौथी पंचवर्षीय योजना का उद्देश्य विकास के साथ स्थिरता और आत्मनिर्भरता की उपलब्धि प्राप्त करना था।
भारत में पहली पंचवर्षीय योजना की अवधि कौन सी थी?1st Panchvarshiya Yojana- पहली पंचवर्षीय योजना (1951-1956)
यह भारत की राष्ट्रीय योजना है जो प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में योजना आयोग द्वारा विकसित और कार्यान्वित होती है | पहली पंचवर्षीय योजना में कृषि क्षेत्र पर विशेष ज़ोर दिया गया क्योंकि उस दौरान खाद्यान्न की कमी गंभीर चिंता का विषय थी।
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