सामाजिक भेदभाव का आशय क्या है इसके मुख्य दो कारण बताइए? - saamaajik bhedabhaav ka aashay kya hai isake mukhy do kaaran bataie?

भेदभाव या विभेदन (discrimination) किसी व्यक्ति या अन्य चीज़ के पक्ष में या उस के विरुद्ध, उसके व्यक्तिगत गुणों-अवगुणों को न देखते हूए, उसके किसी वर्ग, श्रेणी या समूह का सदस्य होने के आधार पर भेद करने की प्रक्रिया को कहते हैं। भेदभाव में अक्सर किसी व्यक्ति को केवल उसके वर्ग के आधार पर अवसरों, स्थानों, अधिकारों और अन्य चीज़ों से वंछित कर दिया जाता है। भेदभावी परम्पराएँ, नीतियाँ, विचार, क़ानून और रीतियाँ बहुत से समाजों, देशों और संस्थाओं में हैं और अक्सर यह वहाँ भी मिलती हैं जहाँ औपचारिक रूप से भेदभाव को न्यायिक रूप से वर्जित या अनौचित्य समझा जाता है। यह किसी धर्म जाति मूल वंश के प्रति किया गया नकारात्मक व्यवहार है [1][2]

  1. ↑ Introduction to sociology. 7th ed. New York: W. W. Norton & Company Inc, 2009. p. 334.


अध्याय : 3. लोकतंत्रा और विविधता

सामाजिक भेदभाव की उत्पत्ति :
सामाजिक विभाजन अधिकांशत: जन्म पर आधारित होता है। सामान्य तौर पर अपना समुदाय चुनना हमारे वंश में नहीं होता। हम सिर्फ इस आधार पर किसी खास समुदाय के सदस्य हो जाते है कि हमारा जन्म उस समुदाय के एक परिवार में हुआ होता है। कर्इ लोग अपने माँ-बाप और परिवार से अलग अपनी पसंद का भी धर्म चुन लेते है। सामाजिक विभिन्नताऐं लोगों के बीच बँटवारे का एक बड़ा कारण होती जरूर है लेकिन यही विभिन्नताएँ कर्इ बार अलग अलग तरह के लोगों के बीच पुल का काम भी करती है। विभिन्न सामाजिक समूहों के लोग अपने समूहों की सीमाओं से परे भी समानताओं और असमानताओं का अनुभव करते है।
अक्सर यह देखा जाता है कि एक धर्म को मानने वाले लोग खुद को एक ही समुदाय का सदस्य नहीं मानते क्योंकि उनकी जाति या उनका पंथ अलग होता है। यह भी संभव है कि अलग अलग धर्म के अनुयायी होकर भी एक जाति वाले लोग खुद को एक दूसरे के ज्यादा करीब महसूस करें। एक ही परिवार के अमीर औंर गरीब ज्यादा घनिष्ठ संबंध नहीं रख पाते क्योंकि सभी अलग अलग तरीके से सोचने लगते है। इस प्रकार हम सभी की एक से ज्यादा पहचान होती है। इसी तरह लोग एक से ज्यादा सामाजिक समूहों का हिस्सा हो सकते है।


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इसे सुनेंरोकेंभेदभाव पिछले पाठ में आपने विविधता के बारे में पढ़ा। कई बार जो लोग दूसरों से अलग होते हैं उन्हें चिढ़ाया जाता है, उनका मजाक उड़ाया जाता है या फिर उन्हें कई गतिविधियों या समूहों में शामिल नहीं किया जाता। अगर हमारे दोस्त या दूसरे लोग हमारे साथ ऐसा व्यवहार करें तो हमें दुख होता है, गुस्सा आता है और हम असहाय महसूस करते हैं।

समाज में मौजूद जेंडर भेद को समाप्त करने के लिए क्या क्या किया जाना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंलड़कियों को सशक्त कर के ही अल्पकालिक कार्यों जैसे सभी को शिक्षा, खून की कमी (एनीमिया), अन्य मध्यम अवधि कार्यक्रम जैसे बाल विवाह को समाप्त करना एवं अन्य दीर्घकालिक कार्यक्रम जैसे लिंग आधारित पक्षपात चयन करना आदि को समाप्त करने में हम सामूहिक रूप से विशिष्ट रूप से योगदान कर सकते हैं.

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सामाजिक भेदभाव का आशय क्या है इसके कारण बताइए तथा इसे समाप्त करने के दो उपाय लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंबाबा साहेब ने भेदभाव को मिटाने के लिए दो महत्वपूर्ण पहलुओं को ध्यान में रखा: सामाजिक असामानता और आर्थिक असमानता। सामाजिक असमानता को मिटाने के लिए संविधान में अस्पृश्यता उन्मूलन कानून की व्यवस्था की गई और आर्थिक असमानता को समाप्त करने हेतु अस्थाई आरक्षण की व्यवस्था

भारतीय समाज में जाति की क्या भूमिका है?

