सलीम अली पक्षी प्रेमी कैसे बना? - saleem alee pakshee premee kaise bana?

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साँवले सपनों की याद

Exercise : Solution of Questions on page Number : 46


प्रश्न 1: किस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया और उन्हें पक्षी प्रेमी बना दिया?
उत्तर : बचपन में एक बार मामा की दी हुई एयरगन से सालिम अली ने एक गौरैया का शिकार किया। मामा से गौरैया के बारे में जानकारी माँगनी चाही तो मामा ने उन्हें बाम्बे नैचुरल हिस्ट्री सोसायटी [बी.एन.एच.एस] जाने के लिए कहा। बी.एन.एच.एस से इन्हें गौरैया की पूरी जानकारी मिली। उसी समय से सालिम अली के मन में पक्षियों के बारे में जानने की इतनी उत्सुकता जगी कि उन्होंने पक्षी विज्ञान को ही अपना करियर बना लिया।


प्रश्न 2: सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री के सामने पर्यावरण से संबंधित किन संभावित खतरों का चित्र खींचा होगा कि जिससे उनकी आँखें नम हो गई थीं?
उत्तर : एक दिन सालिम अली प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से मिले। उस समय केरल पर रेगिस्तानी हवा के झोंको का खतरा मंडरा रहा था। वहाँ का पर्यावरण दूषित हो रहा था। प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को वातावरण की सुरक्षा का ध्यान था। पर्यावरण के दूषित होने के खतरे के बारे में सोचकर उनकी आँखे नम हो गई।


प्रश्न 3: लॉरेंस की पत्नी फ्रीडा ने ऐसा क्यों कहा होगा कि “मेरी छत पर बैठने वाली गोरैया लॉरेंस के बारे में ढेर सारी बातें जानती है?”
उत्तर : लॉरेंस का व्यक्तित्व बिल्कुल साधारण तथा इतना खुला-खुला सा था कि उनके बारे में किसी से कुछ छिपा नहीं था। इसलिए फ्रीडा कहती है कि लॉरेन्स के बारे में एक गौरैया भी ढ़ेर सारी बातें बता सकती है।


प्रश्न 4: आशय स्पष्ट कीजिए –
(क) वो लॉरेंस की तरह, नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप बन गए थे।
(ख) कोई अपने जिस्म की हरारत और दिल की धड़कन देकर भी उसे लौटाना चाहे तो वह पक्षी अपने सपनों के गीत दोबारा कैसे गा सकेगा!
(ग) सालिम अली प्रकृति की दुनिया में एक टापू बनने की बजाए अथाह सागर बनकर उभरे थे।
  उत्तर : (क) लॉरेंस का जीवन बहुत सीधा-सादा था, प्रकृति के प्रति उनके मन में जिज्ञासा थी। सालिम अली का व्यक्तित्व भी लॉरेंस की तरह ही सुलझा तथा सरल था।
(ख) यहाँ लेखक का आशय है कि मृत व्यक्ति को कोई जीवित नहीं कर सकता। हम चाहे कुछ भी कर लें पर उसमें कोई हरकत नहीं ला सकते।
(ग) टापू बंधन तथा सीमा का प्रतीक है और सागर की कोई सीमा नहीं होती है। उसी प्रकार सालिम अली भी बंधन मुक्त होकर अपनी खोज करते थे। उनके खोज की कोई सीमा नहीं थी।


Exercise : Solution of Questions on page Number : 47


प्रश्न 5: इस पाठ के आधार पर लेखक की भाषा-शैली की चार विशेषताएँ बताइए।
उत्तर : लेखक की भाषा-शैली की विशेषताएँ—
(1) इनकी शैली चित्रात्मक है। पाठ को पढ़ते हुए इसकी घटनाओं का चित्र उभर कर हमारे सामने आता है।
(2) लेखक ने भाषा में हिंदी के साथ-साथ कहीं-कहीं उर्दू तथा कहीं-कहीं अंग्रेज़ी के शब्दों का प्रयोग भी किया है।
(3) इनकी भाषा अत्यंत सरल तथा सहज है।
(4) अपने मनोभावों को प्रस्तुत करने के लिए लेखक ने अभिव्यक्ति शैली का सहारा लिया है।


प्रश्न 6: इस पाठ में लेखक ने सालिम अली के व्यक्तित्व का जो चित्र खींचा है उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर : प्रकृति प्रेमी सालिम अली एक विचारशील व्यक्ति थे। प्रकृति तथा पक्षियों के प्रति उनके मन में कभी न खत्म होने वाली जिज्ञासा थी। उनका जीवन काफी रोमांचकारी था तथा उनका स्वभाव भ्रमणशील था। कभी-भी किसी-भी वक्त वे पक्षियों के बारे में पता करने निकल जाते थे।


