सफेद फास्फोरस म्यूनिशन संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित हथियार है। इसका इस्तेमाल धुएं, रोशनी और युद्ध के दौरान बम को अधिक घातक बनाने के लिए किया जाता है। यह हथियार इसलिए खतरनाक है, क्योंकि हवा के संपर्क में आने के बाद यह तेजी से जलता है। जिससे पैदा हुई भयंकर गर्मी और जहरीला धुआं इंसान को तुंरत मार सकता है। इसके जरिए कपड़ों, ईंधन, गोला-बारूद और अन्य ज्वलनशील पदार्थों में आग लगाई जा सकती है। जिस कारण दुश्मन को बड़ा नुकसान झेलना पड़ता है। सफेद फास्फोरस एक अच्छा धुआं उत्पादक पदार्थ भी है। यह हवा के साथ प्रतिक्रिया कर फॉस्फोरस पेंटोक्साइड नाम का सफेद धुआं उत्सर्जित करता है। Show धुएं का आवरण तैयार करने के लिए भी होता है इस्तेमाल यह बहुत ही प्रचलित युद्ध सामग्री भी है। इसका इस्तेमाल पैदल सेना खुद को शत्रुओं की नजर से छिपाने के लिए करती है। पैदल सैनिकों को सफेद फास्फोरस से भरे हथगोले दिए जाते हैं, जिससे धुआं पैदा होता है। इसके अलावा टैंक और अन्य बख्तरबंद वाहनों पर सुरक्षा के लिए लगाए गए स्मोक ग्रेनेड में भी इनका ही इस्तेमाल किया जाता है। इन हथियारों का काम सफेद धुएं का बादल पैदा कर दृश्यता को शून्य करना होता है। इनका प्रयोग प्रतिबंधित नहीं है, लेकिन किसी विस्फोटक के साथ इनका इस्तेमाल वैधानिक तौर पर नहीं किया जा सकता है। क्योंकि, सफेद फास्फोरस की चपेट में आने से मौत बहुत ही दर्दनाक होती है। इस विस्फोटक के इस्तेमाल से मौत से ज्यादा लोग बुरी तरह से जलने से घायल हो जाते हैं। 2,760 डिग्री सेल्सियस पर जलता है सफेद फास्फोरस सफेद फास्फोरस का इतिहास क्या है माना जाता है कि 19वीं शताब्दी में कार्बन डाइसल्फाइड में घोल के रूप में आयरिश राष्ट्रवादियों (फेनियन) ने पहली बार सफेद फास्फोरस का इस्तेमाल किया था। जब कार्बन डाइसल्फाइड भाप बनकर उड़ जाता था, तब सफेद फास्फोरस के कारण उस जगह भयंकर आग लग जाती थी। इस मिश्रण को फेनियन फायर के नाम से जाना जाता था। 1916 में, प्रथम विश्व युद्ध के शुरुआत से पहले ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में पुलिस ने प्रतिबंधित केमिकल का इस्तेमाल करने के लिए 12 औद्योगिक कर्मचारियों को पकड़ा था। इन लोगों के ऊपर सफेद फास्फोरस के इस्तेमाल का आरोप भी लगा था। हालांकि 1920 तक इनमें से अधिकतर आरोपियों को रिहा कर दिया गया।
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जेलेंस्की बोले- नहीं पता कितने घंटे बचे हैं फास्फोरस पर पानी डालने से क्या होता है?Solution : श्वेत फॉस्फोरस अत्यधिक क्रियाशील होता है । वाय के सामर्क में आने पर यह जलने लगता है और फॉस्फोरस पेन्टाओव्साइड में परिवर्तित हो जाता है । वायु के सम्पर्क से बचाने के लिये इसे जल में संग्रहीत किया जाता है।
पीला फास्फोरस को पानी में क्यों रखा जाता है?Solution : पीला फॉस्फोरस काफी क्रियाशील तत्त्व है। इसका प्रज्वलन ताप `30^@C` है। अर्थात् वायु में रखने पर गर्मी के कारण यह स्वतः जलने लगता है। अत: इसे जल में रखा जाता है।
सफेद फास्फोरस कहाँ रखा जाता है?Shvet Phoshphorus Ko Kahan Rakha Jata Hai
सफेद फास्फोरस को पानी के नीचे रखा जाना चाहिए, क्योंकि यह हवा में खतरनाक रूप से प्रतिक्रियाशील है, और इसे संदंश के साथ संभाला जाना चाहिए, क्योंकि त्वचा के संपर्क में गंभीर जलन हो सकती है।
सफेद फास्फोरस को पानी के नीचे क्यों जमा किया जाता है?सफेद फास्फोरस अत्यधिक प्रतिक्रियाशील होता है और नम हवा में लगभग 30 डिग्री सेल्सियस पर स्वतः प्रज्वलित होता है। हवा के संपर्क में आने से रोकने के लिए इसे आमतौर पर पानी के नीचे संग्रहित किया जाता है।
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