One Line Answer Show सुखिया के पिता पर कौन-सा आरोप लगाकर उसे दंडित किया गया? Advertisement Remove all ads Solutionसुखिया के पिता पर यह आरोप लगाया गया कि उसने मंदिर में धोखे से प्रवेश करके भारी अनर्थ किया है। उसके कारण मंदिर की चिरकालिक पवित्रता कलुषित हो गई है। इससे देवी का महान अपमान हुआ है। अतः उसे सात दिन के कारावास का दंड देकर दंडित किया गया। Concept: पद्य (Poetry) (Class 9 B) Is there an error in this question or solution? Advertisement Remove all ads Chapter 10: सियारामशरण गुप्त - एक फूल की चाह - प्रश्न अभ्यास [Page 95] Q 1.3Q 1.2Q 1.4 APPEARS INNCERT Class 9 Hindi - Sparsh Part 1 Chapter 10 सियारामशरण गुप्त - एक फूल की चाह Advertisement Remove all ads निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए- (ii) पर्वत की चोटी पर स्थित मंदिर की अनुपम
शोभा।
(iv) पिता की वेदना और उसका पश्चाताप। (i) नहीं खेलना रूकता उसका (ii) ऊँचे शैल-शिखर के ऊपर (iii) भूल गया उसका लेना झट (iv) बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर Formulae Handbook for Class 9 Maths and ScienceEducational Loans in India NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 12 एक फूल की चाह is part of
NCERT Solutions for Class 9 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 12 एक फूल की चाह. पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास प्रश्न 1. (ii) पर्वत की चोटी पर स्थित मंदिर की अनुपम शोभा। (iii) पुजारी से प्रसाद/फूल पाने पर सुखिया के पिता की मन:स्थिति। (iv) पिता की वेदना और उसका पश्चाताप। (ख) बीमार बच्ची ने क्या इच्छा प्रकट की? (ग) सुखिया के पिता पर कौन-सा आरोप लगाकर उसे दंडित किया गया? (घ) जेल से छूटने के बाद सुखिया के पिता ने अपनी बच्ची को किस रूप में पाया? (ङ) इस कविता का केंद्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए। उसका पिता मंदिर में जाता है और देवी के प्रसाद का फूल लेकर आते समय पकड़ लिया जाता है। न्यायालय भी मंदिर को अपवित्र करने तथा देवी का अपमान करने के जुर्म में उसे सात दिन
कारावास देता है। इसी बीच उसकी पुत्री मर जाती है, और जला दी जाती है। इस प्रकार अछुतों के मंदिरों में प्रवेश, उच्च वर्ग द्वारा निम्न वर्ग पर किया गया अन्याय, एक पिता-पुत्री का अंतिम मिलन न हो पाने की वेदना कविता का केंद्रीय भाव है। (च) इस कविता में कुछ भाषिक प्रतीकों/बिंबों को छाँटकर लिखिए- उत्तर- प्रश्न 2. अर्थ सौंदर्य- बादलों के एक-दो दिन बरसने से ही उनका जल समाप्त हो जाता है और वे अपना अस्तित्व खो बैठते हैं। सुखिया के पिता की आँखों से सात दिन तक आँसू बहते रहे फिर भी आँखें खाली नहीं हुईं । अर्थात् उसके हृदय की वेदना कम न हुई। (ख) बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर (ग) हाय! वही चुपचाप पड़ी थी। अर्थ सौंदर्य- तेज़ बुखार ने सुखिया को एकदम अशक्त बना दिया है। वह बोल भी नहीं पा रही है। सुखिया को उसकी शांति अटल अर्थात् स्थायी लग रही है अब वह शायद ही बोल सके। (घ) पापी ने मंदिर में घुसकर अर्थ-सौंदर्य-तिरस्कार और धिक्कार की भावना प्रकट करने के लिए यह पद्यांश