प्रश्न 7: ‘साँवले सपनों की याद’ शीर्षक की सार्थकता पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर: यह रचना लेखक जाबिर हुसैन द्वारा अपने मित्र सालिम अली की याद में लिखा गया संस्मरण है। पाठ को पढ़ते हुए इसका शीर्षक “साँवले सपनों की याद” अत्यंत सार्थक प्रतीत होता है। लेखक का मन अपने मित्र से बिछड़ कर दु:खी हो जाता है, अत: वे उनकी यादों को ही अपने जीने का सहारा बना लेते हैं।


प्रश्न 8: प्रस्तुत पाठ सालिम अली की पर्यावरण के प्रति चिंता को भी व्यक्त करता है। पर्यावरण को बचाने के लिए आप कैसे योगदान दे सकते हैं?
उत्तर : पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए हम निम्नलिखित तरह से योगदान दे सकते हैं –
(1) वायु को शुद्ध रखने के लिए हमें पेड़-पौधे लगाने चाहिए।
(2) हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारे आसपास का स्थान साफ़-सुथरा रहे। इसके लिए हमें कूड़ेदान का प्रयोग करना चाहिए।
(3) जल को प्रदूषित नहीं होने देना चाहिए।
(4) तेज़ आवाज़ को रोककर हम ध्वनि प्रदूषण होने से रोक सकते हैं।


पृष्ठ संख्या: 46
प्रश्न अभ्यास
1. किस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया ?
उत्तर
एक बार बचपन में सालिम अली की एयरगन से एक गौरैया घायल होकर गिर पड़ी । इस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया । वे गौरैया की देखभाल, सुरक्षा और खोजबीन में जुट गए | उसके बाद उनकी रूचि पूरे पक्षी-संसार की और मुड़ गयी । वे पक्षी-प्रेमी बन गए।

2. सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री के सामने पर्याबरण से संबंधित किन संभावित खतरों का चित्र खींचा होगा कि जिससे उनकी आँखें नम हो गई थीं?
उत्तर
सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरणसिंह के सामने केरल की साइलेंट-वैली संबन्धी खतरों की बात उठाई होगी। उस समय केरल पर रेगिस्तानी हवा के झोंको का खतरा मंडरा रहा था। वहाँ का पर्यावरण दूषित हो रहा था। प्रधानमन्त्री को वातावरण की सुरक्षा का ध्यान था। पर्यावरण के दूषित होने के खतरे के बारे में सोचकर उनकी आँखे नम हो गई।

3. लॉरेंस की पत्नी फ्रीदा ने ऐसा क्यों कहा होगा की "मेरी छत पर बैठने वाली गोरैया लॉरेंस के बारे में ढेर सारी बातें जानती है?"
उत्तर
लॉरेंस का व्यक्तित्व बिल्कुल साधारण तथा इतना खुला-खुला सा था कि उनके बारे में किसी से कुछ छिपा नहीं था। इसलिए फ्रीडा कहती है कि लॉरेन्स के बारे में एक गौरैया भी ढ़ेर सारी बातें बता सकती है।

4. आशय स्पष्ट कीजिए -
(क) वो लारेंस की तरह, नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप बन गए थे।(ख) कोई अपने जिस्म की हरारत और दिल की धड़कन देकर भी उसे लौटाना चाहे तो वह पक्षी अपने सपनों के गीत दोबारा कैसे गा सकेगा !
(ग) सलीम अली प्रकृति की दुनिया में एक टापू बनने की बजाए अथाह सागर बनकर उभरे थे।

उत्तर

(क) लॉरेंस का जीवन बहुत सीधा-सादा था, प्रकृति के प्रति उनके मन में जिज्ञासा थी। सालिम अली का व्यक्तित्व भी लॉरेंस की तरह ही सुलझा तथा सरल था। (ख) यहाँ लेखक का आशय है कि मृत व्यक्ति को कोई जीवित नहीं कर सकता। हम चाहे कुछ भी कर लें पर उसमें कोई हरकत नहीं ला सकते।
(ग) सलीम अली प्रकृति के खुले संसार में खोंज करने के लिए निकले । उन्होंने स्वयं को किसी सीमा में कैद नहीं किया । वे एक टापू की तरह किसी स्थान विशेष या पशु-पक्षी विशेष में सीमित नहीं थे । उन्होंने अथाह सागर की तरह प्रकृति में जो-जो अनुभव आयी, उन्हें सँजोया । उनका कार्यक्षेत्र बहुत विशाल था ।

पृष्ठ संख्या: 47

5. इस पाठ के आधार पर लेखक की भाषा-शैली की चार विशेषताएँ बताइए।

उत्तर

लेखक की भाषा-शैली की विशेषताएँ— 1. इनकी शैली चित्रात्मक है। पाठ को पढ़ते हुए इसकी घटनाओं का चित्र उभर कर हमारे सामने आता है।
2. लेखक ने भाषा में हिंदी के साथ-साथ कहीं-कहीं उर्दू तथा कहीं-कहीं अंग्रेज़ी के शब्दों का प्रयोग भी किया है।
3. इनकी भाषा अत्यंत सरल तथा सहज है।
4. अपने मनोभावों को प्रस्तुत करने के लिए लेखक ने अभिव्यक्ति शैली का सहारा लिया है।

