सिंह राशि का गुरु कौन सा है? - sinh raashi ka guru kaun sa hai?

सिंह

सिंह राशि का गुरु कौन सा है? - sinh raashi ka guru kaun sa hai?

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मेष • वृषभ • मिथुन • कर्क • सिंह • कन्या • तुला
वृश्चिक • धनु • मकर • कुम्भ • मीन

सिंह राशि का गुरु कौन सा है? - sinh raashi ka guru kaun sa hai?

राशि चिह्न सिंह
अवधि (ट्रॉपिकल, पश्चिमी) 22 जुलाई – 23 अगस्त (2022, यूटीसी)
नक्षत्र सिंह
राशि तत्त्व अग्नि
राशि गुण फ़िक्स्ड
स्वामी सूर्य
डेट्रिमेण्ट शनि
एग्ज़ाल्टेशन कोई ग्रह नहीं
फ़ॉल कोई ग्रह नहीं
खगोलशास्त्र प्रवेशद्वार खगोलशास्त्र परियोजना

सिंह (Leo) राशि चक्र की पाचवीं राशि है। और पूर्व दिशा की द्योतक है। इसका चिन्ह शेर है। इसका विस्तार राशि चक्र के 120 अंश से 150 अंश तक है।सिंह राशि का स्वामी सूर्य है, और इस राशि का तत्व अग्नि है। इसके तीन द्रेष्काण और उनके स्वामी सूर्य,गुरु, और मंगल, हैं। इसके अन्तर्गत मघा नक्षत्र के चारों चरण,पूर्वाफ़ाल्गुनी के चारों चरण, और उत्तराफ़ाल्गुनी का पहला चरण आता है। यह बहुत शक्तिशाली है।

नक्षत्र चरण और उनके फ़ल[संपादित करें]

  • मघा के प्रथम चरण का मालिक केतु-मंगल है, जो जातक में दिमागी रूप से आवेश पैदा करता है।
  • द्वितीय चरण के मालिक केतु-शुक्र है, जो जातक में सजावटी और सुन्दरता के प्रति भावना को बढाता है।
  • तीसरा चरण केतु-बुध के अन्तर्गत आता है, जो जातक में कल्पना करने और हवाई किले बनाने के लिये सोच पैदा करता है,
  • चौथा चरण चन्द्र-केतु के अन्तर्गत आता है, जो जातक में की जाने वाली कल्पना शक्ति का विकास करता है।
  • पूर्वाफ़ाल्गुनी नक्षत्र का प्रथम चरण शुक्र-सूर्य के सानिध्य में जातक को स्वाभाविक प्रवॄत्तियों की तरफ़ बढाता है।
  • दूसरा चरण सुन्दरता का बोध करवाने में सहायक होता है।
  • तीसरा चरण सुन्दरता के प्रति मोह देता है और कामुकता की तरफ़ भेजता है।
  • चौथा चरण जातक के द्वारा किये गये वादे को क्रियात्मक रूप मे बदलने में सहायता करता है।
  • उत्तराफ़ाल्गुनी नक्षत्र का प्रथम चरण जातक में अपने प्रति स्वतन्त्रता की भावना भरता है, और जातक को किसी की बात न मानने के लिये बाध्य करता है।

मेरा जन्म मघा नक्षत्र सिंह राशि मिथुन लग्न में हुआ है तो मेरी राशि क्या होगी[संपादित करें]

जिन व्यक्तियों के जन्म समय में चन्द्रमा सिंह लगन मे होता है, वे सिंह राशि के जातक कहलाते हैं, जो इस लगन में पैदा होते हैं वे भी इस राशि के प्रभाव में होते है।पांडु मिट्टी के रंग वाले जातक,पित्त और वायु विकार से परेशान रहने वाले लोग, रसीली वस्तुओं को पसंद करने वाले होते हैं, कम भोजन करना और खूब घूमना, इनकी आदत होती है, छाती बडी होने के कारण इनमें हिम्मत बहुत अधिक होती है और मौका आने पर यह लोग जान पर खेलने से भी नही चूकते.इस लगन में जन्म लेने वाला जातक जीवन के पहले दौर में सुखी, दूसरे में दुखी और अन्तिम अवस्था में पूर्ण सुखी होता है।

प्रकृति और स्वभाव[संपादित करें]

सिंह राशि शाही राशि मानी जा्ती है, सोचना शाही, करना शाही, खाना शाही, और रहना शाही, इस राशि वाले लोग जुबान के पक्के होते हैं, उनके अन्दर छीछोरापन वाली बात नही होती है, अपनी मर्यादा में रहना, और जो भी पहले से चलता आया है, उसे ही सामने रख कर अपने जीवन को चलाना, इस राशि वाले व्यक्ति से सीखा जा सकता है। सिह राशि वाला जातक जब किसी के घर जायेगा, तो वह किसी के द्वारा दिये जाने वाले आसन की आशा नही करेगा, वह जहां भी उचित और अपने लायक आसन देखेगा, जाकर बैठ जायेगा, वह जो खाता है वही खायेगा, अन्यथा भूखा रहना पसंद करेगा, वह आदेश देना जानता है, किसी का आदेश उसे सहन नही है, जिस किसी से प्रेम करेगा, उसके मरते दम तक निभायेगा, जीवन साथी के प्रति अपने को पूर्ण रूप से समर्पित रखेगा, अपने व्यक्तिगत जीवन में किसी का आना इस राशि वाले को कतई पसंद नही है, और सबसे अधिक अपने जीवन साथी के बारे में वह किसी का दखल पसंद नही कर सकता है ।