सुंदर बन पड़ा है। ‘पापी’ और ‘बड़ा भारी अनर्थ’ शब्द तिरस्कार प्रकट करने में पूर्णतया समर्थ हैं। योग्यता-विस्तार प्रश्न 1. इसी उधेड़बुन में सुबह से दोपहर और शाम हो गई। चारों ओर गहरा अँधेरा छा गया। उसे लगा कि यह महातिमिर उसकी बेटी को निगल जाएगा। सुखिया की आँखें झुलसने लगीं। | सुखिया के पिता ने बेटी को बचाने के लिए मंदिर में जाने का निश्चय किया। वह मंदिर में पहुँचा। मंदिर पहाड़ी पर था। मंदिर के अंदर उत्सव-सा चल रहा था। भक्त लोग ज़ोर-ज़ोर से ‘पतित तारिणी’, ‘पाप हारिणी’ की जय-जयकार कर रहे थे। वह भी भक्तों की भीड़ में पहुँच गया। उसने पुजारी को दीप-फूल दिए। पुजारी ने उसे पूजा के फूल प्रदान किए। फूल को पाकर वह खुशी से फूला न समाया। उसे लगा मानो इससे सुखिया को नया जीवन मिल जाएगा। अतः उत्साह में वह पुजारी से प्रसाद लेना भूल गया। इस घटना से पुजारी ने उसे पहचान लिया। उसने शोर मचाया। वहाँ उपस्थित भक्तों ने सुखिया के पिता को पकड़ लिया। वे उस पर आरोप लगाने लगे। कहने लगे कि यह धूर्त है। यह साफ सुथरे कपड़े पहनकर हमको धोखा देना चाहता है। इस अछूत ने मंदिर की पवित्रता नष्ट कर दी है। इसे पकड़ो। वे भक्तगण सुखिया के पिता को न्यायालय में ले गए। न्यायालय ने उसे सात दिनों की सज़ा सुनाई। उस पर आरोप यह था कि उसने मंदिर की पवित्रता नष्ट की है। सुखिया के पिता ने मौन होकर दंड को स्वीकार कर लिया। वे सात दिन उसके लिए सैकड़ों वर्षों के समान भारी थे। उसकी आँखें निरंतर बहती रहीं, फिर भी दुख कम न हो सका।: प्रश्न 2. प्रश्न 3.
अन्य पाठेतर हल प्रश्न लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न
3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. (ख) सुखिया के पिता का कहना था कि देवी तो पापियों का उद्धार करने वाली हैं। यह बात भक्त जन भी मानते हैं। फिर एक पापी के मंदिर में आने से देवी की गरिमा और पवित्रता किस तरह खंडित हो सकती है। (ग) भक्तगण मनुष्य होकर भी एक मनुष्य सुखिया के पिता को जाति के आधार पर पापी मान रहे थे, उसे अछूत मान रहे थे। इस तरह वे मनुष्य होने की गरिमा नष्ट कर रहे थे। More Resources for CBSE Class 9
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आशा के पिताजी पर कौन सा आरोप लगाया गया?उत्तर: सुखिया के पिता पर मंदिर को अशुद्ध करने का आरोप लगाया गया। वह अछूत जाति का था इसलिए उसे मंदिर में प्रवेश का अधिकार नहीं था। जेल से छूटने के बाद सुखिया के पिता ने बच्ची को किस रूप में पाया?
सुखिया के वपता पर कौन से दो आरोप लगेऔर उनको क्या सजा िुई?सुखिया के पिता पर यह आरोप लगाया गया कि उसने मंदिर में धोखे से प्रवेश करके भारी अनर्थ किया है। उसके कारण मंदिर की चिरकालिक पवित्रता कलुषित हो गई है। इससे देवी का महान अपमान हुआ है। अतः उसे सात दिन के कारावास का दंड देकर दंडित किया गया।
सुखिया के पिता को क्या सजा सुनाई गई?न्यायालय द्वारा सुखिया के पिता को इसलिए दंडित किया गया, क्योंकि वह अछूत होकर भी देवी के मंदिर में प्रवेश कर गया था। मंदिर को अपवित्र तथा देवी का अपमान करने के कारण सुखिया के पिता को न्यायालय ने सात दिन के कारावास का दंड देकर दंडित किया।
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