कविता से प्रश्न 1. ‘कण-कण में है व्याप्त वही स्वर ……… कालकूट फणि को चिंतामणि।’ उत्तर- ‘वही स्वर’ ‘वह ध्वनि’ एवं ‘वही तान’ आदि वाक्यांश कवि ने जनजागृति अर्थात क्रांति को
जगाने की भावना से प्रयुक्त किया है। (ख) वही स्वर, वह ध्वनि एवं वही तान से संबंधित भाव का ‘रुद्ध-गीत की क्रुद्ध तान है/निकली मेरी अंतरतर से-पंक्तियों से क्या कोई संबंध बनता है? उत्तर- हाँ इन दोनों पंक्तियों में आपसी सम्बन्ध बनता है क्योंकि यह गीत क्रांति के रूप में कवि के हृदय की गहराईयों से निकल रहा है। वह अपनी उत्तेजक ध्वनि से जन-जन को जागृत करना चाहते है। प्रश्न 2. नीचे दी गई पंक्तियों का भाव स्पष्ट
कीजिए- उत्तर- प्रस्तुत पंक्ति के माध्यम से कवि सभी कवियों को सम्बोधित करते हुए ऐसे गीत को सुनाने के लिए कहते हैं जिससे इस संसार के प्रत्येक मनुष्य के हृदय में क्रांति की लहर उत्पन्न हो जाए। कवि प्रत्येक व्यक्ति को परिवर्तन के प्रति सावधान करते हुए कहते है कि अब तो मेरी वीणा का स्वर भी मधुरता की अपेक्षा क्रांति की आग ही उगलेगा, अब मेरे गीत केवल राष्ट्रहित तथा
राष्ट्रप्रेम के लिए ही होगें। वे कहते है कि आज चाहे मिज़राब टूट कर गिरे या मेरी अंगुलियाँ ऐंठ जाए परन्तु मैं शान्त नहीं होऊँगा ना ही किसी को भी होने दूँगा अर्थात् इस गीत को गाते हुए मैं अपनी किसी परेशानी की तरफ़ तनिक ध्यान नहीं दूँगा फिर चाहे कष्ट व पीड़ा किसी भी रूप में सामने आए। कविता से आगे प्रश्न 1. स्वाधीनता संग्राम के दिनों में अनेक कवियों ने स्वाधीनता को मुखर करने वाली ओजपूर्ण कविताएँ लिखीं। माखनलाल चतुर्वेदी, मैथिलीशरण
गुप्त और सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की ऐसी कविताओं की चार-चार पंक्तियाँ इकट्ठा कीजिए जिनमें स्वाधीनता के भावे ओज से मुखर हुए हैं। उत्तर- छात्र स्वयं करें। अनुमान और कल्पना प्रश्न 1. कविता के मूलभाव को ध्यान में रखते हुए बताइए कि इसका शीर्षक ‘विप्लव-गायन’ क्यों रखा गया होगा? उत्तर- कविता का शीर्षक ‘विप्लव-गायन’ जिसका अर्थ है – क्रांति का आह्वान करना। कवीस कविता के माध्यम से देश के प्रत्येक व्यक्ति के अंदर क्रांति की भावना लाना चाहते थे। वे संघर्ष करके एक नया सृजन करना चाहते थे जिससे देश का विकास हो। भाषा की बात प्रश्न 1. कविता में दो शब्दों के मध्य (-) का प्रयोग किया गया है, जैसे- ‘जिससे उथल-पुथल मच जाए’ एवं ‘कण-कण में है व्याप्त वही स्वर’। इन पंक्तियों को पढ़िए और अनुमान लगाइए कि कवि ऐसा प्रयोग क्यों करते हैं? उत्तर- कविता में कवि दो शब्दों के मध्य (−) का प्रयोग शब्दों में चमत्कार एवं लय बनाये रखने के लिए करते है। इसके कारण कविता अत्यंत प्रभावशाली एवं ओजपूर्ण लगती है। प्रश्न 2. कविता (में, -। आदि) विराम चिह्नों का उपयोग रुकने, आगे-बढ़ने अथवा किसी खास भाव को अभिव्यक्त करने के लिए किया जाता है। कविता पढ़ने में इन विराम चिह्नों का प्रभावी प्रयोग करते हुए काव्य पाठ कीजिए। गद्य में आमतौर पर है शब्द का प्रयोग वाक्य के अंत में किया जाता है, जैसे-देशराज जाता है। अब कविता की निम्न पंक्तियों को
देखिए- उत्तर- छात्र स्वयं करें। प्रश्न 3. निम्न पंक्तियों को ध्यान से देखिए उत्तर- तुकबंदी वाले शब्द/पद 👍👍👍 NCERT ➤ Class 7 ➤ Vasant II (Solution) Solution : वसंत भाग 2 ( Chapter 20 : विप्लव-गायन )
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कविता से Q3. कविता के मूलभाव को ध्यान में रखते हुए बताइए कि इसका शीर्षक 'विप्लव गायन' क्यों रखा गया होगा? Answer :
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All Questions of the Chapter Viplav Gayan
कवि ने कविता का शीर्षक विप्लव गायन क्यों रखा है?कविता के मूलभाव को ध्यान में रखते हुए बताइए कि इसका शीर्षक 'विप्लव-गायन' क्यों रखा गया होगा? कविता का मूल भाव है गलत रीति-रिवाजों, रूढ़िवादी विचारों व परस्पर भेदभाव त्यागकर नवनिर्माण के लिए जनता को प्रेरित करना। इसीलिए इस कविता का शीर्षक 'विप्लव-गायन' रखा गया है जिसका अर्थ है क्रांति के लिए आह्वान करना।
विप्लव गायन कविता में क्या संदेश दिया गया?कवि ने इस कविता के जरिए समाज को एक महान बदलाव करने का संदेश दिया है। कवि मानते हैं कि पुराने कुविचारों और पाखंडों का अंत करके ही हम एक नए और स्वच्छ समाज की नींव रख पाएंगे। इसीलिए कवि ने ' विप्लव गायन ' कविता में हम सभी से एक क्रांति लाने का अनुरोध किया है , ताकि एक बेहतर समाज बनाया जा सके।
विप्लव गायन कविता में कौन से भाव व्यक्त हो रहे हैं?स्वाधीनता संग्राम के दिनों में अनेक कवियों ने स्वाधीनता को मुखर करनेवाली ओजपूर्ण कविताएँ लिखीं। माखनलाल चतुर्वेदी, मैथिलीशरण गुप्त और Page 3 विप्लव-गायन सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की ऐसी कविताओं की चार-चार पंक्तियाँ इकट्ठा कीजिए जिनमें स्वाधीनता के भाव ओज से मुखर हुए हैं।
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