6. इस पाठ में लेखक ने सलीम अली के व्यक्तित्व का जो चित्र खींचा है उसे अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर

सलीम अली अनन्य प्रकृति-प्रेमी थे। प्रकृति तथा पक्षियों के प्रति उनके मन में कभी न खत्म होने वाली जिज्ञासा थी। लेखक के शब्दों में, "उन जैसा 'बर्ड-वाचर' शायद कोई हुआ है।"उन्हें दूर आकाश में उड़ते पक्षियों की खोंज करने का तथा उनकी सुरक्षा के उपाय कोजने का असीम चाव था । वे स्वभाव से परम घुमक्कड़ और यायावर थे । लम्बी यात्राओं ने उनके शरीर को कमज़ोर कर दिया था। व्यवहार में वे सरल-सीधे और भोले इंसान थे। वे बाहरी चकाचौंध और विशिष्टता से दूर थे।

7. "साँवले सपनों की याद" शीर्षक की सार्थकता पर टिप्पणी कीजिये।

उत्तर

"साँवले सपनों की याद" एक रहस्यात्मक शीर्षक है। यह रचना लेखक जाबिर हुसैन द्वारा अपने मित्र सलीम अली की याद में लिखा गया संस्मरण है। साँवले सपने" मनमोहक इच्छाओं के प्रतीक हैं। ये सपने प्रसिद्द पक्षी-प्रेमी सलीम अली से संबंधित हैं। सलीम अली जीवन-भर सुनहरे पक्षियों की दुनिया में खोए रहे। वे उनकी सुरक्षा और खोंज के सपनों में खोए रहे। ये सपने हर किसी को नहीं आते। हर कोई पक्षी-प्रेम में इतना नहीं डूब सकता। इसलिए आज जब सलीम अली नहीं रहे तो लेखक को उन साँवले सपनों की याद आती है जो सलीम अली की आँखों में बसते थे।
ये शीर्षक सार्थक तो है किन्तु गहरा रहस्यात्मक है। चन्दन की तरह घिस-घिस कर इसके अर्थ तथा प्रभाव तक पहुँचा जा सकता है।

रचना और अभिव्यक्ति

8. प्रस्तुत पाठ सलीम अली की पर्यावरण के प्रति चिंता को भी व्यक्त करता है। पर्यावरण को बचाने के लिए आप कैसे योगदान दे सकते हैं ?

उत्तर

पर्यावरण को बचाने के लिए हम निम्नलिखित योगदान दे सकते हैं -
1. हमें पेड़ों की कटाई को रोकना होगा।
2. वायु को शुद्ध करने के लिए पेड़-पौधे लगाने चाहिए।
3. प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का कम-से-कम प्रयोग करेंगे।
4. जल प्रदूषित नहीं होने देना चाहिए।
5. हमें आस पास के वातावरण को साफ़ सुथरा रखने के लिए कूड़ेदान का प्रयोग करना चाहिये।

सालिम अली पक्षी प्रेमी क्यों बने?

भीड़-भाड़ की जिंदगी और तनाव के माहौल से सालिम अली का यह आखिरी पलायन है। अब तो वो उस वन - पक्षी की तरह प्रकृति में विलीन हो रहे हैं, जो जिंदगी का आखिरी गीत गाने के बाद मौत की गोद में जा बसा हो। कोई अपने जिस्म की हरारत और दिल की धड़कन देकर भी उसे लौटाना चाहे तो वह पक्षी अपने सपनों के गीत दोबारा कैसे गा सकेगा !

सालिम अली पक्षी प्रेमी कैसे बन गए?

एक बार बचपन में सालिम अली की एयरगन से एक गौरैया घायल होकर गिर पड़ी । इस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया । वे गौरैया की देखभाल, सुरक्षा और खोजबीन में जुट गए | उसके बाद उनकी रूचि पूरे पक्षी-संसार की और मुड़ गयी । वे पक्षी-प्रेमी बन गए

1 सलीम अली कौन थे किस घटना ने उन्हें पक्षी प्रेमी बना दि या?

उनकी आत्मकथा द फॉल ऑफ ए स्पैरो में अली ने पीले-गर्दन वाली गौरैया की घटना को अपने जीवन का परिवर्तन-क्षण माना है क्योंकि उन्हें पक्षी-विज्ञान की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा वहीं से मिली थी, जो कि एक असामान्य कैरियर चुनाव था, विशेषकर उस समय एक भारतीय के लिए।

सालिम अली पक्षी वैज्ञानिक कैसे बने?

सालिम अली ने अपनी आत्मकथा 'फॉल ऑफ ए स्पैरो' में इस घटना को अपने जीवन का टर्निंग प्वाइंट माना है. जहां से उन्होंने पक्षियों के अध्ययन को ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया था. डॉ. अली की पक्षियों के बारे में जानने की अटूट जिज्ञासा ने उन्हें आखिरकार पक्षी वैज्ञानिक बना ही दिया.