इसे सुनेंरोकेंभारतीय समाज में जाति व्यवस्था की भूमिका: एक जाति के लोगों में परस्पर निकटता का बोध एवं सामुदायिक दृढ़ता प्रदान की है। भारतीय जाति व्यवस्था में हर जाति का संपूर्ण व्यवस्था में एक स्तर है जो ऊँच-नीच पर भी आधारित है तथा यह स्तर जन्म पर आधारित होने के कारण स्थिर है

समानता और भेदभाव में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंजब कोई पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर बरताव करता है तो इससे भेदभाव हो सकता है। किसी भी व्यक्ति को धर्म, जाति, लिंग या क्षेत्रीयता के आधार पर किसी सुविधा से वंचित रखने को भेदभाव कहते हैं। इस व्यवस्था के अनुसार लोगों को अलग-अलग जातियों में बाँटा गया है।

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भेदभाव का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंभेदभाव या विभेदन (discrimination) किसी व्यक्ति या अन्य चीज़ के पक्ष में या उस के विरुद्ध, उसके व्यक्तिगत गुणों-अवगुणों को न देखते हूए, उसके किसी वर्ग, श्रेणी या समूह का सदस्य होने के आधार पर भेद करने की प्रक्रिया को कहते हैं।

समाज में धर्म और जाति के भेदभाव को समाप्त करने के लिए क्या किया जा सकता है कोई चार उपाय सुझाव?

इसे सुनेंरोकेंबेहतर यह होगा की कोई भी सामाजिक बुराई का विरोध करना चाहिए और उसे समाज से निकलने का प्रयास हर संभव प्रयास करना चाहिए। सामाजिक बुराई समाज में जब तक रहेगीं केवल नुकसान ही पहुचाती रहेंगी। हमें अपने सोच को भी दुरुस्त रखना पड़ेगा और आधुनिक समाज के अनुसार अपनी सोच में बदलाव का प्रयास भी करना चाहिए।

असमानता और भेदभाव में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंजब कोई पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर बरताव करता है तो इससे भेदभाव हो सकता है। किसी भी व्यक्ति को धर्म, जाति, लिंग या क्षेत्रीयता के आधार पर किसी सुविधा से वंचित रखने को भेदभाव कहते हैं। इस व्यवस्था के अनुसार लोगों को अलग-अलग जातियों में बाँटा गया है। …

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सामाजिक भेदभाव का आशय क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसामाजिक भेदभाव विभिन्न रूपों में समाज में उपस्थित हैं जैसे जातिगत भेदभाव, लैंगिक (महिला और पुरुष),वर्ण आधारित (काले गोरे- अमेरिका और यूरोप में), लम्बे छोटे, इत्यादि। जितने भी भेदभाव हैं उसमे सभी एक दुसरे को नीचा दिखने का प्रयास करते हैं यदि ऐसा नहीं कर पाते हैं तो उनमे हीन भावना उत्पन्न हो जाती है।

भेदभाव शब्द से आप क्या समझते हैं?

जातिवाद का अर्थ क्या है?

इसे सुनेंरोकेंjaatiwad arth paribhasha in hindi;सामान्य अर्थ मे अपनी जाति के प्रति निष्ठा का भाव ही जातिवाद है। जातिवाद जाति के सदस्यों की वह संकुचित भावना है, जो राष्ट्र तथा समाज के सामान्य हितों की अवहेलना करते हुए अपनी जाति के सदस्यों के हितों को बढ़ावा देती है तथा उन्हे आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करती है

सामाजिक भेदभाव से क्या आशय है इसके दो कारण स्पष्ट कीजिए?

Solution : 1) जन्म पर आधारित - हम सिर्फ इस आधार पर उस समुदाय के सदस्य हो जाते हैं जिसमें हमारा जन्म हुआ है। 2) पसंद या चुनाव पर आधारित - जैसे धर्म, व्यवसाय खेल इत्यादि का चुनाव हम अपनी पसंद से करते हैं। 3) सोचने के अलग अलग ढंग।

सामाजिक भेदभाव का क्या आशय है?

भेदभाव या विभेदन (discrimination) किसी व्यक्ति या अन्य चीज़ के पक्ष में या उस के विरुद्ध, उसके व्यक्तिगत गुणों-अवगुणों को न देखते हूए, उसके किसी वर्ग, श्रेणी या समूह का सदस्य होने के आधार पर भेद करने की प्रक्रिया को कहते हैं

सामाजिक भेदभाव की उत्पत्ति के क्या कारण है?

भिन्नता के कारण: समाज में कई प्रकार, भिन्न भिन्न प्रान्त एवं जाती के लोग रहते है। क्षेत्र, धर्म और संप्रदाय के आधार पर भी सामजिक भेदभाव उत्पन्न होती है। इन सभी कारणों के ऊपर जन्म को सामजिक भेदभाव की उत्पति होती है। लोगो के शारीरिक रूप से भी भेदभाव होता है जैसे की काले गौरे, स्त्री पुरुष, लंबगे नाटे इत्यादि।

सामाजिक भेदभाव कितने प्रकार के होते हैं?

मगर, विभिन्न प्रकार के भेदभाव हैं जिन्हें हमें समझना चाहिए. वे निम्नलिखित हैं..
व्यक्तिगत भेदभाव ... .
संस्थागत भेदभाव ... .
सामूहिक भेदभाव ... .
संरचनात्मक भेदभाव ... .
प्रत्यक्ष भेदभाव ... .
अप्रत्यक्ष भेदभाव ... .
नकारात्मक भेदभाव ... .
सकारात्मक भेदभाव.