मुख्य विशेषताएं[संपादित करें]

सिंह राशि वाले जातक या व्यक्ति के पास, जंगल के राजा सिंह के समान नेतृत्व क्षमता होती है । चाहे वह समूह का नेतृत्व करे या ना करे, लेकिन समूह स्वयं उसके पास चला आता है । यानि नेतृत्व क्षमता सिंह राशि वाले जातक के पास मुख्य और विशेष गुण होता है । अपने लिए हुए निर्णय में वो किसी और की दखल अंदाजी कभी बर्दाश्त नहीं करते है । सिंह राशि बहुप्रसव राशि नहीं मानी जाती, यह खुद कोई कार्य स्वयं कभी नहीं करते है, तो इनके साथियोंसे कार्य करवाते है, आप इसे इनके नेतृत्व कला की आप देन मान सकते हो । इनकी नेतृत्व क्षमता विश्वास रखने योग्य हो सकती है ।

आर्थिक गतिविधियां[संपादित करें]

इस राशि वाले जातक कठोर मेहनत करने के आदी होते हैं, और राशि के प्रभाव से धन के मामलों में बहुत ही भाग्यशाली होते हैं, पंचम राशि का प्रभाव कालपुरुष की कुन्डली के अनुसार इनको तुरत धन वाले क्षेत्रों में भेजता है, और समय पर इनके द्वारा किये गये पूर्व कामों के अनुसार ईश्वर इनको इनकी जरूरत का चैक भेज देता है। इस राशि वाले जातक जो भी काम करते हैं वे दूसरों को अस्मन्जस में डाल देने वाले होते है, लोग इनके कामों को देखकर आश्चर्य में पड़ जाते हैं। स्वर्ण, पीतल, और हीरा जवाहरात के व्यवसाय इनको बहुत फ़ायदा देने वाले होते हैं,सरकार जैसे और राजाओं जैसे ज़िन्दगी जीने का शौक रखते हैं|

स्वास्थ्य और रोग[संपादित करें]

इस राशि के जातकों की वाणी और चाल में शालीनता पायी जाती है। इस राशि वाले जातक सुगठित शरीर के मालिक होते हैं |अधिकतर इस राशि वाले या तो बिलकुल स्वस्थ रहते है, या फ़िर आजीवन बीमार रहते हैं, जिस वातावरण में इनको रहना चाहिये, अगर वह न मिले, इनके अभिमान को कोई ठेस पहुंचाये, या इनके प्रेम में कोई बाधा आये, तो यह लोग अपने मानसिक कारणों से बीमार रहने लगते है, इनके लिये भदावरी ज्योतिष की यह कहावत पूर्ण रूप से खरी उतरती है, कि मन से तन जुडा है, और जब मन बीमार होगा तो उसका प्रभाव तन पर पडेगा, अधिकतर इस राशि के लोग रीढ की हड्डी की बीमारी या चोटों से अपने जीवन को खतरे में डाल लेते हैं, और इस हड्डी का प्रभाव सम्पूर्ण शरीर पर होने से, चोट अथवा बीमारी से शरीर का वही भाग निष्क्रिय हो जाता है, जिस भाग में रीढ की हड्डी बाधित होती है। वैसे इस राशि के लोगों के लिये ह्रदय रोग,धडकन का तेज होना,लू लगना, और संधिवात ज्वर होना आदि होता है.

सिंह राशि वालों के गुरु कौन हैं?

सिंह राशि का स्वामी सूर्य है, और इस राशि का तत्व अग्नि है। इसके तीन द्रेष्काण और उनके स्वामी सूर्य,गुरु, और मंगल, हैं

सिंह राशि में कौन सा ग्रह खराब चल रहा है?

इसके कारक ग्रह सूर्य और मंगल माने गए हैं। सिंह लग्न की बाधक राशि कुंभ तथा बाधक ग्रह शनि है।

सिंह राशि पर कौन से ग्रह की दशा चल रही है?

सिंह राशि में मंगल ग्रह का गोचर 20 जुलाई 2021, यानी आज शाम को 5 बजकर 21 मिनट पर होने जा रहा है। सिंह राशि में मंगल 6 सितंबर 2021 तक रहेंगे इसके बाद यह अपना राशि परिवर्तन करेंगे। ज्योतिष में मंगल को मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी माना जाता है।

सिंह राशि की शत्रु राशि कौन सी है?

तो यदि बात करें सिंह राशि की शत्रु राशियों की तो आपको बता दें तुला और मकर राशि या सिंह राशि की दुश्मनों से मानी जाती है यदि आप इन दो राशि वाले व्यक्ति से मित्रता रखते है तो समझ ले आने वाले समय में वह आपको धोखा देंगे या तो आप का फायदा उठाएंगे।